Friday 11 March 2016

महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत: हिना देसाई


      

विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में गुरूवार को महिला सेल द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में लैंगिक भेद एवं उत्पीड़न के रोकथाम व निषेध विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने महिला मुद्दों के विभिन्न आयामों पर अपनी बात रखी। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि महिला मुद्दो के प्रति समर्पित श्री रामानन्द सरस्वती पुस्तकालय जोकहरा आजमगढ़ की निदेशिका हिना देसाई ने कहा कि पुरूषों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। पुरूषों के द्वारा किये जाने वाली एक छोटी सी हरकत एक महिला के जीवन को पिंजरे में कैद कर देती है। हमें एक ऐसे माहौल का निर्माण करना है जो महिलाओं को सशक्त बनाए। महिलाओें के साथ भेदभाव करने वाला समाज आज किसी को मंजूर नहीं है। हमें इसके दायरे के वजूद को खत्म करना होगा जिसके लिए हमें पुरूष सत्ता पर चोट करनी होगी। उन्होंने कहा कि हमें समानता नहीं वास्तविक बराबरी चाहिए।

बतौर मुख्य वक्ता आर्य महिला पीजी कालेज वाराणसी की शिक्षिका डा. वंदना चैबे ने कहा कि शैक्षिक संस्थाओं की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह महिलाओं को समानता व उनके सम्मान के संरक्षण के लिए एक अच्छे वातावरण को तैयार करें। उन्होंने कहा कि कई बार हम समस्याओं के बारे में चिंतन करते हैं लेकिन वह उसके केंद्र बिन्दु के इर्दगिर्द घूमती रहती है। हमें उसे पहचानने के जरूरत है। महिलाओं को अपने अंदर जवाबदेही स्वयं तय करना होगा। तभी आगे बढ़ सकती हैं।
महिला सेल के सलाहकार प्रो. डी.डी. दूबे ने कहा कि समता, व्यवहारिता तथा सम्यक आचरण से ही कोई परिवार, समाज व देश आगे बढ़ता है। स्त्री-पुरूष में विभेद करके हम आगे कभी नहीं बढ़ सकते। इस दौर में लिंग के आधार पर भेदभाव संभव नहीं हैं। विश्वविद्यालय विचारशील नागरिकों के लिए निर्माणशाला है। आईक्यूएसी के अध्यक्ष डा. मानस पाण्डेय ने कहाकि वीर बहादुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडलिस्ट की सूची में लड़कियों ने हमेंशा बाजी मारी है। आकड़ें बताते हैं कि आज विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में, पठन-पाठन के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है और कई एक पाठ्यक्रमों में वह सबसे आगे हैं। आज हर पिता अपनी पुत्री को और हर भाई अपनी बहन की सफलता के लिए सक्रिय है। महिला से जुड़ी कुप्रथाओं को रोकने के लिए आज समाज जागृत है। संगोष्ठी की संयोजिका डा. वंदना राय ने विश्वविद्यालय के महिला सेल एवं संगोष्ठी के विषय एवं उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। संचालन सुमैला सिद्दीकी एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. रूश्दा आजमी ने किया।
इस अवसर पर प्रो. एके श्रीवास्तव, डा. एचसी पुराहित, डा. अजय द्विवेदी, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. राम नारायण, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. मनोज मिश्र, डा. रशिकेश, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. प्रदीप कुमार, डा. आशुतोष सिंह, डा. विवेक पाण्डेय, डा. कार्तिकेय शुक्ला, डा. विनय वर्मा, डा. झांसी मिश्रा, डा. आलोक दास, रजनीश सिंह, श्याम त्रिपाठी सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थीगण मौजूद रहे।

Wednesday 2 March 2016

वार्षिक खेल समागम समारोह

 विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में बुधवार को तीन दिवसीय वार्षिक खेल समागम समारोह की शुरूआत हुई। उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने झण्डारोहण कर समागम का शुभारम्भ किया। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि फील्ड में सफल होने वाला विद्यार्थी जीवन के हर क्षेत्र में सदैव सफल होता है, क्योंकि वह अनुशासन व संगठित होकर कार्य करता है। जीवन में धूप व छांव सदैव आते जाते रहते हैं इसमें समय का सही प्रबंधन करना चाहिए। सफलता के लिए निरंतर कोशिश करते रहना चाहिए। यही कोशिशें रंग लाती हैं। उन्होंने कहा कि खेल प्रतिस्पर्धाओं ने भाग लेने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई के समय और उसके बाद सदैव एक अलग पहचान बनती है। समय का सही प्रबंधन कर आगे बढ़ते रहना चाहिए।
खेल समिति के अध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय के खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है। यह एकलव्य स्टेडियम परिसर के विद्यार्थियों के लिए मानसिक व शारीरिक मजबूती का बड़ा केन्द्र है। तीन दिवसीय यह प्रतियोगिताएं परिसर के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास की एक कार्यशाला है।
खेल समिति के सचिव डा. प्रदीप कुमार ने विश्वविद्यालय परिसर की खेलकूद गतिविधियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। पहले दिन 1500 मीटर में पुरूष और महिला दौड़ स्पर्धा काआयोजन किया गया। पुरूष प्रतियोगिता में सूर्य प्रताप सिंह प्रथम, पुलकित सिंह द्वितीय एवं अंकित मौर्य ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। महिला वर्ग में प्रभावती पटेल ने प्रथम, अजीता ने द्वितीय एवं नेहा सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
स्वागत संकायाध्यक्ष डा. एच.सी. पुरोहित एवं संचालन अशोक सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. डीडी दूबे, डा. विपिन चन्द्र अस्थाना, डा. अजय प्रताप सिंह, प्रो. एके श्रीवास्तव, डा. जेबी सिंह, डा. हरेन्द्र सिंह, डा. रामआसरे शर्मा, डा. देवेन्द्र कुमार सिंह, डा. रामनारायण, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. वीडी शर्मा, डा. अजय द्विवेदी, डा. वंदना राय, डा. मनोज मिश्र, डा. रजनीश भास्कर, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. अमरेन्द्र सिंह, डा. रशिकेश, डा. विवेक पाण्डेय, धर्मेन्द्र सिंह, डा. सुशील सिंह, डा. एसपी तिवारी, डा. राजेश शर्मा, रजनीश सिंह, डा. राजेश सिंह आदि उपस्थित रहे।






Tuesday 1 March 2016

अन्तरविषयक शोध एवं नवाचार केन्द्र भवन का हुआ शिलान्यास



पूर्वान्चल क्षेत्र में उच्च स्तरीय शोध के लिए नई पहल
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत अन्तरविषयक शोध एवं नवाचार केन्द्र भवन का शिलान्यास कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने किया। रूसा संयोजक डा. मानस पाण्डेय ने बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध एवं नवोन्मेषी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए इस भवन का शिलान्यास किया गया है। पूर्वान्चल क्षेत्र में उच्च स्तरीय शोध के लिए इस तरह का यह पहला केन्द्र हैं जो कि विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों एवं शोध छात्रों के लिए समर्पित है।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय का डाटा सेंटर होगा जिसमें कम्प्यूटर लैब से सुसज्जित वाई-फाई परिसर एवं स्मार्ट क्लास रूम होंगे। जिसमें शोध सम्बन्धी ई-जनरल्स, ई-लाइब्रेरी, ई-बुक्स की व्यवस्था की जाएगी तथा ई-रिर्सोसेज को बढ़ावा दिया जाएगा। इस भवन निर्माण की कार्यदायी संस्था समाज कल्याण विभाग है जो छह महीने के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, डा. एचसी पुरोहित, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. रजनीश भाष्कर, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. अजय द्विवेदी, डा. मनोज मिश्र, डा. राजेश शर्मा, डा. प्रदीप कुमार, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुधीर उपाध्याय, डा. कार्तिकेय शुक्ला, डा. विवेक पाण्डेय, डा. केएस तोमर, श्याम त्रिपाठी सहित कई लोग मौजूद रहे।