Tuesday 13 February 2024

नए सिद्धांत को विकसित करने में ईएफए प्रभावशाली टुल्सः प्रो. एस. एम. खान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में चल रहे भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद
, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो साप्ताहिक कार्यशाला को प्रोफेसर एस. एम खान अलीगढ़ विश्वविद्यालय ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया।
 उन्होंने कहा कि कनफरमेंटरी फैक्टर एनालिसिस( सीएफए) माडल और एसपोरेटरी फैक्टर एनलासिस ( ईएफए) प्रभावशाली और बहुमुखी टूल हैं जिससे आपके डेटा को समझने और सरल बनानेचर की संख्या को कम करने और अव्यक्त कारकों की पहचान करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। उन्होंने बताया ऐसे टूल शोधकर्ता को विभिन्न मॉडलों का परीक्षण करने उनके संकेतकों की वैधता और विश्वसनीयता को मापने के साथ-साथ नई अंतर्दृष्टि खोजने की भी अनुमति देते हैं।
वही सीएफए और ईएफए के बीच चयन आपके शोध प्रश्नआपके डेटा और आपके मॉडल पर निर्भर करता है। आम तौर परआप सीएफए का उपयोग तब करते हैं जब आपके पास अपने मॉडल के लिए एक मजबूत सैद्धांतिक या अनुभवजन्य आधार होता हैऔर आप इसकी वैधता और विश्वसनीयता का परीक्षण करना चाहते हैं।
आप ईएफए का उपयोग तब करते हैं जब आपको अपनी डेटा संरचना के बारे में कोई पूर्व ज्ञान नहीं है या बहुत कम हैऔर आप इसके आयामों और पैटर्न का पता लगाना चाहते हैं। और ये हमे बेहतर निर्णय लेने में मदद करता हैं। मूलतः नए सिद्धान्त को विकसित करने में ऐसे शोध बहुत सहायक होते हैं। इसके लिए खुशी को मापने का उदाहरण देते हुए उसके विभिन्न आयामों व उसकी वैधनिकता को विस्तार पूर्वक समझाया। इस अवसर पर प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, अनुपम, श्रुति श्रीवास्तव, दीपक कुमार यादव, एजाज अहमद, डॉ. दया सिंधु, डॉ. विवेक मिश्रा, डॉ. कपिलदेव, डॉ. वीरेंद्र कुमार साहू, डॉ. दीपक कुमार दास प्रतिमा मौर्या आदि उपस्थित थीं। 

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