Thursday 25 April 2019

अल्ट्रासोनिक तरंगों से होगी नैनो पदार्थों की जांच



रज्जू  भैया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं  शोध संस्थान में लगा देश का नवीनतम जीटा  एपीएस 

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकीय  विज्ञान अध्ययन  एवं शोध संस्थान में शोध कार्य के लिए जीटा  एपीएस एवं टीपीएस 500 की स्थापना की गई।  यह  नवीनतम उपकरण देश में पहली बार किसी विश्वविद्यालय में लगाया गया है। इसके लगने से शोध कार्यों को नई दिशा मिलेगी। गुरुवार को कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने इसका निरीक्षण कर वैज्ञानिकों से इस पर चर्चा की। इसको स्थापित कराने के लिए दिल्ली और मुंबई के वैज्ञानिक विश्वविद्यालय परिसर में आए हुए है। यह जीटा उपकरण मेडिकल साइंस,टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज की जरूरतों के साथ वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों  के लिए उपयोगी है। 
यह उपकरण विलियन में 05 नैनोमीटर से लेकर 100 माइक्रॉन तक के पदार्थ का आकार माप सकता है। साथ ही यह कणों के आकार का भी आकलन  करेगा।  संस्थान में टीपीएस 500 एस उपकरण की भी  स्थापना की गई है। इस उपकरण से बहुत कम प्रवाह वाले विलयन  को भी नापा जा सकता है।  साथ ही यह किसी भी पदार्थ की कंडक्टिविटी -40 (माइनस चालीस ) से 200 सेंटीग्रेट के तापमान पर भी माप  कर सकता है.
इस  संस्थान में  स्थापित विश्वस्तरीय उपकरणों की सुविधा का लाभ देश के शोध छात्र, वैज्ञानिक एवं  उद्योग जगत के लोग ले सकेंगे।  इन उपकरणों के  संचालन की जिम्मेदारी  संस्थान के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार यादव को दी गयी  है। उपकरणों की तकनीकी की जानकारी  के लिए  संस्थान के  शिक्षक डॉ पुनीत धवन एवं डॉ गिरिधर मिश्र ने  अमेरिका के वैज्ञानिकों से ऑनलाइन ट्रेनिंग ली। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एम के सिंह,  इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो के पी सिंह,प्रो मानस पांडे, प्रो अशोक  श्रीवास्तव, डॉ मनोज मिश्र,  प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ राजकुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ के एस  तोमर, डॉ रजनीश भास्कर, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ मनोज पांडेय, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ अजीत सिंह, डॉ अभिषेक,डॉ अमित वत्स, डॉ पी के कौशिक, डॉ  संजय श्रीवास्तव  सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। 

Wednesday 24 April 2019

सूचना तकनीकी से उच्च शिक्षण संस्थान हुए लाभान्वित


विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में शौक्षिणक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन वक्ताओं ने उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए अनेक उपायों पर विचार विमर्श किया। यह सात दिवसीय अकादमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत सरकार के पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक मिशन एवं शिक्षण द्वारा आयोजित है।
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज, के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जी.पी.साहू ने उच्च शिक्षा के प्रभावी शासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने पर बल दिया। सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति से उच्च शिक्षण संस्थान लाभान्वित हुए हैं। ऑनलाइन परीक्षा आवेदन, ऑनलाइन परीक्षा परिणाम एवं अंक पत्र प्राप्त करना, ऑनलाइन पाठ्यक्रम सामग्री से छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने में आसानी हुई है। इससे भ्रष्टाचार पर भी रोक लगी है। ई-पुस्तक ,ई-जर्नल एवं मूक्स( एम.ओ.ओ.सी.एस) आदि के द्वारा उच्च शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों एवं छात्रों के पाठय-पठन कार्यक्रम से शिक्षा और प्रगतिशील हुई है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे सत्र में एन.सी.ई.आर.टी नई दिल्ली,के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर एस.के.यादव ने उच्च शिक्षा संस्थान के बुनियादी ढांचों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अच्छे भवन एवं आधुनिक प्रयोगशाला से विश्वविद्यालय के पाठय-पठन कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित करने में सरलता होती है। भारत के आई.आई.टी एवं  आई.आई.एम इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। 
व्यवसाय प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ मुराद अली ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं डॉ सुशील सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। 

Tuesday 23 April 2019

शिक्षा की उन्नति के लिए छात्र सक्रियता जरुरी - प्रो कल्पलता


सात दिवसीय अकादमी नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू 

विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध विभाग व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एकेडमिक लीडरशिप एंड एजुकेशन मैनेजमेंट के द्वारा सात दिवसीय अकादमी नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह प्रशिक्षण  कार्यक्रम भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय से प्रायोजित  एवं पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक मिशन एवं शिक्षण के तत्वावधान में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ,वाराणसी के शिक्षा विभाग की  प्रोफेसर कल्पलता पांडेय ने कहा शिक्षा की  उन्नति के लिए छात्र सक्रियता आवश्यक है। उन्होंने कहा समाज के विकास में शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक छात्रों के प्रेरणा स्रोत होते हैं एवं छात्रों के कैरियर चुनने में सहायक होते हैं। प्रोफ़ेसर कल्पलता पांडेय ने कहा कि संपूर्ण और सफल शिक्षा के लिए छात्र सक्रियता जरूरी है। छात्र सक्रियता न सिर्फ उनके उत्तरदायित्व और कर्तव्यों को निभाने में मदद करती है बल्कि उनके भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। छात्र सक्रियता छात्रों को कुशल नागरिक के रूप में परिवर्तित करने में सुसाध्य होती है। 

कार्यक्रम के संयोजक एवं व्यवसाय प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ मुराद अली ने कार्यशाला के विषय पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में  विभिन्न जनपदों के विश्वविद्यालय एवं कॉलेजो से 60 से अधिक उच्च शिक्षक एवं प्रशासनिक अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण देने वालों में एन.सी.ई.आर.टी, नई दिल्ली के प्रोफ़ेसर एस.के. यादव, पूर्व कुलपति एवं आई.ए.एस अधिकारी प्रोफेसर के.एम. शाहिद, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान,प्रयागराज के प्रोफेसर जी.पी.साहू ,अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर परवेज तालिब, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर आफताब आलम इत्यादि शामिल होंगे।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध संकाय के प्रोफेसर एच.पी. माथुर ने कहा वितरित नेतृत्व एवं विसरण प्राधिकार से प्रभावी शासन संभव है। इससे योजनाएं बेहतर ढंग से क्रियान्वित होती हैं। अकादमिक नेतृत्व के लिए शिक्षक प्रबंधकों को प्रेरणा स्रोत बनना चाहिए जिससे उनके प्रयास सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
अतिथियों का स्वागत , कार्यक्रम संयोजक डॉ० मुराद अली ने किया, धन्यवाद ज्ञापन व्यवसाय प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ सुशील सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन  अमित सिंह वत्स ने किया।

Tuesday 16 April 2019

टाइम मशीन से भूत और भविष्य को देख सकेंगे- प्रो नवल किशोर

विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया सभागार में टाइम मशीन पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया।  व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता प्रख्यात भौतिकविद एवं  केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ हरियाणा के  प्रोफ़ेसर नवल किशोर  ने  प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंस ,यूएसए के टाइम मशीन  पर पुस्तक  "ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम " पर केंद्रित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम टाइम मशीन से अपने भूत और भविष्य को देख सकेंगे। इस मशीन को निर्मित करने के लिए वैज्ञानिकों को सभी अवयव पता है और एक न एक दिन यह सम्भव हो जायेगा।उन्होंने कहा कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने  एक समीकरण दिया था जिसमें भार को ऊर्जा में बदल सकते हैं जोकि सापेक्षता के सिद्धांत पर आधारित थी।  इस सिद्धांत में अल्बर्ट आइंस्टीन ने बताया कि कोई भार लाइट की गति से ज्यादा तेज नहीं चल सकता और भार से ऊर्जा पैदा की जा सकती है पर इस सिद्धांत पर उनको नोबेल प्राइज नहीं दिया गया बल्कि फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट पर नोबेल पुरस्कार दिया गया।
प्रोफेसर नवल किशोर जी ने कहा कि  समय यंत्र से हम भूत काल और भविष्य काल में घूम सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोई जुड़वा बच्चों में से एक बच्चा समय यंत्र से 10 साल भूतकाल में घूम कर आता है तो दोनों जुड़वा बच्चों की आयु सामान नहीं रहेगी क्योंकि दोनों का समय अलग अलग रहेगा। उन्होंने बताया कि समय यंत्र अभी रियल में नहीं है परंतु सिद्धांत में इसकी मौजूदगी है। टेकिप के समन्वयक प्रो बी बी तिवारी ने स्वागत एवं संचालन छात्रा तन्वी सिंह न किया।
इस अवसर कर प्रो हरि प्रकाश, डॉ रवि प्रकाश, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ प्रवीण सिंह, रितेश बरनवाल, विशाल, जया समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

Friday 5 April 2019

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के कार्यकम में योगदान देगा विश्वविद्यालय

प्रदूषण,जनसंख्या वृद्धि एवं लोक परम्परा  पर  करेंगे जागरूक 

विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना भवन  में शुक्रवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के नई तालीम  एवं ग्रामीण प्रक्षालन व सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित करने  के लिए बैठक आयोजित हुई।  

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद  हैदराबाद  के वरिष्ठ फैकल्टी डॉ अनिल कुमार दुबे  ने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों के साथ ग्रामीण विकास के लिए काम करेगा।  उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ हम संस्कृति, संस्कार से दूर होते जा रहे हैं।  गांव के लोगों का शहरों की तरफ  पलायन  होना चिंतनीय है।  देश के विकास में ग्रामीण विकास सबसे जरूरी है इसके लिए ग्रामीण सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसमें जनसंख्या वृद्धि, प्रदूषण,लोक परम्परा के संरक्षण   एवं गरीबी को केंद्रित करते हुए ग्रामीणों जागरूक किया जायेगा।  शिक्षा संकाय के साथ नई तालीम कार्यक्रम को पूर्वांचल में चलाया जाएगा।
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक राकेश यादव ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक सेविकाएं  इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका अदा करेंगे।  जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने ग्रामीण संस्कृति के विविध आयामों पर अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि सदियों से जीवंत  ग्रामीण संस्कृति को अब संरक्षित किये जाने की जरूरत  है। नए दौर में युवाओं का अपनी परम्परा और  संस्कृति से विमुख होना  भविष्य के लिए सुखद नही है।  ग्रामीण संस्कृति को संजोकर ग्रामीण विकास जरूरी है। 
बैठक के पूर्व डॉ अनिल कुमार दुबे  ने कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव से भेंट की। उन्होंने परिषद के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा की।कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु हर स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया। 
बैठक में रोवर्स रेंजर्स के समन्वयक डॉ जगदेव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ राम कुमार मौर्य, डॉ राममूर्ति यादव, डॉ राजेश कुमार, डॉ नीरज श्रीवास्तव, डॉ राम मोहन अस्थाना,डॉ अखिलेश चंद्र यादव,  डॉ संदीप कुमार यादव समेत तमाम लोग मौजूद।