Friday 31 May 2019

विद्यार्थियों को अपने से भी श्रेष्ठ बनाता है आदर्श शिक्षक –प्रो नरेन्द्र सिंह गौर


 रज्जू भईया भौतिकीय संस्थान मे हुआ कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र   का उद्घाटन 


 विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भईया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में  शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री प्रोफेसर नरेंद्र कुमार सिंह गौर   ने  कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र   का उद्घाटन किया ।  बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा  कि विद्यार्थी  जीवन में शिक्षक  कई होते हैं लेकिन आदर्श शिक्षक वही होता है जो विद्यार्थियों को अपना सारा ज्ञान देकर उसे अपने से भी श्रेष्ठ बनाता है।   प्रोफेसर रज्जू भईया वैसे ही आदर्श शिक्षक थे। उन्होंने अपना तन मन धन सब कुछ समाज और संघ को समर्पित कर दिया।  उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा का विस्तारीकरण हुआ है, लेकिन शोध की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया, आज शिक्षकों को शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना भी जागृत करनी होगी। उन्होंने कहा स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी  ने जय जवान जय किसान नारे के साथ जय  विज्ञान का नारा दिया था मगर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने  जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान को भी जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि हमारे वैज्ञानिक अंतरिक्ष अनुसंधान में दुनिया में शीर्षस्थ क्रम में हैं। डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति  प्रोफेसर राणा कृष्णपाल सिंह ने  कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय नित नए मापदंड स्थापित कर  रहा है जो कि  अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी अंतरराष्ट्रीय  पहचान बनाएगा। यहां पर उच्च कोटि की प्रयोग शाला है जो विद्यार्थियों और अनुसंधान कर्ताओं के लिए वरदान है। उन्होंने कहा  कि विश्वविद्यालय के कुलपति के पास विजन है जिसके कारण विश्वविद्यालय नित्य नई ऊंचाइयों को छू रहा है ।  विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए  कुलपति प्रो डॉ  राजा राम यादव ने कहा कि मेरा एक मात्र लक्ष्य है कि  विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में श्रेष्ठता देकर उन्हें  रोजगार उपलब्ध करना है। उन्होंने कहा कि  रज्जू भइया  संस्थान आधुनिक विश्वस्तरीय प्रयोगशाला से सुसज्जित है। निश्चित रूप से विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे।    समारोह का संचालन डा मनोज मिश्रा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन निदेशक संस्थान डॉ प्रमोद कुमार यादव ने किया।  इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बीएसएनएल आरके उपाध्याय ,पूर्व कार्यकारी निदेशक ओनजीसी सुरेंद्र सिंह ,कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो एल  ए  हाज़रा ,उपाध्यक्ष इंटीग्रा  माइक्रो सॉफ्टवेयर बेंगलुरु के अनिमेष विसारिया ,मांड्या बेंगलुरु के प्रो एच बी रवींद्र , डेजा वीव स्किल ट्रेनिंग  के निदेशक  अविनाश हसाबिनीश ,कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ,प्रो बीबी तिवारी ,प्रो. एम एन तिवारी,प्रो अशोक श्रीवास्तव ,प्रो वीडी शर्मा ,प्रो राम नारायण ,डॉ राजकुमार , डॉ.गिरधर मिश्रा , डॉ पुनीत धवन, डॉ.नितेश जायसवाल, डॉ. श्याम कन्हैया,  डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ. सुनील कुमार , डॉ. अजीत सिंह, डॉ. नीरज अवस्थी, सौरभ सिंह आदि रहे।



कौशल विकास का प्रशिक्षण 1 जून से शुरु
जौनपुर ।पूर्वांचल विश्वविद्यालय ग्रामोदय समिति डेजा वीव  स्किल  ट्रेनिंग सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड की ओर से  शनिवार एक जून से प्रशिक्षण शुरू होगा। यह प्रशिक्षण कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र  की ओर से वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी  और इंजीनियरिंग संस्थान के मैकेनिकल   लैब में प्रस्तावित है ।  यह जानकारी पूर्वांचल विश्वविद्यालय ग्रामोदय समिति के समन्वयक शील निधि सिंह ने दी।  शुरू में घरेलू बिजली और डीटीपी का प्रशिक्षण होगा । इससे आस-पास के गांव के शिक्षित बेरोजगारों को  प्रशिक्षित करके प्लेसमेंट सुनिश्चित कराया जाएगा। घरेलू बिजली से संबंधित बेरोजगारों को प्रशिक्षण डेजा वीव के ट्रेनिंग डायरेक्टर अविनाश हँसाबनिस कराएंगे। इस प्रशिक्षण में  गीजर,मिक्सर,फैन,वायरिंग, ट्रासफार्मर, बैटरी के मरम्मत के बारे मे जानकारी दी जाएगी। 

Thursday 30 May 2019

राष्ट्र निर्माण में हिंदी पत्रकारिता की अहम् भूमिका- प्रो. सुंदर लाल




पत्रकारिता में महर्षि नारद का आदर्श जरूरीः प्रो. राजाराम
राष्ट्र निर्माण में हिंदी पत्रकारिता का योगदान विषयक  संगोष्ठी

विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में गुरुवार को हिंदी पत्रकारिता  दिवस के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में हिंदी पत्रकारिता   का योगदान विषयक  संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुंदरलाल ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 30 मई 1826 में उदंत मार्तंड ने  हिंदी पत्रकारिता की ऐसी  ज्योति जलाई जो स्वतंत्रता आंदोलन के अंतिम चरण में ज्वाला बनकर फूटी। उन्होंने कहा हमनें स्वयं अपने दौर में दिनमान, धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान जैसी  पत्रिकाओं से ज्ञान अर्जित किया । उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सेवा भाव से होना चाहिए इसका दुरुपयोग घिनौना अपराध है।  आज हमें  इस बात पर चिन्तन करना चाहिए कि हिंदी पत्रकारिता सही दिशा में गतिमान रहे।  

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि सृष्टि के प्रथम पत्रकार महर्षि नारद के आदर्शों पर चलकर ही हम पत्रकारिता की खामियों को दूर कर सकते हैं। उन्होंने महर्षि नारद के उदबोधन नारायण -नारायण के शाब्दिक और  पत्रकारिता के दृष्टिकोण से व्याख्या की और शब्द संचार के अर्थ को बताया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता के माध्यम से हम समाज और राष्ट्र चरित्र का निर्माण कर सकते हैं। जिसकी आज देश को बहुत जरूरत है। 

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुए हिंदी पत्रकारिता के विकास यात्रा का संक्षिप्त परिचय कराया। उन्होंने हिंदी साहित्य के कवियों की लेखनी को संदर्भित करते हुए हिंदी पत्रकारिता के इतिहास को  रेखांकित किया। विषय प्रवर्तन  करते हुए  विशेष कार्याधिकारी  डॉ के एस. तोमर ने कहा कि सच्ची और उपयोगी खबरें जनता तक पहुचना ही पत्रकारिता का उद्देश्य है ।उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में हिंदी पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।इसके पहले  विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र  और डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने  मुख्य अतिथि तथा  विश्व विद्यालय के कुलपति को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया । संगोष्ठी का संचालन डॉ अवध बिहारी सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर बीबी  तिवारी, वित्त अधिकारी एमके सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो बीडी शर्मा, प्रो.अशोक  श्रीवास्तव,प्रो. वंदना राय,  प्रो. अजय प्रताप सिंह,प्रो. राम नारायणडा. प्रमोद कुमार यादव, एन एस एस  समन्वयक राकेश कुमार यादव , डा. प्रदीप कुमार, डॉ राजकुमार , डॉ मनीष कुमार गुप्ता,  डॉ आशुतोष कुमार सिंह  , डॉ मुराद अली, डॉ नूपुर तिवारी ,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ,डॉ नृपेन्द्र सिंह ,डॉ सुधीर उपाध्याय ,डॉ परमेन्द्र विक्रम सिंह , लक्ष्मी प्रसाद मौर्य सहित तमाम लोग उपस्थित रहे ।

Monday 27 May 2019

पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर पाठ्यक्रमों में प्रवेश तिथि बढ़ी


-अब 8 जून तक कर सकेगें ऑनलाइन आवेदन 

-इस सत्र से नए पाठ्यक्रम  बीकॉम (ऑनर्स) और बीसीए शुरू होंगे 

-बीसीए एवं एमए गणित पाठ्यक्रम में 10 जून तक सीधा प्रवेश


विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पाठ्यक्रम में सत्र 2019 -20 में  प्रवेश की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया  के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 08 जून तक बढ़ा दी गई है । परिसर में इस सत्र से बीकॉम (ऑनर्स) और बीसीए का पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया है। प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है। बीसीए एवं एमए गणित पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी 10 जून तक सीधे प्रवेश ले सकते है। 
प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस फॉर स्टडी एंड  रिसर्च में एमएससी फिजिक्स, एमएससी केमिस्ट्री, एमएससी एवं एमए  मैथमेटिक्स, एमएससी अप्लाइड जियोलॉजी और फैकेल्टी आफ मैनेजमेंट स्टडीज के अंतर्गत बीकॉम (ऑनर्स) पाठ्यक्रम और बीए -एलएलबी (ऑनर्स) पंचवर्षीय  इंटीग्रेटेड कोर्स में प्रवेश के लिए विद्यार्थी आवेदन कर सकते है ।
विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय में एमएससी  बायो टेक्नोलॉजी,एमएससी माइक्रोबायोलॉजी ,एमएससी बायोकेमेस्ट्री, एमएससी पर्यावरण विज्ञान, प्रबंध अध्ययन संकाय के एमबीए,एमबीए बिजनेस इकोनॉमिक्स, एमबीए एचआरडी, एमबीए फाइनेंस कंट्रोल, एमबीए ईकॉमर्स , एमबीए एग्रीबिजनेस,  इंजीनियरिंग संकाय में  एमसीए, बीसीए  और अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय  में एमए जनसंचार एवं पत्रकारिता ,एमए एवं  एमएससी व्यावहारिक मनोविज्ञान विषयों में प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित  हैं।  प्रवेश समिति के संयोजक डॉ राजकुमार ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन  करने की  अंतिम तिथि 08 जून कर दी गई है।

प्रवेश परीक्षा 11 एवं 12  जून को होगी।  प्रवेश परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों का प्रवेश 1 से 5 जुलाई 2019 को होगा। उन्होंने बताया कि सामान्य और पिछड़ी जाति के परीक्षार्थियों के लिए आवेदन शुल्क ₹500 और एससी-एसटी के परीक्षार्थियों के लिए ढाई सौ रुपए है। आवेदन पत्र और इससे संबंधित समस्त  जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि  व्यावहारिक मनोविज्ञान परास्नातक  विषय में विज्ञान विषय से स्नातक विद्यार्थियों को एमएससी की डिग्री दी जाएगी। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने बीए  गणित विषय के साथ पास किया है वह एमए गणित पाठ्यक्रम में सीधे प्रवेश ले सकते है।

Tuesday 14 May 2019

बदलते दौर में संस्कार युक्त शिक्षा की जरूरत- कुलपति डॉ श्रेयांश

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकी विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में बदलते परिवेश में उच्च की शिक्षा एवं चुनौतियां विषय पर  मंगलवार को एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल हरियाणा के कुलपति डॉ श्रेयांश द्विवेदी ने कहा कि भारत अर्पण, समर्पण और तर्पण की भूमि है हम शिक्षा के क्षेत्र में अपने विद्यार्थियों को इससे दूर रख रहे हैं जिससे निराशाजनक परिणाम आ रहे हैं।आज रोजगार के पैकेज के चक्कर में उन्हें संस्कारविहीन शिक्षा की ओर धकेला जा रहा है जो समाज के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में हमें संस्कारयुक्त शिक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के क्षेत्र में हमें अपने परंपरागत विज्ञान को भी संजोए रखने की जरूरत है आज ऐसे शोध की आवश्यकता है जिससे विदेशों में हमारे देश के योगदान पर प्रकाश डाला जा सके।
कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय का मतलब विश्व के सभी विधाओं की एक जगह शिक्षा उपलब्ध कराने से है इन उद्देश्यों की पूर्ति भारत के नालंदा जैसे विश्वविद्यालय करते थे। बदलते दौर में विश्वविद्यालय को पूर्ण स्वायत्तता की आवश्यकता है जिससे वह शीघ्र पाठ्यक्रमों को मूर्त रूप दे सके।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय द्विवेदी ने कहा कि बेरोजगारी रोकने के लिए विद्यार्थियों में कौशल युक्त शिक्षा की जरूरत है। 
संस्थान के निदेशक डॉ प्रमोद यादव ने अतिथियों का स्वागत किया। कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने डॉक्टर श्रेयांश द्विवेदी को कुलाधिपति राम नाईक की पुस्तक चरैवेति- चरैवेति एवं विश्वविद्यालय की पत्रिका गतिमान भेंट की।
इस अवसर पर प्रो के पी सिंह, प्रो ए के श्रीवास्तव, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ राजकुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ पुनीत धवन, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ नीरज अवस्थी समेत तमाम शिक्षक मौजूद रहे।

Wednesday 1 May 2019

विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए मिल कर करें काम



माननीय  कुलपति जी के कार्यकाल के 2 वर्ष पूरे होने पर शिक्षकों ने दी बधाई
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव को कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर बुधवार को कुलपति सभागार में शिक्षकों एवं  अधिकारियों ने बधाई दी. कुलपति प्रो डॉ राजराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय नया कीर्तिमान स्थापित करें इसके लिए सबको मिल कर काम करना पड़ेगा। कुलपति डॉ राजाराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में अशोक सिंहल  परम्परागत विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान की स्थापना अन्तिम चरण में है। जिसके अंतर्गत योग चिकित्सा विज्ञान, संगीत विभाग, गौ विज्ञान अनुसंधान केन्द्र, परम्परागत औषधि विज्ञान रक्षा एवं आन्तिरिक सुरक्षा विज्ञान जैसे पाठ्यक्रमों की शिक्षा दी जाएगी.उन्होंने कहा कि शिक्षकों आवसीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 36 भवनों का निर्माण कराया जा रहा है इस के साथ ही केन्द्रीयकृत मूल्यांकन के लिए बहुमंजिलीय बाला साहब देवरस मूल्यांकन केंद्र  का निर्माण शीघ्र पूरा होने वाला है. प्रो बी बी तिवारी ने कहा कि अनुसंधान उन्नयन हेतु इन्स्टीटयूशनल प्रोस्ट डाक्टरेट फैलोशिप देने वाला   यह पहला विश्वविद्यालय है . ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल की सक्रियता से  लगभग दो हजार  छात्रों का कैंपस सेलेक्शन  हुआ। निःशुल्क कोचिंग की शुरूआत एवं बीए एलएलबी पंचवर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम से यहाँ के विद्यार्थियों को बहुत सहूलियत मिली है. इसी क्रम में प्रो वंदना राय  ने कहा कि परिसर में राजेन्द्र सिंह प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान की स्थापना से इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेसिक साइंस की बेहतर शिक्षा मिली है. प्रो मानस पाण्डेय ने कहा कि आपके कार्यकाल में विश्वविद्यालय  शोध गंगा पोर्टल पर प्रदेश में पहले और देश में तीसरे स्थान पर है . विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की पूरे देश में सर्वाधिक 600 इकाइयों का गठन हुआ एवं ‘‘युवादिवस समारोह’’ के आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों के माध्यम से सम्पन्न हए। जिसका प्रशस्ति पत्र  भारत सरकार द्वारा प्राप्त हुआ। इसी के साथ केरल त्रासदी पर राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय  तीन लाख उनचास  हजार का योगदान भी किया जो कि विश्वविद्यालय के  मानवीय पक्ष को दिखाता है .इस अवसर पर वित्त अधिकारी एम के सिंह, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो अशोक  श्रीवास्तव, प्रो वी डी शर्मा, प्रो अजय प्रताप सिंह,डॉ मनोज मिश्र, प्रो रामनारायण,डॉ रजनीश भास्कर, डॉ रसिकेस, डॉ संजीव गंगवार, डॉ के एस तोमर, डॉ मुराद अली, डॉ पुनीत धवन समेत तमाम शिक्षक उपस्थित रहे .