Monday 20 December 2021

रचनाकार अपने अंदर द्रष्टाभाव‌ भी रखे : राघवेश अस्थाना

मीडिया: वीडियो संपादन कला एवं रोजगार की संभावनाएं विषय पर हुई कार्यशाला

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार को मीडिया: वीडियो संपादन कला एवं रोजगार की संभावनाएं विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य की प्रेरणा से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम जनसंचार विभाग और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से किया गया।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सिनेमा की दुनिया में एक कुशल रणनीतिकार एवं वर्तमान में मितवा टीवी के प्रबंध निदेशक श्री राघवेश अस्थाना ने कहा कि एक रचनाकार को अपने अंदर द्रष्टाभाव‌ भी रखना चाहिए। संपादन व कला है जो दर्शक और पाठक को बांधे रखती है खासतौर से भावनाओं की एडिटिंग के समय इस मामले में काफी सतर्कता बरती जाती है अगर कहीं संपादन गलत हुआ तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। उन्होंने कहा कि अच्छा संपादक वो होता है जो कंटेंट में जान भर दे, इसलिए अक्सर संपादक का दर्जा व्यवहारिक तौर पर निर्देशक से बड़ा होता है, क्योंकि वह निर्देशक के कंटेंट को ही सुधार का प्रस्तुत करता है। उन्होंने छात्रों के सवालों का जवाब देकर उन्हें संतुष्ट किया।

इस अवसर पर मितवा टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अविनाश राज ने कहा कि मीडिया में रोजगार के अवसर बहुत हैं। सफल वही है जो एंबीशन ( उद्देश्य) छोड़कर गोल (लक्ष्य )पर ध्यान रखता है। इसके लिए अपनी रूचि के अनुसार विषय का सेलेक्शन करना होगा। उन्होंने मार्केटिंग में सफलता के 3-सी सूत्र बताए। कहा कि पहले कस्टमर को कन्विंस करिए, फिर कन्फ्यूज और बाद में ना माने तो करप्ट कर दीजिए। कार्यशाला में ज्ञान के साथ-साथ विद्यार्थियों को नौकरी के भी आफर दिए गए। इससे विद्यार्थियों में काफी खुशी का माहौल था।

अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रबंध अध्ययन संकाय के पूर्व संकाय अध्यक्ष प्रो. मानस पांडेय ने कहा किसी भी कला को सीखने के लिए उम्र को बाधक नहीं बनाना चाहिए हमें अगर आगे बढ़ना है तो हर नए काम में रूचि पैदा करनी होगी। इस अवसर पर स्वागत भाषण कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉक्टर संजीव गंगवार ने और अतिथियों का परिचय डॉ. अवध बिहारी सिंह और मनोज कुमार यादव ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रसिकेश ने और धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला के संयोजक डॉ. सुनील कुमार ने किया। कार्यक्रम में मितवा टीवी की प्रोडक्शन टीम के रोशन शशांक और आदर्श सिंह भी थे। इस अवसर पर प्रोफेसर देवराज सिंह प्रोफेसर अशोक कुमार श्रीवास्तव प्रोफेसर अजय द्विवेदी जी डॉ सुशील कुमार, डॉ धीरज चौधरी, डॉक्टर गिरिधर मिश्र, डॉ पुनीत धवन, डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉक्टर दिव्यंदू, श्रीमती करुणा निराला, आनंद सिंह आदि उपस्थित थे।

Sunday 19 December 2021

विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए बायोटेक्नोलॉजी के डॉ. प्रदीप कुमार को फेलोशिप

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग के डॉ प्रदीप कुमार को विज्ञान के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए फेलोशिप प्रदान की गई। यह फेलोशिप वाराणसी के एक समारोह में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर नोनी साइंस, आई सी ए आर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजिटेबल रिसर्च वाराणसी और इंडियन सोसाइटी ऑफ वेजिटेबल साइंस द्वारा प्रदान की गई। 17 एवं 18 दिसंबर 2021 को आयोजित थर्ड वर्ल्ड नोनी कांग्रेस वाराणसी में हुई। इसमें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. प्रदीप कुमार को उनके द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किये गए योगदान हेतु इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर नोनी साइंस की फेलोशिप प्रदान की गयी। यह पुरस्कार उन्हें कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद के पूर्व कुलपति प्रोफेसर कीर्ति सिंह द्वारा दिया गया।

डॉ प्रदीप कुमार की बायो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 60 से भी अधिक शोध पत्र और कई पुस्तकें प्रकाशित है। लगभग 22 वर्षों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में फोलिक एसिड के महत्व पर जनता को वह लगातार जागरूक कर रहे है।
डॉ.प्रदीप कुमार के मुताबिक फोलिक एसिड हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इससे हमारा पाचन अच्छा होता है और पेट संबंधी दिक्कतें कम होती हैं। कब्ज, जी मिचलाने और दस्त जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए फोलिक एसिड युक्त फूड्स का इस्तेमाल किया जाता है। पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार सुचारू ढंग से हो इसके लिए भी फोलिक एसिड की जरूरत होती है। अगर आपके शरीर में फोलिक एसिड की कमी है तो आपको कई परेशानियां हो सकती हैं। इसके निदान के लिए वह ग्रामीणों को हमेशा जागरुक करते रहे हैं।

Thursday 16 December 2021

कैंपस सलेक्शन में पीयू के 10 छात्रों का चयन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के केंद्रीय ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल में 14 ,15 व 16 दिसंबर को पुणे महाराष्ट्र स्थित कंपनी टेक्नोवेस वुड कोटिंग द्वारा कैंपस सलेक्शन का आयोजन किया गया। इसमें फाइनल रुप से 10 विद्यार्थियों का चयन किया गया है।

लिखित परीक्षा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 30, एमबीए के 29 एवं बीएससी / एमएससी केमिस्ट्री के 17 छात्र उत्तीर्ण हुए । लिखित परीक्षा के उपरांत 2 दिनों तक तीन चरणों में साक्षात्कार कंपनी द्वारा लिया गया ।  कंपनी की एचआर मैनेजर सुश्री अपूर्वा गुट्टे, टेक्निकल मैनेजर श्री गौरव अहूजा एवं कंपनी के एमडी श्री पंकज सिंह द्वारा बुधवार देर रात तक साक्षात्कार लेने के बाद गुरुवार को अंतिम चयनित छात्रों की सूची जारी की गई । अंतिम रूप से चयनित छात्रों में केमिस्ट्री विभाग के श्री वरुण सिंह, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से शुभम यादव, आलोक कुमार त्रिपाठी, एवं ईश्वर शरण का चयन हुआ । एमबीए विभाग के 6 छात्र अंतिम चरण के लिए चयनित हुए हैं। कंपनी के एचआर मैनेजर ने बताया कि इनमें से 4 छात्रों को शीघ्र ही चयन पत्र प्रदान कर दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के 6 छात्रों का एक और चरण कंपनी ऑनलाइन माध्यम से आयोजित करेगी । केमेस्ट्री विभाग के दो छात्र बलवंत यादव एवं सुश्री फातिमा तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग से परवेज अंसारी का नाम प्रतीक्षा सूची में है । ट्रेनिंग प्लेसमेंट के समन्वयक डॉ. संदीप कुमार सिंह ने बताया कि कुलपति जी के मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन से कैंपस सेलेक्शन का आयोजन किया गया। पूरी चयन प्रक्रिया के दौरान  अंतिम रूप से चयनित छात्रों को कुलपति ने बधाई दी । डॉ सिंह ने कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय के 10 छात्र प्रति वर्ष इंटर्नशिप पर कंपनी में भेजे जाएंगे जिनके आने-जाने एवं रहने का खर्च कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि शीघ्र ही इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित कंपनियों को भी कैंपस के लिए बुलाया जा रहा है । कंपनी के अधिकारियों से प्राप्त फीडबैक छात्रों के साथ साझा करते हुए कहा कि छात्रों को अपनी कंप्यूटर दक्षता एवं भाषा दक्षता पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है । प्लेसमेंट सेल इन विषयों से संबंधित कुछ विशेषज्ञों को ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित करने जा रहा है । डॉ सिंह ने बताया कि जो छात्र चयनित नहीं हुए हैं, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है शीघ्र ही उन्हें पुनः अवसर प्राप्त होंगे । कैंपस आयोजन में विभिन्न विभागों के प्राध्यापक डॉ हेमंत कुमार सिंह ,डॉ नितेश जयसवाल, डॉ दीप प्रकाश सिंह, डॉ कृष्ण कुमार यादव, डॉ अंकुश गौरव, डॉ नवीन चौरसिया, डॉ मोहम्मद रेहान डॉ सुबोध कुमार एवं सेल के कार्यालय प्रभारी श्री श्याम त्रिपाठी , श्री नितिन यादव, मनु मिश्रा एवं बीटेक तृतीय वर्ष के वॉलिंटियर्स छात्र आदर्श कुमार यादव, अमित कुमार यादव, शिवम मिश्रा ,सुनील कुमार सिंह, शशिकांत एवं राजेश प्रजापति आदि ने प्रतिभाग किया एवं आयोजन को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ।


Wednesday 15 December 2021

देश की एकता के लिए समर्पित था सरदार पटेल का जीवन: कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने बुधवार को पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपना पूर्ण जीवन देश के एकीकरण में समर्पित कर दिया था। उनके प्रयासों के उपरांत  ही भारत का वर्तमान स्वरुप संभव हो सका है। देश हमेशा उनकी असाधारण सेवा, उनके प्रशासनिक कौशल और हमारे राष्ट्र को एकजुट करने के अथक प्रयासों के लिए उनका आभारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक,अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।
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Friday 10 December 2021

सोच में परिवर्तन से बेटियां आगे बढ़ीः राज्यपाल

 शिक्षा चरित्र निर्माण के लिए होनी चाहिएः प्रो. जे. एस. राजपूत

पीयू के विद्यार्थियों में असीम क्षमताः कुलपति

विश्वविद्यालय ने प्रो. जे. एस. राजपूत को दी डी. एससी. की मानद उपाधि

विश्वविद्यालय में मनाया गया 25 वां दीक्षांत समारोह

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 25 वें दीक्षांत समारोह शुक्रवार को महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मनाया गया। इस अवसर पर मेधावियों को 65 गोल्ड मेडल दिए गए। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. जे.एस. राजपूत को डी.एससी. की मानद उपाधि प्रदान की गई। इसी के साथ रसायन विज्ञान के प्रो, दीपक पठानिया को भी डी.एससी की उपाधि दी गई।


इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पूर्वांचल की मिट्टी में कुछ खास है तभी यहां की बेटियां बेटों से आगे हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ 75 फीसदी बेटियां मेडल प्राप्त की हैं, स्थिति काफी अच्छी है। बेटियां आगे बढ़ रहीं हैं। आज के वातावरण में सोच और समझ में परिवर्तन आया है उसी से बेटियां आगे बढ़ी हैं। उन्होंने छोटे बच्चों पर कहा कि ऐसे छोटे बच्चे गाँव से जब विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आते हैं तो यहाँ की भव्यता देखकर वह मन में सोच कर जायेंगे कि जब हम पढेंगे तभी यहाँ तक पहुंचेंगे। इस सोच के साथ बच्चों को आमंत्रित किया जाता है।

उन्होंने कहा कि जब बच्चे दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल पाने वालों को देखतें है तो उनमें उन जैसा बनने की चाहत होती है। उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण शत प्रतिशत हो इसके लिए गाँव में जाकर ग्रामीणों को प्रेरित करना चाहिए। समाज के साथ निरंतर विश्वविद्यालय का संपर्क बना रहना चाहिए। उन्होंने भाषण के अंत में विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में ऐसा काम करें जिससे कि आपको आने वाली पीढ़ी याद करे। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी समस्याओं का विकास हम स्वयं करें तभी सम्पूर्ण देश का विकास होगा।  

दीक्षांत उद्बोधन में मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत ने कहा कि ज्ञान से पवित्र कुछ नहीं है। शिक्षा चरित्र निर्माण के लिए होनी चाहिए।  इसका विश्लेषण करिए की आप ने व्यक्तित्व विकास के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि शिक्षा अध्ययन, मनन, चिंतन और उपयोग के लिए होनी चाहिए। हमें देश, परम्परा और ज्ञान की शक्ति को पहचानना होगा। उनका मानना है कि शिक्षा जीवनपर्यंत सीखने की बात है। समय बदल रहा है, पहले विज्ञान पर बात होती थी फिर विज्ञान, तकनीक और अब तकनीक और संचार की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि विश्व में वही देश आगे जाएगा जिसके पास बौद्धिक संपदा होगी। शिक्षक बनने जा रहे लोग यह समझें की आप भविष्य के निर्माता हैं। आपकी शिक्षा देश की प्रगति में योगदान देने वाली हो।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० निर्मला एस० मौर्य ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में असीम उत्साह एवं क्षमता है। उन्हें जीवन के प्रति आधुनिक विचारों के साथ नये-नये तकनीकी, आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों से प्रशिक्षित करने की जरूरत है ताकि वे जीवन की ऊँचाइयों पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि नारी को स्वावलम्बी, सशक्त, आत्मनिर्भर एंव जागरूक बनाने के दिशा में विश्वविद्यालय स्तर पर भी प्रयास किये जाएँ, इस दिशा में लगातार विश्वविद्यालय, महिला अध्ययन केन्द्र के माध्यम से प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसएस, महिला अध्ययन केन्द्र, मिशन शक्ति, कौशल विकास केन्द्र एवं रोवर्स रेंजर्स जैसी गतिविधियों में विश्वविद्यालय का राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को भी बताया।

दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद् एवं विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ. मनोज मिश्र  ने किया।

इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वंदना राय, डा.  विजय सिंह, डा. राहुल सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. रामनारायण, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. बीडी शर्मा, डा. केएस तोमर, लक्ष्मी मौर्य, उपकुलसचिव वीरेंद्र मौर्य, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, बबिता सिंह, दीपक सिंह, डा. संदीप सिंह, डा. प्रदीप कुमार, डा. मनीष गुप्ता, एनएसएस समन्वयक डा. राकेश यादव, रोवर्स रेंजर्स डा. जगदेव, डा. विजय तिवारी, डा. संतोष कुमार,. डा. रजनीश भास्कर, डा. रशिकेस, डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह. डा. जाह्नवी श्रीवास्तव, अन्नु त्यागी, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. चंदन सिंह, डा. मनोज पांडेय, डा. आशुतोष सिंह, डा. अमित वत्स, रामजी सिंह, स्वतंत्र कुमार, डा. पीके कौशिक, सुशील प्रजापति, श्याम श्रीवास्तव, राजेश जैन, हेमंत श्रीवास्तव आदि शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे।

                                                   गतिमान के अंक का हुआ लोकार्पण

विश्वविद्यालय के २५वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका का विमोचन राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्ष भर की गतिविधियां स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों को बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित किया गया है। विमोचन अवसर पर  सम्पादन मण्डल में डॉ. मनोज मिश्र, प्रो. अजय द्विवेदी,  डॉ० दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ० सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह, डॉ० मिथिलेश कुमार यादव मंच पर रहें।

                    51 बच्चों को राज्यपाल के हाथों मिला उपहार


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 25 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाले 51 बच्चों को स्कूल बैग, फल, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया। इस बच्चों को एनएसएस के समन्वयक डा. राकेश यादव स्कूल के प्राध्यपकों के साथ लेकर आए थे।


      शाकम्बरी को मिला अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक 


विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थी को अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक  दिया जाता है.  वर्ष 2021 में एम०ए० जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने पर शाकम्बरी नंदन सोंथालिया को यह पदक मिला।.


सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर दो मिनट का शोक

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन पर शुक्रवार को दीक्षांत समारोह में शोकसभा का आयोजन किया गया। सीडीएस बिपिन रावत का तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। हेलीकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे जिसमें 13 लोग की मौत हो गई।इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि यह‌ घटना बहुत ही दुखद है। श्री रावत पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे वह थल सेना के 27 में चीफ रहे। दीक्षांत समारोह में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

64 मेधावियों को स्वर्ण पदक

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 25 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 64 मेधावियों को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 65 स्वर्ण पदक प्रदान किया।

स्नातक में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) में शशांक सिंह, बीटेक (इलेक्ट्रिकल) में हरिकेश्वर प्रजापति, बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी) में राहुल पटेल, बीटेक (सूचना प्रौद्योगिकी) में ऐश्वर्या सिंह, बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग) में महिमा, बीटेक(कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग) में श्रेया गुप्ता, बी फार्मा में आकांक्षा दुबे, बी.ए. में दीक्षा यादव, बी.एस.सी. में कु. अक्षिता यादव, बी.कॉम. में कुशाग्र सिंह, बी.एससी. (कृषि) में दीपा विश्वकर्मा, बी.पी.ई. में श्वेता सिंह, बी.एड. में पूजा मिश्रा, एल.एल.बी. में नवीन कुमार लाल, बी.सी.ए. में चंद्रेश विश्वकर्मा, बी.बी.ए. में हीना गुप्ता, बी.ए.एम.एस. में निक्की सोनी, बी.यू.एम.एस. में मोहम्मद नबील निज़ाम

स्नातकोत्तर में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थी

एम.सी.ए. में अंजलि सिंह चौहान, एम.बी.ए. (ई-कॉमर्स) में साक्षी साहू, एम.बी.ए. में  स्वप्निका राय, एम.बी.ए. (कृषि-व्यवसाय) में शशि राज, एम.बी.ए. (बिजनेस इकोनॉमिक्स) में काजल सिंह, एम.बी.ए. (वित्त और नियंत्रण) में सागर कुमार शुक्ला, एम.बी.ए. (एचआरडी) में शिवांगी सिंह, एम.एस.सी. (जैव प्रौद्योगिकी) में अमीना नाज़ एम.एस.सी. (सूक्ष्म जीव विज्ञान) में तज़ीम ज़हरा, एम.एस.सी. (जैव रसायन) में कुंजलता प्रजापति, एम.एस.सी. (पर्यावरण विज्ञान) में सैयद मोहम्मद हैदर, एम.एस.सी.(रसायन विज्ञान)में नीलेश यादव, एम.एस.सी. (पृथ्वी और ग्रह विज्ञान अनुप्रयुक्त भूविज्ञान) में अंजू यादव, एम.एस.सी./एम.ए. (गणित) में बिपिन कुमार, एम.एस.सी.(भौतिक विज्ञान) में कायनात फातिमा, एम.ए.(एप्लाइड साइकोलॉजी) में आकांक्षा सिंह, एम.ए.(मास कम्युनिकेशन) में शाकंभरी नंदन सोनथालिया एम.ए. (मास कम्युनिकेशन) में शाकंभरी नंदन सोनथालिया (अतुल माहेश्वरी गोल्ड मेडल), एम.ए.(शारीरिक शिक्षा) में सोमा कुशवाहा, प्राचीन इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति में विकास मौर्य, रक्षा और सामरिक अध्ययन में प्रिया सिंह, अर्थशास्त्र में सलोनी चौरसिया, शिक्षा में वैशाली सिंह, अंग्रेज़ी में अनिल कुमार राय, भूगोल में कु0 ज्योति वर्मा, हिंदी में कु0 सोनी सिंह, संगीत (सितार) में वर्षा श्रीवास्तव, गृह विज्ञान (खाद्य पोषण) में अर्चिता चौबे, गृह विज्ञान (मानव विकास) में आरती प्रजापति, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में पारो यादव, दर्शन में रश्मि सिंह, दर्शन में विनय कुमार, राजनीति विज्ञान में अंकुश यादव, संस्कृत में प्रियंका यादव, समाज शास्त्र में सोनम राय, उर्दू में नेहा फातमा, अरबी में सहला तबस्सुम, मनोविज्ञान में कुमारी सुनीता चौहान, एम.एड. में प्रज्ञा सिंह, एम.कॉम. में स्वच्छा सिंह, वनस्पति विज्ञान में निधि यादव, रसायन शास्त्र में ज्योतिका पांडेय, औद्योगिक रसायन विज्ञान में किशन शुक्ला, गणित में सत्य प्रकाश गुप्ता, भौतिक विज्ञान में पूजा यादव, प्राणि विज्ञान में संध्या मौर्य एवं विनीता सिंह पटेल।

96 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि


दीक्षांत समरोह में विभिन्न संकायों के 96 शोधार्थियों को  पीएच. डी. की उपाधि प्रदान की गई। इसमें कला संकाय के 64  विज्ञान संकाय के 09 शिक्षा संकाय के 13 कृषि संकाय के 02 विधि संकाय के 05, वाणिज्य संकाय के 02 तथा इंजीनियरिंग संकाय के एक शोधार्थियों को उपाधि मिली। इंजीनियरिंग संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. अशोक श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रो. दीपक पठानिया को डी.एससी. की उपाधि दी गई।

Wednesday 8 December 2021

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का विश्वविद्यालय में किया गया स्वागत

कुलपति और अधिकारियों के साथ उपमुख्यमंत्री ने की बैठक

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के अतिथि गृह में बुधवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का आगमन हुआ।इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य एवं अधिकारियों के साथ बैठक की।बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन पर चर्चा की। इस अवसर पर कुलपति जी ने उन्हें जानकारी दी कि नया पाठ्यक्रम संबद्ध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय में लागू कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में भी बातचीत की। इसके पूर्व उपमुख्यमंत्री को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर कुलपति ने स्वागत किया। इस अवसर पर आवास एवं शहरी नियोजन मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने उपमुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यों की प्रशंसा की । इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अजय साहनी, वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो.मानस पांडेय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, उपकुलसचिव वीरेंद्र मौर्या, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, बबिता सिंह, दीपक सिंह,डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. सुनील कुमार, अमित वत्स डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ.अमित, डॉ. पी.के. कौशिक, सुशील कुमार प्रजापति और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।




 

विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की तैयारियां पूरी

  गुरुवार को होगा दीक्षांत समारोह का पूर्वाभ्यास

• राज्यपाल मेधावियों को देंगी 65 स्वर्णपदक

• पद्मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत होंगे मुख्य अतिथि

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का पच्चीसवां दीक्षांत समारोह 10 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल दीक्षांत समारोह कअध्यक्षता करेंगी। एनसीइआरटी के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत मुख्य अतिथि होंगे।

दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति द्वारा सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले मेधावियों को 65 स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी। इसमें स्नातक के 18 विद्यार्थियों जिसमें 7 छात्र एवं 11 छात्राएं हैं। इसी तरह परास्नातक में 47 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक मिलेगा जिसमें 13 छात्र और 34 छात्राएं शामिल हैं। विभिन्न संकायों के 96 शोधार्थियों को भी दीक्षांत समारोह में पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की जायेगी।

मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत को विश्वविद्यालय द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किए गए योगदान को देखते हुए दीक्षांत समारोह में डी.एससी. की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी। रसायन विज्ञान विषय में प्रो. दीपक पठानिया को डी.एससी. की उपाधि मिलेगी।

इस अवसर पर राजकीय स्कूलों के 51 छात्र- छात्राओं को आमंत्रित किया गया है। राज्यपाल इन बच्चों को स्कूल बैग ज्योमेट्रिक बाक्स, फल और पुस्तक प्रदान करेंगी।

कुलपति प्रोफेसर डा. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि पद्मश्री प्रो. जे.एस. राजपूत ने मुख्य अतिथि के तौर पर हमारा निमंत्रण स्वीकार कर समारोह का गौरव बढ़ाया है। विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता के लिए 10 दिसंबर को माननीय कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल का आगमन विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में बने हैलीपैड पर होगा।

दीक्षांत समारोह सुबह 10 बजे से अपराह्न 12.30 तक अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में सम्पन्न होगा। इसके लिए नौ दिसंबर को पूर्वाभ्यास किया जाएगा। समारोह में शामिल होने के लिए स्वर्णपदक धारकों को वेशभूषा के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। छात्राओं को सफेद सलवार, सफेद दुपट्टा हल्के रंग का कुर्ता या हल्के रंग की साड़ी धारण करने को कहा गया है। स्वर्णपदक छात्र हल्के रंग की पूरी बांह की शर्ट, गाढ़े रंग की पैंट ही पहनें। छात्राओं को जींस, टाप वर्जित है वहीं छात्राओं को काला, नेवी ब्लू, ब्राउन रंग की पैंट जींस टी शर्ट पहनना वर्जित है।

दीक्षांत समारोह में आमंत्रित आगंतुओं को अनिवार्य रूप से आमंत्रण पत्र लाना होगा। मोबाइल, ब्रीफकेस हैंडबैक और इलेक्ट्रानिक उपकरण साथ न लाने के लिए कहा गया है। दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले सभी लोग अनिवार्य रूप से मास्क पहनेगें.

बुधवार को कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह समेत अन्य अधिकारियों एवं शिक्षकों के साथ परिसर में दीक्षांत समारोह की तैयारियों का निरीक्षण किया।



Monday 6 December 2021

जिस क्षेत्र में भी रहें समरसता का भाव स्थापित करें: घनश्याम शाही

समाज को एकता के सूत्र में पिरोती है समरसता: कुलपति

बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस पर पीयू में हुई संगोष्ठी

 
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय सामाजिक समरसता एवं सद्भाव था।
इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि बाबा साहेब का संघर्ष ही भारती संविधान में उतारा गया है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सामाजिक समरसता एवं सद्भाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि समरसता हमारी संस्कृति का मूल आधार है यह सभी धर्मों, विचारों और समाज को एकता के सूत्र में पिरोती है।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री घनश्याम शाही ने कहा कि हम जिस क्षेत्र में भी रहे वहां समरसता का भाव स्थापित करें। उन्होंने कहा कि भेदभाव अंधेरे के समान है। इसे ज्ञानरूपी दीया जलाकर ही दूर किया जा सकता। यह काम विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी ही कर सकते हैं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉक्टर अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि समाज और समरसता एक दूसरे से जुड़े हैं। हम जब एक दूसरे समाज के महापुरुषों को नहीं जानेंगे तो बताएंगे कैसे? उन्होंने कहा कि देश के विकास और अखंडता के लिए सामाजिक समरसता बहुत जरूरी है।
संगोष्ठी का संचालन उद्देश्य सिंह और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ मनोज पांडेय ने किया।
इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो.वंदना राय, प्रो. रामनारायण, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो.बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, डॉ.प्रदीप कुमार, डा.मनीष गुप्ता, डॉ रसिकेश. गिरधर मिश्र, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ.सुशील कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अमित वत्स, डॉ.जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ.अमरेंद्र सिंह, डॉ.नीतेश जायसवाल, डॉ.अनुराग मिश्र, डॉ.राजीव कुमार, डॉ. आलोक दास आदि लोग उपस्थित थे।

विनोद दुआ का निधन पत्रकारिता क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति: कुलपति

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में हुई शोकसभा

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में सोमवार को वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के निधन पर शोक सभा का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि वह बेहतरीन इन्सान थे और बेबाकी से अपनी बात रखते थे। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उन्होंने हिंदी पत्रकारिता को नया आयाम दिया।  देश के समसामयिक मुद्दे पर लोग उनके विचारों का सम्मान करते थे। उनके निधन से पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।
इस अवसर पर उप कुलसचिव वीरेंद्र मौर्य सहायक कुलसचिव बबीता सिंह, प्रोफ़ेसर मानस पांडेय, प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर, प्रो .देवराज सिंह ,प्रो. मनोज मिश्र, डॉ मनोज पांडेय, डॉ सुनील कुमार, डॉ धर्मेंद्र सिंह, श्री कृष्ण कुमार यादव, डॉ मिथिलेश यादव, लक्ष्मी मौर्य आदि शामिल थे।

पीयू और गुरुनानक महाविद्यालय चेन्नई के बीच एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर

दोनों शिक्षण संस्थान शोध, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में करेंगे मदद


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय और गुरुनानक महाविद्यालय स्वायत्तशासी चेन्नई के बीच सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। यह कार्यक्रम आनलाईन हुआ।  पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के लिए यह बहुत ही बड़ी उपलब्धि है कि दोनों शिक्षण संस्थान एक दूसरे की शोध में मदद करेंगे।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि इस एमओयू से हमारे छात्र और शिक्षकों को लाभ मिलेगा। हम संयुक्त प्रयास से एक दूसरे को सामाजिक सांस्कृतिक और अकादमिक विशेषताओं में सहयोग करेंगे। हम एक दूसरे के शिक्षक और छात्रों को वर्कशॉप , सेमिनार में प्रतिभाग का अवसर देंगे।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रोफ़ेसर मानस पांडेय ने कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर और दक्षिण का मिलन है। उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक सेमेस्टर में दो या तीन कार्यक्रम भी आपसी सहयोग से करेंगे ताकि शिक्षक और छात्रों को इसका लाभ मिल सके।

प्रबंध संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि गुणवत्ता समसामयिक है। हमारे यहां प्रोफेशनल कोर्स चल रहा है। गुरुनानक महाविद्यालय चेन्नई शोध पर अच्छा कार्य कर रहा है हम समयबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से मिलकर कार्य करेंगे।

विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और इसके समन्वयक  डॉ .मनोज पांडेय  ने एमओयू की औपचारिकता पूरी कर हस्ताक्षर करवाया। इस अवसर पर गुरु नानक महाविद्यालय के प्राचार्य एमजी रघुनाथन, डॉ. डाली मौर्य, स्वातिजी इत्यादि शामिल थीं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव वीरेंद्र मौर्य, सहायक कुलसचिव बबीता सिंह, प्रोफेसर देवराज सिंह डॉ मनोज मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉ धर्मेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार यादव, डॉ मिथिलेश यादव आदि उपस्थित थे।

Sunday 5 December 2021

सफल जीवन के लिये आत्म विश्लेषण करें छात्रः कुलपति

 वर्कशॉप आन लाइफ स्किल्स के वितरित किये गये प्रमाण पत्र

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में वर्कशाप आन लाइफ स्किल्स के प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम शनिवार को हुआ। समारोह की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि छात्रों को सफल जीवन जीने के लिए आत्मविश्लेषण करने की आवश्यकता है। हमें जीवन को खुशहाल तरीके से जीने के लिए अपने अंदर सकारात्मक मानसिकता को विकसित करना चाहिए और छात्रों के लिए ये कार्यशाला उनके जीवन को सफल बनाने व हर तरफ खुशी का संचार करने मे मददगार होगी। छात्रों को जीवन की मांगों एवं चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाने हेतु छात्रों में अनुकूल एवं सकारात्मक व्यवहार विकसित करने के लिए वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय परिसर में संचालित बी.एससी बायो व बी काम (आनर्स) के छात्रों के लिए 10-10 दिनों की दो लाइफ स्किल्स कार्यशालाओ (30 घंटे प्रति कार्यशाला) का आयोजन 25 से 29 अक्टूबर और 15 से 22 नवंबर और 23 नवंबर से 2 दिसंबर तक किया गया। इसमें बी.एससी (बायो) के 24 छात्र-छात्राओं ने व बी कॉम (आनर्स) के 42 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। 
सभी सत्र संकाय भवन स्थित सेमिनार हाल में कराये गए स कार्यक्रम में आईक्यूएसी समन्वयक मानस पांडेय ने कहा कि विश्वविध्यालय में ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन प्रत्येक महीने होते रहना चाहिए जिससे निरंतरता बनी रहती है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस पर जोर दिया गया है। कार्यक्रम की संयोजक प्रो. वंदना राय ने स्वागत भाषण में कहा कि डबल्यूएचओ ने भी विध्यार्थियो के लिए 10 जीवन कौशल कि बात कही है जिसे अब सभी शिक्षण संस्थाओं में लागू किया जा रहा है। कार्यशाला की रूप-रेखा व रिपोर्ट आयोजन सचिव डा. प्रदीप कुमार ने प्रस्तुत की व धन्यवाद ज्ञापन डा. आशुतोष सिंह ने किया।संचालन पवनदीप व जेया फातिमा ने किया। इस अवसर पर सहायक कुलसचिव श्रीमती बबीता, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, डा. संतोष कुमार, डा. रजनीश भास्कर, डा. प्रमोद यादव, डा. प्रमोद यादव, डा. गिरिधर मिश्रा, डा. सुशील कुमार, डा. मनोज पांडेय, डा. अमरेन्द्र, डा. श्याम कन्हैया, डा. आलोक वर्मा, डा. पुनीत धवन, डा. धीरेंद्र चौधरी, डा. सुजीत चौरसिया, डा. आलोक दास, डा. प्रभाकर सिंह, डा. ऋषि श्रीवास्तव, डा. राकेश उपाध्याय, डा. नेहा विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।


Saturday 4 December 2021

सफल जीवन के लिए आत्म विश्लेषण करें छात्र: कुलपति

र्कशॉप ऑनलाइन स्किल्स के वितरित किए गए प्रमाणपत्र


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में वर्कशॉप ऑन लाइफ स्किल्स के प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम शनिवार को हुआ।
समारोह की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि छात्रों को सफल जीवन जीने के लिए आत्मविश्लेषण करने की आवश्यकता है।  हमे जीवन को खुशहाल  तरीके से जीने के लिए अपने अंदर सकारात्मक मानसिकता को विकसित करना चाहिए और छात्रों के लिए ये कार्यशाला उनके जीवन को सफल बनाने व हर तरफ खुशी का संचार करने मे मददगार होगी l छात्रो को जीवन की मांगों एवं  चुनौतियों  को प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाने   हेतु  छात्रो में अनुकूल एवं सकारात्मक व्यवहार विकसित करने के लिए वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविध्यालय परिसर में संचालित बी.एससी बायो व बी कॉम (ऑनर्स) के छात्रों के लिए 10- 10 दिनों की  दो लाइफ स्किल्स कार्यशालाओ (30 घंटे प्रति कार्यशाला ) का आयोजन  25 अक्तूबर से‌,29 अक्टूबर और 15 नवंबर से 22नवंबर और 23 नवंबर से 02 दिसंबर 2021 तक किया गया। इसमें  बी.एससी (बायो) के 24 छात्र -छात्राओं ने व बी कॉम (ऑनर्स) के  42 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया l सभी सत्र संकाय भवन स्थित सेमिनार हाल में कराये गए l कार्यक्रम में आइक्यूएसी समन्वयक मानस पांडेय ने कहा कि विश्वविध्यालय मे ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन प्रत्येक महीने होते रहना चाहिए  जिससे निरंतरता बनी रहती है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस पर ज़ोर दिया गया है  l कार्यक्रम  की संयोजक प्रो वंदना राय ने स्वागत भाषण मे कहा कि डबल्यूएचओ ने भी विध्यार्थियो के लिए 10 जीवन कौशल कि बात कही है जिसे अब सभी शिक्षण संस्थाओ में लागू किया जा रहा है l कार्यशाला की रूपरेखा व रिपोर्ट आयोजन सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने प्रस्तुत की व धन्यवाद ज्ञापन डॉ आशुतोष कुमार सिंह ने किया l संचालन श्री पवनदीप व ज़ेया फातिमा ने किया l इस अवसर पर सहायक कुलसचिव श्रीमती बबीता, प्रो अशोक श्रीवास्तव, प्रो अविनाश पाथर्डीकर , प्रो देवराज सिंह, डॉ संतोष कुमार, डॉ रजनीश भास्कर, डॉ प्रमोद कुमार यादव , डॉ प्रमोद यादव ,डॉ गिरिधर मिश्रा, डॉ सुशील कुमार , डॉ मनोज पांडे , डॉ अमरेन्द्र, डॉ श्याम कन्हैया, डॉ आलोक वर्मा , डॉ पुनीत धवन, डॉ धीरेंद्र चौधरी,  डॉ सुजीत चौरसिया  डॉ आलोक दास, डॉ प्रभाकर सिंह डॉ ऋषि श्रीवास्तव डॉ राकेश उपाध्याय, डॉ नेहा विश्वकर्मा व छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित रहे  l

Wednesday 1 December 2021

नैनोटेक्नोलॉजी पर गंभीर शोध की जरूरत:प्रो. एन बी सिंह

एनवायर्नमेंटल साइंस  द्वारा व्याख्यानमाला का आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एनवायर्नमेंटल साइंस विभाग द्वारा दीक्षांत समारोह के पूर्व व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता विज्ञान संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रो. रामनारायण ने कियाl कार्यक्रम  के मुख्य अतिथि यू.एस.ए, मेरी लैंड बाल्टी मोर, विश्वविद्यालय के प्रो. एन बी सिंह ने मैटेरियल साइंस एवं मैटेरियल के विभिन्न आयामों पर चर्चा की। इसमें पर्यावरण प्रदूषण कम करने इको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाने आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक दृष्टिकोण रखा। उन्होंने नैनोटेक्नोलॉजी विषय पर समझदारी से रिसर्च करने की सलाह दी तथा मेडिकल साइंस, सेटेलाइट स्टडी में मेटेरियल की उपयोगिता पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। विद्यार्थियों को आगे बढ़ने तथा यूएसए के अपने लैब में आने की प्रेरणा दी l इस अवसर पर इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज, बायो टेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एम पी सिंह ने मशरूम की विभिन्न प्रजातियों के बारे में छात्रों को जानकारी दी और बताया कि मशरूम उत्पादन मे पर्यावरण कृषि अपशिष्ट का प्रयोग कर हम पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही साथ भारत में कुपोषण जैसी बहुत बड़ी समस्या की रोकथाम कर सकते हैंl उन्होंने यह भी बताया कि मशरूम की विभिन्न प्रजातियां कैसे बायो रेमिडिएशन प्रोसेस के द्वारा पर्यावरण में व्याप्त प्रदूषण को खत्म करती हैं उन्होंने इसका विधिवत वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बच्चों को समझाया l

 इस अवसर पर आयोजकों ने कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य का विशेष आभार व्यक्त किया कि उनकी प्रेरणा से इस तरह के कार्यक्रम विश्वविद्यालय में होते रहते हैं l इस अवसर पर डॉ एस. पी. तिवारी, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉक्टर प्रभाकर सिंह, डॉ ऋषि श्रीवास्तव, एवं विभिन्न विभागों के अध्यापकों के साथ एनवायरर्मेंटल साइंस तथा विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों के  शोध छात्र, तथा छात्र एवं छात्रायें मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ विवेक कुमार पाण्डेय ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुधीर कुमार उपाध्याय ने किया।