स्वामी जी के विचारों को आत्मसात करें विद्यार्थी-डॉ मनोज
आयोजित संवाद में बतौर मुख्य अतिथि अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि स्वामी जी ने सबसे पहले विश्व बंधुत्व, हिन्दू धर्म की विराटता तथा भारतीय संकृति के विराट सार्वभौमिक स्वरुप से सम्पूर्ण विश्व को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के विचार विश्व में स्थाई शांति की दिशा में सार्थक प्रयास साबित हो सकते हैं। उनके विचारों को आत्मसात करने वाला कोई भी व्यक्ति कभी भी अनैतिक और राष्ट्रविरोधी कृत्य नही कर सकता। आज विद्यार्थियों को स्वामी जी विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विवेकानन्द जी का सम्पूर्ण व्यक्तित्व युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने विद्यार्थियों से स्वामी जी के विचार को साझा करते हुए कहा कि जब तक जीना है तब तक सीखते जाना है,यही अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
इस अवसर पर एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ० विनय वर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के विचार हम सभी स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाओं के लिए आधार वाक्य है। उन्होंने उपस्थित स्वयंसेवकों से कहा कि स्वामी जी ने कहा था कि जो लोग तुम पर भरोसा करते हैं उन्हें कभी भी धोखा न दो। .
No comments:
Post a Comment