Friday 16 December 2016

पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक सम्मान समारोह 2016


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान स्थित विश्वसरैया सभागार में शुक्रवार को शिक्षक सम्मान समारोह 2016 का आयोजन कर अवकाश प्राप्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसर के सेवानिवृत्त हुए २०  शिक्षकों को अंगवस्त्रम,धार्मिक ग्रन्थ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संजय ग़ांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो यू के मिश्र ने कहा कि शिक्षक की सेवा कभी समाप्त नहीं होती है। शिक्षक अपने ज्ञान और व्यवहार के कारण अपने विद्यार्थियों के मन में सदैव जीवित रहता है।उन्होंने कहा क़ि चरक संहिता में बताया गया है कि ज्ञान एक प्रकाश की भांति है और मस्तिष्क दृष्टि के सामान है। एक चिकित्सक और शिक्षक जिसके पास सही जानकारी और शुद्ध मन होगा वह कभी गलत कार्य नहीं कर सकता।
उन्होंने अपने उदबोधन में चिकित्सा शिक्षा के बदलते आयाम पर भी विस्तारपूर्वक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज के वैश्वीकरण के युग में चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है।लेकिन स्वास्थ्य और चिकित्सा के लिए सरकार ने बजट में लगातार कटौती की है। जिसके कारण बढ़ती हुई जनसँख्या को स्वस्थ्य एवं  निरोगी रखने के प्रयासों को धक्का लगा है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध न होने के कारण चिकित्सकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा और शिक्षा सरकार की प्राथमिकता का क्षेत्र होना चाहिए।इसके लिए लंबे समय के परिणामों को ध्यान में रख कर निवेश किये जाने की आवश्यकता है। जिससे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं शिक्षित नागरिक विकसित किये जा सकेंगे।
अध्यक्षीय उदबोधन  में शिक्षको को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षक का दृष्टिकोण किसी बंद कमरे में कैद नहीं हो सकता।आज आप सब अपने  प्रशासनिक दायित्वों से भले ही सेवा निवृत्त हुए हो लेकिन सामाजिक कर्तव्यो और सरोकार से और तेज़ी के साथ जुड़ने का समय है। उन्होंने कहा कि  अपने आस-पास के विद्यालयों की स्थिति ,सर्वशिक्षा अभियान की सफलता का दायित्व अब आप सबको अपने कंधो पर लेना होगा। राष्ट्र  की मजबूती और विद्यार्थियों में ज्ञान के प्रस्फुरण  के लिए आप सभी  घर-गाँव  तथा समाज में ज्ञान का अलख जगाते रहें। 
इसके पूर्व समारोह को सबोधित करते हुए शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव प्रकाश सिंह ने कहा कि शिक्षक समाज और राष्ट्र का निर्माता माना जाता है।समाज के निर्माण में शिक्षकों की सबसे बड़ी भूमिका रही है।आज का यह सम्मान समारोह उनकी सेवा का प्रतिफल है।उन्होंने का क़ि आज समाज में नैतिकता का ह्रास हो रहा है ऐसी स्थिति में गुरुओं का दायित्व और बढ़ जाता है।
स्वागत भाषण शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ समर बहादुर सिंह एवं धन्यवाद् ज्ञापन महामंत्री डॉ विजय कुमार सिंह ने किया । कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ आशुतोष सिंह ने किया।
इस अवसर पर प्रो डी डी दुबे,वित्त अधिकारी एम के सिंह, डॉ यू पी सिंह, डॉ लालजी त्रिपाठी,डॉ राकेश सिंह, डॉ अनिल सिंह,डॉ अजय प्रताप सिंह, डॉ राजेंद्र सिंह,डॉ राकेश सिंह, डॉ राम मोहन सिंह, डॉ रामासरे शर्मा,डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ अजय द्विवेदी,डॉ नूपुर तिवारी,डॉ राजकुमार,डॉ संतोष कुमार,डॉ अवध बिहारी सिंह,डॉ सुनील कुमार,अमित वत्स, डॉ के एस तोमर,डॉ प्रमोद सिंह कौशिक,श्याम त्रिपाठी,संजयश्रीवास्तव,अशोक सिंह,रजनीश सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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 सम्मानितअवकाशप्राप्त  शिक्षक-
टी डी  पीजी कालेज के डॉ शैलेन्द्र कुमार सिंह,डॉ सुधाकर द्विवेदी ,डॉ निरुपमा  सिंह,राष्ट्रीय पीजी कालेज जमुहाई के डॉ मदनमोहन त्रिपाठी ,गणेश राय  पी जी कालेज डोभी के डॉ योगेंद्र नाथ सिंह ,डॉ देवेंद्र कुमार सिंह ,पीजी कालेज गाजीपुर के डॉ ओम  प्रकाश श्रीवास्तव ,स्वामी सहजानंद पीजी कालेज गाजीपुर के डॉ अशोक राय,मलिकपुरा पीजी कालेज  गाजीपुर   के डॉ राजेंद्र सिंह बिसेन ,समता पीजी कालेज सादात गाजीपुर के डॉ कमलेश यादव ,गांधी स्मारक कालेज मालटारी आजमगढ़ के डॉ रामजी सिंह ,अग्रसेन महिला पीजी कालेज आजमगढ़ की डॉ शशि श्रीवास्तव ,डॉ उमा त्रिपाठी ,डॉ मुन्नी सिंह ,त्रिवेणी महाविद्यालय बरदह आजमगढ़ के डॉ बृजेन्द्र राय ,दुर्गाजी पीजी कालेज चंडेश्वर आजमगढ़ के डॉ रघुनाथ पाठक ,श्री कृष्ण गीता महाविद्यालय लालगंज आजमगढ़ के डॉ सत्यप्रकाश सिंह ,डी ए वी आजमगढ़ के डॉ हरेंद्र प्रताप सिंह ,डी सी एस  के मऊ  के डॉ विनोद तिवारी ,सर्वोदय पीजी कालेज घोसी मऊ के डॉ बाबू  राम पाल ,विश्वविद्यालय  परिसर स्थित इंजीनियरिंग संस्थान में ह्यूमनिटीज विभाग के डॉ प्रवीण प्रकाश को समारोह में सम्मानित किया गया।  


Thursday 15 December 2016

डॉ कलाम के नाम पर बने शोध छात्रावास का हुआ लोकार्पण

*डॉ कलाम सदैव प्रेरणा के स्रोत-कुलपति
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने गुरुवार को  पूर्व राष्ट्रपति स्व अब्दुल कलाम की स्मृति में परिसर में बने नवनिर्मित  छात्रावास को  शोधार्थियों  को समर्पित किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ भुलेन्द्र सिंह की स्मृति में बहुउद्देशीय हाल का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम शोध छात्रावास विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को सदैव उनके आदर्शों की प्रेरणा देता रहेगा। आज के समय में कलाम साहब की सादगी और विजन हमारे व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में शोधार्थियों के लिए स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराया गया है। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी उनके लिए ज्ञान के भंडार के रूप में है।
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व कुलपति डॉ भुलेन्द्र सिंह को समर्पित बहुउद्देशीय हाल उनके स्मृतियों सदैव जीवंत रखेगा।
इस अवसर पर चीफ वार्डेन डॉ सुरजीत यादव ने छात्रावास का निरीक्षण कराया। नव निर्मित डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम शोध छात्रावास में 56 कमरे है।
इस अवसर पर प्रोफ़ेसर डी डी दुबे , वित्त अधिकारी डॉ एम के सिंह, कुलसचिव डॉ देवराज, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टी बी सिंह,डॉ वी डी शर्मा , डॉ अजय प्रताप सिंह, डॉ मानस पांडेय, डॉ मनोज मिश्र, डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ रजनीश भास्कर , डॉ सुनील कुमार, विनय वर्मा, डॉ धर्मेंद्र सिंह, डॉ के एस तोमर, डॉ प्रमोद सिंह, श्याम त्रिपाठी समेत तमाम कर्मचारी शिक्षक मौजूद रहे।

Tuesday 13 December 2016

विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परिसर पाठ्यक्रमों की सेमेस्टर परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गई। परीक्षाएं 3 जनवरी तक चलेगी।परीक्षा कक्षों में सी सी टी वी कैमरों से निगरानी की जा रही है। 
सेमेस्टर परीक्षाएं दो पालियों में हो रही है।पहली पाली सुबह 10 से 1 बजे और दूसरी पाली दोपहर 2 से 5 बजे तक है।।पहले दिन इंजीनियरिंग, एमबीए, फार्मेसी, जनसंचार, व्यवहारिक मनोविज्ञान एवं एमसीए पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं संपन्न हुई।जिसमें लगभग 1500 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। 
परीक्षा को सी सी टी वी कैमरे से निगरानी की जा रही है इसके लिए सञ्चालन कक्ष में मोनिटर लगाये गए है।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने परीक्षा को सफल रूप से कराने के लिए डॉ सौरभ पाल को केंद्राध्यक्ष एवं मुनीन्द्र सिंह, प्रवीण सिंह एवं अपर्णा को सहायक केंद्राध्यक्ष नियुक्त किया है। सभी संकायों के अध्यक्ष को परीक्षाओं में निगरानी के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है।

Friday 9 December 2016

विश्वविद्यालय में बौद्धिक सम्पदा अधिकार विषयक संगोष्ठी सम्पन्न





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Thursday 8 December 2016

श्री राज्यपाल 9 को विश्वविद्यालय आएंगे


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में  विज्ञान संकाय द्वारा  ‘‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संवर्द्धन एवं बौद्धिक सम्पदा अधिकार संरक्षण हितार्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश की भूमिका’’ विषयक  आयोजित संगोष्ठी में शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि श्री रामनाईक राज्यपाल उत्तर प्रदेश भाग लेंगे। कुलाधिपति के आगमन के मद्देनजर कुलपति प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन अग्रवाल ने आज फार्मेसी संस्थान का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया।  विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ मनोज मिश्र ने  बताया कि राज्यपाल उत्तर प्रदेश राम नाईक विश्वविद्यालय में दिन में १२ बजे से १ बजे तक सेमिनार में शिरकत करेंगे।गुरुवार को राज्यपाल के कार्यक्रम की तैयारी  का जिला प्रशासन ने रिहर्सल किया।
आयोजन सचिव डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि इस संगोष्ठी मे आई आई टी दिल्ली के प्रोफ़ेसर एस के जैन,नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गुजरात के निदेशक प्रोफ़ेसर विपिन कुमार,बी एच यू के प्रोफ़ेसर लल्लन मिश्र,प्रोफ़ेसर एच बी सिंह,अवध विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर आर एल सिंह एवं विज्ञान एवं प्रद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के निदेशक डॉ एम् के जे सिद्दीकी तथा संयुक्त निदेशक डॉ शशि राना विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल हो रहे हैं।

वैज्ञानिक शोध में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के महत्व पर सेमिनार का आयोजन




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के विज्ञान संकाय द्वारा विश्वेश्वरैया हाल में वैज्ञानिक शोध में बौद्धिक सम्पदा    अधिकार के महत्व  पर सेमिनार  का आयोजन  किया गयासेमिनार में शोधार्थियों ने  शोध पत्र प्रस्तुत किये।विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों ने बौद्धिक सम्पदाअधिकार के विविध पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की.

सेमिनार में बतौर विषय विशेषज्ञ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एल सिंहने कहा कि आज बौद्धिक सम्पदाअधिकार के बारे सबको जागरूक होने की जरूरत हैइस अधिकारके द्वारा हम अपने श्रम से अर्जित किये गए सृजन का संरक्षण करते है.आज आवश्यकता है इसकेप्रक्रिया की बारीकियों को जानने की.उन्होंने कहा की नीमहल्दी और बासमती का विवाद हमेंसुलझाने में कई साल लग गए.हमने 10 साल के संघर्ष के बाद नीम के पेटेंट को वापस पाया।आजबौद्धिक सम्पदा अधिकार  के सम्बन्ध में जानकारी का अभाव हैइसके प्रति जागरूकता के लिएशोध के क्षेत्र से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी है.

 जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ मनोज मिश्र ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के कार्योंकी चर्चा करते हुए कहा कि हमारी पहली तकनीकी आग का अविष्कार है जिसे हमारे आदि मानवों नेकभी किया होगा,. लेकिन आग की खोज को अपने नाम करने का श्रेय ऋषि अथर्वन  को जाता हैजन जन में जब तक विज्ञान की व्याप्ति नहीं होगी तब तक हम बौद्धिक सम्पदा अधिकार का लाभनहीं ले पाएंगे।
अध्यक्षता करते हुए  विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रोडीडी दूबे ने कहा कि प्राचीन भारतीय सभ्यता एवंसंस्कृति ने विश्व एवं मानवता को अनगिनत  बहुमूल्य विचारों एवं ज्ञान से समृद्ध किया है.  प्रायःसृजनकर्ताओं नेनवीन ज्ञान को  लोक कल्याण के लिए लोगों से साझा करने करने में ही संतुष्ट एवंसार्थकता के बोध का अनुभव किया। हमें अपनी उपलब्धता को उस स्थान तक ले जाना है जो इससेवंचित है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बौद्धिक सम्पदा अधिकार की जानकारी भौतिक संसार में अपनेअमूल्य जानकारी को देना जरूरी है। जिससे अन्य लोगों द्वारा दुरूपयोग को रोका जा सके तथा नयेज्ञान का सृजन होता रहे। इस अवसर पर आयोजन सचिव  डाराजेश शर्मा द्वारा कार्यक्रम कीरूपरेखा प्रस्तुत की गई.

इस अवसर पर शोधार्थियों द्वारा विज्ञान के शोध में बौद्धिक सम्पदा का अधिकार केमहत्व पर प्रस्तुति दी गईइस  सेमिनार में विषय पर बेहतरीन प्रस्तुति के लिए शेखर आंनद  पांडेय को प्रथम,श्वेता श्रीवास्तव को द्वितीय एवं सिम्प्ल कुमारी को तृतीय स्थान पाने पर  शुक्रवारको राज्यपाल राम नाइक द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन डाकार्तिकेयशुक्ला एवं  धन्यवाद ज्ञापन  डाएसपी तिवारी  केद्वारा किया गया. 
इस अवसर पर प्रोबीबी तिवारीडाराम नरायन,  डावन्दना रायडाप्रदीपकुमार,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ अवध बिहारी सिंहडाविवके कुमार पाण्डेयडासुधीरउपाध्यायडाप्रभाकर सिंहडाशुधान्शु शेखर यादवडाविनय वर्माारजनीश भास्करऋषीश्रीवास्तवडासुशील कुमारआशीष गुप्ताडाराजेश कुमारअरविन्द कुमार मौजूद रहे।

Thursday 17 November 2016

विश्वविद्यालय में स्वच्छता अभियान के समापन सत्र का हुआ आयोजन

साफ-सफाई की आदत को अपने दैनिक दिनचर्या में करें शामिल : कुलपति

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में गुरूवार को स्वच्छता अभियान के समापन सत्र का आयोजन किया गया। 8 नवम्बर से प्रारम्भ हुए स्वच्छता अभियान के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने सफल अभियान की बधाई देते हुए कहा कि
साफ-सफाई की आदत को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। इसी को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारी बन्धुओं ने स्वच्छता के प्रति ली गयी शपथ को सार्थक किया है। उन्होंने उपस्थित सभी से अनुरोध किया कि ऊर्जा की बचत करें एवं कक्षाओं से निकलने वाले विद्यार्थियों से अपेक्षा है कि वे कक्ष की लाइट बंद कर दें इससे पर्यावरण के सुधार में हम देश को अपना अमूल्य योगदान दे पायेंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा बचत होने से देश के किसानों एवं रोजी रोजगार से जुड़े उद्योगों की कार्यक्षमता में अपार वृद्धि होगी जिससे जहां हमें खाद्यान्न सुरक्षा, शिक्षा के बेहतर अवसर एवं रोजगार की प्राप्ति होगी वहीं हमारा पर्यावरण भी अनुकूल होगा। उन्होंने कहा कि जीवन में सादगी अपनाकर हम पर्यावरण को लम्बे समय तक सुरक्षित रखेंगे। विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि आज महानगरों की हवा में जहर है। हमें इससे सबक लेते हुए घरों में होने वाले उत्सवों के अवसर पर आतिशबाजी को बंद करके समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को कागज को बर्बाद करने की आदत से बचना होगा तथा व्यक्तिगत सामानों का पुनउर्पयोग की
आदत डालनी होगी। इससे हम पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति अपना योगदान दे पायेंगे। हमारी इन छोटी-छोटी किन्तु महत्वपूर्ण आदतों से कूड़ों का ढेर और धरती का बोझ दोनों कम होगा।
समापन समारोह के पूर्व विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं कुलगीत प्रस्तुत किया गया। स्वच्छता अभियान में विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं आवासीय परिसर के बच्चों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर काशी विद्यापीठ में आयोजित पूर्वी क्षेत्र अन्तर विश्वविद्यालयीय हैण्डबाल प्रतियोगिता (महिला) में प्रथम स्थान प्राप्त ट्रॉफी को खेल विभाग के रजनीश सिंह एवं डा. राजेश सिंह ने कुलपति को सौंपा।
इसके पूर्व संयोजक डॉ. मानस पाण्डेय ने स्वच्छता अभियान के प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए आये हुए समस्त लोगों का स्वागत किया। संचालन अशोक सिंह ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, कुलसचिव डॉ. देवराज, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टीबी सिंह, डॉ. वीडी शर्मा, डॉ. वंदना राय, डॉ. अविनाश पाथर्डीकर, डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ. रजनीश भाष्कर, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. राजकुमार, धर्मेन्द्र सिंह, डॉ. अवध बिहारी, डॉ. विवेक पाण्डेय, डॉ. सुशील कुमार, विनय वर्मा, डॉ. केएस तोमर, डॉ. पीके कौशिक, एमएम भट्ट, विनोद तिवारी, डॉ. राजेश जैन, सुशील प्रजापति आदि लोग उपस्थित रहे।


Tuesday 8 November 2016

पूर्वांचल विश्वविद्यालय को मिला नैक का बी प्लस


विश्वविद्यालय को नैक  (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद )का बी प्लस ग्रेड मिला है। बीते 3से 6 अक्टूबर तक नैक पीअर टीम ने विश्वविद्यालय का दौरा किया था।जिसकी रिपोर्ट पर 5 नवंबर को नैक की स्टैंडिंग कमिटी की एवं कार्यकारिणी की 66वीं बैठक में विश्वविद्यालय को बी प्लस ग्रेड देने का निर्णय लिया गया है।
विदित हो कि वर्ष 2004में नैक का मूल्यांकन हुआ था जिसमे विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिला था। नैक मूल्याङ्कन के लिए कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल द्वारा अपने कार्यकाल में शुरुआती समय से ही तैयारी शुरू करा दी थी।अभिलेखों का संग्रहण, मानकीकरण और विभागवार मूलभूत जरूरतों को पूरा करते हुए विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन किया।
कुलपति कार्यालय में हुई बैठक में कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इसके लिए बधाई दी और कहा कि अगर इसी तरह सभी सतत प्रयास करते रहे तो आने वाले समय में और भी बेहतर परिणाम मिलेगा।इस अवसर पर वित्त अधिकारी एम के सिंह,प्रो बी बी तिवारी, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टी बी सिंह,डॉ मानस पांडेय ,डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ के एस तोमर, विनोद तिवारी, सुबोध पांडेय, एम एम भट्ट,दुर्गा प्रसाद घिंडियाल, संजय श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे. 

Thursday 6 October 2016

सबका साथ तभी विश्वविद्यालय का विकास: प्रो. हरीश

नैक टीम ने कुलपति को रिपोर्ट सौंपी
तैयारी विश्वविद्यालय के स्वभाव में होनी चाहिए
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में नैक पियर टीम ने अंतिम दिन कुलपति एवं विश्वविद्यालय के
शिक्षक के साथ एक्जिस्ट मीटिंग की। कुलपति सभागार में टीम के चयरमैन प्रो. हरीश पाद ने मूल्यांकन की सील बन्द रिपोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल को सौंपी।  रिपोर्ट को नैक से अनुमति मिलने के बाद सार्वजनिक किया जायेगा।
इस अवसर पर चेयरमैन प्रो. हरीश पाद ने कहा कि नैक टीम का उद्देश्य संस्था की कमियां दिखाकर जाना नहीं होता बल्कि उसके गुणवत्ता में सुधार के लिए मार्ग प्रशस्त करना होता है। हमने विश्वविद्यालय को जिस रूप में देखा, समझा उसका मूल्यांकन करने की कोशिश की। इस गुणवत्ता के मुद्दे को सिर्फ रिपोर्ट तक ही सीमित नहीं करना चाहिए बल्कि अपने स्वभाव में इसे सम्मिलित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक, कर्मचारी विश्वविद्यालय से भावुक तरीके से जुड़े और आत्मावलोकन करें। विश्वविद्यालय का अस्तित्व एक से नहीं बल्कि पूरे समूह से है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का विकास तभी हो सकता है जब कि वहां के सारे शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी और मेहनत के साथ मिलकर काम करें। 
पियर टीम के सदस्य प्रो. एम.एस. गुप्ता, प्रो. संतोष के. बोरा, प्रो. एम. कृष्णन, प्रो. पी.एन. मिश्र, प्रो. मेवा सिंह, प्रो. एन.के. जैन एवं प्रो. वैद्या ने विश्वविद्यालय के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर की और कहा कि उनके द्वारा जो सलाह दी गयी है वह विश्वविद्यालय के विकास में अहम भूमिका करें ऐसी कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विस्तार की बदलते परिवेश बहुत सारी संभावनाएं हैं। 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने नैक टीम सदस्यों के प्रति आभार जताया और कहा कि टीम हमें जो सौंपी है उसे हम अतीत समझकर एक नये कल की शुरूआत करेंगे। कुलपति ने नैक मूल्यांकन में सहयोग के लिए सभी का आभार जताया। बैठक का संचालन नैक स्टीयरिंग टीम के अध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने किया।
इस अवसर पर प्रो. डीडी दूबे, वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, रजिस्ट्रार डाॅ. देवराज, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टीबी सिंह,  डाॅ. अविनाश पाथर्डीकर, डाॅ. मानस पाण्डेय, डाॅ. अजय द्विवेदी, डाॅ. एके श्रीवास्तव, डाॅ. वन्दना राय, डाॅ. राजेश शर्मा, डाॅ. एसपी तिवारी, डाॅ. रजनीश भाष्कर, डाॅ. राजकुमार सोनी, डाॅ. सुरजीत यादव, डा.ॅ दिग्विजय सिंह, डाॅ. अवध बिहारी सिंह, डाॅ. सुनील कुमार, डाॅ. केएस तोमर, रहमतउल्ला, सुबोध पाण्डेय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

शिक्षक का कर्म ही उसकी पहचान है: प्रो. हरीश

नैक मूल्यांकन टीम का विश्वविद्यालय परिसर में विजिट का तीसरा दिन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के तीसरे दिन नैक की टीम ने विद्यार्थियों के छात्रावासों, छात्र स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया। इसके साथ ही शिक्षकों, कर्मचारियों, पुरातन छात्रों एवं अभिभावकों से मिलकर उन समस्त बिंदुओं पर बात
की जिससे विश्वविद्यालय का मूल्यांकन किया जा सके। 
नैक टीम के चेयरमैन प्रो. हरीश पाद के नेतृत्व में टीम परिसर स्थित छात्राओं के छात्रावास द्रौपदी और मीराबाई का निरीक्षण किया। छात्राओं से भोजन की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली। छात्रावासों में स्थापित जिम की तारीफ की और कहा कि विश्वविद्यालय छात्राओं के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध करा रहा है। नैक टीम के चेयरमैन ने रसोई में जाकर साफ-सफाई की स्थिति को बारीकी से देखा।वहीं छात्रों के हाॅस्टल चरक और विश्वकर्मा में भी टीम ने छात्रों से बातचीत की और निरीक्षण किया। 
        फार्मेसी संस्थान के रिसर्च एवं इन्नोवेशन सेंटर में शिक्षका,ें के साथ संवाद हुआ। जिसमें नैक के चेयरमैन के साथ टीम के सदस्य प्रो. एम. कृष्णन, प्रो. मेवा सिंह, प्रो. एनके जैन, प्रो. एम.एस. दास गुप्ता, प्रो. संतोष के बोरा, प्रो. पीएन मिश्रा एवं प्रो. वैद्या ने शिक्षण, शोध एवं अन्य गतिविधियों के बारे में चर्चा की। प्रो. डीडी दुबे, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. एचसी पुरोहित, डा. अजय द्विवेदी, डा. अविनाश पार्थिडकर, डा. मानस पाण्डेय, मुराद अली आदि ने अपनी बात रखी। नैक टीम के चेयरमैन प्रो. हरीश ने शिक्षकों से कहा कि एक शिक्षक को सदैव अपने स्तर पर शिक्षण व अन्य गतिविधियों को संचालित करते रहना चाहिए। आज के समय में समस्याएं हर जगह है लेकिन शिक्षक का जो कर्म है वह जारी रहना चाहिए वही उसकी पहचान है। 
टीम के सदस्यों ने कर्मचारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि एक ऐसा सिस्टम बनायें जो सबके लिए सरल हो। शिक्षक और विद्यार्थियों की समस्याएं दूर करने में अपना योगदान दें। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों व अभिभावकों से रूबरू हुए। नैक टीम के चेयरमैन ने पुरातन छात्रों से कहा कि अपने विभाग के वर्तमान छात्रों के भविष्य के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने में अपनी बड़ी भूमिका अदा करें। विश्वविद्यालय से अध्ययन लेने के बाद उसका रिश्ता उस संस्था से जीवन भर का हो जाता है इस भावना को जीवित रखें तभी जीवन सफल होगा। विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में नैक टीम के समक्ष खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा को दिखाया। जिसमें मुख्य रूप से वेटलिफ्ंिटग, कुस्ती, तीरंदाजी, हैमरथ्रो, हैन्डबाल एवं योग शामिल रहा। नैक टीम के सदस्यों ने  खिलाड़ियों के प्रदर्शन को उत्तम बताया और कहा कि छात्राओं ने जिस समर्पण के साथ अपना प्रदर्शन किया है वह अभिभूत कर देता है। परिसर स्थित मुक्तांगन में योग कक्षाओं के बारे में जानकारी ली और विद्यार्थियों के योग प्रदर्शन की सराहना की।
 
        दिन भर की गतिविधियों में वित्त अधिकारी एम0के सिंह, प्रो0 एच0 सी0 पुरोहित, कुलसचिव डा. देवराज, उप कुलसचिव सजीव कुमार सिंह, टी0बी0 सिंह,डाॅ0 अजय प्रताप सिंह, डाॅ0 अविनाश पाथर्डिकर,डॉ सुरजीत यादव, डॉ रजनीश भास्कर, डाॅ0 दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ0 अवध बिहारी सिंह, डाॅ0सुनील कुमार समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

नैक मूल्यांकन टीम का विश्वविद्यालय परिसर में विजिट

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन के दूसरे दिन मंगलवार को सुबह  इंजीनियरिंग संस्थान में एम0 विश्वसरैया की मूर्ति का अनावरण एवं उनके नाम पर बने  हाल का उद्घाटन  नैक टीम के चेयरमैन  प्रो0 हरीश पध ने किया। इसके बाद नैक टीम
फार्मेसी और इंजीनियरिंग संस्थान का गहन निरीक्षण किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 पीयूष रंजन अग्रवाल ने टीम के सदस्यों के साथ वैठक कर सूचनाओं को तत्काल उपलब्ध कराया।  
 फार्मेसी विभाग में नैक ‘ए’ टीम के समक्ष संस्थान के निदेशक प्रो0 ए0के0 श्रीवास्तव ने विभाग के बारे मंे विस्तृत रूप से प्रकाश डाला उन्हांेने विभाग की स्थिति, एवं स्थापित प्रयोगशालाओं के बारे में बिन्दुवार प्रस्तुति दी। 
 टीम ‘बी’ को इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक प्रो0 बी0बी0तिवारी ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से विस्तारपूर्वक बताया जिसमें उन्होंने संस्थान की रूपरेखा प्रस्तुत की। नैक टीम ने प्रो0 तिवारी से इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के बारे में भी पूछा। टीम इंजीनियरिंग संस्थान  के इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कम्प्यूटर साइंस ,रसायन, भौतिकी, गणित विभागांे का निरीक्षण कर शिक्षकों से बातचीत की उन्हांेने विभागों मे स्थापित प्रयोगशालाओं को भी देखा और कहा कि इन
उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल कर विद्यार्थी अन्र्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता  के लिए अपने को तैयार कर सकते है। 
कुलपति सभागार में नैक टीम चेयरमैन की अध्यक्षता में अधिष्ठाता छात्र कल्याण के कर्मचारियों  के साथ  बैठक की जिसमें संकायाध्यक्ष प्रो0 बी0बी तिवारी ने छात्रवृत्ति के साथ ही साथ छात्रों से जुड़ी लाभकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। नैक टीम विश्वविद्यालय के मूल्यांकन केन्द्र पहुॅची और विश्वविद्यालय द्वारा इतने अधिक कापियों का मूल्यांकन कराने और समय से परीक्षाफल घोषित करने  की तारीफ की टीम ने सलाह दी कि कापियो का डाटा क्लाउट कम्प्यूंिटंग पर आये। 
   दोनो टीम के सदस्यों ने फार्मेसी संस्थान में स्थित यू0पी0 सिंह कान्फे्रंस हाल में शोधार्थियों  एवं यूजी पीजी के विद्यर्थियों से संवाद किया उन्हांेने विद्यार्थियों से पठन-पाठन एवं उन्हे मिलने  वाली सुविधाओं के बारे मे जानकारी ली। विश्वविद्यालय के अधिकारिंयों के साथ बैठक कर विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम मुद्दो पर बात की। इसके बाद वित्त विभाग  का निरीक्षण किया। वित्त अधिकारी एम0के0 सिंह
एवं कुलसचिव डाॅ0 देवराज ने नैक टीम द्वारा मागी गई जानकारियों को उपलब्ध कराया। राष्टीय सेवा योजना और रोवर्स-रेन्जर कार्यालय पहॅुच कर उनके सामाजिक कार्यो से रूबरू हुए। दिन भर की गतिविधियों में उपकुलसचिव सजीव कुमार सिंह,टी0बी0 सिंह,डाॅ0 एम0हसीन खान,डाॅ0राघवेन्द्र पाण्डेय,प्रो0 एच0 सी0 पुरोहित,डाॅ0 अजयप्रताप सिंह,अविनाश पाथर्डिकर,डाॅ0 दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ0अवध बिहारी सिंह, डाॅ0सुनील कुमार समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

Monday 3 October 2016

नैक मूल्यांकन टीम ने किया निरीक्षण

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन के लिए गुजरात के प्रो0 हरीश पाध की अध्यक्षता में सात सदस्यीय टीम ने सोमवार को  गहन निरीक्षण का  कार्य प्रारम्भ कर दिया। टीम चार दिन तक विश्वविद्यालय परिसर में पढाई, साधन- संसाधनों के साथ सभी गतिविधियों का निरीक्षण करेगी। 
कुलपति सभागार में सुबह टीम के समक्ष सबसे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या और भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में सीबीसीएस, शिक्षकों की प्रोन्नति, सातवां वेतन आयोग की सिफरिशों को लागू करना, वरिष्ठ शिक्षकों को विश्वविद्यालय से जोड़े रखना और रूसा विश्वविद्यालय के लिए आने वाले समय में सबसे बड़ा चैलेंज है। कुलपति ने कहा कि सम्बद्ध महाविद्यालयों की समय से परीक्षा और उनका रिजल्ट घोषित करने में हमने बड़ी सफलता पाई है। शोध की गुणवत्ता के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है। कुलपति प्रो अग्रवाल के प्रस्तुतीकरण के बाद टीम के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने विश्वविद्यालय से जुड़ी अन्य जानकारियां भी ली। 
१० बजे कुलपति सभागार में टीम ने विश्वविद्यालय  के संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों से संवाद किया उन्होंने उनसे परिसर के पाठ्यक्रमों और शोध के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली। प्रो डीडी दूबे, प्रो. बीबी तिवारी, डॉ. अजय द्विवेदी ने इस द्विपक्षीय संवाद में अपनी बात रखी। शोध कार्य के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। डॉ अजय द्विवेदी ने विश्वविद्यालय में 2014 से नए नियम के तहत प्रारम्भ हुए पीएचडी प्रोग्राम के बारे में बताया।
इसके बाद टीम संकाय भवन के आईक्यूएसी सेल में पहुँची। सेल के समन्वयक डॉ मानस पांडेय ने कांफ्रेंस हॉल में शैक्षिक गुणवत्ता के सुधार में  विश्वविद्यालय के योगदान पर विस्तृत प्रकाश डाला। 
विवेकानन्द पुस्तकालय में टीम के समक्ष डॉ विद्युत् मल ने पावर पॉइंट के माध्यम से लाइब्रेरी की सुविधाओं के बारे में अपनी बात रखी.पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ मानस पांडेय ने ई बुक, ई जर्नल, ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल की उपलब्धता से भी अवगत कराया। शोध गंगा में अपलोडेड थीसिस की जानकारी भी दी गई। एक घंटे तक टीम ने लाइब्रेरी के सभी सेक्शन को बारीकी से देखा। टीम के
सदस्यों के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ ग्रुप फोटोग्राफी भी हुई। टीम ने कुलपति शिविर में कार्यसमिति के सदस्यों के साथ बैठक की। जिसमें दीनानाथ सिंह, रविन्द्र खरवार, दुर्गावती उपाध्याय आदि शामिल हुये।
दोपहर 02 बजे से परिसर के विभागों का नैक टीम के सदस्यों ने दो समूहों में निरीक्षण किया। पहली टीम में नैक के चेयरमैन प्रो. हरीश पाध, प्रो. एम. कृष्णन, प्रो. मेवा सिंह, प्रो. एनके जैन, सदस्यों ने विज्ञान संकाय के बायो टेक्नोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी, बॉयो केमिस्ट्री, इनवायरमेंटल साइंस का निरीक्षण किया। विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. डी.डी. दूबे ने विज्ञान संकाय की रिपोर्ट प्रस्तुत की। विभागाध्यक्षों ने टीम के सदस्यों को विभाग के शिक्षण,शोध, विद्यार्थियों एवं समस्त गतिविधियों के बारे में बताया। वहीं दूसरी तरफ टीम बी में प्रो. एम.एस. दास गुप्ता, प्रो. संतोष के बोरा, प्रो. पीएन मिश्रा एवं प्रो. वैद्या शामिल रहे। जिन्होंने प्रबन्ध अध्ययन संकाय, मानव संसाधन विकास विभाग, वित्त नियंत्रण विभाग, प्रबन्ध अर्थशास्त्र विभाग, जनसंचार विभाग और व्यवहारिक मनोविज्ञान विभाग का निरीक्षण किया। जनसंचार विभाग में विद्यार्थियों द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री, खबरों, ब्लाॅग, विश्वविद्यालय का अधिकारिक ब्लाॅग पूरब बानी, फेसबुक पेज एवं विश्वविद्यालय के यू-ट्यूब चैनल को देखा और सुझाव भी दिये। दिनभर की गतिविधियों में वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, कुलसचिव डाॅ. देवराज, प्रो. एच.सी. पुरोहित, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टी.बी. सिंह, डाॅ. अविनाश पाथर्डीकर, डाॅ. मनोज मिश्र, डाॅ दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ. रजनीश, डाॅ. सुरजीत यादव, डाॅ. के.एस. तोमर, डाॅ. अवध बिहारी सिंह, डाॅ. सुनील कुमार समेत तमाम शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद रहे। 

ये हैं नैक पियर टीम:-
1. प्रो. हरीश पाध (अध्यक्ष)
2. प्रो. एम.एस. गुप्ता
3. प्रो. संतोष के. बोरा
4. प्रो. एम. कृष्णन
5. प्रो. पी.एन. मिश्र
6. प्रो. मेवा सिंह
7. प्रो. एन.के. जैन
8. प्रो. वैद्या