Friday 10 January 2020

सांस्कृतिक संध्या में सत्यप्रकाश मिश्र की जोरदार प्रस्तुति


मनीष  और ऋचा के कथक ने बांधा समा

ठुमरी और तराने पर बजती रहीं तालियां



 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के राजेंद्र सिंह रज्जू भैय्या संस्थान के आर्यभट सभागार में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शुक्रवार की शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। ठुमरी और तराने ने जहां श्रोताओं के मन में जोश पैदा किया वही कथक नृत्य ने लोगों को झकझोर दिया। साथ ही मनीष शर्मा और ऋचा पांडेय की घूंघरू की खनक ने पूरे सभागार को झकझोर दिया।
समारोह का शुभारंभ प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित सत्य प्रकाश मिश्र ने राग यमन से की।इसके बाद उन्होंने राम रूप अनुरागी अखियां, श्याम बरन मन भरन... बंदिश सुनाई। पिया ले गयो रे मेरा सांवरिया लय और आज जाने की जिद ना करो... गजल सुना कर खूब तालियां बंटोरी। उनके साथ तबले पर लालजी मलिक तानपुरा पर आकर्ष श्रीवास्तव, ढोलक पर गुरु प्रसाद जी और सह गायक करमचंद्र जी थे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.डॉ राजाराम यादव ने
कैसे करी बरजोरी... जैसे ही सुनाया पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा। इसके बाद ना मानूंगी पिया प्यारे तोरे कृष्ण की मनाए बिन...  और उनके तराने का आनंद दर्शकों ने उठाया। उनके साथ बंगलुरु से आए प्रोफेसर गोपाल कृष्ण राव ने तबले पर संगत की।
बनारस घराने से आए कथक नृत्यांगना मनीष शर्मा और ऋचा पांडेय‌ ने शिव वंदना पर जोरदार जुगलबंदी की।
इसी क्रम में दोनों ने राधा- कृष्ण के प्रेम का वर्णन करते हुए जोरदार नृत्य की प्रस्तुति की। मनीष और ऋचा के घूंघरू के सवाल का जवाब तबले से विनोद मिश्र दे रहे थे। इस जोरदार प्रस्तुति से पूरा हाल तालियों से गूंज उठा। कथक में हारमोनियम पर गौरव मिश्र, तबले पर विनोद मिश्र, बांसुरी पर ऋषभ राज और सारंगी पर अंकित मिश्र ने संगत की। सभी कलाकारों को कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव, प्रो.भीम सिंह और प्रो.बी.बी. तिवारी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। समारोह कासंचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया।   

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