Saturday 30 April 2022

दो महाविद्यालयों की परीक्षा में अचानक पहुंचीं कुलपतिपरीक्षा केंद्र का‌ किया निरीक्षण

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से संबद्ध महाविद्यालयों की स्नातकोत्तर हिंदी, मनोविज्ञान की परीक्षाओं का शनिवार को कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने औचक निरीक्षण किया। जौनपुर के महाविद्यालयों में सुबह की पाली में वह अचानक पहुंचीं।
शनिवार की सुबह की प्रथम पाली में स्नातकोत्तर हिंदी, मनोविज्ञान, की परीक्षा थी।
सबसे पहले वह अब्दुल अजीज अंसारी मजडीहा शाहगंज, फरीदुलहक मेमोरियल महाविद्यालय शाहगंज का निरीक्षण किया। इस दौरान कुलपति ने स्ट्रांग रूम, कंट्रोल रूम, सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग को भी देखा।  कोविड-19 के नियमों के अनुपालन के संबंध में भी प्राचार्य और केंद्र व्यवस्थापक से  पूछताछ की । 
कुलपति प्रोफ़ेसर मौर्य ने सभी महाविद्यालयों को बढ़ती गर्मी को देखते हुए पीने के पानी की व्यवस्था करने का कड़ा निर्देश दिया। 
सभी जगह  सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के साथ परीक्षाएं चल रही थीं। उन्होंने कहा कि हर हाल में परीक्षा के दौरान कोविड-19 सुरक्षा निर्देशों का पालन होना चाहिए। उनके साथ उनके निजी सहायक डॉ. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य भी थे।

Tuesday 26 April 2022

विद्यार्थी होते है गुरु का गौरव: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

प्रेरणा कोचिंग में शिक्षा देने वाले विद्यार्थी हुए सम्मानित
विश्वविद्यालय से सटे गाँव में 2014 से चल रही है निःशुल्क कोचिंग
 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में मंगलवार को विश्वविद्यालय से सटे देवकली गाँव में बच्चों को प्रेरणा निःशुल्क कोचिंग में शिक्षा देने वाले 16 विद्यार्थियों को कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विद्यार्थी गुरु का गौरव होते है। पढ़ाई के साथ ही साथ गाँव के बच्चों के लिए इन विद्यार्थियों ने जो समय निकाला है वह प्रकाश की तरह है। उन्होंने कहा कि प्रेरणा कोचिंग के सफल संचालन के लिए हर तरह का सहयोग दिया जायेगा।
गौरतलब है कि 4 फ़रवरी 2014 से विश्वविद्यालय से सटे देवकली गाँव में बच्चों के लिए निःशुल्क प्रेरणा कोचिंग निरंतर चल रही है. इस कोचिंग के माध्यम से अब तक 1435 विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके है. वर्तमान समय में 1 से 12 तक की कक्षाओं के 135 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे है. विश्वविद्यालय परिसर के विद्यार्थियों का एक समूह इन बच्चों को पढ़ाता है।
कार्यक्रम में कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि प्रेरणा कोचिंग में अपनी सेवा देने वाले विद्यार्थी आइकोन है. प्रो. मानस पाण्डेय ने कहा कि विद्यार्थियों ने परंपरा का निर्वहन किया है, आगे भी यह जारी रहेगा. परीक्षा नियंत्रक बी. एन. सिंह ने कहा कि समाज के हर व्यक्ति को लोक भावना के अनुरूप कार्य करना चाहिए।

शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय सिंह ने कहा कि प्रेरणा कोचिंग से विश्वविद्यालय के उन विद्यार्थियों का व्यक्तित्व विकास हुआ है जो इससे जुड़े हुए है। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. राकेश कुमार यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से जुड़कर गाँव के बच्चे बड़ा सपना देख रहे है। इसी क्रम में अभियांत्रिकी के प्रो. ए. के. श्रीवास्तव ने प्रेरणा कोचिंग की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला. प्राचार्य डॉ. रमेश मणि त्रिपाठी ने अपने महाविद्यालय में गरीब बच्चों के लिए किये जा रहे प्रयासों की चर्चा की। 
प्रेरणा कोचिंग के संयोजक डॉ. राजकुमार ने विद्यार्थियों द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला एवं प्रगति से अवगत कराया। संचालन संतोष कुमार एवं  धन्यवाद ज्ञापन वित्त अधिकारी संजय राय ने किया.  इस अवसर पर प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ प्रदीप कुमार, डॉक्टर संजीव गंगवार, डॉ. नूपुर तिवारी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, बबीता सिंह, अन्नू त्यागी, डॉ. श्रवण, डॉ. कृष्ण कुमार यादव, डॉ. मंगल यादव, लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, विनय वर्मा, करुणा निराला,इन्द्रेश गंगवार समेत अन्य उपस्थित रहे.
सम्मानित होने वाले विद्यार्थी
आकाश वैभव, अमरजीत कुमार धीवर, विपिन कुमार, आयुष यादव, नदीम अहमद, रामानंद दुबे, अविनाश श्रीवास्तव, अक्षय कुमार मिश्रा, रवि विश्वकर्मा, आदर्श यादव, विकास कुमार, आकाश राजभर, विकास चौरसिया, अभिषेक तिवारी, अफजल अली, संदीप यादव।

Sunday 24 April 2022

प्रतियोगिता से विद्यार्थियों में होता है नेतृत्व का विकास: डॉ. भास्कर

पंचायतों की भूमिका विषय पर छात्र संसद का आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के  नवाचार केंद्र में  आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत रविवार  को लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभ के रूप में पंचायतों की भूमिका विषय पर छात्र संसद का आयोजन किया गया । इसके अंतर्गत वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित करके , ‘राष्ट्रीय पंचायती  राज दिवस  ‘मनाया गया।
इस अवसर पर चीफ वार्डन डॉ रजनीश भास्कर ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं समय समय पर महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में होते रहने चाहिए। इससे छात्रों में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।
प्रो. बी डी शर्मा ने कहा कि आज की यह युवा पीढ़ी ही आगे चलकर देश की बागडोर संभालेगी ,ऐसे में इस तरह के विषयों को समझना जानना अति आवश्यक है।
इस अवसर  भाषण प्रतियोगिता हुई जिसमें प्रथम पुरस्कार विजेता आदित्य, सेकंड द्वितीय पुरस्कार विजेता अंजली दुबे, आस्था थर्ड पुरस्कार विजेता निधि दुबे और सुंदरम दुबे रहे। कार्यक्रम  समन्वयक डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य की प्रेरणा से विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी हर दिवस को गंभीरता के साथ मना रहे हैं। आयोजन सचिव डॉ विनय वर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।  इस अवसर पर  डॉ पूजा सक्सेना, डॉ झाँसी मिश्रा ने बच्चों का हौसला अफजाई किया। डॉ जया शुक्ला ने आभार और संचालन छात्र संघ के नेता उदय सिंह ने किया धन्यवाद ज्ञापन प्रिंस त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर आलोक मौर्य, सनी, सरोज, सुमित सिंह, सूर्यकांत तिवारी,करण राजभर, ऋषभ,एवं तनु आदि छात्र उपस्थित रहे ।

Saturday 23 April 2022

पुस्तकों में समाहित है ज्ञान परम्परा-प्रोफेसर मानस पांडेय

तथ्य परक ज्ञान के लिए  पुस्तक और पुस्तकालय ही महत्वपूर्ण-प्रो अविनाश 
                  
 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में   विश्व पुस्तक  दिवस के अवसर पर  पुस्तक की महत्ता पर गोष्ठी आयोजित  की गई ।
गोष्ठी में मानद पुस्तकालयाध्यक्ष प्रोफेसर मानस पांडेय ने  कहा कि 23 अप्रैल 1995 को पहली बार यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गई थी  इसी क्रम में वर्ष 2001 से भारत सरकार ने विश्व पुस्तक दिवस मनाने की शुरुआत की है ।उन्होंने कहा कि पुस्तकें व्यक्ति के ज्ञान के विकास में  बहुत बड़ी भूमिका का निर्वहन करती हैं । इसीलिये कहा गया है कि अकेलेपन से बचने के लिए पुस्तकों से दोस्ती करनी चाहिए । परम्परागत रूप से हमारा ज्ञान,कौशल,संस्कृति एवं सभ्यता के उच्चतम आदर्शों का चित्रण भी  पुस्तकों से ही होता है। विषय का संपूर्ण ज्ञान अर्जित करने के लिए पुस्तकों का अध्ययन बहुत ही आवश्यक है  ।
प्रबंध अध्ययन संकाय  के संकायाध्यक्ष  प्रो अविनाश पाथर्डिकर ने पुस्तकों के प्रति जिज्ञासा बनाये रखने के लिए विद्यार्थियों का आवाहन किया।  उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर  सर्च इंजन से ज्ञान प्राप्त करने की प्रवृत्ति   उचित नहीं है। तथ्य परक ज्ञान के लिए आज भी पुस्तक और पुस्तकालय ही महत्वपूर्ण   है. उन्होंने कहा कि
 पुस्तकालयों में युवाओं की कम उपस्थिति चिंताजनक है  इसके लिए  हम सभी को युवाओं को प्रोत्साहित करना होगा।  
इस अवसर पर जन संचार विभाग के अध्यक्ष  डॉ मनोज मिश्र,केंद्रीय पुस्तकालय के  डॉ विद्युत् मल्ल, अवधेश प्रसाद,द्विजेन्द्र दत्त उपाध्याय,श्रुति राय,अवनीश पांडेय,प्रियंका सिंह,राजेश्वरी यादव,सुशील कुमार  एवं आशुतोष उपाध्याय उपस्थित रहे।

पाठ्यक्रम में ज्ञान, कौशल और व्यवहार का समावेश जरूरी: प्रो. विक्रम सिंह

आउट बेस्ड एजुकेशन की दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के
विद्युत अभियंत्रण विभाग, अभियांत्रिक एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा
दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन शनिवार को आर्यभट्ट सभागार में 
आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यशाला में जेसी बोस यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी फरीदाबाद के मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा
कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का ध्यान कौशल विकास पर केंद्रित है।विद्यार्थियों को पारंगत रखने के लिए पाठ्यक्रम में ज्ञान, कौशल और व्यवहार का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम का निर्माण हो। उन्होंने प्रश्नपत्र निर्माण की बारीकियों को विस्तार से बताया।
भारतीयों के जुगाड़ जैसे उदाहरण को उन्होंने इस संदर्भ में इनोवेशन बताया।
जेसी बोस यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर मुनीश वशिष्ठ ने कहा कि छात्रों को परिणाम आधारित शिक्षा से लाभ ही लाभ है अभी चूंकि इससे लोग परीचित नहीं है इसलिए लोगों को कठिनाई महसूस हो रही है। छात्रों के लिए इसके दूरगामी अच्छे असर आने की संभावना है इसमें छात्रों की अंकों के लिए अंधी दौड़ रुकेगी।
जेसी बोस यूनिवर्सिटी के प्रो. आशुतोष दीक्षित ने कोर्स आउटकम ‌और प्रोग्राम आउटकम के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
समापन सत्र की अध्यक्षता इंजीनियरिंग संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने और धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने  संचालन डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने किया। कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ रजनीश भास्कर ने सभी अतिथियों का आभार जताया कि बहुत ही कम समय में उन्होंने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया। तकनीकी सहयोग सत्यम उपाध्याय ने‌ किया। 
इस अवसर पर  प्रो. वंदना राय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. राजकुमार, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता,  डॉ.रसिकेश, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. परमेंद्र विक्रम सिंह, सहायक कुलसचिव बबिता सिंह, डॉ. मंगला प्रसाद, जया शुक्ला,  सौरभ कुमार, अनुराग सिंह, मनीष कुमार गुप्ता समेत सभी शिक्षक मौजूद थे।

Friday 22 April 2022

पृथ्वी दिवस पर महिला छात्रावास में हुई पोस्टर प्रतियोगिता

पृथ्वी दिवस पर महिला छात्रावास में  हुआ पोस्टर प्रतियोगिता
ट्रांजिट हॉस्टल में शिक्षकों ने किया पौधरोपण

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शुक्रवार को पृथ्वी दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर पृथ्वी दिवस की थीम हमारा गृह पृथ्वी का संरक्षण एवं पर्यावरण को रखकर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह समारोह आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर मिशन शक्ति फेस - 4 के अंतर्गत लक्ष्मीबाई महिला छात्रावास में मनाया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य की प्रेरणा से विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी हर दिवस को गंभीरता के साथ मनाते हैं। कार्यक्रम सचिव डॉक्टर पूजा सक्सेना ने अतिथियों का स्वागत किया। निर्णायक मंडल में डॉ मुक्ता राजे डॉक्टर जया शुक्ला डॉ अनीता सिंह डॉ प्रियंका रहीं। छात्राओं का हौसला अफजाई मिशन शक्ति के डॉक्टर जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया। प्रतियोगिता में प्राची तनु पांडे सरोजिनी निधि अनुष्का ने तो पूजा सोनाली नंदनी अनन्या अनामिका आदि छात्राओं ने भाग लिया ‌। इसी बीच शिक्षकों के ट्रांजिट हॉस्टल में पौध रोपण का कार्यक्रम किया गया है। इस अवसर पर डॉ विनय वर्मा ने कहा कि पृथ्वी सुरक्षित रहेगी तभी हम सुरक्षित रहेंगे। ऐसे में हमें चारों तरफ हरियाली लाकर प्रकृति के संतुलन को बनाना जरूरी है। इस अवसर पर डॉ विवेक कुमार पाण्डेय, डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह, डॉ दीप सिंह, डॉक्टर अनीश, अवधेश कुमार मौर्या, डॉ डॉक्टर दिनेश कुमार आदि उपस्थित रहे ।

कक्षा में विद्यार्थियों के मन को बांधने की जरूरत : प्रो. निर्मला एस. मौर्य

ज्ञान, कौशल और मनोदृष्टि से ही गुणवत्तापरक परिणाम: प्रो. विक्रम सिंह
आउट बेस्ड एजुकेशन की दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ उद्घाटन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के
विद्युत अभियंत्रण विभाग, अभियांत्रिक एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा
दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को आर्यभट्ट सभागार में किया गया। इसका विषय था,
आउटकम बेस्ड एजुकेशन।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा कि जो शिक्षक पढ़ाता है वह आउटकम नहीं है विद्यार्थी जो समझ कर दूसरे को बताता है वह आउटकम होता है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान, कौशल और मनोदृष्टि तीन महत्वपूर्ण घटक हैं। इसी के माध्यम से सकारात्मक और गुणवत्तापरक परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। उनका मानना है कि शिक्षा की गुणवत्ता में वातावरण, प्रक्रिया, शिक्षार्थी , विषयवस्तु बहुत ही सहायक हैं।
उद्घाटन सत्र में बतौर अध्यक्ष  विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि शिक्षक और शिक्षार्थी को ईमानदार बनाने के लिए परिणाम आधारित शिक्षा जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो हम सीखते हैं उसे अपने जीवन और समाज में उतारें तभी शिक्षा की सही उपयोगिता दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य अपने पाठ्यक्रम को गुणवत्तापरक बनाने की डिजाइन के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए संस्थान, कोर्स, टीचर, विद्यार्थी, योग्य विद्यार्थी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कक्षा में विद्यार्थियों के मन को बांधने  की जरूरत है तभी उसका मस्तिष्क काम करेगा और शिक्षा का आउटकम निकलेगा।
इसके पूर्व इंजीनियरिंग संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने कार्यशाला की रूपरेखा रखी। आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ. धर्मेंद्र सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रजनीश भास्कर ने किया।
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, प्रो. मुनीश वशिष्ठ, प्रो. आशुतोष दीक्षित, प्रो. वंदना राय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. रामनारायण, प्रो. एके श्रीवास्तव, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ.प्रदीप कुमार, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ. सुरजीत यादव, डॉ. रवि प्रकाश, डॉ. नुपुर तिवारी, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ.रसिकेश, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. अमरेंद्र सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. नीतेश जायसवाल, सहायक कुलसचिव बबिता सिंह, डॉ. मंगला प्रसाद, सत्यम उपाध्याय, जेपी लाल, जया शुक्ला, पूनम सोनकर, सौरभ कुमार, अनुराग सिंह, मनीष कुमार गुप्ता समेत सभी शिक्षक मौजूद थे।

आधुनिक परीक्षण से रोक सकेंगे महामारी -डॉ डीटी मौर्य

 गुरुवार 21 अप्रैल को  विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेवलपमेंट और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सेमिनार जूनोटिक डिजीज और पब्लिक हेल्थ इंपोर्टेंस की अध्यक्षता कर रही कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य ने कहा की ये सेमिनार वर्तमान परिपेक्ष्य में बहुत ही प्रासंगिक है। उन्होंने बहुत सारे पशुजन रोगों का उदाहरण देते हुए कहा की हमे सतर्क व सावधान रहने की आवश्यकता है व इस विषय पर सेमिनार होते रहने चाहिए। उन्होंने एक कविता के माध्यम से कोविड के समय को भी सकारात्मक रूप से लेने के लिए कहा की कभी कभी जीवन में खामोशी भी चाहिए।सी सी एच एफ जिसे क्रिमियन कांगो रक्तस्रवी बुखार कहा जाता हैं यह वायरस गंभीर वायरल रक्तस्रवि बुखार के प्रकोप का कारण बनता है । यह वायरस मुख्य रूप से टिक और पशुओं से लोगो में फैलता है। यह वायरस हायलोमा टिक से पैदा होता है , मनुष्य के संपर्क से भी यह वायरस फैलता है । घर पर पाले जाने वाले पशुओं के चमड़ी से चिपके रहने वाला हिमोरल नामक परजीवी कांगो रोग का वाहक है । इस लिए इसकी चपेट में आने का खतरा उन लोगो को ज्यादा रहता है जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि के संपर्क में रहते है इसके मुख्य लक्षण सर दर्द, बदन दर्द और रक्तस्राव हैl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर डी टी मौर्य आई सी एम आर चेयर फॉर वायरोलॉजी एंड जूनोसेस आई सी एम आर डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ  एंड फैमिली वेलफेयर, नई  दिल्ली l डॉक्टर डी टी मौर्य सर ने सेमिनार में बताया कि जब वो जानवरों पर सी सी एच एफ का टेस्ट कर रहे थे तो जो लक्षण जानवरों में मिला उसके बाद यह लक्षण मानवों में भी पाया गया जो उनके लिए भी आश्चर्य जनक था । सी सी एच एफ के प्रकोप में मृत्यु दर 30 से 60 प्रतिशत है । इस वायरस का लोगो या जानवरों के लिए कोई भी टीका उपलब्ध नही हैबायो सेफ्टी लेवल 3 और 4 लैब दुनिया में चुनिंदा जगहों पर ही है, जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी एक है। सेंटर फॉर डिजिज कन्ट्रोल एण्ड प्रिवेंशन ने बायो सेफ्टी लैब को 4 श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें CCHF रिस्क ग्रुप 4 में आता है। हमारे पास मौजूदा माइक्रोबियल कंटेनमेंट काम्प्लेक्स में पहले से ही एक बी एस एल 3+ प्रयोगशाला है, लेकिन बी एस एल 4 के साथ हमारे पास अटलांटा में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के बराबर दुनिया की सबसे अच्छी प्रयोगशाला होगी, डी टी मौर्य (आई सी एम आर, चेयर फॉर वायरोलाॅजी एण्ड जूनोसिस) ने हमें बताया और उन्होंने पहले से ही ऐसे लोगों को प्रशिक्षित किया है जिनकी इस प्रयोगशाला तक पहुंच होगी।  कार्यक्रम की संयोजक- प्रोफेसर वंदना राय, आयोजन सचिव- डॉ प्रदीप कुमार, आई क्यू एसी- प्रोफेसर मानस पाण्डेय और विभागाध्यक्ष बायोटेक्नोलाॅजी प्रोफेसर राम नरायन थे






 कार्यक्रम की संयोजक- प्रोफेसर वंदना राय, आयोजन सचिव- डॉ प्रदीप कुमार, आई क्यू एसी- प्रोफेसर मानस पाण्डेय और विभागाध्यक्ष बायोटेक्नोलाॅजी प्रोफेसर राम नरायन थेl 

Monday 18 April 2022

विश्व धरोहर दिवस पर जनसंचार विभाग में गोष्ठी का हुआ आयोजन

वर्तमान दौर में जलवायु और धरोहर दोनों पर है संकट- डॉ. विजयेंदु

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा सोमवार को विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया.गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजयेंदु चतुर्वेदी ने कहा कि जन माध्यमों ने धरोहरों के संरक्षण में बड़ी भूमिका अदा की है. जनमाध्यम  खबरों के द्वारा  निरंतर धरोहरों के रखरखाव के प्रति  शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते रहते है.उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर दिवस की इस बार की थीम धरोहर और जलवायु है. यह  विषय बहुत ही संवेदनशील है. वर्तमान दौर में जलवायु और धरोहर दोनों पर संकट है. इसकी सुरक्षा मानव ही कर सकता है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ताजमहल विश्व धरोहर है जिस पर प्रदूषण के खतरे को मीडिया ने बार- बार उठाया है.

जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि धरोहरों को सहेजने की जरूरत है इससे हमारी पहचान जुड़ी है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और विरासत पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है.  भारत में वर्तमान में  40 यूनेस्को विश्व विरासत स्थल हैं वह आगे की पीढ़ी के लिए सुरक्षित रहे यह सबकी जिम्मेदारी है. इसी क्रम में डॉ अवध बिहारी सिंह ने कहा आज कई वेबसाइटों पर धरोहरों से संबंधित  गलत सूचनाएं उपलब्ध है. सही जानकारी के लिए प्रतिष्ठित  वेबसाइटों से ही जानकारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश की धरोहरें हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर  रही है. कार्यक्रम का संचालन गोष्ठी के संयोजक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर एवं धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रभारी डॉ सुनील कुमार ने किया. इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे. 

Saturday 16 April 2022

डॉ. आंबेडकर समतामूलक समाज के प्रणेता : प्रो. देवराज


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित विश्वकर्मा छात्रावास में डॉ भीमराव आंबेडकर की जन्मजयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर छात्रावास के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ आंबेडकर ने भारतीय समाज में फैली छुआछूत को दूर करने तथा समाज के शोषित, वंचित व पिछड़ों मुख्य धारा में लाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। भारत के संविधान निर्माता के रूप में उन्होंने समतामूलक समाज के निर्माण हेतु अद्वितीय प्रयास किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ श्याम कन्हैया ने छात्रों को बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बाबा साहब के जीवन संस्मरणों का छात्रों के साथ साझा किया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विश्वकर्मा छात्रावास के वार्डेन तथा मुख्य वक्ता डॉ नितेश जायसवाल ने कहा कि डॉ भीमराव आंबेडकर दलित, शोषित, वंचित व पिछड़ों के प्रेरणा स्त्रोत है । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में भारत के संविधान निर्माण महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। स्वतंत्रता पूर्व कोलंबिया विश्वविद्यालय व लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर व डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले डॉ. आंबेडकर अपने समाज से पहले भारतीय थे। डॉ आंबेडकर से आज का युवा पीढ़ी प्रेरणा प्राप्त कर शिक्षा के माध्यम से अपने समाज व देश को आगे ले जा सकता है। डॉ आंबेडकर ने राजनीति, विधि, कानून व अर्थशास्त्र पर कई शोध स्तरीय पुस्तके लिखी। 
डॉ. जायसवाल ने बताया की स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व ही वह बॉम्बे विधान परिषद व विधान सभा के सदस्य रहे। स्वतंत्र भारत में वह बाम्बे से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होकर देश के पहले कानून व न्याय मंत्री बने। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में में उनके योगदान को दृष्टिगत रखते हुए 1990 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।  संगोष्ठी का संचालन और अतिथियों का स्वागत छात्रावास के अंतःवासी राहुल कुमार ने किया। इस मौके पर छात्रावास के कर्मचारी इंद्राज, अर्जुन, विरेंदर, राहुल तथा छात्रावास के सभी अंतःवासी मौजूद रहे।

पीयू में अंबेडकर जयंती पर हुए कई कार्यक्रम

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के  शोध व नवाचार केंद्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह मनाया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य की प्रेरणा से मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ रसिकेश ने डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकता विषय पर अपने विचार को रखा। डॉ रसिकेश ने कहा कि डॉ अंबेडकर ने किसी जाति विशेष की बात न करके भारत को संविधान जैसी अनमोल कृति दी । उनके हर शब्द और विचार आज भी प्रासंगिक और अनुकरणीय है। वह दलितों के मसीहा नहीं सर्वसमाज को नई दिशा देने वाले महापुरुष थे।
कार्यक्रम में नीरज श्रीवास्तव ने युग परिवर्तन गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। युवा छात्र नेता उद्देश्य सिंह ने सभी छात्रों व अतिथियों को बालिका सुरक्षा शपथ मिशन शक्ति फेज चार के तहत दिलाई और अपने विचार साझा किया। मिशन शक्ति की सदस्य डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। डॉ श्रीवास्तव ने बताया गूगल मीट के माध्यम से पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों को जोड़ा गया। डॉ राकेश यादव समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना ने महाविद्यालयों को कार्यक्रम से जोड़ा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो वीडी शर्मा ने डॉ अंबेडकर के विचारों पर विस्तृत चर्चा की और डॉ अंबेडकर के विचारों को युग परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण कारक बताया। 
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के छात्रों ने भाषण में प्रतिभाग किया, जिसमें आस्था गुप्ता व नेहा गुप्ता को प्रथम पुरस्कार , गिरीश मिश्र व सचिन कुमार को द्वितीय पुरस्कार , मोनिका  मौर्य को तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
सर्वप्रथम डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्जन व द्वीप प्रज्ववलन किया गया। 
धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनीता सिंह व कार्यक्रम का संचालन डॉ विनय वर्मा व डॉ सोनम झा ने किया। कार्यक्रम में डॉ राजेश कुमार, उद्देश्य सिंह, राज वंश पटेल , आलोक मिश्र, सौरभ कन्नौजिया , शिवभूषण सिंह , विवेक पांडेय , आलोक मौर्य , शनि सरोज , प्रिंस त्रिपाठी , उद्देश्य सिंह , उग्रसेन यादव सहित समस्त छात्र उपस्थित रहे।

Monday 11 April 2022

विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए एमओयू आज की जरूरतः कुलपति

पीयू और एसएसआरडीपी बंगलुरू के बीच हुआ एमओयू

मानव को तनावमुक्त बनाना संस्था का उद्देश्यः आरएन मेरानी

 जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर और श्रीश्री रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम ट्रस्ट (एसएसआरडीपी) बंगलुरू के बीच सोमवार को कुलपति सभागार में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। यह एमओयू पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य और एसएसआरडीपी के चेयरमैन आरएल मेरानी ने किया। इससे दोनों संस्थाओं के बीच अंतर संस्थागत टीचिंग, रिसर्च, फैकल्टी, कौशल विकास प्रशिक्षण और स्टूडेंट प्रोग्राम के साथ-साथ एक दूसरे लोगों की सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आदान- प्रदान होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष्य में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को वोकेशनल प्रोग्राम के अंतर्गत आनलाइन माध्यम से योगा इंस्ट्रक्टर प्रशिक्षण एवम आग्रेनिक खेती का कौशल सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण प्रात्त विद्यार्थियों को नेशनल स्किल डेवलपमेंट कार्पोरेशन के फ्रेमवर्क के अंतर्गत प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा जिससे विद्यार्थी रोजगार भी प्राप्त कर सकेंगे।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विश्वविद्यालय को अच्छी उंचाई देने के लिए एमओयू आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भागदौड़ की जिंदगी में सवाल ही होते हैं उनका उत्तर नहीं आता। आर्ट आफ लीविंग उसी का जवाब है। मन को नियंत्रण में रखने से सब कुछ नियंत्रित हो जाता है। एसएसआरडीपी से समझौता का मूल मकसद यही है।

इस अवसर पर एसएसआरडीपी के चेयरमैन आर.एल. मेरानी ने कहा कि बाहर की प्रकृति को ठीक करने के लिए मन के अंदर की प्रकृति को भी ठीक करना होगा। उन्होंने अध्यात्म को परिभाषित करते हुए कहा कि खुद को जो अच्छा न लगे उसे दूसरे पर ना थोपे, यहीं अध्यात्म है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था सरकार के साथ मिलकर किसानों को उत्पादनकर्ता के साथ-साथ व्यवसायिक भी बनाना चाहती है, लेकिन लोगों का स्ट्रेस कम करना हमारा मूल उद्देश्य है। यहां हर आदमी को सहज करके उनके तनाव को खत्म किया जाता है। इसके लिए उन्होंने दस मिनट तक ध्यान का अभ्यास कराकर तनाव दूर करने के टिप्स दिए। एसएसआरडीपी की तरफ से अनुराग सिंह और निहारिका श्रीवास्तव भी शामिल थीं।

इस एमओयू के संयोजक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने एमओयू की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन एमओयू के नोडल अधिकारी डा. मनोज पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मानस पांडेय ने किया। इस अवसर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. वंदना राय, प्रो. देवराज सिंह, डा. प्रदीप कुमार, डा. मनोज मिश्र, डा. प्रमोद यादव, डा. रजनीश भास्कर, डा. आशुतोष सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. रसिकेश, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. जाह्नवी श्रीवास्तव, अन्नु त्यागी, डा. अनुराग मिश्र, करुणा निराला, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, बबिता सिंह समेत कई शिक्षक मौजूद थे।

Thursday 7 April 2022

ग्रेप लिंग पुरुष, महिला प्रतियोगिता में पीयू को द्वितीय स्थान

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक हरियाणा में हुई प्रतियोगिता

कुलपति ने खेलकूद परिषद को दी बधाई

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के खिलाड़यों ने एक और उपलब्धि हासिल कर विश्वविद्यालय को नाम रोशन किया है। बुधवार को खेलकूद परिषद ने कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य से मिलकर विजेता शील्ड भेंट किया। पीयू की पुरुष एवं महिला टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर विश्वविद्यालय को शील्ड दिलाया।

अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय ग्रेप लिंग पुरुष एवं महिला प्रतियोगिता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक हरियाणा में 31 मार्च 2022 से 4 अप्रैल 2022 तक संपन्न कराई गई। इसमें विश्वविद्यालय की पुरुष एवं महिला टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया।  इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि पीयू के विद्यार्थी खेलकूद में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं जो हमारे विश्वविद्यालय के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विजयी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन में कोई कमी नहीं करेगा। कुलसचिव और खेलकूद परिषद के सचिव ने कहा कि हमारे खिलाड़ी और खेलकूद परिषद के सभी लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके चलते लगातार हमारा प्रदर्शन अच्छा हो रहा है। इसी के साथ विश्वविद्यालय के अधिकारियों शिक्षकों और कर्मचारियों ने जीत पर खुशी का इजहार करते हुए खेलकूद परिषद को बधाई दी। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय प्रो. मानस पांडेय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. देवराज सिंह, डा. विजय तिवारी, अशोक सिंह,  डॉ प्रदीप कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डा. सुनील कुमार, डा. राजेश सिंह, रजनीश सिंह, अरूण आदर्श,  डॉ पीके कौशिक, अशोक सिंह, डॉ सुशील प्रजापति, डॉक्टर आरके जैन समेत कई शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए जीवनशैली प्रबंधन ठीक करें: डा. वीएस उपाध्याय

शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरीः प्रो. निर्मला एस. मौर्य

विश्व स्वास्थ्य़ दिवस पर पीयू में हुई संगोष्ठी

डायबिटीज जागरूकता के लिए हुई पोस्टर प्रतियोगिता

जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर हमारा ग्रह,  हमारा स्वास्थ्य विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें डायबिटीज और हृदय रोग से बचाव के बारे में जानकारी दी गई।
यह संगोष्ठी फार्मेसी विभाग और जौनपुर लायंस क्लब की ओर से आयोजित किया गया है।

मुख्य  अतिथि  ह़ृदय और डायबीटिज रोग विशेषज्ञ डॉ. वी. एस. उपाध्याय ने कहा कि आज कि भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली ने सबसे अधिक युवा पीढ़ी को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि दवा के साथ साथ हमें अपनी लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट को ठीक करना होगा। उन्होंने डायबिटीज और हृदय रोग से बचाव हेतु विस्तार से बताते हुए कहा कि आधी उम्र तो आराम से गुज़र जाती हैं लेकिन अगली आधी उम्र में चिकित्सक व दवाओ का सहारा लेना पड़ता है, बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि पहले से ही अपनी जीवन शैली प्रबंधन को बेहतर बनाये। उन्होंने कहा कि डायबिटीज से ग्रसित मरीज को ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखना दिल की बीमारी के लिए बहुत जरूरी है। व्यायाम करके इसे बचा जा सकता है
डायबिटीज के बढ़ने पर व्यक्ति को हार्ट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज और हार्ट डिजीज के बीच मजबूत कनेक्शन है। दोनों बीमारी बीपी, कोलेस्ट्रॉल और और मोटापे के बढ़ने से होती हैं, इसलिए समय रहते अगर डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया गया, तो हार्ट डिजीज होना निश्चित है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करतीं हुई विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.‌निर्मला एस. मौर्य‌ ने सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया का जिक्र करते हुए कहा कि इस ग्रह पर जो भी बीमारी पैदा हो रही है उनसे हमे बचना चाहिए, थकावट हमेशा मन में होता है इसलिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होना चाहिए, किसी भी बिमारी का समय से इलाज न करना सबसे बड़ी बीमारी है। उन्होंने कहा कि वेद मंत्रों में भी बीमारी के इलाज के साथ-साथ स्वस्थ्य रहने के गुण बताए गए हैं।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि व्यक्ति का स्वास्थ्य ही उसका सबसे बड़ा धन है। इसे संभालकर और संजों कर रखने की जरूरत है। इसकी प्रासंगिकता को देखते हुए विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग लाभांवित हो सके।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि डॉ. वी. एस. उपाध्याय, लायन्स क्लब जौनपुर के अध्यक्ष मदन गोपाल गुप्ता को अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न देकर प्रो. मानस पांडेय और डा. सुनील कुमार ने सम्मानित किया।
लायन्स मण्डल डायबिटीज चेयरमैन सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर डायबिटीज जागरुकता विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता हुई जिसमें प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी का संचालन डा सुशील कुमार ने और आभार डा धर्मेन्द्र सिंह और कार्यक्रम संयोजक विनय वर्मा ने किया।   
इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वंदना राय, प्रो. देवराज सिंह, डा. अशोक श्रीवास्तव, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. प्रदीप कुमार,  डा. मनोज मिश्र, डा. सुनील कुमार, डा. आशुतोष सिंह, डा. रजनीश भास्कर, डा. विवेक पांडेय, डा. प्रमोद कुमार, डा. गिरधर मिश्र, डा. मंगला प्रसाद. नीतेश जायसवाल, डा. धीरेंद्र चौधरी, डा. श्याम कन्हैया सिंह, डा. श्रवण कुमार, सचिव अशोक मौर्य,  मनोज चतुर्वेदी, डा संदीप मौर्य, डा. करूणा निराला, डा. अनुराग मिश्र आदि उपस्थित थे।