वाराणसी, 3जून2012
जौनपुर: वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय प्रशासन ने विवि परिसर व सम्बद्ध कॉलेजों में व्याप्त भ्रष्टाचार के भण्डाफोड़ के लिए स्टिंग आपरेशन चलाने का निर्णय लिया है। पूविवि देश का शायद पहला ऐसा विश्वविद्यालय बन गया है, जिसने बकायदा इस निर्णय को कार्य परिषद से मंजूरी दिलाते हुए अपने नियम कायदों में शामिल कर लिया है। किसी कार्य के बदले में अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर कुलपति संबंधित के खिलाफ स्टिंग आपरेशन का आदेश देंगे। पकड़ में आने पर निलंबन सहित यथोचित कार्रवाइयां होंगी। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में डिग्री, माइग्रेशन, अंक पत्र सुधार कराने, कॉलेजों की मान्यता पत्रवली आगे बढ़ाने, फार्म जमा करने आदि में कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली करने की शिकायतें आम हो चुकी हैं। वहीं जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर व मऊ के अधिकांश बीएड कालेजों में छात्रों से एडमीशन, हास्टल, कक्षा में उपस्थिति, प्रैक्टिकल, अंक पत्र, नकल कराने आदि मदों में अवैध वसूली तो पूछिए मत। शासन द्वारा 51 हजार रुपए बीएड की फीस निर्धारित है जबकि कॉलेजों में छात्रों से 75 हजार से एक लाख रुपए तक वसूल लिए जाते हैं। छात्र पीड़ित होते हुए भी शिकायत इसलिए नहीं करते थे कि कॉलेज प्रशासन द्वारा प्रैक्टिकल में अंक कम देने के साथ परीक्षा में सख्ती की धमकी दी जाती है। बीएड कालेजों में छात्रों से अवैध वसूली की तमाम शिकायतें मिलने को गंभीरता से लेते हुए कुलपति प्रो सुदरलाल ने अवैध वसूली में संलिप्त लोगों के भण्डाफोड़ के लिए स्टिंग आपरेशन चलाने का निर्णय लिया।ऐसे होगा स्टिंग आपरेशनविश्वविद्यालय या सम्बद्ध महाविद्यालयों में अवैध वसूली की शिकायत पर कुलपति स्टिंग आपरेशन की अनुमति देंगे। ज्यादा गंभीर मामला होने पर अपने स्तर से स्टिंग आपरेशन कराएंगे। अगर पीड़ित खुद संबंधित के खिलाफ स्टिंग आपरेशन करना चाहे तो कुलपति की अनुमति पर वह कर सकता है। आरोपी के खिलाफ साक्ष्य (विजुअल या ऑडिओ) मिलने पर संबंधित के खिलाफ यथोचित कार्रवाई होगी।
welcome move to make corruption free atmosphere.
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