Saturday 19 October 2019

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चाणक्य नाटक की हुई प्रस्तुति

पद्मश्री मनोज जोशी के अभिनय ने दर्शकों को मोह लिया 

राष्ट्र और समाज की उन्नति के पथ में यदि धर्म बाधक है तो धर्म भी त्याज्य है। राजा होना सुखी होने का मार्ग नहीं है स्मरण रहे। यह चाणक्य नाटक के संवाद रहे जिसे बड़ेे ही रोचक अंदाज मेंं प्रख्यात कलाकार पद्म श्री मनोज जोशी में प्रस्तुत किया। उन्होंने चाणक्य के अखंड भारत के सपने को बताया। पुराने समय में जब भारत जब खंड-खंड में बंटा हुआ था,  चाणक्य ने भारत को एकजूट किया था। चाणक्य अपने दृढ संकल्प से  चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बनाया। 


 दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार द्वारा आयोजित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अवैैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में ज्वलंत ऐतिहासिक हिंदी नाटक चाणक्य की प्रस्तुति प्रख्यात रंगकर्मी और अभिनेता  पद्मश्री मनोज जोशी ने की।  नाटक में 25 कलाकारों की टीम ने चार चांद लगा दिए। दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार एवं तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चाणक्य नाटक में रंगकर्मी पद्मश्री मनोज जोशी ने  तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के महानायक चाणक्य के व्यक्तित्व को बड़ी कुशलता से प्रस्तुत किया। मनोज जोशी के संवादों ने दर्शकों को बांधे रखा। कलाकार वेशभूषा और रंगकर्म से दर्शकों के सामने चाणक्य को सजीव कर दिए। जनपद में पहली बार विश्व प्रसिद्ध हिंदी नाटक चाणक्य  का मंचन हुआ। रंगकर्मी मनोज जोशी की भाव भंगिमा के साथ महान कूटनीतिज्ञ चाणक्य के नीतियों से दर्शक मोहित होते रहे। चाणक्य नाटक के माध्यम से राष्ट्रवाद का संदेश दिया गया।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने  दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ आशीष गौतम को अप्रतिम नाटक आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि इस नाटक में बहुत से संदेश है जो युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन का काम करेगा।प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ आशीष गौतम ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन के उद्देश्यों के साथ अपनी भावी योजनाओं के बारे में बताया। विधायक हरेंद्र प्रसाद सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
संचालन डॉ नंदलाल सिंह ने किया। इस अवसर  विधायक हरेंद्र प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के एन सिंह, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, परीक्षा नियंता बीएन सिंह, रामेश्वर सिंह, प्रो ओम प्रकाश सिंह,प्रो बी बी तिवारी, प्रो नीरज खरे, प्रो ओम प्रकाश सिंह, प्रो ए पी सिंह, प्रो बी एन सिंह, पाणिनि सिंह, डॉ मनोज मिश्र,डॉ श्रद्धा सिंह, प्रदीप शाही, संजय सिंह, डॉ सत्य प्रकाश, डॉ श्याम कन्हैया समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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