Thursday, 27 March 2025

 विकसित राष्ट्र के लिए युवाओं की सोच वैज्ञानिक होः प्रो. रामलखन सिंह

नवाचारों से भारत हो रहा है मजबूतः प्रो. वंदना सिंह

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन


 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के परिसर के आर्यभट्ट सभागार में विज्ञान संकाय के बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एवं एनवायर्नमेंटल साइंस विभाग  द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया | दूसरे दिन पोस्टर एवं मॉडल प्रस्तुतीकरण हुआ | विज्ञान दिवस 28 फरवरी जो सीवी रमन इफेक्ट के नाम से जाना जाता है कि उपलक्ष्य में मनाया जाता है इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राम लखन सिंह पूर्व कुलपति नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू झारखंड पधारे उन्होंने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एवं राष्ट्र के विकसित भारत के लिए युवाओं को वैज्ञानिक सोच नवाचार शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में  आगे बढ़-चढ़कर करने के लिए आह्वान किया |उन्होंने कहा कि कोई राष्ट्र का विकास तभी हो सकता है जब वहां के युवा की वैज्ञानिक सोच हो और अपने नित्य कर्मों में अध्ययन के साथ-साथ वह समाज के नव निर्माण में और एक विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अपने नवाचारों के माध्यम से कर सकता है और राष्ट्र का प्रत्येक क्षेत्र यथा कृषि, स्वास्थय, अवसंरचना, अन्तरिक्ष  में समावेशी विकास हो सके |

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर वंदना सिंह कुलपति ने कहा की हम अमृत कल के समय में जी रहे हैं और नित्य नए नवाचारों से हम अपने भारत को मजबूत कर रहे हैं | भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें अपने युवा पीढ़ी को सशक्त करना पड़ेगा | इस दिशा में भारत सरकार के स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, शोध और अनुसंधान में प्रोत्साहन दिया जा रहा है | उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार की तरफ से दिल्ली में पर्स योजना के तहत सम्मान किया जा रहा है और वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसको यह 7.13 करोड़ का प्रोजेक्ट मिला है |  इस प्रोजेक्ट से आने वाले कुछ ही समय में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा |

विज्ञान का संकाय के संकाय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर राजेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।

दुसरे दिन होने वाले कार्यक्रम पोस्टर प्रस्तुतीकरण के निर्णायक में प्रो. संतोष कुमार, प्रो. सौरभ पाल एवं डॉ राम नरेश यादव  रहे मॉडल एग्जीबिशन के निर्णायक मंडल में प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजकुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. प्रमोद कुमार |इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रथम दिन एवं द्वितीय दिवस के कार्यक्रम का सम्पूर्ण विवरण आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार गुप्ता बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया और यह बताया गया कि

रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कोमल जायसवाल एवं  ग्रुप रहा,  द्वितीय स्थान पर तान्या प्रजापति समूह रहे, तृतीय स्थान पर शालिनी पांडेय समूह रहे । क्विज कंपटीशन में प्रथम स्थान पर  बिपिन कुमार मैकेनिकल इंजीनियरिंग, द्वितीय स्थान पर अलीजा आज़मी एवं  साक्षी पांडेय,  तृतीय स्थान अनुराग सिंह और श्याम सुंदर ने प्राप्त किया । साइंस फिक्शन स्टोरी राइटिंग में प्रथम स्थान पर शीतल सिंह  बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, द्वितीय  स्थान पर  विशाल यादव एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, तृतीय स्थान पर वैष्णवी अरोड़ा बीएससी बायोटेक्नोलॉजी रहे।पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर सताक्षी श्रीवास्तव बीएससी आनर्स बायो टेक्नोलॉजी, द्वितीय स्थान पर अनुराग यादव बीएससी बायोटेक्नोलॉजी मोहम्मद हसन महाविद्यालय,  अनुज्ञा निषाद एवं नैना सिंह एमएससी बायोटेक्नोलॉजी तृतीय स्थान पर रहे । मॉडल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर  साक्षी पांडेय, नेहा नाज एवं सुंदर चौहान समूह, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, द्वितीय स्थान पर श्रेया सिंह एवं सृष्टि सिंह बीएससी हॉनर्स  बायोटेक्नोलॉजी तथा आस्था श्रीवास्तव, नितिन चौहान, विशाल यादव, प्रीति विश्वकर्मा दिव्यांश, हेरा पलक तृतीय स्थान पर रहे. इस कार्यक्रम में कुल 539 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया और परिसर के विभागों बायोटेक्नोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एनवायर्नमेंटल साइंस, रज्जू भईया संस्थान, इंजीनियरिंग संस्थान, फार्मेसी संस्थान विधि संस्थान के अलावा शिया कॉलेज और मो. हसन महाविद्यालय के छात्रों ने भी भाग लिया| कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की छात्रा स्नेहा कुमारी और छात्र शुभम सिंह चौहान ने किया | विशिष्ट अतिथि का जीवन परिचय बायोटेक्नोलॉजी विभाग की शोध छात्र आतिफा हफीज ने पढ़ा | धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार गुप्ता दिया |इस अवसर पर प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. एस पी तिवारी, डॉ नीरज अवस्थी , डॉ इन्द्रेश गंगवार, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुजीत चौरसिया, डॉ पुनीत धवन, डॉ विवेक पांडे, डॉ संजीव कुमार मौर्य, डॉ दिनेश कुमार, डॉ. सिपाही लाल, डॉ विवेक सिंह, डॉक्टर श्वेता सोनम, डॉ. मारुति प्रसाद, डॉ राजेश कुमार, डॉ विजय शंकर पांडे, मिस ईशानी भारती, डॉ प्रतिमा श्रीवास्तव, डॉ दीपक कुमार, डॉ अभय कुमार आदि थे

Tuesday, 18 March 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से शुरू होंगे नए पाठ्यक्रम

भारतीय ज्ञान परंपरा, इंटीग्रेटेड एमसीए और एमएससी फूड टेक्नोलॉजी से जुड़े पाठ्यक्रमों की होगी पढ़ाई

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को  कुलपति सभागार में विद्या परिषद की बैठक आहूत की गई। बैठक में विश्वविद्यालय परिसर में नए पाठ्यक्रमों को शुरू करने समेत अन्य निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है जिससे विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार मिल सके और उन्हें पढ़ने के लिए बाहर न जाना पड़े।
एमसीए के चार वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम को परिसर में प्रारंभ करने के लिए विचार किया गया। इस पाठ्यक्रम में 12 वीं के बाद विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। वैश्विक सॉफ्टवेयर उद्योग को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों में विशेष कौशल को विकसित करने के लिए इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। 
इसके साथी फूड टेक्नोलॉजी विषय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर सहमति दी। भारतीय ज्ञान विज्ञान को विद्यार्थियों से परिचित कराने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम के अंतर्गत एक वर्षीय वैदिक ज्योतिष डिप्लोमा पाठ्यक्रम, एक वर्षीय वैदिक कर्मकांड डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं एक वर्षीय वैदिक वास्तु शास्त्र डिप्लोमा पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय परिसर में संचालन करने हेतु अध्ययन परिषद ने  सहमति दी है।
उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश के दिशा निर्देशों के क्रम में विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालय में स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध कोर्सेज को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने हेतु अध्ययन परिषद के संयोजकों द्वारा स्वयं पाठ्यक्रम पर चर्चा की गई।इसके साथ ही शोध निदेशक बनाए जाने हेतु गठित समिति की संस्तुतियों पर विभिन्न विषयों के 84 शोध निर्देशक बनाए जाने पर सहमति दी गई।
बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पांडे, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.राजेश सिंह,प्रो.सौरभ पाल,प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. श्रीश कुमार सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, उप कुलसचिव बबीता सिंह समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे.

Monday, 17 March 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत में नेचर इंडेक्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2024 में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है । इसके साथ ही भारत में 125 वां स्थान है ।

विश्वविद्यालय का काउंट 2 और शेयर 0.74 दर्ज किया गया है, जो इसके शोध और अकादमिक उत्कृष्टता को दर्शाता है। बताते चले कि विश्वविद्यालय द्वारा उच्च श्रेणी के रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशन के फलस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई है।  जो विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक शोध क्षमता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा में बढ़ती प्रतिष्ठा को प्रमाणित करती है।

नेचर इंडेक्स एक प्रतिष्ठित वैश्विक मानक है, जो शोध पत्रों की गुणवत्ता और प्रभाव को मापता है। यह सूचकांक शिक्षण संस्थानों और शोध केंद्रों के शोध कार्यों का आकलन करता है, जिससे उनकी वैश्विक शोध प्रतिष्ठा को आँका जाता है।इसमें दो प्रमुख मैट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। काउंट किसी संस्थान द्वारा प्रकाशित कुल शोध पत्रों की संख्या, किसी शोध पत्र में संस्थान के योगदान का अनुपात, विशेष रूप से जब शोध में कई संस्थान शामिल होते हैं । नेचर इंडेक्स नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मानक है, जिससे वे उन्नत शोध और नवाचार के लिए संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकें।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह द्वारा शोध की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके फलस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में, पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।  साथ ही साथ विज्ञान, पर्यावरण, चिकित्सा, कंप्यूटर विज्ञान और कृषि विज्ञान  के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ शोध सहयोग से शोध कार्य चल रहे है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने शोध को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, शोध अनुदान, और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे कई कदम उठाए हैं। उच्च गुणवत्ता वाले शोध के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशालाएं, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ अकादमिक सहयोग,  इंडस्ट्री- शोध को उद्योगों से जोड़कर व्यावहारिक समाधान विकसित किया जा रहा है । विश्वविद्यालय को (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) द्वारा A+ की उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है । विश्वविद्यालय को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा डीएसटी-पर्स योजना के अंतर्गत 07 करोड़ 13 लाख रुपये का अनुदान भी  प्राप्त हुआ है । विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश और भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय शोध मानकों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि "पूर्वांचल विश्वविद्यालय का मुख्य लक्ष्य शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना और वैज्ञानिक नवाचारों में विश्वविद्यालय की भागीदारी बढ़ाना है। शिक्षकों और शोधार्थियों की मेहनत का परिणाम है कि आज पूर्वांचल विश्वविद्यालय इस सम्मानजनक स्थान पर पहुंचा है। इस वर्ष विश्वविद्यालय नेचर इंडेक्सिंग में प्रथम बार आया है, विश्वविद्यालय उच्च श्रेणी के शोध कार्यों को बढ़ावा दे है जिससे हमें आशा ही पूर्ण विश्वास है कि आने वाले वर्षों में रैंकिंग में और सुधार हो सकेगा।"

Monday, 10 March 2025

विद्यार्थी कॉरपोरेट की गतिविधियों से होंगे परिचित- प्रो. वंदना सिंह

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव की तैयारियों को लेकर कुलपति ने की बैठक

विश्वविद्यालय में 25 मार्च को होगा कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में सोमवार को  कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव की तैयारी को लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं  अधिकारियों की बैठक आहूत की गई.

बैठक में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि  कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में देश के कारपोरेट सेक्टर के  विशेषज्ञ विद्यार्थियों से सीधा संवाद करेंगे.  इससे जहां एक तरफ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी कॉरपोरेट सेक्टर में हो रही गतिविधियों से सीधे परिचित होंगे.  विश्वविद्यालय अपनी गतिविधियों को कॉरपोरेट सेक्टर को परिचित करा सकेगा.कॉरपोरेट कॉन्क्लेव के लिए उन्होंने गठित समिति के सदस्यों से विचार विमर्श किया.

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाला कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव विद्यार्थियों के  बहुत हितकर है. उन्होंने विभागाध्यक्षों से विद्यार्थियों के बड़ी संख्या में सहभागिता लिये चर्चा की.

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव के प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव का आयोजन 25 मार्च को विश्वविद्यालय में होगा जिसमें एक दर्जन से अधिक कॉरपोरेट सेक्टर के उच्च पदों पर कार्यरत लोग जुड़ेंगे. विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के लिए समानांतर सत्रों का आयोजन भी किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आज कॉर्पोरेट सेक्टर में तेजी से प्रगति और परिवर्तन हो रहे है, विद्यार्थी उसके लिए अपने को तैयार कर सके यह बहुत जरूरी है.  

इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. मुराद अली, डॉ. राजकुमार सोनी, डॉ. आशुतोष सिंह, उप कुलसचिव अमृत लाल, डॉ. रसिकेश, डॉ. अमरेन्द्र सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. नृपेन्द्र सिंह समेत अन्य शिक्षक उपस्थित रहे.