वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन और ग्रामीण
विषयक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया जा गया। परिचर्चा में वक्ताओं ने ग्रामीण
पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
प्रतिष्ठित यात्रा लेखिका एवं ब्लॉगर
डॉ कायनात काजी ने कहा कि भारतीय ग्रामीण संस्कृति में पर्यटकों को आकर्षित करने
के लिए बहुत कुछ छुपा हुआ है स्थानीय लोक गीत, लोक कलाएं पर्यटकों को गाँव की तरफ
आकर्षित करने के लिए सक्षम है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए पर्यटन
केंद्र विकसित होने से विकास होगा।
दून विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रबंध
अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने कहा कि कोरोना काल में
पर्यटन क्षेत्र बहुत प्रभावित हुआ है इस सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए भी
प्रयास होने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन के विकास पर अपनी बात रखते हुए
उन्होंने कहा कि ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर होम स्टे विकसित करना होगा।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी में
असिस्टेंट प्रोफेसर एवं इतिहासकार डॉ नीता यादव ने कहा कि भारत के प्राचीन मंदिरों
में विद्यमान तीनों शैलियों के बारे में अभी हमारे देश में बहुतों को
जानकारी का नहीं है। उत्तर भारत में नागर शैली, दक्षिण भारत में द्रविड़ शैली और
गुजरात में वेसर शैली जैसा स्थापत्य पूरी दुनिया मे कहीं नही मिलता। पर्यटन के
लिहाज से इसे हम अपने देश और दुनिया मे प्रसारित कर सकते है।
जौनपुर ब्लॉग एसोसिएशन के अध्यक्ष,ब्लॉगर एवं
इतिहासकार एसएम मासूम ने कहा कि पर्यटक चाहता है कि उसे भागदौड़ की जिंदगी के समय
मानसिक सुकून मिले। नए-नए चीजों को देखना, अनुभव करना अपनी यात्रा के दौरान वह
करता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन से ग्रामीण विकास संभव है हमें ग्रामीण क्षेत्र
में मूलभूत सुविधाओं को विकसित करना होगा। उन्होंने जौनपुर के पर्यटन को विकसित
करने के लिए टिप्स दिए।
अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ
दिग्विजय सिंह राठौर एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ सुनील कुमार ने किया।
इस अवसर पर डॉ सुनीता सिंह, डॉ उमेश पाठक, शिफाली अहूजा, मनोज भट्ट, जगमोहन सिंह राठौर, शाकम्बरी नन्दन,वीर बहादुर,शुभम द्विवेदी, दिव्यांशु, अदिति, अमित मिश्रा समेत
विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।
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