शैक्षणिक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम
व्यवसाय प्रबंध विभाग वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में शैक्षणिक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन वक्ताओं ने शिक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी। यह चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक मिशन एवं शिक्षण द्वारा उत्प्रेरित एवं समर्थित है।
एनसीईआरटी नई दिल्ली के प्रोफेसर एस के यादव ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थी का संबंध आत्मीयता का होना चाहिए। शिक्षक को कक्षा के हर विद्यार्थी के प्रति समान भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के समय विद्यार्थी अवसाद में चले जाते हैं शिक्षकों का दायित्व बनता है कि वह व्यक्तिगत स्तर पर उनकी काउंसलिंग करें। प्रो यादव ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उच्च शिक्षा में नियुक्त होने वाले नए शिक्षकों को 3 महीने का इंडक्शन कोर्स कराया जाएगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
इसी क्रम में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के प्रोफेसर एसपी माथुर ने छात्रों की सुविधाओं, प्लेसमेंट एवं समस्याओं के निराकरण पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज शिक्षक व छात्र के बीच दूरी बढ़ती जा रही है इसे कम करना होगा। छात्रों की डिग्रियों को रोजगारपरक बनाने के लिए विचार करने की जरूरत है। विद्यार्थियों को प्रवेश से लेकर रोजगार खोजने तक की उत्तम सुविधाएँ शिक्षण संस्थानों को उपलब्ध कराना चाहिए।
समन्वयक डॉ मुराद अली ने संचालन एवं धन्यवाद् ज्ञापन डॉ सुशील सिंह ने किया।
इस अवसर पर प्रो अजय प्रताप सिंह, प्रो ए के श्रीवास्तव, प्रो बी डी शर्मा, प्रो वंदना राय, प्रो अविनाश पाथर्डीकर, डॉ मो सलमान अंसारी, डॉ सतेंद्र सिंह, डॉ पुष्पा सिंह, डॉ मुक्ता राजे,डॉ संतोष कुमार, डॉ वंदना दुबे, डॉ मनोज मिश्रा,डॉ रसिकेश, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर समेत अन्य प्रतिभागी मौजूद रहे।
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