Saturday 30 January 2021

महात्मा गांधी की प्रतिमा पर कुलपति ने अर्पित किया श्रद्धा सुमन

                                               शहीदों की स्मृति में पीयू में हुई शोकसभा

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की स्मृति में विश्वविद्यालय परिवार ने मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने शोकसभा का आयोजन किया। इसके बाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर गांधी वाटिका में गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी, संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक गण समेत कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद थे। 

Friday 29 January 2021

विद्यार्थियों और शिक्षकों के प्रेरणास्त्रोत थे रज्जू भैय्या: प्रो. कुशवाहा


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैय्या भौतिकीय संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में शुक्रवार को रज्जू भैया की जयंती पर रज्जू भैय्या स्मृति व्याख्यानमाला-2  का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति  प्रो. सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कहा रज्जू भैय्या विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत थे। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी रज्जू भैय्या बने |  वह सहज, सरल और सबके लिए सुलभ थे, विद्यार्थी उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। विशिष्ट अतिथि पीयू के पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव ने कहा कि संबंध अगर मजबूत है तो दुनिया का हर असंभव काम संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि मेरी सारी दिनचर्या संबंधों पर ही आधारित था। उन्होंने कहा कि रज्जू भैय्या मितव्ययी, नियम के कठोर और सादा जीवन वाले थे,आज हर व्यक्ति को रज्जू भैय्या के जीवन से सीख लेनी चाहिए।

विशिष्ट अतिथि नेहरू युवा केंद्र संगठन युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार श्री शतरूद्र प्रताप सिंह ने कहा कि रज्जू भैय्या ने देश के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया, वह सहजता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने कहा कि रज्जू भैय्या का मानना था कि देश तभी सही दिशा में जाएगा जब इसका नेतृत्व शिक्षक और विद्यार्थी करें। विश्वविद्यालय की संरक्षक प्रो.निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि संगठन हो या परिवार अगर विचार अच्छे हो तो वह लम्बे समय तक चलता है। उन्होंने रज्जू भैय्या पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व सबको साथ लेकर चलने वाला था, इसलिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग के पूर्व  विभागाध्यक्ष एवं सारस्वत अतिथि प्रो. बालकृष्ण अग्रवाल का संदेश प्रो. देवराज सिंह ने पढ़ा।प्रो. रज्जू भैय्या के भानजे प्रो.आर एन सिंह ने उनके व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विषय प्रवर्तन इंजीनियरिंग संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो.बी बी तिवारी ने किया। विद्यार्थी अंशिका सिंह की देशभक्ति की गीत से ओतप्रोत होकर प्रो.राजाराम‌ ने उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की। साथ ही कहा कि मैं तुम्हें सुब्बालक्ष्मी की तरह देखना चाहता हूं। समारोह का संचालन डॉ. नीतेश जायसवाल और आभार साइंटिस्ट  डॉ  धीरेन्द्र चौधरी ने किया।

इस अवसर पर प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.विजय कुमार सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो.बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, एनएसएस समन्वयक डॉ. राकेश यादव, डॉ.राजकुमार, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ गिरधर मिश्र, मनीष गुप्ता, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ पुनीत धवन, डॉ.रजनीश भास्कर, डॉ.सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर,  डॉ प्रमोद कुमार, सुश्री अन्नु त्यागी, डॉ. आलोक दास आदि उपस्थित थे।

Thursday 28 January 2021

स्मृतियों में नारी विमर्श पुस्तक का हुआ लोकार्पण

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान के विशेश्ववरैया सभागार में गुरुवार को विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. महेंद्र प्रताप यादव की पुस्तक 'स्मृतियों में नारी विमर्श' (हिंदू विधि के आलोक में) का लोकार्पण समारोह मनाया गया। इस अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवम रांची वि वि के पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ) सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा ने वैदिक काल से लेकर वर्तमान समय तक के नारियों के योगदान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर चर्चा करते हुए कहा विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम इंडस्ट्री पर आधारित होने चाहिए तभी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने गुणवत्तापरक शिक्षा के विद्यार्थियों और शिक्षकों को टिप्स दिए। पूर्व  प्राचार्य डॉ. मनराज यादव ने महिला विमर्श पर विस्तार से चर्चा की।

विशिष्ट अतिथि कांशी हिंदू विश्वविद्यालय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विभा त्रिपाठी ने कहा कि स्त्रियां मंत्रदृष्टा थी समय के साथ परिवर्तन आया मगर उनकी स्थिति में कोई ठहराव नहीं आया। उन्होंने कहा कि महिलायें  घर के दहलीज से निकलकर पति, बेटे , समाज और विश्व के प्रबंधन को तैयार हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय विधि विभाग की प्रो. विभा त्रिपाठी ने महिलाओं के संपत्ति के अधिकार पर विस्तार से चर्चा की । उन्होंने  कहा कि अतीत में भी स्त्रियों में चंद नाम थे और अब सरकारी सुविधा के बाद भी वही स्थिति है। उन्होंने पुस्तक के बारे में कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें नारी जगत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का विस्तृत विवरण है। अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने शास्त्रों का वर्णन करते हुए कहा कि नारी के बिना पुरुष अधूरा है, सत्यम शिवम सुंदरम इसे परिभाषित करता है। सामाजिक दृष्टि से पिता के लोक यश का अधिकार पुत्र को ही था, अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने कहा की नारी का सौन्दर्य इस पुस्तक में दिखाई दे रहा है, वास्तव में नारी विमर्श के लिए यह पुस्तक बहुत लाभकारी होगी। संकायाध्यक्ष प्रो.बीबी तिवारी ने स्वागत भाषण किया। संचालन डॉ. संतोष कुमार ने आभार डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो.बी डी शर्मा, प्रो.वंदना राय, प्रो.ए के श्रीवास्तव, प्रो.देवराज सिंह, डॉ.संतोष कुमार, डॉ.राज कुमार, डॉ.प्रमोद यादव, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ मनोज मिश्र, डॉ  रजनीश भास्कर, डॉ. नुपुर तिवारी, एनएसएस समन्वयक डॉ. राकेश यादव, डा. रवि प्रकाश, करुणा निराला, डॉ. प्रमिला यादव आदि मौजूद थे।


Tuesday 26 January 2021

पीयू में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह

छात्राओं ने देश भक्ति के गीत प्रस्तुत किये 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मंगलवार को गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सरस्वती सदन में कुलपति  प्रो.निर्मला एस. मौर्य ने ध्वजारोहण किया।समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि हम जिस संस्था या क्षेत्र में कार्य करते हैं वहां आदर्श के साथ-साथ यथार्थ का पालन करके उस परिवेश का माहौल खुशमय बना सकते हैं। आदर्श और यथार्थ का सामंजस्य ही राष्ट्र निर्माण में सहायक होता है और हमारा यही कार्य देश के प्रति सच्ची भक्ति की मिसाल प्रस्तुत करता है। कुलपति जी ने वीर बहादुर सिंह, महात्मा गांधी एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इससे  पूर्व कुलपति को गार्ड आफ आनर दिया गया। समारोह में विश्वविद्यालय की छात्राओं ने देशभक्ति के गीत प्रस्तुत किए।
समारोह का संचालन अशोक सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक श्री व्यास नारायण सिंह, प्रो. मानस पांडेय, प्रो.वंदना राय, प्रो .अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो.अजय प्रताप सिंह, प्रो. रामनारायण, प्रो.बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ.मनीष कुमार  गुप्ता, डॉ राकेश यादव, डॉ. प्रमोद यादव,  डॉ सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी सिंह, जाह्नवी श्रीवास्तव, करुणा निराला, रामजी सिंह, अमलदार यादव, स्वतंत्र कुमार समेत सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद थे।

Saturday 23 January 2021

पराक्रम दिवस के रूप में मनी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

                                           नेताजी के पद चिन्हों पर चलें युवा - कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर शनिवार को रोवर्स रेंजर्स परिसर में नेताजी की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि नेता जी के आदर्शों को आत्मत्सात कर राष्ट्र निर्माण में युवा अपना योगदान दें. उन्होंने कहा  कि नेता जी का मानना था कि एक अच्छे सैनिक को सैन्य शिक्षा के साथ अध्यात्म की भी शिक्षा देनी चाहिए ताकि उसका ध्यान अपने लक्ष्य से ना भटके। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिविल सेवा में चयनित होने के बाद भी देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया । उनके पराक्रम और चिंतन में स्वामी विवेकानंद का आदर्श था । आज युवाओं को उनके पद चिन्हों पर चलने की जरूरत है।विश्वविद्यालय रोवर /रेंजर के समन्वयक डॉ.जगदेव ने कहा कि नेताजी आजादी के बाद भी प्रासंगिक थे और अब भी हैं आज उनके पराक्रम से हमें सीख लेना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सफीउज्जमा और धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ.अजय कृष्ण दुबे, डॉ.के. एस.तोमर, लक्ष्मी मौर्य, डॉ. अमरजीत, डॉ.मनोज मिश्र, डॉ.मनीष गुप्ता, डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. झांसी मिश्रा, डॉ. आलोक दास, आरके जैन समेत विद्यार्थी  उपस्थित रहें ।

Monday 18 January 2021

सिर्फ सपने नहीं, काम से मिलती हैं मंजिल: प्रो. साकेत कुशवाहा

उच्च शिक्षा की गुणवत्ता:  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ विषय पर हुआ व्याख्यान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा सोमवार को कुलपति सभागार में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता:  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य वक्ता राजीव गांधी  केंद्रीय विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा ने कहा कि नई शिक्षा नीति व्यक्ति से व्यक्ति का और भारतीयता का भारतीयता से परिचय कराती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सपने देखने से नहीं, काम करने से मिलती हैं मंजिल। हमें संघर्षशील, प्रयत्नशील व्यक्ति का निर्माण करने की प्रक्रिया बनाना होगा मशीन की नहीं यही आज मानव की जरूरत है। उन्होंने पाठ्यक्रम निर्माण के बारे पर भी चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे पाठ्यक्रम बनाये जिससे विद्यार्थियों को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने द्वारा किए जा रहे नई खोजों को पेटेंट कराने के लिए भी  निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए | आज हमारे ज्ञान को दूसरे लोग पेटेंट करा कर उसका लाभ ले रहे हैं। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। व्यक्ति के कार्य से ही उसकी पहचान बनती है निरंतर विद्यार्थियों के हित में कार्य करते रहना चाहिए। इस अवसर पर प्रो. साकेत कुशवाहा को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक प्रो. मानस पांडेय ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आलोक सिंह ने  किया। इस अवसर पर प्रो. अशोक कुमार  श्रीवास्तव, प्रो वंदना राय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो.बी डी शर्मा प्रो राम नारायण, प्रो देवराज, डॉ मनोज मिश्र, डॉ विजय सिंह,  डॉ .राज कुमार,डॉ संदीप सिंह, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ राकेश यादव, डॉ नूपुर तिवारी, डॉ संतोष कुमार, डॉ मुराद अली, डॉ रजनीश भास्कर,डॉ प्रमोद यादव,डॉ आलोक सिंह, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ विजय तिवारी, डॉ संजीव गंगवार, डॉ के एस तोमर, डॉ रसिकेश, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ श्याम कन्हैया, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ मंगला प्रसाद यादव,डॉ.धर्मेंद्र सिंह, करुणा निराला समेत अन्य शिक्षक एवं अधिकारी मौजूद रहे। 

Friday 15 January 2021

यूपीएसईई की जगह जेईई कराएगी परीक्षा

इंजीनियरिंग आर्किटेक्चर और फार्मेसी इत्यादि पाठ्यक्रम की 2020-21 सत्र में प्रवेश, राज्य प्रवेश परीक्षा के स्थान पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित जेईई के माध्यम से कराया जाएगा। इस सत्र से तकनीकी पाठ्यक्रमों में विश्वविद्यालयों के माध्यम से यह सूचनाएं भेजी गई है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश‌ लखनऊ से संबद्ध संस्थानों में संचालित विभिन्न अभियंत्रण एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु प्रवेश परीक्षा जेईई (मुख्य) प्रवेश परीक्षा, 2021 के माध्यम से आयोजित की जा रही है। जेईई प्रवेश परीक्षा 2021 के आवेदन फार्म jeemain.nta.nic.in की वेबसाइट पर उपलब्ध है। जेईई प्रवेश परीक्षा के आवेदन फार्म की अंतिम तिथि 16 जनवरी 2021 और शुल्क जमा करने की तिथि 17 जनवरी 2021 है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ से संबद्ध संस्थानों में संचालित बीटेक/बीआर्क/ एमटेक इंटीग्रेटेड कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई प्रवेश परीक्षा के माध्यम से आवेदन करना होगा। जेईई  प्रवेश परीक्षा 2021 में चार बार आयोजित की जायेगी। इसका प्रथम सत्र फरवरी द्वितीय सत्र मार्च तृतीय सत्र अप्रैल और चौथा सत्र मई में होगा। 

Wednesday 13 January 2021

कुलपति ने वितरित किया इसरो पाठ्यक्रम का प्रमाणपत्र

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने बुधवार को विश्वविद्यालय में संचालित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के  ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के प्रमाण पत्रों का वितरण किया। हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के देहरादून स्थित भारतीय रिमोट सेंसिंग संस्थान ने अपने आउटरीच प्रोग्राम के अन्तर्गत ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिए पूर्वांचल विश्वविद्यालय के भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग को नोडल केंद्र के रूप में सम्मिलित किया था। विश्वविद्यालय में इसरो-आईआईआरएस आउटरीच प्रोग्राम के समन्वयक डॉ. श्रवण कुमार ने बताया कि अभी तक विश्वविद्यालय द्वारा पांच से अधिक ऑनलाइन कोर्सों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा चुका है, जिसमें विश्वविद्यालय एवं संबंधित कॉलेजों के करीब 40 छात्रों ने प्रतिभाग किया एवं ऑनलाइन परीक्षा के उपरांत 10 छात्र उत्तीर्ण पाये गये जिनके प्रमाण पत्रों का वितरण कुलपति जी के द्वारा किया गया। इसरो के प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले वाले छात्रों एवं डॉ. श्रवण कुमार को कुलपति ने शुभकामनाएं दी और कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के लिये इस तरह के शैक्षणिक  कार्यक्रम होते रहने चाहिए ताकि हमारे छात्रों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक प्रदर्शन के अवसर प्राप्त हो सके। इन पाठ्यक्रमों के सकुशल संचालन करने के लिए इसरो ने विश्वविद्यालय को तीन प्रशस्ति पत्र भी जारी किये | प्रोग्राम समन्वयक डॉ. कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के छात्र / वैज्ञानिक कर्मचारी / शोधकर्ता भाग ले सकते हैं । वर्तमान में ऑनलाइन पाठ्यक्रम जैसे कि "जियो-प्रोसेसिंग अवलोकन में पाइथन प्रोग्रामिंग का उपयोग" आदि कोर्सों  के लिए छात्र IIRS आउटरीच प्रोग्राम के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को चुन कर आवेदन कर सकते हैं

Tuesday 12 January 2021

मानवता विश्व का सबसे बड़ा धर्म : प्रो राकेश उपाध्याय


विश्वविद्यालय स्थित प्रो. रज्जू भैय्या संस्थान में विवेकानंद की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद: जीवन और दर्शन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को ऑनलाइन  सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. राकेश उपाध्याय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत के अध्यात्म व दर्शन से पश्चिम व पूरे विश्व को परिचित कराया। मानवता विश्व का सबसे बड़ा धर्म है। बिना मानव कल्याण के विश्व कल्याण की परिकल्पना नहीं की जा सकती है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो. अजय द्विवेदी ने कहा कि विवेकानंद के शिकागो उद्बोधन ने विश्व को एक नई दिशा दी। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डॉ राकेश यादव ने स्वामी विवेकानंद ने भारत भारतीय सभ्यता व संस्कृति को आगे बढ़ाया। डॉ. राजकुमार ने युवाओं को प्रेरित करते हुए स्वामी विवेकानंद के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। अवसर पर निबंध, प्रश्नोत्तरी तथा संभाषण के प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया। निबंध प्रतियोगिता श्वेता यादव व वरुण पांडेय, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता सचिन कुमार यादव तथा संभाषण प्रतियोगिता में प्रियांशी यादव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ देवराज सिंह डॉ. नीरज अवस्थी,  डॉ.मनीष गुप्त, डॉ.सुनील कुमार, अजीत सिंह डॉ.नीतेश जायसवाल, डॉ. शशिकांत, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ इन्द्रेश  व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया

 विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह मनाया गया।  वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।

प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद  ने भारतीय संस्कृति से पूरे विश्व को परिचित कराया था। अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने वेदांत के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में जन-जन तक पहुंचाया था। राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकीय अध्ययन एवं शोध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने कहा कि स्वामी जी की बातें अगर हम आत्मसात करें तो निश्चित तौर पर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

अध्यक्षीय संबोधन में विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय के मानद पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. मानस पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय का नाम स्वामी जी ने नाम पर रखा गया है यह निरंतर युवाओं को ऊर्जा प्रदान करता है।कार्यक्रम का संचालन डॉ विद्युत मल ने किया।इस अवसर पर विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय परिसर में स्थापित स्वामी जी की प्रतिमा पर शिक्षकों विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने पुष्प अर्पित कर नमन किया।इस अवसर पर प्रो. एके श्रीवास्तव , प्रोफेसर बीडी शर्मा,प्रोफेसर राम नारायण, डॉ रसिकेश, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ अमित वत्स, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ श्याम कन्हैया,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह, डॉ मनोज पांडे, डॉ आलोक दास, डॉ धर्मेंद्र सिंह, डॉ दूजेन्दु उपाध्याय, डॉ इंद्रेश गंगवार समेत शिक्षक, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।


Thursday 7 January 2021

पीयू से सम्बद्ध महाविद्यालयों में परीक्षा फार्म भरने की तिथि 27 तक बढ़ी

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के संस्थागत भूतपूर्व  /कैरी फॉरवर्ड/ B.Ed / M.Ed/  बीपीएड / बीएससी कृषि  एवं एमएससी कृषि तृतीय सेमेस्टर सत्र 2019 से 21 तथा एलएलबी,  बीबीए, बीसीए प्रथम  तृतीय एवं पांचवे सेमेस्टर की परीक्षाओं हेतु ऑनलाइन आवेदन फार्म भरे जाने की तिथि  7 जनवरी से 27 जनवरी तक रहेगी  l विलंब शुल्क के साथ ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने, सत्यापन संशोधन  एवं ऑनलाइन किए गए आवेदन पत्रों को महाविद्यालयों  द्वारा समस्त शुल्क  2 फरवरी तक लॉग इन  से ऑनलाइन विश्वविद्यालय के खाते में जमा करने की तिथि 28 जनवरी से 2 फरवरी 2021 तक रहेगी l विश्वविद्यालय में परीक्षा फार्म की हार्ड कॉपी, नामांकन पत्र एवं शुल्क सत्यापन करने की तिथि 3 फरवरी से 8 फरवरी तक रहेगी l विस्तृत जानकारी के लिए अभ्यर्थी  विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं l यह निर्णय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने विद्यार्थियों की मांग पर लिया है। इसकी जानकारी परीक्षा नियंत्रक श्री वी.एन.सिंह ने दी है।