Monday 30 May 2022

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर हिंदी पत्रकारिता की नवीन प्रवृत्तियां विषयक वेबिनार का आयोजन

 सकारात्मक खबरें पाठकों की होती हैं पहली पसंद: प्रो.प्रमोद कुमार

मीडिया का सामाजिक सरोकार जरूरी: प्रो.‌निर्मला एस. मौर्य

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस-अनुवाद, भारतीय भाषा,संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ  की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सोमवार को "हिंदी पत्रकारिता की नवीन प्रवृत्तियां" विषयक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पाठ्यक्रम निदेशक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता, भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी),नई दिल्ली के प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि सकारात्मक और समाज में बदलाव से जुड़ी खबरें पाठकों द्वारा खूब पसंद की जा रही हैं। डिजिटल हो चुकी हिंदी पत्रकारिता ने सकारात्मक खबरों के माध्यम से पाठकों एवं दर्शकों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया है। उन्होंने मीडिया में सकारात्मक खबरों की वकालत की। कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी देश और समाज में बदलाव लाने वाली खबरों को प्रमुखता देने की बात कही थी।


अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि पत्रकारिता समाज हित के लिए होनी चाहिए। इसका सामाजिक सरोकार जरूरी है, तभी इसका लाभ देश को मिल सकेगा। पौराणिक और कलयुगी पत्रकारिता का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से पहले की पत्रकारिता का रूप साहित्यिक था, बाद में यह विधा नई परिधि के रूप में बदली और बहुआयामी हो गई।  समय के साथ- साथ इसके प्रतिमान भी बदले। पत्रकारिता में सनसनी फैलाने का ट्रेंड चल रहा है इस पर विचार करने की जरूरत है। तकनीक के साथ-साथ समाचार पत्रों की डिजाइन और रूप सज्जा भी बदली है जो पाठकों को आकर्षित कर रही है।

वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी ने कहा कि एक तरफ हिंदी पत्रकारिता का विस्तार हुआ है तो दूसरी तरफ उसकी भाषा में संक्रमण हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भी अधिकतर चैनल हिंदी के ही हैं इनकी अपनी अलग-अलग भाषा हो गई है। सोशल मीडिया की भाषा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसका कोई नियमन नहीं।

विशिष्ट  अतिथि उप निदेशक सूचना,राजभवन,उत्तराखंड डॉ नितिन उपाध्याय ने कहा कि  हिंदी पत्रकारिता को जनभाषा से अलग नहीं किया जा सकता है। अखबारों का क्षेत्रीयकरण पाठक को कई बड़ी खबरों से दूर ले जा रहा है। इसका कारण अधिक से अधिक संस्करण निकलना है। वेबिनार के संयोजक और जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवर्तन किया।

संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया।

इस अवसर पर प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय द्विवेदी, डॉ. रसिकेश, डॉ राकेश यादव, डॉ. जगदेव, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह,अन्नू त्यागी, डॉ तरुणा गौर, रेनू तिवारी, विश्वप्रकाश श्रीवास्तव सहित  शिक्षक और विद्यार्थी शामिल थे।


Friday 27 May 2022

एक दिवसीय वर्कशाप का आयोजन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ व पेटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय के सहयोग से एक दिवसीय वर्कशाप का आयोजन शुक्रवार को आर्यभट्ट सभागार में हुआ। इसमें नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी एवरनेस मिशन(एनआइपीएएम) की ओर से बौद्धिक संपदा अधिकार के संबंध में जागरूक किया गया।मुख्य वक्ता नई दिल्ली बौद्धिक संपदा कार्यालय के पेटेंट और डिजाइन के परीक्षक प्रशांत सिंह ने कहा कि आपीआर की विभिन्न विधाओं की जानकारी सभी को होनी चाहिए।

ट्रेड मार्क का मतलब टीएम ही नहीं होता जो अपंजीकृत है या आवेदन करने के बाद पेंडिग रहती है। वह उत्पाद टीएम का संकेत लगाते हैं। जो पंजीकृत होते हैं वह आर का संकेत लगाते हैं। इसी तरह उन्होंने पेटेंट और डिजाइन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और उसके कानूनी पहलुओं पर भी बताया।

उन्होंने कहा कि भौगोलिक संकेतांक पर सबसे पहला अधिकार स्थानीय लोगों का होता है। इसके लिए उन्होंने बनारसी साड़ी का उदाहरण दिया। इसके बाद प्रश्नोत्तरी सत्र चला। इसमें उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब दिया। कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि अपने सृजन पर हमारा ही अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 301 में बौद्धिक संपदा का जिक्र है। संपदा दो प्रकार की होती है एक भौतिक संपदा दूसरा बौद्धिक संपदा। हर वृक्ष का आयुर्वेद में महत्व है। यह भौतिक संपदा की श्रेणी में आता है, हमें इन दोनों संपदा को संरक्षित करने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन डा. सुजीत चौरसिया और आभार डा. सुनील कुमार ने किया।


Tuesday 17 May 2022

लोकमंगल के पत्रकार थे देवर्षि नारदः डा. मनोज मिश्र

जनसंचार विभाग में मनाई गई देवर्षि नारद की जयंती

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में मंगलवार को देवर्षि नारद की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आदि पत्रकार नारद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने देवर्षि नारद को सृष्टि का प्रथम संचारक कहा।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विज्ञान  संकाय के अध्यक्ष प्रो. रामनारायण ने कहा कि देवर्षि नारद दुनिया के पहले संचारक थे। साथ ही उन्हें सृष्टि का पहला संवाददाता भी कहा जाता था जो अपना काम पूरे ईमानदारी के साथ संपादित करते थे।

जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मनोज मिश्र ने कहा कि देवर्षि नारद पत्रकारिता के प्रथम निडर पत्रकार थे। शिखर पुरुष एवं नीतियों को संबंधित व्यक्ति या समाज तक बेबाक रूप से पहुंचाते थे। उनकी पत्रकारिता में लोकमंगल निहित होता था। उनके लोकहित और लोकमंगल की पत्रकारिता के प्रमाण प्राचीन ग्रंथों में मिलते हैं।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डा. सुनील कुमार ने कहा कि आज की पत्रकारिता में टेबिल रिपोर्टिंग का दौर चला है। महर्षि नारद हमेशा स्पाट रिपोर्टिंग करते थे। वह अपनी बात को बिंदास होकर प्रेषित करते थे।

इसके पूर्व विभागाध्यक्ष मनोज मिश्र ने मुख्य अतिथि को बुके देकर स्वागत किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह ने भी विचार व्यक्त किए।  

 

समय पर जांच, व्यायाम से कम होंगे उच्च रक्तचाप : प्रो. वंदना राय

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर विद्यार्थियों को दिलाई गई शपथ

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के  बायोटेक्नोलॉजी विभाग में मंगलवार को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया गया।

इस अवसर पर प्रो. वंदना राय ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष उच्च रक्तचाप के कारण 16 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

यह बीमारी दिन प्रतिदिन भयानक रूप लेते जा रही है। व्यायाम की कमी व शहरी दिनचर्या के कारण शहरों में ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले अधिक लोग तनाव के शिकार हो रहे हैं। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैक्योंकि उच्च रक्त चाप होने पर ये शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है।  मुख्य रूप से हृदय मस्तिष्क और किडनी को ज्यादा प्रभावित करता है।  प्रतिवर्ष लाखों लोग हृदय से संबंधित बीमारियों व स्ट्रोक का शिकार होते हैं। यह युवाओं में भी चपेट में रही है।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लिए अनेकों दवाएं उपलब्ध है जिन्हें समय पर लेने से  इस बीमारी का प्रबंधन किया जा सकता है।

इस अवसर पर बायोटेक्नालाजी विभाग के प्रो. डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रतिदिन लगभग तीस मिनट से अधिक व्यायाम करने से हम पूर्ण रूप से स्वस्थ रह सकते है। एक  स्वस्थ जीवन जी सकते है व प्रतिदिन आने वाले तनाव से बचने के लिए योग व सकारात्मक मानसिक स्थिति को विकसित कर हम इस रोग से बच सके है।

कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को इस बात की शपथ दिलाई गई की वह  प्रतिदिन लगभग 30 मिनट तक शारीरिक व्यायाम अवश्य करेंगे। साथ ही अन्य लोगों को भी इस बीमारी के बारे में  जागरूक करेंगे। कार्यक्रम का संचालन श्री शुभम सिंह धन्यवाद ज्ञापन अमृता चौधरी ने किया। इस अवसर पर रविगुरु प्रसाद अनिकेत आनंद अजय शिवम सत्यम अभिषेक शिवांगीओजश्विनीसुप्रियाश्रेयानिधि रेनू सरोजिनी प्राची साधना नंदिता, अनुराधा आदि ने प्रतिभाग किया।

Sunday 15 May 2022

परिवार से बड़ा कोई धन नहीं: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

परिवार में मिलता है सामाजिक बीमा: प्रो. आर एन त्रिपाठी

बदलते परिवेश में परिवारों की भूमिका एवं दायित्व विषय पर आनलाइन गोष्ठी

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के
अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय एवं मिशन शक्ति के संयोजकत्व में बदलते परिवेश में परिवारों की भूमिका एवं दायित्व विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आनलाइन आयोजन रविवार को किया गया।
आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस  के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध समाजशास्त्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. आरएन त्रिपाठी ने कहा कि सभ्यता के आरंभ का सामाजिकता के प्रारम्भ का आधार है परिवार। भारत ने सम्पूर्ण वसुधा को परिवार माना है। उन्होंने कहा कि सामाजिक बीमा परिवार में ही मिलता है कोरोना काल ने ये साबित कर दिया इसीलिए सामाजिक नियंत्रण का प्रेम रूपी अभियंत्रण परिवार को माना गया है। उनका मानना है कि परिवार प्रेम का उपहार है, सूखती जीवन सभ्यता की फुहार है। उन्होंने ऋग्वेद, महाभारत, पुराण का वर्णन करते हुए कहा कि उदार चरित्र वाले सभी को समान मानते हैं। परिवार का प्रेम गुरुत्वाकर्षण की तरह है सभी को खींच लेता है, जितने भी संस्कार ‌है सब परिवार से ही मिलते है। ।
अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. निर्मला एस. मौर्य  ने कहा कि परिवार से बड़ा कोई धन नहीं होता। मानवीय सभ्यता की अनूठी पहचान है परिवार। उन्होंने साझा चूल्हा को परिवार का सबसे बड़ा उदाहरण बताया और कहा कि आधुनिकीकरण से सबसे अधिक प्रभावित परिवार ही हुआ है। इसी के चलते मानव अपने को कछुए की खोल की तरह सुरक्षित समझता है। उन्होंने कहा कि प्राणी ही नहीं वनस्पतियों का भी परिवार होता है, वह किसी स्थान पर अपने पूरे परिवार के साथ ही उगते हैं। अतिथियों का स्वागत छात्र अधिष्ठाता प्रो.अजय द्विवेदी और विषय प्रवर्तन संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अजय प्रताप सिंह ने किया।
संचालन डॉ. मनोज कुमार पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, प्रो.बीडी शर्मा, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. सौरभ पाल, डॉ. रसिकेश, डॉ.मुराद अली, डॉ. राकेश यादव, डॉ. जगदेव, डॉ. सुनील कुमार, डॉक्टर गिरिधर मिश्र, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. रेखा पाल डॉ.एके मौर्य, समेत कई शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद थे।

Friday 13 May 2022

विश्वविद्यालय, महाविद्यालय को नैक कराना जरूरी: डॉ. नीलेश पांडेय

नैक क्रैटेरिया की तैयारी पर विश्वविद्यालय गंभीर:प्रो. निर्मला एस. मौर्य
दो दिवसीय नैक कार्यशाला का उद्घाटन सत्र
जौनपुर।  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन सत्र प्रारंभ हुआ है। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से शुरू हुआ।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता बंगलुरु नैक के असिस्टेंट एडवाइजर डॉ. नीलेश पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सात राज्यों में लागू कर दिया गया है। 2017 से नैक एक्रिडिएशन की नई नीति लागू की गई है। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को नैक कराना जरूरी है, इसको कराए बिना महाविद्यालय, विश्वविद्यालय को रिसर्च ग्रांट समेत अन्य ग्रांट नहीं मिलेंगे। डाटा के साथ किसी भी प्रकार का वैरिएशन नहीं होना चाहिए। नैक एक्रिडिएशन के डाटा पूरा होने के बाद उसका सही ढंग से प्रस्तुतीकरण होना जरूरी है। प्रस्तुतीकरण का प्रभाव भी बहुत मायने रखता है। इसमें प्लेसमेंट सेल और एलुमनाई सेल की भी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इससे मार्केट में क्या चल रहा है इसकी जानकारी हम बच्चों को दे सकते हैं। उन्होंने क्रैटेरिया 1-7 तक को विस्तार से बताया की हमें क्या- क्या करना है?

आशीर्वचन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि नैक की क्रैटेरिया पहले से कठिन हो चुकी है, इसके लिए सेवन क्रैटेरिया बनाए गए हैं। हमारे सभी सहयोगी इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं ताकि विश्वविद्यालय को अच्छी ग्रेडिंग मिल सके। इसकी तैयारी भी विश्वविद्यालय तेजी से कर रहा है।

स्वागत भाषण और विषय प्रवर्तन प्रो. मानस पांडेय ने संचालन डॉ. धर्मेंद्र सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रदीप कुमार ने किया।

इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक वी एन सिंह, प्रो.बीबी तिवारी, प्रो.वंदना राय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. राम नारायण,‌ प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. संदीप कुमार सिंह, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ.‌प्रमोद कुमार यादव, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ. गिरिधर मिश्र, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. रवि प्रकाश, डॉ. नुपुर तिवारी, डॉ. सुनील कुमार,  डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. अमरेंद्र सिंह, एनएसएस समन्वयक डॉ. राकेश यादव, सहायक कुलसचिव बबिता सिंह, डॉ. अमित वत्स, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. मिथिलेश यादव, विद्युत मल, शशिकांत यादव समेत कई  महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।

Thursday 12 May 2022

विद्यार्थी अपनी स्किल्स पर ध्यान दें : कुलपति

पीयू के 6 विद्यार्थियों को मिला जॉब आफर

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के केंद्रीय ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की ओर  से 6 विद्यार्थियों का चयन विभिन्न कंपनियों में किया गया है। गुरुवार को कुलपति प्रो.निर्मला एस. मौर्य की उपस्थिति में उन्हें जॉब ऑफर का पत्र दिया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी स्किल्स पर ध्यान देना चाहिए। बीसीए और इंजीनियरिंग में प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, इसी से बच्चे को प्लेसमेंट में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को इंटरव्यू फेस करने का तरीका भी सिखाना शिक्षक की ही जिम्मेदारी है। 
केंद्रीय ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल के समन्वयक डॉ संदीप कुमार सिंह ने चयनित छात्रों को बधाई दी और कहा कि वह पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करें ताकि विश्वविद्यालय का नाम रोशन हो सके। इससे विश्वविद्यालय के अगले सत्र के बच्चों को आप की छवि का लाभ मिलेगा।
टेक्नोब्रेन इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एमडी राज केशर यादव और उनके साथ आए साथ वरिष्ठ एचआर और मैनेजर द्वारा बी टेक, एमसीए, तथा बीबीए के कुल 83 विद्यार्थियों का साक्षात्कार तीन चरणों में लिया गया। बीसीए के अतुल पांडेय, अविनाश मिश्रा, अंबुज पाल, एमसीए की रिया श्रीवास्तव, अनामिका प्रजापति और बी टेक आईटी की हेमंत सिंह का चयन किया गया।
इस अवसर पर प्रो.बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ. सौरभ पाल, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ. सुनील कुमार, डॉ.कमलेश पाल, डॉ. अमित वत्स, डॉ. दिव्येंदु मिश्र, कृष्ण कुमार यादव, डॉ. प्रवीण कुमार सिंह, डॉ. ज्ञानेंद्र पाल, डॉ. दीप प्रकाश सिंह आदि उपस्थित थे।

Wednesday 11 May 2022

शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर हुआ समझौताः प्रो. निर्मला एस. मौर्य

पीयू और राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में बुधवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य और राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा के साथ एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर किया गया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि यह समझौता राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुरूप दोनों संस्थाओं के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के उन्नयन एवं संवर्धन हेतु कार्य करेगा। इसमें प्रमुख रूप से अन्त संस्थागत शिक्षण, प्रशिक्षण,  विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन एवं संवर्धन हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आदान-प्रदान के विषयों पर कार्य किया जाएगा।

राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय अरुणाचल के कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाहा ने इस समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों के शिक्षक और विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे।

इस अवसर पर पीयू एमओयू के समन्वयक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि दोनों संस्थाओं के विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन संगोष्ठियों,  सम्मेलनों,  प्रशिक्षण कार्यक्रमों कार्यशालाओं का समय-समय पर आयोजन करेंगे । दोनों संस्थाओं के शिक्षक, शोध वैज्ञानिक और स्नातक, परास्नातक छात्र विभिन्न शोध गतिविधि और संयुक्त रूप से शोध परियोजनाओं और पब्लिकेशन में एक दूसरे का सहयोग करेंगे। विषय प्रवर्तन करते हुए एमओयू के नोडल अधिकारी डा. मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि दोनों संस्थाओं के शिक्षक, शोध वैज्ञानिक और स्नातक, परास्नातक छात्र अनुमोदित शैक्षणिक दौरे के दौरान बिना किसी वित्तीय खर्च के एक–दूसरे के यहां रह सकेंगे। प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में कम से कम एक बार दोनों संस्थान एक दूसरे के यहाँ अपने विद्यार्थियों को अपने यहाँ की शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता को समझने के लिए भेजेंगे।

धन्यवाद ज्ञापन पीयू आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने किया। कुलपति के साथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार को एमओयू टीम ने दस्तावेज सौंपे। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, श्रीमती बबीता सिंह, अमृत लाल, एवं राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो वाइसचांसलर प्रो. अमिताभ मित्रा, कुलसचिव डॉ एनटी रिकम, डेविड पार्टिन नोडल ऑफिसर आईक्यूएसी सेल के प्रो. रामचंद्र परीदा की टीम ने संबोधन किया।

इस अवसर पर  प्रो.वंदना राय, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो.अशोक श्रीवास्तव, प्रो बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह,  डा. संदीप सिंह, डा. मनोज मिश्र, डॉ. प्रदीप कुमार,  डॉ. मनीष कुमार गुप्ता,  डॉ. संतोष कुमार, डा. आशुतोष सिंह, डा. रसिकेश, डा. रजनीश भास्कर,डा. गिरधर मिश्र, डा. सुनील कुमार, डा. सुरजीत यादव, डा. पुनीत धवन. डा. अमित वत्स, डा.सुशील कुमार सिंह आदि शामिल थे।

Sunday 8 May 2022

स्मार्ट फोन विविध ज्ञान का स्रोत: गिरीश यादव

टैबलेट स्मार्टफोन से छात्र अपने को सशक्त बनाएं: कुलपति

200 छात्र-छात्राओं को वितरित किए गये टैबलेट 

8 मई को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार की स्मार्ट फोन योजना के तहत 200 छात्र-छात्राओं को रविवार को फार्मेसी संस्थान में टैबलेट वितरित किये गये। टैबलेट मिलने पर विद्यार्थी खुश नजर आए। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव और कुलपति निर्मला एस मौर्य ने मां सरस्वती के सम्मुख द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। 
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को प्रदेश भर में स्मार्ट फोन वितरण का सराहनीय कार्य हो रहा है। स्मार्ट फोन विविध ज्ञान का स्रोत तथा उपयोगी ज्ञानार्जन का साधन है। आज मोबाइल फोन समय की आवश्यकता है, इसके बिना इसका उपयोग करने वाले लोगों को अपना जीवन अधूरा सा लगता है। वर्तमान परिवेश में स्मार्ट फोन जीवन का एक बहुत ही उपयोगी, आवश्यक और अभिन्न अंग बन गया है। डिजिटल भारत मानवता के उत्थान का रास्ता है। उन्होंने कहा कि जो छात्र का नाम सूची में नहीं है आने वाले समय में उन छात्रों को भी योजना का लाभ मिलेगा। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति निर्मला एस. मौर्य ने कहा टैबलेट के माध्यम से छात्र अपने आप को सशक्त बनाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मोबाइल, टैबलेट और लैपटॉप आदि के बिना शिक्षा पूर्ण नहीं हो सकती। बशर्ते इसका प्रयोग सकारात्मक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल व लैपटॉप का प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रयोग करके सफलता को पाया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन डा. जाह्नवी श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनय वर्मा ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, एसडीएम सदर हिमांशु नागपाल डॉ. रजनीश भास्कर और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

Saturday 7 May 2022

कुलपति ने 51 गरीबों को दिया खाद्यान्न

अपने बीच कुलपति को पाकर चहक उठी बनवासी महिलाएं

7 मई को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस.मौर्य ने जसोपुर,करंजाकला बनवासी-मुसहर बस्ती में 51 गरीबों कोनिजी तौर पर खाद्यान्न के दस-दस किलोग्राम के पैकेट वितरित किया।कुलपति ने एक- एक महिला से उनकी समस्याओं की जानकारी लिया तथा विश्वविद्यालय द्वारा महिलाओं के कौशल विकास के लिए महिला अध्ययन केंद्र के माध्यम से सिलाई- कढ़ाई,दीपक,अगरबत्ती आदि दिए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में बताया।
 रासेयो समन्वयक डॉ राकेश कुमार यादव ने वहां उपस्थित छात्रों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही प्रेरणा नि:शुल्क कोचिंग के बारे में बताया तथा अभिभावकों से बच्चों को पढ़ने के लिए भेजने के लिए प्रेरित किया। प्रभारी महिला अध्ययन केंद्र एवं समन्वयक मिशन शक्ति डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने महिलाओं से विभिन्न प्रशिक्षण लेकर सामान बनाकर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित रोजगार मेला एवं सावन मेला में अपने सामान को बेंचकर अर्थोपार्जन करने का आह्वान किया। इस अवसर परडॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनय कुमार वर्मा,इसरार, मन्ना, मनोज, विजय प्रताप सहित अजय वर्मा, विवेक पांडेय,आलोक मौर्य, शिवम मिश्रा, विकास यादव, सनी सरोज, आनंद सिंह आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

Thursday 5 May 2022

प्रबंधन के लिए धैर्य और दृष्टि दोनों जरूरी: रामाशीष

वेदों से प्रभावित हैं जीवन का सार: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

 विद्या‌ विनय के लिए है धन के लिए नहीं : प्रो. गोपबंधु मिश्र

 वैदिक प्रबंधन अध्ययन केंद्र के उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन समारोह

 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के वैदिक प्रबंधन अध्ययन केंद्र के उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन समारोह बृहस्पतिवार को आर्यभट्ट सभागार में किया गया। यह समारोह मानव संसाधन विकास विभाग और प्रबंध अध्ययन संकाय की ओर से किया जा रहा है।

इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि एवं क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रज्ञा प्रवाह श्रीरामाशीष ने कहा कि भारत को जानना है तो उसकी परंपरा को जानना होगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम की दृष्टि प्रबंधन में धन कमाना सिखाती हैलेकिन भारतीय दृष्टि कारपोरेट के साथ नहीं जिंदगी के साथ शुरू होती है। उनका मानना है कि मैनेजमेंट के लिए धैर्य और दृष्टि दोनों जरूरी है। यर्जुवेद में भी इसका विस्तार से वर्णन किया गया है। उन्होंने महर्षि नारद युधिष्ठिर संवाद को मैनेजमेंट के परिप्रेक्ष्य में समझाया।

बतौर अध्यक्ष विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि जीवन का प्रबंधन अर्थधर्मकाममोक्ष से ही है। ये चारों वेदों से प्रभावित हैं। वेदों का सार उपनिषद में है। पांचवां वेद गीता है। उन्होंने कहा कि जीवन का सार और रास्ता इन्हीं धार्मिक पुस्तकों से ही होकर गुजरता हैऐसे में उन ग्रंथों का ज्ञान जरूरी है।

विशिष्ट अतिथि  श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर गोप बंधु मिश्र ने कहा कि मनुष्य का प्रमुख धर्म परोपकार का है। सभी का लक्ष्य विश्व को एक सूत्र में पिरोना है, यह धर्म के बिना संभव नहीं है। प्रबंधन में विवेक की जरूरत होती है। उन्होंने हनुमानजी के प्रबंधन को विस्तार से समझाया।उन्होंने कहा कि विद्या से धन की नहीं विनय की कल्पना की जानी चाहिए।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि दून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरीश चंद्र पुरोहित ने कहां की वैदिक मैनेजमेंट का मूल मंत्र वसुधैव कुटुंबकम है। राष्ट्र सर्वोपरि है इसी को ध्यान में रखकर हर क्षेत्र में काम करने की जरूरत है।

स्वागत भाषण प्रो. मानस पांडेय ने और समारोह का परिचय और विषय प्रवर्तन प्रो. अविनाश पाथर्डीकर किया। संचालन शोध छात्र अभिनव श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया।

इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय,  प्रो. बीबी तिवारी,. प्रो. अजय प्रताप सिंहप्रो. रामनारायणप्रो. बीडी शर्माप्रो. देवराज सिंहडॉ. मनोज मिश्रप्रज्ञा प्रवाह के संतोष त्रिपाठीसंतोष सिंहडॉ. मनीष कुमार गुप्तडॉ राकेश यादवडॉ. नुपुर तिवारीडॉ. जाह्नवी श्रीवास्तवडॉ. प्रदीप कुमारडॉ. रसिकेशडॉ मनीष प्रताप सिंहडॉ. सुशील कुमारडॉ. मुराद अली,  डॉ. सुनील कुमारडॉ. दिग्विजय सिंह राठौरडॉ. मनोज पांडेयडॉ. अमित वत्स,  डॉ. परमेंद्र विक्रम सिंहडॉ. नृपेन्द्र सिंहडॉ. सुशील कुमार ‌सिंहडॉ राजीव कुमारडॉक्टर आलोक दासइन्द्रेश कुमार आदि ने भाग लिया।












Monday 2 May 2022

देश और संस्कृति को एक सूत्र में बांधती है हिंदी - प्रो पातंजलि


अनुवाद में रोजगार के बहुत है अवसर 
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुवाद की भूमिका विषय पर आयोजित हुई संगोष्ठी 

वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में सोमवार को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुवाद की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारतीय भाषा संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ और जनसंचार विभाग की ओर से किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. पीसी पांतजलि ने कहा कि हिंदी सशक्त भाषा है जो सभी भाषाओं को समाहित कर लेती है। यह संस्कृति की संवाहक है हिंदी ही देश की संस्कृति को बचाने के साथ-साथ राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का काम करती है।
उन्होंने कहा कि हिंदी जब तक रोजगारपरक नहीं बनेगी तब तक राष्ट्रवाद नहीं पनपेगा। अनुवाद पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हरिवंश राय बच्चन सर्वश्रेष्ठ अनुवादक थे। अनुवादक  मानव में संवेदना पैदा करता है। कहा कि अनुवादक शब्दावली , भाषा, सामाजिक, सांस्कृतिक विविधता से हमेशा जूझता रहता है. भाषा अगर बोधगम्य नहीं है तो वह किसी काम की नहीं। 

अध्यक्षीय उद्बोधन में  कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि बैंकिंग साहित्य में अनुवाद की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसमें रोजगार के अवसर उपलब्ध है। अनुवादक स्रोत  को लक्ष्य भाषा बनाते हैं। साहित्य जानने वाले लोगों की भाषा पर पकड़ होती है वह हर विषय पर बोल सकता है। अनुवाद  का क्षेत्र बहुत बड़ा है इसमें बहुत  काम हो रहा है और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध है।

इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि भाषा को समझने का माध्यम अनुवाद है.  संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो अजय द्विवेदी ने किया. इस अवसर पर प्रो बीबी तिवारी, प्रो अविनाश, प्रो रामनारायण, प्रो बीडी शर्मा, प्रो देवराज सिंह , डॉ  रजनीश भास्कर, डॉ नुपुर तिवारी, डॉ प्रमोद यादव, डॉ मुराद अली, डॉ श्याम कन्हैया, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चन्दन सिंह,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, मंगला प्रसाद, डॉ  पुनीत धवन, प्रवीण सिंह, डॉ प्रमोद कौशिक,डॉ लक्ष्मी मौर्य, श्याम कन्हैया, सुशील प्रजापति, प्रमोद विश्वकर्मा  तमाम लोग उपस्थित रहे.