Saturday, 9 February 2019

खुश रहने के लिए न खोजे कारण - अनुराग

आर्ट आफ लिविंग के उत्तर प्रदेश युवा कार्यक्रम समन्वयक अनुराग सिंह ने कहा कि जीवन में खुश रहने के लिए किसी कारण की जरूरत नहीं पड़ती है।  खुशी हमारा स्वभाव है, खुशी हम कहीं बाहर से नहीं लाते, यह  हमारे भीतर ही  मौजूद रहती है। हमें स्थिति से परे होकर खुश रहना चाहिए।
उक्त बातें उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग  संस्थान में चल रहे  स्टूडेंट एक्सीलेंस लर्निंग प्रोग्राम में शनिवार को कहीं। उन्होंने कहा कि हम अपनी खुशियों को इच्छाओं की पूर्ति से जोड़ दिए हैं जिसके पूरा होने पर हम खुश होते  हैं और जब एक इच्छा पूरी होती है तो पुनः मन  उदास हो जाता है। जो व्यक्ति सदैव खुश रहते है वो सकारात्मकता के साथ सदैव सृजन करते रहते है। उन्होंने कहा कि हम जो भी काम करें वो पुरे मनोयोग से करे। अधूरे मन से किये गए काम से वास्तविक संतुष्टि नहीं मिलती है। 
आर्ट आफ लिविंग की विशेषज्ञ निहारिका ने इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को सुदर्शन क्रिया के बारे बताया। उन्होंने कहा कि सुदर्शन क्रिया से  शरीर, मन और भावनाओं में सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने एकाग्रता और तनाव मुक्त तरीके से जीवन जीने के सूत्र बताये।  उन्होंने कहा कि हम दूसरे की बातों को सुनकर विचलित हो जाते हैं और वास्तविक रूप में जो करना है वह नहीं कर पाते।  हमें अपने अंतरात्मा की आवाज सुनना चाहिए और जो सही है उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। इसी क्रम में आर्ट आफ लिविंग के नेशनल फैकेल्टी अनूप ने भी विद्यार्थियों को जीवन जीने की कला सिखाई। कार्यशाला में  इंजीनियरिंग  संस्थान के विभिन्न विभागों के विद्यार्थीं प्रतिभाग किये। 

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