Saturday 28 September 2024

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु दस शिक्षकों को मिला शासन से अनुदान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के दस शिक्षकों को उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु शोध अनुदान दिया गया है, इस शोध योजना की अवधि तीन वर्षों की होगी। सत्र 2024-25 हेतु शासन द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत हो चुकी है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हेतु एक- एक प्रोजेक्ट फेलो को बीस हजार रुपए मासिक फेलोशिप दी जाएगी।

यह अनुदान रज्जू भैया संस्थान के निदेशक और भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार यादव, डॉ पुनीत कुमार धवन, रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ दिनेश कुमार वर्मा, भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नीरज अवस्थी, डॉ शशिकांत यादव, नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ सुजीत कुमार चौरसिया, बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. रामनारायन,  डॉ मनीष कुमार गुप्ता और गणित विभाग के डॉ सुशील कुमार शुक्ला को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु दिया गया है।
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने अनुदान प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों को बधाई दी तथा यह कहा कि विश्वविद्यालय को नैक A+ ग्रेड मिलने के फलस्वरूप विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भारत सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न शोध परियोजनाओं के तहत कई अनुदान प्राप्त हुआ है, उन्होंने उम्मीद जताई की शोध के क्षेत्र में पूर्वांचल विश्वविद्यालय, विश्व पटल पर अपनी  पहचान स्थापित करेगा।
इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो राजेश शर्मा,  प्रो अजय द्विवेदी, प्रो देवराज सिंह, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजकुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ श्याम कन्हैया समेत विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों ने बधाई दी।

Friday 27 September 2024

प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल होगा पूर्वांचल-कुलपति

=जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शुक्रवार को  दीक्षांत समारोह  के पश्चात धन्यवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर  विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि समर्पण और निष्ठा से किए गए हर कार्य की सराहना होती है। मनोयोग से किया गया कोई भी कार्य असफल नहीं होता। उन्होंने माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के चतुर्दिक विकास की बात करते हुए बताया कि आज पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षा और सुविधाओं में निरंतर सुधार करते हुए देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची  में शामिल होने की दिशा में अग्रसर है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार की एकजुटता से यह भव्य दीक्षांत समारोह संभव हुआ है जिसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी संकल्पित हों कि शीघ्र ही  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो।भविष्य में यह एक ऐसा संस्थान बने जहां विश्व के हर छोर के विद्यार्थी ज्ञान अर्जित करने के लिए आएं।

कार्यक्रम को कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अजय द्विवेदी, और कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह ने भी संबोधित कर  व्यवस्था से जुड़े सभी कमेटी के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र द्वारा किया गया।

इस अवसर पर  उप कुलसचिव अमृत लाल, अजीत प्रताप सिंह, दीपक कुमार सिंह, बबीता सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. देवराज,प्रो.प्रमोद कुमार यादव, प्रो. राकेश यादव, डॉ. राजबहादुर यादव ,प्रो.रजनीश भास्कर,डॉ मनीष गुप्त, प्रो. गिरधर मिश्र,प्रो प्रदीप कुमार, डॉ. आशुतोष सिंह,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अन्नू त्यागी,डॉ वनिता सिंह, डॉ. अनुराग मिश्र,डॉ. मुनेंद्र सिंह,डॉ. परमेंद्र सिंह, डॉ प्रियंका सिंह, महामंत्री रमेश यादव, डॉ. पी. के. कौशिक, रामजी सिंह, श्याम त्रिपाठी, रजनीश सिंह, डॉ. राजेश सिंह, डॉ.ओम प्रकाश गुप्त,डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य सहित समस्त शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

Wednesday 25 September 2024

एकात्म मानववाद को अपने व्यवहार एवं कार्य में करें शामिल- प्रो. मनोज मिश्र


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय  के जन्मदिवस पर प्रबंध अध्ययन संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय  के व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषयक  विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज मिश्र ने कहा कि दीनदयाल जी ने स्वतंत्र भारत के लिए भारतीय वैदिक संस्कृति के मूल तत्व सर्वे भवन्तु सुखिनः वसुधैव कुटुंबकम ,तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा की संस्कृति से अनुप्राणित एकात्म मानववाद का दर्शन प्रस्तुत किया। पंडित जी मानते थे कि पूरा ब्रह्मांड एक तत्व से जुड़ा है। व्यक्ति परिवार से, परिवार समाज से ,समाज देश से, देश दुनिया से दुनिया ब्रह्मांड से जुड़ी  है। सब परस्पर निर्भर है,इसलिए एकात्म मानव दर्शन पर आधारित समाज में हम सभी  एक दूसरे को बिनानुकसान पहुंचाये रचनात्मक कार्य में संलग्न रहते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि  एकात्म मानववाद दर्शन को समझ कर अपने व्यवहार एवं कार्य में शामिल करें। कार्यक्रम के बीज वक्ता  प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर   ने कहा कि पंडित जी का दर्शन खंडित ना होकर समष्टिवादी था और मानव जीवन पद्धति पर उनकी सोच समग्रता की थी।पंडित जी का मानना था कि मानव जीवन में उत्पादन,वितरण एवं उपभोग ये तीन क्रियाएं उसके आर्थिक जीवन को रूपायित करती हैं। अनियंत्रित और असामयिक उपभोग वितरण में विषमता और लूट को प्रेरित करता है।उत्पादन की मर्यादा नहीं रहती।अर्थ संस्कृति का सूत्र है उपरिमात्रिक उत्पादन, सामान वितरण और संयमित उपभोग, उत्पादन, उपभोग व वितरण का सामाजिक व सांस्कृतिक पहलू भी होता है सामाजिक व सांस्कृतिक पहलू की उपेक्षा करने वाला उत्पादन,उपभोग व वितरण मानव को विषमता, लोलुपता, शोषण एवं संवेदनशीलता से ग्रस्त करेगा।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय द्विवेदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों पर चलकर ही भारत विश्व गुरु बन सकता है आज के उपभोक्तावादी संस्कृति में पंडित जी के अंत्योदय की अवधारणा निश्चित तौर पर मानवता की वह मिसाल  है जो भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम के एकदम करीब है। इसके पूर्व शोध पीठ के अध्यक्ष प्रोफेसर मानस पांडेय ने आए हुए अतिथियों एवं मुख्य वक्ता का स्वागत किया तथा विषय परिवर्तन करते हुए पंडित दीनदयाल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। गोष्ठी के पूर्व संकाय  भवन में स्थापित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. 
कार्यक्रम में प्रो गिरधर मिश्र, प्रोफेसर देवराज सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ० नितेश जायसवाल, डॉ. सूरज सोनकर,डॉ आलोक गुप्ता, डॉ. ऋषिकेश, डॉ. सुशील कुमार,डॉ. वनिता सिंह,डॉ. राजन त्रिपाठी, श्री राकेश उपाध्याय, डॉ. रोहित पांडेय, डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. निशा पांडेय एवं छात्र-छात्राएं आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

Tuesday 24 September 2024

पीयू में स्वच्छता ही सेवा थीम पर मनाया गया एनएसएस का स्थापना दिवस

एनएसएस के माध्यम से स्वच्छ भारत का निर्माण: डॉ. राज बहादुर

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो वंदना सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना परिसर इकाई द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना कार्यक्रम मंगलवार को मनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना कार्यक्रम का शुभारंभ स्वच्छता, सेवा समर्पण की प्रतिमूर्ति शांति नोबेल पुरस्कार एवं भारत रत्न मदर टेरेसा एवं स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन एवं राष्ट्रीय सेवा योजना भवन में स्वच्छता अभियान चलाया गया। स्वतंत्रता दिवस के अवसर विशिष्ट अतिथि स्वयंसेवक के रूप में आमंत्रित अभिनव कीर्ति पांडेय एवं महक बानो अपना अनुभव साझा किया।  स्वयंसेवक अभय दुबे, अभिषेक यादव, प्रभात तिवारी, प्रियांशी मौर्या, प्रिया मौर्या, संस्कृति यादव ने स्वच्छता पर भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेवक सुमित सिंह ने किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राज बहादुर यादव ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा एक महत्वपूर्ण अभियान है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज में स्वच्छता को एक आदत के रूप में स्थापित करना है। इसका मूल संदेश यह है कि स्वच्छता न केवल हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशिकांत यादव, डॉ. विशाल यादव, डॉ. अजय मौर्य और डॉ. अवधेश मौर्य एवं बड़ी संख्या में स्वयंसेवक  कार्यक्रम में उपस्थित रहें।

Sunday 22 September 2024

विश्वविद्यालय की प्रतिभा का सकारात्मक दिशा में प्रयोग की जरूरतः राज्यपाल



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय का 28 वां दीक्षांत समारोह रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर माननीय कुलाधिपति,  श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले स्नातक एवं स्नातकोत्तर मेधावियों को 96 स्वर्ण पदक प्रदान किए। स्वर्ण पदक पाते ही विद्यार्थियों के चेहरे खिलखिला उठे।

इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय में प्रतिभा की कमी नहीं बस इन्हें प्रेरणा देकर सकारात्मक दिशा में इनकी ऊर्जा का उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी संसाधन होने के बाद भी नैक मूल्यांकन से विश्वविद्यालय घबराते थे लेकिन राजभवन ने इसे जरूरी किया और सहयोग और ट्रेनिंग देकर उनके संसाधनों को सिस्टमैटिक रूप से बनाकर ए डबल प्लस की श्रेणी में पहुंचाया। प्रदेश के सात और एक कृषि विश्वविद्यालय ए डबल प्लस की श्रेणी में हैं। कहने का तात्पर्य है कि मानव में संकल्प शक्ति का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन के कई फायदे हैं ए डबल प्लस पाने वाले विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ रूपये बाकी विश्वविद्यालय को 20 करोड़ की धनराशि दी गई है। उन्होंने कहा कि नैक प्रेक्टिस से विश्वविद्यालय के ढांचे में बेहतर परिवर्तन आया है। अब राजभवन का जोर एनआईआरएफ पर है। इस मूल्यांकन और रेटिंग से विश्वविद्यालय में विदेशी छात्र और मेधावी छात्र आएंगे और यहा के विद्यार्थियों का विदेश जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य आपके सामर्थ्य से बढ़ेगा हर चुनौती एक नए अवसर लेकर आती है गुजरात का कच्छ इसका उदाहरण है सरकार के सतत प्रयास से आज गुजरात की स्थिति बदल गई है वहां विदेशी कंपनियां निवेश कर रही है। उनका मानना है कि आज का युग तकनीक का युग है। इसका उपयोग जन कल्याण के हित में होना चाहिए विनाश के लिए नहीं दुनिया में जो कुछ अच्छी और नई चीज हो रही है उससे हमें जुड़ने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने वन नेशनल वन इलेक्शन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश की आर्थिक बचत होगी। केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब हमारी तैयारी अंतरिक्ष पर है। अंतरिक्ष के पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय में शामिल करना चाहिए। एमओयू साइन पर उन्होंने कहा की दोनों के बीच गतिविधियां भी अच्छी हो तभी इसका मतलब है। उन्होंने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के खेलकूद की तारीफ करते हुए कहा कि खेल के क्षेत्र में अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं इससे और भी अच्छा करने के लिए और अधिक से अधिक गोल्ड मेडल लाने के लिए और भी अच्छे कोच की जरूरत है। उन्होंने आंगनबाड़ी को संसाधनयुक्त करने की योजना पर जोर दिया। कहा कि इससे वहां पढ़ने वाले गरीब छात्रों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय तक एक सेतु बनाकर काम करें ताकि शिक्षा का विकास सकारात्मक दिशा में हो सके।

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि स्वर्ण पदक पाने वालों में जुनून होता है लेकिन उसके पीछे अभिभावक और गुरु के समर्पण को भी नहीं भूलना चाहिए। शिक्षण संस्थान जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान का केंद्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसंधान हमारे शास्त्रों में पहले से ही था जिसका उदाहरण पीपल में ऑक्सीजन की खोज थी। ऋषि अनुसंधान कर मुनि को देते थे और वह समाज में बांटता था। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज को नई दिशा देने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाणक्य और विवेकानंद के विचार आज भी समसामयिक है शिक्षक और विद्यार्थियों को उनसे सीख लेनी चाहिए जिन्होंने बहुत ही पहले राष्ट्र को सर्वोपरि माना था।

प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि डिग्री और उपाधि लेने के बाद आपका बोझ और बढ़ गया है आपके ऊपर समाज और राष्ट्र का उत्तरदायित्व है इसे पूरा कर आप भारत को विश्व गुरु बनाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए संघर्ष जरूरी है जितना बड़ा लक्ष्य होगा उतनी बड़ी चुनौती सामने होगी। हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुलाधिपति जी के सक्षम एवं प्रेरणादायी निर्देशन में उत्तर प्रदेश के सम्पूर्ण विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन और सुधारों को जन्म दिया है। आपकी गरिमामय उपस्थिति से हम सब आह्लादित एवं स्पन्दित हैं। आपके प्रेरक शब्द और मार्गदर्शन हमारे विद्यार्थियों के लिये बहुत महत्वपूर्ण होंगे और हमें यह विश्वास है कि वे इससे प्रेरित होकर अपने जीवन में उच्चतम स्तर को प्राप्त करेंगे। आज मैं, सभी उपाधि तथा स्वर्णपदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ जिन्होंने अपने अनवरत् परिश्रम के बल पर ज्ञान अर्जनकर जीवन का एक अहम पड़ाव पार किया है। माननीय कुलाधिपति जी के कुशल दिषा निर्देशन में विश्वविद्यालय को नैक ए प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ, जो हमारी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को प्रमाणित करता है। अखिल भारतीय अन्तरविश्वविद्यालयीय टीम स्पर्धा प्रतियोगिताओं में हमारे खिलाड़ियों ने कुल 52 पदक प्राप्त किये।


दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई, जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद् एवं विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने किया। इसके पूर्व पौध लगाओ कार्यक्रम गीत के साथ किया गया। इस अवसर राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसु,  प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर,  प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ विनोद कुमार सिंह, डा.  विजय सिंह,  डा. राहुल सिंह,,  प्रो. एके श्रीवास्तव,  प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. बीडी शर्मा,  प्रो. संदीप सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार,  डा. मनीष गुप्ता, प्रो. राकेश यादव,  एनएसएस समन्वयक डॉ. राज बहादुर यादव, डा. संतोष कुमार,.  डा. सुनील कुमार,  डा. दिग्विजय सिंह राठौर,डा. रशिकेस,  डॉ. अनु त्यागी, डा. जाह्नवी श्रीवास्तव,  डा. अमरेंद्र सिंह, डा. आशुतोष सिंह, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर, महामंत्री रमेश यादव,   सीएमओ डॉ. लक्ष्मी सिंह, उप कुलसचिव अमृतलाल,  एआर अजीत सिंह,  बबिता सिंह,  दीपक सिंह,  आदि शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे।

बच्चों को राज्यपाल के हाथों मिला उपहार

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 5 से 8 में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल बैग, फल, जमेटरी बाक्स, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए कुकड़ीपुर. देवकली, सुल्तानपुर एवं जासोपुर गांव में आयोजित खेल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले चार बच्चों को भी दीक्षांत समारोह राज्यपाल के हाथों पुरस्कार मिला। इसी के साथ राजभवन से 100 पुस्तकें बच्चों के लिए भेंट की गई।

संस्कार श्रीवास्तव को मिला अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक

विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थी को अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक दिया जाता है। वर्ष 2024 में एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने पर संस्कार श्रीवास्तव को यह पदक मिला। पदक के दौरान उनके दादी भी उपस्थित रहीं। उनके दादी का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह आज तक विश्वविद्यालय नहीं देखी थी। हमारी कोशिश भी यही है कि ऐसे लोगों को यहां बुलाया जाय।

95 मेधावियों को मिला 96 स्वर्ण पदक

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 95 मेधावियों को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 96 स्वर्ण पदक प्रदान किया। स्नातक स्तर  पर 18 छात्राएं और 07 छात्र एवं परास्नातक स्तर पर 36 छात्र और 35 छात्राओं को स्वर्ण पदक मिला।

508 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि

दीक्षांत समारोह में 508 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि मिली। इसमें  345 कला संकाय में,  विज्ञान संकाय  में 25, कृषि संकाय में 13, शिक्षा संकाय में 77, विधि संकाय में 05,  इंजीनियरिंग संकाय में  10, वाणिज्य संकाय में 18, प्रबन्ध संकाय में 10, अनुप्रयुक्त समाज विज्ञान एवं मानविकी संकाय में 03 और औषधि संकाय में 02 शोधार्थियों को उपाधि मिली।

गोद लिए गांव में हुई प्रतियोगिता के विजेता पुरस्कृत

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव में आयोजित की गई प्रतियोगिता के विजेताओं एवं आंगनबाड़ी की आपसी प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया.

विश्वविद्यालय द्वारा देवकली, कुकड़ीपुर, सुल्तानपुर, जासोपुर एवं जफरपुर गांव गोद लिया गया है जिसमें भाषण कहानी कथन, चित्रकला एवं  दौड़ प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी. यह प्रतियोगिताएं कक्षा 3 से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों के बीच विविध वर्गों में विभाजित करके की गई थी.  इन प्रतियोगिताओं में 16 विद्यार्थियों ने  प्रथम स्थान प्राप्त किया था  उन्हें राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत किया गया. इसके साथ ही इन गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों  में स्वच्छता प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें जासोपुर आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम स्थान प्राप्त किया. प्रतियोगिताओं का संयोजन प्रो. राकेश कुमार यादव ने किया।

300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मिला किट

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश के क्रम में 300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को किट मिला. दीक्षांत समारोह में मंच पर 10 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्यपाल के हाथों किट मिला.  पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों,  गाजीपुर प्रशासन द्वारा 100 एवं जौनपुर जिला प्रशासन द्वारा 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध कराए गए किट को सौंपा गया। जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र और सीडीओ साईं तेजा सेलम गाजीपुर के सीडीओ संतोष कुमार वैश्य को स्वच्छता और सुरक्षा से संबंधित किट देकर सम्मानित किया गया। साथ ही निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसकी व्यवस्था किया जाए।  


 बटन दबाते ही डीजी लॉकर में अपलोड हुईं डिग्रियां

दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने आईपैड का बटन दबाकर 2023-24 की स्नातक और स्नातकोत्तर की 85595 डिग्रियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया गया। इसमें स्नातक में 69276 और परास्नातक में 16319 विद्यार्थियों की डिग्रियां डिजीलाकर में अपलोड की जाएंगी। इससे डिजीटल डिग्री आसानी से मिल जाएगी।

हैलीपेड पर कुलपति समेत अधिकारियों ने किया स्वागत

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हैलीपैड पर राज्यपाल सुबह पहुंची। इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह, जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र, पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा, रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार, समेत कई अधिकारियों ने पुष्प भेंट किया। 

 गतिमान समेत चार पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

विश्वविद्यालय के 28 में दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका गतिमान एवं  तीन शिक्षकों की पुस्तकों का लोकार्पण  प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन ने किया.  विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका के प्रधान संपादक प्रोफेसर मनोज मिश्र, संपादक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर एवं संपादन मंडल में डॉ. सुनील कुमार, डॉ श्याम कन्हैया सिंह एवं डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य शामिल है. इसके साथ ही प्रोफेसर मनोज मिश्र की पुस्तक स्वतंत्रता संघर्ष में जौनपुर, डॉ श्याम कन्हैया की पुस्तक रिवर्स आफ इंडिया एवं प्रोफेसर अजय द्विवेदी  की पुस्तक इन्डियाज ग्रोविंग रोल इन द जी- 20 पुस्तक का लोकार्पण  हुआ।


 


 

Saturday 21 September 2024

गोल्ड मेडल पाने वाले विद्यार्थियों को कराया गया अभ्यास

 विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का हुआ पूर्वाभ्यास

दीक्षांत समारोह की तैयारियां पूरी, राज्यपाल देंगी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शनिवार को 28  वें दीक्षांत समारोह का पूर्वाभ्यास कराया गया. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने स्वर्णपदक पाने वाले विद्यार्थियों को पूर्वाभ्यास कराया। दीक्षांत समारोह रविवार को विश्वविद्यालय में आयोजित होगा। इसमें प्रदेश की  राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड मैटेरियल्स, आईएएएम, स्वीडन के निदेशक डॉ. आशुतोष तिवारी होंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेंगीं।

पूर्वाभ्यास में मा.राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की भूमिका का निर्वहन व्यावहारिक मनोविज्ञान  विभाग की डॉ. अन्नू त्यागी ने किया  ने किया। मुख्य अतिथि की भूमिका प्रो. गिरिधर मिश्र एवं विशिष्ट अतिथि की भूमिका में प्रो. अजय द्विवेदी एवं डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव रहीं। कार्यक्रम में क्षण- प्रतिक्षण के अनुरूप गतिविधियाँ की गई।

दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 96 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी।  स्वर्ण पदक पाने वाले मेधावियों में स्नातक में 18 छात्राएं एवं 7 छात्र हैं। वहीं परास्नातक स्तर में 36 छात्र एवं 35 छात्र शामिल है। दीक्षांत समारोह में 508 शोधार्थियों को पी.एचडी. की उपाधि प्रदान की जाएगी। कला संकाय में 345, विज्ञान संकाय में 25, कृषि संकाय में 13, शिक्षा संकाय में 77, विधि संकाय में पांच, इंजीनियरिंग संकाय में 10, वाणिज्य  में 18,  प्रबंध संकाय में 10, अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय में तीन और औषधि संकाय के दो विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में पी.एचडी. की उपाधि मिलेगी. 27 वें दीक्षांत समारोह में 222, 26 वें दीक्षांत समारोह में 307 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि मिली थी. दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले विद्यार्थियों को आईकार्ड जारी किया गया है और ड्रेस कोड में छात्राओं हेतु सफेद सलवार, सफेद दुपट्टा, हल्के रंग का कुर्ता, हल्के रंग की साड़ी, (जींस टाप नहीं पहनना है) छात्रों हेतु सफेद या किसी हल्के रंग की पूरी बांह की शर्ट गाढ़े रंग की पैंट (काले रंग की कोई भी चीज नहीं रहेगी) रहेगी।

पूर्वाभ्यास की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई, जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इसमें विद्या परिषद और कार्य परिषद के सदस्य शामिल हुए। परीक्षा नियंत्रक डा विनोद कुमार सिंह मंचासीन रहे। स्वर्ण पदक धारकों को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिए गए. संचालन जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो.  मनोज मिश्र ने किया.  इस अवसर वित्त अधिकारी संजय कुमार राय,   प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर,  प्रो. बी डी शर्मा,  प्रो. राम नारायण,  प्रो. राजेश शर्मा,  प्रो. देवराज सिंह,  प्रो. प्रदीप कुमार,  प्रो. संदीप सिंह,  पूर्व एनएसएस समन्वयक प्रो. राकेश यादव, डॉ. राज बहादुर यादव, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. रसिकेश,  डा. सुनील कुमार, डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह,  उपकुलसचिव अजीत सिंह, अमृतलाल,  बबिता सिंह, दीपक सिंह,  कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह, महामंत्री रमेश यादव, डा. लक्ष्मी मौर्य,  डॉ. पी के कौशिक, श्याम श्रीवास्तव, इंद्रेश गंगवार आदि लोग उपस्थित रहे।

10:30 पूर्वान्ह शुरू होगा दीक्षांत समारोह

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का 28 वां  दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में 10:30 पूर्वान्ह से अपराह्न 1 बजे तक होगा. सुबह 10.30 बजे कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल का विश्वविद्यालय परिसर स्थित हेलीपैड पर आगमन  होगा. 10.35 बजे से  संगोष्ठी भवन में दीक्षांत शुरू होगा. इस बार विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण संबंधी काव्य पाठ की प्रस्तुति भी की जाएगी.

कुलपति प्रो वंदना सिंह  अतिथियों  का स्वागत एवं विश्वविद्यालय की संक्षिप्त प्रगति आख्या प्रस्तुत करेंगीं. कार्यक्रम में  राज्यपाल द्वारा क्लिक करके डिजीलॉकर में उपाधियों एवं अंकपत्रों का अपलोड किया जाएगा. इसके बाद  जी द्वारा विशिष्टता  प्राप्त  मेंधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी. कु  विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिये गये गाँव  तथा आँगनबाड़ी केन्द्रों की आपसी प्रतियोगिता तथा खेलों में  प्रथम आने वाले बच्चों  को पुरस्कार वितरण किया जायेगा. राजभवन से प्राप्त पुस्तकें  प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को भेंट की जाएगी.  इसके बाद कुलाधिपति जी अध्यक्षीय सम्बोधन होगा.

Friday 20 September 2024

स्वच्छता सिर्फ आदत नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी: कुलपति

'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के तहत कुलपति ने दिलाई शपथ

स्वच्छ भारत के निर्माण का किया आह्वान, विद्यार्थियों ने की सफाई

राज भवन,  उत्तर प्रदेश एवं युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय,  भारत सरकार के निर्देश पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय सेवा योजना परिसर इकाई द्वारा स्वच्छता ही सेवा पखवारा कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को शुक्रवार को शपथ दिलाई गई। यह शपथ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने दिलाई। इसमें विद्यार्थियों के साथ विश्वविद्यालय के शिक्षक और अधिकारी भी शामिल थे। स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 17 सितम्बर से दो अक्तूबर तक चलेगा। कुलपति प्रो वंदना सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता केवल एक आदत नहीं,  बल्कि यह एक जिम्मेदारी है जो हम सभी को निभानी चाहिए। 'स्वच्छता ही सेवा' कार्यक्रम के माध्यम से हम न केवल अपने परिसर को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लेते हैं, बल्कि समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का भी प्रयास करते हैं। इस शपथ के साथ,  हम एक स्वस्थ और स्वच्छ भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे। स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं और इसे एक जन-आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएं।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि स्वच्छता अभियान में सभी लोगों को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। एनएसएस समन्वयक डा. राज बहादुर यादव ने कहा स्वच्छता केवल सफाई नहीं, यह हमारे मानसिक और सामाजिक विकास का प्रतिबिंब है। 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान हमें यह सिखाता है कि स्वच्छता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ व्यक्तिगत नहीं,  बल्कि सामूहिक होनी चाहिए। परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जब हम अपने परिसर,  घर  और सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखते हैं, तब हम एक स्वस्थ समाज और मजबूत राष्ट्र की नींव रखते हैं। जब  स्वच्छता को अपनी आदत बनाएंगे तभी हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुंदर और समृद्ध भारत का निर्माण करेंगे।"

इस अवसर पर प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. राज कुमार, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. गिरिधर मिश्र, वित्त अधिकारी संजय राय, उपकुलसचिव दीपक सिंह, अजीत सिंह, अमृतलाल एवं बबीता सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. एस. पी. तिवारी,  डॉ. श्याम कन्हैया,  डॉ. पुनीत कुमार धवन,  डॉ. मारुति प्रसाद सिंह,  कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशिकांत यादव एवं डॉ. विशाल यादव  आदि बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं कार्यक्रम में उपस्थित  रहें।

Tuesday 17 September 2024

विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया विश्वकर्मा पूजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय और विज्ञान संकाय में विश्वकर्मा पूजा मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। इस आयोजन में छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की वर्कशाप में भव्य विश्वकर्मा पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया गयाI  विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सौरभ पाल एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संदीप कुमार सिंह ने  धूप– दीप से भगवान विश्वकर्मा का विधिवत पूजन- अर्चन किया I इस अवसर पर वर्कशॉप भवन को बहुत भव्यता से सजाया गया था I कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नूपुर गोयल, रसायन विभाग के डॉ रामनरेश यादव, गणित  विभाग के डॉ. उदय राज प्रजापति ने छात्रों के साथ आरती एवं हवन में भाग लिया I मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापकों  डॉ. नवीन चौरसिया डॉ.शशांक दुबे, डॉ. हिमांशु तिवारी, डॉ. अंकुश गौरव, डॉ. सुबोध कुमार,  डॉ. हेमंत कुमार सिंह, संतोष उपाध्याय, के० के०मिश्र , ओम प्रकाश यादव,  राकेश कुमार,  ज्ञानचंद, बृजेंद्र सिंह आदि कर्मचारी तथा छात्र अभिभावक श्री अच्छे लाल यादव एवं शोभित श्रीवास्तव कार्यक्रम में उपस्थित थे I  छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में पूजा में प्रतिभाग किया तथा बीoटेकo के छात्र प्रतिनिधियों ओम नारायण , कृष्ण चौहान तथा  मैकेनिकल पॉलिटेक्निक के धनंजय चौहान , यश अस्थाना के नेतृत्व में कार्यशाला की सजावट का कार्य किया गया I

विज्ञान संकाय में बायोटेक्नोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विश्वकर्मा पूजा का आयोजन प्रयोगशाला में किया गया । इस अवसर पर विज्ञान संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश शर्मा ने विश्वकर्मा जी को एक कुशल और दक्ष शिल्पकार बताया और हावड़ा पुल की आधारशिला पर विश्वकर्मा जी के पूजा को महत्व बताया । उन्होंने बताया कि इंद्रप्रस्थ, पुष्पक विमान, द्वारकाधीश, लंका इत्यादि का निर्माण विश्वकर्मा जी द्वारा किया गया। उन्होंने कहा विद्यार्थी भगवान विश्वकर्मा के कार्यो से प्रेरित होकर कैसे नवाचार से बेहतर भारत बना सकते है । इस अवसर पर पूजा डॉ. एसपी तिवारी द्वारा किया गया तथा इसमें विज्ञान संकाय के छात्र-छात्राएं पूजा में सम्मिलित हुई तथा इस अवसर पर विज्ञान संकाय के पूर्ण संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर रामनारायण , डॉक्टर मनीष कुमार गुप्ता, ऋषि श्रीवास्तव, डॉ मारुति सिंह , डॉ सिपाही लाल,  डॉ दिनेश कुमार,  डॉ श्वेता,  डॉ प्रतिमा इत्यादि उपस्थित रहे।

Saturday 14 September 2024

विश्वविद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा हिंदी दिवस मनाया गया.उपस्थित विद्यार्थियों ने हिंदी वर्णमाला के साथ हिंदी भाषा को अपने मन से जोड़े रखने की प्रतिज्ञा ली.कार्यक्रम में  जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज मिश्र ने कहा कि हिंदी भाषा दिन प्रतिदिन वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रही है हिंदी बोलने वालों की संख्या में हो रही वृद्धि इसकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा प्रतीक है.  उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में हिंदी भाषा के लिए बहुत सारी तकनीकी का विकास हो गया है. आज ऑनलाइन बहुत सारे सॉफ्टवेयर हिंदी भाषा  के डिजिटल कंटेंट तैयार करने में काफी कारगर साबित हो रहे हैं. विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा नहीं हमारी पहचान है. हिंदी के साथ-साथ दूसरी भाषा सीखने में कोई बुराई नहीं है लेकिन अपनी भाषा पर सदैव गर्व करना चाहिए. इसी क्रम में डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर एवं डॉ. चंदन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किया इस अवसर पर डॉक्टर मनोज कुमार पांडे, डॉ श्याम कन्हैया सिंह, डॉ सुरेन्द्र यादव समेत विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे.

Friday 13 September 2024

रज्जू भैया संस्थान में दीक्षारंभ कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में स्नातक एवं स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम में नवप्रवेशित छात्रों के दीक्षारंभ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि संस्थान विद्यार्थियों के संपूर्ण अकादमी और विकास के लिए कटिबद्ध है। प्रो यादव ने कहा कि धैर्य, लगन उत्सुकता, तथा अनुशासन से प्राप्त की गई शिक्षा सफलता की कुंजी है। संस्थान के अनुभवी और विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों को उच्च स्तर की अध्ययन और प्रयोगशालाओं की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. राजकुमार ने विद्यार्थियों को मेहनत और लगन के साथ शिक्षा प्राप्त करने की सलाह दी।  उन्होंने कहा कि अनुशासन के साथ प्राप्त शिक्षा विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ाने में मदद करेगी। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी ने विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के कल्याण में किये जा रहे कार्यक्रमों की चर्चा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारत सरकार के माध्यम से प्राप्त होने वाले विभिन्न स्कॉलरशिप और योजनाओं के बारे में विद्यार्थियों को बताया । उन्होंने कहा कि विद्यार्थी इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

रज्जू भैया संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने विद्यार्थियों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विभिन्न मंत्रो को साझा किया। प्रो. सिंह ने विद्यार्थियों को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न करियर की संभावना के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मिथिलेश सिंह ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया । रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार ने विद्यार्थियों को रसायन विभाग की विशेषताओं से अवगत कराया तथा उन्हें आश्वस्त किया कि विभाग विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए प्रयासरत है। इस अवसर पर भू और ग्रहीय विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ नीरज अवस्थी ने विद्यार्थियों को भूगर्भ विज्ञान के क्षेत्र में करियर की संभावनाओं से परिचित कराया। नैनो साइंस केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ सुजीत कुमार चौरसिया ने विद्यार्थियों को शोध के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किए जा रहे नवाचार और अनुसंधानों से अवगत कराया तथा उन्हें उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए प्रेरित किया। स्नातक पाठ्यक्रम के समन्व्यक डॉ श्याम कन्हैया ने विद्यार्थियों को स्नातक पाठ्यक्रम से संबंधित जानकारी को साझा किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ शशिकांत यादव विद्यार्थियों को अकादमिक गतिविधियों के साथ-साथ गैर अन्य व्यक्तिगत व्यक्तित्व विकास के अन्य पहलुओं के बारे में जानकारी दी तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के महत्व पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितेश जायसवाल ने किया। इस अवसर विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ अजीत सिंह, डॉ मिथिलेश यादव, डॉ दिनेश वर्मा, डॉ. पुनीत कुमार धवन, डॉ. आलोक वर्मा,  डॉ. रामांशु प्रभाकर, डॉ. आशीष वर्मा , डॉ. काजल कुमार डे, डॉ. दीपक मौर्या, डॉ. रामांशु प्रभाकर, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ काजल डे व अन्य शिक्षक एवं सभी नवप्रवेशित छात्र छात्रा उपस्थित रहे।

परिस्थितियां चाहे जैसी भी, कभी भी न हो निराश – डॉ. विनोद

'आत्महत्या: कौन जिम्मेदार' लघु नाटक का हुआ मंचन

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय एवं व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लिए आत्महत्या रोकथाम पर जन जागरूकता कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया.विद्यार्थियों  द्वारा 'आत्महत्या: कौन जिम्मेदार' पर एक लघु नाटक का मंचन किया गया. नाटक के माध्यम से आत्महत्या न करने का संदेश दिया गया.

कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा  कि संघर्ष और आत्मविश्वास का जीवन में बहुत महत्व है. परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो कभी भी निराश नहीं होना चाहिए.  संकायाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने कहा कि हर इंसान का जन्म किसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए हुआ है और इस उद्देश्य से आगे बढ़ते रहना चाहिए।

मुख्य वक्ता के रूप में उमानाथ सिंह सिंह  मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग के  डॉ. विनोद वर्मा ने कहा  कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष  'चेंजिंग द नॉरेटिव्स ऑन सुसाइड और स्टार्ट कन्वर्सेशन' विषय दिया गया है.  विश्व में प्रतिवर्ष 7 लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते है, वहीं भारत में एक लाख सत्तर हजार लोग प्रतिवर्ष आत्महत्या करते हैं. आत्महत्या करने वाले ज्यादातर लोग 30 साल से कम उम्र के होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से पदार्थ के दुरुपयोग, तनाव, असमय किसी की मृत्यु हो जाना, ब्रेकअप आदि प्रमुख कारण है. उन्होंने बताया कि  आत्महत्या को रोकने के संबंध में विभिन्न उपायों जैसे जीवन शैली में परिवर्तन, स्वस्थ आहार, दिन प्रतिदिन के जीवन में योग एवं ध्यान को सम्मिलित करना लाभकारी हो सकता है।

व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आत्महत्या करने के पीछे हमारे आसपास का वातावरण जिम्मेदार होता है और इस वातावरण में अनुकूल परिवर्तन करके हम आत्महत्या जैसे जघन्य कृत्य  को रोक सकते है ।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी ने कहा कि आज हम एक परिवार में रहते हुए भी सोशल मीडिया के कारण दूर रहते है, एक दूसरे से बात नहीं करते और न ही एक दूसरे को समय दे पा रहे है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो, वह दिन दूर नही कि हर परिवार आत्महत्या जैसे कृत्य से ग्रसित होगा। संचालन रवनीत कौर,  धन्यवाद् ज्ञापन डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय ने किया.  इस अवसर पर प्रो. विक्रम देव शर्मा, प्रो प्रमोद यादव, डॉ. अनु त्यागी, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. सुशील कुमार,  डॉ चन्दन सिंह, डॉ अलोक गुप्ता, डॉ सुधीर उपाध्याय एवं विद्यार्थी  उपस्थित रहे.



Thursday 12 September 2024

जेन एम बायोटेक ने किया पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साथ किया अनुबंध

दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित ग्लोबल बायो इंडिया 2024 में जेन एम बायोटेक कंपनी के साथ वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साथ अनुबंध हुआ. गुरुवार को जेन एम बायोटेक कंपनी के निदेशक मुकेश कुमार और वीबीएसपीयू इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन  'इनक्यूबेशन सेंटर' के कार्यकारी निदेशक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने  अनुबंध किया. जेन एम बायोटेक कंपनी कस्टमाइज्ड रैपिड टेस्ट हेतु अपनी टूल किट विकसित कर रहे हैं।  

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रतिष्ठित संस्थानों और कंपनियों से अनुबंध कर रहा है जिसका लाभ यहाँ के विद्यार्थियों को निश्चित तौर पर मिलेगा.
ग्लोबल बायो इंडिया 2024 में जो कि  इन दिनों प्रगति मैदान में चल रही  है। इस समागम में देश के कई नामी विश्वविद्यालयों तथा संस्थाओं के कई इनक्यूबेशन केंद्र तथा स्टार्टअप प्रतिभाग कर रहे हैं। पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के इनक्यूबेशन केंद्र से कई अन्य स्टार्ट अप्स ने जुड़ने में अपनी इच्छा जाहिर की है । इस ग्लोबल बायो इंडिया 2024 में विभिन्न संस्थाओं के इनक्यूबेशन सेंटर जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़, आईआईटी, धरवाड़, बी. एच. यू, वाराणसी, आईआईटी, कानपुर जैसे कई इनक्यूबेशन सेंटर प्रतिभा कर रहे हैं. इस अवसर पर  प्रबंध निदेशक, वीआरए हेल्थकेयर अरुण बनाम नायर , निदेशक, हीथॉक्स-के  श्री शेखर आनंद, सैक्रोसैंट इंडिया के पलाश, प्रोफेसर प्रदीप कुमार, डॉ. मनीष कुमार, उपस्थित रहे.

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने कुलपति को किया सम्मानित

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में गुरुवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की तरफ से विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह को सम्मानित किया गया. शिक्षकों ने कुलपति को अंगवस्त्र एवं सम्मान पत्र प्रदान किया.
कुलपति वंदना सिंह ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने का हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों के शिक्षकों और प्रबंधकों की समस्याओं को भी प्राथमिकता पर दूर किया जा है.

इस अवसर पर कार्य परिषद के सदस्य डॉक्टर जगदीश सिंह दीक्षित ने कहा कि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय दिनों दिन प्रगति कर रहा है. आगे भी बहुत सारे नई गतिविधियां विद्यार्थियों के हित में होगी ऐसी पूरी उम्मीद है.

इस अवसर पर कार्य परिषद के सदस्य डॉक्टर राघवेंद्र पांडे, डॉक्टर बब्बन राम, डॉक्टर रणंजय सिंह एवं सहकारी पीजी कॉलेज की डॉक्टर पुष्पा सिंह एवं प्रोफेसर मुक्ता राजे, कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय उपस्थित रहे. 

Wednesday 11 September 2024

सेमीकॉन इंडिया 2024 सम्मेलन में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने किया प्रतिभाग

 भारत सेमीकन्डक्टर चिप्स का सबसे बड़ा प्रोडूसर भी होगा - प्रधानमंत्री

ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शिक्षकों व छात्रों ने प्रतिभाग किया. यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आर्यभट्ट सभागार में में प्रसारित किया गया.

इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया. सम्मेलन में पीएम मोदी ने ग्लोबल सेमीकंडक्टर प्लेयर्स को संबोधित करते हुए कहा कि आज का भारत डिज़ाइनिंग की दुनिया में निरंतर विस्तार कर रहा है जो दुनिया को नया भरोसा दे रहा है. कहा ‘भारत दुनिया का 8वां ऐसा देश है जहां वैश्विक सेमीकंडक्टर पहल शुरू की जा रही है और यह भारत में होने का सही समय है. भारत दुनिया को सेमीकन्डक्टर वर्कफोर्स देने के साथ-साथ सबसे बड़ा सेमीकन्डक्टर का कन्स्‍यूमर्‌ है लेकिन जल्द ही भारत सेमीकन्डक्टर चिप्स का सबसे बड़ा प्रोडूसर भी होगा. पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारा सपना है की दुनिया के सभी प्रकार के डिवाइस में मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप लगा हो.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा की प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा जिसके परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश मे निवेश नित नए आयाम छु रहा है. प्रदेश सरकार, भारत सरकार द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से जमीनी स्तर पर लागू कर रही है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव व अन्य उपस्थित रहे.

कार्यक्रम की रूपरेखा तथा स्वागत रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो प्रमोद कुमार यादव ने किया, ऑनलाइन कार्यक्रम का संयोजन डा० रामांशु प्रभाकर सिंह एवं डॉ० धीरेन्द्र चौधरी ने किया. इस अवसर पर वित्त नियंत्रक संजय राय, परीक्षा नियंत्रक डा. विनोद कुमार सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. राम नारायण, प्रो. राजकुमार, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. मिथिलेश सिंह, डा. मनीष गुप्ता, डा. एस पी तिवारी सहित अन्य शिक्षक गण, विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Tuesday 10 September 2024

वैश्विक मंच पर प्रदर्शित होंगे पूर्वांचल के स्टार्टअप्स के नवाचार

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अंतर्गत स्थापित इन्क्यूबेशन केंद्र अपने स्टार्टअप्स के नवाचारों को प्रदर्शित करने जा रहा है। इनक्यूबेशन केंद्र कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने बताया कि इन्क्यूबेशन केंद्र में पंजीकृत स्टार्टअप्स, जिनमें हीथोक्स-के प्राइवेट लिमिटेड, जेनम बायोटेक, वी.आर.ए. हेल्थकेयर और सैक्रोसेंट परफ्यूम्स शामिल हैं, 12 से 14 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ' ग्लोबल बायो- 2024' में अपने नवाचारों का प्रदर्शन करेंगे।

उल्लेखनीय है कि जैव प्रौद्योगिकी उद्योग एवं अनुसंधान सहायता परिषद, जो कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार का एक उपक्रम है इस वार्षिक प्रदर्शनी कार्यक्रम को आयोजित कर रहा है। इस समागम में विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, नियामक निकाय, केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों के प्रतिनिधि, एसएमई, प्रमुख उद्योगों के प्रतिनिधि, शोध संस्थान, निवेशक और स्टार्टअप इकोसिस्टम के कई सदस्य भाग लेंगे। इस प्रदर्शनी में स्टार्टअप को कार्यक्षेत्र में प्रगति और संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान होगा।
प्रोफेसर पाथर्डीकर ने बताया कि  यह समागम स्टार्टअप्स को एंजेल निवेशकों और अन्य इन्क्यूबेटर्स से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि "पूर्वांचल में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उपयुक्त मंच न मिलने के कारण यहां के उद्यमियों को अन्य राज्यों में स्थानांतरित होना पड़ता है। यह कार्यक्रम स्थानीय उद्यमियों को एक मजबूत इकोसिस्टम प्रदान करेगा, जो 'मेक इन इंडिया' पहल में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करेगा और पूर्वांचल को उद्यमिता का एक प्रमुख केंद्र बनाएगा। इस वैश्विक मंच के अलावा, पूर्वांचल विश्वविद्यालय निकट भविष्य में एक स्थानीय प्रदर्शनी का भी आयोजन करेगा, जिससे आसपास के विद्यार्थियों के बीच स्टार्टअप इकोसिस्टम के प्रति जागरूकता और रुचि उत्पन्न की जा सके।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रोफेसर वंदना सिंह ने प्रतिभाग करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं और इसे पूर्वांचल इन्क्यूबेशन को और मजबूत इनक्यूबेटर के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।

Monday 9 September 2024

दीक्षारम्भ में बीटेक के विद्यार्थियों को दी जानकारी

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में बीटेक प्रथम वर्ष में नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के विश्वेश्वरैया सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आरंभ छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन से हुआ। विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों का भ्रमण कराकर जानकारी दी गई. 

कार्यक्रम में मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संदीप सिंह ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना किया। उन्होंने प्रौद्योगिकी में हो रहे तीव्र बदलाव पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया. प्रोफेसर रवि प्रकाश ने इंजीनियरिंग के महत्व के बारे में प्रकाश डालते हुए छात्रों को पूर्ण मनोयोग के साथ विद्या अध्ययन के लिए प्रेरित किया। प्रोफेसर अशोक श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को अध्ययन के साथ-साथ अपने मन में राष्ट्रवादी विचारधाराओं के विकास पर भी ध्यान देने के लिए प्रेरित किया ताकि छात्रों द्वारा सीखे गए इंजीनियरिंग कौशल का देश के विकास में सदुपयोग किया जा सके।

इसी क्रम में  प्रोफेसर राजकुमार ने छात्रों को एक अच्छे छात्र बनने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए बताते हुए विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासन से संबंधित बातों पर भी प्रकाश डाला। डॉ विक्रांत भटेजा ने छात्रों को वर्तमान प्रौद्योगिकी और  प्रौद्योगिकी में हो रहे तेजी से बदलाव को उदाहरण के साथ स्पष्ट किया तथा बदलती हुई प्रौद्योगिकी के साथ हम अपने आप को कैसे परिवर्तित कर सकते हैं इसके बारे में प्रकाश डाला। डॉ कमलेश पाल  ने भी अपने विचार छात्रों के सामने रखा। कार्यक्रम का  संचालन प्रोफेसर संतोष कुमार जी ने किया। इसके बाद नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को भौतिकी, रसायन, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर और मैकेनिकल विभाग की प्रयोगशालाओं का भ्रमण कराया गया तथा विश्वविद्यालय परिसर में हो रहे नवाचार से भी अवगत कराया गया। छात्रों को अमृत सरोवर, इंडोर और आउटडोर स्टेडियम तथा केंद्रीय पुस्तकालय का भी भ्रमण कराया गया। इस अवसर पर डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ दीप प्रकाश सिंह, अनुराग सिंह, डॉ दिव्येंदु कुमार मिश्र, डॉ विशाल यादव, डॉ निमिषा यादव आदि शिक्षक उपस्थित रहे.

Saturday 7 September 2024

विद्यार्थियों को केंद्रीय पुस्तकालय, एकलव्य स्टेडियम में कराया गया भ्रमण

एमबीए फाइनेंस एंड कंट्रोल का दीक्षारम्भ कार्यक्रम 2024

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के वित्तीय अध्ययन विभाग में संचालित एमबीए फाइनेंस एंड कंट्रोल के अंतर्गत दीक्षारंभ समारोह का आयोजन उत्साहपूर्वक शनिवार को किया गया। दीक्षारम्भ कार्यक्रम के तहत नवप्रवेशित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय, एकलव्य स्टेडियम समेत कई विभागों में भ्रमण कराया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं को संकाय व विश्वविद्यालय में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं से अवगत करना तथा विभाग के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं वरिष्ठ छात्राओं से परिचय करना था। इस कार्यक्रम के शुरुआत में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का परिचय विभाग के समस्त वरिष्ठ छात्र-छात्राओं से वरिष्ठ छात्र सेजल श्रीवास्तव एवं किशन चौहान के नेतृत्व में कराया गया। तत्पश्चात विभाग के प्राध्यापक प्रो.अजय द्विवेदी, डॉ. आलोक गुप्ता, सुशील कुमार, मो. अबू सालेह, मनोज कुमार त्रिपाठी व यशि सिंह तथा  वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय में स्थापित विभिन्न संकाय व उपलब्ध सुविधाओं तथा  विश्वविद्यालय की अवधारणा को बताया।

तत्पश्चात विभाग के वरिष्ठ छात्र-छात्राओं ने अपना परिचय नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को तथा नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं ने अपना परिचय वरिष्ठ छात्र-छात्राओं को दिया। इसके उपरांत नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को संकाय के अलग-अलग विभागों का भ्रमण कराया गया तथा संकाय में उपलब्ध सुविधाओं जैसे कि विभागीय लाइब्रेरी, मीटिंग रूम, ग्रुप डिस्कशन रूम, कॉन्फ्रेंस रूम, कंप्यूटर लैब व  गर्ल्स कॉमन रूम इत्यादि के बारे में बताया गया।

नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में भ्रमण कराया गया, जिसके दौरान उन्हें केंद्रीय पुस्तकालय में उपलब्ध सुविधाओं जैसे कि रीडिंग सेक्शन, प्रियोडिकल, जर्नल सेक्सन, बुक बैंक फैसिलिटी, कंप्यूटर सेंटर, जनरल मेंबरशिप एवं हेरिटेज गैलरी के बारे में डॉ. विद्युत मल एवं डॉ.  अवधेश कुमार ने अवगत कराया।तत्पश्चात सभी छात्र-छात्राओं एकलव्य स्टेडियम में पहुंचे । वहां  क्रीड़ा प्रभारी ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुल 36 इंडोर  व आउटडोर गेम्स उपलब्ध हैं, जिससे समय- समय पर आयोजित भी कराया जाता रहता है।  उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 5 विश्वविद्यालय के ऐसे छात्र रहे ह जिन्होंने ओलंपिक खेल मे प्रतिभाग किया है इसके बाद उन्होंने ने विश्वविद्यालय का मेजर ध्यानचंद इंदूर स्टेडियम का अवलोकन कराया जहां उन्होंने विश्वविद्यालय कि  उपलब्धियों से संभित जानकारी व चित्रों से अवगत कराया। तत्पश्चात भ्रमर दल अमृत सरोवर पहुचा जहां उन्होंने एक पौधा  ‘’अपने माँ ’’ के नाम पर लगाया । 

Thursday 5 September 2024

विद्यार्थियों से होती है शिक्षक की पहचान- कुलपति

विश्वविद्यालय में मनाया गया शिक्षक दिवस

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के शिक्षक अतिथि गृह में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मूर्ति पर शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुवार को विश्वविद्यालय की  कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने पुष्प अर्पित कर नमन किया।

उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन चरित्र हम सबके लिए अनुकरणीय है। शिक्षक की पहचान उसके विद्यार्थियों से होती है, निरंतर विद्यार्थियों को दृष्टिगत रखते हुए कार्य करते रहे।  इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय  समेत  विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षक उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान में शिक्षक दिवस समारोह के अवसर पर प्रोफेसर रवि प्रकाश एवं प्रोफेसर मनोज मिश्रा ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।

इसी क्रम में व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग  में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में अध्यक्ष प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थियों का संबंध आजीवन होता है. शिक्षक सदैव विद्यार्थियों का हित चाहता है. जनसंचार विभाग में आयोजित समारोह में विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र एवं डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।

 व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मानस पांडेय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर अशोक कुमार मिश्र, दून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एचसी पुरोहित, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ अमित वत्स ने  विचार व्यक्त किये. रज्जू भइया संस्थान में छात्रों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार यादव  ने शिक्षकों के महत्व को समझाया।

 विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में भी शिक्षक दिवस पर कई कार्यक्रम किए गए। शिक्षक दिवस की विभिन्न गतिविधियों में प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रजनीश भाष्कर, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. राज कुमार, प्रो. नुपुर तिवारी,  उप कुलसचिव अमृत लाल, डॉ. रसिकेश,  डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. अनु त्यागी, डॉ. चन्दन सिंह, डॉ. विवेक पाण्डेय, डॉ. प्रमोद कौशिक, कपिल त्यागी समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।