Wednesday 20 June 2018

ध्यान का उद्देश्य है समस्त कल्पनाओं से मुक्ति


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस  


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए गया. बतौर मुख्य अतिथि आचार्य डॉ राजीव भगवन  ने  कहा कि ध्यान के समय हम कल्पनाओं में डूब जाते है, नई  कल्पनाओं को जन्म देने लगते है जबकि ध्यान का उद्देश्य है समस्त  कल्पनाओं से मुक्ति । उन्होंने कहा कि मन को वश में करने की बात अवैज्ञानिक है। मन को वश में करने की  बात करने वाले वास्तव में मन को नहीं जानते।डॉ भगवन ने दैनिक जीवन में सरल तरीकें से योग के तरीकों को बताया। योग दिवस के अवसर पर योग आचार्य अमित  आर्य ने कॉमन प्रोटोकॉल  के तहत योगाभ्यास करवाया। उन्होंने कहा कि आज का अभ्यास प्रतिदिन करने से जीवन परिवर्तित हो सकता है। 
कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजाराम यादव  ने  मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम भेंट किया। इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल,डॉ वी  डी शर्मा, डॉ मनोज मिश्र, डॉ संतोष कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ के एस तोमर, एम  एम  भट्ट, डॉ संजय श्रीवास्तव,अशोक सिंह, रजनीश  सिंह, सुशील प्रजापति समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं क्षेत्रवासियों ने  प्रतिभाग किया.

Tuesday 19 June 2018

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में निकली योग यात्रा



पूर्वांचल विश्वविद्यालय में योग दिवस की पूर्व संध्या पर परिसर में योग यात्रा निकाली गई। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आचार्य डॉ राजीव भगवन चेन्नई एवं  कुलपति प्रोफ़ेसर डॉक्टर राजाराम यादव ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा प्रारंभ की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आचार्य डॉ राजीव भगवन  ने  कहा कि आज पूरा विश्व योग के प्रति समर्पित हो गया है। योग हमें नए तरीके से जीने वह सोचने की राह दिखाता है। कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजाराम यादव ने कहा कि योग भारत की परंपरा से जुड़ा हुआ है। योग के माध्यम से हम अपने मन को शुद्ध कर सकते है।
योग यात्रा में  विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी ,  कर्मचारी वह उनके परिवारीजन बड़ी संख्या में शामिल हुए। यात्रा में शामिल लोगों ने योग को अपने जीवन से जुड़ने का संकल्प लिया। मुक्तांगन में मुख्य अतिथि डॉ भगवन एवं कुलपति द्वारा पौधरोपण किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ।कार्यक्रम में कुलसचिव  डॉ सुजीत कुमार जायसवाल, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो वी डी शर्मा, डॉ मनोज मिश्र, डॉ राकेश यादव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ राज कुमार सोनी समेत तमाम लोग मौजूद रहे। सञ्चालन संजय श्रीवास्तव ने किया।

Monday 18 June 2018

चीन से लौटे प्रो डॉ राजाराम यादव


पूर्वांचल विश्वविद्यालय का नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी  विश्वविद्यालय के साथ  हस्ताक्षरित होगा आईएमओयू 
कुलपति ने अपने अनुभवों को किया साझा 

 विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव चीन के ख्यातिलब्ध नानजिंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक सप्ताह तक  विभिन्न अकादमिक गतिविधियों में भाग लेकर भारत लौटे। प्रो राजाराम यादव का यह दौरा पूर्वांचल विश्वविद्यालय के लिए लाभकारी रहा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय का नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी  विश्वविद्यालय के साथ  शीघ्र ही आईएमओयू  ( इंटनेशनल मेमोरंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग )  हस्ताक्षरित होगा। जिससे पूर्वांचल विश्वविद्यालय की विज्ञान और  तकनीकी के क्षेत्र में  वैश्विक छवि बनेगी।   
चीन में कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने अल्ट्रासोनिक्स इन नैनोसाइंस एंड टेक्नोलॉजी एवं अल्ट्रसोनिक्स फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी  विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। प्रोफ़ेसर यादव ने 8 से 15 जून तक नानजिंग  विज्ञान एवं तकनीकी  विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों, शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के साथ अल्ट्रासॉनिक्स और नैनो टेक्नोलॉजी के विभिन्न आयामों पर मंथन किया। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासोनिक तकनीकी के द्वारा 08 से 10 नैनोमीटर तक पार्टिकल का आकार बताया जा सकता है।  नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी  विश्वविद्यालय के ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी के शोध  निदेशक प्रो ल्यू  से ऑप्टिकल तकनीकी पर विस्तार पूर्वक चर्चा की. उन्होंने बताया कि  चीन द्वारा निर्मित ऑप्टिकल सूक्ष्मदर्शी काफी सफल और सस्ती  है। विश्वविद्यालय में हो रहे शोध और प्रयुक्त तकनीकी का भी अवलोकन किया।
प्रो डॉ राजाराम यादव ने बताया कि आज अल्ट्रासोनिक तकनीकी का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय में भी इस क्षेत्र में शोध हो इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि चीन विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में काफी आगे है। विकास के साथ साथ चीन ने पर्यावरण का भी ध्यान रखा है और उस दिशा में निरंतर प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि चीन में निज भाषा पर जोर है और यही कारण है कि पूरा देश एक सूत्र में बधा  हुआ है।  प्रो यादव ने नानजिंग  विज्ञान एवं तकनीकी  विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को भारत की संस्कृति से भी रूबरू कराया। 
गौरतलब है कि प्रोफ़ेसर यादव अल्ट्रासोनिक के जाने माने विशेषज्ञ हैं उन्हें नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑप्टिकल और थर्मल प्रॉपर्टीज में विशेषज्ञता हासिल है। वे अल्ट्रासोनिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष हैं एवं दुनिया के कई संस्थानों के फेलो रह चुके हैं।
उन्होंने पूर्व में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, कनाडा जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, आस्ट्रिया, बेल्जियम, स्वीडन, जापान, फिनलैंड, नेपाल एवं सिंगापुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में बतौर अध्यक्ष , मुख्य वक्ता एवं विभिन्न सत्रों में अपनी सशक्त भागीदारी  दर्ज कराई है। 
प्रोफेसर यादव को देश की विभिन्न वैज्ञानिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है ।प्रोफ़ेसर यादव के 125 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं । 

Wednesday 6 June 2018

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डॉ0 राजाराम यादव जाएंगे चीन

नानजिंग विश्वविद्यालय ने किया आमंत्रित

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव को चीन के ख्यातिलब्ध नानजिंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीविश्वविद्यालय ने अल्ट्रासोनिक्स इन नैनोसाइंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर विशेष व्याख्यान एवं संयुक्त शोध कार्य के लिए आमंत्रित किया है । 
प्रोफ़ेसर यादव 8 से 15 जून तक चीन के नानजिंग विश्वविद्यालय में अल्ट्रासोनिक्स इन नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर वैज्ञानिकों, शिक्षकों, शोधार्थियोंएवं विद्यार्थियों के साथ मंथन कर भारत एवं चीन के संबंधों को एक नया आयाम देंगे। 
गौरतलब है कि प्रोफ़ेसर यादव अल्ट्रासोनिक के जाने माने विशेषज्ञ हैं उन्हें नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑप्टिकल और थर्मल प्रॉपर्टीज में विशेषज्ञता हासिलहै। वे अल्ट्रासोनिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष हैं एवं दुनिया के कई संस्थानों के फेलो रह चुके हैं।
उन्होंने पूर्व में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, कनाडा जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, आस्ट्रिया, बेल्जियम, स्वीडन, जापान, फिनलैंड, नेपाल एवं सिंगापुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीयअंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में बतौर अध्यक्ष , मुख्य वक्ता एवं विभिन्न सत्रों में अपनी सशक्त भागीदारी  दर्ज कराई है। 
प्रोफेसर यादव को देश की विभिन्न वैज्ञानिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है ।प्रोफ़ेसर यादव के 125 से अधिकशोध पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं ।