पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया हाल में गुरूवार को छह दिवसीय “ट्रेनिंग प्रोग्राम आन एकेडमिक लीडरशिप” कार्यक्रम के चौथे दिन लखनऊ में आईसीसीएमआरटी के प्रोफेसर जाबिर अली का उद्बोधन हुआ।
प्रोफेसर जाबिर ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा की ब्रांडिंग को ठीक करने के लिए हमें रणनीति बनानी होगी। इसके लिए हमें प्रवेश से लेकर परीक्षा तक उस पर काम करना चाहिए। बच्चों को क्लास के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में जोड़कर हम उन्हें जुझारू और अध्ययनशील बना सकते हैं। अगर इनपुट अच्छा रहेगा तो आउटपुट अच्छा मिलेगा। इसके लिए शिक्षक को भी जिम्मेदार बनाने की पहल होनी चाहिए। क्लासरूम में आने से पहले अपने आप को अपडेट होना चाहिए। वह बीते दिनों की बात हुयी जब पच्चीस साल पुराने नोट्स से बच्चों का पढ़ाया जाता रहा। इन्टरनेट के दौर में विद्यार्थी इस परंपरा को कतई पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा कि अब शिक्षक का काम सिर्फ अध्यापन करना नहीं रहा उसे ट्रेनिंग, रिसर्च और प्रशासनिक कार्य को भी आपस में सामन्जस्य बैठा कर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री की आवश्यकता के अनुसार विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम बनाना चाहिए ताकि बच्चों का प्लेसमेंट आसानी से हो सके। उन्होंने कहा कि गुरुकुल से हम बिजनेस शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। इस हिसाब से हम विद्यार्थियों को बनाए। कार्यक्रम का संचालन डा. मुराद अली और धन्यवाद ज्ञापन डा. नुपुर तिवारी ने किया। इस अवसर पर डा. एसपी तिवारी, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिहं, शैलेश प्रजापति, अमित वत्स, इद्रेश कुमार, विद्युत मल्ल, डा.विनय वर्मा, डा. सुरेन्दर सिंह, आशीष गुप्ता, सुधांशु यादव आदि थे।
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