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प्रो बी एस श्रीवास्तव को स्मृति चिन्ह देते कुलपति जी |
इससे पूर्व मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्जवलित कर कांफ्रेंस की शुरूआत की। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर एमपी सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन सचिव प्रोफेसर वीके सिंह ने दो दिन तक चलने वाले संगोष्ठी की रूप रेखा पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राम नारायण ने किया।राष्ट्रीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन समापन सत्र को संबोधित करते हुए सीडीआरआई लखनऊ के प्रो. बीएस श्रीवास्तव ने कहा कि कांफ्रेंस से शोध को नई दिशा मिलती है। कई क्षेत्रों से आए लोग अपने अनुभव को बताते हैं। नए तथ्य उभर कर सामने आते हैं। हर नया तथ्य शोध की दिशा में सहायक साबित होता है। शोध छात्रों को सेमीनार में हिस्सा लेकर अपनी क्षमता बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। शोध के लिए जितनी भी नई चीजें मिलती हैं वह गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में नई पहल होती है।
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