Tuesday, 9 January 2018

समाज उत्थान से ही देश बनेगा विश्व गुरु - मिथिलेश नारायण

पीयू में स्वामी विवेकानंद पर आयोजित हुई संगोष्ठी  

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन  में मंगलवार को प्रखर देशभक्त हिंदू धर्म दर्शन के संवाहक - स्वामी विवेकानंद विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. प्रज्ञा प्रवाह के वैचारिक संगठन उन्मेष के संयुक्त तत्वावधान  में  आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के बौद्धिक शिक्षण प्रमुख मिथिलेश नारायण ने कहा कि विश्व के कई देशों का अस्तित्व मिट गया हिंदुस्तान का अस्तित्व  इसलिए है  कि उसकी आत्मा में धर्म है।  धर्म हमें मरने नहीं देता है।  वह हमें सक्रिय करता है।  उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब पूजा नहीं है। पूजा तो एकाग्रता का माध्यम है। स्वामी जी ने  कहा था कि अगर मुझे  सौ युवा मिल जाए तो मैं भारत का भाग्य बदल दूंगा।  शिकागो  सम्मेलन में उन्होंने मेरे प्यारे अमेरिकी भाइयों और बहनों का संबोधन किया।   उन्होंने कहा कि आप विश्व को बाजार मानते हो हम परिवार मानते हैं। धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि हमारे यहां जो  नियम है- वही धर्म है।  उन्होंने कहा कि भारत का उदय एक व्यक्ति और सरकार से  नहीं सभी भारत वासियों के सहयोग से हो सकता है।  उन्होंने कहा कि समाज का  उत्थान देश की प्राणवायु  है।  भारत इसी के बल पर  विश्व गुरु बन सकता है। 
विषय प्रवर्तन  करते हुए पूर्व  प्राचार्य डॉ राधेश्याम सिंह ने कहा कि देश को समृद्ध बनाने में देश की जनता की सामूहिक शक्ति का उन्मेष स्वामी विवेकानंद ने किया। उन्होंने गांधी जी, नेहरु जी एवं  सुभाष चंद्र बोस के मन में क्रांति के बीज अपने विचारों से बोये।  उन्होंने कहा की विवेकानंद जी ने भारत की संस्कृति को दुनिया तक पहुंचाने का कार्य किया है। 
 अपने अध्यक्षीय संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय सृजन का स्थान है हमें युवाओं पर विश्वास करके उनको उस  लायक बनाने की जरूरत है। उन्होंने स्वामी परमहंस के शिष्य गिरीश चंद्र घोष का उद्धरण सुनाते हुए कहा कि जिस दिन हम विद्यार्थी और युवा पीढ़ी की समस्याओं को गंभीरता से लेने लगेंगे उस दिन हम भी विवेकानंद जैसे युवा पैदा करने लगेंगे।  उन्होंने ने कहा कि दुनिया में बहुत क्रांति हुई है लेकिन भारत ऐसा देश है जहां संक्रांति हुई है।   स्वामी विवेकानंद जी का जीवन है जीवन ही संक्रांति है। 
 अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर बीबी  तिवारी ने किया कार्यक्रम में टीडी कॉलेज के डॉ आर  एन ओझा  की पुस्तक स्फुट विचार का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन  डॉक्टर अजय द्विवेदी ने किया।  मंचासीन अतिथियों  का परिचय डॉक्टर राजकुमार सोनी ने एवं  धन्यवाद ज्ञापन डॉ एके श्रीवास्तव ने दिया।   इस अवसर पर सुरेंद्र प्रताप सिंह ,   संतोष त्रिपाठी,डॉक्टर बी डी शर्मा, नीरज सिंह, डॉ मनोज मिश्र, डॉ संतोष कुमार, दिग्विजय सिंह राठौर, डॉक्टर सुनील कुमार, डॉक्टर अमरेंद्र सिंह, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉक्टर विनोद सिंह, डॉक्टर सूर्य प्रकाश सिंह, डॉक्टर अवनीश कुमार सिंह, इंद्रेश कुमार सहित विद्यार्थी  प्रमुख रूप उपस्थित  रहे। 

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