Saturday 23 October 2021

बेटी पैदा होने पर ढोल बजाकर स्वागत करें : कुलपति

पीयू में समूह की महिलाओं की हुई गोद भराई

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शनिवार को महिला अध्ययन केंद्र  द्वारा गर्भ संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें  समूह की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई कराई गई।

इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि गर्भ में बच्चों की देखरेख मातृशक्ति जिस भाव से करती हैं वह सबसे कठिन कार्य है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं गर्भवती हो तो उन्हें पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। मुख्य रूप से उन्हें हरी साग सब्जी का सेवन करना चाहिए। जैसा खाएंगे अन्न वैसा होगा मन की कहावत चरितार्थ है। उन्होंने कहा कि जिस मां को बेटी हो वह उनका स्वागत ढोल बजाकर करें।इंजीनियरिंग संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बीबी तिवारी ने महिलाओं को शुभ आशीष दिया कहा कि मां की जगह कोई नहीं ले सकता।कार्यक्रम में शशिकांत त्रिपाठी एवं त्रिभुवन पांडेय ने वैदिक रीति से गर्भवती महिलाओं का गर्भ संस्कार पूर्ण कराया। उन्होंने संस्कार के मंत्रों का पाठ कर लोगों को संकल्प दिलाया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने किया।इस अवसर पर प्रो देवराज सिंह, डॉ मनोज मिश्र, एनएसएस समन्वयक डॉ राकेश कुमार यादव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार,डॉ विनय वर्मा, शशिकांत यादव, डा धीरेन्द्र चौधरी, अन्नू त्यागी, डॉ. झांसी मिश्रा, डॉ.पूजा सक्सेना डॉ जया शुक्ला आदि शामिल थीं।

Friday 22 October 2021

कोडिंग डिकोडिंग की व्यवस्था भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनी: कुलपति

विद्यार्थियों से गुमराह नहीं होने की अपील


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि मूल्यांकन में गड़बड़ी रोकने के लिए कोडिंग और डिकोडिंग की नई व्यवस्था की गई है। यह प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय मूल्यांकन व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में कुछ दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थी कोडिंग डिकोडिंग की नई व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन से लेकर अंक पत्र बनाने तक की व्यवस्था में किसी प्रकार की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को  रोकने के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है । इस पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को लगता है कि उनके अंकपत्र में गड़बड़ी हुई है वह चुनौती मूल्यांकन करा सकते हैं। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखकर श्रेणी सुधार की परीक्षा भी शीघ्र कराने पर विचार कर रहा है। कुलपति प्रोफेसर मौर्य ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के हित के लिए है और किसी भी प्रकार उनका अहित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ छात्र संगठन एवं अन्य लोग उन्हें गुमराह करके विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन के लिए ला रहे हैं जो कि गलत है और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है । उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की है कि  उनकी जो भी समस्या हो वह अपने महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से भिजवायें। विश्वविद्यालय प्राथमिकता के आधार पर उसका समाधान करेगा।

Tuesday 12 October 2021

बेटी को जन्म देने वाली माताओं का किया गया सम्मान

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर मिशन शक्ति ने की पहल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य के निर्देश पर अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मिशन शक्ति की समन्वयक डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव के नेतृत्व में जिला महिला चिकित्सालय जौनपुर में उन माताओं को पुष्प,सेनिटरी पैड और मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया जिन्होंने बेटियों को जन्म दिया था। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ राकेश कुमार यादव ने माताओं को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के साथ -साथ सुकन्या समृद्धि योजना सहित महिलाओं के कल्याण के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। रागिनी यादव, रंजना, रुखसार, शिवानी, मंजू आदि माताओं ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को ध्यानपूर्वक सुना।इस अवसर पर डॉ पूजा सक्सेना, डॉ वनिता सिंह, डॉ प्रियंका, डॉ पूनम एवं श्रीमती उर्वशी ,निरुपमा सिंह आदि मिशन शक्ति की पूरी टीम उपस्थित रही।

Monday 11 October 2021

मोबाइल फ्राड से बचने की जानकारी दी गई


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान के विश्वेश्वरैया हाल में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सोमवार को दूरसंचार जन जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला उमानाथ सिंह इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और भारत सरकार के दूरसंचार विभाग उत्तर प्रदेश पूर्व लखनऊ की ओर से आयोजित किया गया। 

इस मौके पर मुख्य वक्ता डायरेक्टर  दूरसंचार विभाग उत्तर प्रदेश (ईस्ट ) श्री नीतीश कटारिया  ने मोबाइल फ्रॉड से बचने के जानकारी के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि मोबाइल रेडिएशन का मानव शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । इसी क्रम में असिस्टेंट डायरेक्टर, दूरसंचार विभाग लखनऊ श्री देवांशु शुक्ला ने कहा कि कैसे मोबाइल उपभोक्ता अनचाहे कॉल से बचे । उन्होंने बताया कि उपभोक्ता 1909 पर एसएमएस करके अनचाहे कॉल से छुटकारा पा सकता है । एडिशनल डायरेक्टर ,दूरसंचार विभाग श्री रविन्द्र वर्मा ने बताया कि अंतराष्ट्रीय अवैध कॉल से दूरसंचार विभाग को करोड़ों के राजस्व हानि का सामना करना पड़ता है। इन्होंने साइबर स्वच्छ केंद्र के बारे में कहा कि इसके माध्यम से हम अपने मोबाइल टूल्स में मौजूद वायरस को हटा सकते है । कार्यक्रम में एडिशनल डायरेक्टर दूरसंचार विभाग लखनऊ श्री प्रसून चंद्र, ने बताया की मोबाइल उपकरण से निकले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का हमारे शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। श्री आर पी सिंह , ज्वाइंट डायरेक्टर,दूरसंचार विभाग ,लखनऊ ने  सरकार की पीएम वानी योजना के बारे में विस्तार से बताया । इसके बाद बच्चों का क्विज करवाया गया जिसमे उन्होंने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। क्विज सेशन में आंचल सिंह, हर्षवर्धन, स्वर्णिम मिश्र, सत्यार्थ शुक्ला, अम्बुज यादव को क्विज में पुरस्कार दिए गए।

इस कार्यक्रम में दूरसंचार विभाग लखनऊ से आए हुए अतिथियों का स्वागत डीन इंजीनियरिंग संकाय प्रो बी बी तिवारी  ने किया। उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला उपभोक्ताओं के लिए काफी लाभदायक और उपयोगी है। इसमें मोबाइल से संबंधित अन्य पहलुओं पर चर्चा की गई जिसकी जानकारी पूर्व में सभी उपभोक्ताओं के पास नहीं थी।

अंत में डा रवि प्रकाश ने धन्यवाद दिया।

इस मौके पर श्री प्रवीण सिंह, श्री शैलेश प्रजापति,श्री रीतेश बरनवाल, सुश्री पूनम सोनकर, श्री दीपक सिंह, श्री पी सी यादव,श्री सुधीर सिंह,श्री प्रीति शर्मा,श्री अजय मौर्य,श्री तुषार श्रीवास्तव, श्रीमती ज्योति सिंह, डा अनीश अंसारी  आदि विभाग के अन्य शिक्षक मौजूद रहे ।

Friday 8 October 2021

कार्यशाला का आयोजन

 


गोबर से निर्मित उत्पादों को विश्वविद्यालय उपलब्ध कराएगा बाजार- कुलपति

महिलाओं के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

गऊ, पर्यावरण संरक्षण एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को महिला अध्ययन केंद्र एवं कौशल विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में   पांच दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
विश्वविद्यालय के कौशल विकास केंद्र में महिलाओं के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने कहा कि गाय हमारी संस्कृति से जुड़ी है। गाय गाय का दूध, घी और दही अमृत है। सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य बिना पंचगव्य के नहीं होता। गाय के गोबर से बने दीपक वातावरण को शुद्ध करेंगे एवं बहुत सारी बीमारियों से निजात मिलेगी। विश्वविद्यालय महिलाओं द्वारा गाय के गोबर से निर्मित किए गए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में हर स्तर पर मदद करेगा।

प्रशिक्षिका रीना तिवारी ने कहा कि अगरबत्ती जलाने से प्रदूषण होता है क्योंकि उसमें बांस की लकड़ी का प्रयोग होता है जबकि गोबर से निर्मित उत्पाद पर्यावरण के लिए नुकसानदायक नहीं होते। महिलाओं को गाय के गोबर से दीप,धूपबत्ती, दशांग, मूर्ति, एंटी रेडिएशन चिप बनाने का प्रशिक्षण भी दिया।
कुलसचिव महेंद्र कुमार में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण महिलाओं को आर्थिक संपन्नता देगा।
कार्यक्रम संयोजक महिला अध्ययन केंद्र के प्रभारी डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर आचार्य विक्रम देव, डॉ मनोज मिश्र,सहायक कुलसचिव दीपक सिंह, डॉ के एस तोमर, डॉ झांसी मिश्रा, डॉ विनय मौर्य डॉ विजय प्रताप तिवारी डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डॉ प्रमोद कुमार अनंग, संतोष कुमार यादव, राजेंद्र गुप्ता, अभिषेक यादव समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

Thursday 7 October 2021

समुद्र विज्ञान में शोध के असीमित अवसर: प्रो सिंह*

मानसून नियंत्रण का केंद्र है हिन्द महासागर : प्रो. सुनील कुमार सिंह

विश्वविद्यालय एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह भौतिकी अध्ययन संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में गुरुवार को समुद्र विज्ञान में अनुसंधान के अवसर विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।यह आयोजन भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग, आंतरिक गुणवत्ता एवं सुन्नचयन प्रकोष्ठ तथा अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान गोवा के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था जीडीपी में समुद्र क्षेत्र का चार प्रतिशत योगदान है। उन्होंने बताया कि 50% ऑक्सीजन समुद्र द्वारा उत्पादित होता है। उन्होंने ओसियन बायोलॉजिकल पंप पर अपनी बात रखते हुए कहा कि वातावरण से CO2 की मात्रा को कम करने में समुद्र का बड़ा योगदान है। समुद्र वातावरण की तुलना में 50 गुना ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं। मौसम परिवर्तन में समुन्द्र का बड़ा योगदान है।  उन्होंने रामसेतु पर वैज्ञानिक द्वारा प्रारंभ किए जा रहे शोध पर भी अपनी बात रखी उन्होंने कहा शीघ्र ही इसकी प्रकृति एवं उसके निर्माण की उम्र की प्रमाणिक वैज्ञानिक जानकारी  दी जाएगी।

प्रो सिंह ने कहा कि परिवहन के लिए समुंद्र एक सरल और सस्ता माध्यम बना है। जिससे व्यापार में काफी सुगमता आई है। उन्होंने कहा कि समुद्र में पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों से औषधियों के निर्माण में काफी सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि समुंद्र विज्ञान में शोध की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में बायोलॉजी, केमिस्ट्री, ज्योग्राफी, फिजिक्स के विद्यार्थी भी अपना भविष्य देख सकते हैं। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे शोधों पर विस्तार पूर्वक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि शोध का ही नतीजा रहा है कि समुंद्र के अंदर डूबे जहाजों को वैज्ञानिक खोज कर निकाल रहे हैं। इसके साथ ही समुद्र में मौजूद विभिन्न पदार्थों को निकालने के लिए भी बड़े स्तर पर शोध कार्य हो रहे हैं। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी विषय के विद्यार्थियों के लिए समुंद्र की जीनोम मैपिंग के अवसर पर भी चर्चा की।

विषय प्रवर्तन विज्ञान संकाय की प्रोफ़ेसर वंदना राय में किया। अतिथि का परिचय कार्यक्रम संयोजक डॉ श्याम कन्हैया सिंह ने प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. मनोज मिश्र ने किया।अतिथियों का स्वागत आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो मानस पांडे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो एके श्रीवास्तव, प्रो राजेश शर्मा, डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरधर मिश्र, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ राजकुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ नीरज अवस्थी, डॉ शशिकांत, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ नीरज अवस्थी, डॉ शशिकांत यादव समेत विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

Sunday 3 October 2021

तपती हुई ज़मीन है जलधार बांटता हूं, पतझड़ के रास्ते पर मैं बहार बांटता हूं




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत 3 अक्टूबर की शाम महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विराट कवि  सम्मलेन  का आयोजन किया गया । कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवियों ने श्रोताओं को अपनी रचनाओं से मंत्रमुग्ध कर दिया। 
यह आयोजन विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जनसंचार विभाग एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के तत्वावधान में किया गया । कवि सम्मेलन का प्रायोजक पंजाब नेशनल बैंक रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव स्थापना दिवस पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। यहाँ से निकले लोग पूरे देश में जिले का मान बढ़ा रहे है। विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहां की जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। उन्होंने देवी गीत प्रस्तुत किया।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने अतिथियों का स्वागत किया। मीरा की पीड़ा मीरा‌ ने ही जानी। जली थी सतत वह... काव्य रचना सुनाई।
कवि सम्मेलन में अलीगढ़ से आये प्रख्यात कवि डॉ विष्णु सक्सेना ने  तपती हुई ज़मीन है जलधार बांटता हूं, पतझड़ के रास्ते पर मैं बहार बांटता हूं, ये आग का है दरिया जीना है बहुत मुश्किल, नफरत के दौर में भी मैं प्यार बांटता हूं.. समेत तमाम रचनाएं प्रस्तुत की।
इंदौर से आई डॉ भुवन मोहिनी ने जय हो शक्ति भगवती अग्निवती मधुमति..सरस्वती वंदना के बाद यहां हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती कविता सुना कर बेटियों का मान बढ़ाया।
प्रयागराज के अखिलेश द्विवेदी ने अपनी हास्य कविताओं से लोगों को खूब ठहाके लगवाएं।
वाराणसी के वरिष्ठ कवि हरिराम द्विवेदी ने  गीत, छंद और मुक्तक की अद्वितीय प्रस्तुति की।  भरतपुर से भगवानदास मकरंद ने ठोको ताली, वाह-वाह करते करते एक दिन क्या पता था ऐसी उठापटक मचाएंगे समेत कई रचनाएं प्रस्तुत की। वाराणसी के अभिनव अरुण हिंदी और उर्दू से मोहब्बत जुबां हिंदुस्तानी बोलता हूँ से जोश भर दिया।
अयोध्या के डॉ श्रवण कुमार ने सुनाया कि कुछ बातें जो बिना कहे ही महसूस की जाती है । कुछ यादें जो सीधे लोगों के दिल में उतर जाती हैं । कुछ रिश्ते जो भीनी खुशबू के झोंकों से होते हैं जिन्हें जिंदगी नाम कोई दे नहीं पाती।
जौनपुर के सभाजीत द्विवेदी ने जब भी हम‌ करे‌ एकता की बात करें। साम्प्रदायिक सौहार्द काव्यपाठ किया। जयपुर के  अशोक चारण ने कवि सम्मेलन का संचालन किया।
प्रखर श्रोताओं के समक्ष अपनी उत्कृष्ट रचनाओं की प्रस्तुति दिया. कार्यक्रम के संयोजक डॉ मनोज मिश्र ने संचालन किया। 
इस अवसर पर पीएनबी मंडल कार्यालय, वाराणसी के मंडल प्रमुख राजेश कुमार, राम बहादुर, वरिष्ठ जेल अधीक्षक एस के पांडेय, वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंता बी एन सिंह, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो वंदना राय, आचार्य विक्रमदेव, प्रो अजय प्रताप सिंह, प्रो अशोक श्रीवास्तव, प्रो देवराज सिंह, डॉ विजय सिंह, डॉ विजय प्रताप तिवारी, डॉ रसिकेश, डॉ राजकुमार, डॉ राकेश कुमार यादव, डॉ संतोष कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ.अवध बिहारी सिंह, डॉ. मनोज पांडेय, डा. प्रमेंद्र विक्रम सिंह, विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी,  विद्यार्थीगण उपस्थित रहें.















Saturday 2 October 2021

गांधी के एकादश व्रत को जीवन में आत्मसात करें : कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के साथ विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर गांधी वाटिका में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया। महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में रामधुन गाया गया।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने कहा गांधीजी के एकादश व्रत को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा धर्म मानव धर्म है। व्यक्ति को सदैव ऐसे कृत करना चाहिए कि सभी के चेहरे पर मुस्कान रहे। उन्होंने कहा कि अजब संयोग है आज चार चार दिवस है । महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस, और अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस। ऐसे में आज के दिन की महत्ता और भी बढ़ जाती है। उन्होंने स्थापना दिवस के अवसर पर स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह को याद करते हुए उन्हें नमन किया।
रामधुन की टीम में रमेश पाल राज नारायण सिंह, जगदंबा मिश्र, सुनील सिंह और रविंद्र तिवारी थे। गांधी वाटिका में कुलपति प्रो निर्मला एस  मौर्य, कुलसचिव महेंद्र कुमार, शिक्षक  समेत विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने माल्यार्पण किया। संचा
लन अशोक सिंह ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, प्रो.बीबी तिवारी, प्रो.वंदना राय, प्रो. देवराज सिंह, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. राजेश शर्मा, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ.रसिकेश, डॉ. प्रमोद यादव, डा सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ मनोज पांडेय, डॉ. अमरेंद्र सिंह, कर्मचारी संघ अध्यक्ष रामजी सिंह और महामंत्री स्वतंत्र कुमार समेत आचार्य, सह आचार्य, सहायक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

सर्वधर्म समभाव सर्वोत्तम दर्शन: कुलपति

गांधीवादी चिंतन की प्रासंगिकता पर रोवर्स रेंजर्स का वेबिनार


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के रोवर्स रेंजर्स इकाई द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में  गांधीवादी चिंतन की प्रासंगिकता" का ऑनलाइन माध्यम से आयोजन किया गया । संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सत्य और अहिंसा के बल पर किसी पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। सर्वधर्म समभाव गांधी जी का सर्वोत्तम दर्शन था । गांधी जी द्वारा बताए गए एकादश व्रत सभी मनुष्य को जीवन में अपनाना चाहिए l बतौर मुख्य अतिथि डॉ पंकज सिंह, सहायक प्राध्यापक, डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश ने अपने उद्बोधन मैं कहा कि  गांधी जी की प्रासंगिकता आज भी है। समग्र ग्रामीण विकास हो और निर्धन से निर्धन व्यक्ति को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। गांधीजी का मानना था कि युवाओं में स्वरोजगार  से ही आर्थिक निर्भरता लाई जा सकती है, जिससे ग्रामीणों का शहर की ओर पलायन रोका जा सकेl  जहां  भागवत गीता और उपनिषदों का प्रभाव उनके विचारों में परिलक्षित होता है वहीं दूसरी ओर वह महावीर और गौतमबुद्ध से भी प्रभावित थे। गांधीजी तकनीकी उपयोग को एक सीमा तक ही उचित मानते थे l वे कहते थे कि पाप से घृणा करो, पापी से नहीं। कार्यक्रम के आयोजन सचिव तथा रोवर्स रेंजर्स के संयोजक डॉक्टर जगदेव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गांधीवादी चिंतन से ही युवाओं में नई ऊर्जा का संचार किया जा सकता है । राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ राकेश यादव ने अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मीता सरल ने किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं तमिलनाडु से लगभग 100 से अधिक प्रतिभागी जुड़ेl इस कार्यक्रम में जनपद के रोवर्स रेंजर्स के संयोजक डॉ  शफी उज्जमा, डॉ अमरजीत, डॉ मनोज कुमार मिश्र, डॉ अजय कुमार दुबे, डॉ रामेश्वर प्रसाद , डॉ  देवराज सिंह, डॉ जाह्नवीू श्रीवास्तव, डॉ हूर तलअत, डॉक्टर आर एन मिश्रा, डॉ चंद्रकांत दत्त शुक्ला, आदि उपस्थित रहे। तकनीकी सहयोग डॉ राजमणि यादव ने प्रदान किया।

स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम ने समां बांधा

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैया संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समारोह में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस .मौर्य ने कहा कि‌ सांस्कृतिक कार्यक्रम में आज जो प्रस्तुतियां हुई है वह विद्यार्थियों की तपस्या की देन है. सभी प्रतिभागियों में  एक अलग कलाकार देखने को मिला है.  विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को तराशने के लिए आने वाले समय में प्रशिक्षण भी देगा।  विश्वविद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय  स्तर पर अपना प्रदर्शन करे विश्वविद्यालय स्तर पर उन्हें सहयोग दिया जायेगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में ‌देश की विभिन्न संस्कृतियों का समागम देखने को मिला। विश्वविद्यालय की‌ छात्र और छात्राओं ने अपने अभिनय नृत्य और संगीत के माध्यम से समा बांधे रखा। वैभव बिन्दुसार से गिटार के साथ प्रस्तुति दी. कार्यकम में एकल नृत्य, भरतनाट्यम, भजन, समूह नृत्य, एकल गान, मूक अभिनय, गढ़वाली नृत्य आदि कार्यक्रम हुए. जिसमें काजल साहू,जागृति   एवं मनीष, ख़ुशबू की टीम, विकास मौर्या, साक्षी सिंह की टीम, ज्योति की टीम, स्नेहा एवं विशाल  की टीम, शेरा और अचल आदि की टीम ने जोरदार प्रस्तुति की.  सचिव डॉ.रशिकेस ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।कार्यक्रम का संचालन अनु त्यागी, डॉ धर्मेंद्र सिंह एवं  धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, प्रो बन्दना राय, सहायक कुलसचिव बबिता, सह संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, प्रमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ जाया शुक्ला, डॉ शशिकांत यादव,प्रदीप कुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ नूपुर तिवारी, डॉ सुशील कुमार, डॉ सुनील कुमार,  डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ श्याम कन्हैया सिंह, डॉ स्वर्ण सिंह, डॉ प्रवीण कुमार, डा. पुनीत धवन, विद्युत मल्ल, डॉ विनय वर्मा, डॉ आलोक दास आदि उपस्थित थे।