Thursday 27 June 2024

अधिक अपेक्षा बनता है तनाव का कारण: प्रो.शिव कुमार

जन जागरूकता पखवाड़ा का समापन समारोह हुआ संपन्न 

जौनपुर । मिशन ड्रग्स फ्री केंपस एंड सोसाइटी अभियान के तहत  जन जागरूकता पखवाड़ा  का बुधवार को समापन हुआ।समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उमा नाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) शिव कुमार ने कहा  कि आधुनिक जीवन में हमारे द्वारा अत्यधिक अपेक्षाओं और आवश्यकताएं हमारे तनाव का कारण है । इसी तरह से विद्यार्थियों द्वारा अनावश्यक तनाव लेना, उनके नशे की ओर उन्मुख होने का मुख्य कारण है। डॉ. शिव कुमार ने 'प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर' को  समझाते हुए बताया कि हम अपने स्ट्रेस को अपने परिवार मित्र से शेयर करें, तो हमारा स्ट्रेस कम होता है और हम नशे के प्रति एक भी कदम आगे बढ़ने से बच सकते हैं । उन्होंने सुपारी जैसी पान-मसाला को प्रारंभिक कैंसर का कारण बताया।

  विशिष्ट अतिथि के रूप में वित्त अधिकारी संजय राय ने कहा कि विद्यार्थियों को नशा के प्रति किस प्रकार खुद को बचाकर रखना चाहिए और साथ ही साथ अपने जीवन-शैली में योग के महत्व की बातें को प्रमुखता से रखा।  

अध्यक्षता कर रहे प्रो. अजय द्विवेदी ने अभियान से जुड़े विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए विगत वर्षो में विश्वविद्यालय के कुछ साथी कर्मचारियों एवं शिक्षकों के साथ नशा करने के कारण घटित जीवन समाप्त हो जाने वाली  घटनाओं को साझा करते हुए बताया कि वे सभी आज इस दुनिया में नहीं है, जिसका एक प्रमुख कारण उनके द्वारा नशा का सेवन रहा।

इस अवसर पर  'एक जन नशे के विरुद्ध' अभियान में सक्रिय भूमिका एवं समाज में अग्रणी भूमिका के निर्वहन करने हेतु विश्वविद्यालय के छात्र सेनट थामस, पवन सोनकर, समरजीत सोनकर, शुभाँग मिश्र, सोनाली मिश्र, अनिकेत सोनकर, अंजली मिश्र, प्रिया पाल, रश्मि पाल, सृष्टि विश्वकर्मा एवं उत्सव सिंह को उनके सराहनीय योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 

संचालन समन्यवक एवं नोडल अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय ने किया । इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक अजीत प्रताप सिंह, उपकुलसचिव बबिता सिंह, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डॉ ममता सिंह, योगाचार्य जय सिंह, कर्मचारी संघ के महामंत्री रमेश यादव, मोहमद अफसर अली, जितेंद्र शर्मा, संतोष मौर्य, सतेंद्र मौर्य, सत्यप्रकाश पाल इत्यादि रहे।


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