Saturday, 14 April 2018

भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में गोष्ठी आयोजित



विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया सभागार में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव रामजी आंबेडकर  की जयंती के  उपलक्ष्य में  शनिवार  को  आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने बाबा साहेब  के समग्र व्यक्तित्व पर विचार मंथन किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि जो समस्त में व्याप्त होता है समाज में वही पूजनीय होता है। बाबा साहेब ने समाज से कुरीतियों को हटाने का अमृत कार्य किया है। जब तक यह धरती रहेगी बाबा साहेब अमर  रहेंगे। उन्होंने कहा कि  भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है  कि  जब- जब समाज में कुरीतियां आएगी तब- तब मेरा अवतरण होगा। इस रूप में बाबा साहेब देवदूत थे। उन्होंने कहा कि  बाबा साहेब के गुरुजन ब्राह्मण थे। गुरुदक्षिणा में बाबा साहेब ने अपने ब्राह्मण गुरु का उपनाम अपने साथ जोड़ कर गुरु शिष्य परम्परा को एक नई ऊंचाई दी है। वे अत्यंत लोकप्रिय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया।बाबा साहेब का मानना  था कि  भारत का प्राचीन ज्ञान -विज्ञान  जब  तक पुनःप्रस्फुटित नहीं होगा तब तक विश्व का कल्याण संभव नहीं है। आपने  भारत को विखंडित नहीं होने दिया और न ही आप अंग्रेजों के झांसे  में आये। देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए  यह राष्ट्र सदैव बाबा साहेब का  कृतज्ञ रहेगा। 


कार्यक्रम के  पूर्व भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव रामजी आंबेडकर के चित्र पर उपस्थित सभी लोगों ने माल्यार्पण एवं श्रद्धासुमन अर्पित किया।    बाबा साहेब के समग्र व्यक्तित्व को रेखांकित करते हुए  प्रो. वीडी शर्मा ,प्रो. अजय द्विवेदी ,डॉ संतोष कुमार, डॉ मनोज मिश्र ,डॉ राज कुमार ,डॉ इंद्रेश गंगवार ,डॉ करुणा और विशाल चौबे ने भी गोष्ठी को सम्बोधित किया। उपस्थित सभी का स्वागत कार्यक्रम संयोजक शीलनिधि सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजय श्रीवास्तव एवं संचालन श्यामल श्रीवास्तव द्वारा  किया गया । इस अवसर पर डॉ अमरेंद्र सिंह ,डॉ राजीव कुमार ,डॉ विद्युत् मल्ल ,अनिल श्रीवास्तव सहित विद्यार्थी मौजूद रहे। 

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