Friday 28 April 2023

सफल होने के लिए गलतियों से सीखें:प्रो एच सी पुरोहित

युवाओं को बताया प्रबंधन के गुर


जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग में दून विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रो. एच.सी. पुरोहित ने  विभाग के छात्र-छात्राओं को प्रबंधन संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर व्याख्यान दिया। 
प्रो. पुरोहित ने देश की अर्थव्यवस्था पर विस्तार से चर्चा करते हुए युवाओं को प्रबंधन के क्षेत्र में कौशल विकास, उद्यमिता एवं विपणन में रोजगार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। विद्यार्थियों को शोध एवं अनुसंधान के प्रति रुचि विकसित करने पर जोर दिया जिससे कि भविष्य में प्रबंध के क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुसंधान हो सके. प्रो. पुरोहित ने देश में उद्यमिता, स्टार्टअप यूनिकॉर्न के सकारात्मक वातावरण एवं सरकार की विभिन्न योजनाओं का विस्तार से विश्लेषण किया । प्रोफ़ेसर पुरोहित ने बताया कि युवाओं को किसी भी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करनी चाहिए जिससे कि उनकी ज्ञान व कौशल में वृद्धि हो सके उन्होंने कहा कि हमें अपनी सामर्थ्य के अनुरूप नीतियां बनानी चाहिए और यदि कभी सफलता हाथ लगे तो कमियों को खोज कर उससे  सीखना चाहिए उसे दोहराना नहीं चाहिए यही जीवन की सफलता का आधार है। इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मानस पांडे ,डॉ आशुतोष कुमार सिंह ,राकेश कुमार उपाध्याय, नेहा विश्वकर्मा, नितिन कुमार चौहान एवं राहुल पांडे उपस्थित रहे ।

Tuesday 25 April 2023

अगले सात दिनों तक लू चलने की संभावना नहीं


12 डिग्री तक गिरा पारा, 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाएं और 47 मिमी बारिश

जौनपुर. उत्तर प्रदेश में  सोमवार को कई जिलों में एक बार फिर मौसम बदला। जौनपुर सहित अन्य जिलों में रात में आंधी चलने लगी। इसके बाद जोरदार बारिश हुई। 50 किमी की रफ्तार से हवाएं चलने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

हाल ही में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भइया संस्थान स्थित भू एवं ग्रहीय  विज्ञान विभाग में एक मौसम केंद्र की स्थापना की गई है। इस मौसम केंद्र ने आंधी एवं तूफान के दौरान वातावरण के तापमान, आद्रता, हवा की रफ़्तार एवं दिशा तथा वर्षा की मात्रा को रिकॉर्ड किया, कुछ आकड़े चौकाने वाले थे।  मौसम केंद्र के अनुसार शाम 7:00 बजे अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस था जो कि शाम 7:30 पर तूफान एवं बारिश के कारण 18 डिग्री तक गिर गया साथ ही साथ आद्रता 40% से बढ़ कर 100 % पहुंच गई तथा हवा की रफ्तार 5 मीटर प्रति सेकंड से 14.7 मीटर प्रति सेकंड यानी कि लगभग 53  किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। इसके साथ ही एक घंटे (शाम 7 बजे से 8 बजे तक) के दौरान  47.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम वैज्ञानिक डॉ. श्रवण कुमार के द्वारा यह मौसम केंद्र यूजीसी के शोध प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्थापित किया गया है।  डॉ. कुमार ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी भविष्यवाणी  में  उत्तर भारत में अभी अगले सात दिनों तक लू चलने की कोई संभावना नहीं है तथा अगले 5 दिनों में अधिकतम तापमान में  2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है।

विश्वविद्यालय के प्लांट से चिकित्सालयों को भी मिलेगा ऑक्सीजन- प्रो. निर्मला एस. मौर्य

गर्मी में पानी का सेवन करते रहे- सीएमओ

विश्वविद्यालय में निःशुल्क चिकित्सा एवं विशेष रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार को निःशुल्क चिकित्सा एवं विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इसका आयोजन शासन के निर्देश के क्रम में विश्वविद्यालय एवं राज्य रक्त संचरण परिषद् उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में किया गया.

शिविर का शुभारम्भ कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह ने फीता काटकर किया. कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने  कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र का विस्तार किया गया है. विश्वविद्यालय ने स्वास्थ्य केंद्र में  ऑक्सीजन का प्लांट लगाया है. इससे विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र के अतिरिक्त अन्य चिकित्सालयों को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी . उन्होंने  छात्राओं को विशेष तौर पर अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहने की सलाह दी.   मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा निरन्तर रक्तदान करना बहुत ही नेक काम है. हम सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुए सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि गर्मी के समय हम सभी को थोड़े- थोड़े अंतराल पर पानी का सेवन करते रहना चाहिये इससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रजनन आयु की महिलाओं को सरकार द्वारा सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए जल्द ही वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी.अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा यह एक सकारात्मक पहल है. कोविड- 19 के बाद आम जनमानस को निरंतर जागरूक करने की जरूरत है. शिविर में डॉ दुर्गेश सिंह एवं उनकी टीम के द्वारा 150 मरीजों की बीएमआर की जाँच की गई. इसके साथ ही पोषण की भी जानकारी दी गई. फार्मेसी संस्थान द्वारा गाँव के लोगों को स्वास्थ्य शिविर में लाकर रक्त की जाँच कराई गई एवं निःशुल्क दवा वितरित की गई. रक्तदान शिविर में 15 यूनिट रक्त विद्याथियों द्वारा दान किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ विनय वर्मा एवं धन्यवाद् ज्ञापन डॉ पुनीत सिंह ने किया. शिविर का संयोजन प्रो रजनीश भास्कर ने किया. इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ राज बहादुर यादव, प्रो अविनाश पाथर्डीकर, डॉ मनोज मिश्र, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, आशीष गुप्ता, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, बबिता सिंह आदि उपस्थित रहे. 

Thursday 20 April 2023

एक क्लिक पर अब मिलेगी पीयू की सूचनाएं

विश्वविद्यालय के हर काम को ऑनलाइन करने की तैयारी

कुलपति ने भी इक्यूबेशन सेंटर पहुंचकर देखा प्रस्तुतीकरण

प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया और जीरो टालरेंस का सपना वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में जल्द पूरा होते दिखेगा। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य की पहल पर इसकी तैयारी शुरू करने के लिए शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को आईबास साफ्टवेयर सैल्यूसन के इन्टरप्राइजेज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) की प्रतिनिधि सुश्री सेल्वी ने गुरुवार को इक्यूबेशन सेंटर में प्रशिक्षण दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य पेपरलेस वर्क है। अब कुछ ही दिनों में वीबीएसपीयू आईबास पर क्लिक करते ही विश्वविद्यालय की सभी सूचनाएं आपको मिल जाएगी।   

कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सूचना क्रांति के दौर में ऑनलाइन सिस्टम में काम करना अब जरूरी हो गया है। किसी फाइल का स्टेटस भी अब आनलाईन पता चलेगा कि फाइल कहां है और क्यों रुकी है? इसमें कुल 28 पैरामीटर के बारे में बताया गया है। शिक्षक की व्यक्तिगत प्रोफाइल के साथ-साथ उसकी अकादमी जानकारी भी इस साइट पर उपलब्ध रहेगी। इस कारण विश्वविद्यालय में आइक्यूएसी सेल से लेकर नैक क्राइटेरिया बनाने में भी यह साइट सहायक होगी। विश्वविद्यालय की सूचनाओं को केंद्रीकृत होने से अधिकारियोंशिक्षकोंकर्मचारियों और विद्यार्थियों को काफी सहूलियत होगी। शैक्षणिक संस्थाओं को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने में ईआरपी सॉफ्टवेयर बहुत ही मददगार है। इस सॉफ्टवेयर की मदद प्रवेश,  फीसपरीक्षा परिणामफाइल ट्रैकिंग हॉस्टल प्रबंधन प्रश्नपत्र निर्माणप्रमाण पत्र,  अवकाश प्रबंधनकर्मचारी प्रोफाइल, सेमिनार, एलुमिनाई मीट आदि की सूचना बड़े आसानी से प्राप्त हो सकती है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक से प्रो. मुराद अली, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, डा. विक्रम भटेजा, डा. नितेश जायसवाल, डा. संतोष कुमार राय, जाह्नवी श्रीवास्तव, डा. धर्मेंद्र सिंह ने विभिन्न समस्याओं पर सवाल पूछे। इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. नुपुर तिवारी, प्रो रवि प्रकाश,  डा. प्रमोद यादवा, डा. रसिकेश, डा. मनोज मिश्र, डा. गिरधर मिश्रा, डा. सुनील कुमार, डॉ पुनीत धवन,  अजीत प्रताप सिंह समेत अन्य उपस्थित रहे।

पीयू के विद्यार्थियों ने किया सर्वे


टीम को कुलपति ने हरी झंडी दिखा किया रवाना


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं द्वारा गुरुवार को शीतला मां चौकियाँ धाम में सर्वे किया गया। इस सर्वे को जिला प्रशासन के प्रोजेक्ट पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य के निर्देश पर किया जा रहा है। सर्वे में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने एक प्रश्न सूची तैयार कर यह जानने का प्रयास किया कि कौन से उत्पाद यहाँ पर विक्रय किये जाते हैं?  कौन कौन से उत्पाद यहाँ बनाये जाते हैं? और कौन कौन से उत्पाद बाहर से लाकर बेचे जाते हैं? इस सर्वे के द्वारा जिला प्रशासन की यह मंशा है कि जो उत्पाद बाहर से लाकर बेचे जा रहें हैं उनका भी निर्माण यहीं किया जा सके। इससे लाभ यह होगा कि यहाँ के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और उत्पाद भी कम कीमतों पर दुकानदारों को प्राप्त हो सके। इस  सर्वे नोडल अधिकारी डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव एवं डॉ विनय वर्मा के देखरेख में किया गया। इसके पूर्व विश्वविद्यालय से रवाना होने पर सर्वें टीम को कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य और कुलसचिव महेंद्र कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर संस्कार श्रीवास्तवहेदायत फ़ातमारितिक पांडेशशांकआराधनाप्रीतिकिशन जायसवालआलोक मौर्यअमित पटेलआनंद राज बिंदप्रज्ञेश् सेठअभय चंद्रराज अग्रहरिप्रिया आदि मौजूद रहें।

Wednesday 19 April 2023

पीयू में आग बुझाने का दिया गया प्रशिक्षण


अग्नि सुरक्षा की टीम ने किया प्रदर्शन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय और रज्जू भैया भौतिकी संस्थान में बुधवार को लीडिंग फायरमैन ओंकारनाथ सिंह के साथ उनकी टीम ने अग्नि सुरक्षा से बचाव के टिप्स दिए। उन्होंने प्रदर्शन कर दिखाया की कैसे आग पर काबू पाया जा सके ? गैस सिलेंडर की आग को घर के उपयोग में आने वाली प्लास्टिक की बाल्टी और सूती कपड़े, कंबल. जूट की बोरी के झटके के साथ ढककर आग बुझाया गया। साथ ही सबको आग बुझाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। यह प्रदर्शन कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य और कुलसचिव महेंद्र कुमार के सामने किया गया। कुलपति के निर्देशन पर यह आयोजन विश्वविद्यालय के अग्निसुरक्षा अधिकारी डा. मनोज कुमार पाण्डेय ने कराया। बताते चले की शासन की ओर से 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय में आई फायर ब्रिगेड की टीम में रविकांत यादव, आशुतोष सिंह, कमलेश कुमार, अनुपम सिंह शामिल थे।

कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सभी शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी के लिए यह प्रशिक्षण बहुत ही लाभकारी है। विद्यार्थियों जो आज सीख रहे हो उसे अपने घर जाकर मम्मी और दीदी जो किचेन में खाना बनाती हैं उन्हें जरूर बताना। लीडिंग फायरमैन ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि कहीं भी आग लगे फायर बिग्रेड के पहुंचने तक आग बुझाने की हर संभव कोशिश स्थानीय लोगों द्वारा की जानी चाहिए। घी, तेल और पेट्रोलियम की आग को पानी से नहीं बुझाना चाहिए। इसे फोम एक्सटिग्युशर, मिट्टी और बालू से बुझाना चाहिए। इसी तरह बिजली की शार्टसर्किट से लगी आग को बुझाने के लिए मेनस्वीच को आफ कर देना चाहिए। इसके बाद कार्बन डाई आक्साइड या ड्राई पाऊडर एक्सटिंग्यूशर, सूखी मिट्टी और बालू से उसे बुझाना चाहिए। आग हवा के माध्यम से तेजी से फैलता है ऐसे में जिस कमरे में आग लगी हो उसके खिड़की दरवाजे को बंद कर देना चाहिए। इस अवसर पर अग्नि सुरक्षा क्लब के सदस्य डा. मनीष गुप्ता, डा. आशीष गुप्ता, डा. विद्युत मल, डा. सुशील प्रजापति डा.प्रमोद यादवा, डा. नितेश जायसवाल, डा. श्याम कन्हैया, डा. प्रमोद यादव, डा. सुनील कुमार, डा. नीरज अवस्थी, डा. दिग्विजय सिंह राठौर समेत शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी उपस्थित थे।     

विश्वविद्यालय की कार्य पद्धति को ऑनलाइन करने की तैयारी


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कार्य पद्धति को ऑनलाइन करने के लिए कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कदम बढ़ाया है.  एक मंच पर प्रवेश , फीस, परीक्षा से लेकर ऑनलाइन डॉक्यूमेंट ट्रेकिंग सिस्टम की शुरुआत हो गई है. एक बटन क्लिक करते ही सारी  जानकारी सामने होगी. विश्वविद्यालय में इसके लिए कुलपति कार्यालय के वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम में  ईआरपी सॉफ्टवेयर के लिए  आई बॉस कंपनी के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया. 
कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में विश्वविद्यालय के लिए ऑनलाइन कार्य प्रणाली बहुत ही जरूरी है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय की सूचनाओं को केंद्रीकृत करना समय की मांग है. ऑनलाइन सुविधाओं का विकास होने से अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को काफी सहूलियत होगी. कुलपति कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में  आई बॉस कंपनी के विशेषज्ञों ने  बताया कि शैक्षणिक संस्थाओं को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के लिए ईआरपी सॉफ्टवेयर बहुत ही मददगार है. जहाँ एक तरफ कार्य प्रणाली में  पारदर्शिता आती है वहीं इससे जुड़ें लोगों को कार्य करने में काफी सरलता होती है. उन्होंने कहा कि एक सॉफ्टवेयर की मदद प्रवेश, फीस, परीक्षा,परिणाम, फाइल ट्रैकिंग, हॉस्टल प्रबंधन, प्रश्नपत्र निर्माण , प्रमाण पत्र, अवकाश प्रबंधन, कर्मचारी प्रोफाइल आदि कार्य बड़े आसानी से संम्पन्न होते है. विश्वविद्यालय प्रशासन को एक बटन क्लिक करते ही सारी जानकारी मिल जाएगी. इस सिस्टम का लाभ संस्थाओं को नैक  में भी मिलता है. एजुकेशन मैनेजमेंट सिस्टम  की कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय को भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई. इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो रवि प्रकाश, डॉ पुनीत धवन, सहायक कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, बबीता सिंह, आनंद सिंह  समेत अन्य उपस्थित रहे.

Tuesday 18 April 2023

विरासत से युवा पीढ़ी को जोड़ रहा है विश्वविद्यालय - प्रो. निर्मला एस. मौर्य


विश्वविद्यालय में हेरिटेज गैलरी का कुलपति ने किया शुभारम्भ
पीयू में मनाया गया वर्ल्ड हेरिटेज दिवस  

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में वर्ल्ड हेरिटेज दिवस मनाया गया. कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने  विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में नवनिर्मित हेरिटेज गैलरी के प्रथम भाग का शुभारंभ फीता काटकर किया. उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विरासतों को सहेजने के साथ- साथ हम अपने माता-पिता और परंपरा को भी सहेजे. यह हमारे लिए सबसे बड़ी विरासत और ताकत  है. उन्होंने कहा कि  विश्वविद्यालय में स्थापित साँची स्तूप द्वार और अशोक स्तम्भ स्थापित  कर आज की पीढ़ी को विरासत से जोड़े रखने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि हेरिटेज गैलरी के माध्यम से पूर्वांचल की कलाकृतियों  को प्रदर्शित किया जाना बहुत सुखद है. कुलसचिव  महेंद्र कुमार ने कहा कि पूर्वांचल की संस्कृति काफी समृद्ध  है, विश्वविद्यालय में  पूर्वांचल की लोक संस्कृति का दर्शन हो रहा है.  वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि हमारी विरासत ही हमारी पहचान होती है. हेरिटेज गैलरी के माध्यम से क्षेत्रीय कलाकृतियों का प्रदर्शन बहुत ही मनमोहक है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के चयनित जनपदों की कलाकृतियां उन जनपदों से हम सबको जोड़ रही है.  
विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में संस्कृति निदेशालय, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से हेरिटेज गैलरी स्थापित की जा रही. प्रथम चरण में जौनपुर के एक जिला एक उत्पाद की दरी, आज़मगढ़ की ब्लैक पॉटरी,भदोही की कालीन, देवरिया के सजावट के सामान और मूज उत्पाद, वाराणसी के लकड़ी के उत्पाद, चुनार के मिट्टी और चीनी मिट्टी के उत्पाद, गोरखपुर की मिट्टी की कलाकृतियाँ, खुर्जा के उत्पाद, रामनगर की पत्थर की मूर्तियाँ गैलरी में लगाई गई है. स्वागत  कल्चरल क्लब के समन्वयक डॉ. मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन  नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया.
इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, डॉ. संतोष कुमार राय, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. चन्दन सिंह, शशिकांत  यादव, डॉ. अमित वत्स, डॉ. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डॉ. विद्युत मल, अवधेश कुमार, द्विजेन्द्र दत्त उपाध्याय  समेत विद्यार्थी मौजूद रहे.

Monday 17 April 2023

निरंतर चलने वाली प्रक्रिया हैं अनुसंधानः कुलपति

ईमानदारी, पारदर्शिता से करें शोधः प्रो. वंदना राय

पीएच.डी. कोर्स वर्क- 2023 का हुआ उद्घाटन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार को पीएच.डी. कोर्स वर्क- 2023 उद्घाटन प्रोग्राम का आयोजन किया गया।

बतौर अध्यक्ष विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने शोध और अनुसंधान के मौलिक अंतर को समझाया। उन्होंने अपनी बात कबीरदास के दोहे से शुरुआत करते हुए कहा कि जिन खोजा तिन पाइया गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ। अनुसंधान में भी यही चीज लागू होती है। शोध एक दो सप्ताह की नहीं बल्कि निरंतर स्टेप बाई स्टेप चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें परिकल्पना के सहारे समस्या का समाधान ढूंढा जाता है। उन्होंने शोध में जरूरी चीजों के साथ शोध प्रविधि के बारे में सुव्यवस्थित ढंग से विस्तार से समझाया।  

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. वंदना राय ने कहा कि रिसर्च एक सतत प्रक्रिया है। शोधार्थी को इसे ईमानदारी, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। कहा कि शोधार्थी से कच्चा (रॉ) डेटा हमेशा रखना चाहिए। अक्सर प्रकाशक उसकी मांग करते हैं। उन्होंने रिसर्च के एथिक्स को समझाते हुए रिसर्च पेपर में साहित्यिक चोरी पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने गेस्ट, घोस्ट और गिफ्ट आथरशिप पर उदाहरण के साथ अपनी बात रखी।    कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि रिसर्च समाजपयोगी होना चाहिए। तभी समाज का भला और देश को मजबूती मिलेगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति को कोड करते हुए कहा कि स्थानीय चीजों पर भी शोध होना चाहिए। वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय के साथ-साथ महाविद्यालयों में पीएच.डी. केंद्र स्थापित किये जायेंगे। शोध विश्वविद्यालय की रीढ़ होता है। यही से विश्वविद्यालय के पहचान का रास्ता खुलता है। कार्यक्रम का संचालन प्रोग्राम समन्वयक प्रो. मुराद अली एवं धन्यवाद ज्ञापन समरीन ने किया। इस कार्यक्रम की रूपरेखा कुलपति के निर्देशन में सहायक कुलसचिव शैक्षणिक बबिता सिंह ने टीम के साथ तैयार की। इस अवसर पर प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, डा. राजकुमार, डा. प्रमोद कुमार यादवा, डा. मनीष गुप्ता, डॉ मनोज मिश्र, डॉ रसिकेश, डा. प्रमोद कुमार, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डा. नितेश जायसवाल, डॉ विनय वर्मा,  सहायक कुलसचिव अमृतलाल, नंदकिशोर सिंह, रमेश यादव आदि मौजूद रहे।


 

Thursday 13 April 2023

संस्कृति की मजबूती से भारत बन सकता है विश्वगुरुः अभयजी


दिन, माह की सटीक गणना का आधार पंचांगः प्रो. निर्मला एस. मौर्य

भारतीय कालगणना और वैज्ञानिक आधार विषय पर हुआ व्याख्यान

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भइया के आर्यभट्ट सभागार में वृहस्पतिवार को भारतीय कालगणना और वैज्ञानिक आधार विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्म जागरण प्रमुख अभय जी ने कहा कि भारत देश पर कई विदेशी आक्रांताओं ने आक्रमण किया किन्तु भारत ने कभी पराजय स्वीकार नहीं की बल्कि वह संघर्ष करता रहा। भारत को फिर से विश्वगुरु के रूप में आने के लिए अपनी संस्कृति को मजबूती से अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि जो भी आक्रांता आए वे देश में तो रहे हमारी संस्कृति को खत्म करने के चक्कर में उसमें विलीन होते गए। उन्होंने इस संबंध में शक, कुषाण समेत कई धर्म के लोगों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय कालगणना को अगर देखा जाय तो वह सभी विदेशी कालगणनाओं की तुलना में सबसे अधिक परिशुद्ध और पुरातन है। उन्होने सभी सिक्षकों एवं विद्यार्थियों से सरकारी कार्यों को छोड़कर निजी जीवन में भारतीय कालगणना को अपनाने की अपील की। उनका मानना है कि पैमाना बदलकर देश की संस्कृति को पीछे किया गया लेकिन हमारी परंपराओं ने काल गणना को संरक्षित किया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा काल गणना ब्रह्मांड में स्थित सूर्य, चंद्रमा के आधार पर की जाती है। इसी आधार पर भारतीय पंचांग का निर्माण होता है। दिन, महीने की गणना का आधार भारतीय कैलेंडर यानी हमारा पंचांग ही है। हम वास्तु की ओर फिर से लौट रहे है। उन्होंने कहा कि समाज इसी गणना से समुचित ढ़ंग से चल सकता है। उन्होंने हिंदी मास और भाष्कराचार्य के गणित के क्षेत्र में योगदान की भी विस्तार से चर्चा की। अतिथियों का स्वागत प्रज्ञा प्रवाह के विभाग संयोजक संतोष त्रिपाठी एवं विषय प्रवर्तन कार्यक्रम संयोजक एवं निदेशक वैदिक प्रबंध अध्ययन केंद्र प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने किया। कार्यक्रम संचालन प्रज्ञा प्रवाह के जिला संयोजक डॉ. कीर्ति सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। इस मौके पर ब्रह्मेश शुक्ल, अवधेश पाण्डेय, आलोक जी, श्रीप्रकाश सिंह, मनोज तिवारी ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, संजीव सिंह कुतवन, शैलेंद्र निषाद, शिवनारायण पाठक, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. बीडी शर्मा, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. रसिकेश, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अमित वत्स, डॉ. इंद्रेश कुमार, डॉ. शशिकांत त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

Thursday 6 April 2023

मीरपुर के 102 छात्रों को कुलपति ने दिया शिक्षण किट

प्राथमिक विद्यालय की छात्र छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मन मोहा

बच्चों को शील्ड देकर किया पुरस्कृत

जौनपुर। प्रतिभा कभी भी किसी का मोहताज नहीं होती है। यह लोगों मे मिथक धारणा है। अच्छे विद्यालयो में ही अच्छी शिक्षा मिल सकती है। प्रतिभावान छात्र कही भी अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं। क्यो की कहावत ही है होनहार वीरवान के होत चिकनी पात। उक्त बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य प्राथमिक विद्यालय मीरपुर में आयोजित समारोह में आये हुए लोगो को संबोधित करते हुए कहीं। इस दौरान उन्होंने अपनी तरफ से विद्यालय के 102 छात्र- छात्राओं को शिक्षण किट वितरित किया। इसमें बैग, पुस्तक, कापी, कलम, रबड़, पेंसिल, कटर इत्यादि पढ़ाई लिखाई से सम्बंधित सामग्री थी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुचे बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने प्राथमिक विद्यालय मीरपुर की प्रशंसा करते हुए कहा कि नामांकन के मामले में प्राथमिक विद्यालय मीरपुर सबसे टॉप पर है। यह अन्य विद्यालयों के लिए अनुकरणीय है। 
इस दौरान विद्यालय के छात्र- छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति से आये हुए अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुलपति ने विद्यालय की शैक्षिक व्यवस्था को देखकर प्रभारी प्रधानाध्यापक मुकेश सिंह व उनके स्टाफ की प्रशंसा की। 
इस अवसर पर डॉ. राकेश कुमार यादव, मुकेश सिंह,एन.एस.एस. समन्वयक डॉ. राज बहादुर यादव, कमलेश यादव, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, उमेश मिश्रा, अंजना सिंह, राजू सिंह, प्रवीण सिंह, मंजूलता, सुनीता यादव, आमिल जैदी आदि मौजूद रहे।