Saturday, 24 February 2018

जीवन में अनुशासित रहने की जरुरत - डॉ पी के मिश्रा


-विश्वविद्यालय में  6  दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन 
- संस्था के विकास के लिए अन्तरवैक्तिक सम्बद्ध महत्वपूर्ण 

विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया  हाल में चल रहे  को छह दिवसीय “ट्रेनिंग प्रोग्राम आन एकेडमिक लीडरशिप” कार्यक्रम का समापन हुआ. यह कार्यक्रम भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय मिशन शिक्षण और शिक्षक के अंतर्गत हुआ. इसका आयोजन व्यवसाय प्रबंध  विभाग और अलीगढ़ विश्वविद्यालय  के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। 
6 दिवसीय कार्यशाला में 42 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला  दौरान  आये विषय विशेषज्ञों ने प्रशासनिक गुणवत्ता सुधार के लिए टिप्स दिए। 

समापन सत्र में  ओएनजीसी के पूर्व महाप्रबंधक डॉ पी के मिश्रा ने कहा कि यह कार्यशाला निश्चित तौर पर प्रतिभागियों के नेतृत्व  क्षमता को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि अच्छे समय में अनुशासित न होने से बुरा समय आ जाता है। जीवन में हमें सदैव अनुशासित रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि सभी व्यक्ति के अंदर सुंदरता और बुद्धिमत्ता है लेकिन बहुत सारे अनावश्यक तत्व इसे उभरने नहीं देते है।  
बतौर विशिष्ट अतिथि सेण्टर फॉर अकादमिक लीडरशिप एंड एजुकेशन मैनेजमेंट अलीगढ की सहायक निदेशिका डॉ  फैजा अब्बाशी ने कहा कि हमें नित नए प्रयोग करते रहना चाहिए। स्वयं के विकास के लिए और संस्था के विकास के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। शिक्षक सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं होता बल्कि वह एकेडमी की लीडर होता है।
बतौर विशिष्ट अतिथि भागलपुर इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय निदेशक साराह नसरीन ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने बड़े रुचिकर तरीके से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम हमें अपने कार्यों में ऊर्जा प्रदान करेगा। जिसके भविष्य में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।  
टेकिप के समन्वयक प्रो बीबी तिवारी ने अतिथियों का स्वागत एवं  प्रशिक्षण कार्यक्रम  के संयोजक विभागाध्यक्ष डॉ मुराद अली ने 6 दिनों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रतिभागियों में डॉ नुपूर तिवारी, डॉ अमित वत्स, डॉ अब्दुल हलीम ने भी अपने विचार व्यक्त किये। समापन सत्र में  प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया। 
इसके पूर्व आयोजित सत्र में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रो परवेज तालिब ने अंतर्वैयक्तिक संबंधों पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के सफलता के  पीछे अन्तरवैतिक संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। संस्था के सदस्यों के बीच अगर आपसी ताल मेल बढ़िया है तो संस्था अपने उद्देश्यों को शीघ्र पूरा कर लेगी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी सभी अच्छाइयों और बुराइयों को नहीं जान पाता। व्यक्तिव का विकास बुराई कम अच्छाइयों को अधिक करने से होता है। प्रो तालिब से प्रतिभागियों के मध्य मैनेजमेंट गेम को भी कराया।समापन सत्र में  प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया। 
इस अवसर पर डॉ  एस पी तिवारी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, परमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ नृपेंद्र सिंह, डॉ सुधीर उपाध्याय, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह,  शैलेश प्रजापति,  समेत तमाम लो मौजूद रहे। 

शिक्षा का उत्थान देशहित में करेः डा. मिश्र
कैरियर में सफल होने के दिए टिप्स
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर फार्मेसी के आर.एन. गुप्ता हाल में शनिवार को विज्ञान दिवस के तहत भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में तेल कंपनियों के योगदान विषय पर ओएनजीसी के पूर्व जीएम डा. पी. के मिश्र का उद्बोधन हुआ। 
डा. मिश्र ने कहा कि ज्ञान में शक्ति होती है, ऐसा कहा जाता है, मगर इंजीनियर और वैज्ञानिक लगातार मेहनत करके किसी रिजल्ट तक पहुंचते हैं तथा देश में उनके नाम से एक खोज जुड़ता है। आज जमाना धन का है अगर हम उस परिप्रेक्ष्य में देखे तो उन लोगों से ज्यादा बिजनेस एक्जक्यूटिव और वित्त विभाग के लोग पाते है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां बच्चा भी जन्म लेने के बाद पालटिशियन हो जाता है। वह अपने माता-पिता की शिकायत अपने दादा-दादी से करता है। उनका मानना है कि एक आइडिया आपके जीवन को बदल सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उत्थान देशहित में होना चाहिए। उन्होने कहा कि जीवाश्म ईधन हजारों वर्षों में बनते है इसलिए ईधन के अन्य स्रोतों के प्रयोग पर अधिक बल देना चाहिए। साथ ही स्लाइड के माध्यम से तेल की खोज और ड्रिलिंग की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने इंजीनियरिंग के बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि तेल उद्योग में कैरियर की असीम संभावनाएं हैं। इसकी सर्विस कंडीशन भी अच्छी है। उन्होंने कहा कि आज बेरोजगारी दूर करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। टेकिप के समन्वयक प्रो, बीबी तिवारी ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए कहा कि ओएनजीसी और तेल उद्योग के क्षेत्र में डा. मिश्र के योगदान की सराहना की। इंजीनियरिंग और तकनीक संस्थान के प्रो.ए. के श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण करते हुए कहा मुख्य अतिथि का मार्गदर्शन हमारे विद्यार्थियों के लिए कारगार साबित होगा। समारोह में डा. संतोष कुमार, डा. संजीव गंगवार, डा. वंदना पांडेय, डा. रूश्दा आजमी,शैलेश प्रजापति, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिहं, आदि थे।

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