नीम के जेल से परिवार नियोजन पर प्रस्तुत किया शोध पत्र
मलेशिया के शुंगइपेटानी शहर में 14 से 15 सितंबर को स्वास्थ्य विज्ञान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें विश्व के विभिन्न देशों से 177 शोधार्थियों एवं वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया। डॉ सिंह को पूर्व में भी स्वास्थ विज्ञान पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में चार बार बेस्ट पेपर प्रस्तुतीकरण पर अवार्ड मिल चुका है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ नृपेन्द्र सिंह ने मलेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में नीम की पत्तियों का शुक्राणुओं पर प्रभाव विषयक शोध पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर उन्हें बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ नृपेन्द्र सिंह ने बताया कि नीम की पत्तियों से बने जेल में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शुक्राणुओं को मृत कर देते हैं। गर्भनिरोधक के रूप में जनसंख्या नियंत्रण के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। चूहों के ऊपर प्रायोगिक तौर पर इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है। भारत में जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के लिए यह बहुत ही लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि गर्भनिरोधक गोलियों का साइड इफेक्ट देखने को मिलता है लेकिन नीम की पत्तियों द्वारा तैयार किए गए इस जेल का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।
गुरुवार को डॉ नृपेंद्र सिंह को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने बेस्ट पेपर अवार्ड पाने के लिए बधाई दी कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षकों को शोध के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।
मलेशिया में आयोजित सम्मेलन में देश के चार कुलपतियों ने भी हिस्सा लिया था. डॉ सिंह की उपलब्धि पर फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट प्रो शैलेंद्र सर्राफ ने भी बधाई दी है। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, प्रो वंदना राय, डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ पुनीत धवन,सुरेन्द्र कुमार सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
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