Friday 31 July 2020

नए कुलपति प्रो. टी एन सिंह ने कार्यभार संभाला

वीर बहादुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में नए कुलपति प्रो. त्रिलोक नाथ सिंह ने शनिवार को विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में कुलपति पद का कार्यभार ग्रहण किया. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने कार्यभार की प्रक्रिया पूरी करवाई.प्रो. टी. एन. सिंह ने पूर्वान्ह में प्रो राजाराम यादव से कार्यभार लिया. शिक्षको ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया.

कुलपति ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी श्री एम्. के. सिंह, परीक्षा नियंत्रक श्री वी एन सिंह, सहायक कुलसचिव अमृतलाल एवं डॉ के एस तोमर से अनौपचारिक बातचीत की. स्वागत करने वालों में प्रो. बी. बी. तिवारी, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह,डॉ मनोज मिश्र, डॉ संतोष कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. राकेश यादव, डॉ. नीतेश जायसवाल, डॉ राज कुमार, डॉ सुनील कुमार,  इत्यादि शिक्षक थे. पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष राजीव प्रकाश सिंह, डॉ समर बहादुर सिंह, डॉ राहुल सिंह, डॉ विजय तिवारी, डॉ आलोक सिंह, डॉ वीरेद्र विक्रम यादव इत्यादि ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया.

Thursday 30 July 2020

कुलपति विदाई समारोह


अंगवस्त्रम और पुष्प देकर किया सम्मानित



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के  शुक्रवार तो प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया संस्थान में कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव के कार्यकाल पूरे होने पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया।संस्थान में आयोजित विदाई समारोह में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं अधिकारियों ने कुलपति को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंट किया। 

 

विदाई समारोह में कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल का सुखद अनुभव सुनाया। उन्होंने कहा कार्य कोई भी व्यक्ति में उसे करने की लगन होनी चाहिए। किसी भी संस्था का उत्थान वहां के लोगों की कार्यपद्धति से होता है। ऐसे में उस संस्था के लोगों में सकारात्मक सोच हमेशा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैने पहले ही दिन से विश्वविद्यालय में प्रण किया था कि विद्यार्थियों को कोई भी समस्या नहीं आने दूंगा उसे पूरा करने का मैने सतत प्रयास किया। मेरा जीवन ही छात्रों के लिए समर्पित था और हमेशा रहेगा। उनका मानना है कि छात्र और युवा ही राष्ट्र की पूंजी होते है। एक अखंड राष्ट्र इन्ही के बल पर बनाया जा सकता है। उन्होंने तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए माननीया कुलाधिपति, मुख्यमंत्रीजी, उप मुख्यमंत्री, सचिव प्रमुख संजय अग्रवाल के प्रति कृतज्ञता जाहिर की।  

इस अवसर प्रो. बीबी तिवारी ने उनके तीन वर्ष के कार्यों का विस्तृत रूप से वर्णन किया। प्रबंध संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश पार्थीडकर ने कहा कि कुलपति जी ने विश्वविद्यालय के परिवार को संपूर्णता दी है। हमें इसे संजों कर दृढ़ता के साथ रखना होगा। समारोह के आयोजक डा. राजकुमार ने कहा कि कुलपति जी के तीन वर्षों के कार्यकाल में मुझे ज्यादा सीखने को मिला। कारण काम भी मुझे ही ज्यादा मिले। डा. मनीष कुमार गुप्ता ने कहा कि शोध व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कुलपति की प्रशंसा की। साथ ही कहा कि आपके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने नयी उंचाइयों को छूआ है।


इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह. परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, असिस्टेंट रजिस्ट्रार अमृतलाल, प्रो अजय द्विवेदीप्रो अजय प्रताप सिंहप्रोफेसर देवराज सिंह,  डॉ मनोज मिश्र,डा प्रमोद यादव,  डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह, डा दिग्विजय सिहं राठौर, डा. गिरधर मिश्र, डा. नीतेश जायसवाल, डा मनोज पांडेय इत्यादि शिक्षक मौजूद थे। समारोह का संचालन डॉ संतोष कुमार ने किया।


Friday 24 July 2020

कैम्पस प्लेसमेन्ट समय की मांग: प्रो राजाराम

पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में गत तीन वर्षों में प्रशिक्षण व रोजगार की गतिविधियां विषयक वेबिनार का आयोजन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित केंद्रीय ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल के द्वारा  'विश्वविद्यालय परिसर में गत तीन वर्षों में प्रशिक्षण व रोजगार की गतिविधियां' विषयक संगोष्ठी का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा किया गया।

वेबिनार में अध्यक्षीय सम्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि 2017 में पहली बार ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल की स्थापना की गई।  ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल के द्वारा पिछले 3 वर्षों में प्रशिक्षण एवं रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई। प्रो यादव ने की कहा की प्रो रंजना प्रकाश के नेतृत्व में ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल ने गत तीन वर्ष में विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के तीन हजार से अधिक विद्यार्थी विभिन्न कंपनियों में अच्छे पैकेज पर चयनित हुए। इस दौरान स्किल व डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना की गई जिससे आस पास के विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न कंपनियों में चयनित हुए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल के कार्यों की सराहना शासन स्तर पर हुई है. 

उदघाटन सत्र में ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सेल की निदेशक प्रो रंजना प्रकाश ने पिछले तीन वर्षों की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला। प्रो रंजना प्रकाश ने बताया कि इस विभिन्न तरह के स्किल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण इंजीनियरिंग, फार्मेसी व विज्ञान के विद्यार्थियों को दिए गए। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटर प्रशिक्षण भी छात्रों को दिए गए। इन विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण का परिणाम छात्रों के कैम्पस प्लेसमेन्ट में देखने को मिला और तीन वर्षों में 85 कंपनियों में  तीन हजार से ज्यादा छात्रों को विभिन्न कंपनियों में रोजगार के अवसर प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठम आचार्य प्रो बी बी तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय के शिक्षको व छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन डॉ नितेश जयसवाल ने किया । इस अवसर पर प्रो अशोक श्रीवास्तव, डॉ मनोज मिश्र, डॉ राजकुमार, डॉ प्रमोद यादव, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह, डॉ राकेश यादव, डॉ गिरिधर मिश्रा व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

Wednesday 22 July 2020

अंतिम वर्ष की परीक्षा 17 अगस्त से प्रस्तावित



परीक्षा केंद्र पूर्व निर्धारित ही रहेंगे
परीक्षा मूल्यांकन के लिए समिति बनाने का निर्णय

जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय सत्र 2019-20 की अवशेष परीक्षाओं को कराने के संदर्भ में परीक्षा समिति की बैठक बुधवार को कुलपति सभागार में की गई। बैठक का संचालन करते हुए परीक्षा नियंत्रक श्री व्यास नारायण सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद द्वारा भेजे गए शासनादेश के विकल्पों पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में शासनादेश के बिंदु 7(1) और बिंदु8 (1) को छोड़कर सभी विकल्पों को आम सहमति से लागू करने का निर्णय लिया गया। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि जो परीक्षाएं हो चुकी है उनके मूल्यांकन के लिए एक समिति बनाई जाएगी। साथ ही अवशेष परीक्षाओं के परीक्षा केंद्र पूर्व निर्धारित ही रहेंगे। 6 अगस्त से होने वाली परीक्षा की तिथि बढ़ाकर 17 अगस्त प्रस्तावित की गई।
बैठक में प्रो.अविनाश पार्थिडकर, प्रो. राम नारायण ,डॉ राजकुमार सोनी ( कार्यकारी संकाय अध्यक्ष) डॉ.वशिष्ठ यति, डॉ. रणविजय सिंह, डॉ. बाल गोविंद सिंह, डॉ.सविता भारद्वाज, डॉ. ओम प्रकाश सिंह , डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ राहुल सिंह समेत सभी संकाय अध्यक्ष और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

Tuesday 21 July 2020

पीयू के ‌विद्यार्थी का ताइवान में पीएचडी के लिए चयन




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के रसायन विज्ञान एमएससी  अंतिम वर्ष के छात्र किशन कुमार यादव का पीएच-डी के लिए चंग गंग यूनिवर्सिटी ताइवान मे चयन हुआ है।
वह ताइवान के डॉ मिथिलेश कुमार यादव के मार्गदर्शन में शोध कार्य करेंगे । इसके लिए चंग गंग यूनिवर्सिटी उन्हें प्रतिमाह ₹50,000 की फेलोशिप प्रदान करेगी। किशन कुमार की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजाराम यादव ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संस्थान के अन्य विद्यार्थी भी विश्व में कीर्तिमान स्थापित करेंगे। इस अवसर पर निदेशक प्रो. देवराज सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार, डॉ. अजीत सिंह , डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. दिनेश कुमार वर्मा इत्यादि शिक्षकों ने बधाई दी।  

Tuesday 14 July 2020

रज्जू भैय्या हमेशा सभी के दिलों में रहेंगे जिंदा: प्रो.राजा राम यादव

जौनपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चतुर्थ सर संघचालक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैय्या की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर शिक्षकों  ने प्रोफेसर रज्जू भैय्या की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

मंगलवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी स्थित प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह रज्जू भैय्या संस्थान में  आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजा राम यादव  ने कहा कि प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया एक प्रभावशाली शिक्षक रहे और पढ़ाना उनका शौक था। प्रयाग विश्वविद्यालय में पढ़ाने के दौरान, उन्होंने संघ के कार्यों में अपना योगदान जारी रखा. भौतिक विज्ञान विषयों पर असामान्य शक्तियों के साथ-साथ, रज्जू भैया अपने शिष्यों के लिए सरल और दिलचस्प शिक्षण शैली और स्नेह के कारण प्रयाग विश्वविद्यालय के सबसे लोकप्रिय और सफल प्राध्यापक थे।
उन्होनें कहा कि प्रोफेसर रज्जू भैय्या का पूरा जीवन इस बात का साक्षी है कि वह कभी आकांक्षी नहीं रहे। विश्वविद्यालय में शिक्षक होने के बावजूद, उन्होंने अपने लिए पैसा नहीं कमाया। वे अपने वेतन का एक-एक पैसा संघ के काम में खर्च करते थे। एक सम्पन्न परिवार में पैदा होने के बाद भी, पब्लिक स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने, संगीत और क्रिकेट जैसे खेलों में रुचि रखने के बाद भी, वे अपने लिए कम से कम राशि खर्च करते थे। वे मितव्ययता का एक उत्कृष्ट उदाहरण थे। वर्ष के अंत में, उनके वेतन में से जो कुछ बचता था, वह उसे गुरु-दक्षिणा के रूप में समाज को दे देते थे।
कुलपति प्रोफेसर डॉo राजा राम यादव ने कहा प्रो राजेंद्र सिह एक उत्कृष्ट शिक्षक, और महान व्यक्तित्व थे. जिन्होंने राष्ट्र की रुचि और सांस्कृतिक विरासत के विकास के लिए काम किया. उनकी विचारधारा और राष्ट्र प्रेम लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। वे स्वयं में विचारधारा, दृढ़ संकल्प और आत्म-त्याग आदर्श की छवि थे. इसलिए रज्जू भैया हमेशा सभी के दिलों में जिंदा रहेंगे।


वित्त अधिकारी एम के सिंह ने कहा निःस्वार्थ स्नेह और अथक परिश्रम के कारण, रज्जू भैया को सभी प्यार करते थे. संघ के भीतर भी और बाहर भी. उन्होंने पुरुषोत्तम दास टंडन और लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं के साथ-साथ, प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जैसे संतों का विश्वास और स्नेह अर्जित किया

प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह रज्जू भैय्या संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर देवराज सिंह ने कहा की रज्जू भैय्या चिन्तक थे, मनीषी थे, समाज-सुधारक थे, कुशल संगठक थे और कुल मिलाकर एक बहुत ही सहज और सर्वसुलभ महापुरुष थे। ऐसा व्यक्ति बड़ी दीर्घ अवधि में कोई एकाध ही पैदा होता है।

एनएसएस के समन्यवक डॉक्टर राकेश यादव ने कहा कि रज्जू भैया ने भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के माध्यम से राष्ट्र की भलाई के बारे में सोचा. भारत के सच्चे नागरिक होने के नाते, यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा करें ताकि मूल मूल्यों को अक्षुण्ण रखा जा सके।

प्रोफेसर बीबी तिवारी ने कहा कि रज्जू भैया बहुत यथार्थवादी होने के साथ-साथ बहुत ही संवेदनशील थे। धन्यवाद मीडिया प्रभारी डॉक्टर राज कुमार सोनी ने किया।

श्रंद्धाजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर देवराज सिंह व संचालन डॉक्टर नितेश जायसवाल ने किया।
इस अवसर पर आर एस दुबे, डॉ संतोष कुमार, गिरिधर मिश्र, शशिकांत यादव, संदीप कुमार, दिनेश कुमार वर्मा,मिथिलेश यादव, नीरज अवस्थी,श्याम कन्हैया, श्रवण कुमार, रमांशु प्रभाकर,सौरभ सिंह,दीपक कुमार वर्मा आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

    

Monday 6 July 2020

विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में नई दिशा में अग्रसर पूर्वांचल विश्वविद्यालय


एमएससी, एम टेक व डी फार्मा जैसे पाठ्यक्रम की शुरुआत


जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रज्जू भइया संस्थान के द्वारा 'विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करता पूर्वांचल विश्वविद्यालय' विषयक संगोष्ठी का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा किया गया।रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने कहा कि वर्तमान सत्र में संस्थान एमएससी भौतिकी रसायन विज्ञान गणित और भूगर्भ विज्ञान तथा एमटेक मैटेरियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे कोर्सों का संचालन कर रहा है। संस्थान में विभिन्न प्रकार के विश्व स्तरीय वैज्ञानिक तथा शोध उपकरण हैं जिनका उपयोग विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालय भी कर सकते हैं।विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर राम नारायण ने बताया कि पिछले वर्ष से परिसर में विज्ञान संकाय था रज्जू भैया संस्थान के सहयोग से बीएससी के विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन प्रारंभ हो चुका है इसके अतिरिक्त परिसर में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी बायोकेमेस्ट्री माइक्रोबायोलॉजी और एनवायरमेंटल साइंस जैसे रोजगार परक पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश प्रारंभ है।
इलेक्ट्रॉनिकस इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष तथा फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बीवी तिवारी ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में विश्व विद्यालय के शैक्षणिक स्तर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। इंजीनियरिंग संकाय में एमटेक के कई सारे नए प्रोग्राम प्रारंभ किए गए हैं इसके अलावा कंप्यूटर डिपार्टमेंट द्वारा डीसीए का पाठ्यक्रम भी संचालित हो रहा है. प्रो. तिवारी ने कहा कि इस वर्ष फार्मेसी संस्थान द्वारा डी फार्मा का भी पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है जोकि एक रोजगारपरक और बहुत ही महत्वपूर्ण कोर्स है।
 विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में इस विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था प्रारंभ हुई जिसके परिणाम स्वरूप 4000 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न कंपनियों में चयनित हुए। पिछले दो वर्षों में 3 नए संस्थान, 4 नए विभाग तथा दो नए रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई। इन दौरान 15 नए कोर्सेज प्रारम्भ हुए। पिछले 2 वर्षों में  विश्वविद्यालय ने 80 लाख से अधिक के रिसर्च प्रोजेक्ट भी प्राप्त किए। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार तथा वर्कशॉप का भी आयोजन किया। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई।
इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय के लगभग 500 से अधिक शिक्षको व छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन डॉ नितेश जयसवाल ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेंद्र चौधरी ने किया। इस अवसर पर डॉ प्रमोद यादव, डॉ अजीत सिंह, डॉ राकेश यादव, डॉ राजकुमार, डॉ गिरिधर मिश्रा व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।