Friday 11 December 2015

संपन्न हुई पांच दिवसीय अंतर महाविद्यालयीय एथलेटिक प्रतियोगता

 एकलव्य स्टेडियम में शुक्रवार को संपन्न हुई पांच दिवसीय अंतर महाविद्यालयीय एथलेटिक प्रतियोगता में प्रथम स्थान पाने वाले खिलाड़ियों के साथ कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल,वित्त अधिकारी एम के सिंह एवं अन्य 
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय 27वीं अंतर महाविद्यालीय महिला एवं पुरुष एथलेटिक प्रतियोगिता का रंगारंग कार्यक्रमों के बीच समापन हुआ। प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर व महिला वर्ग में पीजी कालेज गाजीपुर चैंपियन रहा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.पीयूष रंजन अग्रवाल ने खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर उत्साहवर्धन किया।विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम पर शुक्रवार को आयोजित हाफ मैराथन 21 किमी पुरुष वर्ग में हंडिया पीजी कॉलेज के छात्र मुकेश पाल प्रथम, इसी कॉलेज के विनय ¨बद द्वितीय और टीडी पीजी कॉलेज जौनपुर के जगदीश पटेल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। हाफ मैराथन महिला में वर्ग में हण्डिया पीजी कॉलेज की ज्योति सिंह ने प्रथम और इसी कॉलेज की नीतू ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
इसी क्रम में 20 किमी वाक में पीजी कॉलेज गाजीपुर के शैलेश कुमार प्रथम, टीडी कॉलेज के अकरार अहमद को द्वितीय और इसी कॉलेज के महेंद्र ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पांच किमी वाक महिला वर्ग में पीजी कॉलेज गाजीपुर की वंदना पटेल प्रथम, सैदपुर गाजीपुर की सरिता यादव को द्वितीय और इसी कॉलेज की रोशनी गुप्ता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 100 मीटर महिला रेस में पीजी कॉलेज गाजीपुर की प्रवीणा तिवारी प्रथम, रामराजी महिला डिग्री कॉलेज आजमगढ़ की संगीत सिंह को द्वितीय और बयालसी डिग्री कॉलेज जौनपुर की सरिता प्रजापति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जबकि 400 मीटर पुरुष वर्ग रेस में राजा हरपाल सिंह पीजी कॉलेज सिंगरामऊ के गया प्रसाद यादव को प्रथम, पीजी कॉलेज गाजीपुर के संजय को द्वितीय और इसी कॉलेज के सुनील सिंह कुशवाहा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। महिला वर्ग ट्रिपल जम्प में मर्यादपुर कॉलेज मऊ की वंदना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जबकि ट्रिपल जम्प पुरुष वर्ग में युसूफपुर मोहम्मदपुर के छात्र धर्मेन्द्र यादव प्रथम, आरएमएम कॉलेज जौनपुर के रामपति पाल ने द्वितीय और आरएचएस पीजी कॉलेज सिंगरामऊ के राजकेशर यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। हैमर थ्रो पुरुष वर्ग में राजा हरपाल सिंह पीजी कॉलेज सिंगरामऊ के शिवम् शुक्ल प्रथम और इसी कालेज के मुलायम सिंह यादव ने द्वितीय और टीडी कॉलेज के आकाश सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 1इसी क्रम में 400 मीटर रिले रेस महिला वर्ग में पीजी कालेज गाजीपुर प्रथम, हंडिया पीजी कालेज द्वितीय और पंडित दीन दयाल उपाध्याय कालेज सैदपुर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
400 मीटर पुरुष वर्ग रिले रेस में टीडी कॉलेज जौनपुर प्रथम, पीजी कॉलेज गाजीपुर द्वितीय और हंडिया पीजी कालेज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डेकाथलान, पोल वाल्ट महिला में टीडी कॉलेज की मनीषा यादव प्रथम, प्रतापगंज डिग्री कॉलेज की अस्मिता यादव ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। राजकीय डिग्री कॉलेज गाजीपुर की प्रतीक्षा पांडेय ने सफल योगासन कर लोगों को जागरूक किया। प्रतियोगिता में महिला वर्ग में गाजीपुर प्रथम व हंडिया कॉलेज ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसी तरह पुरुष वर्ग में टीडी कॉलेज प्रथम एवं राजा हरपाल सिंह ने द्वितीय स्थान कायम किया। समारोह में बतौर अतिथि कुलपति प्रो.पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पूर्वांचल की अपनी शक्ति जिसे छात्रों को पहचानना होगा। बच्चे अपने अंदर शक्ति और आत्मविश्वाश पैदा करें तभी आपको दूसरे देश पहचानेंगे। छात्र अपने व्यक्तित्व से ही पहचाने जाते हैं। इसलिए शारीरिक मानसिक स्थिति को मजबूत बनाना होगा। विशिष्ठ अतिथि वित्त अधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह रहे। अध्यक्षता करते हुए स्पोर्ट कौंसिल के अध्यक्ष शिव शंकर सिंह ने कहा कि स्पोर्ट कौंसिल द्वारा प्रत्येक जिले में योग शिविर चलाने का निर्णय लिया है। जिसका पचास हजार खर्च विश्वविद्यालय उठाएगा। इस मौके पर प्रमुख रूप से अशोक कुमार सिंह, पूर्व सचिव खेलकूद परिषद देवेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, रणधीर कुमार, राम आसरे शर्मा, डीन डॉ.एचसी पुरोहित, डॉ.अविनाश पार्थिडेकर, पूर्व सचिव खेलकूद जेबी सिंह, डॉ.राजेश सिंह, मुम्बई विश्वविद्यालय के प्रो.आरएस तिवारी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अशोक सिंह ने किया। अंत में खेल सहायक रजनीश कुमार सिंह ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।(साभार -जागरण )




मानवाधिकार दिवस

                                 

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Monday 7 December 2015

२७ वीं एथलेटिक प्रतियोगिता उद्घाटन अवसर


२७ वीं एथलेटिक प्रतियोगिता उद्घाटन अवसर






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कोरोमंडल इंटरनेशनल में पांच छात्र चयनित
विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय में आज कोरोमंडल इंटरनेशनल ने कैंपस सिलेक्शन किया। इस अवसर पर श्री शिवाजी सिंह, रीजनल मैनेजर, एच.आर. ने आज सर्वप्रथम छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि एग्री-बिजनैस के छात्रों की आज कै दौर मै काफी मांग है और पूर्वांञ्चल विश्वविद्यालय में संचालित एम.बी.ए. एग्री बिजनैस पाठ्यक्रम कार्पोरेट जगत को अच्छे छात्र उपलब्ध करा रहा है और कहा कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को वे सभी जानकारियां दी जाती है जिसकी एग्री-बिजनेस जगत में मांग है। उन्हौने छात्रों को संभोधित करते हुए कोरोमंडल इंटर्नेशनल कंपनी के बारे मे विस्तार से बताया उसके बाद दो चरणों में छात्रों के साक्षात्कार लिए । इस अवसर पर पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय के इंडस्ट्री-इंस्टीट्यूट इंटरफेस के समन्वयक और एच.आर.डी. विभाग के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट समन्वयक डॉ. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि विश्विद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर व्यक्तित्व विकास के कार्यक्रम आयोजित करता रहता है और कार्पोरेट जगत के समूहों को आमंत्रित कर कैंपस सिलेक्शन आयोजित करवाने हेतु सतत प्रयत्नशील है। उन्हौने इस अवसर पर कोरोमंडल इंटर्नेशनल से आए अतिथियों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी यह संस्था विश्विद्यालय के छात्रों को चयनित करती रहेगी। अंत में वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. सुशील सिंह ने आभार व्यक्त किया और कहा कि हमें पूरी आशा है कि चयनित पाचों छात्र संस्थान की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे ।

Monday 30 November 2015

शोध पत्र लेखन विषय पर कार्यशिविर

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कान्फ्रेंस हाल में शोध पत्र लेखन विषय पर कार्यशिविर का आयोजन विवेकानंद केन्द्रीय पुस्तकालय एवं सेज पब्लिकेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय सोनीपत हरियाणा के प्रबंध शास्त्र के आचार्य प्रो. संकेत विज ने कहा कि एक शोधार्थी को पुस्तकालय ही सबकुछ दे सकता है। पुस्तकों से दोस्ती करना सीखिए जब विचारों का आवागमन तेज होगा तभी आप बेहतर शोध पत्र लेखन कर सकेंगे। हाल के वर्षों में पुस्तकालयों में बैठने वालों लोगों की कमी हो रही है। इसी कारण उत्कृष्ट शोध पत्र नहीं आ पा रहे है। उन्होंने यूजीसी समेत कई वेबसाइटों का उद्धरण देते हुए कहा कि आॅनलाइन रहते हुए आप पुस्तक एवं जर्नल्स को मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है। वैश्विक स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते हमारा ज्ञान सदैव समतुल्य होना आवश्यक है। किसी भी शिक्षक एवं विद्यार्थी के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह सदैव अपने ज्ञान को अपडेट करते रहे। प्रो. विज ने इण्डेक्स जर्नल्स, रैफ्रीड जर्नल्स, साइटेशन, वीबिलियोग्राफी, रेफेरेंसेज आदि बिंदुओं पर  उदाहरण सहित विस्तार से प्रकाश डाला।
डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रिपुसूदन सिंह ने कहा कि हमारे परम्परागत ज्ञान हमारे आदर्श है। उन्हीं को केन्द्रीकृत करके हम शोध शुरू करते है। शोध में समस्या को जानने के लिए हम सिद्धान्त का सहारा लेते है। जब हम सामान्य सिद्धान्त में आते है तो हमें व्याख्या, भविष्यवाणी एवं सुझाव तीनों को शामिल करना होता है। उन्होंने कहा कि शोध में रस्म अदायगी बंद होनी चाहिए। दुर्भाग्य का विषय है कि आज बहुत सारे शोध केवल एपीआई स्कोर बनाने के लिए हो रहे है। ज्ञान एवं समाज के विकास के लिए शोध बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शोध के समय परिकल्पना बहुत प्रमुख होती है, हम क्या सोचते है, अन्य लोग क्या सोचते है और फिर इसी बुनियाद पर शोध प्रारम्भ होता है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में सेज पब्लिकेशन इण्डिया के निकेत शर्मा ने देश व दुनिया में शोध पब्लिकेशन हाउस द्वारा चलाये जा रहे शोधग्रंथ व शोध पत्रिकाओं के पब्लिकेशन से जुड़ी बारिकियों के बारे में लोगों को परिचित कराया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष डा. एचसी पुरोहित ने कहा कि शोध पत्र लिखना एक महत्वपूर्ण कला है जिसमें शब्दों का चयन विषयवस्तु को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। शोध विषय का चयन सम्बन्धित विषय पर पूर्व में किये गये सभी शोधों के अध्ययन व संदर्भों के आधार पर तैयार किया जाता है और उसकी अभिव्यक्ति आम जनमानस को समझने वाली होनी चाहिए। तभी शोध पत्र अधिक सारगर्भित और सामाजिक प्रभाव डाल पाएंगे। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शोध छात्रों के लिए लाभकारी है।


इसके पूर्व विषय विशेषज्ञ एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यशिविर का शुभारम्भ हुआ। डा. अजय द्विवेदी,डा. अजय प्रताप सिंह, डा. प्रदीप कुमार, डा. बीडी शर्मा, डा. सुशील कुमार, डा. आलोक गुप्ता ने मंचासीन अतिथियों, विषय विशेषज्ञों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यशिविर में आये हुए विषय विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का स्वागत मानद पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो. मानस पाण्डेय ने एवं संचालन डा. विद्युत मल्ल ने किया। आभार प्रदर्शन डा. अविनाश पाथर्डीकर नें  किया।
इस अवसर पर प्रो. एके श्रीवास्तव, डा. रामनारायण, डा. वंदना राय, डा. मनोज मिश्र, डा. आशुतोष सिंह, डा. सुरजीत यादव, डा. एसपी तिवारी, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. आलोक सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. विवेक पाण्डेय, डा. रूश्दा आजमी, सत्यम उपाध्याय, ़ऋषि श्रीवास्तव, आलोक दास समेत विभिन्न संकायों के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

30.11.2015


‘भारतीय संविधान: लोकतंत्र और सफलता’ विषयक संगोष्ठी

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मा. अरूण टण्डन ने कहा कि जो शिक्षा हमें अभिमानी बना दें, वैसी शिक्षा मत लीजिए। देष तभी समृद्ध और विकास करेगा, जब इस देश  की शिक्षा सभी वर्गों तक बराबर पहुंचे। इसे सभी तक बांटना होगा। न्यायमूर्ति श्री टण्डन रविवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विष्वविद्यालय में आयोजित ‘भारतीय संविधान: लोकतंत्र और सफलता’ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। यह समारोह भारत रत्न डा. भीम राव अम्बेडकर की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर विश्वविद्यालय  द्वारा मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पं. मदन मोहन मालवीय जी का मानना था कि शिक्षा इंसान बनाने वाली होनी चाहिए। आज यह दुर्भाग्य से पैसा कमाने वाली बन गयी है। विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के आदर्शों  को आज अपनाने की जरूरत है। देश  में भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। इसके लिए हमें कलाम साहब के सिद्धांतों पर पहल करते हुए इसकी शु रूआत अपने घर से करनी होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने घरों में अपने अभिभावकों से यह सवाल करना होगा कि घर में जो कीमती सामान और वाहन आ रहे है वह अपनी कमाई के है या गलत ढ़ग से की गयी कमाई के। इस पारदर्शिता से समाज में सुधार परिलक्षित होगा। उन्होंने कहा कि जब संविधान बना तभी षिक्षा को भी मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाना चाहिए था।
विशि ष्ट अतिथि मा. कुलाधिपति/श्री राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री एसएस उपाध्याय ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया में लोकप्रिय है। जिसे विष्व के अन्य देशों  ने भी माना है। उन्होंने कहा कि यह हमारे संविधान की खूबी है कि तमाम विविधताओं, भाषा, मजहब, पंथ होने के बाद भी इसमें सबको साथ लेकर चलने की क्षमता है। यही सफल लोकतंत्र की पहचान है। उन्होंने कहा कि देष के तीन स्तम्भ न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका हैं। नियम बनाने का अधिकार विधायिका के पास है फिर भी अंतिम रूप से सर्वोच्च न्यायालय के पास इसे उचित या अनुचित ठहराने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में हमारी स्मृतियों ने कानून का पालन कराया था। अत्रि स्मृति का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा कि समाज में करणीय कार्य को धर्म कहा गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है। हमारे यहां सहिष्णुता शु रू से रही है। आज हमारेे यहां अधिकारों की बात बहुत हो रही है लेकिन अपने कर्तव्यों की बात लोग भूल गये है। जबकि पहले हमारा समाज अधिकार नहीं, अपने कर्तव्य पर जोर देता था। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 51 को समझने की जरूरत है तभी संविधान की मूल भावना का पालन हो पाएगा। हमारा लोकतंत्र परिपक्व है। इसका उदाहरण एनजेसी (राष्ट्रीय न्यायालय आयोग) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने देष की जनता से भी सुझाव मांगे थे। ऐसी प्रक्रिया हमारी लोकतांत्रिक मूल्यों को बल देती है।
विशि ष्ट  अतिथि वाराणसी मण्डल के आयुक्त एवं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति श्री नितिन रमेष गोकर्ण ने कहा कि विष्व के समस्त धर्म भारत में है, हमारी सभ्यता एवं संस्कृति में भी प्राचीनता की बुनियाद है। 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों की आबादी इस देष में 65 प्रतिषत है। ऐसे में आज हमें इन युवाओं के लिए रोल माॅडल तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक अरब 30 करोड़ की आबादी वाले इस महान देष में संविधान का शा सन अपने आप में ही एक बड़ी उपलब्धि है। दुनिया में यही एक ऐसा देश  है जो अपनी आजादी के बाद से लेकर अब तक कभी भी शा सन सत्ता में सैनिक हस्तक्षेप से वंचित है। भारत के संविधान ने लोकतंत्र को सफलतम स्तर पर पहुंचाने का कार्य किया है। ग्राम पंचायतों में चल रहे चुनाव इस लोकतंत्र की सफलता को दर्षाते है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि अभी हमें भ्रष्टाचार के खात्मे, महिला सषक्तिकरण तथा कमजोर लोगों के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि देश  को एकसूत्र में पिरोये रखने का कारण हमारा संविधान है। उन्होंने कहा कि संविधान में तीन स्तम्भ के बाद लोगों ने मीडिया को चौथे  स्तम्भ के रूप में स्थापित करने की जरूरत बतायी। आज सबकी निगरानी के लिए पांचवें स्तम्भ के रूप में सोश ल मीडिया आ गया है। सिविल सोसायटी ने आजादी की लड़ाई को आंदोलन में बदला था। आज सोश ल  मीडिया के माध्यम से इसी की पुनर्वापसी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज देश  के नागरिकों की इच्छा बढ़ी है। इन अपेक्षाओं एवं मूल स्वरूप में समानता के लिए प्रयास करने की जरूरत है। इसके पूर्व मुख्य अतिथि, विषिष्ट अतिथिगण एवं विष्वविद्यालय के कुलपति ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शु रूआत की।

कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डा. बीके पाण्डेय एवं डा. एचसी पुरोहित ने किया। स्वागत प्रो. डीडी दूबे द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर बी बी तिवारी , वित्त अधिकारी एमके सिंह, डा. लालजी त्रिपाठी, डा. राजीव प्रकाष सिंह, डा. यूपी सिंह, डा. सर्वानंद पाण्डेय, डा. विजय प्रताप तिवारी, डा. आलोक सिंह, डा. सूर्यप्रकाष सिंह मुन्ना, डा. विवेक पाण्डेय, डा. एके श्रीवास्तव, डा. रामनारायण, डा. मानस पाण्डेय, डा. अविनाष पाथर्डिकर, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. मनोज मिश्र, डा. वंदना राय, डा. अजय द्विवेदी, डा. बीडी श र्मा, डा. सुरजीत यादव, डा. एसपी तिवारी, डा. आषुतोष सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, सुषील कुमार, डा. आलोक सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. रूष्दा आजमी, डा. केएस तोमर, रामजी सिंह, ष्याम त्रिपाठी, अशोक  सिंह, रजनीश  सिंह, डा. राजेश  जैन समेत विभिन्न संकायों के शि क्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। अंत में कार्यक्रम के संयोजक डा. रामनारायण ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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 सगोष्ठी के पश्चात मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री अरूण टण्डन, मंडलायुक्त वाराणसी श्री नितिन रमेश  गोकर्ण, श्री राज्यपाल के विधिक सलाहकार एसएस उपाध्याय एवं कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने विश्वविद्यालय  के एकलव्य स्टेडियम में चल रही पूर्वी क्षेत्र अन्तरविश्वविद्यालयीय क्रिकेट (महिला) प्रतियोगिता के खिलाडि़यों का परिचय प्राप्त किया एवं उनका उत्साहवर्धन किया। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के विवेकानन्द केन्द्रीय पुस्तकालय में भारत सरकार द्वारा प्रदत्त मूल संविधान की छाया प्रति का अवलोकन किया एवं पुस्तकालय के बारे में जानकारी प्राप्त की। अंत में माननीय अतिथिगण द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में आंवले के पौध का रोपण किया गया।

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संगोष्ठी में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री अरूण टण्डन, मंडलायुक्त वाराणसी श्री नितिन रमेश  गोकर्ण, श्री राज्यपाल के विधिक सलाहकार एसएस उपाध्याय एवं कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने 26 नवम्बर को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘भारतीय संविधान: लोकतंत्र और सफलता’ विषयक निबंध प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों प्रथम प्रीती मिश्रा, द्वितीय राहुल सोनी और तृतीय पूजा कुमारी तथा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।







समाचार पत्रों से






Friday 27 November 2015

पांच दिवसीय न्यूमेरिकल कम्प्यूटेशन यूजिंग मैटलैब का हुआ आयोजन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कान्फ्रेंस हाल में गुरूवार को इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय के गणित एवं कम्प्यूटर साइंस विभाग में न्यूमेरिकल कम्प्यूटेशन यूजिंग मैटलैब विषयक पांच दिवसीय कार्यशाला 26 से 30 नवम्बर का शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रबंध संकायाध्यक्ष डा. एचसी पुरोहित ने कहा कि मैटलैब साफ्टवेयर अनेक क्षेत्रों की मैथमेटिकल माॅडलिंग में बहुत उपयोगी है, तथा इसे हर इंजीनियरिंग एवं वैज्ञानिक को जानना चाहिए।

कार्यशाला में संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि आज के भावी इंजीनियरों के लिए मैटलैब एक आवश्यक टूल है इसका विज्ञान और इंजीनियरिंग के विविध क्षेत्रों में अनेक प्रयोग है। इसकी मदद से गणितीय प्रश्नों को सरलता से हल किया जा सकता है। उद्घाटन सत्र में बतौर स्रोत विद्वान सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सूरत के सहायक प्रोफेसर डा. सुनील कुमार ने कहा कि इस साफ्टवेयर की मदद से कम्प्यूटर ग्राफिक जैसे कठिन विषयों को सरल तरीके से समझा जा सकता है। इस साफ्टवेयर की मदद से कम्प्यूटर साइंस, वैद्युत एवं यांत्रिकी अभियंत्रिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आदि में ग्राफिक एवं न्यूमेरिकल साल्यूशन निकाले जा सकते है। कार्यशाला के संयोजक डा. राजकुमार ने विषय प्रवर्तन किया एवं डा. संजीव गंगवार ने कार्यशाला की रूपरेखा को प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. रविप्रकाश ने किया।
कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डा. संतोष कुमार ने किया। इस अवसर पर डा. अजय प्रताप सिंह, डा. वंदना राय, डा. अजय द्विवेदी, डा. प्रदीप कुमार, डा. अशोक यादव, डा. वीडी शर्मा, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. ज्ञानेंद्र पाल, डा. संतोष यादव, अर्पणा गौर, अंकिता श्रीवास्तव समेत विभिन्न संकायों के शिक्षक विद्यार्थी मौजूद रहे।

निबंध प्रतियोगिता का हुआ आयोजन


विश्वविद्यालय के संकाय भवन में गुरूवार को संविधान दिवस के अवसर पर ‘‘भारत का संविधान: प्रजातंत्र एवं सफलता’’ विषयक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों से कुल 52 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश पर भारत रत्न डा. भीम राव अम्बेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। परीक्षा में निरीक्षक के रूप में प्रबंध अध्ययन संकाय के प्रवक्ता सुशील कुमार, वित्तीय अध्ययन के मंजीत वर्मा, राजेश कुमार और मास कम्यूनिकेशन के डा. सुनील कुमार रहे। निबंध परीक्षा का निरीक्षण विश्वविद्यालय के कुलसचिव बी.के. पाण्डेय और प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष डा. एचसी पुरोहित ने किया। परीक्षा के मूल्यांकन के बाद प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। विजेताओं को 29 नवम्बर की संगोष्ठी में संगोष्ठी भवन में मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के संयोजक डा. राम नारायण ने बताया कि प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों को संविधान के प्रति जागरूक करना है।

Monday 23 November 2015

स्वयं को जानना सबसे महत्वपूर्ण : एम.एम. खान


एच.आर.डी. विभाग में दो दिवसीय व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का आयोजन

विश्वविद्यालय के एच.आर.डी. विभाग के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय व्यक्तित्व विकास कार्यशाला ’स्वयं को जानो और बदलाव के लिए तैयार रहो’ विषय पर आयोजित की गई। इस अवसर पर हिन्डाल्को इंडस्ट्रीज के पूर्व महाप्रबंधक श्री एम.एम. खान मुख्य वक्ता थे। श्री खान ने जोर देकर कहा कि बदलते परिवेश में किसी भी प्रबंधक को सबसे पहले आपने आप को जानना अति आवश्यक है क्य़ुकि जब तक हम अपने आपको नही जानेंगे तब तक हम किसी भी संस्था को अपनी खूबियों के बारे मे नही बता पाएंगे। किसी भी साक्षात्कार के समय यह बात सबसे महत्वपूर्ण होती है कि आप अपनी खूबियों को किसी संस्था के लिए कितना उपयोगी सिद्ध कर सकते हैं। 
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रबंध अध्ययन संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ.एच.सी. पुरोहित ने कहा कि ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ छात्रों के व्यक्तित्व विकास हेतु समय समय पर आयोजित करता रहता है जो कि छात्रों को कर्पोरेट जगत में अच्छी नौकरी पाने में सहायक होतें है। एच.आर.डी. विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.संगीता साहू ने कहा कि आज के दौर में छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु नियमित पठन-पाठन के अतिरिक्त ऐसे  कार्यक्रम छात्रों के करियर निर्माण मे अत्यंत महत्वपूर्ण है और एच.आर.डी. विभाग इस ओर अपने प्रयास करता रहता है। 
एच.आर.डी. विभाग के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट कोऑर्डिनेटर डॉ अविनाश पाथर्डीकर ने बताया कि आने वाले समय मे प्रबंध अध्यय्यन के छात्रों को कॉर्पोरेट जगत के टॉप मेनेजमेंट एक्जीक्यूटिव के अनुभवों से छात्रों को लाभान्वित करवाता रहेगा। कार्यशाला के प्रथम दिवस के अंतिम सत्र में इस कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ रसिकेश ने आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में श्री अनुपम कुमार, श्री अभिनव श्रीवास्तव सहित प्रबंध अध्यय्न संकाय के छात्र उपस्थित थे।


पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालयीय क्रिकेट महिला प्रतियोगिता



विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में शनिवार को पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालयीय क्रिकेट महिला प्रतियोगिता 2015-16 का उद्घाटन पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने किया। यह प्रतियोगिता 30 नवम्बर तक चलेगी। प्रतियोगिता में पूर्वी क्षेत्र के कुल 20 टीमें भाग लेंगी।
प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि खेल से विश्वविद्यालय भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। विश्वविद्यालय की गतिविधियों में खेल का बहुत बड़ा हिस्सा है। जौनपुर से पूरब की ओर राज्यों में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में है। पूर्वी क्षेत्र के विद्यार्थियों का विकास संस्कृति से जुड़कर हुआ है। पूर्वी क्षेत्र के राज्य खेल व संस्कृति में बहुत आगे है। उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों को सिर्फ खेल के मैदान में ही अव्वल नहीं होना है बल्कि जिस संस्थान से आये है वहां पढ़ाई में भी आगे बढ़ना है। इस दोहरी चुनौती में सफल होने वालों को जीवन में दोहरा लाभ मिलता है। 
उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता एक और अवसर प्रदान करती है जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आये अलग-अलग सामाजिक परिवेश और संस्कृति के खिलाडि़यों से एक दूसरी टीम परिचित होगी और बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा। 
खेलकूद परिषद के अध्यक्ष डा. हरिशंकर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय लगातार सफल खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करता चला आ रहा है। इसीलिए पूर्वी क्षेत्र की इस प्रतियोगिता को सम्पन्न कराने के लिए विश्वविद्यालय को यह जिम्मेदारी मिली है। खेलकूद परिषद के पूर्व सचिव डा. देवेंद्र सिंह ने अपने स्वागत भाषण में भाग लेने आये खिलाडि़यों से टीम भावना से मिल जुलकर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की अपील की। 
पूर्वांचल विश्वविद्यालय और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ की टीमों के मैच से प्रतियोगिता की शुरूआत हुई। उत्कल विश्वविद्यालय उड़ीसा, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग झारखण्ड, बरहमपुर विश्वविद्यालय उड़ीसा, सरगुजा विश्वविद्यालय अम्बिकापुर छत्तीसगढ़, गुरूघासीदास विश्वविद्यालय विलासपुर छत्तीसगढ़, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, मणिपुर विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, पं. दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, टीएम भागलपुर विश्वविद्यालय, सम्बलपुर विश्वविद्यालय उड़ीसा, एलएनएम विश्वविद्यालय दरभंगा बिहार, बिलासपुर विश्वविद्यालय बिलासपुर, पटना विश्वविद्यालय, रांची विश्वविद्यालय, बीएचयू, कलकत्ता विश्वविद्यालय की टीमें भाग लेंगी। टीमों के साथ टीम प्रबंधक व कोच भी आ रहे है।
उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन अशोक सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन खेल सचिव विपिन चंद्र अस्थाना ने किया। इस अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, वित्त अधिकारी एमके सिंह, डा. एचसी पुरोहित, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. बीडी शर्मा, डा. रामआसरे शर्मा, डा. हरेंद्र सिंह, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अर्पिता मिश्रा, डा. रजनीश भास्कर, डा. केएस तोमर, भूपेंद्र वीर सिंह, रजनीश सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

Tuesday 6 October 2015

झंकार प्रतियोगिता-पुरस्कार वितरण कार्यक्रम


विश्वविद्यालय के झंकार प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को संगोष्ठी भवन में पुरस्कृत किया गया.परिसर के विद्यार्थियों के कला कौशल को निखारने के लिए रंगोली, पेंटिंग, कोलाज़, नृत्य, गायन,नाटक, वाद- विवाद आदि प्रतियोगिताएँ ३०

सितम्बर से ६ अक्टूबर तक आयोजित की गई थी.इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर अपनी कला प्रदर्शित की.

पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आप अध्ययन के पश्चात जीवन की एक  नई पारी की शुरुआत करेंगे। कैरियर के कैनवास पर आपको स्वयं रंग भरना है. झंकार ने आपके जीवन में एक नया रंग भर दिया है. एक  सप्ताह की  प्रतियोगिता में जो सौहार्द और टीम भावना विकसित हुई है वो आपके भविष्य निर्माण में मददगार होगी।

समापन समारोह में विभिन्न प्रतियोगिता  प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागियों को कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल, कुलसचिव डॉ बी के पाण्डेय,वित्त अधिकारी एम के सिंह और प्रो डी डी दुबे ने पुरस्कृत किया।  रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम सौम्या, सृष्टि द्वितीय श्रवण, पूर्णिमा, शमी तृतीय विशाखा, फरजाना,निशा ,सुमन फेस पेंटिंग में प्रथम श्याली,सत्यम द्वितीय अनवर, सौरभ तृतीय अभिनव, रजत मेंहदी में प्रथम निवेदिता, दिव्या द्वितीय जया, सोनाली तृतीय श्वेता, सना कोलाज़ में प्रथम अपराजिता द्वितीय दीपक तृतीय शशिकला एकल नृत्य में प्रथम स्नेहलता,निहारिका द्वितीय शिप्रा तृतीय स्वाति समूह नृत्य में प्रथम   साइन ग्रुप द्वितीय माइक्रोबायोलॉजी ग्रुप तृतीय कोमल ग्रुप एकल गायन में प्रथम लाल बहादुर द्वितीय  प्रिया  तृतीय अनम  समूह गायन में प्रथम अमर भारती ग्रुप  द्वितीय कुमार पार्थ ग्रूप   तृतीय त्रिमूर्ति ग्रुप नाटक में प्रथम उड़ान ग्रुप द्वितीय   माइक्रोबायोलॉजी ग्रुप  तृतीय बायोटेक ग्रुप मूक अभिव्यक्ति में प्रथम सेवन स्टार ग्रुप (मुकेश कुमार तिवारी, बिरेन्द्र सिंह, नेहा,आदर्श,विनय,विशाल,पंकज ) वाद- विवाद में साक्षी प्रथम,ख़ुशी द्वितीय    प्रांशु और  रूपशंकर तृतीय स्थान प्राप्त किया। 

सांस्कृतिक सचिव डॉ एच सी पुरोहित ने प्रतियोगिता की रिपोर्ट प्रस्तुत की.इस अवसर पर डॉ अविनाश पर्थिडकर ने स्वागत एवं डॉ आशुतोष सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ वंदना राय,  डॉ संगीता साहू, डॉ एस पी तिवारी,डॉ राजेश शर्मा,डॉ रजनीश भास्कर डॉ प्रदीप कुमार,, डॉ मनोज मिश्र,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ रुश्दा आज़मी,डॉ कार्तिकेय शुक्ल, डॉ के एस तोमर  समेत विद्यार्थीगण मौजूद रहे.  

नाटक प्रतियोगिता


विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अन्तर्गत झंकार प्रतियोगिता के छठें दिन सोमवार को संगोष्ठी भवन में नाटक प्रतियोगिताएं हुई। प्रतिभागियों ने नाटक के माध्यम से हंसाया, रूलाया और वहीं दूसरी ओर बहुत सारे सामाजिक मुद्दों पर सोचने को विवश भी कर दिया।

बतौर मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी एमके सिंह ने कहा कि नाटक, साहित्य और समाज से जुड़ा व्यक्ति ही सफल हो सकता है। ऐसी विधाओं से जुड़े लोगों में जो प्रतिभा होती है वह उन्हें अन्य से अलग पंक्ति में खड़ा करती है। आज विद्यार्थियों ने जिस तरीके से नाटकों की प्रस्तुति कर मुद्दे उठाये है वह मर्मस्पर्शी है। नाटकों में आज के समाज की सच्ची तस्वीर दिखती है। 
जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डा. मनोज मिश्र ने कहा कि नाटक भारतीय परम्परा में लम्बे समय से जीवित है। नाटक अभी भी जनसंवाद के दृष्टिकोण से आम लोगों में बहुत लोकप्रिय माध्यम है। रामलीला रासलीलाएं नाटक के सशक्त स्वरूप है जो समाज में आज भी विद्यमान है। 

संगोष्ठी भवन में नाटक, मूक अभिव्यक्ति, हांस्य नाटिका की कुल 13 प्रस्तुतियां हुई। बाॅयोटेक्नोलाॅजी 
विभाग के विद्यार्थियों द्वारा एक कदम स्वच्छता की ओर नाटक में स्वच्छता के विभिन्न मुद्दों को उठाया गया। ‘मेरी पहचान’ नाटक में उड़ान ग्रुप ने महिला करें सपना साकार का संदेश दिया। ‘उफ! ये टेक्नोलाॅजी’ नाटक में मोबाइल के बढ़ते प्रयोग से परिवार में बढ़ते तनाव को बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। इसमें वाचक की भूमिका एहसान हाश्मी ने निभायी। यह दोनों नाटक जनसंचार विभाग के विद्यार्थी शायली मौर्य, मूलचन्द्र द्वारा लिखित थे। बाॅयोकमेस्ट्री के विद्यार्थियों ने ‘पानी रे पानी तेरा रंग कैसा’ नाटक में समाज के विविध रंगों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। एमबीए के विद्यार्थियों ने भारतीय फौजी, एमबीई ने दहेज प्रथा, माइक्रोबाॅयोलाॅजी ने सर्व शिक्षा अभियान, मैनेजमेंट ने मास्टर जी के मास्टर माइंड, बाॅयोकमेस्ट्री के सब्सट्रैक्ट ग्रुप ने एंजाइम, एमएपी ग्रुप ने कन्या भ्रूण हत्या व सौतेली मां नाटक का मंचन हुआ। वहीं सेवन स्टार ग्रुप ने मूक अभिव्यक्ति के माध्यम से ट्रिब्यूट टू सोल्जर की प्रस्तुति की। एक हास्य नाटिका की भी प्रस्तुति हुई। 

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डा. एसपी तिवारी, डा. सुनील कुमार व डा. रजनीश भाष्कर रहे। प्रतियोगिता का संचालन डा. अवध बिहारी सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. एचसी पुरोहित ने किया। 
इस अवसर पर डा. आशुतोष सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, आलोक गुप्ता, रविप्रकाश, डा. रूश्दा आजमी, ऋषि श्रीवास्तव, सुबोध पाण्डेय, पंकज सिंह समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे। 
नोट: सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने बताया कि झंकार 2015 में हुई प्रतियोगिताओं का परिणाम निर्णायक मंडल से प्राप्त हो चुका है और स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को छह अक्टूबर को पुरस्कृत किया जाएगा।

Sunday 4 October 2015

झंकार -पोस्टर प्रतियोगिता

झंकार प्रतियोगिता के पांचवे दिन पर्यावरण संरक्षण प्रौध्योगिकी व ऊर्जा संरक्षण पर केंद्रित रही पोस्टर प्रतियोगिता

विश्वविद्यालय स्थापना समारोह सप्ताह के क्रम में पांचवे दिन प्रबंध अध्ययन संकाय में पर्यावरण संरक्षण, प्रौध्योगिकी व ऊर्जा संरक्षण विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता का उद्घाटन एच.आर.डी. विभाग के डॉ. अविनाश पाथर्डीकर ने किया। इस अवसर पर डॉ पाथर्डीकर ने कहा कि चित्रों के माध्यम से हम किसी भी संदेश को प्रभावी एवं सरलता से पहुंचा सकते हैं। चित्रकारी न सिर्फ़ संदेश वाहक का कार्य करती है बल्कि हमारे व्यक्तित्व को भी परिलक्षित करती है । चित्रकारी में भरे गए रंग और उसकी आकृति अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम हो सकती है। बिना शब्दों के भी किसी आकृति में छिपे संदेश को हम समझ सकते हैं और रंगों से उसकी परिभाषा एवं छात्र की कल्पना शक्ति को जान सकते हैं । प्रतियोगिता के दिशा निर्देशन व संयोजन डॉ. रुश्दा आजमी ने किया । डॉ रुश्दा आज़मी ने कहा कि पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन छात्रों की सृजन शक्ति को विकसित करने मे सहायक सिद्ध होगा और उनकी छिपी हुई प्रतिभा निखरेगी । प्रबंध संकायाध्यक्ष डॉ. एच सी पुरोहित ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर पीयूष रंजन अग्रवाल का सदैव प्रयास रहता है कि छात्रों में बहु आयामी गुणों का समावेश हो। उनके निर्द्देश के क्रम में ही स्थापना दिवस सप्ताह समारोह की प्रतियोगिता में पर्यावरण संरक्षण, प्रौध्योगिकी व ऊर्जा संरक्षण विषय पर यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है । निर्णायक मंडल डॉ प्रदीक कुमार एवं डॉ आशुतोष सिंह ने निर्धारित मापदंडों पर कृतियों को परखा। चार्ट प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया । प्रतियोगिता मुख्यत: ग्रीन एनर्जी, सौर्य ऊर्जा, ग्लोबल वार्मिंग, धरती बचाओ, औध्योगिक-प्रदूषण, जल-प्रदूषण आदि विषयों पर केंद्रित रही । अंत में डॉ अनुपम कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर सांस्कृतिक परिषद के सदस्य व समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

Saturday 3 October 2015

झंकार 2015



सांस्कृतिक प्रतियोगिता झंकार 2015 के चौथे दिन प्रतिभागियों ने एकल व समूह गायन में सुरों की महफिल सजा दी। दर्द भरे नगमों के साथ ही साथ जोश भरने वाले देश भक्ति गीतों की प्रतिभागियों ने जोरदार प्रस्तुति की।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बाॅयोटेक्नोलाॅजी विभाग की शिक्षिका डा. वंदना राय ने कहा कि प्रतिभागियों के सुरों की कला देखकर अत्यंत आनंद व संतोष का अनुभव हुआ है। मंच पर प्रस्तुति करने से विद्यार्थियों में आत्म विश्वास की वृद्धि होती है जो उन्हें अन्य स्थितियों में भी मददगार साबित होती है। इस प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना अपनी बेहतर प्रस्तुति करना। सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने कहा कि पिछले कई सालों से झंकार सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित कर परिसर के विद्यार्थियों में सृजनधर्मिता का विकास करना हमारा उद्देश्य है।
चैथे दिन एकल व समूह गायन प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें कुल 33 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। छात्रा अनम जेहरा रिजवी ने अपने सैय्यद वसीम द्वारा आतंकवाद के खिलाफ रचित कविता आतंकी हवाओं को हम हरगिज न देश में बहने न देंगे... की प्रस्तुति कर सबमें जोश भर दिया। प्रीति यादव ने ऐ मेरे वतन के लोगों, श्वेता अस्थाना ने सारे जहां के मालिक, लाल बहादुर ने ऐ मेरे प्यारे वतन, ममता ने भोजपुरी लोकगीत यही देशवा के एतना बड़ाई.., अमित कुमार ने प्रभु आपकी कृपा से..., दिव्या सेठी ने पंजाबी लोकगीत वेखो लाडला वतन मेरा गावे... एवं प्रियंका मिश्रा ने अमृत के धार केहू केतनो पिआयी... गीत प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। त्रिमूर्ति ग्रुप की निवेदिता, दिव्या, स्वाती ने तेरी है जमीं, तेरा है आसमां... गीत प्रस्तुत कर ईश्वर में लीन कर दिया। 
इनके अतिरिक्त अन्य प्रतिभागियों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। आज की प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में डा. एसपी तिवारी, शुभा मल्ल, अनामिका मिश्रा शामिल रहे। संचालन डा. राजेश शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डा. प्रदीप कुमार, डा. अवध विहारी सिंह, डा. रूश्दा आजमी, डा. झांसी मिश्रा, सुधीर उपाध्याय समेत शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
झंकार में 04 अक्टूबर को प्रबंध अध्ययन संकाय में पर्यावरण प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा संरक्षण पर पोस्टर प्रतियोगिता होगी। वहीं 5 अक्टूबर को संकाय भवन में नाटक, हास्य नाटिका व मूक अभिव्यक्ति की प्रतियोगिताएं है। प्रतिभागी अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। 
  

Friday 2 October 2015

महात्मा गांधी जी की जयंती के साथ धूम धाम से मना विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  में 2 अक्टूबर को विश्वविद्यालय स्थापना दिवस समारोह धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर गांधी वाटिका में विश्वविद्यालय के सदस्यों ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन किया। विदित हो कि आज के पावन दिन  2 अक्टूबर 1987 को ही विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। प्रारम्भ में बारह जनपदों के कुल 68 महाविद्यालयों को इससे सम्बद्ध किया गया था। आज पूर्वांचल के पांच जनपदों में 562 महाविद्यालयों को समेटे हुए यह विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

विश्वविद्यालय के गांधी वाटिका  में महात्मा गांधी जी  की मूर्ति व लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के पश्चात विश्वविद्यालय परिवार द्वारा राम धुन का सस्वर पाठ किया गया। विश्वविद्यालय के जगदम्बा प्रसाद मिश्र,राजनारायण सिंह,रविशंकर शुक्ला,सुशील प्रजापति,रजनीश सिंह , रमेश पाल एवं साथियों द्वारा रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम  के गायन से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।
  इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि देश,समाज एवं विश्वविद्यालय के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी व शास्त्री जी का नाम लेते ही सिर श्रद्धा से झुक जाता है।महात्मा गांधी ने देश की सेवा श्रीमद्भागवत गीता के सिद्धान्तो पर की। गांधी  के इस देश में गांधीवाद को अपनाकर आधुनिक समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। 
   शास्त्री जी को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि सादगी व शान्ति के बीच वह बहुत दृढ़विश्वासी थे। व्यक्तिगत स्वार्थों से उपर उठकर देश के बारे मे सोचने की प्रेरणा हमें उनसे मिलती है।  जय जवान-जय किसान के नारे ने देश को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दी।
इस अवसर पर कुलसचिव डा बी0के0 पाण्डेय प्रो0डी0डी0 दूबे, प्रो0 वी0के0 सिंह,डा एच0सी0 पुरोहित,डा अजय प्रताप सिंह,डा अजय द्विवेदी,डा मनोज मिश्र,डा रजनीश भाष्कर,डा प्रदीप कुमार,डा दिग्विजय सिंह,डा अवध विहारी सिंह,डा सुनील कुमार,डा के0एस0तोमर,राम जी सिंह,श्याम त्रिपाठी ,सुबोध पाण्डेय,अमलदार यादव,अनिल श्रीवास्तव,राजेश सिंह,राजेश जैन,पंकज सिंह सहित समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी मौजूद रहे। संचालन अशोक सिंह ने किया।
  
                                                                                  

झंकार २०१५ के तीसरे दिन एकल एवं समूह नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित हुई


विश्वविद्यालय  में स्थापना दिवस के अवसर पर चल रहे साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम झंकार 2015 के अन्तर्गत शुक्रवार  को संगोष्ठी भवन में नृत्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने देश भक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर समा बांधा।झंकार २०१५ के तीसरे दिन एकल एवं समूह नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी.प्रतिभागियों ने अपने कला को प्रदर्शित कर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी।

प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि विज्ञान संकायाध्यक्ष  प्रो डी डी दुबे ने कहा कि प्रतिभागियों ने जिस लगन के साथ  यहाँ प्रस्तुति की है उससे उनका व्यक्तित्व अलग तरीके से सामने उभर कर आया है.इस तरह के कार्यक्रम अध्ययन के दौरान नई ऊर्जा का संचार करते है.एकल नृत्य में कुल ८ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।शिप्रा ने मेरा देश रंगीला , स्नेहलता ने चक दे इंडिया, बसंत लाल ने माँ शेरावाली, स्वाति ने ढोला रे ढोला, गोविन्द मिश्रा ने जलवा तेरा जलवा, निखिल व प्रज्ज्वल ने धुन पर नृत्य किये। 

समूह नृत्य में  ५ टीमों ने अपनी प्रस्तुति दी. ऋतू टीम ने सर पर हिमालय का ताज है... देश भक्ति गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। साईं ग्रुप ने राधा कृष्ण , कोमल ग्रुप ने देश रंगीला, गोविन्द ग्रुप ने कट्टो गिलहरी, बफर ग्रुप ने सुनो सुनो मेरी आवाज गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी.  कार्यक्रम के संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर एवं निर्णायक मंडल में प्रो वी के सिंह, डॉ अविनाश पर्थिडेकर और आलोक दास रहे.कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक सचिव डॉ एच सी पुरोहित ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ आशुतोष सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ वी डी शर्मा,डॉ एस पी तिवारी  डॉ मनोज मिश्रा, डॉ रजनीश भाष्कर, डॉ अमरेंद्र सिंह,डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक,कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद रहे.

 दूसरी ओर स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्याल के छात्रावासों में भी कार्टूनिंग, कोलाज, पोस्टर, एकल नृत्य एवं गान प्रतियोगिताएँ आयोजित हुई.झंकार प्रतियोगिता में ३ ऑक्टूबर को एकल एवं समूह गान प्रतियोगिताएँ एवं चार ऑक्टूबरको प्रबंध अध्ययन संकाय में पर्यावरण, प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा संरक्षण विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता होगी। 

Thursday 1 October 2015

झंकार 2015 के दूसरे दिन हुई वाद-विवाद, रंगोली, फेस पेटिंग प्रतियोगिता

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस के अवसर पर चल रहे साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम झंकार 2015 के अन्तर्गत गुरूवार को आईबीएम भवन में वाद-विवाद, रंगोली, फेस पेटिंग, मेंहदी व कोलाज प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों के बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के सृजन का अवलोकन करने पहुंचे कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने उनकी कला की प्रसंशा  की और विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास एवं सृजनषीलता को विकसित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। 
आईबीएम भवन के कांफ्रेस हाल में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में 44 प्रतिभागियों ने ‘क्या डिजिटल इण्डिया अभियान से देश  के आर्थिक विकास को बल मिलेगा’ विषय पर अपने विचार रखें। प्रतिभागियों ने डिजिटल इंडिया अभियान को देष के लिए नई ऊंचाईयों पर ले जाने वाला अभियान बताया। प्रतिभागियों ने अपनी सहमति दी कि इस अभियान से देश का समग्र आर्थिक विकास होगा और आम आदमी मजबूत होगा।

सतरंगी रंगों के माध्यम से बनी रंगोलियों ने बड़े संदेष दिए। शिल्पा ने डिजिटल इंडिया, सुमन ने रेप, दीपा निगम ने भ्रूण हत्या, विषाखा ने विकलांगों को सबल बनाए, अनुराधा ने वृक्ष बचाओ, रूकैय्या ने सेव गर्ल विषय पर रंगोली बनायी। रंगोली प्रतियोगिता ने कुल 15 टीमों ने भाग लिया। फेस पेटिंग प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों ने फेस पर पेटिंग उकेरे।
शायली ने सत्यम श्रीवास्तव के चेहरे पर पृथ्वी रक्षा, सूर्यप्रताप ने राजेष कुमार के चेहरे पर महिला रक्षा अभिनव ने रजत के चेहरे पर नारी दषा दिवाकर ने राहुल शर्मा के चेहरे पर पृथ्वी रक्षा व सौरभ ने अनवर के चेहरे पर प्रकृति की रक्षा का संदेष बड़े ही आकर्षक ढ़ंग से दिया। वही कोलाॅज प्रतियोगिता में अपराजिता, शशिकला और दीपक व मेंहदी में 13 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिताओं में निर्णायक मंडल में डा. अजय प्रताप सिंह, डा. अविनाष पाथर्डीकर, डा. मनोज मिश्र, डा. एसपी तिवारी, डा. सुषील सिंह, डा. सुधीर उपाध्याय, डा. अंषुमान, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. आलोक सिहं, डा. विनय वर्मा, डा. सरिता सिंह, डा. कार्तिकेय शुक्ला समेत आदि ने अपना योगदान दिया।