Tuesday 25 November 2014

ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल द्वारा २४ नवम्बर को संगोष्ठी भवन में नैनो टेक्नालाजी विषयक गोष्ठी आयोजित


''वर्तमान में किसी भी विषयवस्तु की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता है। समाज में सूचना तकनीकी, जैव तकनीक और कंप्यूटर तकनीक के होते हुए अब नैनो टेक्नालाजी का दौर आ गया है। भविष्य में उद्योग, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था नैनो टेक्नालाजी पर आधारित होगी। उद्योग टेक्सटाइल्स, आटोमोबाइल्स और कंप्यूटर के बाद अब सारी व्यवस्थाएं नैनो तकनीक पर आधारित होती जा रहीं हैं।''

                                                                - प्रो. अविनाश चंद्र पांडेय (कुलपति )बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी  



Wednesday 19 November 2014

पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता

जाैनपुर के एकलव्य स्टेडियम में बुधवार को बल्लेबाजी कर पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारंभ प्रो.डीडी दूबे ने किया।


Click here to enlarge imageमगध विश्वविद्यालय ने बुधवार को पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता के उद्घाटन मैच में विनोवा भावे विवि को सात विकेट से पराजित कर दिया। पूर्वाचल विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में विनोवा भावे की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और टीम 34.3 ओवर में 130 रन बना कर ऑल आउट हो गई। मगध विश्वविद्यालय की टीम ने 24.3 ओवर में तीन विकेट खोकर जीत दर्ज कर ली। विनोवा भावे विश्वविद्यालय की ओर से गौरव बनर्जी ने 49 गेंद पर पांच चौकों की मदद से 39 और दीपक कुमार ने 55 गेंद पर 25 रन बनाए। मगध विश्वविद्यालय की ओर से कुंदन शर्मा ने 70 गेंद पर चार चौके और एक छक्के की मदद से 51 और सागर सिंह ने तीन छक्के और पांच चौकों की मदद से 49 रन बनाए। दूसरा मैच इंदिरा गांधी स्टेडियम के मैदान पर गुरुघासी दास विश्वविद्यालय बिलासपुर और बिलासपुर विश्वविद्यालय के बीच खेला जाना था लेकिन गुरुघासी दास विश्वविद्यालय की टीम के आने से से बिलासपुर विश्वविद्यालय को वाकओवर मिल गया। टीडी पीजी कालेज में खेले गए तीसरे मैच में उत्कल विश्वविद्यालय ने भागलपुर विश्वविद्यालय को आठ विकेट से शिकस्त दी। पहले खेलते हुए भागलपुर विश्वविद्यालय ने नौ विकेट खोकर 132 रन बनाए। जवाब में उतरी उत्कल विश्वविद्यालय की टीम ने 23.2 ओवर में दो विकेट खोकर विजय लक्ष्य प्राप्त कर लिया। प्रतियोगिता का उद्घाटन पूर्वाचल विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो.डीडी दूबे ने किया। इस मौके पर खेलकूद परिषद के अध्यक्ष प्राचार्य लालजी त्रिपाठी और सहायक कुलसचिव वीएन त्रिपाठी भी मौजूद थे। खेल सचिव देवेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।(जागरण )

Sunday 16 November 2014

यूपी हिस्ट्री कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन सम्पन्न




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय यूपी हिस्ट्री कांग्रेस का रविवार को समापन हुआ। इसमें तकनीकी सत्रों में इतिहासकारों ने क्षेत्रीय इतिहास लेखन मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की।
जेएनयू दिल्ली के वरिष्ठ प्रोफेसर यूपी अरोड़ा ने कहा कि कई ऐसे इतिहास के नायक है जिन्हें समय की प्रवृत्तियों ने दर किनार कर दिया। रूहेलखण्ड विवि बरेली के प्रो. अतुल सिन्हा ने इतिहास शोध के नए आयामों पर प्रकाश डाला। डाॅ. गामा यादव ने इतिहास निर्माण में स्थानीय सिक्कों की भूमिका पर बड़े रोचक तरीके से अपनी बात रखी। डाॅ. श्याम बिहारी लाल ने ‘ब्रह्मा की मूर्ति’ विषयक शोध पत्र प्रस्तुत किया।
डाॅ. सुधाकर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आधुनिक इतिहास के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा हुई। इसमें महिला सशक्तिकरण, दलित विमर्श, नमक सत्याग्रह में महिलाओं की भूमिका पर विशेष मंथन हुआ। ‘जौनपुर’ पर केन्द्रित शोध पत्र जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डाॅ. मनोज मिश्र ने प्रस्तुत किया जिसे लोगों ने खूब सराहा।
सचिव प्रो. एसएनआर फारूकी ने कांग्रेस से जुड़े कई पहलुओं पर विचार रखा। आयोजन सचिव प्रवीण प्रकाश ने वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। विभिन्न गतिविधियों में मुख्य रूप से प्रो. वीके सिंह, प्रो. एमपी सिंह, डाॅ. एके श्रीवास्तव, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. एसएनआर रिजवी, डाॅ. अविनाश पाथर्डिकर, डाॅ. रामविलास, डाॅ. राजकुमार सोनी, डाॅ. नुपुर तिवारी, डाॅ. संतोष कुमार, डाॅ. रजनीश भाष्कर, डाॅ. अमरेंद्र सिंह, डाॅ. सरिता सिंह, श्याम त्रिपाठी, आकांक्षा श्रीवास्तव समेत तमाम शिक्षक एवं शोधार्थी मौजूद रहे।




उ.प्र. हिस्ट्री कांग्रेस के रजत जयंती अधिवेशन पर विवि सांस्कृतिक परिषद की ओर से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन


उ.प्र. हिस्ट्री कांग्रेस के रजत जयंती अधिवेशन पर शनिवार की रात संगोष्ठी भवन में विवि सांस्कृतिक परिषद की ओर से सांस्कृतिक संध्या का  आयोजन किया गया। 



सकी शुरूआत पूर्व कुलपति डाॅ. पीसी पातंजलि ने दीप प्रज्जवलित करके की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा मां तुझे सलाम और ओ री चिरैय्या.. गीत पर प्रस्तुत नृत्य को लोगों ने खूब सराहा। साथ ही कृष्ण सुदामा, अनपढ़ बेटी नाटक के प्रसंगों को उपस्थित लोगों को भाव विह्वल कर दिया। मूक अभिव्यक्ति के माध्यम से कलाकारों ने हेलमेट के प्रयोग से जीवन रक्षा का संदेश दिया।
इस अवसर पर पूर्व कुलपति पीसी पातंजलि ने कहा कि जहां एक ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होते है वहीं दूसरी ओर हमारी संस्कृति से परिचित कराते है। संचालन डाॅ. एचसी पुरोहित ने किया। इस अवसर पर प्रो. रामजी लाल, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. वीके सिंह, डा. एके श्रीवास्तव, प्रो. एमपी सिंह, डा. एसके सिन्हा, डा. अविनाश पार्थडिकर, डा. मनोज मिश्र, डा. प्रदीप कुमार, डा. प्रवीण प्रकाश, डा. रजनीश भाष्कर आदि लोग मौजूद रहे।


Saturday 15 November 2014

यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के रजत जयंती सत्र का उदघाटन



वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में शनिवार को यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के रजत जयंती सत्र के उदघाटन   सत्र का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आठ प्रमुख इतिहासकारों प्रो. ओमप्रकाश यादव, प्रो. ओमप्रकाश श्रीवास्तव, प्रो. यूपी अरोरा, प्रो. एनआर फारूकी, प्रो. एसजेड जाफरी, प्रो. अतुल कुमार सिन्हा, प्रो. एसएनआर रिजवी एवं डा. महेंद्र प्रताप को अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। समारोह में मुमताज अहमद स्मृति पुरस्कार दो शोध छात्राओं डा. सना अजीज तथा डा. शबाना जफर को प्रमाण-पत्र एवं 2500 रुपये नगद धनराशि प्रदान की गयी।


उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनआर फारूकी ने कहा कि जौनपुर सूफी संतों


का केन्द्र रहा है। मध्यकालीन भारत में सूफी आंदोलन अपने उत्कर्ष पर था। उन्होंने मध्यकालीन भारतीय सूफी ग्रंथों में उधृत कहानियों के स्वरूप और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्यकालीन सूफी संत प्रकांड विद्वान थे और इन संतों के द्वारा अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की गयी। सूफी संतों के उद्देश्यों के संकलन भी आज उपलब्ध है। इन कृतियों में सूफी संतों ने अपने शिष्यों तक समुचित रूप से अपनी बात पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार की कहानियों या घटनाओं का वर्णन किया। इन कथाओं में मुख्य रूप से नैतिक और सामाजिक मूल्यों को प्रकाशमान किया जाता था। इन कथाओं के माध्यम से सूफी संतों की अध्यात्म शक्ति एवं विद्वता का परिचय मिलता है। यह कथाएं इतनी रोचक और सुंदर है कि वह सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर लेती थी। इन कथाओं के माध्यम से उस समय की सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक दशाओं पर प्रकाश डाला जाता है। इन कथाओं की रोचकता तथ उनके माध्यम से प्रस्तुत किये गये सामाजिक नैतिक मूल्यों के कारण मध्यकालीन सूफी साहित्य को काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई। 

मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि किसी भी नगर, कस्बे, देश अथवा विदेश में यात्रा के दौरान वहां के पुराने भवन एवं अवशेषों को देखकर कदाचित मन वर्तमान से पीछे जाकर अतीत की सभ्यता, वीरता एवं बलिदान को ढ़ूढ़ने लगता है। सर्वप्रथम द्वार पर लिखे गये विवरण अथवा उपलब्ध प्रालेखों को पढ़कर, चाहे ऐतिहासिक स्मारक हों अथवा पवित्र स्थान, वर्तमान सभ्यता के निर्माण का रास्ता वर्तमान स्वरूप में किस प्रकार प्रशस्त हो पाया, का आभास स्वमेव होने लगता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से भारत जैसे देश को 24 वर्ष पूर्व अपनी अर्थव्यवस्था को मिश्रित अर्थव्यवस्था के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए भूमण्डलीकरण की ओर बढ़ने का एक जोखिम, सफलतापूर्वक उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज का यह ऐतिहासिक यूपी हिस्ट्री कांग्रेस का रजत जयंती अधिवेशन नये परिवेश, नई भावनाओं एवं नयी तकनीकी के युग में कालान्तर को वर्तमान से जोड़ने की चेष्टा कर रहा है। मुझे आशा है कि समस्त इतिहासकार एवं बुद्धिजीवी वर्ग, अपनी उपस्थिति से इस अधिवेशन को सार्थक स्वरूप दे पाएंगे।

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. आरएन मिश्र की अनुपस्थिति में उनके उद्बोधन को बरेली विश्वविद्यालय के प्रो. अतुल कुमार सिन्हा ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में स्थित भरहुत के अभिलेख एवं कला का निदर्शन जहां शुंगकालीन समाज की झांकी प्रस्तुत करता है वहीं उसकी कला ने तत्कालीन समाज की पृष्ठभूमि एवं पुरोगामिता को प्रस्तुत कर इतिहास को एक नई दिशा दी है। उन्होंने दान से संबंधित समस्त अभिलेखों के बारे में भी ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव डा. प्रवीण प्रकाश ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया। समारोह के पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्य अतिथि एवं कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित सोवनियर एवं यूपी हिस्ट्री कांग्रेस का आब्सट्रैक्ट (सारांश) का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के महासचिव प्रो. एसएनआर रिजवी एवं डा. एचसी पुरोहित ने किया। प्राचार्य डा. अब्दुल कादिर खां ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उद्घाटन सत्र के बाद समानान्तर चल रहे तीन तकनीकी सत्रों में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये सौ से अधिक इतिहास के विद्वानों एवं प्रतिभागियों द्वारा अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये गए।
इस अवसर पर प्रो. एसजेडएच जाफरी, प्रो. डीडी दूबे, कुलसचिव बीके पाण्डेय, वित्त अधिकारी अमरचंद्र, प्रो. वीके सिंह, प्रो. रामजी लाल, प्रो. बीबी तिवारी, डा. एके श्रीवास्तव, डा. एचसी पुरोहित, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. अविनाश पार्थडिकर, डा. संगीता साहू, डा. एसके सिन्हा, डा. सरिता सिंह, शुभ्रा मल्ल, डा. वंदना राय, डा. प्रदीप कुमार, डा. मनोज मिश्र, डा. सुनील कुमार, डा. रूश्दा आजमी, डा. संदीप सिंह, डा. संतोष कुमार, डा. अमरेन्द्र सिंह, डा. विवेक पाण्डेय, डा. केएस तोमर, श्याम त्रिपाठी सहित समस्त प्रतिभागी उपस्थित रहे।








Thursday 13 November 2014

झंकार 2014


 सांस्कृतिक प्रतियोगिता झंकार 2014 का संगोष्ठी भवन में १२ नवम्बर को  शुभारंभ करते हुए इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक वाराणसी डा अश्विनी कुमार ने कहा  कि सांस्कृतिक कार्यक्रम से छात्रों में बहुआयामी प्रतिभा का विकास होता है। ऐसे कार्यक्रमों को विश्वविद्यालय को समय-समय पर आयोजित कराना चाहिए। जिससे छात्र अपने अंदर के छिपे हुए कलाकार को जान सके।  प्रो बीबी तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम निरंतर आयोजित करके छात्रों का चारित्रक व व्यक्तित्व विकास का अवसर प्रदान करता है। पठन-पाठन के साथ छात्र ऐसे अवसरों पर अपने अंदर की प्रतिभा का प्रदर्शन करके उसमें निखार ला सकते है। शुभारंभ सहायक क्षेत्रीय निदेशक इग्नू वाराणसी डा संजय कुमार, डा बीबी तिवारी,डा प्रदीप कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम दिन एकल व समूह नृत्य की प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। आभार डाएचसी पुरोहित ने व्यक्त किया।


दूसरा दिन ----------------------------------------------------------------------------------------------------------
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रहे अंतर विभागीय/संकाय सांस्कृतिक प्रतियोगिता झंकार 2014 के दूसरे दिन थियेटर एवं गायन की प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कृष्ण सुदामा मिलन पर जहां लोगों की आंखें भर आयी वहीं हीरा है अगर बेटा, तो मोती है बेटिया... जैसे सामाजिक संदेश वाले नाटकों ने लोगों को सोचने पर विवश किया। प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी अमर चंद्र, प्रो. रामजी लाल, शिक्षक संघ अध्यक्ष डा. अनिल प्रताप सिंह एवं डा. मनोज कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी अमर चन्द्र ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये नाटक उनकी कलात्मक अभिव्यक्ति को बखूबी प्रदर्शित करते है। प्रो. रामजी लाल ने प्रतिभागियों द्वारा नाटक में उठाये गये मुद्दों की सराहना की। दूसरे दिन की प्रतियोगिता में नौ नाटक और चार मूक अभिव्यक्ति का मंचन हुआ वहीं गायन प्रतियोगिता में 33 एकल गायन, एवं आठ समूह गायनों ने खूब तालियां बटोरी। नाटकों में कृष्ण सुदामा मिलन गोविंद मिश्र ग्रुप, अनपढ़ नारी शिक्षा एमएपी ग्रुप, लाजो का स्वयंवर द बफर ग्रुप, भ्रष्टाचार द इनवारमेंटल ग्रुप, दहेज प्रथा प्रेम प्रकाश ग्रुप, बड़े घर की बेटी इंजाइम सबस्ट्रैक्ट काम्प्लेक्स ग्रुप, बदला या बदलाव ट्रांजीसन ग्रुप एव ंदहेज प्रथा व विद्रोह नाटक रामचंदर नागर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किये गये। वहीं मूक अभिव्यक्ति में स्कूल की तैयारी आशुतोष अग्रवाल ग्रुप, बीटेक छात्रों के बिंदास ग्रुप ने यूज हेलमेट, प्रेमप्रकाश ने फनी रामायण व मोहम्मद शरीफ इकबाल ने काॅमेडी प्रस्तुत कर लोगों को खूब हंसाया।दूसरे दिन की प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डाॅ. आशुतोष सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह व शुभ्रा मल्ल रहीं। कार्यक्रम का संयोजन डाॅ. राजेश कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. एचसी पुरोहित ने किया। इस अवसर पर डा. अविनाश पार्थडिकर, डा. एसके सिन्हा, डा. वंदना राय, डा. प्रदीप कुमार, डा. एसपी तिवारी, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. विवेक पाण्डेय समेत तमाम छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।


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Friday 7 November 2014

पूविवि में 15-16 को यूपी हिस्ट्री कांग्रेस



जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में 15-16 नवम्बर को दो दिवसीय यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के रजत जयंती सत्र का आयोजन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले इस कांग्रेस में देश के सुप्रसिद्ध इतिहासकार मंथन करेंगे। विश्वविद्यालय इसकी तैयारियों में लगा हुआ है। 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के सफल आयोजन के लिए गुरूवार को समीक्षा बैठक की। बैठक में कुलपति ने विभिन्न कमेटियों के समन्वयकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है।
यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के आयोजन सचिव डा. प्रवीण प्रकाश ने यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के रजत जयंती सत्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया। इस यूपी हिस्ट्री कांग्रेस में लगभग 200 इतिहास विषय से जुड़े विद्वान, शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग लेंगे।
संगोष्ठी भवन में उद्घाटन सत्र के उपरान्त विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रबंध संकाय भवन में तकनीकी सत्रों के संचालन की व्यवस्था की गयी है। विश्वविद्यालय ने यूपी हिस्ट्री कांग्रेस के आयोजन हेतु प्रो. वीके सिंह को स्थानीय समन्वयक नियुक्त किया है। इसके साथ ही 12 उपसमितियों का भी गठन किया गया है।