Sunday 27 September 2020

विश्व पर्यटन दिवस पर जनसंचार विभाग में हुई परिचर्चा

 

 

 


                          

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के जनसंचार विभाग द्वारा 

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर  पर्यटन और ग्रामीण विषयक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया जा गया। परिचर्चा में वक्ताओं ने ग्रामीण पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

 

प्रतिष्ठित यात्रा लेखिका एवं ब्लॉगर डॉ कायनात काजी ने कहा कि भारतीय ग्रामीण संस्कृति में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ छुपा हुआ है स्थानीय लोक गीत, लोक कलाएं पर्यटकों को गाँव की तरफ आकर्षित करने के लिए सक्षम है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए पर्यटन केंद्र विकसित होने से विकास होगा।

 

दून विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रबंध अध्ययन  संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने कहा कि कोरोना काल में पर्यटन क्षेत्र बहुत प्रभावित हुआ है इस सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए भी प्रयास होने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन के विकास पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर होम स्टे विकसित करना होगा।

 

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं इतिहासकार डॉ नीता यादव ने कहा कि भारत के प्राचीन मंदिरों में  विद्यमान तीनों शैलियों के बारे में अभी हमारे देश में बहुतों को जानकारी का नहीं  है।  उत्तर भारत में नागर शैली, दक्षिण भारत में द्रविड़ शैली और गुजरात में वेसर शैली जैसा स्थापत्य पूरी दुनिया मे कहीं नही मिलता। पर्यटन के लिहाज से इसे हम अपने देश और दुनिया मे प्रसारित कर सकते है।

जौनपुर ब्लॉग एसोसिएशन के अध्यक्ष,ब्लॉगर एवं इतिहासकार एसएम मासूम ने कहा कि पर्यटक चाहता है कि उसे भागदौड़ की जिंदगी के समय मानसिक सुकून मिले। नए-नए चीजों को देखना, अनुभव करना अपनी यात्रा के दौरान वह करता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन से ग्रामीण विकास संभव है हमें ग्रामीण क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को विकसित करना होगा। उन्होंने जौनपुर के पर्यटन को विकसित करने के लिए टिप्स दिए।

अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ सुनील कुमार ने किया।

इस अवसर पर डॉ सुनीता सिंह, डॉ उमेश पाठक, शिफाली अहूजा, मनोज भट्ट, जगमोहन सिंह राठौर, शाकम्बरी नन्दन,वीर बहादुर,शुभम द्विवेदी, दिव्यांशु, अदिति, अमित मिश्रा समेत विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।

 

Saturday 26 September 2020

विज्ञान के सकारात्मक प्रचार प्रसार ने कोविड की भयावहता को कम किया

प्रो० राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  द्वारा शनिवार को हिंदी में विज्ञान संचार: आवश्यकता एवं चुनौतियां विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया।संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रही विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० निर्मला एस० मौर्य ने कहा कि वैज्ञानिक खोज को जनसामान्य तक पहुंचाने में मिडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रो मौर्य ने कहा कि आग व पहिया की खोज ने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण निभाई। उन्होंने हिंदी में विज्ञान के प्रचार प्रसार पर बल दिया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो० डॉ० राजाराम यादव ने कहा कि जर्मनी, चीन, जापान जैसे कई देशों ने अपने राष्ट्रभाषा में विज्ञान व तकनीकी का प्रचार प्रसार किया, जिससे इन देशों ने विश्व में अपनी विज्ञान के क्षेत्र में पहचान बनाई। हिंदी में प्रकाशित होने वाली पत्रिकाएं जैसे विज्ञान, विज्ञान प्रगित आदि ने हिंदी में विज्ञान के प्रसार में महत्वपूर्ण निभाई।विशिष्ट अतिथि सलाहकार व प्रमुख, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद, भारत सरकार के डॉ मनोज पटैरिया ने कहा कि वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के प्रथम अध्यक्ष डॉ. डी. एस. कोठारी के नेतृत्व में आयोग हिंदी भाषा में विज्ञान तथा शब्दावली के प्रसार में महत्वपूर्ण निभाई फिर भी वर्तमान में इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के विज्ञान प्रसार संस्थान द्व्रारा विज्ञान को जनसाधारण के मध्य लोकप्रिय बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे है। विज्ञान प्रसार कोरोना व कोविड के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में किया गया है।नेशनल सेंटर फॉर इनोवेशन इन डिस्टेंस एजुकेशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के निदेशक डॉ० ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में हिंदी भाषा मे विज्ञान शिक्षा व शोध की दिशा में बहुत प्रभावी काम करने की जरूरत है।  ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों के लिए विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए शोध सन्दर्भ को हिंदी भाषा में विकसित करने की जरूरत है।आमंत्रित व्याख्यान में वैज्ञानिक व संपादक, भारतीय अभियांत्रिकी एवं पदार्थ विज्ञान पत्रिका राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्त्रोत संस्थान के डॉ मेहर वान ने कहा कि प्राचीन समय में लोग लोकोक्तियों के माध्यम से विज्ञान और उसकी मान्यताओं को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाते थे। वर्तामन में संचार के आधुनिकतम माध्यम से विज्ञान को मातृभाषा में जनसामान्य तक पहुंच रहा है। डॉ. मेहरबान ने कहा विज्ञान के सकारात्मक प्रचार प्रसार ने कोविड को समझने और बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।वेबिनार में अतिथियों का स्वागत निदेशक प्रो देवराज सिंह ने किया। विषय प्रवर्तन संयोजक डॉ धीरेंद्र कुमार चौधरी एवं संचालन व आभार सह संयोजक डॉ नीतेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर डॉ बी बी तिवारी, डॉ मनोज मिश्र, डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरिधर मिश्रा, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ पुनीत धवन, डॉ शशिकांत यादव व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

Friday 25 September 2020

ऑनलाइन वेरीफिकेशन से पारदर्शिता और सुविधा दोनों का लाभ: गिरीश चंद्र यादव

मैं पद से नहीं, नाम से पहचान बनाऊंगी: कुलपति
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर ऑनलाइन  अवार्ड वेरिफिकेशन पोर्टल का शुभारंभ

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के आईसीटी सेल एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्यायजी की जयंती के अवसर पर आर्यभट्ट सभागार में ऑनलाइन अवार्ड वेरिफिकेशन पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री श्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि आनलाइन अवार्ड वेरिफिकेशन से नौकरी पाने वाले का वेरिफिकेशन आसानी से हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सुविधा के साथ-साथ पारदर्शिता भी बनीं रहेगी। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय डिग्री के साथ- साथ विजन का भी केंद्र बने। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों के जीवन में बदलाव के लिए अंत्योदय अन्नपूर्णा योजना, शौचालय,आवास योजना का जो लाभ दे रही है वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का ही सपना था। हमारी सरकार उसी दिशा में काम कर रही है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि मैं सहज और सरल हूं और रहूंगी भी। मैं एक विजन लेकर आई हूं और उसे पूरा करके जाऊंगी। मेरा मकसद शासन करना नहीं हैं मैं पद से नहीं अपने नाम से अपनी पहचान बनाना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने आसपास प्रसन्नता का आभा मंडल बनाना चाहता है।अतिथियों का ‌स्वागत भाषण श्री अमित वत्स ने किया।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी श्री एमके सिंह ने कहा कि डिजिटल युग है। अब ई-कांटेंट के माध्यम से पढ़ाई शुरू हो रही है।आज विश्वविद्यालय में हर काम आनलाइन हो रहा है, इससे ‌विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और विद्यार्थी दोनोें को लाभ होगा।अब सारी डिग्रियां डिजीलाकर में रखीं जाएंगी।
परीक्षा नियंत्रक श्री वीएन सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय तकनीक विकास की ओर बढ़ रहा है,इसे और आगे ले
जाने की जरूरत है।प्रबंधक श्री नरेंद्र मौर्य ने आनलाइन पोर्टल की तारीफ की।प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने आनलाइन परीक्षा कराने की मांग की। प्रबंधक राजकुंवर सिंह ने कहा कि आजमगढ़ को आवासीय विश्वविद्यालय बनाया जाए।संचालन डॉ. आशुतोष सिंह और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव श्री सुजीत जायसवाल ने किया।इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, हरिश्चंद्र सिंह, नीरज सिंह, शिक्षक संघ अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह, महामंत्री डॉ. राहुल सिंह सहायक कुलसचिव अमृतलाल, डॉ.एसपी सिंह, डॉ. ‌अवनीश सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, डॉ.मनोज मिश्र, डॉ.राजकुमार, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ.सुनील कुमार, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव आदि शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया।

Thursday 24 September 2020

गाँव में मास्क वितरण पर प्रदेश में विश्वविद्यालय प्रथम

 

राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, उत्तर प्रदेश के द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती स्थापना समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री मा0 श्रीमती नीलिमा कटियार जी, विशिष्ट अतिथि प्रो0 निर्मला एस0 मौर्य जी,  माननीय  कुलपति वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर डॉ0 अशोक कुमार श्रोती क्षेत्रीय निदेशक,भारत सरकार, लखनऊ, डॉ0 अंशुमाली शर्मा, विशेष कार्याधिकारी एवं राज्य संपर्क अधिकारी उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ की उपस्थिति में  7:30 PM पर आयोजित कार्यक्रम में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर को पुनः गौरवान्वित होने का अवसर प्राप्त हुआ। 81 गांवों को मास्क से संतृप्त करके प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। जनपद गाज़ीपुर के नोडल अधिकारी डॉ0 अमित यादव ने पूरे प्रदेश में 49 गांवों मास्क से संतृप्त करके प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा जौनपुर के नोडल अधिकारी डॉ0 अजय कुमार सिंह को चौथा स्थान प्राप्त हुआ। डॉ0 अनामिका पांडेय कार्यक्रम अधिकारी, फरीदुलहक मेमोरियल डिग्री सबरहद, शाहगंज,जौनपुर को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। माननीय मंत्री महोदया ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 निर्मला एस0 मौर्य की भूरि- भूरि प्रशंसा की और राष्ट्रीय सेवा योजना की उपलब्धियों के लिए बधाई दी। विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना को इस उपलब्धि पर समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों द्वारा बधाई दी गई । नोडल अधिकारी डॉ अमित यादव, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ उदय भान यादव, डॉ घनश्याम पटेल एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनामिका पांडेय, उन सभी कार्यक्रम अधिकारियों, स्वयंसेवकों/स्वयंसेविकाओं को कोटिशः बधाई जिन्होंने कोविड-19 माहमारी में  अथक परिश्रम करके यह उपलब्धि विश्वविद्यालय को दिलाई है।

कोविड-19 और मीडिया पर वेबिनार का हुआ आयोजन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के  जनसंचार विभाग और प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में 24 सितंबर गुरुवार को  कोविड-19 और मीडिया विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया।

 वेबिनार की मुख्य अतिथि पीयू की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि कोविड 19 ने समाज के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया ने कोविड 19 से जुड़ी हर जानकारी पहुँचाई है। इस दौर में  मीडिया ने अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाया है। चिकित्सकों की सलाह भी जन -जन तक मीडिया के माध्यम से ही पहुंची है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से बचने के लिए सामाजिक नहीं शारीरिक दूरी बनाए रखने की जरूरत है।

अध्यक्षीय संबोधन में  पीआईबी लखनऊ के अतिरिक्त महानिदेशक आरपी सरोज ने कहा कि कोविड -19 से डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है। संक्रमित होने पर चिकित्सक की सलाह से ही दवाओं को लेना चाहिए। कोविड -19 के प्रति लोगों को जागरूक करने में मीडिया बड़ी भूमिका अदा कर रही है, जो सराहनीय है।

समारोह के विशिष्ट अतिथि सेंटर फ़ॉर मास कम्युनिकेशन राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के पूर्व अध्यक्ष  प्रोफेसर संजीव भानावत ने कहा कि मीडिया कर्मियों ने कोविड- 19 के दौर में जान की बाजी लगाकर लोगों को सूचना पहुंचाई है। उन्होंने महामारी के समय पीआईबी के योगदान की सराहना की।

किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर  डॉ सूर्यकांत ने कहा कि मीडिया न होता तो समाज मे कोविड- 19 का भयावह रूप दिखाई देता। जनता को जागृत करना सबसे बड़ी वैक्सीन है। उन्होंने भारतीय चिकित्सकों ने योगदान पर प्रकाश डाला। कहा कि छोटे बच्चे, गर्भवती महिला, बुजुर्ग व्यक्ति और बीमार व्यक्ति कम से कम घर से निकले।

बतौर वक्ता लखनऊ के चिकित्सक डॉ निरुपम प्रकाश ने कहा कि कोविड- 19 से लड़ने के लिए जागरूकता की बहुत जरूरत है।  उन्होंने कोविड- 19 के लक्षणों और बचाव पर प्रकाश डाला। कहा कि घर से बाहर बिना मास्क के न निकले।उन्होंने कहा कि मास्क को पहनने के बाद सामने से छुए नहीं। उन्होंने कहा कि मीडिया के कारण कोविड- 19 के प्रसार को रोकने में कामयाबी मिली है।

वेबिनार के  संयोजक जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने अतिथियों का स्वागत एवं  संचालन  पीआईबी  लखनऊ के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. श्रीकांत श्रीवास्तव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया। कार्यक्रम में प्रो मानस पांडेय, प्रो अशोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर अजय द्विवेदी, प्रो. रामनारायण, प्रो बीडी शर्मा, प्रो देवराज, डॉ. राजकुमाररवि शंकर शर्मा, डॉ सुरजीत यादव, डॉ प्रमोद यादव ,डॉ सुनीता सिंह, डॉ तनु डंग, दर्शन साहू, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर समेत देश के विभिन्न भागों से शिक्षक, पत्रकारोंविद्यार्थी एवं शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया.

Friday 18 September 2020

भविष्यनोमुखी है नई शिक्षा नीति: प्रो. प्रकाश मणि

व्यक्तित्व विकास करने वाली है नयी‌ शिक्षा नीति: प्रो. कर्णाटक

रोजगारपरक है नई शिक्षा नीति: निर्मला एस. मौर्य

 
विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय की ओर से शुक्रवार को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इसका विषय था राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: आयाम एवं चुनौतियां।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो.श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि इस शिक्षा नीति में भारतीय परंपराओं के साथ-साथ सभी विधाओं का भी ध्यान रखा गया है। इसमें आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की गई ‌है। यहीं नहीं वैश्विक आदान-प्रदान की भी व्यवस्था की गयी है, ताकि भारत विश्वगुरु बन सके। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति भविष्यनोमुखी के साथ-साथ वर्तमान को संवारने वाली है।नई शिक्षा नीति जग से जन तक मनुष्य को मनुष्यता से आधार से आकाश तक को  समेकित  करते हुए आगे जाने का प्रावधान है भारतीय अस्मिता एवं मूल्यवर्धन को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बनाया गया है श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी जी ने बताया कि भाषाओं के संबंध में संस्कारों के प्रति आग्रह है इस नई शिक्षा नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है 2025 तक नामांकन शत-प्रतिशत करना है नई शिक्षा नीति का ध्यान है। नई शिक्षा नीति के चार प्रमुख विशेषताएं हैं जो कि समग्रता एकात्मता सभी का मुख्यधारा में समायोजन भविष्य मुखी है।  जय जवान- जय किसान,जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान भी नई शिक्षा नीति का मूल मंत्र है । जिज्ञासा रचनात्मकता संकल्प बाध्यता वाला विद्यार्थी तैयार करना ही नई शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य है ।
विशिष्ट अतिथि के रूप में दून विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति प्रो. अजीत कुमार कर्णाटक ने कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ किताबों का बोझ कम करने पर भी जोर दिया गया है।मल्टीडिस्पलीनरी शिक्षा से विद्यार्थियों की विषय के प्रति रुचि बढ़ेगी।नई शिक्षा नीति 34 वर्षों के अंतराल के बाद आई है जिसमें 4 वर्ष बाद आपको शोध करने की अनुमति दिए जाने का प्रावधान है। शोध की गुणवत्ता ही इस नई शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य है। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना करना भी इस नई शिक्षा नीति में है।
बतौर अध्यक्ष प्रो.निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति बहुआयामी है। इसमें प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक काफी मंथन किया गया है ताकि विद्यार्थियों को रोजगारपरक बनाए जा सके।
विषय प्रवर्तन आयोजन संयोजक प्रोअविनाश पाथीर्डीकर और स्वागत प्रो.मानस पांडेय ने किया।
संचालन डॉ. आशुतोष सिंह, धन्यवाद ज्ञापन श्री अमित वत्स ने किया। इस अवसर पर डॉ सुरजीत कुमार, प्रो वंदना राय, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ आलोक सिंह, डॉ मनोज मिश्रा, डॉ सुनील कुमार, प्रो एच सी पुरोहित , डॉ सुशील कुमार सिंह, प्रो अजय वाघ, प्रशांत यादव बिद्युत मल, नितिन चौहान आदि उपस्थित थे।

Thursday 17 September 2020

पीएम के जन्मदिवस पर पीयू में लगाए गए 71 पीपल के पौधे

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 71 में जन्मदिवस पर गुरुवार को पीपल पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन मुक्तांगन में  किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के सौजन्य से  किया 
गया | इस कार्यक्रम के अंतर्गत परिसर में 71 पीपल के पौधे लगाए गये और विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी कॉलेजों में 501 पौधे लगाए गये।
मुक्तांगन परिसर में पौधरोपण करने के बाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने प्रधानमंत्री को बधाई और शुभकामनाए देते हुए कहा कि मोदीजी के नेतृत्व में देश चहुंमुखी प्रगति की ओर है । राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक श्री राकेश कुमार यादव ने कहा कि देश को एक ऐसा नेतृत्व मिला है, जिसने लोक कल्याणकारी नीतियों से वंचित वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है और एक मजबूत भारत की नींव रखी है। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, डॉ.केएस तोमर, डॉ जगदेव, डॉ. मनोज मिश्र, मीडिया प्रभारी एवम् चीफ़ वार्डेन डॉ. राज कुमार, डॉ. सुनील कुमार, विनय वर्मा, डॉ राजेश सिंह, अनिल मौर्य  समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे।

Tuesday 15 September 2020

सशक्त राष्ट्र के लिए देशवासियों का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी : कुलपति

 सशक्त राष्ट्र  केअनेकता में एकता का संदेश देती है हमारी संस्कृति: प्रो.राकेश

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के  व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की ओर से 
बहु सांस्कृतिक समाज एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर वेबिनार का आयोजन मंगलवार को किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता कर रहीं माननीय कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि किसी भी देश को मजबूत बनाने के लिए वहां के लोगों का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। नई शिक्षा नीति -2020  में इसके लिए पहल भी की गई है। इस अवसर पर भारत अध्ययन  केंद्र  बी एच यू वाराणसी के प्रो. राकेश उपाध्याय ने कहा कि भारतीय संस्कृति अजर-अमर और अविनाशी  है |यह अपने अंदर समाज की तमाम विविधताओं को समेटे है। हमारी संस्कृत में कई ऐसे मंत्र दिए हैं जो अनेकता में एकता का संदेश देते हैं। यही संस्कृति हमारे समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
बेबिनार  में विशिष्ट वक्ता के रूप में टी डी कॉलेज की प्राचार्य डॉ सरोज सिंह ने भारतीय संस्कृति में अवतारी पुरुष श्री राम और श्री कृष्ण का वर्णन करते हुए कहा कि वह मानव अवतार लेकर  भगवान और महापुरुष के रूप में आवश्यकता अनुसार संदेश देते रहे। उन्होंने कहा कि हमारा ग्रामीण समाज आत्मनिर्भर था |उदारीकरण के दौर में काम पाने के लिए वह बाहर जाकर दूसरी दिशा में चला गया। आज हम उसे पुनः आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल कर सकते हैं।
वेबिनार का संचालन संयोजक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने और धन्यवाद ज्ञापन सुश्री अन्नू त्यागी ने किया। सभी अतिथियों का स्वागत एवं परिचय वेबिनार के निदेशक  प्रो. अजय प्रताप सिंह  ने किया इस अवसर पर  डॉ मनोज पांडेय, डॉ राज कुमार, डॉ सुनील कुमार, डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह , डॉ वंदना राय,  डॉ विद्युत मल , डॉ माया सिंह, डॉ प्रणय कुमार त्रिपाठी , प्रो देवराज , डॉ मनोज मिश्रा आदि लोगों ने प्रतिभाग किया |

इंजीनियर दिवस समारोह

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में आज दिनांक 15 सितंबर 2020 को  इंजीनियर दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वि वि के वरिष्ष्ठतम प्रो ० बी० बी० तिवारी, संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अशोक कुमार श्रीवास्तव,  डॉ संतोष कुमार एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर अजय द्विवेदी एवं डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह सहित समस्त शिक्षक तथा कर्मचारियों द्वारा  एम० विश्वेश्वरैया जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर छात्र-छात्राओं को देश सेवा में समर्पित एम० विश्वेश्वरैया जी के जीवन से सीख लेने को प्रेरित किया | 


Monday 14 September 2020

भाषा पर करें गर्व, तब होगी लोकप्रिय - प्रो पातंजलि

विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी दिवस समारोह का हुआ आयोजन


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय एवं विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
ऑनलाइन आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं टी एम विश्वविद्यालय भागलपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर प्रेमचंद पातंजलि ने कहा कि हिंदी को समाज, न्यायपालिका, शासन, प्रशासन और राजनीति में जो स्थान मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाया। आज की पीढ़ी अपनी मातृभाषा पर गर्व क्यों नहीं कर पा रही है यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अग्रेजों से आजादी मिल गई अंग्रेजी की दासता से मुक्ति नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि जिस भाषा पर हम गर्व नहीं कर सकते वह लोक प्रिय नहीं हो सकती।

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश मोनिका एस गर्ग ने कहा कि नैतिक मूल्यों और संस्कृति की बचपन की बातें आज भी हिंदी में ही याद आती है। अपने सांस्कृतिक  मूल्य और  इतिहास  हिंदी में आबद्ध  है। उन्होंने कहा कि नई  राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी  हिंदी को बढ़ावा देने की बात है। जो कि भविष्य के लिए सुखद है.

अध्यक्षता करते हुए   कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की  अस्मिता  एवं पारंपरिक संस्कृति की पहचान भाषा से होती है । भाषा बहते हुए  जल की तरह  होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय  शीघ्र ही स्नातकोत्तर अनुवाद डिप्लोमा प्रारम्भ करेगा। उन्होंने कहा कि विश्व के सभी विकसित राष्ट्र मातृ भाषा में ही कार्य करते है.

समारोह में स्वागत  मानद पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो० मानस पाण्डेय एवं विषय की पृष्ठ भूमि पर संयोजक एवं  संकायाध्यक्ष   डॉ० मनोज मिश्र ने प्रकाश डाला।    आयोजन सचिव  डॉ० दिग्विजय सिंह राठौर ने सञ्चालन एवं धन्यवाद् ज्ञापन  डॉ० विद्युत् मल ने किया। तकनीकी सहयोग डॉ नितेश जायसवाल   ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एम के सिंह, प्रो एच सी पुरोहित, प्रो अविनाश पाथर्डीकर,प्रो अजय द्विवेदी, प्रो अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो वी डी शर्मा,  प्रो देवराज सिंह, पूर्व प्राचार्य डॉ विनोद सिंह,  डॉ राकेश कुमार यादव, डॉ राजकुमार सोनी, डॉ जगदेव, डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ रसिकेश, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ श्याम कन्हैया सिंह , डॉ मनोज पांडेय,  डॉ सुनील कुमार समेत तमाम  लोग प्रतिभाग किये।

 

हिंदी दिवस समारोह | वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर

हिंदी दिवस समारोह | वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर

https://www.youtube.com/c/prniti/live?fbclid=IwAR25o4MuB1RxcydWiHVeU-sre-M9AsBToKNqVE4IStLAalZcBwiDhDOtBFI

हिंदी दिवस समारोह | वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर

हिंदी दिवस समारोह | वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय,जौनपुर



https://www.youtube.com/c/prniti/live?fbclid=IwAR25o4MuB1RxcydWiHVeU-sre-M9AsBToKNqVE4IStLAalZcBwiDhDOtBFI

Monday 7 September 2020

रोवर्स रेंजर्स से विद्यार्थियों में रहता है जीवन पर्यन्त सेवा भाव - कुलपति

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रोवर्स रेंजर्स  द्वारा आयोजित  एक छात्र एक पेड़ योजना के अंतर्गत   कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने पौधरोपण किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति ने कहा कि रोवर्स रेंजर्स से जुड़ने वाले विद्यार्थियों में सेवा का भाव जीवन पर्यन्त बना रहता है. उन्होंने अपने पढाई के दौरान गाइड के रूप किये गए कार्य को साझा किया. उन्होंने कहा कि काम अच्छा होना चाहिए नाम नहीं. उन्होंने कोविड 19 से बचाव के लिए  रोवर्स रेंजर्स के तरफ से उपलब्ध कराये गए मास्क, साबुन, ग्लब्स आदि को वितरण के लिए सौपा. विशिष्ट अतिथि वित्त अधिकारी एम के सिंह  ने पेड़ कि उपयोगिता के बारे में बताया. संकायाध्यक्ष  डॉ मनोज मिश्र, एनएसएस संयोजक राकेश यादव ने भी पौधरोपण कर विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया.  

रोवर्स रेंजर्स के संयोजक डॉ जगदेव ने वर्ष की  गतिविधियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हमारे
विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत और लगन से प्रदेश में हमें प्रथम पंक्ति पर पंहुचा दिया है. सामाजिक कार्यों में हमारे विद्यार्थीं निरंतर अपना योगदान दे रहे है.
कुलपति   प्रो मौर्य ने  परिसर स्थित सुभाष चन्द्र बोस के मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. राष्ट्रीय पी जी कालेज के विद्यार्थियों ने ध्वज शिष्टाचार किया. इसके साथ ही दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना प्रार्थना की. 
कार्यक्रम का संचालन डॉ शफीउज्जमा एवं धन्यवाद् ज्ञापन डॉ संजय सिंह  ने किया. इस अवसर पर डॉ अमरजीत, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ  पारुली सिंह, डॉ मीता सरल, डॉ रेखा मिश्र, डॉ अलोक कुमार दास, डॉ झाँसी मिश्रा, डॉ राकेश मिश्र आदि उपस्थित रहें.  

Tuesday 1 September 2020

विश्वविद्यालय में पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक सभा

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में मंगलवार को शोक सभा आयोजित गई। कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह शलाका पुरुष थे। सभी वर्गों के लिए उनका व्यक्तित्व अनुकरणीय है। उनका राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन बेदाग़ रहा है।शोक सभा में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रख कर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एम के सिंह, परीक्षा नियंत्रक बी एन सिंह समेत अन्य उपस्थित रहें।