प्रदूषण,जनसंख्या वृद्धि एवं लोक परम्परा पर करेंगे जागरूक
विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना भवन में शुक्रवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के नई तालीम एवं ग्रामीण प्रक्षालन व सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित करने के लिए बैठक आयोजित हुई।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद हैदराबाद के वरिष्ठ फैकल्टी डॉ अनिल कुमार दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों के साथ ग्रामीण विकास के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ हम संस्कृति, संस्कार से दूर होते जा रहे हैं। गांव के लोगों का शहरों की तरफ पलायन होना चिंतनीय है। देश के विकास में ग्रामीण विकास सबसे जरूरी है इसके लिए ग्रामीण सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसमें जनसंख्या वृद्धि, प्रदूषण,लोक परम्परा के संरक्षण एवं गरीबी को केंद्रित करते हुए ग्रामीणों जागरूक किया जायेगा। शिक्षा संकाय के साथ नई तालीम कार्यक्रम को पूर्वांचल में चलाया जाएगा।
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक राकेश यादव ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक सेविकाएं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका अदा करेंगे। जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने ग्रामीण संस्कृति के विविध आयामों पर अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि सदियों से जीवंत ग्रामीण संस्कृति को अब संरक्षित किये जाने की जरूरत है। नए दौर में युवाओं का अपनी परम्परा और संस्कृति से विमुख होना भविष्य के लिए सुखद नही है। ग्रामीण संस्कृति को संजोकर ग्रामीण विकास जरूरी है।
बैठक के पूर्व डॉ अनिल कुमार दुबे ने कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव से भेंट की। उन्होंने परिषद के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा की।कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु हर स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में रोवर्स रेंजर्स के समन्वयक डॉ जगदेव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ राम कुमार मौर्य, डॉ राममूर्ति यादव, डॉ राजेश कुमार, डॉ नीरज श्रीवास्तव, डॉ राम मोहन अस्थाना,डॉ अखिलेश चंद्र यादव, डॉ संदीप कुमार यादव समेत तमाम लोग मौजूद।
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