Tuesday 30 July 2019

विश्वविद्यालय में वृहद् वृक्षारोपण अभियान की हुई शुरुआत


वृक्षों के नाम पर होगा सड़कों का नाम - जिलाधिकारी 


विश्वविद्यालय के  फार्मेसी संस्थान परिसर  में मंगलवार को कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव एवं जिलाधिकारी अरविन्द मल्लपा बंगारी  ने पौधरोपण कर वृहद्  वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की । राष्ट्रीय सेवा योजना को इस अभियान की जिम्मेदारी दी गई है।  
फार्मेसी संस्थान के डॉ आर एन गुप्ता सभागार में आयोजित कार्यक्रम में  बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि देश में  254 जिले गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं। इसमें जौनपुर भी है इसलिए हमें जल संचयन के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है।  हम पानी को किसी भी हाल में बर्बाद ना होने दें। उन्होंने कहा कि अपने मकानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अमल में लाएं यह वर्तमान समय के लिए अतिआवश्यक है।  उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के दृष्टिकोण से वृक्षारोपण अनिवार्य है।  इस वर्ष जनपद  में 60 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। साथ ही इसे संरक्षित करने पर भी जोर देना होगा ताकि जिले में जल और जंगल का संतुलन बना रहे। उन्होंने कहा कि हमारी योजना है कि हम वृक्षों के नाम पर सड़कों का नाम रखेंगे।

कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि पौधरोपण के  लक्ष्य को सफल बनाने में  विश्वविद्यालय अपनी अहम् भूमिका अदा करेगा।  उन्होंने कहा कि  विद्यार्थी वृक्षों को अपना मित्र बनाएं, जो जीवन भर साथ देते है । हम जब भी विश्वविद्यालय में 5 या 10 साल बाद आएंगे तो यही वृक्ष  हमें सर्वाधिक सुख देंगे । उन्होंने विभिन्न पौधों के औषधि गुण के बारे में भी चर्चा की । 
कार्यक्रम में जिलाधिकारी को अभियान की सफलता के लिए डॉ मनोज मिश्र ने अशोक का पौधा भेंट किया एवम धन्यवाद् ज्ञापित किया।  कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के संयोजक राकेश यादव ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एम के सिंह, परीक्षा नियंता बी एन सिंह, प्रो मानस पांडेय, प्रो बीडी शर्मा, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ अनुराग मिश्र, डॉ राजीव कुमार, डॉ विनय वर्मा,डॉ नृपेन्द्र सिंह, डॉ धर्मेंद्र सिंह, डॉ झाँसी मिश्र, डॉ अलोक दास, डॉ संजय श्रीवास्तव, शील निधि सिंह,विशाल चौबे आदि उपस्थित रहें।

Monday 29 July 2019

गुणवत्ता युक्त दुग्ध उत्पादन में नई तकनीकी की भूमिका विषयक विशेष व्याख्यान


नई तकनीकी से  दुग्ध  उत्पादन में जीविका की असीम   सम्भावनाएं - डॉ उमेश

विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया सभागार में सोमवार को गुणवत्ता युक्त दुग्ध उत्पादन में नई तकनीकी की भूमिका विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय  विश्वविद्यालय चित्रकूट में  कृषि संकाय में एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ उमेश कुमार शुक्ल ने कहा कि आज   नई तकनीकी से  दुग्ध  उत्पादन में जीविका  की असीम  सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि  राज्य सरकारें  इस दिशा में सक्रिय हैं और इस पेशे से जुड़े लोंगो को सहायता प्रदान कर रहीं है.  उन्होंने अभियांत्रिकी के विद्यार्थियों को दुग्ध उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले अत्याधुनिक उपकरणों की जानकारी दी एवं उनके उपयोग के तरीकों पर प्रकाश डाला। 
उन्होंने इस अवसर पर  केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं पर चर्चा करते हुए  इस व्यवसाय के लिए मिलने वाले  अनुदान से भी विद्यार्थियों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इससे हम  आजीविका के साधनों को और  बेहतर बना सकते हैं। संचालन डॉ संतोष कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ पुनीत धवन ने किया। इस अवसर पर डॉ प्रमोद कुमार  यादव,डॉ राजकुमार सोनी,डॉ दीप्ती पांडेय,डॉ गिरिधर मिश्र,अनिल कुमार मौर्य सहित   विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

Saturday 27 July 2019

शिक्षकों के शिक्षण एवम् शोध कार्यों से रूबरू हुए कुलपति

विश्वविद्यालय के उमा नाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान के विश्वेश्वरैया सभागार में शनिवार को कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव  इंजीनियरिंग के शिक्षकों की दो साल की गतिविधियों से रूबरू हुए।
इंजीनियरिंग संस्थान के 9 विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकों ने अपने शिक्षण - शोध कार्य एवं उपलब्धियों को विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया. कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने विभाग के हर शिक्षक से सीधे संवाद  कर बेहतर काम करने वालों का उत्साहवर्धन  किया.  उन्होंने शिक्षकों को गुणवत्ता युक्त  शिक्षण एवं शोध कार्य करने  की सलाह भी दी।उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान वहां के शिक्षकों से होती है जितना उच्च स्तरीय शिक्षण व शोध कार्य होगा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्थान की छवि उतनी ही मजबूत होगी। विश्वविद्यालय के शिक्षक जो  सृजन  एवं शोध कर रहे है उससे छात्रों को भी लाभान्वित करें. कुलपति ने बीते दिनों विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों की दो साल की गतिविधियों की प्रस्तुति के लिए दिशानिर्देश दिया था जिसकी शुरुआत शनिवार को इंजीनियरिंग संस्थान से हुई।
इंजीनियरिंग संस्थान के प्रोफेसर के प्रोफेसर बीवी तिवारी ने सर्वप्रथम इलेक्ट्रानिक्स विभाग के शिक्षकों की प्रस्तुति दी। इसी क्रम में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एके श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापति किया।
इस अवसर पर डॉ संदीप सिंह,डॉ संजीव गंगवार, डॉ नूपुर तिवारी, डॉ रजनीश भास्कर, प्रशांत कुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ सौरभ पाल, डॉ रामनरेश यादव, डॉ राजकुमार, ज्योति सिंह, डॉ महेंद्र यादव, शैलेश प्रजापति समेत तमाम शिक्षक मौजूद रहे।

Monday 15 July 2019

कौशल विकास के लिए हुआ एमओयू



 विश्वविद्यालय ने भारत सरकार की कौशल विकास योजना को अमलीजामा पहनाने की पहल शुरू की है। इसके तहत नई दिल्ली की डेजाव्यू  स्किल लर्निंग एंड डेवलपमेंट सिस्टम के साथ सोमवार को कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य  ग्रामीण एवं शहरी बेरोजगारों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार प्रदान करना है। विश्वविद्यालय के छात्र सुविधा केंद्र में इसका प्रशिक्षण कराया जाएगा । विश्वविद्यालय परिसर में डेजाव्यू  के डायरेक्टर एवं कॉरपोरेट अफेयर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ पीयूष सक्सेना एवं डेजाव्यू  मुंबई की ट्रेनिंग मैनेजर डॉ चैताली पहुचीं । इसके बाद कुलपति प्रो डॉ राजा राम यादव ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। विश्वविद्यालय की ओर से पूर्वांचल विश्वविद्यालय ग्रामोदय समिति के संचालक शीलनिधि सिंह, राजन गुप्ता, संतोष कुमार यादव द्वारा विश्वविद्यालय के आसपास के बेरोजगारों की रोजगार में अभिरुचि, योग्यता आदि का विस्तृत रूप से सर्वे कर रिपोर्ट निरीक्षण मंडल को सौंपा। विश्वविद्यालय एक  टीम एक सप्ताह की ट्रेनिंग के लिए मुंबई जाएगी इसके बाद बेहतर ढंग से इस कार्य को अंजाम दिया जा सके।
इस कार्य को बेहतर ढंग से करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर संचालित करने के लिए कुलपति प्रोफेसर डॉ  राजाराम यादव ने अपने नेतृत्व में  प्रो बी बी तिवारी, डॉ राजकुमार समेत  की समिति बनाई है । इस कार्य में आर्थिक सहयोग टेकिप की आउटरीच एक्टिविटी द्वारा प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रोफेसर बी बी तिवारी, डॉ राजकुमार, डॉ पुनीत धवन उपस्थित थे।

Tuesday 9 July 2019

फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के विशेषज्ञों ने दिया व्याख्यान


विश्वविद्यालय परिसर  के  उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान में मंगलवार  को  फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्यख्यान दिया। संस्थान के विश्वेश्वरैया सभागार में फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम  दूसरे  दिन देश के प्रख्यात  भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के प्रोफेसर गोपालकृष्णन हेगड़े ने कहा  कि नैनोफोटोनिक्स के माध्यम से नई डिवाइस बनेगी जिसकी कार्यक्षमता और दक्षता अधिक होगी. इससे नए सोलर सेल बनाये जा सकते है. उन्होंने नैनो टेक्नोलॉजी के द्वारा उद्योगों में आने वाली क्रांति के तरफ इशारा भी किया.
इसी क्रम में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के प्रोफेसर डॉ टी श्रीनिवास ने फोटोनिक्स इंटीग्रेटेड सर्किट पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम से आने वाले दिनों में ओद्योगिक क्रांति ला सकेगें.गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एव तकनीकी विश्वविद्यालय हिसार के इन्जीनियरिंग  के प्रोफेसर डॉ अजय शंकर ने कहा कि माइक्रो मशीनिंग एवं अन्य सेंसर अनुप्रयोगों में मैट्रोलोजी उपयुक्त है.
टेकिप समन्वयक प्रो बीबी तिवारी  अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में संयोजक डॉ रवि प्रकाश एवं ज्योति सिंहडॉ रजनीश भास्करडॉ शैलेश प्रजापतिप्रवीण सिंहपारुल त्रिवेदीअजय कुमार मौर्यामोहम्मद अनीश,रितेश बरनवालसुधीर सिंहपूनम सोनकरदीपक सिंहसमेत तमाम शिक्षक उपस्थित रहे.

Monday 8 July 2019

देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों से रूबरू हुए शिक्षक

विश्वविद्यालय परिसर  के  उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान में सोमवार को  एक सप्ताह के फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत को हुई। एक सप्ताह के इस  कार्यक्रम में  संचार एवं फोटानिक्स विषय पर देश के प्रख्यात वैज्ञानिक शिक्षकों से रूबरू होंगें। संस्थान के विश्वेश्वरैया सभागार में पहले दिन आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक प्रोफेसर विपुल रस्तोगी ने फाइबर ऑप्टिक्स पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि फाइबर ऑप्टिकल की वजह से इंटरनेट को तीब्र गति मिली है. फाइबर-ऑप्टिक संचार प्रणाली ने टेलिकम्युनिकशन में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है एवं सूचना युग के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।आने  समय में ऑप्टिकल कंप्यूटर बनेगें जिससे कई क्षेत्रों में बड़े  परिवर्तन आयेंगें। 
अगले सत्र में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एव तकनीकी विश्वविद्यालय हिसार के इन्जीनियरिंग  के प्रोफेसर डॉ अजय शंकर ने ऑप्टिकल मैट्रोलोजी विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि मापन के सिद्धांत इंजीनियरिंग डिजाइन के लिए आवश्यक है. उद्घाटन  सत्र में टेकिप समन्वयक प्रो बीबी तिवारी  कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की । कार्यक्रम में संयोजक डॉ रवि प्रकाश एवं ज्योति सिंह ने अतिथियों स्वागत किया। इस अवसर पर हासन कर्नाटक के मलनाड इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर डॉ पी सी श्रीकांत , डॉ डी एन नागालक्ष्मी, प्रो ए के श्रीवास्तव, डॉ संतोष, डॉ रजनीश भास्कर, डॉ शैलेश प्रजापति, प्रवीण सिंह, दीपक सिंह, पारुल त्रिवेदी, अजय कुमार मौर्या, मोहम्मद अनीश समेत तमाम लोग उपस्थित रहे.

Tuesday 2 July 2019

इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए लाभकारी है फाइव जी



विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान के विश्वेश्वरैया हाल में मंगलवार को ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारत संचार निगम लिमिटेड के पूर्व सीएमडी डॉ आरके उपाध्याय ने मोबाइल प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी 5जी पर विशेष व्याख्यान दिया।
उन्होंने कहा कि 5G भारत में डिजिटल क्रांति के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा जिससे स्वचालित यातायात नियंत्रण, ड्राइवर विहीन कार, ऑटोमेटिक रोबोट, सुदूर शल्य चिकित्सा, भारी मशीनरी का रिमोट नियंत्रण एवं आभासी वास्तविकता प्रदान होगी। उन्होंने कहा कि 5G तकनीकी से इंटरनेट की हाई स्पीड निम्न विलंबता और क्षमता में वृद्धि होगी इसके लिए हमें बड़े निवेश करना होगा। 5G के लाभों को विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि इससे इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के समय में काफी बचत होगी और देश के विभिन्न क्षेत्रों में  लाभ होगा।
अगले सत्र में पी ई एस कॉलेज आफ इंजीनियरिंग मांड्या के डॉक्टर महेश कुमार एवं डॉक्टर चेतन में पी स्पाइस एवं सिमुलेशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक सर्किट पर विशेष व्याख्यान दिया।
टेकिप के निदेशक प्रोफेसर बी बी तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ रवि प्रकाश, शैलेश प्रजापति, पीसी यादव, दीपक सिंह, अनीश, ज्योति सिंह समेत विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

Monday 1 July 2019

पीयू के परीक्षा नियंत्रक को कुलपति,शिक्षक एवं कर्मचारियों ने दी विदाई

विश्वविद्यालय में  सोमवार को कुलपति सभागार में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार को विदाई दी गई। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार का स्थानांतरण आगरा के बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में इसी पद पर हुआ है।  कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने परीक्षा नियंत्रक के कार्यों की सराहना की और कहा कि भविष्य में आशा है कि वह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का सहयोग सदैव करते रहेंगे । इस अवसर परकुलपति ने उन्हें अंगवस्त्रम पहनाकर विदाई दी।
उधर एक अन्य समारोह में इंजीनियरिंग संस्थान के विश्वेश्वरैया सभागार में पीयू के परीक्षा नियंत्रक को शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने भावभीनी विदाई दी। 
विदाई समारोह में भावुक होते हुए परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में बहुत कुछ सीखने को मिला है। यहां के शिक्षकों और कर्मचारियों के सहयोग से इतने अल्प समय में मैं हर चुनौतियों का सामना कर सका। समय से परीक्षा संपन्न कराकर परीक्षाफल घोषित करना टीमवर्क के कारण संभव हो पाया।
इस अवसर पर प्रोफेसर बीबी तिवारी,वित्त अधिकारी एमके सिंह,कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल,राकेश यादव , प्रोफेसर बी डी शर्मा, प्रोफेसर अशोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर अजय द्विवेदी, डॉ मनोज मिश्र, डॉ राजकुमार, श्याम त्रिपाठी उपस्थित रहे। विश्वेश्वरैया  सभागार में परीक्षा नियंत्रक को शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने स्मृति चिन्ह एवम अंगवस्त्रम भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ रजनीश भास्कर ने किया। इस अवसर पर डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, अन्नू त्यागी, आरपी सिंह, ए एच रिजवी, डॉ संजय श्रीवास्तव समेत तमाम लोग मौजूद रहे।