दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन
विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में बुधवार को प्राचार्य/प्रबंधकों की नैक एवं परीक्षा संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ । दूसरे दिन आज़मगढ़ और जौनपुर जनपद के प्रबंधक प्राचार्य कार्यशाला में शामिल हुए।
अध्यक्षीय कुलपति प्रो डा. राजाराम यादव ने कहा कि विद्यार्थी भगवान की सबसे उत्कृष्ट कृति है। विद्यार्थियों को सवारने और राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी महाविद्यालयों की है। महाविद्यालय से जुड़े लोगों को इस कार्य को पूर्ण लगन से करना चाहिए।
कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय परीक्षा की तैयारियों में जुटा है। नकलविहीन पारदर्शी परीक्षा करने किये विश्वविद्यालय कटिबद्ध है। उन्होंने महाविद्यालयों से सहयोग की अपील की।
वित्त अधिकारी श्री एम.के. सिंह ने कहा कि नेट बैंकिंग के माध्यम से परीक्षा शुल्क जमा होने से त्रुटियाँ काम होंगी। महाविद्यालय नेट बैंकिंग का प्रयोग करें।
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक राकेश यादव ने राष्ट्रीय सेवा योजना एवं रोवर्स रेंजर के संयोजक डॉ जगदेव ने रोवर्स रेंजर की गतिविधयों को विस्तार से बताया।
आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के सह संयोजक डा. धमेंद्र सिंह ने महाविद्यालयों से नैक मूल्यांकन कराने पर जोर दिया। नैक की तैयारियों के लिए टिप्स भी दिए।
प्राचार्य सतेंद्र प्रताप सिंह ने प्रायोगिक एवं मुख्य परीक्षा के सम्बन्ध में सलाह दिया। प्रबंधक अमित कुमार दुबे, डॉ देवेंद्र प्रताप सिंह समेत कई प्रबंधक एवं प्राचार्यों ने अपनी बात रखी।कार्यशाला का संचालन डॉ संजय श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर डॉ वीरेंद्र विक्रम यादव,डॉ एस के सिंह, डॉ प्रमोद सिंह, डॉ राजेश सिंह, डॉ देवरूप तिवारी, विजय तिवारी, डॉ मातबर मिश्रा, ज्योतिष यादव, राजबहादुर सिंह, राम सूरत यादव समेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रबंधक मौजूद रहे।
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