विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध विभाग व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एकेडमिक लीडरशिप एंड एजुकेशन मैनेजमेंट के द्वारा मंगलवार को चार दिवसीय अकादमी नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक मिशन एवं शिक्षण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित है।
विश्वेश्वरैया सभागार में कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के आचार्य आर०एन०सिंह ने कहा कि शिक्षकों को समाज के परिवर्तन में एवं भूमिका निभानी चाहिए | आज के बाजारीकरण युग में शिक्षकों को में प्रबंधकीय नेतृत्व का गुण होना चाहिए जिससे वह अपने विद्यार्थियों के रोजगारपरक गुणवत्ता को बढ़ा सकें। शिक्षकों को समय के अनुसार अपने भूमिका में परिवर्तन लाना चाहिए।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि जामिया मिलिया इस्लामिया ,नई दिल्ली ,के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर आफताब आलम ने कहा कि ज्ञान के प्रसार के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को पारंपारिक विधि के अलावा ऑनलाइन कार्यक्रम, डिजिटल पाठ्यक्रम और दूरस्थ शिक्षा आदि को अपनाना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों को इन विधियों में भी कार्मिक प्रशिक्षण देना जरूरी है। अध्यक्षता करते हुए कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय बाध्य हैं और भविष्य में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम कराने के लिए हर संसाधन उपलब्ध करवाएगा । कार्यक्रम के संयोजक एवं व्यवसाय प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर मुराद अली ने परिचय देते हुए कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों से विश्वविद्यालय एवं कालेज से 60 से अधिक संकाय अध्यक्ष, प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष आदि प्रति भाग कर रहे हैं। उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित शिक्षक बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एच०पी० माथुर, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद अकत्तर सिद्दिकी,इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की डॉक्टर सारा नशरिन आदि प्रशिक्षण देंगे।अतिथियों का स्वागत अमित सिंह वत्स एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुशील सिंह ने किया और कार्यक्रम संचालन डॉ मुराद अली ने किया।
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