Saturday 31 October 2020

मा० राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन सरदार पटेल की मूर्ति का किया अनावरण



सरदार पटेल समाज के लिए प्रेरणास्रोत: कुलाधिपति

               राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन सरदार पटेल की मूर्ति का किया अनावरण 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में लौह पुरुष भारतरत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती एवं राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर शनिवार को प्रदेश की राज्यपाल  ने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया ।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश की राज्यपाल एवं माननीय कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सरदार पटेल का व्यक्तित्व और कृतित्व न केवल विद्यार्थियों के लिए अपितु समस्त युवा पीढ़ी, प्रबुद्धजन एवं राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति श्रद्धा रखने वाले समस्त भारतवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि आज के दिन विश्वविद्यालय में सरदार पटेल की प्नतिमा का अनावरण वास्तव में देश और प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक जो हम अखंड भारत देख रहे हैं वह सरदार पटेल की ही देन है, इसलिए हम उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं। उनके व्यक्तित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ही गुजरात में 182 मीटर ऊंची उनकी प्रतिमा स्थापित की गई जो कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। सरदार पटेल ने किसानों के कर माफी के लिए आंदोलन चलाया था उन्हीं की प्रेरणा से देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए संसद में बिल लाए।

 उन्होंने नई शिक्षा नीति- 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति भारत को नई दिशा देने के साथ-साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगी। उन्होंने आचार्य नरेन्द्र देव और वाल्मीकि जयंती और इंदिरागांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें भी नमन किया।  प्रतिमा अनावरण समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति  निर्मला एस. मौर्य ने  कुलाधिपति जी का स्वागत करते हुए कहा कि आपके  निर्देशन में उत्तर प्रदेश के संपूर्ण विश्वविद्यालय में एवं महाविद्यालयों में नूतन चेतना, नई स्फूर्ति तथा नई दृष्टि उत्पन्न हुई है, जिसने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन और सुधारों को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल दृढ़ इच्छाशक्ति नेतृत्व, कौशल और अदम्य साहस के कारण पूरे देश में याद किए जाते हैं हम सौभाग्यशाली कि हमें ऐसे महापुरुष की प्रतिमा विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित कर अपने विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज के सभी वर्गों को राष्ट्रीय एकता का संदेश देने का अवसर मिला।समारोह की शुरुआत राष्ट्रगीत, कुलगीत के साथ हुई। समारोह में कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल उपस्थित लोगों को  राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। संचालन प्रो. मानस पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने किया। ऑनलाइन कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग डॉ सुरजीत यादव की टीम ने किया।  इस अवसर पर कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने पौधरोपण किया। मुक्तांगन परिसर में अपराह्न शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एकता की शपथ दिलाई गई। इस समारोह का संचालन प्रो अजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रोफ़ेसर अविनाश पाथर्डीकर, प्रो.एके श्रीवास्तव, प्रो.बीडी शर्मा, प्रो.अजय प्रताप सिंह,प्रो.रामनारायण, प्रो. देवराज सिंह,  डॉ. संतोष कुमार, एनएसएस समन्वयक राकेश यादव, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, अजीत प्रताप सिंह, सुश्री बबिता,डॉ के एस तोमर,डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ.सुनील कुमार, डॉ.अवध बिहारी सिंह, डॉ.चंदन सिंह समेत शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे। 


Tuesday 27 October 2020

नई शिक्षा नीति से विश्व गुरु बनेगा भारत-कोठारी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन विषयक वेबिनार का हुआ आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय के जनसंचार विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया।बतौर मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के विविध आयामों पर विस्तार पूर्वक अपनी बात रखी,  उन्होंने कहा कि  राष्ट्रीय शिक्षा नीति  को धरातल पर उतारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारत विश्व गुरु बनेगा।देश के सभी शिक्षण संस्थानों को पाठ्यक्रमों पर नए सिरे से विचार कर इसे विकसित करना होगा। 150 सालों से हमारे पाठ्यक्रमों से गायब भारतीय ज्ञान परम्परा के मूलभूत ज्ञान को भी समाहित करना होगा। उन्होंने मानव संसाधन मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय करने की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि मानव सोर्स तो हो सकता है पर कभी रिसोर्स नहीं हो सकता इसलिए शिक्षा मंत्रालय का नामकरण एक सराहनीय और उचित कदम है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के इतने समय बाद हम अपनी भाषा में तकनीकी व अन्य पुस्तकें नही बना पाए। इस समस्या का निराकरण होगा ऐसी आशा है।

अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निरंतर  शिक्षण संस्थान मंथन कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दूरदृष्टि है। इसमें समस्त विद्यार्थियों को लाभान्वित करने और उनके समग्र विकास के लिए बात की गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी शिक्षा अर्जित करने के बाद स्वरोजगार प्रारंभ करें यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। विश्व विद्यालय के शिक्षक शिक्षा नीति के सभी पहलुओं से परिचित हो।

बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रोफ़ेसर आरएन त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय  शिक्षा नीति में मानवता के साथ-साथ प्रकृति को भी जोड़ा गया है। इससे व्यक्ति के चरित्र निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण का भी काम हो सकेगा ‌। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चलते देश एक भारत श्रेष्ठ भारत बनने की ओर अग्रसर है।

अतिथियों का स्वागत संकाय अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र एवं आभार डॉ सुनील कुमार ने व्यक्त किया. वेबिनार का संचालन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। वेबिनार का संयोजन डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह, डॉ नितेश जायसवाल, अभिषेक कटिहार ने किया। इस अवसर पर प्रो मानस पांडे, प्रोफेसर एच सी पुरोहित, प्रो विक्रम देव, डॉ राकेश यादव,डॉ जगदेव, डॉ तरुणा गौर, डॉ प्रमोद यादव, डॉ श्याम कन्हैया सिंह, डॉ अनु चौहान समेत तमाम लोग मौजूद रहे।


Wednesday 21 October 2020

सोशल एकाउंट को स्ट्रांग बनाएं महिलाएं : डॉ. अर्चना शिवहरे

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत कुलपति निर्मला एस मौर्य के अभिप्रेरणा से साइबर सुरक्षा एवं लैंगिक हिंसा पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अर्चना शिवहरे पुलिस महानिरीक्षक राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो गांधीनगर ने जुड़कर सभी शिक्षकों एवं छात्रों को साइबर सुरक्षा एवम् लैंगिक हिंसा के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया।

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उन्होंने कहा कि महिला एवं बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी होगी क्योंकि वेबसाइट से उनकी फोटो लेकर इंटरनेट पर दुरुपयोग किया जा सकता है जो कि साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है ऐसे में महिलाओं को अपने अकाउंट का पासवर्ड बहुत स्ट्रांग बनाना चाहिए नाम जन्मदिन आदि का पासवर्ड नहीं बनाना चाहिए। अलग—अलग एकाउंट का पासवर्ड अलग—अलग बनाना चाहिए, अपने क्रेडिट कार्ड का नंबर किसी को शेयर नहीं करना चाहिए। पब्लिक डोमेन में अपने मोबाइल का ब्लूटूथ या वाईफाई ऑन नहीं रखना चाहिए एवं सोशल मीडिया पर अपना लोकेशन शेयर नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उसका पूरा डाटा हैक किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी भी तरह का अत्याचार महिलाओं पर हो रहा है तो उसे इसके लिए कानूनी मदद लेनी चाहिए और साथ ही साथ इस बात पर असंतोष जताया कि जितने अपराध महिलाओं के साथ हो रहे हैं उतनी शिकायतें प्रकाश में नहीं आती है, इसके लिए महिलाओं को स्वयं से आवाज उठाना होगा जागरूक होना होगा और अत्याचार को सहन नहीं करना होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के सम्मान सुरक्षा के लिए सराहनीय प्रयास कर रही है। साइबर क्राइम के अपराधियों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है। अतः स्वयं से जागरूक रहना होगा। 

विशिष्ट अतिथि डॉ. पूनम तिवारी सचिव नारी शक्ति संस्थान आजमगढ़ ने कहा कि नारी के प्रति हो रहे अत्याचार एक सामाजिक बीमारी है अतः सरकार की पहल मिशन शक्ति एक सराहनीय कदम है।

मुख्य अतिथि डॉ. अंजू सिंह सचिव ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति सिंगरामऊ ने कहा कि मां शक्ति की असली पूछा तब मानी जाएगी जब प्रत्येक महिला स्वयं को सुरक्षित महसूस करेगी। इसके लिए इस तरह के जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। गांव में जाकर नाटक रंगमंच लघुकथाएं आदि के माध्यम से भी जागरूक किया जा सकता है।

मुख्य अतिथि का स्वागत जया शुक्ला मुख्य वक्ता का स्वागत डॉ. वनिता सिंह, विशिष्ट अतिथि का स्वागत डॉ. झांसी मिश्रा, संचालन कार्यक्रम समन्वयक मिशन शक्ति डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव तथा आभार ज्ञापन डॉ. राकेश यादव एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में सहयोग आयोजक मंडल डॉ. प्रियंका, डॉ. जगदेव, डॉ. नीतीश, श्रीमती करुणा, अनामिका, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. शशिकांत, अवनीश ने किया। कार्यक्रम में सहभागिता प्रोफेसर मानस पांडेय, प्रोफ़ेसर देवराज, प्रोफेसर राम नारायण, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ. राजकुमार सोनी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर , डॉ. सुनील, डॉ. चंदन , नूपुर तिवारी, आकांक्षा श्रीवास्तव आदि ने किया।

Tuesday 20 October 2020

बच्चों में सीख विकसित करने में शिक्षक की अहम भूमिका: प्रो. रामजी लाल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए चलाया जाने वाले अभियान के तहत मंगलवार को शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में बाल मनोविज्ञान की समझ विकसित करने संबंधी विषय पर वेबिनार  का आयोजन किया गया ।

बतौर मुख्य अतिथि प्रो.रामजी लाल श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों में सीख विकसित करने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक यदि उसके इमोशनल वेल बीइंग एवं इंटरपर्सनल रिलेशनशिप पर ध्यान दें कि  उस बच्चे में कैसा विकसित हो रहा है तो निश्चित ही वह आगे चलकर एक अच्छा नागरिक बनेगा जो समाज एवं राष्ट्र के दृष्टिकोण से भी हितकारी होगा। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ .सलोनी प्रिया क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ने कहा की जेंडर के प्रति भ्रांतियां खत्म करनी होंगी, क्योंकि समाज में जेंडर की प्रति बहुत सारी भ्रांतियां व्याप्त है । लड़की या लड़का होना उसकी पहचान हो सकती है उसका शीलगुण नहीं।  उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियानों का निश्चित रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मुख्य अतिथि का स्वागत डॉ. नीतेश जायसवाल और मुख्य वक्ता का स्वागत प्रो. अजय प्रताप सिंह ने किया। संचालन कार्यक्रम समन्यवक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने और आभार ज्ञापन  रोवर्स रेंजर समन्वयक डा. जगदेव ने किया। कार्यक्रम में  प्रो. मानस पांडेय, प्रो देवराज , डॉ राजकुमार , एनएसएस समन्वयक राकेश यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, श्रीमती अरूणा,‌ डॉ. विनीता सिंह, डॉ.झांसी मिश्रा, डॉ.जया शुक्ला समेत विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक एवं छात्रों ने भी सहभागिता की।

Saturday 17 October 2020

महिलाएं आत्मनिर्भर बनें: कुलपति

मिशन शक्ति मेगा लांच के अंतर्गत महिलाओं को किया गया जागरूक

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति मेगा लांच कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को ऑनलाइन किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर है। देश में महिलाओं की आबादी लगभग 50 फ़ीसदी है, ऐसे में इस तरह की अभियान की आवश्यकता और बढ़ जाती है। उन्होंने आदिकाल और उत्तर मध्यकाल में नारी की स्थितियों पर विस्तृत चर्चा की। कहा कि 21वीं सदी में महिला अपनी अस्मिता की तलाश कर रही है उन्होंने आह्वान किया कि नारी आत्मनिर्भर बने, इसके लिए विश्वविद्यालय महिलाओं द्वारा बनाई गई हस्तकला, हस्तशिल्प की वस्तुओं के  विक्रय के लिए दुकान के रूप में प्लेटफार्म देगा। कार्यक्रम में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट उषा वर्मा श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाएं आर्थिक रूप से ही आत्मनिर्भर न बने बल्कि अपनी सोच को भी आत्मनिर्भर बनाना होगा । उन्होंने लैंगिक भेदभाव और घरेलू हिंसा आदि विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि के रूप में डिप्टी एसपी प्रेम प्रकाश ने कहा कि संविधान और कानून में कहीं भी लड़कों और लड़कियों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने महिला सुरक्षा, साइबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को अन्याय के खिलाफ सतर्कता के साथ आवाज उठानी होगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में एडवोकेट श्रीमती मंजू शास्त्री पास्को एक्ट, दहेज उत्पीड़न पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा कि महिलाएं जब तक आत्मनिर्भर नहीं बनेगी तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया। समारोह में कुलगीत डॉ. अनामिका ने प्रस्तुत किया।समारोह में कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. देवराज सिंह, राष्टीय सेवा योजना समन्वयक श्री राकेश कुमार यादव, डॉ. जगदेव, डॉ सुनील कुमार, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. चंदन सिंह, डॉ झासी मिश्रा, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ वनिता सिंह, सुश्री जया शुक्ला, जगदीश मौर्य आदि ने प्रतिभाग किया।

Thursday 15 October 2020

सभी के लिए हाथ स्वच्छता को जन आंदोलन बनाना है: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

विश्व हाथ धुलाई दिवस पर आयोजित हुआ वेबीनार

राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के तत्वावधान पूर्वान्ह 10 बजे से 11 बजे तक 'विश्व हाथ धुलाई दिवस' पर जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन के संबंध में एक वेबीनार आयोजित हुआ। इस वेबीनार की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही स्वच्छता पर विशेष बल दिया गया है।आज कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए एवं उसके संक्रमण को रोकने के लिए हमें हाथों की सफाई पर विशेष बल देना होगा। इसके साथ ही साथ 2 गज की दूरी, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, साबुन सैनिटाइजर तथा सार्वजनिक स्थानों पर कोविड- 19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करके ही हम कोरोना  को पराजित कर सकते हैं।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्य संपर्क अधिकारी एवं विशेष कार्याधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश शासन डॉ अंशुमालि शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम का व्यापक रूप से प्रचार -प्रसार कर के हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ने कोविड-19 में महत्वपूर्ण सेवा की है इसके लिए पूरे प्रकोष्ठ को विशेष रूप से बधाई।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में यूनिसेफ के संचार एवं विकास अधिकारी श्री दयाशंकर सिंह ने पीपीटी के माध्यम से हाथों की स्वच्छता के बारे में प्रतिभागियों को बताया और कहा कि हम विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को जागरूक करके कोरोना को हराने में एक दिन जरूर कामयाब होंगे।

अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री सुजीत कुमार जायसवाल ने  कोरोना काल में विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की और साथ ही साथ लगातार इस कार्यक्रम को संचालित करने का आह्वान किया।

स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार यादव ने प्रस्तुत की। इस वेबिनर को प्रो. मानस पांडे, प्रो.मुनीब शर्मा, डॉ अमित यादव, डॉ अखिलेश शर्मा शास्त्री, डॉ उदय भान यादव,डॉ. राजश्री सिंह ने भी संबोधित किया।इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से संबद्ध चारों जनपदों के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक, कार्यक्रम अधिकारी, छात्र, स्वयंसेवक जूम एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से बड़ी संख्या में जुड़े रहे। आभार ज्ञापन डॉ नितेश जायसवाल ने किया। पूरे कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग डॉक्टर धीरेंद्र चौधरी डॉ शशिकांत यादव डॉ विनय कुमार वर्मा ने प्रदान किया।


Friday 9 October 2020

विश्वविद्यालय परिवार ने कोविड-19 से सुरक्षा का लिया संकल्प

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के सरस्वती सदन में शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की शपथ ली गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा जारी शपथ ली गई | इस अवसर पर कुलपति जी ने कहा कि इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए सिर्फ सावधानी और बचाव की जरूरत है । हमें स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और अपने साथ- साथ दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा मास्क और सेनिटाइजर को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। सार्वजनिक स्थलों पर दो गज की दूरी का ध्यान रखें।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी, कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया ।

Friday 2 October 2020

प्रो. निर्मला एस.मौर्य को मिला महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

गांधी जयंती पर ऑनलाइन समारोह में दिया गया सम्मान

वीर बहादुर सिंह  पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस.मौर्य समेत विभिन्न क्षेत्र की 13 हस्तियों को शुक्रवार को दिया गया महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान शांति के उन्नायक महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती पर ओस्लो, नॉर्वे की संस्था भारतीय - नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा ऑनलाइन दिया गया। यह सम्मान समाज सेवा और विश्व शांति साहित्य सेवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में दुनिया के प्रतिष्ठित लोगों को दिया जाता है।

गांधी जयंती पर समाजसेवा एवं विश्वशांति के लिए अमूल्य योगदान एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए प्रख्यात चिंतक, समाजसेवी एवं सम्पादक श्री गुलाब कोठारी, जयपुर को सर्वोच्च  सम्मान मिला। इस श्रेणी में गोवा की पूर्व राज्यपाल एवं लेखिका श्रीमती मृदुला सिन्हा, नई दिल्ली, ओस्लो के समाचार पत्र आकेर्सआवीस ग्रूरुददालेन के सम्पादक यालमार शेलांद, नॉर्वे एवं यूनाइटेड किंगडम के वरिष्ठ समाजसेवी और राजनीतिज्ञ श्री वीरेन्द्र शर्मा, लन्दन को सम्मानित किया गया।

साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में  प्रसिद्ध लेखक एवं आलोचक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा उज्जैन, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. निर्मला एस. मौर्य, चेन्नई, हिंदी एवं पंजाबी के प्रसिद्ध लेखक प्रो. हरमहेन्द्र सिंह बेदी, अमृतसर और नॉर्वेजियन लेखिका इंन्विल्ड क्रिस्तीने हेरजोग, ओस्लो को सम्मानित किया गया।

पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए वरिष्ठ सम्पादक श्री सुभाष राय, लखनऊ, संपादक श्रीमती सर्वमित्रा सुरजन नई दिल्ली, सम्पादक राजीव सिंह, लखनऊ, सांस्कृतिक पत्रकार श्री राजेश विक्रान्त, मुंबई एवं मीडिया विश्लेषक प्रो सन्तोष तिवारी, लखनऊ को भी मिला पुरस्कार।

ओस्लो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि नार्वेजीय अरबाइदर पार्टी की राजनेत्री एवं ओस्लो नगर पार्लियामेंट में मंत्री सुश्री रीना मारियम हांसेन, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार के चेयरमैन श्री अवनीश कुमार एवं  केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के श्री दीपक पांडेय और कार्यक्रम सचिव श्री थूरस्ताइन विंगेर, उपस्थित रहे।


सकारात्मक सोच से ही होगा विकास: कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर गांधी वाटिका में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके रामधुन गाया गई।विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि व्यक्ति का नजरिया हमेशा सकारात्मक होना चाहिए साथ ही उसमें विनम्रता के भी गुण होना चाहिए, तभी वह व्यक्ति समाज, संस्थान के साथ-साथ देश के लिए भी उपयोगी साबित होगा और विकास में भागीदारी निभाएगा। उन्होंने कहा कि गांधीजी प्रयोगधर्मी थे, उन्होंने पूरा जीवन देश और समाज के लिए समर्पित कर दिया। परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने कहा कि हमें गांधीजी के आदर्शों से सीख लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गांधीजी प्रासंगिक थे और आगे भी रहेंगे। सहायक कुलसचिव प्रशासन अमृतलाल ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सहजता और सरलता पर विस्तार से बताया गया। रामधुन की टीम में राज नारायण सिंह, जगदंबा मिश्र, सुनील सिंह और रविंद्र तिवारी थे। गांधी वाटिका समारोह का संचालन अशोक सिंह और धन्यवाद ज्ञापन रामजी सिंह ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह सहायक कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, प्रो.अविनाश, प्रो. बीडी शर्मा, समेत आचार्य, सहचार्य, सहायक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

Thursday 1 October 2020

ऑनलाइन सम्प्रेषण में है कई सहूलियतें तो है कुछ दिक्कतें भी- कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय  के एच आर डी विभाग ने एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया  गया.कोविड-19 के वर्तमान परिवेश को ध्यान में रखते हुए मुख्य वक्ता कॉरपोरेट प्रशिक्षक  प्रमोद कुमार सिंह ने कार्यक्रम के विषयवस्तु “डूस एंड डोंट्स ऑफ़ ऑनलाइन कम्युनिकेशन : मैनेजिंग द चैलेंजेज ऑफ़ कोविड-19 पैन्ड़ेमिक” अपनी बात रखी.उन्होंने कहा कि ऑनलाइन संपर्क में भाव भंगिमा, औपचारिक वेष-भूषा, बोली भाषा का विशेष महत्व है.

कुलपति निर्मला एस.मौर्या. ने कहा कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हुए वैश्विक कठिनाई को प्रत्येक  व्यक्ति छात्र, शिक्षक, प्रशासनिक हर वर्ग का व्यक्ति महसूस कर रहा है कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर सभी अथितियों, गणमान्य लोगों छात्रों का स्वागत किया l इसके साथ ही का  भगवत गीता के दूसरे के अध्याय के श्लोक का जिक्र करते हुए मानव जीवन के धेय्य और व्यवहार की एकरूपता पर प्रकाश डाला l कार्यक्रम के संयोजक तथा विभागाध्यक्ष डॉ रसिकेश ने कार्यक्रम के विषयवस्तु का विषय प्रवर्तन करते हुए छात्र हित इसकी महत्ता को इंगित किया I सह संयोजक डॉ अनुपम कुमार ने अंत में कार्यक्रम के सारांश को प्रस्तुत किया I सह संयोजक डॉ अभिनव श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में आये हुए सभी अथितियों को धन्यवाद ज्ञापित किया I कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक डॉ अजय द्विवेदी, डॉ. आशुतोष कुमार सिंह,  डॉ मनोज मिश्र, डॉ. राज कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौड़ डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. अबू सालेह, डॉ आंजनेय गुप्ता,डॉ वी डी शर्मा , डॉ परमेन्द्र विक्रम सिंह , अलका सिंह , प्रियम सेठ आदि के साथ विभिन्न विभागों के छात्र छात्राओं के साथ उत्साह पूर्वक भाग लिया I कार्यक्रम में  दून विश्वविद्यालय, देहरादून से डॉ. एच सी पुरोहित जी के साथ देश के विभिन्न के क्षेत्रों से सम्मनित गणमान्य लोग में पुरे कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे lकार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ कमलेश मौर्या ने संचालन किया।