Wednesday 14 March 2018

कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोसले को दी डी. लॉज की मानद उपाधि

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ राजाराम  यादव  ने  इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोसले को डी.  लॉज  की मानद उपाधि को सम्मान सहित उनके आवास पर जाकर प्रदान किया ।  विदित है कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 21 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री राम नाईक ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोसले की  अनुपस्थिति में उन्हें न्याय के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए डी.  लॉज  की मानद उपाधि दी  थी। राज्यपाल  श्री राम नाइक ने  दीक्षांत  समारोह में कतिपय कारणों से  उनके अनुपस्थित रहने पर अपने   सम्बोधन में  न्याय के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना करते हुए कुलपति  प्रो डॉ राजा  राम  यादव को निर्देशित किया था कि यह उपाधि  न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहेब भोसले को उनके आवास पर जाकर सम्मान सहित प्रदान  किया  जाये। 
 


 सहित प्रदान  किया  जाये। 

Tuesday 13 March 2018

पाठ्यक्रम में समाहित हो संस्था का विजन मिशन


समाज की आवश्यकता के अनुरूप हो पाठ्यक्रम
इंजीनियरिंग संस्थान में चल रही कार्यशाला का हुआ समापन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह  इंजीनियरिंग संस्थान में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला का मंगलवार को समापन हुआ। सुखद परिणाम आधारित शिक्षा एवं केंद्रीय प्रत्यायन परिषद की आकांक्षाएं विषयक कार्यशाला में दूसरे दिन पीपुल्स एजुकेशन कॉलेज ऑफ़ इंजिनियरिंग मांड्या, कर्नाटक से आये विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर सुरेश प्रभु ने कहा कि पाठ्यक्रम में संस्था का विजन और मिशन समाहित होना चाहिए। पाठ्यक्रम निर्माण के समय छात्रों व समाज की आवश्यकता, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके साथ ही पाठ्यक्रम का संशोधन नियमित समय अंतराल पर होते रहना चाहिए।
कार्यशाला में  प्रोफेसर एच डी  रविंद्र, प्रोफेसर वी दिनेश प्रभु, प्रोफेसर बी आर देवदत्त, प्रोफेसर के रवि, प्रोफेसर एन एल मुरली कृष्णा शिक्षकों से रूबरू हुए। विषय विशेषज्ञों ने आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर हैंड्स ऑन  अभ्यास कराया गया। इसमें शिक्षकों को समूहों में बांट कर उन्हें अपने विषयों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए टिप्स दिए गए। विशेषज्ञों ने कहा कि छात्र  विषयों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सके  इसके लिए शिक्षक को निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। शिक्षकों का यह दायित्व बनता है कि नए उद्योगों की क्या मांग है और  उसके अनुरूप  वह अपने विद्यार्थियों को  तैयार करे। 
एसपीआईयू की  विशेषज्ञ श्वेता भटनागर ने कार्यशाला के दूसरे दिन शिक्षकों से प्रतिपुष्टि एवं उपस्थिति के अभिलेख प्राप्त किए।
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के समन्वयक प्रो बीबी तिवारी ने अतिथियों के साथ टेकिप की योजनाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की एवं धन्यवाद् ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रजनीश भास्कर ने किया।
इस अवसर पर इंजीनियरिंग संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर एके श्रीवास्तव, डॉ संतोष कुमार, डॉक्टर राजकुमार, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह, सत्यम उपाध्याय, ज्योति सिंह, डॉ उदय राज, डॉ जेपी लाल, ज्ञानेंद्र पाल समेत  शिक्षक मौजूद रहे।

Monday 12 March 2018

जानकारियां लेकर लौटे इंजीनियरिंग के विद्यार्थी


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का दल पांच दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण से रविवार को विश्वविद्यालय लौट आया। 
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित शैक्षणिक भ्रमण में इंजीनियरिंग के 72 विद्यार्थियों ने उत्तरांचल के रुद्रपुर स्थित कई कंपनियों का भ्रमण कर व्यावहारिक जानकारियां हासिल की। समन्वयक प्रोफेसर बीबी तिवारी ने बताया कि इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने मिंडा कारपोरेशन,वरोक  इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, स्टार स ग्रुप कंपनियों के साथ ही अन्य कई उत्पादन केंद्रों का विजिट किया। इस दौरान विद्यार्थियों को उत्पादन, असेंबलिंग व निर्माण से जुड़ी जानकारियां विशेषज्ञों ने दी। सीसीटीवी के क्षेत्र में प्रयोग हो रही नई तकनीकी व कैमरे के निर्माण से जुड़ी जानकारियों से भी विद्यार्थी परिचित हुए। विद्यार्थियों के लिए स्टार ग्रुप द्वारा संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने कहा कि इंजीनियर बहुमूल्य प्रतिभा का धनी व्यक्ति होता है। लोक हित को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए। शैक्षणिक भ्रमण में विद्यार्थियों के साथ इंजीनियरिंग के शिक्षक मनीषा यादव, विशाल यादव, पूनम सोनकर व सुधीर सिंह शामिल रहें।

सुधार कर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं प्रत्यायन- प्रो एच डी रविंद्र


कार्यशाला में जुटे इंजिनियरिंग के प्रख्यात शिक्षाविद 

विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के तत्वाधान में ' सुखद परिणाम आधारित शिक्षण एवं केंद्रीय प्रत्यायन परिषद् की आकांक्षाएं ' विषयक  दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ  सोमवार को विश्वसरैया सभागार में हुआ। कार्यशाला में पीपुल्स एजुकेशन कॉलेज ऑफ़ इंजिनियरिंग मांड्या, कर्नाटक से आये विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर एच डी  रविंद्र, प्रोफेसर वी दिनेश प्रभु, प्रोफेसर बी आर देवदत्त, प्रोफेसर के रवि, प्रोफेसर एन एल मुरली कृष्णा एवं सुश्री श्वेता भटनागर ने विस्तार पूर्वक चर्चा की। 
कार्यक्रम में पीपुल्स एजुकेशन कॉलेज ऑफ़ इंजिनियरिंग मांड्या, कर्नाटक के  मैकेनिकल इंजिनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एवं संकायाध्यक्ष एच डी रविंद्र ने  संस्था को प्रत्यायन प्राप्त करने के लिए मानकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि संस्था  अपना शिक्षक- छात्र अनुपात, पाठ्यक्रम, शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार कर प्रत्यायन को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। संस्थानों को शिक्षा के साथ अपने छात्रों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। इसी क्रम में प्रोफेसर वी दिनेश प्रभु ने आउटकम बेस्ट एजुकेशन के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक को छात्रों से बेहतर संवाद करना चाहिए। बेहतर संवाद के आभाव में प्रभावी शिक्षण संभव नहीं है।
प्रोफेसर बी आर देवदत्त ने उच्च स्तर एवं निम्न स्तर की सोच पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व पर उसकी सोच का सबसे बड़ा असर होता   है।  कहा  कि यह शिक्षक का दायित्व बनता है कि वह अपने छात्रों के सोच में परिवर्तन लाएं। इसके साथ ही उन्होंने थर्मोडायनेमिक्स के विभिन्न पहलुओं पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने  किसी संस्थान की  राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर  पर कैसे पहचान बने इस पर भी अपनी बात रखी। 
कार्यक्रम का आयोजन तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर बीवी तिवारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर  डॉ संतोष कुमार, डॉ राजकुमार, डॉ  रजनीश भास्कर, डॉ  संजीव गंगवार, डॉ अमरेंद्र सिंह, शैलेश कुमार प्रजापति,प्रवीण सिंह  समेत  शिक्षक मौजूद रहे।  

Sunday 11 March 2018

रोहतक को हराकर पूर्वांचल की टीम ने जीती प्रतियोगिता

अखिल भारतीय अर्न्तविश्वविद्यालीय महिला क्रिकेट प्रतियोगिता 

दिनांक 11.03.2018 को वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालीय क्रिकेट महिला प्रतियोगिता का फाइनल मैच वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर और एम0 डी0 यू0 रोहतक, हरियाणा के बीच खेला गया। जिसमें वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर की टीम ने 8 विकेट से एम0 डी0 यू0 रोहतक, हरियाणा को हराकर अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस सीरीज की बेस्ट खिलाड़ी (मैन आफ सीरीज) का खिताब शेफाली साहू को मिला। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने खिलाडियों को पुरस्कृत किया। साथ में उपकुलसचिव संजीव कुमार सिंह भी रहे। 
टास जीतकर एम0 डी0 यू0 रोहतक, हरियाणा ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बल्लेबाजी करती हुई एम0 डी0 यू0 रोहतक, हरियाणा की टीम ने निर्धारित 40 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 134 रन बनाया। जिसमें एम0 डी0 यू0 रोहतक, हरियाणा की टीम कैप्टन सोनिया ने 134 गेंद पर 9 चौके की मदद से नाबाद 80 रन तथा लसिका 16 गेंद पर 3 चौके की मदद से 17 रन का योगदान रहा। वही गेंदबाजी में वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर की टीम की तरफ से शेफाली साहू ने 8 ओवर में 22 रन देकर 3 विकेट, बबिता मीना 8 ओवर में 21 रन देकर 2 विकेट, पूजा निमावत ने 7 ओवर में 28 रन देकर 1 तथा ज्योति ने 4 ओवर में 15 रन देकर 1 विकेट प्राप्त किया। 
वही जवाब में वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर की टीम बल्लेबाजी करते हुए 24.5 ओवर में दो विकेट खोकर 135 रन बनाये। जिसमें पूजा निमावत ने 70 गेंद पर 5 चौके की मदद से नाबाद 50 रन, पूनम खेमनार 48 गेंद पर 8 चौके की मदद से 42 रन, बबिता मीना ने 15 गेंद पर 11 रन  तथा कौम्या तिवारी ने 19 गेंद पर 2 चौके की मदद से 10 रनों का योगदान दिया तथा एम0 डी0 यू0 रोहतक, हरियाणा की टीम ने गेदबाजी करते हुए प्रियंका ने 3 ओवर में 17 रन देकर 1 विकेट तथा शिवानी ने 8 ओवर में 28 रन देकर 1 विकेट प्राप्त किया।तृतीय स्थान का मैच इन्दिरा गांधी स्टेडियम, सिद्दीकपुर में मुम्बई विश्वविद्यालय, मुम्बई और कृष्णा विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश के बीच खेला गया। जिसमें मुम्बई विश्वविद्यालय, मुम्बई की टीम ने 7 विकेट से कृष्णा विश्वद्यिलय, आन्ध्र प्रदेश को हराया। 
टास जीतकर कृष्णा विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बल्लेबाजी करती हुई कृष्णा विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश की टीम ने 28.2 ओवर में सभी विकेट खोकर 117 रन बनाया। जिसमें कृष्णा विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश की तरफ से मल्लिका ने 82 गेंद में 12 चौके की मदद से 77 रन तथा सिन्धुश्री 28 गेंद पर 15 रन का योगदान दिया। वही गेंदबाजी में मुम्बई विश्वविद्यालय, मुम्बई की टीम की तरफ से शेजल जाधव ने 3.2 ओवर में 12 रन देकर 4 विकेट तथा निमिशा ने 2 ओवर में 7 रन देकर 2 विकेट प्राप्त किया। 
वही जवाब में मुम्बई विश्वविद्यालय, मुम्बई की टीम बल्लेबाजी करते हुए 29.5 ओवर में तीन विकेट खोकर 117 रन  का लक्ष्य प्राप्त कर लिया। जिसमें शेजल ने 38 गेंद पर 3 चौके की मदद से नाबाद 33 रन, दर्शना पवार ने 45 गेंद में 3 चौके की मदद से 31 रन तथा काजल ने 65 गेंद पर 1 चौके की मदद से नाबाद 28 रनों का योगदान दिया तथा कृष्णा विश्वविद्यालय, आन्ध््रा प्रदेश की टीम की तरफ से गेदबाजी में सिन्धुश्री 6 ओवर में 35 रन देकर 2 विकेट तथा मल्लिका ने 8 ओवर में 31 रन देकर 1 विकेट प्राप्त किया। 
एम्पायर की भूमिका में आर0 पी0 गुप्ता, नारायण जी गुप्ता, राजेश पटेल, हनुमान भारती तथा स्कोरर नन्द कुमार यादव एवं पवनेश यादव रहे।