Sunday, 29 September 2019

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सात दिवसीय राम कथा की हुई शुरुआत

विश्वविद्यालय के अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में सात दिवसीय श्री राम कथा अमृत वर्षा की शुरुआत रविवार को हुई।  विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों में नैतिक एवं सांस्कृतिक संचार के लिए तीसरी बार रामकथा का आयोजन किया गया है।
राम कथा अमृत वर्षा में प्रख्यात कथा वाचक आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि राम कथा सुनने से मन का टॉक्सिन निकलता है। भक्ति और अध्यात्म के मार्ग पर आना कठिन है। जो इस मार्ग पर आते है वह विशेष कृपा से आते है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन आयोजित इस कथा में माँ दुर्गा की स्तुति की। उन्होंने कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कथा में  सातों शगुन एक साथ उपस्थित रहते है।
कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने आचार्य शांतनु जी महाराज का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से प्रेरणा लेकर अपने समस्त विश्वविद्यालय परिवार को भगवान राम के आदर्श चरित्र को पहुँचाने के लिए राम कथा का आयोजन करते है। संगीत राम कथा के माध्यम से सभी में सकारात्मकता का संचार हुआ है। रामकथा की शुरुआत में व्यासपीठ का पूजन किया गया।
संगीत में रामकथा में हारमोनियम पर अमन मिश्र, तबला पर शंकर दा, वायलिन पर सुरेश, बांसुरी पर सुनील, सह गायक अंकित पाठक, सर्वेश तिवारी एवं प्रदीप ने रामकथा को संगीतमय बना दिया। आचार्य पूजन सौरभ शास्त्री ने किया। संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने  किया।
इसके पूर्व अतिथिगृह में शांतनु जी महाराज का कुल सचिव सुजीत कुमार जायसवाल के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, परीक्षा नियंता बी एन सिंह, प्रो के पी सिंह, प्रो अनिता गोपेश, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो अजय प्रताप सिंह, प्रो बी डी शर्मा, समन्वयक राकेश यादव, डॉ के एस तोमर, डॉ जगदेव, डॉ विजय प्रताप तिवारी, डॉ अनिल यादव, डॉ राजकुमार, डॉ सुबास चंद्र बिसोई, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ अनुराग मिश्र, प्रमेन्द्र सिंह, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ पुनीत धवन, डॉ विनय वर्मा, अमलदार यादव, डॉ संजय श्रीवास्तव, डॉ राजेश सिंह, रजनीश सिंह, अशोक सिंह समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

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