Friday, 7 March 2025

किताबों को अपने जीवन से जोड़े रखे- प्रो. वंदना सिंह



"पढ़े विश्वविद्यालय,बढ़े विश्वविद्यालय एवं पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय" कार्यक्रम का हुआ आयोजन

दहेज मुक्त एवं नशा मुक्त भारत के लिए  दिलाई गई  प्रतिज्ञा

जौनपुर. कुलाधिपति एवं श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश के क्रम में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गाँव में शुक्रवार को "पढ़े विश्वविद्यालय,बढ़े विश्वविद्यालय एवं पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय" कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में  दहेज मुक्त एवं नशा मुक्त भारत के लिए कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को प्रतिज्ञा दिलाई.
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि किताबें न केवल शिक्षा का एक स्रोत हैं, बल्कि  हमारे मानसिक विकास, सोचने की क्षमता और व्यक्तित्व निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने कहा कि इन्टरनेट के इस दौर में भी किताबों का अपना एक अलग महत्व है. किताबों से हमें ज्ञान मिलता है और नए विचार और दृष्टिकोण से परिचित भी होते है.  किताबों को अपने जीवन से जोड़े रखे.
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कुलपति सभागार में अधिकारियों  और कर्मचारियों के साथ समय किताब पढ़ी. इसी क्रम में विश्वविद्यालय के विज्ञान, अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय, प्रबंध अध्ययन संकाय, फार्मेसी, विधि संकाय  और इंजिनीयरिंग संकाय के  विभागों में दिन में  11बजे से 12 बजे  तक शिक्षकों और विद्यार्थियों ने किताब पढ़ी. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के भी विभिन्न  विभागों में कर्मचारियों ने किताब पढ़ी.
कार्यक्रम की संयोजक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार विद्यार्थियों को आकृतियों में भी बैठा कर किताबें पढ़ाई गई. प्रबंध अध्ययन संकाय में संकाय के नाम की आकृति, संकाय भवन में डीएनए, रज्जू भईया संसथान में पुस्तक, मुक्तांगन में भारत माता एवं फार्मेसी संस्था में ओम लिखी आकृति में भी विद्यार्थियों को किताब पढ़ने के लिए बैठाया गया था. विभिन्न गतिविधियों का संयोजन डॉ. अनुराग मिश्र एवं डॉ. शशिकांत ने किया.
विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम की विविध गतिविधियों में कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ.  विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो राम नारायण, प्रो. राजेश सिंह., प्रो. वीडी शर्मा, डॉ. माया सिंह,  डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. आलोक गुप्त, डॉ. ऋषिकेश, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. चन्दन सिंह, मनोज पाण्डेय, डॉ.नितेश जायसवाल, डॉ. प्रमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह समेत शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी शामिल रहे.
विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने के लिए पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया था. इसमें प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो.  अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रवि प्रकाश, उप कुलसचिव बबिता सिंह, श्री अमृत लाल को जिम्मेदारी दी  गई थी. गाजीपुर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो.राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय को गाजीपुर का समन्वयक बनाया गया था.

Monday, 3 March 2025

ड्रोन के इस्तेमाल के लिए कौशल जरूरी – प्रो. वंदना सिंह


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
  
जौनपुर.  फोर इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च , गुरुग्राम, हरियाणा द्वारा संस्थान-उद्योग इंटरफेस के तहत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के सहयोग से संपन्न हुआ । 

उद्घाटन एवं अभिमुखीकरण सत्र में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि आज तकनीकी के इस युग में ड्रोन का उपयोग बढ़ता जा रहा है. इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए नए  कौशल की आवश्यकता है. इसमें रोजगार के अवसर भी बढे है. 
प्रथम सत्र का प्रशिक्षण श्री विजय तांबे द्वारा प्रदान किया गया। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग, इसके अनुप्रयोगों तथा उद्योग जगत में इसके बढ़ते प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में  विद्यार्थियों को ड्रोन संचालन, निर्माण, मेंटेनेंस, एविएशन नियमों तथा औद्योगिक उपयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी । प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को थ्योरी के साथ-साथ प्रायोगिक सत्रों में भी भाग लेने का अवसर मिला । उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी आज विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, रक्षा, आपदा प्रबंधन, सर्वेक्षण, लॉजिस्टिक्स, और सिनेमैटोग्राफी में तेजी से अपनी जगह बना रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को इन संभावनाओं से अवगत कराते हुए करियर के नए आयाम खोलने का प्रयास किया जा रहा है ।
कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्यों पर केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो.  अविनाश डी. पाथर्डिकर ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितेश जायसवाल ने किया.
कार्यक्रम में  प्रो. मानस पांडे, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. सौरभ पाल, डॉ आलोक दास , श्याम त्रिपाठी एवं मुख्य छात्र सदस्य आदित्य पांडेय, दिव्यांशु संजय, रुद्रांश चतुर्वेदी, शिवांश श्रीवास्तव, हरी ओम साहू, आर्यन पाण्डेय, आयुष गुप्ता समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

गुणवत्तापूर्ण शोध से समाज को होगा लाभः प्रो. वंदना सिंह



पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को कुलपति ने किया सम्मानित

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा "प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस" (पर्स) अनुदान से सम्मानित किया जाना न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इस प्रतिष्ठित उपलब्धि से विश्वविद्यालय में शोध और नवाचार को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे समाज को भी व्यापक लाभ होगा।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि को एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह सम्मान शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की पहचान को और सशक्त करेगा। इस परियोजना से जुड़े शोध न केवल अकादमिक क्षेत्र को समृद्ध करेंगे, बल्कि उद्योग और समाज के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। इससे विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शोध के अवसर मिलेंगे, जिससे वे नवाचार और उद्यमिता की ओर अग्रसर हो सकेंगे। उन्होंने पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को सम्मानित किया, जिसमें डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. काजल डे, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. रामांशु सिंह, डॉ. मिथिलेश सिंह, डॉ. दिनेश वर्मा एवं प्रो. गिरिधर मिश्र शामिल रहे। उन्होंने पर्स टीम को यह भी निर्देश दिया कि वे प्रोजेक्ट के प्रस्तावित कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करें और शोध में प्राप्त परिणामों को उच्च गुणवत्ता वाले जर्नल्स में प्रकाशित करें तथा पेटेंट फाइल करें।

 कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि हमें सरकार की हर परियोजनाओं पर पैनी नजर रखनी होगी। हमारे विश्वविद्यालय के अन्य विभाग के लोग भी अपने से संबंधित परियोजनाओं पर अनुदान ले आए ताकि विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा और शोध की गुणवत्ता में सुधार हो ।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह ने कहा इस परियोजना के अंतर्गत उच्च श्रेणी के नैनो-मटेरियल्स विकसित किए जाएंगे, जिनका उपयोग सोलर सेल, बैटरी, थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस एवं हाइड्रोजन एनर्जी डिवाइस बनाने में किया जाएगा। इसके साथ ही, एस.एस.आर. कार्यक्रम के माध्यम से अन्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शोधार्थियों को भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।कार्यक्रम का संचालन पर्स ग्रुप के सह-समन्वयक डॉ. काजल डे ने किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आचार्यों ने विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. वीडी शर्मा, प्रो. अविनाश पाथर्डिकर, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. प्रमोद यादव, उपकुलसचिव अजीत सिंह सहित अन्य शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

Saturday, 1 March 2025

यह सम्मान उत्तर प्रदेश के लिए है गर्व की बात – कुलपति प्रो. वंदना सिंह

नई दिल्ली में  आयोजित   राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह  में विश्वविद्यालय को मिला प्रतिष्ठित सम्मान


जौनपुर. नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह 2025 के अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति समेत  डीएसटी पर्स टीम को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सम्मानित किया. कुलपति प्रो. वंदना सिंह को  मिले सम्मान को विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. गिरिधर ने प्रतिनिधि के तौर पर प्राप्त किया.
विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में प्राप्त अवार्ड को प्रो. गिरिधर मिश्र एवं पर्स टीम ने कुलपति प्रो. वंदना सिंह को सौंपा. विश्वविद्यालय से पर्स की टीम के  प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी एवं डॉ. काजल डे ने कार्यक्रम में  प्रतिभाग किया.

सम्मान समारोह में भारत  सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. ए. के. सूद,  राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा, सचिव–आयुष श्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव–डी.बी.टी. डॉ. राजेश एस. गोखले, सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कालासेलवी, तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय कारंडीकर सहित देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति व आचार्य उपस्थित रहे.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश से वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ही एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसे इस वर्ष यह प्रतिष्ठित अनुदान और सम्मान प्राप्त  हुआ है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विश्वविद्यालय को "प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस" अनुदान प्रदान किया है.
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने पर्स टीम सहित पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह अनुदान विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं शोध में उत्कृष्ट योगदान का प्रमाण है, जो न केवल संस्थान बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है. इस परियोजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा, और उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध को नई ऊर्जा मिलेगी.
इस अवसर पर योग गुरु जय सिंह ने शिक्षकों एवं अधिकारियों को मन केन्द्रित करने के लिए  ध्यान का अभ्यास कराया.
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. मनोज मिश्र,  प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. ए. के. श्रीवास्तव, प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. राज बहादुर यादव,  डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. सुनील कुमार डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. शशिकांत, उपकुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, अमृत लाल, बबिता सिंह समेत लोग  उपस्थित रहे.