Monday 28 February 2022

सस्ती और प्रदूषण रहित है सौर ऊर्जा : डॉ रितु श्रीवास्

विज्ञान और तकनीक का एकीकृत प्रयोग सतत विकास के लिए जरूरी : प्रो. निर्मला एस. मौर्य

भारत ने विकसित किया अपना स्वदेशी नेविगेशन तंत्रः मिर्जा मोहम्मद जहीर

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हुए विविध आयोजन


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परिसर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें 470 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

संगोष्ठी में राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला नई दिल्ली की वैज्ञानिक डॉ. रितु श्रीवास्तव ने सतत ऊर्जा के लिए फोटोनिक डिवाइस विषय पर विस्तार से समझाया। फोटोनिक डिवाइस प्रकाश ऊर्जा का सतत और स्वच्छ स्रोत है। डॉ. श्रीवास्तव ने ऑर्गेनिक सोलर सेल पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सोलर ऊर्जा का ही देश में भविष्य है जो कि देश को प्रदूषण मुक्त करने में सहायक होगा। इसमें अधिक उत्पादन और कम लागत भी आएगी।


इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के सम्मिलित प्रयास टिकाऊ भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस मौके पर उन्होंने सी. वी. रमन के जीवन पर भी प्रकाश डाला।  कहा कि सिर्फ भारतीयों का पास ही सिद्धांत की अवधारणा स्पष्ट है इस कारण विश्व के जिन भी देश में वे काम के लिए गए वहां उन्होंने वहां देश का नाम रोशन किया।

इस मौके पर इसरो लखनऊ के मिर्जा मोहम्मद जहीर ने सैटेलाइट कम्युनिकेशन विषय पर अपना व्याख्यान दिया। जहीर ने सेटेलाइट के कार्य प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विश्व भर में प्रयोग हो रहे विभिन्न नेविगेशन सिस्टम के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि इसरो ने नाविक नाम का नेविगेशन सिस्टम बनाया है, जिसे 2019 में मान्यता मिल चुकी है। नाविक की मदद से समुद्री क्षेत्र में मछुआरों को तथा युद्ध के समय में भारतीय सेना को बहुत मदद मिलेगी। इसरो लखनऊ के डॉ दिनेश कुमार मिश्रा ने भारतीय अंतरिक्ष मिशन पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ मिश्रा ने अब तक भारत द्वारा अंतरिक्ष में किए गए अभियानों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुंच गया और चंद्रयान-2 और मंगलयान-1 सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं और समय से हमें सूचना दे रहे हैं।  

सेमिनार में रज्जू भैया संस्थान के निदेशक सेमिनार के सह संयोजक प्रो. देवराज सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। इंजीनियरिंग संस्थान के संकायाध्यक्ष सेमिनार के संयोजक प्रो. बी. बी. तिवारी ने संगोष्ठी की विस्तृत रूपरेखा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन रामांशु और धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डा. धीरेंद्र कुमार चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रो. रामनारायणप्रो अजय द्विवेदी,  डॉ. प्रमोद कुमार यादव,  डॉ राजकुमार,  डॉ संतोष कुमार,  डॉ मनोज मिश्रा,  डॉ ‌मनीष कुमार गुप्ता, डॉ सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ प्रमोद कुमार,  डॉ. रजनीश भास्कर,  डॉ रविप्रकाश,  डॉ. गिरधर मिश्र,  डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह डा. पुनीत धवन, डा. काजल डे,  डॉ. प्रवीण सिंह,  डॉ.दिव्येंदु मिश्र,  सौरभ सिंहपूनम सोनकर जया शुक्ला सुधीर सिंह,  रितेश बरनवाल  व अन्य शिक्षक तथा बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे ।











Sunday 27 February 2022

देश और व्यक्ति के विकास के लिए मातृभाषा जरूरी: प्रो. गिरिश्वर मिश्र

मातृभाषा से ही व्यक्ति के बीच सर्वोत्तम संवाद: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

अंग्रेजी भाषा आवश्यक है तो मातृभाषा महत्वपूर्ण: डॉ. एन.सी राजश्री

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर  सात दिवसीय कार्यशाला का समापन समारोह

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं गुरु नानक कॉलेज स्वायत्तशासी चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को  सात दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का समापन समारोह  हुआ। इसका मुख्य विषय था शिक्षण, शोध एवं रोजगार में मातृभाषा की उपादेयता। कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरिश्वर मिश्र ने कहा कि राष्ट्र की पहचान अपनी भाषा  से होती है। भाषा जीवित तभी रहती है जब उसका उपयोग होता है। भाषा के इस्तेमाल न करने से संस्कृति का नाश हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश और व्यक्ति के विकास के लिए मातृभाषा जरूरी है। हम अपने ज्ञान, विचार अभिव्यक्ति का प्रस्तुतीकरण मातृभाषा में करते हैं तो उसमें मौलिकता दिखती है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा के प्रति हमें जितना सजग रहना चाहिए उतना हम नहीं हैं, यह चिंता का विषय है।

समापन समारोह की अध्यक्षता  करते हुए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षण से ही व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का विकास होता है। उन्होंने कहा कि भाषा से ही व्यक्ति के बीच सर्वोत्तम संवाद होता है। उन्होंने मां और शिशु की शिक्षा के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर जो पूर्वांचल विश्वविद्यालय में उन्होंने शुरू किया है उसकी सफलता पर भी चर्चा की।
इस अवसर पर गुरु नानक महाविद्यालय चेन्नई की उप प्रधानाचार्य डा.एन.सी. राजश्री ने कहा कि जब बच्चा जन्म लेता है और मां उससे संवाद करती हैं वहीं मातृभाषा होती है। अगर अंग्रेजी भाषा आवश्यक है तो मातृभाषा महत्वपूर्ण है।
गुरु नानक महाविद्यालय चेन्नई के आइक्यूएसी समन्वयक और भाषा संकायाध्यक्ष डॉ. स्वाति पालीवाल ने कहा कि मातृभाषा को सशक्त बनाने के लिए लिए ही अन्तर्राष्ट्रीय ‌मातृदिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा को लेकर भम्र की स्थिति है। हमलोग अपनी मातृभाषा को अपने दिमाग में रखकर अनुवाद करते हैं जो कि चिंताजनक है।
गुरु नानक महाविद्यालय की शैक्षणिक संकायाध्यक्ष डॉ. एस. सावित्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य मातृभाषा को बढ़ावा देना है। उन्होंने तकनीकी के क्षेत्र में मातृभाषा के उपयोग को विस्तार से बताया।
कार्यशाला डॉ. मनोज कुमार पांडेय और डॉ. डाली के संयोजकत्व में आयोजित  है। संचालन और अतिथियों का परिचय डॉ डॉली और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय प्रताप सिंह ने किया।
इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.‌वंदना राय, प्रो.देवराज सिंह,  डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार‌ मीडिया प्रभारी, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ.प्रमोद यादव, धीरेन्द्र चौधरी, मंगल प्रसाद यादव,  श्रीमती गुड़िया चौधरी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से रेखा वर्मा, डॉ. विजय पाटिल संदीप कुमार, सुशील कुमार आदि  ने  प्रतिभाग किया।

Saturday 26 February 2022

सात दिवसीय ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन समारोह

वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर (उ०प्र०) एवं गुरु नानक महाविद्यालय (स्वायत्तशासी), चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में विगत 21.02.2022 से आयोजित हो रहे सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आज समापन समारोह है। विगत छः दिनों में विभिन्न आमंत्रित वक्ताओं ने साहित्य, सामाजिक विज्ञान, कानून, पत्रकारिता, प्रबंध अध्ययन, अभियांत्रिकी, औद्योगिक क्षेत्र, प्रशासनिक सेवाओं एवं परीक्षाओं, विज्ञान एवं चिकित्सा क्षेत्र में “शिक्षण, शोध एवं रोजगार में मातृभाषा की उपादेयता” विषय पर अपने विचार रखें । इस कार्यशाला में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया एवं आभासी माध्यम से इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया है। दोनों संस्थाओं के द्वारा एक प्रयास है, अपनी मातृभाषा के संवर्धन एवं संरक्षण का....l

आज के समापन समारोह कार्यक्रम में जुड़ने के लिए 

Google meet link:
http://meet.google.com/bfp-qefa-aoy

कार्यक्रम का YouTube पर लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध है

https://youtu.be/rcK3YMc2C0k

कार्यशाला समन्यवक एवं संयोजक
डॉ० मनोज कुमार पाण्डेय 
नोडल ऑफिसर, अंतः संस्थान/ विश्वविद्यालय, MOU

विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम

मेडिकल सेवा में स्थानीय भाषा का महत्व: डॉ शिवकुमार

उच्च शिक्षा में मातृभाषा बहुत चुनौती: प्रो वंदना राय

भाषा जीवन है, जागरूकता जरूरी: डॉ. संतोष सिंह
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर  सात दिवसीय कार्यशाला का छठां दिन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं गुरु नानक कॉलेज स्वायत्तशासी चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को  सात दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन  किया गया। कार्यशाला के छठवें दिन नवम् तकनीकी सत्र में विज्ञान में शिक्षण, शोध एवं रोजगार सृजन में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर व्याख्यान हुआ।
इस अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. वंदना राय ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा को लेकर बहुत चुनौती है। उन्होंने देश  के विभिन्न प्रांतों में मातृभाषा के पाठ्यक्रम ‌के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि भाषा को लेकर असमानता की खाई बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा देने वाले देशों की जीडीपी अधिक है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उमानाथ सिंह स्वायतशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर (डॉ) शिवकुमार ने कहा मेडिकल सेवा में स्थानीय भाषा का महत्व है। हालांकि चिकित्सा पाठ्यक्रम में मातृभाषा में पुस्तकों की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों और शोध के परिणाम के प्रकाशन से बहुत लाभ होता है लोगों को किसी भी प्रयोग की जानकारी मिल जाती है, मगर मातृभाषा के अभाव के चलते सभी लोग आसानी से नहीं समझ सकते।
चिकित्सा विज्ञान में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रशासनिक अधिकारी चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय डॉक्टर संतोष कुमार सिंह
 ने कहा हर भाषा महत्वपूर्ण है उसे प्रमोट करने की जरूरत है ‌। भाषा को लेकर कई देशों में क्रांति आई। भाषा जीवन है इसके प्रति जागरूकता जरूरी है।
कार्यशाला डॉ. मनोज कुमार पांडेय और डॉ. डाली के संयोजकत्व में आयोजित  है। संचालन डॉ.मनोज पांडेय ने  धन्यवाद ज्ञापन डॉली मौर्य ने किया।
इस अवसर पर  प्रो. रामनारायण, प्रो.देवराज सिंह, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह, ओमप्रकाश मिश्र,  मंगल प्रसाद यादव,  श्रीमती गुड़िया चौधरी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से रेखा वर्मा, डॉ. विजय पाटिल संदीप कुमार, सुरभि अवस्थी, दीप्ति मुद्गल, सुशील कुमार आदि  ने  प्रतिभाग किया।

विद्यार्थी मतदान के लिए लोगों को करें जागरूक- कुलपति

मतदान जागरूकता के लिए प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र तथा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आर्यभट्ट सभागार में मतदाता जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लिया. प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने प्रमाणपत्र देकर उत्साहवर्धन किया. 

इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विद्यार्थियों को खुद मतदान करते हुए अपने आस- पास के लोगों को भी मतदान के लिए जागरूक करे तथा शत प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि  मतदान सशक्त लोकतंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने मतदान के अधिकार के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विश्व के कई देशों में पुरुष तथा महिला मताधिकार के ऊपर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विद्यार्थियों के द्वारा मतदान की शपथ भी दिलाई गई ।
विशिष्ट अतिथि  राष्ट्रीय आजीविका मिशन के उपायुक्त ओम प्रकाश यादव ने विद्यार्थियों  को मतदान के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंगोली, पोस्टर, निबंध तथा गीत के माध्यम से जागरूकता का कार्यक्रम किया। गायन  प्रतियोगिता में सरिता, पोस्टर प्रतियोगिता में आशुतोष, निबंध प्रतियोगिता में हर्ष गुप्ता, रंगोली प्रतियोगिता में मोहम्मद यासिर ने क्रमश प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेन्द्र कुमार, रज्जू भैया संस्थान के निदेशक  प्रो.  देवराज सिंह,  राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ राकेश कुमार यादव, डॉ. गिरिधर मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ.  नितेश जायसवाल, डॉ. विनय वर्मा, डॉ. शशिकांत यादव,  डॉ. वनिता सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह व अन्य शिक्षक तथा बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे । महिला केंद्र की प्रभारी तथा कार्यक्रम समन्वयक डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद्  डॉ. अन्नू त्यागी ने ,किया l कार्यक्रम का संचालन सोनम झा ने किया।












Friday 25 February 2022

सभ्यता, संस्कृति और परंपरा का नाम है भाषाः प्रो. अविनाश पाथर्डीकर

माता और भाषा का कोई विकल्प नहीः दिलीप शुक्ला

मातृभाषा ज्ञान अर्जन और सेवा का सबसे सफल माध्यमः डा विपिन मिश्र

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सात दिवसीय कार्यशाला का पांचवां दिन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं गुरु नानक कॉलेज स्वायत्तशासी चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को  सात दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के पांचवें दिन सातवें तकनीकी सत्र में प्रबंध अध्ययन में शिक्षण,  शोध एवं रोजगार सृजन में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर व्याख्यान हुआ। इस अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के ‌संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि सभ्यता, संस्कृति और परंपरा का नाम ही भाषा है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देत हुए कहा कि हम जिस भाषा में सपने देखते है वहीं हमारी मातृभाषा है। वैश्वीकरण के दौर में कई बहुराष्ट्रीय कंपनिया जो भारत में व्यवसाय करतीं है वह कंपनियां भी अपने यहां की वैकेन्सी में हिन्दी को ही वरीयता दे रहे हैं। इसका कारण वह जानती है कि मातृभाषा में ही अपनत्व है। विशिष्ट अतिथि के रूप में आकाशवाणी समाचार के राज्य प्रमुख दिलीप शुक्ला ने कहा कि माता और भाषा का कोई विकल्प नहीं हो सकता। शिक्षण संस्थाओं में भी भाषा की रूकावट दूर होनी चाहिए। अमेरिका जैसे देश विकसित इसलिए है कि वहां भाषा की विविधता है। प्रवासियों के योगदान से वह आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा के साथ सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए। भारतीय प्रशासनिक परीक्षाओं एवं सेवा में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर अपर जिलाधिकारी लखनऊ वित्त एवं राजस्व ने डॉ विपिन कुमार मिश्र ने कहा कि मातृभाषा ज्ञान अर्जन और सेवा का सबसे सफल माध्यम है। हमारी प्रशासनिक सेवा में मातृभाषा की उपयोगिता है। एक प्रशासनिक अफसर जब सेवा में आता है तो उसे उन भाषाओं से रूबरू होना पड़ता है। परीक्षाओं में भी मातृभाषा की अनिवार्यता हो तभी राष्ट्र विकास कर सकता है। कार्यशाला डॉ. मनोज कुमार पांडेय और डॉ. डाली के संयोजकत्व में आयोजित है। संचालन मनोज पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ डॉली मौर्य ने किया।

इस अवसर पर  प्रो. वंदना राय,  प्रो. देवराज सिंह,  डॉ. मनोज मिश्र,  डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार,  चेतना सिंह चेतरी, श्याम सुंदर उपाध्याय, नीरू ठाकुर, सपन अस्थाना, गुड़िया चौधरी,   श्रीमती गुड़िया चौधरी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से रेखा वर्मा,  डॉ. विजय पाटिल संदीप कुमार, सुशील कुमार आदि ने प्रतिभाग किया।

25 वां दीक्षांत समारोह


 

Thursday 24 February 2022

प्रोफेसर अविनाश ने मतदान के लिए दिलाई शपथ


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा मतदाता जागरूकता के लिए जहां एक तरफ मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस निकाली जा रही है वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के शिक्षक भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं. इसी क्रम में मानव संसाधन विकास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने  छात्र-छात्राओं को आगामी चुनाव हेतु 100% मतदान करने एवं अन्य लोगों को प्रेरित करने की शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बढ़-चढ़कर मतदान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. 
विश्वविद्यालय  के फार्मेसी संस्थान में बुधवार को शत- प्रतिशत  मतदान के संकल्प हेतु छात्र- छात्राओं को प्रोफेसर अविनाश ने  संबोधित किया।  इस अवसर पर छात्रों ने शपथ ली कि वह न केवल स्वयं मतदान करेंगे अपितु अपने इष्ट मित्र, पास-पड़ोस एवं परिवारजनों को मतदान हेतु प्रेरित करेंगे। पहले मतदान बाद में जलपान करेंगे। देश हित में मतदान करेंगे।

देश का सामर्थ्य और विकास मातृभाषा में संभव : प्रो. बीबी तिवारी


जनमानस तक पहुंचने के लिए मातृभाषा जरूरी : गुंजन सिंह
भारतीय सिनेमा की डबिंग का चीन में अच्छा व्यवसाय : अजय कृष्ण
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर  सात दिवसीय कार्यशाला का चौथा दिन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं गुरु नानक कॉलेज स्वायत्तशासी चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को  सात दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन  किया गया। कार्यशाला के चौथे दिन पंचम तकनीकी सत्र में अभियांत्रिक के क्षेत्र में शिक्षण, शोध एवं रोजगार सृजन में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर व्याख्यान हुआ।
इस अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संस्थान के ‌संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि मातृभाषा की शक्ति में ही देश का सामर्थ्य और विकास छिपा रहता है। इससे व्यक्ति की सांस्कृतिक पहचान बनती है। यह हमारी आशा,भाव और व्यक्तित्व को अच्छे ढंग से संप्रेषित करती हैं। आइंस्टीन जर्मन भाषा (मातृभाषा) में ही शोध पत्र लिखते रहे। इसके बाद जब वह‌ अमेरिका में गये तो वहां भी जर्मन भाषा में शोध पत्र लिखा।
काग्निजेंट टेक्नोलॉजी सोल्यूशन चेन्नई तमिलनाडु के आमंत्रित वक्ता गुंजन कुमार सिंह ने कहा कि बाजार में पकड़ बनाने के लिए जनमानस तक पहुंचना
होगा, इसके लिए मातृभाषा जरूरी है, इसलिए मुक्त बाजार में भूमंडलीकरण हिंदी को गले लगाता है। फिल्म जगत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पुष्पा फिल्म इतनी दमदार थी कि उसे हर भाषा में बनाया गया।
चीन के शिवान अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अजय कृष्ण ने कहा कि किसी भी सामान को बेचने में और किसी दूसरी संस्कृति में व्यवसाय करने के लिए भी भाषा की जरूरत है। भारतीय सिनेमा चीनी बाजार में हिट‌ है। भारतीय सिनेमा की डबिंग भी चीन में अच्छा रोजगार कर रही है।
कार्यशाला डॉ. मनोज कुमार पांडेय और डॉ. डाली के संयोजकत्व में आयोजित  है। संचालन डॉ डॉली मौर्य और धन्यवाद ज्ञापन मनोज पांडेय ने किया।
इस अवसर पर  प्रो. वंदना राय, प्रो.देवराज सिंह, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ धीरेन्द्र चौधरी, मंगल प्रसाद यादव,  श्रीमती गुड़िया चौधरी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से रेखा वर्मा, डॉ. विजय पाटिल संदीप कुमार, सुशील कुमार आदि  ने  प्रतिभाग किया।

Wednesday 23 February 2022

व्यक्ति को दिल से जोड़ता है मातृभाषा का भाव : पूर्व न्यायाधीश मंगल प्रसाद

नार्वे में खबर के साथ स्रोत देना भी जरूरी : सुरेश चंद्र शुक्ल

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर  सात दिवसीय कार्यशाला का तीसरा दिन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं गुरु नानक कॉलेज स्वायत्तशासी चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को  सात दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन  किया गया। कार्यशाला के तीसरे दिन तृतीय तकनीकी सत्र में कानून के क्षेत्र में शिक्षण, शोध एवं रोजगार सृजन में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर भूतपूर्व न्यायाधीश उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा मंगल प्रसाद ने कहा कि हिन्दी भाषा के कई शब्द बहुत क्लिष्ट है जैसे रेलवे को लौहपथगामिनी कहना कठिन है ऐसे में हम रेलवे को ही स्वीकार कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि मातृभाषा का भाव व्यक्ति को दिल से जोड़ता है। उन्होंने समाचार पत्र, पत्रिका और किताब के प्रकाशन के संबंध में विधिक जानकारी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विधि के क्षेत्र में शिक्षण, शोध और रोजगार के क्षेत्र में मातृभाषा की उपादेयता और उपयोगिता के महत्व को समझाया।
उन्होंने कहा कि न्यायालयों में मातृभाषा के प्रयोग को मान्यता मिलनी चाहिए क्यूंकि जो क्रिया अंग्रेजी में हो सकती है वो मातृभाषा में भी हो सकती है | 

पत्रकारिता में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर  स्पाइल दर्पण एवं ओस्लो यूरोप नार्वे के संपादक सुरेश चंद्र शुक्ल ने कहा स्थानीय भाषा में पत्र की पठनीयता ज्यादा होती है। उन्होंने  नार्वे का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां बिना स्रोत के ना तो खबर ना ही फोटो प्रकाशित होती है। दोनों पर स्रोत देना जरूरी है। उन्होंने मातृभाषा में प्रकाशित समाचार पत्रों के बारे में विस्तार से बताया। पूरे कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस.मौर्य जुड़ी रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में हर्षवर्धन त्रिपाठी जी कार्यशाला में थे।
कार्यशाला डॉ. मनोज कुमार पांडेय और डॉ. डाली के संयोजकत्व में आयोजित  है। संचालन डॉ मनोज पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन गुरु नानक महाविद्यालय की डॉ. अनिता पाटील ने किया।
इस अवसर पर  प्रो. बीबी तिवारी प्रो. वंदना राय, प्रो.देवराज सिंह, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ धीरेन्द्र चौधरी, मंगल प्रसाद यादव,  श्रीमती गुड़िया चौधरी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से रेखा वर्मा, डॉ. विजय पाटिल आदि  ने  प्रतिभाग किया।

Tuesday 22 February 2022

भू विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ श्याम कन्हैया को पुस्तक प्रकाशन पर बधाई

एनएसएस समन्वयक डॉ राकेश को मिला प्रशस्ति पत्र


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ राकेश कुमार यादव को मतदाता जागरूकता अभियान में विशेष योगदान देने पर जिलाधिकारी जौनपुर द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस मौर्य ने  इस उपलब्धि पर डॉ राकेश  को बधाई दी है।
 सरस्वती सदन में  में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त उत्तर प्रदेश श्री एल. वेंकटेश्वर लू-IAS, जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार वर्मा, तथा सीडीओ श्री अनुपम शुक्ला ने विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस की सराहना की। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ राकेश कुमार यादव, डॉ मनोज वत्स, स्वीप समन्वयक मोहम्मद मुस्तफा आदि मौजूद रहे।

हिंदी को अंग्रेजीनिष्ट होने से बचाना होगा : प्रो. आशीष सक्सेना

हिंदी के प्रति अनुभूति पैदा करने की जरूरत: प्रो. वशिष्ठ द्विवेदी 

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर  सात दिवसीय कार्यशाला का दूसरा दिन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं गुरु नानक कॉलेज स्वायत्तशासी चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को  सात दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन  किया गया। कार्यशाला के दूसरे दिन प्रथम तकनीकी सत्र में सामाजिक ‌विज्ञान में शिक्षण, शोध एवं रोजगार सृजन में हिंदी की उपादेयता विषय पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्रो.‌ आशीष सक्सेना ने
हिंदी भाषा का महत्व समझाते हुए कहा कि हिंदी में शोध राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर होना चाहिए | उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से हमारी हिन्दी भाषा अंग्रेजीनिष्ठ होती जा रही है उसे बदलना होगा और हमारी हिन्दी को संस्कृतनिष्ठ बनाना होगा।हिंदी के विकास के लिए हमें कई कदम उठाने पड़ेंगे जैसे विश्वविद्यालयों की पत्रिकाओं का लेखन हिंदी में हो और संचार माध्यम के रूप में भी हिंदी को बढ़ावा दिया जाए।
शिक्षण शोध एवं रोजगार सृजन में‌ क्षेत्रीय भाषाओं/ मातृभाषाओं की उपादेयता विषय पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. वशिष्ठ द्विवेदी ने कहा कि हिंदी के प्रति लोगों में ‌अनुभूति पैदा करनी होगी। इसके लिए उन्हें हिंदी के साहित्यकारों को पढ़ने चाहिए। कहानी, पटकथा, नाटक के क्षेत्र रोजगार के अच्छे अवसर हैं।
वशिष्ठ जी ने भाषा की सार्थक ध्वनि  की परिभाषा को समझाते हुए कहा कि मातृभाषा हमारे सोच को विस्तार देती है,सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। उन्होंने रामदरश मिश्र का एक शेर सुनाया कि -’ जमीं गांव की साथ लेकर चला था,उसमें उगा शहर धीरे - धीरे..’| 
प्रथम दिवस के विशिष्ट अतिथि प्रो.अखिलेश कुमार पांडेय, स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रो राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय पट्टी (प्रयागराज), ने कहा कि व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण उसकी मातृभाषा से होता है| हमारे देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं और यही हमारी मातृभाषा है हमें एक दूसरे से जोड़ते हैं|
प्रो. पांडेय ने कहा कि मातृभाषा से सुंदर संवाद किसी अन्य भाषाओं में नहीं हो सकता। इसमें व्यक्ति का वास्तविक भाव जुड़ा होता है।
कार्यशाला डॉ. मनोज कुमार पांडेय और डॉ. डाली के संयोजकत्व में आयोजित  है। संचालन डॉ मनोज पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ डाली ने किया।
इस अवसर पर  प्रो. वंदना राय, प्रो.देवराज सिंह, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ धीरेन्द्र चौधरी, गुरु नानक महाविद्यालय की डॉ. अनिता पाटील,  श्रीमती गुड़िया चौधरी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से रेखा वर्मा, डॉ. विजय पाटिल,  डॉ. मनोज कुमार आदि  ने  प्रतिभाग किया।

Monday 21 February 2022

संस्कृति और भाषा का अद्भुत संगम है मातृभाषा : मोनिका एस. गर्ग

लोक संस्कृतियों का स्मरण करातीं हैं ऐसी कार्यशाला: कुलपति

डिजिटल दौर में मातृभाषा पर संकट - पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव   
 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर  सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं गुरु नानक कॉलेज स्वायत्तशासी चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को  सात दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन  किया गया। उद्घाटन सत्र में अंतर्राष्ट्रीय  मातृभाषा दिवस के अवसर पर शिक्षण, शोध एवं रोजगार में मातृभाषा की उपादेयता विषय पर चर्चा हुई।
उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि  उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस.गर्ग ने कहा कि मातृभाषा में सभी भाषाओं और संस्कृतियों का अद्भुत संगम है। व्यक्ति जीवन के शुरुआती दौर में मौलिक मूल्य और विचारों को अपने माता-पिता से सीखता है वह अपने सभी संस्कार मातृभाषा में ही आत्मसात करता है। शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास करें । इसी के साथ भाषाओं के विकास के कार्य को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 1635 मातृभाषा है इन्हें कैसे विकसित किया जाए, इस पर शोध कैसे हो और रोजगार के अवसर कैसे मिले? इस पर आज गहन चर्चा की जरूरत है । उन्होंने कहा कि हमारे बहुत से ग्रंथ जो अमूल्य धरोहर हैं उसे संकलित कर शोध करना होगा ताकि देश को उसका लाभ मिल सके। इसी के लिए पूर्वांचल विश्वविद्यालय में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है, ताकि पाठ्यक्रम की एकरूपता हो । 
अध्यक्षता करते हुए  कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि संस्कृत भाषा देव भाषा है, रेशमी भाषा जनभाषा नहीं है । सात दिवसीय कार्यशाला में 10 विषय रखे गए हैं । ऐसी कार्यशाला लोक संस्कृतियों का स्मरण कराती हैं। रिपोर्टिंग, विज्ञापन, द्विभाषी रिपोर्टिंग पर डिप्लोमा कोर्स कराने की भी योजना है।बैंकिंग का साहित्य ऑनलाइन है इसके  अनुवाद में भी रोजगार के अच्छे अवसर है।

विशिष्ट अतिथि प्रख्यात लोक गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव ने कहा कि भारत बहुभाषी देश है डिजिटल दौर में मातृभाषा पर संकट है। हम अपनी मातृभाषा में गर्व से बात करें। मातृभाषा के गीत सुपर हिट हो रहे हैं और व्यवसाय भी कर रहे हैं इसको बढ़ावा न देने से हमारी संस्कृति का लोप हो रहा है।

गुरु नानक कॉलेज चेन्नई की सलाहकार डॉ. मरलीन मौरिस मलयालम भाषा की है इसके बाद भी वह हिंदी समेत देश के कई भाषाओं को जानती हैं उन्होंने कहा कि मातृभाषा में जो भाव होता है वह अन्य भाषाओं में नहीं मिल सकता। मातृभाषा से जुड़े रहना  हर इंसान के लिए जरूरी है बहुभाषी होने से ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।वित्त अधिकारी संजय राय ने कहा कि दंतकथा कथाओं को कैसे मातृभाषा से जोड़ा जाए इसके लिए  प्रयास करना होगा. 
कार्यशाला डॉ. मनोज कुमार पांडेय और डॉ. डाली के संयोजकत्व में आयोजित  है। संचालन आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो.मानस पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. वंदना राय, प्रो.देवराज सिंह, प्रो.अजय द्विवेदी,प्रो. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, गुरु नानक महाविद्यालय की डॉ. अनिता पाटील,  श्रीमती गुड़िया चौधरी, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से रेखा वर्मा, डॉ. विजय पाटिल, द्वारका दास वैश्णव कॉलेज से डॉ. मनोज कुमार आदि  ने  भाग लिया एवं कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी|

सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला- उद्घाटन सत्र



विद्यार्थियों से बनती है विश्वविद्यालय की छवि - कुलपति

कुलपति ने नेट की सफलता पर विद्यार्थियों  को दी बधाई 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के विद्यार्थी उज्जवल कुमार को यूजीसी नेट क्वालीफाई करने पर सोमवार को कुलपति प्रो निर्मला एस. मौर्य ने  बधाई दी । कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विश्वविद्यालय की छवि विद्यार्थियों की उपलब्धियों  से  बनती है। विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी निरंतर अपने उद्देश्यों की पूर्ति करते रहे ऐसी मेरी कामना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आज देश- विदेश के विभिन्न संस्थानों में अपनी प्रतिभा के बल पर स्थापित है. यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है. 

विदित है कि जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी शाकम्बरी  नंदन सोंथालिया एवं  उज्ज्वल कुमार  ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के लिए सफलता पाई है।इस अवसर पर  विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र, शिक्षक डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, एवं पंकज सिंह उपस्थित रहे।

Sunday 20 February 2022

सात दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन

राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

धरती को बचाना सबसे बड़ी चुनौती:प्रो. निर्मला एस. मौर्य


भोजन-ग्रह-स्वास्थ्य विषय पर वेबिनार का हुआ आयोजन
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर राष्ट्रीय सेवा योजना एवं विगन आउटरीच इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में'भोजन-ग्रह-स्वास्थ्य'विषय पर वेबिनार का आयोजन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि वर्तमान समय में धरती को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है।मनुष्य ने अपनी लालच में प्रकृति का संतुलन बिगाड़ दिया है।आज  भोजन का हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पौधरोपण करके हम धरती को बचा सकते हैं। हमारे विश्वविद्यालय में  राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा एक छात्र एक पेड़ योजना पर्यावरण को बचाने का अच्छा प्रयास है।कुलपति ने हिन्दी साहित्य में  प्रकृतिवाद, प्रगतिवाद, वर्ग संघर्ष का विस्तार से वर्णन किया।
वेबिनार के मुख्यवक्ता विगन आउटरीच इंडिया के समन्वयक अभिषेक दुबे ने विस्तार से मांसाहारी भोजन, औद्योगिक प्रदूषण तथा विभिन्न जानवरों का भोजन करने से हमारे ग्रह, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है बताया और पौध आधारित भोजन के महत्व को बताया।पौध आधारित भोजन से जानवरों पर क्रूरता बचेगी।हम शाकाहारी भोजन को अपनाकर प्रकृति को भी बचा सकते हैं और विभिन्न बीमारियों से बच सकते हैं।विभिन्न महान हस्तियों को बताया जो वेगन हैं।विशिष्ट वक्ता डॉ साक्षी उपाध्याय ने पूर्ण रूप से पौध आधारित भोजन की महत्ता के बारे में बताया।
संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ राकेश कुमार यादव ने किया।वेबिनार में शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ अखिलेश चंद्र, संयोजक- रोवर्स रेंजर्स डॉ जगदेव,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ गोपाल सिंह यादव, डॉ ओम प्रकाश चौधरी,डॉ लाल साहब यादव,डॉ अरविंद कुमार यादव, डॉ संतोष कुमार पांडेय, डॉ अखिलेश तिवारी, डॉ यदुवंश कुमार, डॉ सुनीता गुप्ता, डॉ रामचंद्र यादव, डॉ योगेंद्र प्रताप सिंह, डॉ संजय कुमार यादव, डॉ राकेश सिंह,‌ डॉ तेज प्रताप यादव, डॉ सूबेदार यादव आदि उपस्थित थे।

Saturday 19 February 2022

शिक्षक विद्यार्थियों से निरंतर संवाद बनाए रखें: डॉ. पंकज एल. जानी


विभागाध्यक्ष शैक्षणिक कार्यों का प्रपत्र तैयार कर कार्रवाई कराएं: कुलपति

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शनिवार को माननीय कुलाधिपति के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. पंकज एल.जानी ने शनिवार को समीक्षा बैठक ली।
इस अवसर पर डॉ. एल. जानी ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के साथ संवाद निरंतर बनाए रहें। विद्यार्थी ठोकर खाता है, गिरता है तभी तैयार होता है। ऐसे में उसके भविष्य निर्माण की पूरी जिम्मेदारी शिक्षक पर ही होती है। शिक्षक हमेशा असाधारण होता है इस मनोदशा के साथ उसे काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1983 में मैं शिक्षक था तो अपने बनाए नोट्स विद्यार्थियों में बांट देता था। इसका मतलब शिक्षक को अपनी स्टडी मैटेरियल भी तैयार रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय मिलकर पाठ्यक्रम बनाएं, साथ ही टीम भावना के साथ मल्टी डिस्पलीनरी कार्य करें। यहीं हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मंशा भी है।
विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन के संबंध में‌ उन्होंने कहा कि नैक के हर बिंदु पर विश्वविद्यालय अपनी तैयारी करता है। इसके लिए थोड़ा और भी अतिरिक्त प्रयास विश्वविद्यालय को करना चाहिए। विश्वविद्यालय की समस्त गतिविधियां और जानकारियों के साथ सभी प्रपत्र विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर होने चाहिए ताकि किसी भी बाहरी व्यक्ति को कोई भी जानकारी ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हो सके।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कुलाधिपति के विशेष कार्य अधिकारी का स्वागत करते हुए कहा कि राजभवन के दिशा निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय पूरी तैयारी कर रहा है। विभागाध्यक्ष शैक्षणिक कार्यों का प्रपत्र तैयार कर उसकी कार्रवाई पूरी करें ताकि विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और विश्वविद्यालय को समस्त सुविधाएं मिल सकें। समारोह का संचालन आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रोफ़ेसर मानस पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय प्रो.बीबी तिवारी, प्रो.वंदना राय, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो.देवराज सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. रसिकेस, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉक्टर सौरभ पाल डॉ. संजीव गंगवार, डॉ रजनीश भास्कर, डॉ. मुराद अली, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, सहायक कुलसचिव, डॉ. पी.के.कौशिक समेत समस्त अधीक्षक उपस्थित थे।

Thursday 17 February 2022

कुलपति प्रो निर्मला. एस. मौर्य ने मतदाता जागरूकता एक्सप्रेस को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

 पीयू की मतदाता जागरूकता की नई पहल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना  द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2022 में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पहल की गई है. गुरुवार को विश्वविद्यालय में मतदाता  जागरूकता अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने मतदाता जागरू
कता एक्सप्रेस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 में हमारे जनपद में 07 मार्च को मतदान हो रहा है। लोकतंत्र के इस महापर्व में आप सभी से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में मतदान में हिस्सा लें, जिससे जनपद जौनपुर पूरे प्रदेश में मतदान प्रतिशत में प्रथम स्थान पर रहे। याद रहे सचेत मतदाता ही सशक्त लोकतंत्र का प्रहरी होता है।आप प्रदेश का भविष्य का फैसला करने जा रहे हैं, इसलिए सब काम छोड़कर पहला काम मतदान आपका धर्म बनता है।  श्री महेंद्र कुमार ने सभी लोगों को आह्वान किया आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग अवश्य करें तथा अधिक से अधिक लोगों को मतदान हेतु जागरूक करें ताकि जिले में मतदान प्रतिशत शीर्ष पर रहे। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.विजय कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की इस नई पहल के लिए कुलपति,कुलसचिव एवं राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग को बधाई दिया। जनपद जौनपुर के स्वीप कोऑर्डिनेटर सैयद मोहम्मद मुस्तफा ने अपने संबोधन में कहा कि निश्चित रूप से इस पहल से हमारा जनपद शत प्रतिशत मतदान करके मतदान प्रतिशत में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहेगा। कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ राकेश कुमार यादव ने बताया कि यह एक्सप्रेस जनपद के सभी महाविद्यालयों में जाएगी और अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करेगी। रोवर्स-रेंजर्स संयोजक डॉ जगदेव एवं डॉ. हरिओम त्रिपाठी ने भी स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस अवसर पर रोवर रेंजर बेसिक कोर्स के प्रतिभागी भी जागरूकता रैली निकाली। इस अवसर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो.अजय द्विवेदी, प्राचार्य डॉ रमेश मणि त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, नोडल अधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ राकेश कुमार बिंद, शशिकान्त यादव, डॉ विनय कुमार वर्मा, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, सुमित सिंह, शारदानंद उपाध्याय, सर्वेश यादव,पंकज कुमार, मनोज कुमार, मुन्ना रावत,राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक, रोवर्स- रेंजर्स लीडर विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे। 

Monday 14 February 2022

पर्यावरण संरक्षण के लिए करें निरंतर पौधरोपण : प्रो. निर्मला एस. मौर्य

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बेसिक रोवर्स/रेंजर्स लीडर प्रशिक्षण के चौथे दिन  रोवर्स/रेंजर्स के पांचवे नियम के अनुरूप पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधरोपण कार्यक्रम  आयोजित किया गया। इसमें  कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कामिनी पौधे को रोपित कर प्रतिभागियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को निरंतर पौधरोपण करते रहना चाहिए।   शिविर में प्रतिभागी शिक्षक अपने महाविद्यालयों में भी इन गतिविधियों को निरंतर जारी रखे। संयोजक डॉ. जगदेव ने  बताया कि सभी प्रतिभागियों से एक पौधा विश्वविद्यालय में रोपित कराया गया है।  

इसी के साथ प्रशिक्षण सत्र में लीडर ऑफ़ द कोर्स प्रदीप गुप्ता ने पयनियारिंग, गांठ,फास एवं बंधन, टेंट पुल की बारीकियों को विस्तार से बताया। एलओसी  बेबी खुशनुमा ने टोली निर्माण पर अपनी बात रखी। योगगुरु जितेन्द्र सिंह ने योग के विविध आयामों से परीचित कराया।

इस कार्यक्रम में डॉ संतोष कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर,  जिला संयोजक डॉ अमरजीत, डॉ. मनोज कुमार मिश्र, डॉ. मनोज कुमार तिवारी, कु. कविता पाण्डेय, सहायक मो. सादिक, श्री राकेश कुमार मिश्र,जौनपुर, शंभूनाथ, डॉ. अवनीश कुमार सिंह, डॉ. श्याम सुन्दर उपाध्याय, डॉ. योगेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. नीलू सिंह, डॉ. विनीता श्रीवास्तव, डॉ. सुषमा मिश्रा, डॉ. मरियम फातिमा, गुलाब, अमित आदि उपस्थित रहे।

Sunday 13 February 2022

डर को मन से निकालें महिलाएं- पद्मश्री फूलबासन बाई यादव

राष्ट्रीय महिला दिवस पर वेबिनार का हुआ आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र एवं अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय के द्वारा   राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर  महिला आत्मनिर्भरता-एक सामाजिक चुनौती विषयक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन  कुलपति प्रो.निर्मला एस. मौर्य जी की प्रेरणा से किया गया।

सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की प्रख्यात समाजसेविका पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने कहा कि  माँ अद्भुत है उसने तो भगवान को भी जन्म दिया है। महिला का सबसे बड़ा दुश्मन डर है और जिस दिन उस डर को भगा देती है उस दिन वो कुछ भी कर सकती है। 

उन्होंने कहा कि मेरे पास ग़रीबी के अलावा कुछ नहीं था पूरा परिवार भूखे पेट रहता था ।इसलिए भगवान किसी को ग़रीबी न दें। उन्होंने कहा कि  13 वर्ष की उम्र में शादी हुई गाँव की बकरी चराने का काम करती थी। दो बेटा और बेटी की माँ बन गयी, मेरे बच्चे भूख के कारण खड़े नहीं हो पा रहे थे। जीवन को खत्म करने की सोचा लेकिन फिर हिम्मत जुटाई। 11 महिलाओं से शुरू हुआ स्वयं सहायता समूह आज  फिर 2 लाख महिलाओं को जोड़ रखा है। यह सोसायटी अब कम्पनी है। 

उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूँ महिलाओं को आगे बढ़ना है तो सब महिलाओं को साथ आना होगा समूह बनाकर रोज़गार पैदा करना होगा तभी महिलाएँ आर्थिक सम्पन्न होंगी और समाज सम्पन्न होगा। काम की कमी नहीं है ।बस काम करने वाला चाहिए। सरकार किसी गरीब की सहायता कर सकती है उसे अमीर नहीं बना सकती। गरीब समूहों के माध्यम से आर्थिक सम्पन्न बन सकते है।

विशिष्ट अतिथि ब्लॉगर एवं यात्रा लेखिका डॉ. कायनात काजी ने कहा कि आज महिलाओं के सशक्तिकरण को देख कर बहुत सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि पद्मश्री फूलबासन यादव जी महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत है।अतिथियों का स्वागत अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अजय प्रताप सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने किया।आयोजन सचिव डॉ दिग्विजय सिंह राठौर में अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया।कार्यक्रम समन्वयक डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, प्रभारी महिला अध्ययन केंद्र ने संचालन किया। डॉ. जान्हवी ने राष्ट्रीय महिला दिवस प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए सरोजनी नायडू जी को नमन किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर, प्रोफेसर बीडी शर्मा , प्रोफेसर देवराज,डॉ अन्नू त्यागी, डॉ गिरधर, डॉ धीरेंद्र चौधरी , डॉ मंगला यादव, डॉ पूजा सक्सेना , डॉ वनिता, डॉ जया शुक्ला, डॉ रेखा पाल, डॉ सोनम झा, डॉ अंजू रानी सिंह, डॉ पूनम श्रीवास्तव, डॉ मधुलिका, रोली,शुभी, मधुलिका श्रीमती संजू श्रीवास्तव,डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह,शशिकांत यादव, विभव सिंह समेत अन्य लोग शामिल हुए।



Friday 11 February 2022

आपदा में रोवर्स- रेंजर्स की अहम भूमिका - प्रो० निर्मला एस मौर्य

रोवर्स- रेंजर्स लीडर बेसिक कोर्स प्रशिक्षण शिविर की शुरु

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  शिक्षकों के लिए परिसर में शुक्रवार को रोवर्स- रेंजर्स लीडर बेसिक कोर्स प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत  हुई।
शिविर के उदघाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य  ने कहा कि  हम कितने भी बड़े हो जाएं हमारे अंदर एक बच्चे का भाव बने रहना चाहिए। व्यक्ति को जीवन के हर पल का आनंद लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि  आपदा के समय यहीं रोवर्स- रेंजर्स जैसी संस्थाएं काम आती हैं जिससे संकट का समाधान होता है। इस  प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों में लीडर का भाव जागृत होगा।  उन्होंने कहा कि  कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता जिस दिन व्यक्ति पूर्ण समझ लिया उसी दिन उसका विकास रुक जाता है।
प्रशिक्षण एलओसी बेबी खुशनुमा ने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों में नया दृष्टिकोण पैदा होगा। इस प्रशिक्षण के बाद शिक्षक अपने विद्यार्थियों में नई ऊर्जा का संचार होगा। इसी क्रम में सहायक कुलसचिव श्रीमती बबिता सिंह ने कहा कि जीवन में मनुष्य हर समय कुछ न कुछ सीखता रहता है।
रोवर्स रेंजर्स के संयोजक डॉ जगदेव ने अतिथियों का स्वागत एवं शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत की।  उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का रोवर्स रेंजर्स अपनी गतिविधियों के कारण प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
रोवर्स की कैडेट जया सिंह ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन डॉ अजय कुमार दुबे एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अशोक कुमार,ने किया।इस अवसर पर डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, मुहम्मद सादिक, डॉ सुनील कुमार,डॉ पंकज सिंह, डॉ विनय वर्मा,डॉ मनोज तिवारी, डॉ राजेन्द्र कुमार सिंह, डॉ श्याम सुंदर उपाध्याय,डॉ आलोक दास, डॉ अमरजीत,  डॉ नीता सिंह, डॉ योगेंद्र प्रताप सिंह,डॉ प्रभात कुमार यादव, कंचन यादव,डॉ सुषमा मिश्रा,डॉ विनिता श्रीवास्तव समेत विभिन्न जनपदों के शिक्षक उपस्थित रहे।