वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के विश्वेश्वरैया हाल में बुधवार को छह दिवसीय “ट्रेनिंग प्रोग्राम आन एकेडमिक लीडरशिप” कार्यक्रम के तीसरे दिन के प्रथम सत्र में अलीगढ़ विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर साजिद जमाल का उद्बोधन हुआ।
प्रोफेसर जमाल ने कहा कि भारत में मैकाले की शिक्षा पद्धति में बदलाव की जरूरत है। यह पद्धति देश के लोगों को क्लर्क बनाने के लिए थी । उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की तारीफ करते हुए कहा कि अगर यह योजना सही रूप संचालित हुई तो देश से बेरोजगारी का समाधान काफी हद तक हो सकता है, इसमें किताबी और व्यवहारिक ज्ञान दोनों का समन्वय है। यह कंपनी और यहां की जनता दोनों का भला करेंगी और देश नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। उनका मानना है कि आधुनिक शिक्षा ने लोगों को रोजगार से जोड़ा है।
दूसरे सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. एस. ए. अंसारी ने वित्तीय प्रबंधन एवं संसाधन विषय पर कहा कि वित्तीय प्रबंधन के मामले में शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी बहुत कमजोर होते हैं। फंड का इस्तेमाल कैसे करें संसाधन का सही समय पर कैसे इस्तेमाल करें इसके बारे में उन्होंने विस्तृत रूप से जानकारी दी। साथ ही वित्तीय अनुशासन के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन डा. मुराद अली और धन्यवाद ज्ञापन डा. सुशील कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. नुपुर तिवारी, डा. एसपी तिवारी, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिहं, शैलेश प्रजापति, अमित वत्स, डॉ सुधांशु यादव, इंद्रेश कुमार, विद्युत मल्ल, नृपेंद्र सिंह, विनय वर्मा, डा. विजय मौर्या आदि थे।
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