Tuesday 29 December 2020

कुलपति ने वृद्धों को वितरित किया कम्बल

शहर के प्रेमराजपुर गांव में स्थित वृद्धाश्रम में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने आश्रम के 50 से अधिक बुजुर्ग महिलाओं एवं पुरुषों को निजी धन से कंबल, मास्क, साबुन फल, बिस्किट वितरित किया तथा कोविड-19 के बारे में जागरूक किया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वृद्धाश्रम आधुनिक समाज की देन है वर्तमान समय में लोगों की कोशिश होनी चाहिए कि वृद्धाश्रम की संख्या बढ़े नहीं बल्कि घटनी चाहिए। उन्होंने आश्रम के बुजुर्ग महिलाओं एवं पुरुषों के साथ ढाई घंटे समय दिया और कहा कि उनके बीच में आकर वह अपने आपको धन्य समझ रही हैं और जब भी अवसर मिलेगा वह आपके बीच पुनः आने का प्रयास करेंगी | इस अवसर पर शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह, कार्यक्रम समन्वयक रासेयो राकेश कुमार यादव, मिशन शक्ति समन्वयक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, समाज कल्याण अधिकारी  विपिन कुमार यादव, महिला संरक्षण एवं बाल कल्याण अधिकारी चंदन राय, आश्रम के प्रबंधक गिरिजेश राय संचालक गोविंद तिवारी, मनोज श्रीवास्तव, डॉ अवधेश कुमार, मनोज कुमार, मौर्य, सत्यम सुंदरम मौर्य,आयुष यादव, शिवम मौर्य रघुनंदन आदि उपस्थित रहे।

Monday 28 December 2020

पीयू कुलपति ने परिसर के सुरक्षाकर्मियों को बांटे कंबल

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा में तैनात 41 सुरक्षाकर्मियों को सोमवार को कंबल बांटे।इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि कंपकंपाती ठंड में सुरक्षा बल परिसर में तैनात हैं।इस मौसम में उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर ना पड़े, इस बात को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर है। सुरक्षा बलों का दायित्व भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल के जवान के साथ-साथ परिसर में कुलपति आवास पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को कंबल वितरित किया गया। उनका मानना है कि  अत्यधिक सर्दी मैं उनको थोड़ी राहत मिलेगी और वह बचाव करते हुए अपना काम मुस्तैदी से करेंगें। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की सेवा से बड़ा कोई नेक कार्य नहीं होता। इस अवसर पर कुलपति जी के विशेष कार्य अधिकारी  डॉक्टर के एस तोमर एवं मीडिया  प्रभारी डॉ राज कुमार उपस्थित थे | 

Saturday 26 December 2020

महामना की जयंती पर पीयू की कुलपति का हुआ सम्मान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस.मौर्य, प्रो.एस. एस. कुशवाहा समेत काशी हिंदू विश्वविद्यालय की कई विभूतियों को वाराणसी के अस्सी घाट पर एक समारोह में सम्मानित किया गया।यह सम्मान आश्रय सेवा संस्था द्वारा आयोजित तथा संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार एवं सुबह बनारस के सहयोग से महामना मालवीय जी की जयंती के अवसर पर किया गया। इस अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि भारतरत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय जी के लिए समाज, संस्कार और सौहार्द बहुत मायने रखते थे। वह बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। उनके दूरदृष्टि का ही परिणाम है कि उनके द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय विश्व के अग्रिम विश्वविद्यालयों में गिना जाता है। उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्ययन का अवसर मिला। महामना की प्रेरणा से ही मैंने दक्षिण भारत में हिंदी के प्रचार प्रसार में अपनी महती भूमिका निभाई। कुलपति जी के सम्मान पर विश्वविद्यालय के प्रो. मानस पांडेय, प्रोफ बी बी तिवारी, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.अजय प्रताप सिंह, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो.देवराज सिंह,डॉ मनोज मिश्र, डॉ राजकुमार, डॉ मनीष कुमार गुप्ता, डॉ दिग्विजय सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. रसिकेश गुप्ता, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, अनु त्यागी, श्याम श्रीवास्तव, श्याम त्रिपाठी आदि शिक्षकों और कर्मचारियों ने हर्ष जताया है।

Thursday 24 December 2020

स्काउट गाइड सच्चे समाजसेवी: कुलपति

रोवर्स रेंजर्स कैम्प के समापन समारोह की पूर्व संध्या पर हुआ नाटक का मंचन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रहे रोवर्स- रेंजर के एडवांस प्रशिक्षण शिविर की पूर्व संध्या पर बुधवार की शाम ग्रैंड कैंप फायर का आयोजन किया गया। शिविर विश्वविद्यालय परिसर में 18  से 24 दिसंबर तक आयोजित किया गया है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि स्काउट- गाइड सच्चे समाज सेवक होते हैं। प्रकृति के साथ जीने की कला हमें स्काउट गाइड से सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मन में सेवा का भाव हो और कार्य के प्रति आत्मीयता हो तो अन्य कोई भी बाधा मायने नहीं रखती। मुख्य अतिथि एवं वित् अधिकारी एम के सिंह ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को रोवर्स-रेंजर और स्काउट गाइड में भाग लेना चाहिए | यह हमें आपस में मिलजुल कर रहने की सीख देता है। परीक्षा नियंत्रक व्यास नारायण सिंह ने कहा कि रोवर रेंजर ईमानदार और मितव्ययी होते हैं। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विजय बहादुर सिंह ने कहा कि हमारा पूरा जीवन स्काउटिंग से जुड़ा होना चाहिए। रोवर -रेंजर के समन्वयक डॉ. जगदेव ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में हमारे हर विद्यार्थी तन्मयता के साथ कैंप में प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रादेशिक प्रशिक्षण आयुक्त स्काउटिंग अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने सात दिवसीय प्रशिक्षण गतिविधियों का मूल्यांकन किया एवं  रोवर्स-रेंजर्स के योगदान से अवगत कराया | इसके बाद प्रतिभागियों द्वारा मनुभाव बद्मरस गीत की प्रस्तुति कि गई  एवं पर्यावरण संरक्षण के संबंध में एक नाटक का मंचन किया गया। इस अवसर पर  डॉ. सफीउज्जमा, प्रमोद कुमार दुबे, सुश्री कविता, राकेश कुमार यादव,आरके जैन, डॉ राज कुमार, डॉ. रणजीत सिंह, डॉ. उदय भान यादव आदि उपस्थित रहे। 


Tuesday 22 December 2020

विज्ञान ही नहीं कला, संगीत से भी है गणित का संबंध: प्रो. सुबीर दास

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैय्या भौतिकीय संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया। यह समारोह रज्जू भैया और गणित विभाग इंजीनियरिंग संस्थान के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इसमें शैलेंद्र प्रताप सिंह प्रथम पुरस्कार विशाल यादव द्वितीय और अनिकेत कुमार को तृतीय पुरस्कार मिला।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी बीएचयू के प्रो. सुबीर दास ने कहा कि गणित का संबंध सिर्फ विज्ञान और इंजीनियरिंग से ही नहीं है कला और संगीत के क्षेत्र में भी इसकी उपयोगिता है।

प्रो. दास ने गणित के सूत्रों को संगीत के सुरों के साथ परिभाषित करते विद्यार्थियों को आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने गामा फलन, एल हॉस्पिटल रूल तथा गामा फलन की ग्राफ में भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मल कुमार ने कहा कि गणित का संबंध हर क्षेत्र में है उन्होंने इसकी उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में इंजीनियर संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो.बी.बी. तिवारी ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गणित की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे डिराक नामक भौतिक वैज्ञानिक ने पूरी क्वांटम भौतिकी को गणित के माध्यम से मैट्रिक्स में बदलकर फील्ड थ्योरी को विकसित किया। रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर देवराज सिंह ने कहा कि आज अध्ययन के हर क्षेत्र में गणित की भूमिकामहत्वपूर्ण है। गणित के बिना भौतिकी एवं इंजीनियरिंग का अध्ययन असंभव है। समारोह में छात्र अधिष्ठाता प्रो. अजय द्विवेदी वैदिक गणित और उसके इतिहास और उनकी जीवन में उपयोगिता पर विस्तृत रूप से बताया। समारोह का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार में धन्यवाद ज्ञापन डॉ सौरभ कुमार सिंह ने किया।

इस अवसर पर डॉ प्रमोद कुमार यादव, डॉ राजकुमार, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ पुनीत धवन, डॉ. मनीष, पी सिंह, डॉ दीपक कुमार मौर्य, डॉ आशीष वर्मा,  डॉ. काजल के डे, डॉ सुशील कुमार चौरसिया, डॉ.यू.आर. प्रजापति, डॉ निमिषा यादव, डॉ. कृष्णन के. यादव आदि उपस्थित थे।


लुप्त होती लोक कलाओं से युवाओं को होगा जोड़ना - डॉ विकास

लोक कलाओं से मनोरंजन के साथ करें  विज्ञान संचार 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा इंडियन साइंस कम्युनिकेशन सोसाइटी के विज्ञान संचारक डॉ विकास मिश्र का ऑनलाइन  विशेष व्याख्यान का आयोजित  किया गया। उन्होंने वर्तमान समय में वैश्विक महामारी से बचाव के लिए समाज में  लोक कला माध्यमों के जरिये  वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने  पर विस्तार पूर्वक चर्चा की।

उन्होंने कहा कि सामाजिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में भारतीय लोक कलाओं का अभिन्न योगदान रहा  है। वर्तमान समय में लुप्त होती लोककला के संरक्षण, मनोरंजन एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के लिए विज्ञान संचारकों  को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि लोक कलाएं भारतीय संस्कृति और जनमानस की जड़ों से जुड़ी हुई है इनके इस्तेमाल से मनोरंजन के साथ-साथ बड़े सरल ढंग से वैज्ञानिक संदेश प्रेषित किया जा सकता है । आज के समय में कोविड -19 के प्रति जागरूकता में इसका प्रभाव दिख रहा है.

उन्होंने कहा कि आज  लुप्त होती लोक कलाओं से युवाओं को जोड़ना होगा. उन्होंने कठपुतली कला पर अपनी बात रखते हुए कहा कि  कम लागत में कठपुतली के माध्यम से आज देश के विभिन्न  भागो में विज्ञान संचार का कार्य किया जा रहा है. शिक्षा मनोरंजन एवं सामाजिक जागरूकता में कठपुतलियों का विशेष महत्व है. विज्ञान लेखकों की जिम्मेदारी है कि वैज्ञानिक तथ्यों को इन माध्यमों से आसानी से समाज में पहुंचाएं।

जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा  कि भारतीय लोक कलाएं  आज भी संचार के सशक्त माध्यम के रूप में  अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही  है।

विभाग के शिक्षक डॉ सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन  डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ  चंदन सिंह समेत विभाग के विद्यार्थी एवं शोधार्थी मौजूद रहे।


Friday 18 December 2020

रोवर्स रेंजर्स लीडर एवं एडवांस रेंजर्स लीडर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश भारत स्काउट और गाइड प्रादेशिक मुख्यालय लखनऊ के निर्देशन में सात दिवसीय एडवांस रोवर्स रेंजर्स लीडर एवं एडवांस रेंजर्स लीडर्स  प्रशिक्षण कार्यक्रम आज दिनांक 18 दिसंबर 2020 को विश्वविद्यालय परिसर के रोवर्स रेंजर्स भवन में प्रारंभ हुआ l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर निर्मला मौर्य कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया l  मुख्य अतिथि ने कहा कि रोवर्स रेंजर्स का मुख्य उद्देश्य उनके वाक्य सेवा करो की भावना सबके अंदर जागृत होनी चाहिए प्रत्येक व्यक्ति अपने में रोवर और रेंजर है l उन्होंने कहा कि  रोवर्स रेंजर्स का देवाक्य सेवा करो की भावना सबके अंदर होनी चाहिए l प्रकार के आयोजन से  अच्छे चरित्रवान प्रकृति प्रेमी और स्वावलंबी व्यक्तित्व का निर्माण होता है l कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक श्री व्यास नारायण सिंह ने की l उन्होंने अपने उद्बोधन में स्काउट गाइड की प्रार्थना और झंडा गीत  के सभी मूल्यवान उद्देश्य निहित होने के बारे में   बताया जो सच्चे राष्ट्रीय समता और भाईचारे का पाठ पढ़ाता है l इस अवसर पर सहायक कुलसचिव श्री अमृतलाल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को स्काउट और गाइड का प्रशिक्षण लेना चाहिए और उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए l सहायक कुलसचिव अजीत कुमार सिंह  ने रोवर्स रेंजर्स के महत्व पर प्रकाश डालाl कार्यक्रम के संयोजक डॉ जगदेव ने अतिथियों का स्वागत किया l संचालन डॉक्टर सैफी उजमा द्वारा किया गयाl आभार ज्ञापन डॉ अमरजीत सिंह संयोजक मऊ ने कियाl उद्घाटन के अवसर पर प्रादेशिक संगठन आयुक्त स्काउट श्री कमलेश देवी जी वाराणसी से डॉक्टर अजय दुबे, डॉक्टर झांसी मिश्रा, डॉ   जानवी श्रीवास्तव,  प्रमोद दुबे,  डॉ मनोज कुमार त्रिपाठी, डॉक्टर आरके जैन आदि विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहेl इस कार्यक्रम में मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर के विभिन्न महाविद्यालय से प्रभारी उपस्थित होकर 7 दिन का प्रशिक्षण से प्राप्त करेंगे

Monday 7 December 2020

युवाओं के भावनात्मक स्वास्थ्य को न करें नजरअंदाज – डॉ सलोनी

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के  मिशन शक्ति द्वारा  युवाओं के भावनात्मक स्वास्थ्य को मजबूत करने में काउंसलिंग की भूमिका विषयक एक दिवसीय कार्यक्रम का ऑनलाइन  आयोजन किया गया।  

इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता उम्मीद काउंसलिंग एंड कंसलटिंग सर्विसेज गुरुग्राम की निदेशक  डॉ सलोनी प्रिया  ने कहा कि आज युवाओं के भावनात्मक स्वास्थ्य  को समझने की जरूरत है। इसको नजरंदाज करने से युवाओं  के व्यवहार, संबंध और कैरियर सभी प्रभावित होते हैं। युवा आज  सपनों की दुनियां में जी  रहें है काउंसलर उन्हें वास्तवितकता से परिचित कराने में बड़ी भूमिका अदा करें. उन्होंने कहा कि परिवार में महिलाओं के साथ अलग तरह का व्यवहार न करें. रिश्ते वही सफल होते है जहाँ  हम एक दुसरे  का सम्मान करते है.

उन्होंने कहा कि शिक्षकों को  भावनात्मक स्वास्थ्य  को समझने के इस तरह का प्रशिक्षण लेना चाहियें.इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि प्रत्येक उम्र के लोगों को काउंसलिंग की जरूरत है. एक काउंसलर प्रत्येक उम्र के लोगों की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझता है.

अध्यक्षीय संबोधन में प्रो मानस पाण्डेय ने कहा कि महिलाएं भावनात्मक रूप से ज्यादा स्वस्थ होती है.पुरुषों को भी भावनात्मक रूप से स्वस्थ होने की आवश्यकता है.कार्यक्रम का संचालन मिशन शक्ति समन्वयक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव एवं आभार एनएसएस समन्वयक डॉ राकेश यादव ने किया. तकनीकी सहयोग अवनीश ने किया. इस अवसर पर प्रो अजय प्रताप सिंह, प्रो अविनाश, प्रो देवराज, डॉ जगदेव, डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ मनोज पाण्डेय, अन्नू त्यागी, डॉ झाँसी, डॉ जया, डॉ वनिता, डॉ प्रियंका, डॉ पूजा, डॉ करुणा  समेत तमाम लोग उपस्थित


Saturday 21 November 2020

सुरक्षा के साथ संचालित होंगी शैक्षणिक गतिविधियां - प्रो० मौर्य

                                      कुलपति ने किया संकाय भवन का निरीक्षण

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित संकाय भवन के सभी विभागों का शनिवार को कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने निरीक्षण किया। संकाय भवन में संचालित विभागों  की कक्षाओं एवं  प्रयोगशालाओं  में जाकर उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया।   उन्होंने कहा कि कोविड -१९ के सम्बन्ध में जो दिशा- निर्देश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गए है उसका हम सभी को पालन करते हुए शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करना है. 
कुलपति प्रो. मौर्य ने कहा कि 23 नवंबर से विश्वविद्यालय परिसर में कक्षाएं शुरू होने जा रही है। उन्होंने सभी कक्षाओं में सफाई के साथ सैनिटाइज कराने का निर्देश दिया। कुलपति ने  शिक्षकों के साथ  विद्यार्थियों की संख्या के आधार बैच बनाने के लिए चर्चा की. उन्होंने कहा कि शासन की गाइडलाइन के अनुपालन में  किसी विभाग को कोई समस्या हो तो सीधे मेरे पास आए और उसका त्वरित समाधान किया जाएगा। उन्होंने विज्ञान संकायाध्यक्ष, व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग अध्यक्ष समेत सभी विभाग  की समस्याओं को भी सुना। उन्होंने इनके समाधान के लिए निर्देश दिए। इसके पूर्व शुक्रवार को उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान का निरीक्षण किया गया था। इस अवसर पर प्रो. रामनारायण,प्रो.अजय प्रताप सिंह,डॉ.के.एस. तोमर, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ.अवध बिहारी सिंह, डॉ. चंदन सिंह, डॉ मनोज पांडेय, डॉ मंगला प्रसाद यादव, डा.एसपी तिवारी, डॉ. सुधीर उपाध्याय, डॉ विवेक पांडेय, डॉ.अनुराग मिश्र, डॉ. आशीष जायसवाल, डॉ.अभिषेक पांडेय आदि लोग थे।

Thursday 12 November 2020

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं: प्रो. एच सी पुरोहित

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के एच आर डी  द्वारा दिनांक 12 नवम्बर 2020 को एक दिवसीय विशिष्ट व्याख्यान का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के विषय वस्तु “फ्यूचर जॉब्स फॉर इंट्री लेवल मैनेजर्स : स्किल्ड एंड कॉम्पीटेंसी” पर दून विश्वविद्यालय, देहरादून के स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के विभागाध्यक्ष प्रो. एच. सी. पुरोहित ने सम्बोधित किया |

प्रो. पुरोहित ने आने वाले भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्त्व को बताते हुए रोजगार सम्बंधित अन्य जरुरी कौशल व इसके विभिन्न बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की, साथ ही उन्होंने वर्तमान परिवेश को देखते हुए क्रिएविटी, इनोवेशन, ओरिजिनालिटी, नेत्तृव क्षमता, आदि गुणों की भविष्य में कार्यस्थल पर उपयोगिता पर सारगर्भित रूप से प्रकाश डाला | अपने व्याख्यान में उन्होंने छात्रों को सफल होने के लिए आशावादी व अध्यात्मिक के होने के लाभ भी बताये | इसी क्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने कहा की रोजगार के संभावना व्यक्तित्व विकास के उन्नयन से संभव होगा । उन्होंने जोर देकर कहा  कि आने वाले समय में  एचआरडी विभाग  इस तरह के कार्यक्रम  देश के  लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों के माध्यम से आयोजित करेगा |कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का स्वागत श्री अनुपम कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन  प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने दिया | इस अवसर पर अवसर पर डॉ. रसिकेश, डॉ. कमलेश मौर्य, श्री अभिनव श्रीवास्तव, श्री अनुपम कुमार, अलका सिंह, श्री मनोज त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे |


Tuesday 10 November 2020

ठेंगड़ीजी ने मजदूरों को संगठित किया: कुलपति

दत्तोपंत ठेंगड़ी विधिक सेवा एवं सहायता केंद्र का हुआ उद्घाटन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्मशताब्दी वर्ष  के अवसर पर दत्तोपंत ठेंगड़ी विधिक सेवा एवं सहायता केंद्र का उद्घाटन समारोह कुलपति प्रो निर्मला एस. मौर्य ने किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने  दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन एवं दर्शन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि  श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी भारतीय मजदूर संघ के नेता थे और उन्होंने उस समय मजदूरों को संगठित करने के लिए एक नई विचारधारा का सूत्रपात किया, जब प्रथम विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया में मजदूर आंदोलन को लेकर मार्क्सवादी विचारधारा अपने पैर फैला रही थी। कम्युनिस्ट जहां मालिक और मजदूर के बीच वर्ग संघर्ष देख रहे थे , वहीं दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने मालिक और मजदूर में सौहार्द और समन्वय स्थापित करते हुए मजदूरों के हक़ एवं हुकूक की लड़ाई खड़ी की।

 वित्त अधिकारी एमके सिंह ने छात्रों को विधि के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। स्वागत भाषण डॉ अनुराग मिश्र ने एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ वनिता सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान के निदेशक मंगला प्रसाद यादव ने किया । इस अवसर पर अतिथिगण प्रोफेसर राम नारायन, प्रो .अजय प्रताप सिंह, डॉ. मनीष गुप्ता, श्रीप्रकाश यादव, आशीष जायसवाल, प्रियंका सिंह, अभिषेक पाण्डेय और समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Thursday 5 November 2020

सूर्य के समान होता है शिक्षकः प्रो. निर्मला एस. मौर्य



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर शिक्षक संघ की ओर से शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर के आर्यभट्ट सभागार में अवकाश प्राप्त शिक्षक सम्मान समारोह -2020 का आयोजन हुआ। इस अवसर पर अवकाश प्राप्त 28 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि शिक्षक सूर्य के समान होता है, वह मन के अंधकार को दूर कर व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है। उन्होंने समारोह में महिलाओं की उपस्थिति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने में पुरुषों का विशेष योगदान रहा है। अधिकतर परिवार में पुरूषों का व्यवहार अब समय के साथ-साथ सकारात्मक हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं जमीन से जुड़े होने के कारण सहज, सरल हूं और सबका सम्मान करतीं हूं, पद आज है कल नहीं रहेगा लेकिन व्यक्ति के संबंध हमेशा जीवंत रहते हैं।

अध्यक्षता शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष राजीव प्रकाश सिंह ने करते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है , आज हर राष्ट्र में तमाम क्षेत्रों में आगे होने कि होड़ लगी है लेकिन जिन राष्ट्रों में ऐसे कुशल शिक्षक होंगे वो राष्ट्र निश्चित ही आगे जाएगा ।विशिष्ट अतिथि डॉ. समर बहादुर सिंह ने‌ कहा कि शिक्षक अपने संघ के आह्वान का सम्मान करें,तभी उनकी समस्याओं का समाधान होगा।

शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षकों की समारोह में अधिकतम संख्या से संघ को ऊर्जा मिलती है। साथ ही यह हमारी एकजुटता को भी प्रदर्शित करता है।  समारोह का संचालन डा. पंकज सिंह और धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक संघ के महामंत्री डा. नीरज सिंह ने किया।समारोह में वित्त अधिकारी एमके सिंह, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह और शिक्षक नेता डा. दिनेश सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर डॉ. सरोज सिंह, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अविनाश पाथीर्डेकर, प्रो. अजय द्विवेदी,  सहायक कुलसचिव अमृत लाल, अजीत कुमार सिंह,  सुश्री बबिता, डा. आलोक सिंह, एनएसएस समन्वयक राकेश यादव, रोवर्स रेंजर के समन्वयक डा. जगदेव, डा. विजय तिवारी, डा. अनुराग मिश्रा,डा. गीता सिंह, डा. माया सिंह, डा. शीला मिश्रा, आदि लोग उपस्थित थे।

                                          ये हैं सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक

डा. देवेन्द्र नाथ सिंह जमनिया,  डॉ ए. एन. सिंह मऊ, डॉ सुरेश सिंह मऊ, डॉ श्रीप्रकाश सिंह गाजीपुर , डॉ अंजलि मिश्रा गाजीपुर , डॉ ओन देव गौतम , डॉ नंदिता श्रीवास्तव गाजीपुर , डॉ दुर्गा प्रसाद अस्थाना आजमगढ़ , डॉ विजय बहादुर यादव राज कॉलेज , डॉ सत्य प्रकाश त्रिपाठी जमुहाई , डॉ रामचन्द्र यादव जौनपुर , , डॉ छत्रधारी यादव , डॉ मोतीलाल यादव जौनपुर , डॉ द्धात्रि सिंह सिंगरामऊ जौनपुर , डॉ विनोद कुमार सिंह पूर्व प्राचार्य टीडी कालेज जौनपुर , डॉ नागेश्वर सिंह मेहरावा , डॉ राजदेव यादव सादात , डॉ अब्दुल रशीद गांधी पीजी कॉलेज , डॉ श्याम वृक्ष मौर्य , डॉ अशोक सिंह , डॉ देव रूप तिवारी वर्दा , डॉ अनिल कुमार सिंह श्री गणेश राय पीजी कालेज , डॉ राकेश सिंह , डॉ जितेंद्र सिंह , डॉ कृष्णदेव सिंह चक्के , , डॉ प्रमोद कुमार सिंह , डॉ नारायण कुमार सिंह , डॉ हिमांशु सिंह।


 


Saturday 31 October 2020

मा० राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन सरदार पटेल की मूर्ति का किया अनावरण



सरदार पटेल समाज के लिए प्रेरणास्रोत: कुलाधिपति

               राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन सरदार पटेल की मूर्ति का किया अनावरण 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में लौह पुरुष भारतरत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती एवं राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर शनिवार को प्रदेश की राज्यपाल  ने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन सरदार पटेल की मूर्ति का अनावरण किया ।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश की राज्यपाल एवं माननीय कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सरदार पटेल का व्यक्तित्व और कृतित्व न केवल विद्यार्थियों के लिए अपितु समस्त युवा पीढ़ी, प्रबुद्धजन एवं राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति श्रद्धा रखने वाले समस्त भारतवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि आज के दिन विश्वविद्यालय में सरदार पटेल की प्नतिमा का अनावरण वास्तव में देश और प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक जो हम अखंड भारत देख रहे हैं वह सरदार पटेल की ही देन है, इसलिए हम उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं। उनके व्यक्तित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ही गुजरात में 182 मीटर ऊंची उनकी प्रतिमा स्थापित की गई जो कि दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। सरदार पटेल ने किसानों के कर माफी के लिए आंदोलन चलाया था उन्हीं की प्रेरणा से देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए संसद में बिल लाए।

 उन्होंने नई शिक्षा नीति- 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति भारत को नई दिशा देने के साथ-साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगी। उन्होंने आचार्य नरेन्द्र देव और वाल्मीकि जयंती और इंदिरागांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें भी नमन किया।  प्रतिमा अनावरण समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति  निर्मला एस. मौर्य ने  कुलाधिपति जी का स्वागत करते हुए कहा कि आपके  निर्देशन में उत्तर प्रदेश के संपूर्ण विश्वविद्यालय में एवं महाविद्यालयों में नूतन चेतना, नई स्फूर्ति तथा नई दृष्टि उत्पन्न हुई है, जिसने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन और सुधारों को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल दृढ़ इच्छाशक्ति नेतृत्व, कौशल और अदम्य साहस के कारण पूरे देश में याद किए जाते हैं हम सौभाग्यशाली कि हमें ऐसे महापुरुष की प्रतिमा विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित कर अपने विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज के सभी वर्गों को राष्ट्रीय एकता का संदेश देने का अवसर मिला।समारोह की शुरुआत राष्ट्रगीत, कुलगीत के साथ हुई। समारोह में कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल उपस्थित लोगों को  राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। संचालन प्रो. मानस पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने किया। ऑनलाइन कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग डॉ सुरजीत यादव की टीम ने किया।  इस अवसर पर कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने पौधरोपण किया। मुक्तांगन परिसर में अपराह्न शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एकता की शपथ दिलाई गई। इस समारोह का संचालन प्रो अजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रोफ़ेसर अविनाश पाथर्डीकर, प्रो.एके श्रीवास्तव, प्रो.बीडी शर्मा, प्रो.अजय प्रताप सिंह,प्रो.रामनारायण, प्रो. देवराज सिंह,  डॉ. संतोष कुमार, एनएसएस समन्वयक राकेश यादव, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, अजीत प्रताप सिंह, सुश्री बबिता,डॉ के एस तोमर,डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ.सुनील कुमार, डॉ.अवध बिहारी सिंह, डॉ.चंदन सिंह समेत शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे। 


Tuesday 27 October 2020

नई शिक्षा नीति से विश्व गुरु बनेगा भारत-कोठारी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन विषयक वेबिनार का हुआ आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय के जनसंचार विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया।बतौर मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के विविध आयामों पर विस्तार पूर्वक अपनी बात रखी,  उन्होंने कहा कि  राष्ट्रीय शिक्षा नीति  को धरातल पर उतारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारत विश्व गुरु बनेगा।देश के सभी शिक्षण संस्थानों को पाठ्यक्रमों पर नए सिरे से विचार कर इसे विकसित करना होगा। 150 सालों से हमारे पाठ्यक्रमों से गायब भारतीय ज्ञान परम्परा के मूलभूत ज्ञान को भी समाहित करना होगा। उन्होंने मानव संसाधन मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय करने की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि मानव सोर्स तो हो सकता है पर कभी रिसोर्स नहीं हो सकता इसलिए शिक्षा मंत्रालय का नामकरण एक सराहनीय और उचित कदम है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के इतने समय बाद हम अपनी भाषा में तकनीकी व अन्य पुस्तकें नही बना पाए। इस समस्या का निराकरण होगा ऐसी आशा है।

अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निरंतर  शिक्षण संस्थान मंथन कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दूरदृष्टि है। इसमें समस्त विद्यार्थियों को लाभान्वित करने और उनके समग्र विकास के लिए बात की गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी शिक्षा अर्जित करने के बाद स्वरोजगार प्रारंभ करें यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। विश्व विद्यालय के शिक्षक शिक्षा नीति के सभी पहलुओं से परिचित हो।

बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रोफ़ेसर आरएन त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय  शिक्षा नीति में मानवता के साथ-साथ प्रकृति को भी जोड़ा गया है। इससे व्यक्ति के चरित्र निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण का भी काम हो सकेगा ‌। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चलते देश एक भारत श्रेष्ठ भारत बनने की ओर अग्रसर है।

अतिथियों का स्वागत संकाय अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र एवं आभार डॉ सुनील कुमार ने व्यक्त किया. वेबिनार का संचालन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। वेबिनार का संयोजन डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह, डॉ नितेश जायसवाल, अभिषेक कटिहार ने किया। इस अवसर पर प्रो मानस पांडे, प्रोफेसर एच सी पुरोहित, प्रो विक्रम देव, डॉ राकेश यादव,डॉ जगदेव, डॉ तरुणा गौर, डॉ प्रमोद यादव, डॉ श्याम कन्हैया सिंह, डॉ अनु चौहान समेत तमाम लोग मौजूद रहे।


Wednesday 21 October 2020

सोशल एकाउंट को स्ट्रांग बनाएं महिलाएं : डॉ. अर्चना शिवहरे

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत कुलपति निर्मला एस मौर्य के अभिप्रेरणा से साइबर सुरक्षा एवं लैंगिक हिंसा पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अर्चना शिवहरे पुलिस महानिरीक्षक राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो गांधीनगर ने जुड़कर सभी शिक्षकों एवं छात्रों को साइबर सुरक्षा एवम् लैंगिक हिंसा के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया।

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उन्होंने कहा कि महिला एवं बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी होगी क्योंकि वेबसाइट से उनकी फोटो लेकर इंटरनेट पर दुरुपयोग किया जा सकता है जो कि साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है ऐसे में महिलाओं को अपने अकाउंट का पासवर्ड बहुत स्ट्रांग बनाना चाहिए नाम जन्मदिन आदि का पासवर्ड नहीं बनाना चाहिए। अलग—अलग एकाउंट का पासवर्ड अलग—अलग बनाना चाहिए, अपने क्रेडिट कार्ड का नंबर किसी को शेयर नहीं करना चाहिए। पब्लिक डोमेन में अपने मोबाइल का ब्लूटूथ या वाईफाई ऑन नहीं रखना चाहिए एवं सोशल मीडिया पर अपना लोकेशन शेयर नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उसका पूरा डाटा हैक किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी भी तरह का अत्याचार महिलाओं पर हो रहा है तो उसे इसके लिए कानूनी मदद लेनी चाहिए और साथ ही साथ इस बात पर असंतोष जताया कि जितने अपराध महिलाओं के साथ हो रहे हैं उतनी शिकायतें प्रकाश में नहीं आती है, इसके लिए महिलाओं को स्वयं से आवाज उठाना होगा जागरूक होना होगा और अत्याचार को सहन नहीं करना होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के सम्मान सुरक्षा के लिए सराहनीय प्रयास कर रही है। साइबर क्राइम के अपराधियों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है। अतः स्वयं से जागरूक रहना होगा। 

विशिष्ट अतिथि डॉ. पूनम तिवारी सचिव नारी शक्ति संस्थान आजमगढ़ ने कहा कि नारी के प्रति हो रहे अत्याचार एक सामाजिक बीमारी है अतः सरकार की पहल मिशन शक्ति एक सराहनीय कदम है।

मुख्य अतिथि डॉ. अंजू सिंह सचिव ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति सिंगरामऊ ने कहा कि मां शक्ति की असली पूछा तब मानी जाएगी जब प्रत्येक महिला स्वयं को सुरक्षित महसूस करेगी। इसके लिए इस तरह के जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। गांव में जाकर नाटक रंगमंच लघुकथाएं आदि के माध्यम से भी जागरूक किया जा सकता है।

मुख्य अतिथि का स्वागत जया शुक्ला मुख्य वक्ता का स्वागत डॉ. वनिता सिंह, विशिष्ट अतिथि का स्वागत डॉ. झांसी मिश्रा, संचालन कार्यक्रम समन्वयक मिशन शक्ति डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव तथा आभार ज्ञापन डॉ. राकेश यादव एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में सहयोग आयोजक मंडल डॉ. प्रियंका, डॉ. जगदेव, डॉ. नीतीश, श्रीमती करुणा, अनामिका, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. शशिकांत, अवनीश ने किया। कार्यक्रम में सहभागिता प्रोफेसर मानस पांडेय, प्रोफ़ेसर देवराज, प्रोफेसर राम नारायण, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ. राजकुमार सोनी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर , डॉ. सुनील, डॉ. चंदन , नूपुर तिवारी, आकांक्षा श्रीवास्तव आदि ने किया।

Tuesday 20 October 2020

बच्चों में सीख विकसित करने में शिक्षक की अहम भूमिका: प्रो. रामजी लाल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए चलाया जाने वाले अभियान के तहत मंगलवार को शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में बाल मनोविज्ञान की समझ विकसित करने संबंधी विषय पर वेबिनार  का आयोजन किया गया ।

बतौर मुख्य अतिथि प्रो.रामजी लाल श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों में सीख विकसित करने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक यदि उसके इमोशनल वेल बीइंग एवं इंटरपर्सनल रिलेशनशिप पर ध्यान दें कि  उस बच्चे में कैसा विकसित हो रहा है तो निश्चित ही वह आगे चलकर एक अच्छा नागरिक बनेगा जो समाज एवं राष्ट्र के दृष्टिकोण से भी हितकारी होगा। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ .सलोनी प्रिया क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ने कहा की जेंडर के प्रति भ्रांतियां खत्म करनी होंगी, क्योंकि समाज में जेंडर की प्रति बहुत सारी भ्रांतियां व्याप्त है । लड़की या लड़का होना उसकी पहचान हो सकती है उसका शीलगुण नहीं।  उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियानों का निश्चित रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मुख्य अतिथि का स्वागत डॉ. नीतेश जायसवाल और मुख्य वक्ता का स्वागत प्रो. अजय प्रताप सिंह ने किया। संचालन कार्यक्रम समन्यवक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने और आभार ज्ञापन  रोवर्स रेंजर समन्वयक डा. जगदेव ने किया। कार्यक्रम में  प्रो. मानस पांडेय, प्रो देवराज , डॉ राजकुमार , एनएसएस समन्वयक राकेश यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, श्रीमती अरूणा,‌ डॉ. विनीता सिंह, डॉ.झांसी मिश्रा, डॉ.जया शुक्ला समेत विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक एवं छात्रों ने भी सहभागिता की।

Saturday 17 October 2020

महिलाएं आत्मनिर्भर बनें: कुलपति

मिशन शक्ति मेगा लांच के अंतर्गत महिलाओं को किया गया जागरूक

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति मेगा लांच कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को ऑनलाइन किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर है। देश में महिलाओं की आबादी लगभग 50 फ़ीसदी है, ऐसे में इस तरह की अभियान की आवश्यकता और बढ़ जाती है। उन्होंने आदिकाल और उत्तर मध्यकाल में नारी की स्थितियों पर विस्तृत चर्चा की। कहा कि 21वीं सदी में महिला अपनी अस्मिता की तलाश कर रही है उन्होंने आह्वान किया कि नारी आत्मनिर्भर बने, इसके लिए विश्वविद्यालय महिलाओं द्वारा बनाई गई हस्तकला, हस्तशिल्प की वस्तुओं के  विक्रय के लिए दुकान के रूप में प्लेटफार्म देगा। कार्यक्रम में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट उषा वर्मा श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाएं आर्थिक रूप से ही आत्मनिर्भर न बने बल्कि अपनी सोच को भी आत्मनिर्भर बनाना होगा । उन्होंने लैंगिक भेदभाव और घरेलू हिंसा आदि विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि के रूप में डिप्टी एसपी प्रेम प्रकाश ने कहा कि संविधान और कानून में कहीं भी लड़कों और लड़कियों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने महिला सुरक्षा, साइबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को अन्याय के खिलाफ सतर्कता के साथ आवाज उठानी होगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में एडवोकेट श्रीमती मंजू शास्त्री पास्को एक्ट, दहेज उत्पीड़न पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा कि महिलाएं जब तक आत्मनिर्भर नहीं बनेगी तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया। समारोह में कुलगीत डॉ. अनामिका ने प्रस्तुत किया।समारोह में कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. देवराज सिंह, राष्टीय सेवा योजना समन्वयक श्री राकेश कुमार यादव, डॉ. जगदेव, डॉ सुनील कुमार, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. चंदन सिंह, डॉ झासी मिश्रा, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ वनिता सिंह, सुश्री जया शुक्ला, जगदीश मौर्य आदि ने प्रतिभाग किया।

Thursday 15 October 2020

सभी के लिए हाथ स्वच्छता को जन आंदोलन बनाना है: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

विश्व हाथ धुलाई दिवस पर आयोजित हुआ वेबीनार

राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के तत्वावधान पूर्वान्ह 10 बजे से 11 बजे तक 'विश्व हाथ धुलाई दिवस' पर जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन के संबंध में एक वेबीनार आयोजित हुआ। इस वेबीनार की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही स्वच्छता पर विशेष बल दिया गया है।आज कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए एवं उसके संक्रमण को रोकने के लिए हमें हाथों की सफाई पर विशेष बल देना होगा। इसके साथ ही साथ 2 गज की दूरी, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, साबुन सैनिटाइजर तथा सार्वजनिक स्थानों पर कोविड- 19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करके ही हम कोरोना  को पराजित कर सकते हैं।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्य संपर्क अधिकारी एवं विशेष कार्याधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना उत्तर प्रदेश शासन डॉ अंशुमालि शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम का व्यापक रूप से प्रचार -प्रसार कर के हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ने कोविड-19 में महत्वपूर्ण सेवा की है इसके लिए पूरे प्रकोष्ठ को विशेष रूप से बधाई।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में यूनिसेफ के संचार एवं विकास अधिकारी श्री दयाशंकर सिंह ने पीपीटी के माध्यम से हाथों की स्वच्छता के बारे में प्रतिभागियों को बताया और कहा कि हम विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को जागरूक करके कोरोना को हराने में एक दिन जरूर कामयाब होंगे।

अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री सुजीत कुमार जायसवाल ने  कोरोना काल में विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की और साथ ही साथ लगातार इस कार्यक्रम को संचालित करने का आह्वान किया।

स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार यादव ने प्रस्तुत की। इस वेबिनर को प्रो. मानस पांडे, प्रो.मुनीब शर्मा, डॉ अमित यादव, डॉ अखिलेश शर्मा शास्त्री, डॉ उदय भान यादव,डॉ. राजश्री सिंह ने भी संबोधित किया।इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से संबद्ध चारों जनपदों के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक, कार्यक्रम अधिकारी, छात्र, स्वयंसेवक जूम एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से बड़ी संख्या में जुड़े रहे। आभार ज्ञापन डॉ नितेश जायसवाल ने किया। पूरे कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग डॉक्टर धीरेंद्र चौधरी डॉ शशिकांत यादव डॉ विनय कुमार वर्मा ने प्रदान किया।


Friday 9 October 2020

विश्वविद्यालय परिवार ने कोविड-19 से सुरक्षा का लिया संकल्प

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के सरस्वती सदन में शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की शपथ ली गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा जारी शपथ ली गई | इस अवसर पर कुलपति जी ने कहा कि इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए सिर्फ सावधानी और बचाव की जरूरत है । हमें स्वास्थ्य विभाग और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और अपने साथ- साथ दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा मास्क और सेनिटाइजर को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। सार्वजनिक स्थलों पर दो गज की दूरी का ध्यान रखें।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी, कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया ।

Friday 2 October 2020

प्रो. निर्मला एस.मौर्य को मिला महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

गांधी जयंती पर ऑनलाइन समारोह में दिया गया सम्मान

वीर बहादुर सिंह  पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस.मौर्य समेत विभिन्न क्षेत्र की 13 हस्तियों को शुक्रवार को दिया गया महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान शांति के उन्नायक महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती पर ओस्लो, नॉर्वे की संस्था भारतीय - नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा ऑनलाइन दिया गया। यह सम्मान समाज सेवा और विश्व शांति साहित्य सेवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में दुनिया के प्रतिष्ठित लोगों को दिया जाता है।

गांधी जयंती पर समाजसेवा एवं विश्वशांति के लिए अमूल्य योगदान एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए प्रख्यात चिंतक, समाजसेवी एवं सम्पादक श्री गुलाब कोठारी, जयपुर को सर्वोच्च  सम्मान मिला। इस श्रेणी में गोवा की पूर्व राज्यपाल एवं लेखिका श्रीमती मृदुला सिन्हा, नई दिल्ली, ओस्लो के समाचार पत्र आकेर्सआवीस ग्रूरुददालेन के सम्पादक यालमार शेलांद, नॉर्वे एवं यूनाइटेड किंगडम के वरिष्ठ समाजसेवी और राजनीतिज्ञ श्री वीरेन्द्र शर्मा, लन्दन को सम्मानित किया गया।

साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में  प्रसिद्ध लेखक एवं आलोचक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा उज्जैन, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. निर्मला एस. मौर्य, चेन्नई, हिंदी एवं पंजाबी के प्रसिद्ध लेखक प्रो. हरमहेन्द्र सिंह बेदी, अमृतसर और नॉर्वेजियन लेखिका इंन्विल्ड क्रिस्तीने हेरजोग, ओस्लो को सम्मानित किया गया।

पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए वरिष्ठ सम्पादक श्री सुभाष राय, लखनऊ, संपादक श्रीमती सर्वमित्रा सुरजन नई दिल्ली, सम्पादक राजीव सिंह, लखनऊ, सांस्कृतिक पत्रकार श्री राजेश विक्रान्त, मुंबई एवं मीडिया विश्लेषक प्रो सन्तोष तिवारी, लखनऊ को भी मिला पुरस्कार।

ओस्लो में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि नार्वेजीय अरबाइदर पार्टी की राजनेत्री एवं ओस्लो नगर पार्लियामेंट में मंत्री सुश्री रीना मारियम हांसेन, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार के चेयरमैन श्री अवनीश कुमार एवं  केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के श्री दीपक पांडेय और कार्यक्रम सचिव श्री थूरस्ताइन विंगेर, उपस्थित रहे।


सकारात्मक सोच से ही होगा विकास: कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर गांधी वाटिका में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके रामधुन गाया गई।विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि व्यक्ति का नजरिया हमेशा सकारात्मक होना चाहिए साथ ही उसमें विनम्रता के भी गुण होना चाहिए, तभी वह व्यक्ति समाज, संस्थान के साथ-साथ देश के लिए भी उपयोगी साबित होगा और विकास में भागीदारी निभाएगा। उन्होंने कहा कि गांधीजी प्रयोगधर्मी थे, उन्होंने पूरा जीवन देश और समाज के लिए समर्पित कर दिया। परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने कहा कि हमें गांधीजी के आदर्शों से सीख लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गांधीजी प्रासंगिक थे और आगे भी रहेंगे। सहायक कुलसचिव प्रशासन अमृतलाल ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सहजता और सरलता पर विस्तार से बताया गया। रामधुन की टीम में राज नारायण सिंह, जगदंबा मिश्र, सुनील सिंह और रविंद्र तिवारी थे। गांधी वाटिका समारोह का संचालन अशोक सिंह और धन्यवाद ज्ञापन रामजी सिंह ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह सहायक कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, प्रो.अविनाश, प्रो. बीडी शर्मा, समेत आचार्य, सहचार्य, सहायक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

Thursday 1 October 2020

ऑनलाइन सम्प्रेषण में है कई सहूलियतें तो है कुछ दिक्कतें भी- कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय  के एच आर डी विभाग ने एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया  गया.कोविड-19 के वर्तमान परिवेश को ध्यान में रखते हुए मुख्य वक्ता कॉरपोरेट प्रशिक्षक  प्रमोद कुमार सिंह ने कार्यक्रम के विषयवस्तु “डूस एंड डोंट्स ऑफ़ ऑनलाइन कम्युनिकेशन : मैनेजिंग द चैलेंजेज ऑफ़ कोविड-19 पैन्ड़ेमिक” अपनी बात रखी.उन्होंने कहा कि ऑनलाइन संपर्क में भाव भंगिमा, औपचारिक वेष-भूषा, बोली भाषा का विशेष महत्व है.

कुलपति निर्मला एस.मौर्या. ने कहा कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हुए वैश्विक कठिनाई को प्रत्येक  व्यक्ति छात्र, शिक्षक, प्रशासनिक हर वर्ग का व्यक्ति महसूस कर रहा है कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर सभी अथितियों, गणमान्य लोगों छात्रों का स्वागत किया l इसके साथ ही का  भगवत गीता के दूसरे के अध्याय के श्लोक का जिक्र करते हुए मानव जीवन के धेय्य और व्यवहार की एकरूपता पर प्रकाश डाला l कार्यक्रम के संयोजक तथा विभागाध्यक्ष डॉ रसिकेश ने कार्यक्रम के विषयवस्तु का विषय प्रवर्तन करते हुए छात्र हित इसकी महत्ता को इंगित किया I सह संयोजक डॉ अनुपम कुमार ने अंत में कार्यक्रम के सारांश को प्रस्तुत किया I सह संयोजक डॉ अभिनव श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में आये हुए सभी अथितियों को धन्यवाद ज्ञापित किया I कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक डॉ अजय द्विवेदी, डॉ. आशुतोष कुमार सिंह,  डॉ मनोज मिश्र, डॉ. राज कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौड़ डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. अबू सालेह, डॉ आंजनेय गुप्ता,डॉ वी डी शर्मा , डॉ परमेन्द्र विक्रम सिंह , अलका सिंह , प्रियम सेठ आदि के साथ विभिन्न विभागों के छात्र छात्राओं के साथ उत्साह पूर्वक भाग लिया I कार्यक्रम में  दून विश्वविद्यालय, देहरादून से डॉ. एच सी पुरोहित जी के साथ देश के विभिन्न के क्षेत्रों से सम्मनित गणमान्य लोग में पुरे कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे lकार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ कमलेश मौर्या ने संचालन किया।

Sunday 27 September 2020

विश्व पर्यटन दिवस पर जनसंचार विभाग में हुई परिचर्चा

 

 

 


                          

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के जनसंचार विभाग द्वारा 

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर  पर्यटन और ग्रामीण विषयक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया जा गया। परिचर्चा में वक्ताओं ने ग्रामीण पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

 

प्रतिष्ठित यात्रा लेखिका एवं ब्लॉगर डॉ कायनात काजी ने कहा कि भारतीय ग्रामीण संस्कृति में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ छुपा हुआ है स्थानीय लोक गीत, लोक कलाएं पर्यटकों को गाँव की तरफ आकर्षित करने के लिए सक्षम है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए पर्यटन केंद्र विकसित होने से विकास होगा।

 

दून विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रबंध अध्ययन  संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने कहा कि कोरोना काल में पर्यटन क्षेत्र बहुत प्रभावित हुआ है इस सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए भी प्रयास होने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन के विकास पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर होम स्टे विकसित करना होगा।

 

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं इतिहासकार डॉ नीता यादव ने कहा कि भारत के प्राचीन मंदिरों में  विद्यमान तीनों शैलियों के बारे में अभी हमारे देश में बहुतों को जानकारी का नहीं  है।  उत्तर भारत में नागर शैली, दक्षिण भारत में द्रविड़ शैली और गुजरात में वेसर शैली जैसा स्थापत्य पूरी दुनिया मे कहीं नही मिलता। पर्यटन के लिहाज से इसे हम अपने देश और दुनिया मे प्रसारित कर सकते है।

जौनपुर ब्लॉग एसोसिएशन के अध्यक्ष,ब्लॉगर एवं इतिहासकार एसएम मासूम ने कहा कि पर्यटक चाहता है कि उसे भागदौड़ की जिंदगी के समय मानसिक सुकून मिले। नए-नए चीजों को देखना, अनुभव करना अपनी यात्रा के दौरान वह करता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन से ग्रामीण विकास संभव है हमें ग्रामीण क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को विकसित करना होगा। उन्होंने जौनपुर के पर्यटन को विकसित करने के लिए टिप्स दिए।

अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ सुनील कुमार ने किया।

इस अवसर पर डॉ सुनीता सिंह, डॉ उमेश पाठक, शिफाली अहूजा, मनोज भट्ट, जगमोहन सिंह राठौर, शाकम्बरी नन्दन,वीर बहादुर,शुभम द्विवेदी, दिव्यांशु, अदिति, अमित मिश्रा समेत विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।

 

Saturday 26 September 2020

विज्ञान के सकारात्मक प्रचार प्रसार ने कोविड की भयावहता को कम किया

प्रो० राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  द्वारा शनिवार को हिंदी में विज्ञान संचार: आवश्यकता एवं चुनौतियां विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया।संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० निर्मला एस० मौर्य ने कहा कि वैज्ञानिक खोज को जनसामान्य तक पहुंचाने में मिडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रो मौर्य ने कहा कि आग व पहिया की खोज ने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण निभाई। उन्होंने हिंदी में विज्ञान के प्रचार प्रसार पर बल दिया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो० डॉ० राजाराम यादव ने कहा कि जर्मनी, चीन, जापान जैसे कई देशों ने अपने राष्ट्रभाषा में विज्ञान व तकनीकी का प्रचार प्रसार किया, जिससे इन देशों ने विश्व में अपनी विज्ञान के क्षेत्र में पहचान बनाई। हिंदी में प्रकाशित होने वाली पत्रिकाएं जैसे विज्ञान, विज्ञान प्रगित आदि ने हिंदी में विज्ञान के प्रसार में महत्वपूर्ण निभाई।विशिष्ट अतिथि सलाहकार व प्रमुख, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद, भारत सरकार के डॉ मनोज पटैरिया ने कहा कि वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के प्रथम अध्यक्ष डॉ. डी. एस. कोठारी के नेतृत्व में आयोग हिंदी भाषा में विज्ञान तथा शब्दावली के प्रसार में महत्वपूर्ण निभाई फिर भी वर्तमान में इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के विज्ञान प्रसार संस्थान द्व्रारा विज्ञान को जनसाधारण के मध्य लोकप्रिय बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे है। विज्ञान प्रसार कोरोना व कोविड के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में किया गया है।नेशनल सेंटर फॉर इनोवेशन इन डिस्टेंस एजुकेशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के निदेशक डॉ० ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में हिंदी भाषा मे विज्ञान शिक्षा व शोध की दिशा में बहुत प्रभावी काम करने की जरूरत है।  ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों के लिए विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए शोध सन्दर्भ को हिंदी भाषा में विकसित करने की जरूरत है।आमंत्रित व्याख्यान में वैज्ञानिक व संपादक, भारतीय अभियांत्रिकी एवं पदार्थ विज्ञान पत्रिका राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्त्रोत संस्थान के डॉ मेहर वान ने कहा कि प्राचीन समय में लोग लोकोक्तियों के माध्यम से विज्ञान और उसकी मान्यताओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाते थे। वर्तामन में संचार के आधुनिकतम माध्यम से विज्ञान को मातृभाषा में जनसामान्य तक पहुंच रहा है। डॉ. मेहरबान ने कहा विज्ञान के सकारात्मक प्रचार प्रसार ने कोविड को समझने और बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।वेबिनार में अतिथियों का स्वागत निदेशक प्रो देवराज सिंह ने किया। विषय प्रवर्तन संयोजक डॉ धीरेंद्र कुमार चौधरी एवं संचालन व आभार सह संयोजक डॉ नीतेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर डॉ बी बी तिवारी, डॉ मनोज मिश्र, डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरिधर मिश्रा, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ पुनीत धवन, डॉ शशिकांत यादव व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

Friday 25 September 2020

ऑनलाइन वेरीफिकेशन से पारदर्शिता और सुविधा दोनों का लाभ: गिरीश चंद्र यादव

मैं पद से नहीं, नाम से पहचान बनाऊंगी: कुलपति
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर ऑनलाइन  अवार्ड वेरिफिकेशन पोर्टल का शुभारंभ

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के आईसीटी सेल एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्यायजी की जयंती के अवसर पर आर्यभट्ट सभागार में ऑनलाइन अवार्ड वेरिफिकेशन पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री श्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि आनलाइन अवार्ड वेरिफिकेशन से नौकरी पाने वाले का वेरिफिकेशन आसानी से हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सुविधा के साथ-साथ पारदर्शिता भी बनीं रहेगी। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय डिग्री के साथ- साथ विजन का भी केंद्र बने। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों के जीवन में बदलाव के लिए अंत्योदय अन्नपूर्णा योजना, शौचालय,आवास योजना का जो लाभ दे रही है वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का ही सपना था। हमारी सरकार उसी दिशा में काम कर रही है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि मैं सहज और सरल हूं और रहूंगी भी। मैं एक विजन लेकर आई हूं और उसे पूरा करके जाऊंगी। मेरा मकसद शासन करना नहीं हैं मैं पद से नहीं अपने नाम से अपनी पहचान बनाना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने आसपास प्रसन्नता का आभा मंडल बनाना चाहता है।अतिथियों का ‌स्वागत भाषण श्री अमित वत्स ने किया।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी श्री एमके सिंह ने कहा कि डिजिटल युग है। अब ई-कांटेंट के माध्यम से पढ़ाई शुरू हो रही है।आज विश्वविद्यालय में हर काम आनलाइन हो रहा है, इससे ‌विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और विद्यार्थी दोनोें को लाभ होगा।अब सारी डिग्रियां डिजीलाकर में रखीं जाएंगी।
परीक्षा नियंत्रक श्री वीएन सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय तकनीक विकास की ओर बढ़ रहा है,इसे और आगे ले
जाने की जरूरत है।प्रबंधक श्री नरेंद्र मौर्य ने आनलाइन पोर्टल की तारीफ की।प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने आनलाइन परीक्षा कराने की मांग की। प्रबंधक राजकुंवर सिंह ने कहा कि आजमगढ़ को आवासीय विश्वविद्यालय बनाया जाए।संचालन डॉ. आशुतोष सिंह और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव श्री सुजीत जायसवाल ने किया।इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, हरिश्चंद्र सिंह, नीरज सिंह, शिक्षक संघ अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह, महामंत्री डॉ. राहुल सिंह सहायक कुलसचिव अमृतलाल, डॉ.एसपी सिंह, डॉ. ‌अवनीश सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, डॉ.मनोज मिश्र, डॉ.राजकुमार, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ.सुनील कुमार, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव आदि शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया।