Wednesday 4 December 2019

नव योगेंद्र स्वामी ने दिया धर्म और संस्कृति पर व्याख्यान


नहीं भूलनी चाहिए  अपनी संस्कृति


विश्वविद्यालय के प्रो राजेंद्र सिंह रज्जू भइया  भौतिकीय  विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में मंगलवार की देर शाम इस्कॉन के वर्तमान आचार्य ऊधमपुर, जम्मू कश्मीर के परम पूज्य नव योगेंद्र स्वामी जी महाराज ने विश्वविद्यालय के शिक्षक , विद्यार्थियों और कर्मचारियों के बीच धर्म और संस्कृति पर अपना विशेष व्याख्यान दिया ।उन्होंने कहा कि भारत धर्म सापेक्ष था मगर राजनीतिज्ञों ने इसे धर्मनिरपेक्ष बना दिया। उन्होंने कहा कि धर्म से ही देश और वहां की  संस्कृति का विकास होता है। धर्म (नियमों) का पालन करने वाला मानव सच में भगवान का असली भक्त होता है। उन्होंने कहा जीवन में चार चीज सभी जीव करते हैं आहार, निद्रा, भय, मैथुन। मनुष्य  धर्म  नियमों का पालन करता है और पशु नहीं। उन्होंने विश्व के कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां धर्म और संस्कृति ना होने के कारण मानव पशु जैसा जीवन व्यतीत कर रहा है।स्वामी जी ने कहा कि मानव को कभी अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए । हमारे देश पर सैकड़ों वर्षों तक मुगलों और अंग्रेजों ने शासन किया। उन्होंने  हमारे सभी मूल्यों पर आघात किया लेकिन हमारी संस्कृति ने इस देश को टूटने नहीं दिया और उनको वापस जाना पड़ा। उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड ,अफ्रीका और वेस्टइंडीज का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां के लोग भी अब भगवान को मानने लगे हैं और वह शराब, मांस , मछली तो दूर लहसुन, प्याज जैसी तामसिक चीजों को छोड़कर वैष्णव हो रहे हैं। यही धर्म मानव को नर्क से बचाएगा उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन इंद्रियों के तर्पण के लिए नहीं मिला है। व्यक्ति का कर्म उसके साथ आता है और उसी के साथ जाता है। स्वामी जी ने कहा शरीर का सुख भोगने वाले के लिए बार-बार मृत्यु और जन्म का कोई मतलब नहीं है। जो भोग में लग जाते हैं वही रोग की चपेट में आ जाते हैं। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने धर्म, ईश्वर और संस्कृति से जुड़े कई सवालों को पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की।
स्वामी जी ने वहां उपस्थित शिक्षकों को श्रीमद्भागवत गीता  भेंट की और प्रतिदिन सभी से एक श्लोक पढ़ने को कहा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि  स्वामी जी का लगाव विश्वविद्यालय , विद्यार्थी और शिक्षकों के साथ हमेशा रहा है। मुझे काफी लंबे समय की प्रतीक्षा के बाद ऐसे आध्यात्मिक शिखर पुरुष को इस विश्वविद्यालय में बुलाने का अवसर मिला। मैं विश्वविद्यालय परिवार के बीच नैतिक और अध्यात्मिक संचार को  मुखरित होते देखना चाहता हूँ। । उन्होंने कहा कि स्वामी जी सिद्ध संत हैं उनके मुंह से निकला शब्द कुछ दिन बाद ही जीवन में चरितार्थ होने लगता है। उन्होंने सभागार में उपस्थित शिक्षकों से सीधा संवाद किया एवं उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। समारोह का संचालन डॉ मनोज मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर बीबी तिवारी ने किया। इस अवसर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह, प्रो विलासराव तभाने, प्रो. अशोक  श्रीवास्तव, प्रो,अजय प्रताप सिंह, प्रो.वंदना राय, प्रो अविनाश पाथर्डीकर, प्रो.रामनारायण, डॉ.राजकुमार, डॉ.संतोष कुमार, डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉक्टर सचिन अग्रवाल, डॉ.अवध बिहारी सिंह, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ. पुनीत धवन , डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, अनु त्यागी, डॉ मनोज पांडेय आदि उपस्थित थे।


Tuesday 3 December 2019

नये भारत की नई तस्वीर बनाने में युवा आगे आएं- राज्यपाल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मंगलवार को विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षान्त में 65 मेधावियों को स्वर्ण पदक मिला स्नातक में 16 और परास्नातक के 49 मेधावियों को राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के हाथों स्वर्ण पदक दिया गया।
समारोह में मुुुख्य अतिथि  इस्कॉन मंदिर, श्रील प्रभुपाद आश्रम  जम्मू- कश्मीर  के परम पूज्य श्री नव योगेन्द्र स्वामी जी महाराज ने कहा कि विश्वविद्यालय के मंत्र वाक्य तेजस्विनावधीतमस्तु वेद से लिया गया है। इसके अर्थ में पूरे शिक्षा का सार छिपा है, इसमें कहा गया है कि हमारा ज्ञान तेजस्वी है परमेश्वर शिष्य, आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों को साथ-साथ विद्या के फल का भोग करायें, हम दोनों एक साथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामथ्र्य प्राप्त करें। हम सभी परस्पर द्वेष न करें। उन्होंने श्रीमद्भगवतगीता को मानव जीवन से जोड़ते हुए उनकी चार मुख्य समस्याएं जन्म, मृत्यु, जरा, व्याधि में दुख दोषों के दर्शन कराते हुए कहा कि इन्ही चार समस्याओं के समाधान के लिए मानव जीवन मिला है। उन्हांेने कहा कि भौतिक समस्याओं का समाधान भौतिक हो ही नहीं सकता,  इसका समाधान आध्यात्मिक है। विश्व के बड़े-बड़े वैज्ञानिक पिछले 100  वर्षों से  मानव चेतना की उत्पत्ति को समझने में असफल रहे। हमारे एक शिष्य अमेरिका के येल विश्वविद्यालय में पिछले 13 वर्षों से इस विषय पर शोध कर रहे हैं,  वे बताते हैं कि अब दुनिया के अग्रणी वैज्ञानिक चेतना की उत्पति का आध्यात्मिक सिद्धांत देने के बारे में सोच रहे हैं जो कि भौतिक नहीं आध्यात्मिक है। यह अध्यात्मिक सिद्धांत भगवान कृष्ण द्वारा भगवदगीता में दिए गए आत्मा (जीव की चेतना) का सिद्धांत ही हैं।
उन्हांेने कहा कि हमारी शिक्षा पद्धति  मानव जीवन के चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के बारे में बताती है, परंतु आज का व्यक्ति धर्म, अर्थ  तथा काम  में ही फंस कर रह गया है। चैतन्य महाप्रभु,  जो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हैं, ने  पंचम पुरुषार्थ के बारे में हमें बताया जो कि भगवत प्रेम है और यही  कृष्ण प्रेम  मानव जीवन का उद्देश्य है। हमें किसी भी प्रकार से अपने मन को भगवान के चरणों में लगाना है तभी हम भगवान कृष्ण का प्रेम प्राप्त कर सकते हैं और अपने अस्थाई घर भगवत धाम को जा सकते हैं। इस प्रकार हम जन्म-मृत्यु के बंधन से छुटकारा प्राप्त कर  हम अपने मानव जीवन को सफल कर सकते हैं।
 दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए  कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि  शिक्षा ऐसी हो जो हमें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राष्ट्रीय भावना भी पैदा करें । देश, समाज के प्रति चुनौतियों का सामना युवाओं को ही करना होगा, तभी हम नए भारत की नई तस्वीर बनाने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि देश को टीबी जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त कराने की चिंता हर नागरिक की है । पूरा विश्व 2030 तक टीवी मुक्त होने का संकल्प ले रहा है , लेकिन हमारे देश ने इसे 2025 तक खत्म करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि  टीबी मरीजों और कुपोषित बच्चों को गोद लेकर हम इससे मुक्ति पा सकते हैं। बाल- विवाह और दहेज उन्मूलन के लिए  छात्र-छात्राओं  से आगे आने को कहा। उन्होंने कहा जब घर में दहेज की मांग शुरू हो तभी लड़कियों को बगावत करनी चाहिए, ताकि उन्हें पूरी जिंदगी इस समस्या से जूझना न पड़े।
बेरोजगारी पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कौशल विकास के जरिए हम देश का सामाजिक और आर्थिक विकास कर सकते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के हीमोग्लोबिन का टेस्ट कराने को कहा है, जिस बच्चे में इसकी कमी हो उसे पूरा करने के लिए उनके माता-पिता को बुलाकर सलाह देनी चाहिए ताकि देश कुपोषण से मुक्त हो सके।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0डाॅ0 राजाराम यादव ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धिया गिनायीं। उन्हांेने कहा कि उपाधि अर्जित करने वाले विद्यार्थियों ने अपने गुरूजनों, अभिभावकों एवं विश्वविद्यालय का सम्मान बढ़ाया है। उन्हांेेने विद्यार्थियों के लिए कहा कि राष्ट्र के उन्नयन हेतु भविष्य में सब उत्तरदायित्व अपने कन्धों पर लें। और यह सदैव याद रखे की वे भाग्य निर्माता है। अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि माननीय कुलाधिपति जी के प्रेरणादायी, भौतिक एवं व्यवहारिक निर्देशन ने प्रदेश के विश्वविद्यालयीय उच्च शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन की संभावनाओं के साथ नई सोच, नई दिशा तथा नवचेतना को पुनः जागृत किया है। आपकी जनचेतना से जुड़ी हुई संवेदनशीलता एवं पूरे प्रदेश की उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय धारा में लाने की कटिबद्धता से शिक्षा जगत आश्वस्त हुआ है। उन्होंने अध्यात्मिक शिखर पुरूष परम पूज्य श्री नव योगेन्द्र स्वामी जी महाराज का स्वागत करते हुए कहा कि आपका विश्वविद्यालय छात्रों एवं गुरूजनों से आत्मीय विशेष लगाव है, आपका आशीर्वाद ही हमारे प्रिय छात्रों कांे ऊचाइयों तक सहज में पहंुचा देगा। समारोह का संचालन पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डा0 मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल श्री माता प्रसाद, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्तअधिकारी एम0के0 सिंह,परीक्षा नियंत्रक व्यास नारायन सिंह, प्रो0 बी0बी0 तिवारी, प्रो0 मानस पाण्डेय,पो0 रामनारायण, प्रो0 अविनाश पाथर्डिकर, विधायक लीना तिवारी,सीमा द्विवेदी,सुरेन्द्र प्रताप सिंह,शतरूद्र प्रताप सिंह,अशोक सिंह,सुरेन्द्र त्रिपाठी,समेत विश्व विद्यालय के कार्यपरिषद,विद्यापरिषद,आदि समितियों के सदस्य उपस्थित रहे।
                   
64 मेधावियों को मिला स्वर्ण पदक 

जौनपुर। 23वें दीक्षान्त समारोह में प्रथम प्रयास में स्नातक कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 16 मेधावियों को स्वर्ण पदक मिला, जिसमें 10 छात्राएं व 6 छात्र शामिल रहे। बी.टेक. मैकेनिकल में अबूफजल, बी.टेक. इलेक्ट्रानिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेंटेशन में रवि पटेल, बी.टेक. इलेक्ट्रिकल, मान्डवी जायसवाल, बी.टेक. इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्युनिकेशन में रूपम यादव, बी.टेक. इनफारमेशन टेक्नालाॅजी में अंजली गुप्ता, बी.टेक. कम्प्यूटर साइंस में पूजा शर्मा, बी.फार्मा में चित्रा गंगवार, बी.ए. में शिवांगी सिंह, बी.एस-सी. में सूर्य प्रकाश पाल, बी.काम. में शिवांगी सिंह, बी.एस-सी. (कृषि) में समृद्धि सिंह, बी.पी.ई. में त्रिभुवन चैहान, बी.एड में अनुराग दूबे, एल एल. बी. में हृतिका श्रीवास्तव, बी.सी.ए. में आदर्श पाल एवं बी.बी.ए. में नेहा वर्मा को गोल्ड मेडल मिला।
प्रथम प्रयास में स्नातकोत्तर कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 49 मेधावियों को स्वर्ण पदक मिला जिसमें 31 छात्राएं व 18 छात्र शामिल रहे। इस बार अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक की शुरूआत हुई है। जनसंचार विषय मे सर्वोच्च अंक पाने पर आशुतोष त्रिपाठी, को यह पदक मिला।
एम.सी.ए. में विजय कुमार गौड़, एम.बी.ए. ई-कामर्स में रोहित सिंह, एम.बी.ए. में पारूल पाण्डेय, एम.बी.ए. एग्री-बिजनेस में अंकित सिंह, एम.बी.ए. बिजनेस इकोनामिक्स में शिवानी पाण्डेय, एम.बी.ए. फाइनेन्स एण्ड कन्ट्रोल में लक्ष्मी मौर्या, एम.बी.ए. एच.आर.डी. में अदीबा अनवर, एम.एस-सी. बायोकेमेस्ट्री में रंजीत कुमार विश्वकर्मा, एम.एस-सी. माईक्रोबायोलाॅजी में अजीजा नेयाज, एम.एस-सी. बायोटेक्नोलाॅजी में जूही शर्मा, एम.एस-सी. पर्यावरण विज्ञान में अंकिता कुशवाहा, एम.ए. व्यावहारिक मनोविज्ञान में प्रज्ञा सिंह, एम.ए. मास कम्यूनिकेशन में आशुतोष त्रिपाठी, प्राचीन इतिहास में आशुतोष कुमार, सैन्य विज्ञान में सौरभ दूबे, अर्थशास्त्र में शिवानी सिंह, शिक्षाशास्त्र में श्रद्धा दूबे अंगे्रजी में अदनान खान, भूगोल में शिवांगी सिंह, हिन्दी में कु0 ज्योति मिश्रा एवं  साजिदा बानो  गृह विज्ञान फूड न्यूट्रिशन में निधि सिंह, गृह विज्ञान ह्यूमन डेवलपमेन्ट में बीना त्रिगुनाइत, मध्यकालीन इतिहास में ऋचा पाण्डेय, संगीत गायन में प्रियंका सिंह, दर्शनशास्त्र में श्वेता सिंह, राजनीति शास्त्र में कु0 प्रियंका मोदनवाल, संस्कृत में कु0 हेमलता विश्वकर्मा, समाजशास्त्र में राम चन्द्र यादव, उर्दू में उज़्मा खातून, मनोविज्ञान में लक्ष्मी, एम.एड में प्रमोद कुमार, एम.काम में प्राची गर्ग, वनस्पति विज्ञान में प्रिया सिंह, रसायन विज्ञान में राहत फिरदौस, गणित में शिप्रा सिंह, भौतिक विज्ञान में पूजा मिश्र, जन्तु विज्ञान में कु0 सन्ध्या सिंह,  एम.एस-सी. कृषि एग्रीकल्चरल इकोनामिक्स में निधि कुमारी एम.एस-सी एनिमल हस्बेन्ड्री एण्ड डेयरिंग में आकाश कुमार सिंह, जेनेटिक्स एण्ड प्लांट ब्रीडिंग में नेहा सिंह, हार्टिकल्चर में अमन श्रीवास्तव, प्लांट पैथोलाॅजी में अजीत प्रताप यादव , एग्रोनाॅमी में आदित्य कुमार, एग्रीकल्चल कमेस्ट्री एण्ड स्वायल साइंस में धनन्जय मौर्या, इन्टोमोलाॅजी में अजीत पाण्डेय, एग्रीकल्चर एक्सटेन्शन में पार्थ प्रतीक एवं एल एल.एम. में तान्या गुप्ता को स्वर्ण पदक मिला। इस वर्ष स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा में 150507 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिसमें से 142235 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। परास्नातक में 28303 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी जिसमें से 27348 उत्तीर्ण हुए।

121 को मिली पीएच.डी. की उपाधि
जौनपुर। दीक्षांत समारोह में 121 शोधार्थियों की पीएच.डी. की उपाधि मिली है।  कला संकाय में 83, विज्ञान संकाय में 16, शिक्षा में 10, वाणिज्य में 01, कृषि में 06 एवं विधि संकाय मे 05 शोधार्थियों को पीएच.डी. उपाधि मिली। डिग्री पाने के बाद शोधार्थियों के चेहरे पर खुशी देखी गयी।

हेलीपैड पर कुलपति ने किया स्वागत
दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहंुची प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत कुलपति प्रो0डाॅ0 राजाराम यादव ने बुके देकर किया, हेलीपैड पर पुलिस के जवानांे द्वारा गार्ड आफ अॅानर दिया गया। इस अवसर पर जिले के अधिकारी मौजूद रहे।

पी0जी0 छात्रावास का हुआ लोकार्पण
जौनपुर। महन्त अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने श्री निवास रामानुजन रिसर्ुचति प्रो0डाॅ0 राजाराम यादव, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्तअधिकारी एम0के0 सिंह, प्रो0 बी0बी0 तिवारी आदि मौजूद थें।

पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के 50 विद्यार्थी हुए शामिल
जौनपुर। 23वे दीक्षान्त समारोह में पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के 25 छात्र एवं 25 छात्राएं शामिल हुए इसमें पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवकली करन्जाकला, वीरबलपुर मड़ियाहूॅ, मंगदपुर करन्जाकला, खलीलपुर शाहगंज, उॅचगाॅव सुईथाकला के विद्यार्थी रहे। दीक्षान्त समारोह में पहली बार पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी  राज्यपाल के विशेष अतिथि रहे। इसके संयोजक एन.एस.एसच समन्वयक राकेश यादव थे। 

हुई ग्रुप फोटोग्राफी
स्वर्ण पदक धारकों, पी0एचडी0 उपाधि धारकों और दीक्षान्त समारोह में आये स्कूली बच्चों की राज्यपाल, मुख्य अतिथि, एवं कुलपति के साथ ग्रुप फोटोग्राफी हुई।

मूर्ति और स्मृति चिह्न नहीं चाहिए
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा दीक्षांत और अन्य समारोह में जो मूर्ति और स्मृति चिह्न दिए जाते हैं उसकी कोई जरूरत नहीं । सरकारी स्कूल के बच्चे ही हमारे लिए मूर्ति हैं, बच्चों को अतिथि बनाकर विश्वविद्यालय में लाने, किताब और फल देकर सम्मानित करने के पीछे उद्देश्य है की जब भी यूनिवर्सिटी के छात्रों को गोल्ड मेडल पाते वे देखें उनके मन में एक सपना आए कि हमें अपनी स्कूली पढ़ाई नहीं छोड़नी है। उन्होंने समारोह में मिलने वाले भेंट की जगह स्कूली बच्चों की किताब भेट में लिया ताकि वह उन बच्चों तक पहुंचाई जा सके।

पी0जी0 छात्रावास का हुआ लोकार्पण

जौनपुर। महन्त अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उच्चीकृत  श्री  निवास रामानुजन रिसर्च स्कॉलर हास्टल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री नव योगेन्द्र स्वामी जी,  प्रो0डाॅ0 राजाराम यादव, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्तअधिकारी एम0के0 सिंह, प्रो0 बी0बी0 तिवारी आदि मौजूद थें।

गतिमान के  सातवें  अंक का राज्यपाल ने किया विमोचन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 23 वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका का  विमोचन  राज्यपाल ने किया।  इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्ष भर की  गतिविधियां, स्वर्ण पदक धारकों  की सूची, अतिथियों का परिचय समेत तमाम जानकारियां बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित की गयी है। पत्रिका के सम्पादन मण्डल में डॉ0 मनोज मिश्र, डॉ0 दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ0 के0एस0 तोमर, डॉ सुनील कुमार  एवं डॉ0 पुनीत कुमार धवन शामिल है।





Sunday 17 November 2019

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन

ट्यूबलाइट और सीएफएल  मानव स्वास्थ्य पर डालते हैं बुरा प्रभाव- डॉ ढोबले

हाईड्रोजन एक स्वच्छ उर्जा ईधन का स्रोत-  प्रो0 नीरज खरे
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में अत्याधुनिक तकनीक के लिए अल्ट्रासोनिक एवं पदार्थ विज्ञान विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को वक्ताओं ने आने वाले समय में तकनीकी के विविध पहलुओं पर चर्चा की। रविवार को सम्मलेन में 06  समानांतर स्तरों में 20  विशेष व्याख्यान ,03  प्लेनरी टाक एवं प्रतिभागियों द्वारा  40  शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। यह सम्मेलन रज्जू भइया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान पूर्वांचल विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला अल्ट्रासोनिक सोसाइटी आफ इंडिया, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है। 

ऊर्जा  बचत के लिए जागरूकता जरूरी 
आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय के डॉ संजय जे ढोबले ने कहा कि ऊर्जा के स्रोत भविष्य में कम होने वाले है। कोयला, तेल और गैस का दोहन बढ़ रहा है कुछ सालों में इनकी कमी होगी।  आज के समय में ऊर्जा की बचत के लिए उपकरणों का निर्माण करना जरुरी है जो इको फ्रेंडली के साथ-साथ ऊर्जा की कम खपत कर सकें। एलईडी ऊर्जा की बचत भी करते हैं और इको फ्रेंडली भी हैं। ट्यूबलाइट और सीएफएल लैंप मरकरी आधारित लाइट है जो खराब होने के बाद रिसाइकल नहीं होते एवं भूमि, जल एवं मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं।  इनका पर्याय केवल एलईडी लाइट है जो कि मरकरी मुक्त एवं 90% ऊर्जा की बचत करती है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा तब जाकर हम ऊर्जा को बचा सकेंगे।  

आने वाला समय क्वांटम कंप्यूटर  का है 
भारतीय तकनीकी संस्थान कानपुर के प्रो० अन्जन कुमार गुप्ता ने स्कैनिंग एवं ट्रांसमिशन माइक्रोस्कोप के द्वारा ग्रैफीन की इलेक्ट्रॉनिक विषमताओं के अध्ययन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कंप्यूटर का आकार एवं प्रकार पूरी तरह बदल जाएगा जिसे क्वांटम कंप्यूटर कहेंगे। इस कंप्यूटर के उपयोग से आने वाली मेमोरी डिवाइस इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन की इलेक्ट्रॉनिक अवस्थाओं से निर्धारित होगी। यह  कंप्यूटर में अत्यधिक स्मृति भंडार रहेगा और उसकी गति भी बहुत तीव्र होगी।

आर्यभट सभागार में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली के प्रो0 नीरज खरे ने कहा कि नैनोकम्पोजिट की मदद से थर्मोइलेक्ट्रीक जनरेटर व पिजोइलेक्ट्रिक  जनरेटर बनाया जा सकता है। जो उष्मा व कम्पन को अवशोषित कर विद्युत उर्जा में बदलता है। ऐसे  पदार्थ हरित ऊर्जा उत्पन्न करते है। बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण के कारण स्वच्छ उर्जा के उत्पादन के लिए पदार्थ  विकसित करने में अत्यन्त विकल्प मौजूद है। हाईड्रोजन एक स्वच्छ उर्जा ईधन का स्रोत है। इन्होंने कई नैनोकम्पोजिट को संश्लेषित किया है  
कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। सम्मेलन के चेयरमैन प्रो बी. बी. तिवारी ने गतिविधियों का समन्वय किया। 

विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने  अपने व्याख्यान दिए। जिसमें मुख्य रूप से महाराष्ट्र के डॉ एन आर पवार, एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के आशीष माथुर, प्रो वंदना राय, सीआईपीडी लखनऊ के एन पांडे, डॉ केपी थापा, राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला के डॉ युधिष्ठिर कुमार यादव एवं महावीर सिंह आदि विद्वान रहें।
रज्जू भइया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में आयोजित सत्रों में प्रो. निको डिक्लिरिक, प्रो.नीरज खरे,डॉ. पी पलनिचामी, डॉ. डी के  पांडेय, डॉ एन एन पांडेय, प्रो. वैशाली,प्रो. देवेश कुमार ने अध्यक्षता की। सम्मेलन में प्रो  विक्रम कुमार,प्रो विलास तभाने,डॉ अर्चना ,कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल , डॉ   प्रमोद यादव, संयोजक डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ पुनीत धवन, डॉ देवराज सिंह, डॉ मनोज मिश्र,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ सुनील कुमार , राकेश यादव ,डॉ अनिल यादव, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ श्याम कन्हैया  समेत तमाम लोग उपस्थित रहे। 
                                                        32 प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से दी प्रस्तुति  
जौनपुर।अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन 32 प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से अपनी शोध की प्रस्तुति दी।  प्रतिभागियों से शिक्षकों, वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने  सवाल तमाम सवाल  किये।  प्रदर्शनी में बीएचयू की मोनिका ने ऑप्टिकल गुण पर अपने शोध को प्रस्तुत किया। अपशिष्ट पदार्थों से ऊर्जा का निर्माण कैसे करें  इस पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी एके वर्मा ने   बड़े रोचक ढंग से अपनी प्रस्तुति दी।  बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विवेक कुमार खरे ने रेल पटरी के टूटन के गहन अध्ययन पर पोस्टर लगाया।  इसी तरह कानपुर विश्वविद्यालय के चारू कांडपाल ने पेय पदार्थों के संरक्षित करने तरीके बताये।  प्रदर्शनी में विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों की संख्या अधिक रही।

Saturday 16 November 2019

अल्ट्रासोनिक्स एवं पदार्थ विज्ञान विषयक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

बेअसर एंटीबायोटिक्स को  नैनो मेटेरियल बनायेंगे  प्रभाव कारी- प्रो. डॉ कृष्णलाल

अल्ट्रासोनिक्स एवं  पदार्थ विज्ञान विषयक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन शुरू
विश्वविद्यालय के अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शनिवार  को अत्याधुनिक तकनीकी के लिए  अल्ट्रासोनिक्स एवं  पदार्थ विज्ञान विषयक अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन का शुभारम्भ शनिवार को हुआ। यह सम्मेलन रज्जू भइया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान पूर्वांचल विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला अल्ट्रासोनिक सोसाइटी आफ इंडियानई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित  हो रहा है।

उद्घाटन सत्र  में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला एवं भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ कृष्णलाल ने अल्ट्रासोनिक विज्ञान का चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि नैनो मेटेरियल से कई तरह की दवाइयां निर्मित कर प्रभाव कारी बनाई जा सकती हैं . आज बहुत सारी एंटीबायोटिक बेअसर हो रही है नैनो पदार्थ इन्हें प्रभाव कारी बनाने में बड़ी भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि एटम इंटीग्रल विधि से क्वांटम मेमोरी को अनंत क्षमता तक बनाया जा सकता है। पदार्थ के संयोजन संरचना अल्ट्रासोनिक विधि से क्वांटम सिद्धांत पर आधारित कई उपकरण भविष्य में बनाए जा सकेंगे।  उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बच्चों की शिक्षा है इसके कारण ही भारत विकसित देश बनेगा और प्रतिभावान विद्यार्थी पूरी दुनिया में नाम रोशन करेंगे।
 बतौर विशिष्ट अतिथि जार्जिया तकनीकी संस्थान फ्रास के प्रोडॉ  निको डिक्लिरिक ने कहा कि अल्ट्रासोनिक के क्षेत्र में भारत में गुणवत्ता युक्त शोध हो रहे हैं यहां के शोधार्थी परिश्रमी है आज गुणवत्तायुक्त शोध की आवश्यकता है।  इससे पूरे विश्व में भारत और विश्वविद्यालय की  पहचान बनेगी।
अल्ट्रासोनिक्स सोसायटी आफ  इंडिया के अध्यक्ष पद्मभूषण  प्रोविक्रम कुमार ने अल्ट्रासोनिक सोसाइटी के विकास पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अल्ट्रासोनिक पदार्थ विकसित कर समुद्र विज्ञानएयरक्राफ्टनैनो तकनीक के क्षेत्र में मानव का भविष्यगत  विकास किया जा सकताहै।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग  के पूर्व अध्यक्ष प्रोबी0के अग्रवाल ने पदार्थ विज्ञान और ऊर्जा के संबंध में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मानव जीवन में अल्ट्रासोनिक और मटेरियल साइंस का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
कुलपति प्रोडॉ  राजाराम यादव ने अतिथियों का स्वागत  करते हुए कहा कि राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा को धन्यवाद दिया  उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय संगोष्ठी से विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और शोधार्थी लाभान्वित होंगे ।
संचालन निस्केयर नई दिल्ली के  डॉ मेहरबान ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ देवराज सिंह ने किया .

           अल्ट्रासोनिक तकनीकी से ब्लड अधिक समय तक संरक्षित रहेगा

जौनपुर। सम्मेलन में उद्घाटन सत्र के बाद  आयोजित प्लेनरी व्याख्यान में    जार्जिया तकनीकी संस्थान फ्रांस के प्रोडॉ निको डिक्लिरिक ने  अल्ट्रासोनिक्स ध्वनियों का जैविक ऊतको पर प्रभाव तथा आगे की सम्भावनाओं पर प्रकाश  डाला। उन्होंने कहा किएकास्टो मैकनिकल इम्पीडेन्स टेक्नोलाजी का उपयोग करके शारीर  के किसी भी भाग  के डैमेज उतक को बिना किसी नुकसान के पता लगाया  जा सकता है।अल्ट्रासोनिक तकनीकी से ब्लड को अधिक समय तक संरक्षित रख सकते हैं। .
भौतिक विज्ञान विभाग  के पूर्व प्रोबी0के अग्रवाल  ने ग्रेफीन  पर विस्तृत  रुप से प्रकाश  डाला। उन्होंने कहा यह भविष्य  में सेमीकंडक्टर की जगह लेगाजो बिजली की बचत के साथ साथ उर्जा की खपत कम करेगा.विभिन्न सत्रों में 13 विशेष व्याख्यान आयोजित किये गए इस साथ ही 40 शोध पत्र प्रस्तुत हुए .

             सम्मेलन स्मारिका और  सारांशिका का हुआ विमोचन
जौनपुर।   सम्मेलन में स्मारिका एवं  सारांशिका का हुआ विमोचन हुआ। डॉ देवराज सिंह,डॉ  पुनीत धवनडॉ गिरिधर  मिश्र ,डॉ मनीष गुप्ता  द्वारा शोध पत्रों को  संकलित कर सम्पादित की हुई पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि एवं अन्य विशिष्ट  अतिथियों द्वारा किया गया ।

रज्जू भइया संस्थान में नवनिर्मित आर्यभट्ट सभागार का हुआ अनावरण

जौनपुर। सम्मेलन में प्रो राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया ) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में आर्यभट्ट सभागार का उद्घाटन  प्रो कृष्ण लाल, प्रो विक्रम कुमार, ,प्रो बाल कृष्ण अग्रवालप्रो डॉ निको डिक्लिरिकफ्रांस के कर कमलों द्वारा  तथा  कुलपति प्रो  डॉ राजाराम यादव  की अध्यक्षता में संपन्न हुआ I यह सभागार उच्च तकनीकी से  सुसजित 300 सीट वाला आडिटोरियम है। यह आडिटोरियम 
एकास्टिक साउडप्रूफ, सिनेमा स्क्रीन और यूटयूब स्ट्रीम से लैस है। इस आडिटोरियम में आडियो-वीडियो रिकार्डिंग  सिस्टम आटोमेटिक है। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एम के सिंहकुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल एवं  निदेशक डॉ प्रमोद कुमार यादव सहित लोग उपस्थित थे।

कुलपति को मिला भगवंतम राष्ट्रीय पुरस्कार

जौनपुर। तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.डॉ  राजाराम यादव को एकास्टिकल सोसायटी आफ इंडिया की ओर से पूर्व घोषित प्रो. एस भगवंतम पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही टी.के. सक्सेना स्मृति पुरस्कार  डा. सहदेव कुमार और आईआई टी चेन्नई के डा. किरन कुमार को अल्ट्रासोनिक सोसायटी आफ इंडिया की ओर से प्रो डॉ कृष्ण लाल ने पुरस्कार दिया।








Friday 8 November 2019

अल्ट्रासोनिक्स एवं पदार्थ विज्ञान विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 16 नवम्बर से



 कैंसर तथा  शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में  नवीनतम शोधों पर दुनियाभर  के वैज्ञानिक करेंगे मंथन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 16 से 18 नवंबर तक अत्याधुनिक तकनीक के लिए अल्ट्रासोनिक्स एवं पदार्थ विज्ञान विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश-विदेश के 300 वैज्ञानिक, शिक्षाविद  एवं शोधार्थी प्रतिभाग कर रहे है।   विश्वविद्यालय में पहली बार  इतने बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा  रहा है। यह सम्मेलन राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, अल्ट्रासोनिक सोसाइटी ऑफ इंडिया, नई दिल्ली एवं प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया ) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान पीयू  के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित  है। संस्थान के  निदेशक डॉ प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि सम्मेलन में अत्याधुनिक तकनीक  के विकास में अल्ट्रासोनिक एवं पदार्थ विज्ञान के  योगदान पर विशेष शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक डॉ गिरिधर मिश्र ने बताया कि फिजियोथेरपी, कैंसर के निदान और शल्य चिकित्सा में अल्ट्रासोनिक का अनुप्रयोग होता है। इसे मानव कल्याण के लिए और  प्रभावी कैसे बनाया जाय इस पर  वैज्ञानिक एवं शोधार्थी गंभीर चिंतन करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इन विषयों पर शोध  कर रहे ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक अपने अनुसंधानों से एक दूसरे  को परिचित कराएंगे तथा  इन शोध परिणामों को  प्रभावी बनाये जाने के  साथ   बायोमेडिकल साइंसेज और  नैनो विज्ञान आदि  के समसामयिक उपयोगों तथा उपायों पर भी चर्चा करेंगे । इस  तीन दिवसीय सम्मेलन में देश के सभी  राज्यों और विदेश से  यूके , फ्रांस, अमेरिका और नेपाल आदि देशों के वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में इन तीन दिनों में छह समानांतर सत्र एवं 60 विशेष व्याख्यान  आयोजित होंगे। तीन सौ से अधिक शोध पत्र प्रकाशन हेतु अभी तक प्राप्त हो चुके हैं।  विश्वविद्यालय पूरी गर्मजोशी के साथ इस वृहद् आयोजन की  सफलता हेतु  जुटा  हुआ है। 
सम्मेलन के सफल सञ्चालन  के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने समिति का गठन किया है। इसमें अध्यक्ष  प्रोफेसर बीबी तिवारी, सह अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह तथा डॉ राजकुमार, संयोजक डॉ गिरिधर मिश्र एवं आयोजन सचिव डॉ पुनीत धवन है।

Wednesday 6 November 2019

हजारों कांटो के बीच खिलता है गुलाब

 
विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में  बुधवार को "जीवन जीने की कला" पर  विशेष संवाद आयोजित किया गया. इसमें  आर्ट  आफ  लिविंग के प्रशिक्षक  जितेन्द्र प्रताप सिंह ने  लक्ष्य की  प्राप्ति को लेकर तमाम बाधाओं को आसानी से दूर करने के तरीके बताए । श्री सिंह ने कहा कि गुलाब हजारों काटो में खिलता है पर खुशबू  फैलता है उसी प्रकार जीवन की कठिनाईयों से लड़ कर अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ी रहें । उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने अंदर आत्मविश्वास  और एकाग्रता  बनाए रखना चाहिए और अपने आपको तबतक नहीं रुकने देना चाहिए जबतक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए। इस कार्यक्रम में  विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज  मिश्र ,डॉ.  दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ.सुनील कुमार, डॉ.अवध बिहारी सिंह, डॉ. चन्दन सिंह  समेत छात्र- छात्राएं भी मौजूद रहीं। 

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का है विश्वव्यापी प्रभाव


फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की हुई शुरुआत
उमानाथ सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय  "रीसेंट एडवांसेज इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग "  विषयक "फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम" की शुरुआत बुधवार को हुई ।

उद्घाटन सत्र में  मुख्य अतिथि आईआईटी,बी एच यू के आचार्य  डॉ एस के सिंह  ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का विश्वव्यापी प्रभाव है. इन विधाओं की किसी भी अध्ययन शाखा के बड़े आकड़ों को विश्लेषित करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। आर्युर्वेद विज्ञान, फाइनेंसियल एकाउंटिंग, मैकेनिकल और केमिकल इंजीनियरिंग के विश्लेषण के लिए इसका प्रयोग हो रहा है। उन्होंने  यांत्रिक दोष निदान के लिए कंप्यूटर तकनीक के उपयोग के बारे में व्याख्यान दिया।  
कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने कहा कि शिक्षक से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई पद नही होता,  शिक्षक का पहला धर्म  है कि विद्यार्थियों का नैतिक एवं शैक्षणिक उत्थान करें । शिक्षक की पहचान उसके विद्यार्थियों की सफलता से है। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम से शिक्षकों में नया दृष्टिकोण आता है जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिलता है।  आज हर क्षेत्र में नया आयाम जुड़ रहा है इस आयामों से शिक्षक को जुड़ते रहना चाहिए।
 फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के संयोजक एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप कुमार सिंह ने स्वागत किया।उन्होंने कहा कि आधुनिक युग कंप्यूटर का युग है और कंप्यूटर की अनुप्रयोग से बड़ी ही आसानी से यांत्रिक उपकरणों की कमियों को दूर किया जा सकता है व् गुणवत्ता बढ़ायी जा सकती है। उन्होंने इन सी, सी एन सी के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर देते हुए इसमें होने वाले नए अनुसंधानों के महत्व को भी बताया। इसमें  विभिन्न विश्विद्यालयों के 89 शिक्षकों  ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर प्रो. बी बी तिवारी, प्रो. ए के श्रीवास्तव,डॉ रजनीश भाष्कर, डॉ अमरेंद्र सिंह,हेमंत कुमार सिंह, दीप प्रकाश सिंह, शशांक दुबे, हिमांशु तिवारी, अंकुश गौरव, सुबोध कुमार, नवीन चौरसिया, मो रेहान आदि उपस्थित रहे |


Thursday 31 October 2019

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मनाई गई पटेल जयंती

विश्वविद्यालय परिसर में लौह  पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की  जयंती मनाई गई.इस  अवसर पर मुक्तांगन में अधिष्ठाता छात्र   कल्याण प्रोफ़ेसर अजय दिवेदी  ने विद्यार्थियों को एकता की शपथ दिलवाई। उन्होंने सरदार पटेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। बारडोली सत्याग्रह का जिक्र करते हुए कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने किसानों के लिए संघर्ष किया और लगान वृद्धि हटाने के लिए अंग्रेजों को विवश किया। किसानों के लिए किये गए  सत्याग्रह के बाद महिलाओं ने  वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि दी थी। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें सामाजिक एकता को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एकत्रित होकर देश भक्ति के नारे लगाए और मुख्य द्वार से एकलव्य  स्टेडियम तक एकता के लिए  दौड़ लगाई।इस अवसर पर प्रो राजेश शर्मा, डॉ एस पी तिवारी, शुभांशु,  प्रभाकर, ऋषि श्रीवास्तव, अबू सलेह, डॉ  संजय श्रीवास्तव, पंकज पांडेय समेत  विश्वविद्यालय के  विद्यार्थी एवं शिक्षक मौजूद रहे. 

Thursday 24 October 2019

कैम्पस सेलेक्शन में 26 विद्यार्थियों का चयन

विश्वविद्यालय के परिसर में संचालित पाठ्यक्रम बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा एमबीए विद्यार्थियों के कैंपस सेलेक्शन में 26 विद्यार्थियों का चयन किया गया।
चयनित विद्यार्थियों को नियुक्ति पत्र सेंट्रल ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल की निदेशिका प्रोफेसर रंजना प्रकाश और कंपनी के डायरेक्टर और एचआर द्वारा दिया गया। विश्वविद्यालय परिसर में एके ग्लोबल (गुड़गांव) ने 7 विद्यार्थियों एयरटेल (नई दिल्ली) ने 8 मदरसन सुमी (नई दिल्ली) ने 6 राउंड पे( लखनऊ )ने 5 विद्यार्थियों का चयन किया। ये कंपनियां 21 से 22 अक्टूबर को परिसर में आई। चयनित विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा, ग्रुप डिस्कशन, पर्सनल इंटरव्यू के बाद टेलिफोनिक इंटरव्यू हुआ। इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद छात्र-छात्राओं का चयन हुआ। चयनित छात्रों को प्लेसमेंट सेल की निदेशिका ने बधाई देते हुए कहा कि हमारे यहां के विद्यार्थी कड़ी स्क्रीनिंग के बाद नियुक्त हुए हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि वह जिस भी कंपनी में जाएंगे वहां लगन के साथ कड़ी मेहनत करेंगे  जिससे विश्वविद्यालय का नाम रोशन हो। इस अवसर पर टेकिप के डायरेक्टर प्रो. बीबी तिवारी, संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक श्रीवास्तव, प्रबंध अध्ययन संकाय अध्यक्ष प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रोफेसर अजय द्विवेदी, डॉ.राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार उपस्थित रहे।

महिला छात्रावास की छात्राओं की हुई रक्त जांच

विश्वविद्यालय के द्रौपदी महिला छात्रावास में गुरुवार की सुबह 150 छात्रावासों के रक्त की जांच के लिए सैंपल लिया गया। डॉ विकास सिंह की टीम ने छात्राओं के रक्त का सैंपल लिया साथ ही छात्राओं को स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि  महिलाओं में  हीमोग्लोबिन की कमी  देखने को मिलती है अपने आहार को व्यवस्थित कर  इसे  सदैव सामान्य रखा जा सकता है।  

महिला छात्रावास की चीफ वार्डन प्रो वंदना राय ने छात्राओं को स्वच्छता, साफ सफाई  के बारे में बताया। इस अवसर पर द्रौपदी छात्रावास की वार्डन अन्नू त्यागी, रानी लक्ष्मी छात्रावास की वार्डन पूजा सक्सेना  मौजूद रहे।

Saturday 19 October 2019

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चाणक्य नाटक की हुई प्रस्तुति

पद्मश्री मनोज जोशी के अभिनय ने दर्शकों को मोह लिया 

राष्ट्र और समाज की उन्नति के पथ में यदि धर्म बाधक है तो धर्म भी त्याज्य है। राजा होना सुखी होने का मार्ग नहीं है स्मरण रहे। यह चाणक्य नाटक के संवाद रहे जिसे बड़ेे ही रोचक अंदाज मेंं प्रख्यात कलाकार पद्म श्री मनोज जोशी में प्रस्तुत किया। उन्होंने चाणक्य के अखंड भारत के सपने को बताया। पुराने समय में जब भारत जब खंड-खंड में बंटा हुआ था,  चाणक्य ने भारत को एकजूट किया था। चाणक्य अपने दृढ संकल्प से  चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बनाया। 


 दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार द्वारा आयोजित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अवैैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में ज्वलंत ऐतिहासिक हिंदी नाटक चाणक्य की प्रस्तुति प्रख्यात रंगकर्मी और अभिनेता  पद्मश्री मनोज जोशी ने की।  नाटक में 25 कलाकारों की टीम ने चार चांद लगा दिए। दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार एवं तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चाणक्य नाटक में रंगकर्मी पद्मश्री मनोज जोशी ने  तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के महानायक चाणक्य के व्यक्तित्व को बड़ी कुशलता से प्रस्तुत किया। मनोज जोशी के संवादों ने दर्शकों को बांधे रखा। कलाकार वेशभूषा और रंगकर्म से दर्शकों के सामने चाणक्य को सजीव कर दिए। जनपद में पहली बार विश्व प्रसिद्ध हिंदी नाटक चाणक्य  का मंचन हुआ। रंगकर्मी मनोज जोशी की भाव भंगिमा के साथ महान कूटनीतिज्ञ चाणक्य के नीतियों से दर्शक मोहित होते रहे। चाणक्य नाटक के माध्यम से राष्ट्रवाद का संदेश दिया गया।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने  दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ आशीष गौतम को अप्रतिम नाटक आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि इस नाटक में बहुत से संदेश है जो युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन का काम करेगा।प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ आशीष गौतम ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन के उद्देश्यों के साथ अपनी भावी योजनाओं के बारे में बताया। विधायक हरेंद्र प्रसाद सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
संचालन डॉ नंदलाल सिंह ने किया। इस अवसर  विधायक हरेंद्र प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के एन सिंह, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, परीक्षा नियंता बीएन सिंह, रामेश्वर सिंह, प्रो ओम प्रकाश सिंह,प्रो बी बी तिवारी, प्रो नीरज खरे, प्रो ओम प्रकाश सिंह, प्रो ए पी सिंह, प्रो बी एन सिंह, पाणिनि सिंह, डॉ मनोज मिश्र,डॉ श्रद्धा सिंह, प्रदीप शाही, संजय सिंह, डॉ सत्य प्रकाश, डॉ श्याम कन्हैया समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

Monday 14 October 2019

विश्वविद्यालय ने टीबी मुक्त गांव के लिया बढ़ाया कदम

गोद लिए गांव जासोपुर चकिया में लगाया स्वास्थ्य शिविर

विश्वविद्यालय  द्वारा  प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश के अनुपालन में गोद  लिए गांव जासोपुर चकिया में सोमवार को  स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।  राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में आयोजित स्वास्थ्य  परीक्षण  शिविर का उद्घाटन  कुलपति प्रो डॉ. राजाराम यादव ने गांधी जी के  चित्र पर पुष्पांजलि एवं  दीप प्रज्वलित करके  किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने परिक्षेत्र के 50 गांवों को गोद  लिया है।  इन सभी गांवों  में टीबी , कुपोषण एवं पालिथीन उन्मूलन के समूलनाश के लिए विश्वविद्यालय संकल्पित है। उन्होंने कहा कि गांव के चयनित गरीब बच्चों को गोद लेकर उनका सर्वांगीण  विकास किया जाएगा। उन्होंने बच्चों को गांव को स्वच्छ रखने एवं प्लास्टिक मुक्त करने की शपथ भी दिलाई।
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ राकेश यादव कि स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के माध्यम से ग्रामीणों में  जागरूकता आएगी। टीबी और कुपोषित बच्चों को चिकित्सकों द्वारा चिन्हित कर पूर्ण इलाज कराया जायेगा। जासोपुर चकिया गांव में सोमवार को  डॉ. विकास, डॉ. रेहान एवं  विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के  प्रशिक्षु फार्मासिस्ट द्वारा बच्चों, बुजुर्गों एवं महिलाओं का विभिन्न स्वास्थ्य परीक्षण  किया गया। परीक्षण में 186  की लम्बाई माप, 182 के वजन, 96 लोगों के ब्लड ग्रुप, 28 लोगों का ब्लड शुगर ,30  बच्चों की टीबी ,76 लोगों का रक्तचाप, 63 बच्चों  का हिमोग्लोबिन आदि की  जांच की गई । जांच रिपोर्ट आने के बाद सभी को उचित  चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी।

इस अवसर पर रमाशंकर यादव, खंड शिक्षा अधिकारी करंजाकला  सुनील कुमार, राजेंद्र सिंह,चंद्र प्रकाश,विजय लक्ष्मी, शहद हिना आन रिजवी, वर्तिका  यादव, डॉ विनय कुमार वर्मा, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ कमलेश पाल, डॉ राजीव कुमार, डॉ धर्मेंद्र सिंह, डॉ विजय बहादुर मौर्य,शील निधि सिंह, राजन कुमार, संतोष यादव, विकास यादव, पंकज सिंह, नीरज, अखिलेश सिंह, सूरज प्रजापति, सूरज यादव, यशस्वी साहू, मानसी सिंह, पल्लवी, प्रियांशी, शिल्पा, आयुषी, संजीव कुमार, मोहम्मद साबिर, अंशु गुप्ता, सोनू कुमार,अच्छे लाल विश्वकर्मा, शैलेश विश्वकर्मा, जैनेंद्र विश्कर्मा एवं अशोक विश्वकर्मा उपस्थित रहे। संचालन डॉ संजय कुमार श्रीवास्तव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन ग्राम प्रधान राम बुझारत ने किया। 

Saturday 5 October 2019

सात दिवसीय श्री राम कथा अमृत वर्षा का अंतिम दिन

हरि अनंत है और उनकी  कथा भी अनंत- आचार्य शांतनु 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में चल रही श्री राम कथा का  शनिवार को विराम हुआ. राम कथा में सातवें दिन श्रोतागण भावुक हो गए. श्रीराम कथा अमृत वर्षा में  आचार्य श्री शान्तनु महाराज ने कहा कि भगवान राम की कथा कभी खत्म  नहीं हो सकती। हरि अनंत है और उनकी  कथा भी अनंत है। एक एक चौपाई, दोहा, श्लोक, छंद, स्तुति यहाँ तक की कथा का एक एक शब्द पूर्ण है। राम की कथा सात  जन्मों में भी कोई पूर्ण नहीं कर सकता।उन्होंने कहा कि भगवान् की कथा सुनने से मन निर्मल हो जाता है और मन में दोषों के लिए कोई जगह नहीं बचती है.  आज शनिवार को केवट संवाद के कथा शुरू हुई । केवट  ने कहा कि प्रभु हम आपसे पैसा नहीं लेंगे क्योंकि हमारा आपका व्यवसाय एक है। हम नाव से गंगा पार कराते हैं आप भवसागर से पार कराते हैं। उन्होंने  कहा कि कथा का सूत्र है भगवान प्रतीक्षा से मिलते  है परीक्षा से नहीं। आज हम लोग चमत्कार का इन्तजार करते है। 

कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने आचार्य शांतनु जी महाराज को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके साथ रामकथा में हारमोनियम पर अमन मिश्र, तबला पर शंकर दा, वायलिन पर सुरेश, बांसुरी पर सुनील, सह गायक अंकित पाठक, सर्वेश तिवारी एवं प्रदीप,सौरभ शास्त्री  रहे जिन्हें भी सम्मानित किया गया। संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने  किया।
व्यास पूजा में कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल,वित्त अधिकारी एमके सिंह,परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, प्रो बी.बी तिवारी,प्रो के पी सिह,प्रो ओपी सिंह,प्रो ए के श्रीवास्तव, प्रो अजय प्रताप सिंह,प्रो अजय द्विवेद्वी,लखन सिंह, डॉ अनिल यादव, डॉ केएस तोमर,राकेश यादव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ पुनीत धवन, डॉ संजय श्रीवास्तव समेत तमाम लोग मौजूद रहें। 

माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव को मिलेगा प्रोफेसर एस भगवंतम राष्ट्रीय पुरस्कार


 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव को एकॉस्टिक्स के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान एवं नेतृत्व के लिए प्रोफेसर एस भगवंतम राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा। 
एकॉस्टिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया नई दिल्ली का यह पुरस्कार 17 अक्टूबर 2019 को कटक के रावेनशॉ विश्वविद्यालय में 47 वें  राष्ट्रीय एकास्टिक्स संगोष्ठी के अवसर पर प्रदान किया जाएगा। विदित है कि यह राष्ट्रीय पुरस्कार एकॉस्टिक्स के क्षेत्र में विश्व स्तरीय सर्वोत्तम शोध के लिए दिया जाता है।  प्रो डॉ राजाराम यादव को उनके उत्कृष्ट शोध कार्य हेतु इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। प्रो यादव विगत 35  वर्षों से एकॉस्टिक  के क्षेत्र में सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक शोध  से संबद्ध रहे हैं। आपके डेढ़ सौ से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो यादव एकॉस्ट्रिक्स के क्षेत्र में अपने शोध पत्र कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, चीन, बेल्जियम, जापान, इटली, सिंगापुर, नेपाल, फ्रांस, अमेरिका आदि देशों में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत किया है। कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने  विश्वविद्यालय में दो अत्याधुनिक शोध केंद्र नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र एवं  वैकल्पिक ऊर्जा अनुसन्धान केंद्र की  स्थापना भी की है।
कुलपति को मिल रहे राष्ट्रीय पुरस्कार पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह, परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, प्रो बी बी तिवारी, प्रो मानस पांडेय, प्रो अजय द्विवेदी, डॉ मनोज मिश्र, राकेश यादव, डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ विजय प्रताप तिवारी,  डॉ पुनीत धवन ,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ के एस तोमर, डॉ संजय श्रीवास्तव, श्याम श्रीवास्तव समेत शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने बधाई दी है।

Friday 4 October 2019

त्रेता का भाई विपत्ति तो कलयुग का भाई संपत्ति बाटता है- आचार्य शान्तनु

रामकथा आधुनिक जीवन के लिए जरुरी - 
कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रो0 रतन लाल हांगलु


विश्वविद्यालय स्थापना सप्ताह में चल रहे राम कथा में छठवें दिन आचार्य शांतनु जी महाराज ने भगवान राम के वन गमन के बड़ा मार्मिक ढंग से वर्णन किया। जिस अयोध्या में कौवा और चील राम राम जपते हो वहां कुसंग के प्रवेश करने पर सब रोने लगे। अयोध्या में एक साथ काम क्रोध और लोभ का प्रवेश हुआ। उन्होंने भगवान राम के भाइयों के प्रेम को रेखांकित करते हुए कहा कि कलयुग का भाई विपत्ति बटता था और कलयुग का भाई संपत्ति बाटता है।परिवार को नहीं तोड़ना चाहिए चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े परिवार को जोड़े रखना चाहिए। यह मानस सिखाता है।भाई राम के लिये चौदह वर्षों तक पत्नी से अलग रहकर वैराग्य  का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है।
रामकथा में पहुँचें  इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतनलाल हांगलु ने कहा कि रामकथा अध्यात्मिक जीवन के लिए ही नहीं आधुनिक जीवन के लिए भी महत्त्वपूर्ण हैं। भगवान राम हमारी आत्मा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि आज सारी सुख सुविधाएँ है लेकिन मनुष्य की आत्मा सुखी नहीं है, आत्मा इस लिए सुखी नहीं है क्यों कि वह राम के आदर्शों से बहुत दूर है. क्योंकि वह धर्म से दूर है।आज समाज की विसंगतियों को दूर करने के लिए अध्यात्म का दर्शन कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सत्तर देशों में रामकथा लोग सुन रहे है।
कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतन लाल हांगलु  को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल,वित्त अधिकारी एमके सिंह ने  कुलसचिव प्रो.नरेन्द्र कुमार शुक्ला, वैज्ञानिक प्रो केपी सिंह,चीफ प्राक्टर प्रो रामसेवक दुबे आदि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस अवसर पर डॉ मनोज द्विवेदी, डॉ रजनीश पांडेय, डॉ संजय पांडेय, डॉ चितरंजन सिंह, प्रो बी.बी तिवारी,परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, डॉ केएस तोमर, प्रो बीडी शर्मा , प्रो एके श्रीवास्तव, प्रो वंदना राय, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ सतेंद्र प्रताप सिंह, डॉ रवि प्रकाश,  एन एस एस समन्वयक राकेश यादव, डॉ संदीप सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अमरेंद्र सिंह, पूजा सक्सेना, डॉ विनय वर्मा, डॉ राजीव कुमार, डॉ सुशील कुमार सिंह  समेत तमाम लोग मौजूद रहे.