Wednesday 28 February 2024

भारतीय समृद्धि के लिए स्वदेशी तकनीक का विकास जरूरीः प्रो. वंदना सिंह

भारतीय समृद्धि के लिए स्वदेशी तकनीक का विकास जरूरीः प्रो. वंदना सिंह

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक पर हुई संगोष्ठी


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर बुधवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका थीम " विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक " था। यह थीम सामाजिक कल्याण के लिए घरेलू तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देने की देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

इस अवसर पर  विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि भारतीय समृद्धि के लिए स्वदेशी तकनीकी विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वदेशी तकनीकी उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देकर हम अपनी आत्मनिर्भरता को मजबूत कर सकते हैं। स्वदेशी तकनीकी उत्पादन विशेष रूप से अर्थव्यवस्था को मजबूत और स्थिर बनाने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान के बिना हमारी जिंदगी में कुछ नहीं है। साथ ही विकसित भारत का सपना पूरा करने में विज्ञान और तकनीक का महत्वपूर्ण योगदान है। रमन प्रभाव दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो भारत के महान भौतिक वैज्ञानिक, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन की जयंती के साथ-साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इंजीनियरिंग संस्थान के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि रमन प्रभाव समाज के लिए बहुत ही लाभकारी रहा है। उन्होंने सिग्नल के प्रभाव को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि हमें नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश और अनुसंधान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि हम स्वदेशी तकनीकी विकास के क्षेत्र में मजबूत हो सकें। इस अवसर पर साउथ अफ्रीका के डॉ. सुनील चंद्रा ने कहा कि आदित्य एल-1 और एक्सपोजिट ब्रह्मांड को समझने में मदद करेंगे। इससे हमारी तकनीक का विकास होगा।  

इस अवसर पर साउथ कोरिया के डॉ. विवेक शुक्ला ने कहा कि हाइड्रोजन एनर्जी पर विस्तार से प्रकाश डाला कहा कि भविष्य में प्रदूषण रहित ऊर्जा का यह मुख्य स्रोत होगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय में रंगोली, क्विज, क्रिएटिव पोस्टर, निबंध समेत कई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर निबंध में स्मिथ यादव, क्रिएटिव पोस्टर में साइना अफरोज और आशुतोष सिंह, क्विज में निपुण प्रजापति और वैष्णवी सिंह, एक्सटेम्पोर में रश्मि मौर्या, रंगोली में सत्यम साहु, तनिष्क साहु, अमिषा सिंह, आराध्या सिंह प्रथम स्थान पर रहे। स्वागत रज्जू भैय्या संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद यादव और संचालन डॉ. रामांशु प्रभाकर सिंह और विषय प्रवर्तन डॉ. काजल डे ने और धन्यवाद ज्ञापन ड़ॉ. धीरेंद्र चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. गिरधर मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. आलोक कुमार वर्मा, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अनु त्यागी आदि उपस्थित थीं।

 

Monday 26 February 2024

पीयू के छात्रों ने सीएसआईआर नेट परीक्षा में पाई सफलता


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) संस्थान के  रसायन विज्ञान विषय में डा प्रमोद कुमार  के मार्गदर्शन में शोध कर रहे सतीश यादव  और डा दिनेश कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में शोध कर रही मुस्कान साहू ने सीएसआईआर नेट की परीक्षा उत्तीर्ण किया है। ये छात्र राष्ट्रीय स्तर की गेट परीक्षा पहले ही पास कर चुके हैं। अब ये छात्र उच्च शिक्षा के शोध संस्थान/विश्वविद्यालय में शोध कार्य तथा शिक्षण कार्य के लिए योग्य है।

रसायन विज्ञान विभाग के एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र हर्ष प्रताप सिंह का चयन बर्जर पेंट कंपनी संडीला हरदोई उत्तर प्रदेश में हुआ। इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो वंदना सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त की तथा उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं  दी। इस अवसर पर रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार यादव,  रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. प्रमोद कुमार ने कहा छात्रों की इस उपलब्धि से विभाग तथा विश्वविधालय के अन्य छात्र भी मोटिवेटेड  होंगे।

 विश्वविधालय के शिक्षक प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मिथिलेश सिंह प्रो. गिरिधर मिश्रा, डा. अजीत सिंह, डा. नितेश जयसवाल, डा दिनेश कुमार वर्मा, डा. मिथिलेश यादव, डा काजल कुमार डे, डा संदीप कुमार वर्मा, डा सरवन कुमार, डा आशीष वर्मा, डा सुजीत कुमार चौरसिया डा दीपक कुमार मौर्य डा रामांशु प्रभाकर, डा पुनीत धवन डा शशिकांत यादव डा नीरज अवस्थी डा श्याम कन्हैया डा सौरभ कुमार सिंह समेत  अन्य शिक्षको  ने बधाई दी तथा खुशी जाहिर की।


नेशनल पर्यावरण यूथ पार्लियामेंट में रिंशिका दुबे प्रथम स्थान पर

यूजीसी और एबीवीपी के संयुक्त तत्वावधान में हुई प्रतियोगिता


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बीटेक आईटी की छात्रा रिन्सिका दुबे ने नेशनल पर्यावरण यूथ पार्लियामेंट 2024 की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में पूरे देश के 21  विश्वविद्यालयों के छात्र और छात्राओं ने भाग लिया था। यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से विद्यार्थियों को पर्यावरण के संवर्धन के लिए आयोजित की गई थी।

पीयू की ओर से इस प्रतियोगिता को कराने के लिए पर्यावरण विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुधीर उपाध्याय को कुलपति की तरफ से नोडल अधिकारी बनाया गया था।  डॉ. उपाध्याय की देखरेख में पहले विभागवार पर्यावरण विषय में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों का चयन किया गया। चयनित विद्यार्थी राज्यस्तरीय प्रतियोगता में प्रतिभाग किए जिसमें पीयू के छह विद्यार्थी चयनित हुए। चयनित विद्यार्थियों में रिंसीका दुबे, शिवम पांडेय, गोपाल दुबे, अभिनव कीर्ति पाण्डेय, मेधा और यतनदीप दुबे रहे। इसके बाद स्क्रीनिंग के दौरान दो विद्यार्थी रिंसीका दुबे, शिवम पांडेय का चयन नागपुर के लिए हुआ। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने एयर टिकट देकर विद्यार्थी को प्रोत्साहित किया। इसके बाद नागपुर में हुई नेशनल पर्यावरण यूथ पार्लियामेंट प्रतियोगिता में रिंसीका दुबे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने इस प्रक्रिया में सभी चयनित विद्यार्थियों को अपने कार्यालय में बुलाकर बधाई और शुभकामना दी। उन्होंने नोडल अधिकारी डॉ. सुधीर उपाध्याय के मार्गदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इसी तरह विश्वविद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इकाई अध्यक्ष भास्कर उपाध्याय ने चयन प्रक्रिया में पूरा सहयोग किया। साथ ही विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में कैसे प्रतिभाग करें का लगातार टिप्स देते रहे?


 

Thursday 22 February 2024

भारतीय मूल्यों पर आधारित हो शिक्षाः ए. विनोद

शिक्षा में नए विकल्प की जरूरतः डॉ. विवेकानंद उपाध्याय

शिक्षकों के साथ शिक्षा में परिवर्तन प्रक्रिया पर हुआ संवाद


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सहसंयोजक और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा निगरानी समिति के सदस्य ए. विनोद ने गुरुवार को विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ संवाद किया। मुख्य अतिथि ए. विनोद  ने कहा  कि देश की शिक्षा व्यवस्था भारतीय मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए। कहा कि देश को बदलने के लिए समाज को बदलना होगा, इसके लिए शिक्षा व्यवस्था में भी बदलाव कर भारतीयता को लाना होगा। इसी उद्देश्य के साथ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय विचारों को अपनाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है। उनका मानना है कि जब शिक्षा जगत में भारतीयता की सोच होगी तभी देश उन्नति कर सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरु तभी बनेगा जब हम मॉ, मातृभूमि, और मातृभाषा को अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान के लिए नहीं होनी चाहिए। यह तभी पूर्ण होगी जब इसमें मूल्य, कौशल और भारत की ज्ञान परंपरा का समावेश हो। इस अवसर पर न्यास के काशी प्रांत के संयोजक डॉ विवेकानंद उपाध्याय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि हमारे न्यास का लक्ष्य है शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यों और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और समाज को एक सामूहिक और साथी बनाना। हम अपनी पहचान इस बात में ढूंढ रहे हैं कि हम अपने शिक्षा प्रोजेक्ट्स के माध्यम से विभिन्न समुदायों को शिक्षा के महत्व को समझाने, समृद्धि के माध्यम से स्वतंत्रता को बढ़ाने और संस्कृति को समृद्ध बनाने में सहायता कर सकें। कहा कि शिक्षा में नए विकल्प की जरूरत है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ. विनोद जायसवाल ने कहा कि देश की शिक्षा को भारतीय जनमानस के अनुरूप बनाने के लिए हमें चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास, मूल्यपरक शिक्षा के साथ –साथ वैदिक गणित, शिक्षा में स्वायत्तता, तकनीक शिक्षा के साथ-साथ इतिहास शिक्षा की भारतीय दृष्टि पर चिंतन करना होगा। इसके पूर्व रज्जू भैया भौतिकीय शोध संस्थान में निदेशक प्रो. प्रमोद यादव द्वारा सम्मानित किया गया।  इस अवसर पर प्रो. राजकुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, , डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. श्याम कन्हैया, मंगला प्रसाद, डॉ. आलोक दास, डॉ. इंद्रजीत, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, अमित मिश्र, रोशन राय, मणि राय आदि उपस्थित थे।

Monday 19 February 2024

सकारात्मक ज्ञान के लिए करें स्मार्टफोन का प्रयोगः विद्यासागर सोनकर

पीयू में 59 विद्यार्थियों को मिला स्मार्टफोन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के आर्यभट्ट सभागार में मंगलवार को 59 विद्यार्थियों को स्मार्टफोन का वितरण किया गया। वितरण समारोह के मुख्य अतिथि विधान परिषद के उपसभापति विद्यासागर सोनकर और विशिष्ट अतिथि उपजिलाधिकारी प्रज्ञाक्ता त्रिपाठी थीं।

इस अवसर पर विधान परिषद के उपसभापति विद्यासागर सोनकर ने कहा कि डिजीटल युग में विद्यार्थी स्मार्टफोन का प्रयोग सकारात्मक ज्ञान के लिए करें। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी शिक्षा के साथ-साथ संस्कार को भी अपने जीवन में अपनाएं। उन्होंने त्रेता और द्वापर का उदाहरण देते हुए कहा कि अहम और वहम त्यागकर हमेशा बढ़ों से सीख लेने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में अध्यात्म की भी बहुत आवश्यकता है। प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने देश ही नहीं विदेशों में भी अध्यात्म की पताका फहराई है। साथ ही इसे पर्यटन  से जोड़कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। इस अवसर पर दोनों अतिथियों ने स्मार्टफोन पाने वाले विद्यार्थियों का परिचय भी जाना। कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक अजीत सिंह, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वीडी शर्मा, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. सुजीत कुमार, डॉ. अमित वत्स, डॉ श्याम कन्हैया, डॉ. पुनीत धवन आदि ने भाग लिया।  


 

Saturday 17 February 2024

विद्यार्थी डिग्री के साथ-साथ उद्यमी और रोजगारदाता बनें – विक्रम सिंह

देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन तक पहुंचाने में युवा मदद करे- अनुराग पटेल

उद्यम अभिमुखीकरण कार्यक्रम का  हुआ आयोजन 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शनिवार को उद्यम अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ट्रेनिंग प्लेसमेंट सेल और इन्क्यूबेशन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। समारोह में बतौर मुख्य वक्ता उप्र. के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि विद्यार्थी डिग्री के साथ-साथ उद्यमी और रोजगारदाता बनें, यहीं सरकार की मंशा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। कानून- व्यवस्था के सुधरने से प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए भारी संख्या में उद्योगपति आ रहे हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की लाइन लगी है। उन्होंने कहा कि 2024 में दस लाख करोड़ का निवेश हुआ है। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि अगर आपके पास कोई भी आइडिया और इनोवेशन है तो आप रोजगार के मोहताज नहीं रहेंगे। उन्होंने प्रदेश की विकास यात्रा का वर्णन करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को दो करोड़ टैबलेट और स्मार्टफोन दिए गए हैं। विद्यार्थी इसका प्रयोग सकारात्मकता के साथ करें। 55 फीसदी हाइवे और 454 निवेश मित्र समेत कई बड़ी योजनाएं प्रदेश में हैं। इसी के साथ 19 हजार एमओयू साइन हुए हैं, इससे प्रदेश में 35 लाख जॉब आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह साबित करता है कि प्रदेश विकास की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों की प्रगति के लिए फोकस, डेली इम्प्रूवमेंट और टाइम का मंत्र दिया। कहा कि इसे अपनाकर आप हमेशा अपनी प्रगति की राह आसान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राममंदिर और कई धर्म सर्किट ने रोजगार के साधन पैदा किए हैं। उन्होंने टेक्नालॉजी का जिक्र करते हुए कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी एआई ने हर काम को मुमकिन कर दिया है। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्व विभाग के विशेष सचिव अनुराग पटेल ने कहा कि इस कार्यक्रम का प्रमुख मकसद विद्यार्थियों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि आप पढ़- लिखकर सरकारी नौकरी की लालसा रखने की जगह उद्यमी बनकर नौकरीदाता बनें। उन्होंने कहा कि आप लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपने अंदर जज्बा और जुनून पैदा करें। आंकड़े बताते हैं कि संगठित क्षेत्र में आठ फीसदी लोगों का 50 फीसदी और असंगठित क्षेत्र में 52 फीसदी लोगों का 50 फीसदी योगदान है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन तक पहुंचाने में युवा मदद करें। इसके पूर्व उपायुक्त उद्योग केंद्र हरिप्रताप सिंह ने सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया और उसकी योजनाओं पर जिले में जो काम हो रहा है उसकी रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए नोडल अधिकारी प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखी और धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि विद्यार्थी अपनी क्षमता को विकसित कर आत्मनिर्भर बनें और उसका उपयोग राष्ट्रनिर्माण में करें। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, उपकुलसचिव अमृतलाल, प्रो. विक्रम देव शर्मा, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. आशुतोष कुमार सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ मनीष प्रताप सिंह, अखिलेश कुमार सिंह, डॉ. पुनीत धवन, सुशील प्रजापति, डॉ. वनिता सिंह, अंकित सिंह आदि थे।     

Tuesday 13 February 2024

नए सिद्धांत को विकसित करने में ईएफए प्रभावशाली टुल्सः प्रो. एस. एम. खान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में चल रहे भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद
, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो साप्ताहिक कार्यशाला को प्रोफेसर एस. एम खान अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया।
 उन्होंने कहा कि कनफरमेंटरी फैक्टर एनालिसिस( सीएफए) माडल और एसपोरेटरी फैक्टर एनलासिस ( ईएफए) प्रभावशाली और बहुमुखी टूल हैं जिससे आपके डेटा को समझने और सरल बनानेचर की संख्या को कम करने और अव्यक्त कारकों की पहचान करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। उन्होंने बताया ऐसे टूल शोधकर्ता को विभिन्न मॉडलों का परीक्षण करने उनके संकेतकों की वैधता और विश्वसनीयता को मापने के साथ-साथ नई अंतर्दृष्टि खोजने की भी अनुमति देते हैं।
वही सीएफए और ईएफए के बीच चयन आपके शोध प्रश्नआपके डेटा और आपके मॉडल पर निर्भर करता है। आम तौर परआप सीएफए का उपयोग तब करते हैं जब आपके पास अपने मॉडल के लिए एक मजबूत सैद्धांतिक या अनुभवजन्य आधार होता हैऔर आप इसकी वैधता और विश्वसनीयता का परीक्षण करना चाहते हैं।
आप ईएफए का उपयोग तब करते हैं जब आपको अपनी डेटा संरचना के बारे में कोई पूर्व ज्ञान नहीं है या बहुत कम हैऔर आप इसके आयामों और पैटर्न का पता लगाना चाहते हैं। और ये हमे बेहतर निर्णय लेने में मदद करता हैं। मूलतः नए सिद्धान्त को विकसित करने में ऐसे शोध बहुत सहायक होते हैं। इसके लिए खुशी को मापने का उदाहरण देते हुए उसके विभिन्न आयामों व उसकी वैधनिकता को विस्तार पूर्वक समझाया। इस अवसर पर प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, अनुपम, श्रुति श्रीवास्तव, दीपक कुमार यादव, एजाज अहमद, डॉ. दया सिंधु, डॉ. विवेक मिश्रा, डॉ. कपिलदेव, डॉ. वीरेंद्र कुमार साहू, डॉ. दीपक कुमार दास प्रतिमा मौर्या आदि उपस्थित थीं। 

Monday 12 February 2024

मूल्यांकन सुचितापूर्ण और समय पर पूरा करेः प्रो. वंदना सिंह

पीयू परिसर के सभी पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन कार्य शुरू

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन का कार्य मंगलवार से शुरू हो गया है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.  वंदना सिंह, परीक्षा नियंत्रक अजीत प्रताप सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मूल्यांकन की शुरूआत करायी। इस अवसर पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए समयबद्ध सुचितापूर्ण मूल्यांकन हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी परीक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सुचिता पूर्ण एवं पूरी तन्मयता के साथ समय पर संपन्न करें जिससे परीक्षा परिणाम नियत समय पर घोषित किया जा सके ।इस अवसर पर तकनीकी प्रकोष्ठ समन्वयक डॉ० अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पूरी मूल्यांकन समिति अपने कार्य के प्रति पूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए मूल्यांकन कार्य को पूर्ण पारदर्शी तरीके से समय पर संपन्न कराने हेतु तत्पर है। उक्त अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, सह समन्वयक मूल्यांकन प्रवीण कुमार सिंह, अशोक कुमार यादव सह समन्वयक परीक्षा परिणाम समिति डॉ. धर्मेंद्र सिंह, सत्यम कुमार उपाध्याय, सतीश सिंह, श्याम त्रिपाठी, लाल बहादुर, अंकुर यादव इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

Friday 9 February 2024

अपशिष्ट पदार्थ के प्रयोग से उर्जा उत्पादन संभव : प्रो. ओमप्रकाश पांडेय


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एडवांसमेंट इन फंक्शनल मैटेरियल के दूसरे दिन,  प्रथम सत्र में थापर अभियांत्रिकी संस्थान, लुधियाना पंजाब के प्रो. ओ.पी. पांडेय ने अपशिष्ट बहुल्कों के ऊर्जा के रूप में उपयोग विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग करके ट्रांजिशन मेटल कार्बाइड का निर्माण किया जा रहा है,  कार्बाइड का उपयोग फाइटर जेट के कोटिग में किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अपशिष्ट प्लास्टिक से बने ट्रांजिशन मेटल कार्बाइड अधिक ताप पर भी पूरी दक्षता के साथ कार्य कर सकते है। प्लास्टिक अपशिष्ट से ट्रांजिशन मेटल कार्बाइड का निर्माण पर्यावरण अनुकूल है।  इसी वार्ता के अगले क्रम में उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय जलगांव, महाराष्ट्र के प्रो. सत्येंद्र मिश्रा ने नैनो सामग्री के उपचार की उभरते हुए प्रवृत्ति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का उपयोग करके नैनो जनरेटर का निर्माण किया जा रहा है जिसका उपयोग स्मार्टफोन, विद्युत उपकरण, सुरक्षा उपकरणों में किया जा सकता है। ऑनलाइन सत्र में जॉर्जिया टेक फ्रांस के प्रो निको एफ डिक्लेरिक ने अल्ट्रासोनिक शोध के ऊपर अपना व्याख्यान दिया। इसी क्रम में सेलेंटो विश्वविद्यालय, इटली के पैरिजिया बोचेट्टा ने अल्युमिनियम आधारित अपशिष्ट का ऊर्जा संचालक के रूप में उपयोग करने पर प्रकाश डाला। साउथ डेनमार्क विश्वविद्यालय के प्रो. योगेन्द्र कुमार मिश्रा ने ऑनलाइन माध्यम से आधुनिक तकनीकी के लिए टेट्रापॉड्स आधारित स्मार्ट मटेरियल के ऊपर प्रकाश डाला। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो राजाराम यादव ने किया। इस इस अवसर पर प्रो. मिथिलेश सिंह प्रो. देवराज सिंह, डॉ. गिरिधर मिश्रा, डॉ. पुनीत धवन डॉ. अजीत सिंह, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. सुजीत चौरसिया डॉ. श्रवण कुमार डॉ. दिनेश कुमार वर्मा, डॉ. आलोक कुमार वर्मा उपस्थित थे।सम्मेलन के द्वितीय सत्र में पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। आयोजित प्रदर्शनी में देश के विभिन्न विश्वविद्यालय से आए हुए छात्रों, शोध छात्रों एवं वैज्ञानिकों ने अपने-अपने शोध कार्यो को पोस्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया । पोस्टर प्रदर्शनी में क्रियात्मक सामग्री एवं बहुलक रसायन से संबंधित विभिन्न विषयों रसायन विज्ञान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग, डोपिंग मैटेरियल, हरित ऊर्जा रूपांतरण के लिए उन्नत इलेक्ट्रो हेटेरोकैटालिसिस कैटालिस्ट के निर्माण जैसे विषयों पर शोधार्थियों ने अपने शोध कार्यों का प्रदर्शन किया । इस अवसर पर निर्णायक की भूमिका में प्रो. राजाराम यादव, प्रो.भुवनेश गुप्ता, डॉ युधिष्ठिर यादव, डॉ. प्रमोद कुमार यादव , डॉ. नितेश जायसवाल , डॉ. प्रमोद कुमार सहित विश्वविद्यालय के अन्य प्राध्यापक इस अवसर उपस्थित रहे।

Thursday 8 February 2024

मिसाइल तकनीकी में पॉलीमर नैनो कंपोजिट की भूमिका महत्वपूर्ण: डॉ मयंक द्विवेदी




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान तथा एशियन पॉलीमर एसोसिएश, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में  फंक्शनल मैटेरियल पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रक्षा सामग्री एंव भण्डार अनुसंधान तथा विकास स्थापना (डीएमएसआरडीई), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, (डीआरडीओ) कानपुर के डॉ. मयंक द्विवेदी ने कहा कि फंक्शनल पदार्थ का उपयोग करके युद्ध क्षेत्र में सैनिकों की रक्षा हेतु बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण किया जा रहा है। फंक्शनल पदार्थ और पॉलीमर से बने बुलेट प्रूफ जैकेट वजन में हल्के होने के कारण सैनिकों हेतु सुविधाजनक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय डीआरडीओ के द्वारा फंक्शन पदार्थ का प्रयोग करके वजन में विश्व में सबसे हल्के लेवल सिक्स बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण किया जा रहा है जो की 6 स्नाइपर बुलेट व एलएमजी बुलेट का प्रतिरोध करने में सक्षम है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने फंक्शनल पदार्थ के आर्थिक महत्वों पर विस्तार से चर्चा किया । उन्होंने कहा कि किस प्रकार फंक्शनल पदार्थ पर शोध व पेटेंट कर हम विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं । उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए विभिन्न प्रकार के फंक्शनल पदार्थ के विभिन्न प्रकार के उपयोग पर विस्तृत चर्चा किया । सम्मेलन के संरक्षक और आईआईटी दिल्ली के  प्रोफेसर व एशियन पॉलीमर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. भुवनेश गुप्ता ने पॉलीमर की विभिन्न आयामों पर चर्चा किया तथा उन्होंने छात्रों को पॉलीमर के क्षेत्र में शोध से जुड़ने हेतु प्रेरित किया। प्रो गुप्ता ने एशियान पॉलीमर एसोसिएशन के स्थापना के संबंध में संबंध में कहा कि हमारा संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पॉलीमर के विकास के क्षेत्र मे कार्य कर रहा है।उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहीं व सम्मेलन की मुख्य संरक्षक वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि फंक्शनल पदार्थ वर्तमान समय में विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग किये जा रहे हैं। पॉलीमर नैनो कंपोजिट का प्रयोग रक्षा क्षेत्र, संपोषणीय पर्यावरण विकास, उर्जा क्षेत्र, उत्प्रेरक आदि में किया जा रहा है। प्रो वंदना सिंह ने कहा कि फंक्शनल पदार्थ के क्षेत्र में यह सम्मेलन विज्ञान के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को आगे ले जाएगा। प्रो.सिंह ने आयोजन समिति को शानदार सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी।रज्जू भैया संस्थान के निदेशक व सम्मेलन के संयोजक डॉ. प्रमोद कुमार यादव ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ यादव ने बताया कि विभिन्न राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है । उद्घाटन सत्र का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन  आयोजन सचिव डॉ. नितेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्तअधिकारी संजय कुमार राय, प्रो. वंदना राय, प्रो अशोक श्रीवास्तव, प्रो अविनाश,  प्रो. देवराज सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ.गिरधर मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ मिथिलेश यादव डॉ. पुनीत धवन, डॉ.दिनेश वर्मा, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह डॉ.शशिकांत यादव, डॉ.नीरज अवस्थी, डॉ. सुजीत कुमार चौरसिया, डॉ. काजल कुमार डे, डॉ. धीरेंद्र चौधरी व बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।

सर्ब, डीबीटी,  डीआरडीओ व सीएसआईआर कर रही है प्रायोजित

यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय,  साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (सर्ब),  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, रक्षा एवं विकास अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय, तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक की अनुसंधान परिषद  (सीएसआईआर) के द्वारा प्रायोजित है।


 



Wednesday 7 February 2024

शोध में एसपीएसएस सॉफ्टवेयर पर विस्तार से हुई चर्चा

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के संगोष्ठी हाल में बुधवार को दो सप्ताह का  कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तीसरे दिन  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप सिंह ने सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान में एसपीएसएस सॉफ्टवेयर के उपयोगिता को बताते हुए उसके विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताया। साथ ही एसपीएसएस सॉफ्टवेयर में डेटा इंट्री, डेटा कोडिंग आदि के बारे में प्रकाश डाला । प्रो. सिंह ने कहा कि अनुसंधान में निष्पक्षता की आवश्यकता है। डेटा विश्लेषण में रखे जाने वाले आवश्यक सावधानियों को विस्तारपूर्वक समझाया।

मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि डेटा विश्लेषण एक महत्वपूर्ण शोध क्रिया है जो विभिन्न क्षेत्रों में डेटा से जानकारी प्राप्त करने का उपयोग करती है। यह कार्य पूर्वानुमान, पैटर्न पहचान, और सूचना प्राप्ति के लिए डेटा का अध्ययन करता है। इसका उद्देश्य अद्यतन और सुधारित कार्यप्रणालियों को पहचानना है। विश्लेषण में, डेटा को संरचित किया जाता है, जैसे कि पद्धतियों, ग्राफ्स, या तालिकाओं के रूप में। इसके लिए विभिन्न आंकड़े, तकनीकियाँ, और एल्गोरिदम्स का उपयोग किया जाता है। यह उपकरण और तकनीकों के माध्यम से डेटा को व्याख्यात किया जाता है ताकि निर्णय लेने के लिए सामग्री को समझा जा सके। इसके पूर्व विश्वविद्यालय की विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय का भी प्रतिभागियों को विजिट कराया। पुस्तकालय की पूरी कार्यप्रणाली के बारे में पुस्तकालय प्रभारी डॉ. विद्युत मल ने विस्तार से समझाया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों के साथ विशेषज्ञों का इंटरएक्शन प्रोग्राम भी किया गया। प्रतिभागियों दीपक कुमार दास, अयाज अहमद, कपिलदेव वीरेंद्र कुमार साहू, सेनेट थामस, दया सिंधु, प्रतिमा मौर्य, विवेक मिश्रा ने सवाल पूछ अपनी जिज्ञासा शांत की। संचालन डॉ. अनु त्यागी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया।


Tuesday 6 February 2024

आधुनिक तकनीक युग में हमें अपडेट रहने की जरूरतः प्रो. पायल चंदेल

 दो सप्ताह का कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का दूसरा दिन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के संगोष्ठी हाल में सोमवार को दो सप्ताह का  कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के दूसरे दिन केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो. पायल चंदेल ने कहा कि रिसर्च शनैः शनैः और शांति से किया जाने वाला कार्य है। शोध में आधुनिक तकनीक का प्रयोग तेजी से चल रहा है। इस क्षेत्र में बदलाव बहुत जल्दी- जल्दी हो रहे हैं, इसलिए अपने आप को अपडेट करने की जरूरत है।  प्रो. पायल ने बेरोजगारी पर बोलते हुए कहा कि आज कोई बेरोजगार नहीं है। बेरोजगारी का मतलब सिर्फ नौकरी ही नहीं जो आप चाहते हो। आज दूसरी भी जॉब कर सकते हो। आप अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हो। उन्होंने शोध की समस्या, प्राविधि और रिसर्च प्रश्नावली पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। साथ ही उसके आयामों को उदाहरण सहित समझाया। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने अतिथियों का स्वागत, सह समन्वयक डॉक्टर मनोज पांडेय ने कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम की रुपरेखा पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला। दूसरे सत्र को प्रबंध संकाय के डॉ. आशुतोष कुमार सिंह ने संबोधित किया। संचालन डॉ. अनु त्यागी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. वीडी शर्मा, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ. सुधीर उपाध्याय, अनुपम कुमार समेत कई शिक्षक और प्रतिभागी उपस्थित थे।  

Monday 5 February 2024

बिना स्पष्ट सोच के शोध संभव नहीः प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी

कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम से मिलेगी शोधार्थियों मददः प्रो. वंदना सिंह
ऐसे प्रोग्राम बदल सकते हैं रिसर्च की दिशाः प्रो. रामजी सिंह

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के संगोष्ठी हाल में सोमवार को दो सप्ताह का  कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम रिसर्च मेथाडोलॉजी डाटा एनालिसिस यूजिंग एसपीएसएस एंड एकेडमिक राइटिंग पर आधारित है। यह इंडियन काउंसिल आफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर ) नई दिल्ली के सौजन्य से किया जा रहा है।   
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं उच्च शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा के आयाम स्थाई होते हैं। समय, स्थान और विषय के अनुसार उसकी व्याख्या में परिवर्तन किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी विषय पर शोध तभी करिए जब आपके मन में उस पर कोई सोच और विचार हो। साथ ही इसमें स्पष्टता हो। कहा कि शोध ज्ञान के सृजन को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान, तकनीक समाज के लिए है, अगर इसमें दर्शन, द़ृष्टि और विचार नहीं हो तो यह समाज का विकास की जगह विनाश कर सकता है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम शिक्षकों के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनके ज्ञान में वृद्धि हीं नहीं बल्कि उन्हें नई जानकारियों से भी अवगत करायगा। इससे आपको अपने को अपग्रेड के साथ-साथ अपने शोधार्थियों के निर्देशन में भी सहायता मिलेगी। इस तरह के प्रोग्राम से हम एक- दूसरे विश्वविद्यालय के लोगों के साथ सांस्कृतिक, शैक्षणिक संबंध भी बना सकते हैं। इससे आपको पब्लिकेशन में भी मदद मिलेगी।  
 विशिष्ट अतिथि  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय मानविकी संकाय के पूर्व संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर रामजी लाल ने विश्वविद्यालय में अपने कार्यकाल को विस्तृत रूप से वर्णन करते हुए कहा कि यह विभाग देश के कई विभागों में से एक रहा। अमेरिका में रह रहे यहां के विद्यार्थियों ने भी इस विभाग को काफी मदद पहुंचाया है। विभाग ने आईसीएसएसआर के कई ऐसे प्रोग्राम कराया जिसने रिसर्च की दिशा बदल दी। उन्होंने कहा कि यह फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम विश्वविद्यालय में एक नई वातावरण पैदा करेगा। 
कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने अतिथियों का स्वागत, सह समन्वयक डॉक्टर मनोज पांडेय ने कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम की रुपरेखा पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला। संचालन डॉ. अनु त्यागी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया । इस अवसर पर प्रो. वीडी शर्मा, प्रो. एसके पाठक, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुधीर उपाध्याय समेत कई शिक्षक और प्रतिभागी उपस्थित थे।

Sunday 4 February 2024

पीयू सुहेलदेव के बीस स्वयंसेवक का दल पंजाब रवाना

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना  के नेतृत्व में दस स्वयंसेवक पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं दस स्वयंसेवक महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ का दल चितकारा विश्वविद्यालय, राजपुरा पंजाब के लिए दिनांक  रविवार को रवाना हुआ। कुलपति प्रो वंदना सिंह ने सभी स्वयंसेवकों को बधाई प्रेषित किया और उत्कृष्ट प्रदर्शन की आशा व्यक्त किया। वित्त अधिकारी संजय राय एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉक्टर राज बहादुर यादव ने विश्वविद्यालय परिसर के राष्ट्रीय सेवा योजना से हरी झंडी दिखाकर दल को रवाना किया। दल का नेतृत्व डाक्टर तमन्ना नाज़, कार्यक्रम अधिकारी सल्तनत बहादुर पीजी कालेज जौनपुर कर रही हैं।05 से 11 फरवरी 2024 तक आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय एकीकरण शिविर पूरे प्रदेश का प्रतिनिधित्व होगा, जिसमें  स्वयंसेवकों /स्वयंसेविकाओं सहित बीस सदस्यीय यह दल उत्तर प्रदेश की सभ्यता एवं संस्कृति का प्रदर्शन शिविर में प्रतिभाग करेगा। इस अवसरकार्यक्रम अधिकारी डॉ शशिकांत यादव, डॉ अवधेश कुमार मौर्य, डॉ सोमारूराम, सर्वेश यादव एवं समस्त स्वयंसेवक उपस्थित रहे।