Tuesday 31 October 2023

स्थानीय उत्पादों का करें प्रयोग-कुलप

ओडीओपी से मिली स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान

खादी महोत्सव के अंतर्गत आयोजित हुआ कार्यक्रम

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में  उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के क्रम में  खादी महोत्सव का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को हथकरघा उद्योग, स्थानीय उत्पादों का अवलोकन एवं महत्व के बारे में जागरूक किया गया।  विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में स्थापित हेरिटेज गैलरी में स्थानीय उत्पादों के बारे में जानकारी दी गई।

विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में स्थानीय उत्पादों को उत्तर प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार का सक्रिय सहयोग मिल रहा  है। आज विशिष्ट और आम लोग सभी खादी के वस्त्रों और स्थानीय उत्पादों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। यह हमारे भारत की पुरातन थाती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और युवा वर्ग स्थानीय उत्पादों को अपनाकर  समाज और देश को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकता है। परंपरागत  हस्तशिल्प आज विदेश में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। आज हमारे युवा  वन डिस्ट्रिक्ट- वन प्रोडक्ट को प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने विद्यार्थियों से कहा कि कहा कि खादी वस्त्र गांधी जी का जीवन दर्शन है। उन्होंने कहा जब आप एक खादी का वस्त्र खरीदते हैं तो आप हथकरघा  उद्योग एवं भारत के हस्तशिल्प को मजबूत करते हैं।विद्यार्थियों को इस भाव को अपने मन में रखते हुए स्थानीय उत्पादों को प्रमुखता के साथ अपनाना चाहिए और अपने परिवार में भी इसके लिए प्रयास करना चाहिए। हेरिटेज गैलरी के नोडल अधिकारी डॉ.  दिग्विजय सिंह राठौर ने जौनपुर जनपद की दरी एवं गाजीपुर जनपद के जूट वॉल हैंगिंग एक जिला एक उत्पाद के बारे में जानकारी दी ।   स्वागत प्रोफेसर मानस पांडे द्वारा एवं आभार प्रदर्शन जनसंचार विभाग अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर द्वारा किया गया।इसके पूर्व विद्यार्थियों को  गाजीपुर एवं जौनपुर के हथकरघा उद्योग के उत्पादों  से रूबरू कराया गया। युवाओं में खादी उत्पादों की सम्यक जानकारी देते हुए  खादी उत्पाद अपनाने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर प्रो. ए.के. श्रीवास्तव, प्रो बी डी शर्मा  प्रो संदीप सिंह, प्रो रजनीश भास्कर, श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. विद्युत कुमार डॉ राहुल कुमार राय  सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

वल्लभ भाई पटेल का व्यक्तित्व आज भी देता है ऊर्जाः कुलपति

 पीयू में हुआ रन फॉर यूनिटी का आयोजन 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मंगलवार को  लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दौड़ रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। इस दौड़ में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों एवं विभागों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने हरी झंडी दिखाकर इस दौड़ की शुरुआत की। इसके पूर्व सरस्वती सदन के सामने सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। 

उन्होंने कहा कि भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल का व्यक्तित्व हमें आज भी ऊर्जा देता है। उन्होंने कहा कि समाज में सद्भाव हो इसके लिए सभी को मिलकर समभाव से काम करना चाहिए।  मिशन शक्ति 4.0 के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण का  संदेश देते हुए एकता दौड़ का आयोजन किया गया ।  इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक बी.एन. सिंह, उप कुलसचिव  अमृत लाल, सहायक कुलसचिव बबिता सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. बी.डी शर्मा, डॉ. मनोज मिश्र,डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. सुनील कुमार,  डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. वनिता सिंह, समेत अन्य लोग मौजूद रहे


Saturday 28 October 2023

पर्यावरण के विषाक्त पदार्थ को नियंत्रित कर सकते हैं सूक्ष्म जीव और पौधेः प्रो. प्रत्यूष शुक्ला

कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल राज्यपाल उत्तर प्रदेश एवं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की प्रेरणा से व्याख्यानमाला श्रृंखला के कड़ी में  28 अक्टूबर शनिवार को परिसर के संकाय भवन में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय  बायोटेक्नोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर प्रत्यूष शुक्ला का व्याख्यान हुआ ।इस अवसर पर प्रोफेसर शुक्ला ने कंप्यूटेशनल टूल्स के माध्यम से कैसे हम पर्यावरण में प्रदूषकों की सांद्रता या विषाक्त प्रभाव को कम करने के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में तकनीक के विकसित होने से आज कंप्यूटेशनल टूल के माध्यम से सूक्ष्म जीवों के जीन को एडिटिंग करके डिजाइनर सूक्ष्मजीव बनाए जा सकते हैं जिनका प्रयोग विषाक्त पदार्थ के प्रभाव को नियंत्रण में किया जा सकता है। कैडमियम, क्रोमियम, सीसा, एल्युमीनियम, आर्सेनिक और एंटीमनी जैसी भारी धातुओं से दूषित मिट्टी वाली जगहों पर इस तकनीक की तेजी से जांच और उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय ऐसा है जिसमें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों के अध्ययन से बहुत सारे आकंड़े उत्पन्न हो रहे हैं उनके लिए कंप्यूटर आधारित सॉफ्टवेयर का प्रयोग लाभदायक होगा। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा आतिफा हफीज और स्वागत प्रोफेसर रामनारायण द्वारा किया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा  संकायाध्यक्ष विज्ञान संकाय प्रोफेसर राजेश शर्मा ने रखी। धन्यवाद ज्ञापन बायोटेक्नोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर मनीष कुमार गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों के शिक्षक  डॉ. एसपी तिवारी, डॉ सुधीर उपाध्याय , डॉ संजीव मौर्य, ऋषि श्रीवास्तव , डॉ सिपाही लाल पटेल, डॉ दिनेश कन्नौजिया एवं छात्र उपस्थित रहे।

Friday 20 October 2023

देश का आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण पर हो आधारितः प्रो. एच.सी.पुरोहित

प्रबंध अध्ययन संकाय  में द्विदिवसीय कार्यशाला का आयोजन    

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय  में  शुक्रवार को व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग द्वारा सस्टेनेबल इकोनामिक डेवलपमेंट  विषयक    द्विदिवसीय कार्यशाला का आयोजन    किया गया । कार्यशाला  के मुख्य वक्ता प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं दून विश्वविद्यालय देहरादून के फैकल्टी आफ मैनेजमेंट के संकायाध्यक्ष  प्रो.  एच. सी. पुरोहित ने कहा कि  वर्तमान आर्थिक विकास मॉडल  पारिस्थितिकी तंत्र पर आधारित है । अब  देश का आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बगैर भविष्य का आर्थिक विकास समीचीन नही होगा । उन्होंने उदाहरण के जरिये विद्यार्थियों को अर्थव्यवस्था को  बढ़ाने वाले कारक , जीडीपी, जीएनपी एवं  वर्तमान में चल रही सभी अर्थव्यवस्था के मॉडलों पर चर्चा की ।  उन्होंने कहा कि सतत विकास के माडलों का मूल  वेदों और भारतीय  दर्शन में  विद्यमान  है । वर्तमान में चल रहे सभी अर्थव्यवस्था के मॉडलों की तुलना करते हुए  उन्होंने बताया कि सतत विकास व विकास का  ऐसा मॉडल होना चाहिए जो कि भावी पीढ़ी की जरूरतों को पूरा कर करे और  वर्तमान पीढ़ी की आशा के अनुरूप  हो । उन्होंने  कहा  कि ऐसे  मॉडल से भारतीय दर्शन के द्वारा ही समूचे विश्व को इस क्षेत्र में सार्थक सन्देश  दिया जा सकता है । स्वागत विभागाध्यक्ष  प्रो. मानस पांडेय, संचालन डॉ. आशुतोष सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने किया ।  इस अवसर पर डॉ अमित  वत्स,  डॉ राकेश उपाध्याय, डॉ सुशील कुमार , डॉक्टर निशा  पांडे,  डॉ अंजनी,  डॉ रोहित पांडे , डॉ सौरभ , नितिन, राहुल सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे। 


 

Thursday 19 October 2023

मन से पढ़े, सपने होंगे साकार- कुलपति

प्रेरणा कोचिंग के ग्रामीण बच्चों से मिली कुलपति

प्रेरणा कोचिंग से 1700 से अधिक बच्चे हुए लाभान्वित

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने  गुरुवार को प्रेरणा निशुल्क कोचिंग देवकली में पढ़ने वाले बच्चों से मुलाकात की, सवालों को पूछा और ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाया भी.  कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रेरणा निशुल्क कोचिंग में अपना योगदान देना बहुत ही नेक काम है. उनकी लगन और मेहनत का असर है कि  गांव के बच्चों के चेहरे पर मुस्कान है.  उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा मन लगाकर पढ़े यही पढ़ाई आपके सपने को साकार करेगी.


गौरतलब है कि विश्वविद्यालय से सटे देवकली गांव में वर्ष २०१४  से ग्रामीण बच्चों के लिए निशुल्क कोचिंग संचालित की जाती है.  इसमें विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बच्चे अपनी सेवा देते हैं और ग्रामीण बच्चों को कोचिंग पढ़ाते हैं.  वर्तमान वर्ष में इस नि:शुल्क कोचिंग से 151 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं. प्रेरणा कोचिंग में  एलकेजी से 12 वीं तक में पढ़ने  वाले बच्चे आते है.   शुरुआत में कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों जो कि इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संकाय के विद्यार्थी थे उनकी  संख्या 8 थी. इस समय 22 विद्यार्थी अपनी सेवा दे रहे है. प्रेरणा कोचिंग के समन्वयक डॉ. राजकुमार ने कोचिंग की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला एवं विद्यार्थियों से परिचय कराया. उन्होंने कहा कि  अभी तक इस कोचिंग से 1708 बच्चे लाभान्वित हुए हैं. इस अवसर पर  कोचिंग पढ़ाने वाले  अभिषेक,आनंद यादव, ओमप्रकाश, विकास, सौरभ, आदित्य, अभिजीत, कौशल, अमन, स्वर्णिम, अफ़जल अली, आयुष यादव उपस्थित रहे.

Monday 16 October 2023

इंटरनेट एडिक्शन एक मनोवैज्ञानिक बीमारीः प्रो. अजय प्रताप सिंह

साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता जरूरीः  डॉ. मनोज मिश्र

स्वयं से करें इंटरनेट पर अपनी निजता का निर्धारणः डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर
पीयू में हुआ साइबर अपराध से बचाव हेतु कार्यशाला का आयोजन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में सोमवार को जनसंचार विभाग एवं साइबर क्लब द्वारा साइबर अपराध से बचाव हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि लोगों में इंटरनेट एडिक्शन बढ़ता जा रहा है। मनोविज्ञान में अब डीएसएम 5 के तहत इंटरनेट एडिक्शन एक बीमारी के अंतर्गत आ गई है।
उन्होंने कहा कि असली दुनिया को छोड़कर इंटरनेट की आभासी दुनिया में लोग अपना बहुत सारा समय अनावश्यक बर्बाद कर रहे हैं और साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह तय करना होगा कि इंटरनेट फ्री है या हम फ्री हैं।
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने कहा कि समय बदल रहा है। मोबाइल और इंटरनेट हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं। आए दिन साइबर अपराध के मामले हमारे आस-पास सुनने को मिलते है। ऐसे में आवश्यकता है कि हम स्वयं से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि अगर हमारे साथ साइबर अपराध हो जाता है तो हमें बिना किसी डर या शर्म के उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता ही महत्वपूर्ण है।
मुख्य वक्ता साइबर क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि इंटरनेट पर हमें अपनी निजता स्वयं से निर्धारित करनी होगी। सोशल मीडिया पर जिन लोगों से परिचित न हों उनके रिक्वेस्ट या मैसेज पर कभी भी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने तमाम तरह के साइबर अपराधों के बारे में बताया और बचाव हेतु सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि अपनी किसी भी निजी तस्वीर को साझा नहीं करना चाहिए। वित्तीय साइबर फ्रॉड होने पर भारत सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल संपर्क करें।
कार्यक्रम का संचालन संस्कार श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर डॉ. अनु त्यागी, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. मनोज कुमार पांडेय, डॉ. राहुल राय और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

Thursday 12 October 2023

सही इलाज, नियमित खान-पान से टीबी रोग का होगा सफाया : कुलपति


क्षय रोग से मुक्ति के विश्वविद्यालय का प्रयास सराहनीय: सुनील यादव 

पीयू के गोद लिए क्षय रोगियों को वितरित किया गया पोषण सामग्री

 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला में आयोजित हुआ कार्यक्रम 

 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए क्षय रोगियों को पोषण सामग्री वितरण का कार्यक्रम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कंरजाकला में आयोजित किया गया। टीबी रोगियों को नियमित दवाओं व खान-पान के प्रति जागरूक किया गया।

 प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा जिले में 1129 टीबी रोगियों को गोद लिया गया है, जिनकों समय-समय पर पोषण सामग्री वितरित की जाती। इस क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करंजाकला के सभागार में पोषण सामग्री का वितरण किया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो वंदना सिंह व विशिष्ट अतिथि करंजाकला ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि एवं भाजपा नेता सुनील कुमार यादव 'मम्मनने 71 क्षय रोगियों को पोषण सामग्री वितरित कर उपचार के लिए जागरूक किया।

कुलपति प्रो वंदना सिंह ने कहा कि अब टीबी का इलाज पूरी तरह से आसान हैबशर्ते उसमें दवा व खानपान के दिशा -निर्देशों का पालन करना होगा। सही इलाज व नियमित खानपान से ही टीबी रोग का सफाया होगा। प्रधानमंत्री टी.बी.मुक्त भारत अभियान से अब टीबी रोगियों में भारी कमी आई है। इसके लिए सबको चेतना होगा तथा टीबी रोगियों के उपचार में सभी के सहयोग से ही 2025 तक भारत टीबी मुक्त हो सकेगा।

 

विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता सुनील यादव 'मम्मनने कहा कि प्रधानमंत्री के इस अभियान से देश में अब टीबी रोग का खात्मा अंतिम दौर में पहुंच चुका है और निश्चित ही इससे घबराने की जरूरत नहीं हैसरकार के निर्देश पर तमाम संस्थाएं उपचार के लिए हर संभव सहयोग दे रही है।इसमें जो जिस तरह के सहयोग की जरूरत पड़ेगी विकास खण्ड से किया जाएगा। कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि टीबी रोग से घबराएं नहीं बल्कि यह अब कुछ नहीं रहा है एक सामान्य खांसी की तरह रोग है और जो दवाओं और पोषण से ठीक हो जाएगा। शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ.विजय कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने जो भी बीड़ा उठाया है उसमें शिक्षक संघ की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा और विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले सभी जिलों में टीबी रोगियों को चिन्हित कर उनका इलाज कर ठीक किया जाएगा। इस क्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राकेश सिंहजिला कार्यक्रम समन्वयक सलिल कुमार यादवप्रो बी.डी.शर्मा 

प्रो राकेश कुमार यादवडॉ अरुण कुमार ने टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरूक किया और नियमित खानपान की सलाह दी।

 

स्वागत भाषण एनएसएस समन्वयक डॉ राज बहादुर यादव ने किया तथा कार्यक्रम का आयोजन व संचालन कार्यक्रम संयोजक प्रो. राकेश कुमार यादव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन खंड विकास अधिकारी रामदुलार ने दिया।

इस अवसर पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अरुण कुमार यादव,परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंहशिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ राहुल सिंहमहामंत्री डॉ शैलेंद्र सिंहउप -कुलसचिव अमृतलाल पटेलसहायक कुलसचिव बबिता सिंह, निजी सचिव डॉ. लक्ष्मी शंकर मौर्य, डा शशिकांत यादवरमेश यादवडॉ सत्यालालसुमित सिंह, सत्यम मौर्यसंदीप यादवएस.टी.एस. रजनी मौर्य आदि मौजूद रहे।

Wednesday 11 October 2023

मानसिक रोगी तांत्रिकों के चंगुल में न फंसेः डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव

 

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर कन्हाईपुर में हुआ जागरूकता कार्यक्रम

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के व्यावहारिक मनोविज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर  अजय प्रताप सिंह , असिस्टेंट फ्रोफेसर डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अन्नू त्यागी  द्वारा मंगलवार को  कन्हईपूर, लाइन बाजार,  जौनपुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया गया। इसके अंतर्गत पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान के छात्र एवं छात्राओं  द्वारा सुव्यवस्थित नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा कर वहां के जनमानस को जागरूक किया गया। इसी क्रम में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर डा. जान्हवी श्रीवास्तव ने बताया कि जिस प्रकार शारीरिक बीमारी होती है ठीक उसी प्रकार मानसिक बीमारी भी होती है, परन्तु मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को लोग पागल या भूत– प्रेत का प्रकोप मानते हैं और उपचार हेतु किसी बाबा (तांत्रिक) के चंगुल में बुरी तरह फंस जाते हैं । इससे आर्थिक और समय की हानि तो होती ही है साथ ही साथ मानसिक बीमारी और गंभीर रूप ले लेती है। फलतः पीड़ित व्यक्तियों को किसी तांत्रिक के पास न जाकर मनोचिकित्सक से परामर्शानुसार उचित इलाज करनी चाहिए। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अन्नू त्यागी ने कहा कि मानसिक बीमारी को छुपाए नहीं बल्कि  खुलकर उस पर विचार करें । उन्होंने बताया कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय में व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग में परामर्श की सेवा उपलब्ध है पीड़ित व्यक्ति इसका लाभ उठा सकते हैं। नुक्कड़ नाटक से प्रभावित होकर कन्हाईपुर के सभासद निशि सोनकर और जयविजय सोनकर एवं वहां उपस्थित जनमानस ने छात्र-छात्राओं को अत्यधिक सराहा एवं गर्वान्वित किया। इसके पश्चात नुक्कड़ नाटक में शामिल कृति, भूमिका, प्रतिभा,  पुष्पा, शिवांगी, शिवांश, संजीव, अविनाश, प्रभाकर, विकास, अनिकेत,  सत्यप्रकाश,  अभीष्ट प्रकाश, रेशमी, अकीदा, पूजा,  कृष्णा,  अंजू, दिव्या, सोनाली, प्रिया, सृष्टि ने सहृदय लोगों को धन्यवाद किया।

Saturday 7 October 2023

कौशल विकास से युवाओं को मिलती है आर्थिक मजबूती - कुलपति

 कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र का कुलपति ने किया निरीक्षण

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र का शनिवार को कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने निरीक्षण किया. केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही छात्राओं से भी संवाद किया. कहा कि रोजगार और स्वरोजगार के लिए किसी न किसी क्षेत्र में  कौशल होना अति आवश्यक है. यही कौशल युवाओं को आर्थिक रूप संपन्न बनाता है.  

उन्होंने छात्राओं से कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा आप सभी को दिया जाने वाला यह प्रशिक्षण आपके आत्मनिर्भर बनाने  की दिशा में एक सार्थक प्रयास है. आज केंद्र और प्रदेश की सरकार युवाओं को शिक्षा के साथ ही साथ कौशल विकास के लिए भी कई योजनाएं संचालित कर रही है. विश्वविद्यालय का यह केंद्र युवाओं के कौशल विकास के लिए निरंतर सुविधाएं उपलब्ध कराता रहेगा.

कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र के नोडल अधिकारी  डॉ. राजकुमार ने केंद्र में संचालित हो रहे कौशल विकास के कार्यक्रमों से कुलपति को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि केंद्र पर सिलाई मशीन ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर , डोमेस्टिक, आईटी, हेल्पडेस्क अटेंडेंट तथा माइक्रो फाइनेंस एग्जीक्यूटिव का  प्रशिक्षण जारी हैं.  केंद्र का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के कौशल विकास मिशन के अंतर्गत विश्वविद्यालय के आस -पास के ग्रामीण लोगों के कौशल संवर्धन तथा रोजगार की मुहिम को आगे बढ़ाना एवं उन्हें लाभ प्रदान करना है. इस अवसर पर  श्रीनाथ यादव, राजन गुप्ता, संतोष यादव, अभिषेक यादव, गिरिजा देवी,  सूर्यकान्त अस्थाना, मोo दावर खान, प्रिया आदि उपस्थित रहे.

Wednesday 4 October 2023

एनआईआरएफ रैंकिंग, नैक हेतु हो सार्थक प्रयासः प्रो बलराज चौहान

शोध की गुणवत्ता में करें सुधारः कुलपति

एनआईआरएफ रैंकिंग तथा नैक एक्रीडिटेशन के लिए हुई कार्यशाला

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में उत्तर प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग तथा सेंटर फॉर रिसर्च इन स्कीम्स एंड पॉलिसिज (क्रिस्प) के मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग के अंतर्गत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय तथा क्रिस्प के संयुक्त तत्वावधान में एनआईआरएफ रैंकिंग तथा नैक एक्रीडिटेशन विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन बुधवार को कुलपति सभागार में किया गया । कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय से संबद्ध पूर्व चयनित 28 महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं उनके प्रतिनिधि के साथ एनआईआरएफ रैंकिंग तथा नैक एक्रीडिटेशन में आवेदन की प्रक्रिया तथा उच्च रैंकिंग प्राप्त करने हेतु विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना था । इसके साथ साथ प्रोजेक्ट फॉर एक्सीलेंस इन हायर लर्निंग एंड एजुकेशन इन यूपी (पीइएचएलइ – यूपी) में निहित उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु विमर्श किया गया ।

कार्यक्रम के शुरुआत में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है जिसमें शिक्षा का स्तर, शोध की गुणवत्ता के अलावा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों को भी पूरा करना है। कट पेस्ट वाले शोध बंद होना चाहिए । एक अच्छे महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में न केवल दुनिया भर के छात्र- छात्राएं प्रवेश लेते है अपितु हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती है । उन्होंने समस्त महाविद्यालयों से अपील की कि वे आगामी एनआईआरएफ रैंकिंग तथा नैक एक्रीडिटेशन के लिए अपने महाविद्यालय को पंजीकृत करें तथा अच्छी रेटिंग व रैंकिंग प्राप्त करें ।कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता प्रो बलराज चौहान, स्टेट लीड,  क्रिस्प ने कहा कि ऊप्र के आठ हज़ार महाविद्यालयों में किसी भी महाविद्यालय को एनआईआरएफ की रैंकिंग प्राप्त नहीं हुई है ,वहीँ दूसरी तरफ विश्वविद्यालय से सबद्ध पांच महाविद्यालयों में इन्क्यूबेशन केंद्र बने है पर गतिविधि नहीं के बराबर है । ऐसे में यह अत्यधिक जरूरी है कि समस्त महाविद्यालयों को एनआईआरएफ रैंकिंग तथा नैक अक्रीडीटेशन प्राप्त करने हेतु सार्थक प्रयास करना चाहिए जिसके लिए पीइएचएलइ – यूपी की योजना विकसित की गयी है ।तत्पश्चात क्रिस्प संस्था से आये राहुल ने एनआईआरएफ के विभिन्न पैरामीटर पर विस्तार से बताया । उन्होंने एनआईआरएफ तथा नैक का अंतर समझाया तथा पुरातन छात्र से संपर्क, शिक्षक छात्र अनुपात, शोध प्रकाशन व प्लेसमेंट की दिशा में ज्यादा काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।इसके बाद क्रिस्प संस्था से आयीं दिव्या ने नैक के सातों क्राइटेरिया पर उपस्थित श्रोताओं के साथ चर्चा की तथा इसकी आवश्यकता एवं उपयोगिता को विस्तार से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक महाविद्यालय के अपनी एक वेबसाइट होनी चाहिए ।इससे पहले आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन एनआईआरएफ के नोडल अधिकारी प्रो. राम नारायण ने किया ।

इस मौके पर विश्वविद्यालय से संबद्ध 28 महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं उनके प्रतिनिधि गण उपस्थित थे। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, प्रो अजय प्रताप सिंह, प्रो अविनाश पाथर्डीकर, प्रो रजनीश भास्कर, डॉ आशुतोष कुमार सिंह, डॉ गिरधर मिश्र, डॉ धर्मेन्द्र सिंह, प्रो सुधेश सिंह, प्रो जय कुमार मिश्रा, प्रो नूर तलत, समेत सुशील कुमार, पंकज, रोशन, श्वेता आदि उपस्थित रहे।

हमारे विद्यार्थियों में प्रतिभा की नहीं है कमी - प्रो. वंदना सिंह

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस  सप्ताह का हुआ समापन 

प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागी हुए पुरस्कृत 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस  सप्ताह का समापन बुधवार को   प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में हुआ. कुलपति प्रो वंदना सिंह ने  29 सितम्बर से 04 अक्टूबर तक आयोजित प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया. 
समापन सत्र को संबोधित करते हुए  कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि  बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर लगा कि हमारे विद्यार्थियों  में प्रतिभा की कमी नहीं है। 

उन्होंने कहा कि बापू के तीन बंदरों का संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। विद्यार्थी अन्य गतिविधियों के साथ ही साथ पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि विविधता में एकता का संदेश महात्मा गांधी ने दिया। बापू की सोच अहिंसा के साथ -साथ सहिष्णुता की भी थी।नोडल अधिकारी डॉ. मनोज मिश्र ने स्वागत भाषण किया। सह  नोडल अधिकारी डॉ श्याम कन्हैया ने सप्ताह भर चले कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। समापन सत्र में  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर लघु फिल्म दिखाई गई। प्रदेश की राज्यपाल श्री  आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर  गाँधी रिसर्च फाउंडेशन, जलगांव  की अपेक्षा के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस  सप्ताह का आयोजन किया गया था ।
अहिंसा दिवस सप्ताह के अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता, सामाजिक सद्भाव  पर रंगोली प्रतियोगिता, पर्यावरण संरक्षण पर  पोस्टर प्रतियोगिता ,अहिंसा , अनेकता में एकता, सामाजिक सद्भाव कविता एवं शांति  पर गीत प्रतियोगिता, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा स्वच्छता  कार्यक्रम एवं महात्मा गाँधी पर फिल्म का प्रदर्शन किया गया. इसमें प्रतिभाग लेने वाले एवं स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया. 
अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस  सप्ताह एवं विश्वविद्यालय स्थापना दिवस आयोजन समिति के सदस्य  डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर,  डॉ. नितेश जायसवाल एवं डॉ. श्याम कन्हैया सिंह   सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. अन्नू त्यागी, शशिकांत यादव, डॉ. राहुल राय,डॉ. अंकित सिंह, डॉ. अवधेश मौर्य एवं पंकज सिंह  को कुलपति ने प्रशस्ति पत्र प्रदान किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ नितेश जायसवाल ने किया. इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अवधेश मौर्य, डॉ वनिता सिंह, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ झाँसी मिश्र उपस्थित रहीं. 

Tuesday 3 October 2023

शांति, अहिंसा और गाँधी की प्रासंगिकता पर हुआ आशुभाषण

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस  सप्ताह के अंतर्गत शांति, अहिंसा और महात्मा गाँधी की प्रासंगिकता  विषय पर आशु  भाषण प्रतियोगिता  का आयोजन मीराबाई छात्रावास में मंगलवार को किया गया। आशु भाषण में विश्वविद्यालय की छात्राओं नें बढ़ -चढ़ कर  भाग लिया। छात्राओं ने  कहा कि गांधीवादी विचार की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है। गांधी जी साधन व साध्य दोनों की शुद्धता पर बल देते थे। उनके अनुसार साधन व साध्य के मध्य बीज व पेड़ के जैसा संबंध है जब बीज दूषित हो तो स्वस्थ पेड़ की उम्मीद करना बेईमानी है । ग्राम स्वराज का प्रसार, प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा और परंपरागत चिकित्सकीय ज्ञान के उपयोग सहित तमाम दूसरे उद्देश्यों पर कार्य करना इसी विचारधारा को अग्रसारित करना है।

छात्राओं ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन को संदर्भित करते हुए कहा कि उन्होंने  गांधी जी के बारे में कहा था कि “भविष्य की पीढ़ियों को इस बात पर विश्वास करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी कभी धरती पर आया था।” गांधी के विचारों ने पूरे संसार को न  सिर्फ प्रेरित किया बल्कि करुणा, सहिष्णुता और शांति के दृष्टिकोण से इस देश नें गांधी जी के विचारों को आगे किया और  दुनिया को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में  महत्त्वपूर्ण भूमिका भी  निभाई है । गाँधी जी नें सत्य अहिंसा के पालन तथा  पीड़ित लोंगो आवाज़ उठाने में अपना सम्पूर्ण  जीवन लगा दिया।

आशु भाषण में प्राची सिंह,नामीरा खान,अंकिता सिंह,योगिता सिंह,विभा त्रिपाठी,वैष्णवी पांडेय, पल्लवी सिंह, शिवांगी सिंह, स्नेहा यादव, सोनी यादव, स्मिता यादव, अंशी यादव, शिवानी सिंह, शिवांगी मिश्रा, शिप्रा सिंह, साक्षी यादव, एवं अंकिता विश्वकर्मा ने भाग लिया. इस अवसर पर निर्णायक के रूप में डॉ अन्नू त्यागी एवं  डॉ झांसी मिश्र मौजूद रहीं ।

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस  सप्ताह के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज मिश्र ने बताया  कि प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर  गाँधी रिसर्च फाउंडेशन, जलगांव  की अपेक्षा के अनुरूप विश्वविद्यालय परिसर में  29 सितम्बर से ही विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए है । 04 अक्टूबर को समापन सत्र में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किए विजेता विद्यार्थियों को कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह प्रमाण पत्र प्रदान कर  सम्मानित करेंगी।

Monday 2 October 2023

विद्यार्थियों के सपने को साकार करने के लिए करें काम- कुलपति


पूर्वांचल विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया गया

महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री को किया गया नमन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सोमवार को अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय का स्थापना समारोह मनाया गया. विश्वविद्यालय की स्थापना 2 अक्टूबर 1987 को हुई थी.स्थापना दिवस समारोह  में संबोधित करतीं हुई कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि  35 वर्षों की इस यात्रा में विश्वविद्यालय ने बहुत सारी शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की है. यह विश्वविद्यालय हमारी पहचान है.  हम सब एक परिवार की भावना से यहाँ काम करते रहे  यहीं वास्तविक संतुष्टि का कारण बनेगा. इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों के सपने साकार हो इसके लिए हम सभी को निरंतर अपना योगदान देते रहना चाहिए.उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व महात्मा गाँधी को  आत्मसात करते हुए अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मना रहा है. विश्वविद्यालय ने महात्मा गांधी के विचारों को विद्यार्थियों में प्रवाहित करने  का निरंतर कार्य किया है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी नमन किया.स्थापना दिवस समारोह में महात्मा गांधी और वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा पर कुलपति एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने पुष्प अर्पित किया.गांधी वाटिका से एकलव्य स्टेडियम होते तिरंगा स्थल तक कुलपति प्रो. वंदना सिंह के नेतृत्व में शांति यात्रा निकली गई.अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा देश भक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. नृत्य के माध्यम से अनेकता में एकता और नाटक के माध्यम से गाँधी के संदेश को देकर विद्यार्थियों ने खूब तालियां बटोरी.राज नारायण सिंह की टीम द्वारा राम  धुन प्रस्तुत किया गया. परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया.धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. महेंद्र कुमार एवं संचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया. अहिंसा दिवस सप्ताह एवं स्थापना दिवस समारोह  के आयोजन समिति के सदस्य डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. अन्नू त्यागी, डॉ. नितेश जायसवाल,एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी  शशिकांत यादव, एवं पंकज सिंह ने कार्यक्रमों का समन्वय किया.इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो बी डी शर्मा, प्रो एके श्रीवास्तव, प्रो संदीप सिंह, प्रो. सुरजीत,  एनएसएस समन्वयक डॉ राज बहादुर, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. रसिकेश, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ. संतोष कुमार, डीआर अमृत लाल, एआर बबिता सिंह, अजीत सिंह  कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह, महामंत्री रमेश यादव,डॉ अमित वत्स, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, रजनीश सिंह, डॉ अवधेश मौर्य  समेत अन्य उपस्थित रहे. 




Sunday 1 October 2023

स्वच्छता का संकल्प ही बापू को सच्ची श्रद्धांजलि: कुलपति

स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया श्रमदान 

 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मुक्तांगन परिसर में गांधी जी के  छायाचित्र पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह द्वारा माल्यार्पण कर “स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम के अंतर्गत एक घंटे का श्रमदान अभियान की शुरुआत की गई। इस अवसर पर कुलपति द्वारा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। मुक्तांगन परिसर में कुलपति सहित प्राध्यापकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र -छात्राओं द्वारा एक घंटे का श्रमदान किया गया।  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि स्वच्छता का संकल्प ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

उन्होंने कहा कि साफ-सफाई एक अच्छी आदत है, स्वच्छ पर्यावरण और आदर्श जीवन शैली के लिये हर व्यक्ति को यह आदत बनानी चाहिये। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मानसिकता का विकास होता है। हमें ये समझना चाहिये कि स्वच्छता अभियान केवल सरकारों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। हम सब के स्वस्थ जीवन के लिये इस अभियान में हमें कंधे से कन्धा मिलकर भाग लेना चाहिये। हमें खुद को, घर, अपने आसपास, समाज, समुदाय, शहर, उद्यान और पर्यावरण आदि को रोज स्वच्छ रखने की जरुरत है।  प्रधानमंत्री जी ने देश में स्वच्छता अभियान की जो मशाल जलाई है, उसे निरंतर आगे बढ़ाने के लिए सभी गांव, सभी शहरों तक स्वच्छता की अलख जगानी होगी। हमें स्वच्छता को रोज की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए जिससे स्वच्छ और स्वस्थ भारत का निर्माण हो। 

इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक रासेयो डॉ. राज बहादुर यादव, प्रो.रजनीश भास्कर, प्रो.आचार्य विक्रम देव, डॉ.सुशील कुमार,  डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. पूजा सक्सेना, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशिकांत यादव, परीक्षा नियंत्रक व्यास नारायण सिंह, उप कुलसचिव अमृत लाल, सहायक कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, डॉ. विनय कुमार,  धीरज श्रीवास्तव, सर्वेश कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।