Wednesday, 29 October 2025

शोधार्थियों को मिलेगा प्रशिक्षण और आर्थिक सहयोग


शोध और नवाचार को बढ़ावा देगी डीएसटीपर्स परियोजना

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की “डीएसटीपर्स” परियोजना की प्रगति समीक्षा बैठक कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में कुलपति सभागार में आयोजित हुई। बैठक में कुलपति ने दिसंबर 2025 तक सभी स्वीकृत उपकरणों और रसायनों की खरीद प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि परियोजना के वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (एसएसआर) के तहत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के 10 शोधार्थियों को शोध उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों को उनके शोध कार्य हेतु पाँच हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त दो परास्नातक छात्रों को डिज़र्टेशन कार्य में सहयोग देने, 20 छात्रों को दो हजार रुपये तक की सहायता और पाँच छात्रों को स्टार्टअप या औद्योगिक सहयोग के अंतर्गत कृषि उत्पादों से जुड़े लघु उपकरणों के डिज़ाइन हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने की घोषणा की गई।

परियोजना समन्वयक डॉ. धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि डीएसटी द्वारा परियोजना की प्रथम वर्ष की धनराशि 22 मई 2025 को जारी की गई थी। परियोजना से जुड़ी टीम ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उच्च दक्षता वाले सोलर सेल का सफल प्रदर्शन किया हैजबकि हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में जल अपघटन तकनीक से हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई है। ऊर्जा संचयन हेतु उच्च धारिता वाले सुपर कैपेसिटर और पर्यावरणअनुकूल हरित स्नेहक का विकास भी किया गया है। अब तक 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैंजबकि 18 शोध पत्र प्रकाशनार्थ भेजे गए हैं। बैठक में आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रोजेक्ट सह-समन्वयक डॉ. काजल डेडॉ. पुनीत धवनडॉ. रमांशु सिंहडॉ. आलोक वर्माडॉ. सुजीत चौरसियाडॉ. दिनेश वर्माडॉ. अजीत सिंह और डॉ. मिथिलेश यादव आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे।

Saturday, 18 October 2025

ज्ञान का दीप ही सच्चे प्रकाश का स्रोतः डॉ. रसिकेश

दीप का उत्सव ही दीपावली का सारः अनमोल साहू
एच.आर.डी. विभाग में ‘जगमग 2025’ दीपोत्सव का आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के मानव संसाधन विकास (एच.आर.डी.) विभाग में दीपावली के अवसर पर ‘जगमग 2025’ दीपोत्सव का शुक्रवार को आयोजन किया गया। 
मुख्य अतिथि संगीतकार अनमोल साहू ने “एकता और सहयोग” को प्रगति का मंत्र बताते हुए अपने ‘द पैसेंजर’ बैंड की प्रस्तुति से कार्यक्रम में उत्साह का संचार किया। उन्होंने कहा कि दीप का उत्सव ही दीपावली का सार है। अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. रसिकेश ने कहा कि दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्म-विकास और सृजनशीलता का उत्सव है। उन्होंने गोपालदास ‘नीरज’ की प्रसिद्ध पंक्तियों के साथ मानव को “दीप की तरह प्रकाशवान बनने” का आह्वान किया। कहा कि ज्ञान का दीप ही सच्चे प्रकाश को स्रोद होता है। इसी कहा गया है ज्ञानोदीपो भवः। शिक्षक अनुपम कुमार ने कहा कि जिस प्रकार हम दीपावली पर घर की सफाई करते हैं, वैसे ही हमें अपने अंतर्मन को भी नकारात्मक भावनाओं से शुद्ध करना चाहिए। डॉ. प्रवीण मिश्र ने छात्रों से समाज के उत्थान हेतु अपने ज्ञान को सार्थक दिशा में लगाने का संदेश दिया।
प्रथम प्रस्तुति में अनु पांडेय, अमृता सिंह, खुशी सिंह और संजना मिश्र की गणेश वंदना ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। पद्मजाश्री ने दीपोत्सव के महत्व पर प्रभावशाली में अंग्रेजी भाषण दिया, जबकि अनुराग तिवारी ने दीपावली के सामाजिक और सांस्कृतिक पक्ष पर हिंदी में विचार व्यक्त किया। पूजा साहू ने भारतीय सेना पर आधारित भावपूर्ण कविता प्रस्तुत की और श्रेया सिंह एवं साथियों ने भजन गायन से वातावरण को सुरमय बनाया। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संगीतकार अनमोल साहू, विभागाध्यक्ष डॉ. रसिकेश, अनुपम कुमार और डॉ. प्रवीण मिश्र द्वारा भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। धन्यवाद ज्ञापन आस्था सिंह ने दिया तथा कार्यक्रम का सफल संचालन श्रेया सिंह और कुणाल मिश्र ने किया। समन्वय का कार्य शचि सिंह ने निभाया। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थी और शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास ,पहली बार क्यूएस रैंकिंग में मिला स्थान

पीयू परिवार की सामूहिक मेहनत, समर्पण का परिणामः प्रो. वंदना सिंह

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर ने अपनी शैक्षणिक यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। विश्वविद्यालय को पहली बार विश्व-प्रतिष्ठित क्यूएस (QS) रैंकिंग प्रणाली में स्थान प्राप्त हुआ है। दक्षिण एशिया की रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने 397वाँ स्थान हासिल किया हैजबकि एशिया स्तरीय रैंकिंग में यह 1200-1400 बैंड में शामिल हुआ है।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता पूरे विश्वविद्यालय परिवार की सामूहिक मेहनतसमर्पण और उत्कृष्ट शैक्षणिक दृष्टिकोण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के शिक्षकोंशोधार्थियोंकर्मचारियों और छात्रों की एकजुट मेहनत का परिणाम है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम गुणवत्तानवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के मानकों पर स्वयं को और मजबूत करें।

विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में शिक्षणअनुसंधान और नवाचार को नई दिशा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें नई अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापनाअंतरराष्ट्रीय शोध परियोजनाओं में भागीदारीउद्योगों के साथ सहयोग और गुणवत्ता आधारित प्रकाशनों को प्रोत्साहन प्रमुख हैं। सतत ऊर्जास्वास्थ्य विज्ञानसामाजिक विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय योगदान दिया है।

यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात हैबल्कि संपूर्ण पूर्वांचल क्षेत्र के लिए भी प्रेरणादायक है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अनुसंधान गुणवत्ता के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि आने वाली रैंकिंग में स्थिति और सुदृढ़ हो।