Monday 28 October 2013

बाजार में जो देखा, समझा वह अद्भुत-राधा भट्ट

 






 
-एनएसएस भवन परिसर मेंएनएसएस भवन परिसर में भारत रत्‍न मदर टेरेसा की मूर्ति का हुआ अनावरण
 
-सहकारी पीजी कालेज मेहरावां परिसर में 22वें बापू बाजार का आयोजन किया गया
 
-गरीब घर में पैदा होकर मदर टरेसा ने सेवा के बल पर पूरे विश्व में अपने को स्थापित किया। लोग आज भी उन्हें बड़े सम्मान के साथ याद करते हैं।
सुश्री राधा भट्ट
अध्यक्ष,गांधी शांति प्रतिष्ठान
 
-बापू बाजार :इस बाजार में जो देखा, समझा वह अद्भुत है। गांधी का जीवन सादगी भरा रहा। एक गरीब महिला से गांधी जी को प्रेरणा मिली थी। और उन्होंने पगड़ी बांधना छोड़कर कम वस्त्र धारण करना सीख लिया था। एक धोती से ही वह अपने पूरे शरीर को ढंक लेते थे।
 
 
-संकल्प युवावस्था में ही लिया जाता है जिसे पूरा करने के लिए युवाओं को मेहनत करनी चाहिए।
 
-सादगी में वो ताकत होती है जो किसी भी तरह के प्रदूषण शोषण को रोक सकती है.
 
-सेवा का प्रारम्भ मुस्कान से होता है.
सुश्री राधा भट्ट
अध्यक्ष,गांधी शांति प्रतिष्ठान
 
 -कुलपति प्रो, सुंदरलाल ने कहा कि बापू बाजार के माध्यम से जहां एक तरफ समाज सेवा हो रही है। वहीं दूसरी तरफ लोगों को वास्तविक ज्ञान अर्जित करने का मौका मिल रहा है.आज दूसरी विचार धारा के भी लोग गांधी के महत्व को समझ कर उनके विचार को प्रसारित कर रहे है.
 
                                                                         कुलपति प्रो सुंदरलाल
 
 














Wednesday 23 October 2013


 


जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवहारिक मनोविज्ञान विभाग द्वारा काउंसलिंग स्किल इन हेल्थ प्रोफेसन एंड स्कूल विषयक चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का उदघाटन संगोष्ठी भवन में हुआ।इसके पूर्व आई बी एम परिसर में चाणक्य की मूर्ति का अनावरण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव डॉ अखिलेश गुप्ता के साथ अमेरिकन काउंसिलिंग संघ की अध्याक्षा डॉ सीरेसी वोलातुंजी ने किया।





कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव डॉ अखिलेश गुप्ता ने कहा कि आज के तनाव भरे जीवन में खुशहाली कही खो गई है।हम भौतिक वस्तुओं में ख़ुशी की खोज करते है जबकि वास्तव में उससे हमें उससे प्राकृतिक खुशहाली नहीं मिलती।वास्तविक खुशहाली हमारे स्वास्थ्य से जुडी है।  मानव जब अपने आतंरिक काउंसलर से सहायता नहीं ले पता तब उसे बाहरी काउंसलर की जरुरत होती है काउंसलर की एक सलाह लोगों में अद्भूत परिवर्तन ला देता है।

विशिष्ट अतिथि अमेरिकन काउंसिलिंग संघ की अध्यक्षा डॉ सीरेसी वोलातुंजी ने कहा कि आज के समय में काउंसिलिंग की मदद से लोगों के जीवन स्तर में बड़े पैमाने पर सुधार लाया जा रहा है। काउंसिलिंग हमें स्वयं की मदद करने के लिए प्रेरित करती है।काउंसिलिंग के द्वारा व्यक्ति स्वतंत्र रूप से कार्य करने में दक्ष हो जाता है।
विशिष्ट अतिथि चिकित्सा संस्थान बी एच यू के मनोचिकित्सक डॉ संजय गुप्ता ने कहा कि गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों के लिए दवा की ही तरह काउन्सलिंग भी उपयोगी साबित हो रही है कैंसर पीडि़त मरीजों को  काउन्सलिंग द्वारा बेहतर जीवन जीने की राह दिखाया गया है। काउन्सलिंग का क्षेत्र दिनोंदिन बहुत तेजी से हमारे देष में बढा है

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 सुन्दर लाल ने कहा कि चाणक्य अपने समय के बहुत बड़े दार्षनिक होने के साथ ही साथ  काउन्सलर भी थे। उन्होने चद्रगुप्त मौर्य की बेहतरीन काउन्सलिंग कर राज गद्दी दिलाया। उन्होने अमेरिकी विष्वविद्यालय से आये हुए विषेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।

अतिथियांे का स्वागत करते हुए कार्यषाला के सचिव प्रो0 रामजी लाल ने चारदिवसीय कार्यषाला के विभिन्न आयामों से परिचित कराया इसके साथ ही विषय पर प्रकाष डाला। आकलैण्ड विष्वविद्यालय के डा0 सचिन जैन ने अमेरिकी विष्वविद्यालय से आये हुए विषेषज्ञों के मनोविज्ञान के क्षेत्र में  किए गये कार्यो को बताया।

कार्यषाला मंे स्टीवविवर, कैटविवर,डाॅ0जेनी आर स्टूडर,जाॅन,यसेनचेक,डाॅ0पैन मैक मोहन,एनालिसी सिंह,डाॅ0 सचिन जैन अमेरिका के विभिन्न विष्वविद्यालयों से बतौर विषेषज्ञ कार्यषाला में प्रषिक्षण देने आए हुए हैं। धन्यवाद ज्ञापन संकायाध्यक्ष डाॅ0 अजय प्रताप सिंह एवं संचालन डाॅ0 एच0सी0 पुरोहित ने किया । इस अवसर पर प्रो0 आर एस सिंह,प्रो0 वी0के सिंह,देवेन्द्र नाथ सिंह,डाॅ0 रूना गुप्ता, डाॅ0 मल्लिका बनर्जी,प्रो0 रेनुका सिंह, डाॅ0 अखिलेष सिंह, डाॅ0अविनाष पर्थिडेकर, डाॅ0 प्रदीप, डाॅ0मनोज मिश्र, डाॅ0दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ0अवधविहारी सिंह, डाॅ0सुनील कुमार समेत विष्वविद्यालय के षिक्षक कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित रहे।
डाॅ0दिग्विजय सिंह राठौर

Tuesday 15 October 2013

प्रकृति का सम्मान करते हुए एक नई पहल


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय दुर्गा समिति के सदस्यों ने प्रकृति का सम्मान करते  हुए एक नई पहल की है।नदियों को प्रदूषित होने से रोकने के लिए इस वर्ष  प्रतिमा का  विसर्जन नदी में नहीं किया बल्कि परिसर स्थित प्राकृतिक तालाब में माँ दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित किया गया।   

बीते दिनों माननीय उच्च न्यायालय ने नदियों में मूर्ति विसर्जन की रोक लगा दी जिसे अगले वर्ष से लागू किया जायेगा।मूर्तियों में प्रयुक्त होने वाले केमिकल युक्त रंगों आदि से में बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलता है।नदियों के जीव जंतु इससे प्रभावित होते है।

कुलपति सुंदर लाल ने दुर्गा समिति के सदस्यों से  इसी वर्ष से मूर्ति  का विसर्जन नदी  में ना करने का अनुरोध किया और कहा कि विश्वविद्यालय की पहल समाज के लोगों में सकारात्मक सोच पैदा करेगी।कुलपति की इस सोच पर समिति के सदस्यों ने प्रकृति का सम्मान करते हुए परिसर स्थित माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन पोखरे में किया। सदस्यों ने संकल्प लिया कि भविष्य में नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।

Wednesday 2 October 2013

स्थापना दिवस समारोह

पूर्वांचल विश्वविद्यालय : स्थापना  दिवस पर गाँधी दर्शन विषयक विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन 

-आम आदमी को मत नकारो-  डॉ जोशी                               -विश्वविद्यालय की   २५ वर्षों की यात्रा पूरी 
-रजत जयंती वर्ष का हुआ समापन                                       -झंकार के विजेता हुए पुरस्कृत 

जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में स्थापना दिवस के अवसर पर गाँधी दर्शन विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया।वक्ताओं ने आज के समय में गाँधी के दर्शन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। ।समारोह के अंत में झंकार सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। 

गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पर्यावरणविद पदम् श्री डॉ अनिल पी जोशी ने कहा कि जो गाँव, राज्य, देश अपनी भाषा,वेश- भूषा और खान -पान को भूलता है वह अपना अस्तित्व खो देता है।आज हम अपना अस्तित्व खोते जा रहे है।गाँधी कहते थे कि आम आदमी सबसे बड़ी ताकत है इसे मत नकारो और हमने इसे नकार दिया।
उन्होंने कहा कि विश्व का कोई भी प्राणी बिना मिट्टी,पानी और वायु के नहीं रह सकता।देश का सबसे बड़ा संकट इन्ही से जुड़ा है इसके पीछे गाँधी को भूलना ही है।वही ऐसी शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसने हमें गाँव से दूर कर दिया है।इस पर सोचने की जरूरत है।

बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि गाँधी का गुण गान उनके विरोधी भी समय समय पर किया करते थे।सत्य की प्राप्ति का साधन अहिंसा है आज भी हमें इसी पर चलने की जरुरत है।लोग कहते है कि गाँधी मजबूरी का नाम है जो कि 
गलत है जब कि गाँधी मजबूरी नहीं आत्म बल,सत्य और त्याग का नाम है।

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो सुंदर लाल ने कहा कि गाँधी का संपूर्ण जीवन सत्य के प्रयोग में बीता।बढते आतंकवाद और हिंसा के समय में हमें गाँधी की और भी जरूरत महसूस होती है।अभी हाल में राइट टू रिजेक्ट से दागियों पर जो वार का निर्णय आया है वह महात्मा गाँधी के आदर्शो की रक्षा के लिए कारगर सिद्ध होंगे।उन्होंने कहा कि बापू के प्रति अपनी निष्ठा का प्रमाण बापू बाजार है।प्रो राम जी लाल ने विश्वविद्यालय की २५ वर्षो की यात्रा एवं रजत जयंती वर्ष में हुए कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला।

कुलसचिव वी के सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय २५ वर्षों में विकास के पथ पर चलते हुए बहुत दूरी तय की है।आगे भी बहुत कुछ तय करना है ।
गोष्ठी के पूर्व अतिथियों एवं कुलपति,कुलसचिव द्वारा परिसर में स्थापित मूर्तियों पर पुष्प अर्पित किये।गाँधी जयंती के अवसर पर उनको नमन करते हुए राजनारायण सिंह,श्याम त्रिपाठी,रमेश पाल,जगदम्बा मिश्र आदि ने राम धुन प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया।छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गए। अंत में मुख्य अतिथि पर्यावरणविद पदम् श्री डॉ अनिल पी जोशी एवं कुलपति ने झंकार प्रतियोगिता के ३० प्रथम,४० द्वितीय एवं 3२ तृतीय स्थान प्राप्त विजेताओं को पुरस्कृत किया।संचालन  डॉ एच  सी पुरोहित ने किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से वित्त अधिकारी अमर चंद ,डॉ देव राज,प्रो डी डी दुबे,प्रो वी के सिंह,डॉ अजय प्रताप सिंह,डॉ एम हसीन खान,डॉ पी सी विश्वकर्मा,डॉ के एन सिंह,डॉ लालजी त्रिपाठी,डॉ देवेन्द्र प्रताप सिंह,डॉ अविनाश पार्थीडेकर,डॉ मनोज मिश्र,डॉ प्रदीप कुमार,डॉ एस के सिन्हा,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ अवध बिहारी सिंह समेत तमाम अध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं मौजूद रहे।