Saturday 26 August 2023

प्रो. वंदना सिंह ने पीयू कुलपति का पदभार संभाला

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वंदना सिंह ने शनिवार को कार्यभार ग्रहण किया। कुलपति कार्यालय में प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने उन्हें कार्यभार सौंपा। कार्यभार ग्रहण करने के पहले कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने माता चौकियां का विधिवत सपरिवार दर्शन-पूजन किया।

कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए है, उनकी अनदेखी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि कक्षाएं नियमित चलें, विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए शिक्षकों को अध्ययन पद्धति में बदलाव लाना होगा ताकि छात्र कक्षा में आने पर मजबूर हो। विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है। उनका मानना है कि सभी विभागों में विद्यार्थी संख्या बढ़े। उन्होंने कहा कि शोध कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा इसके साथ ही इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप विद्यार्थियों को तैयार किया जाएगा। माननीय कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की मंशा के अनुरूप विश्वविद्यालय को शिखर तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, उप कुलसचिव अमृतलाल,  प्रो. बीबी तिवारी,  प्रो.वंदना राय,  प्रो. अजय द्विवेदी,  प्रो.अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह,  प्रो. देवराज सिंह, प्रो. राकेश यादव,  डॉ. जगदेव,  डॉ. राजबहादुर यादव, डॉ मनोज मिश्र,  डॉ प्रमोद यादव,  डॉ मनीष गुप्ता,  डॉ गिरिधर मिश्र,  डॉ सुनील कुमार,  डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,  डॉ श्याम कन्हैया, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. मनीष प्रताप सिंह, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. शशिकांत यादव, डॉ अमित वत्स, डॉ. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डॉ दिव्येंदु मिश्र समेत विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी मौजूद रहे। 

कुलपति ने किया पौधरोपण

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने मुक्तांगन परिसर में पौधरोपण किया। उन्होंने कहा कि जीवन के लिए वृक्ष जरूरी है। पौधरोपण के साथ-साथ उसकी रक्षा भी हमें करनी चाहिए। इस दौरान निवर्तमान कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य, कुलसचिव, वित्त अधिकारी, डॉ. मनोज पांडेय, उद्देश्य सिंह समेत कई शिक्षक मौजूद थे। 


विश्वविद्यालय की प्रगति मेरी प्राथमिकताः प्रो. वंदना सिंह

नए कुलपति का स्वागत, निवर्तमान को दी गई विदाई

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ की ओर से स्वागत एवं विदाई समारोह का शनिवार को आयोजन किया गया। विदाई समारोह को संबोधित करते हुए निवर्तमान कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि मेरे सपनों को साकार करने में पूरे विश्वविद्यालय परिवार ने सदैव सहयोग किया। यहां प्रतिभा की कमी नहीं है बस उसे निखारने के जरुरत है। उन्होंने कहा कि मैंने कोविड महामारी के दौर में विश्वविद्यालय का कार्यभार ग्रहण किया था, परिस्थितियां अनुकूल नहीं थी फिर भी सबके साथ विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया।  
कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रगति ही मेरी प्राथमिकता है, उसके लिए सबके साथ मिलकर काम किया जाएगा। कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। विश्वविद्यालय में परीक्षा के साथ परिणाम समय से निकले इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने स्वागत और विदाई के समारोह में कहा कि पूर्व कुलपति ने बखूबी अपना कार्यकाल पूरा किया है। वर्तमान कुलपति प्रो वंदना सिंह भी विश्वविद्यालय परिवार से परफार्मेंस की अपेक्षा करती है। स्वागत अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह महामंत्री रमेश यादव ने एवं पूर्व अध्यक्ष रामजी सिंह और राजनारायण सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये। समारोह में शिक्षक संघ अध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए हम लोग कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। संचालन डॉ राजेश सिंह और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, डॉ. शैलेंद्र सिंह, डॉ. हिमांशु सिंह, डॉ. सुबोध पांडेय, पीके कौशिक, संजय सिंह, रहमतुल्ला, कपिल त्यागी, डॉ. अमित वत्स, जितेंद्र पांडेय, हरिश्चंद्र मौर्य, सूबेलाल यादव, प्रभाकर चौबे, रजनीश सिंह, अरुण आदर्श, धर्मेंद्र सिंह, स्वामीनाथ, स्वतंत्र कुमार, जियालाल, जैशलाल. हेमंत श्रीवास्तव, श्याम श्रीवास्तव, जितेंद्र शर्मा, इंजीनियर आनंद सिंह, अरुण सिंह, सुशील प्रजापति, राकेश मिश्र, हरिनाथ, सनी भारती, सुमन सिंह, ऋचा सिंह, पदमा कुमारी, शोभा श्रीवास्तव, कर्मचारी मौजूद रहे। 


Wednesday 23 August 2023

चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर झूम उठे विद्यार्थी

भारत माता की जय, इसरो जिंदाबाद के नारे लगे

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में बुधवार की शाम को चंद्रयान-3 की लैडिंग का सजीव प्रसारण विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने देखा। पूरी दुनिया की निगाहें जहां चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर रही वहीं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में भी उत्साह दिखा। चंद्रयान की लैंडिंग के बाद भारतमाता की जय. वंदेमातरम के नारे से सभागार गूंज उठा। विश्वविद्यालय परिवार ने इसरो की तारीफ की। कहा कि इसरो के प्रभावशाली होने के कारण हमारी पहचान पूरे विश्व में बनी हुई है।चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के संबोधन के दौरान कहा, 'ये क्षण अभूतपूर्व है। इंडिया इज नाउ ऑन द मून।' इसके बाद खूब नारे लगे। पूरे देश में जश्न को देखते हुए विद्यार्थी भी उत्साहित हो गए।इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, उप कुलसचिव अमृतलाल, सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, प्रो. रामनारायण, प्रो. देवराज सिंह, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ. राजकुमार, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. गिरधर मिश्र,  डॉ. पुनीत धवन, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ काजल डे. डॉ. धीरेंद्र चौधरी,डॉ. अनु त्यागी, डॉ. अवधेश मौर्य. डॉ. रामांशु सिंह, कृष्णा यादव, अनुपम समेत काफी संख्या में विद्यार्थी और शिक्षक थे।

Tuesday 22 August 2023

कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए है चाइल्ड केयर सेंटरः कुलपति

कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए है चाइल्ड केयर सेंटरः कुलपति

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के संगम आवास के सामने मंगलवार को चाइल्ड केयर सेंटर का शिलान्यास कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने किया। इसमें विश्वविद्यालय की कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल की जाएगी। इस अवसर पर विधिवत पूजन- अर्चन किया गया।

कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि विश्वविद्यालय में बने चाइल्ड केयर सेंटर से कामकाजी महिलाओं को काफी सहूलियत मिलेगी। वह दिन में अपने बच्चों को सेंटर में छोड़कर जा सकती है, उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। सेंटर में बच्चों के खेलने, मनोरंजन के साथ ही साथ सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी से निगरानी की भी व्यवस्था रहेगी। इसके निर्माण में उत्तर प्रदेश शासन से 75 प्रतिशत और 25 प्रतिशत विश्वविद्यालय अपने मद से देगा। यह सेंटर लगभग आठ महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, उप कुलसचिव अमृतलाल, सहायक कुलसचिव दीपक सिंह, अजीत सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉ श्याम कन्हैया, शशिकांत यादव, डॉ. मनोज पांडेय, डॉ धर्मेंद्र सिंह, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, अभिषेक सिंह आदि उपस्थित थे।   

Tuesday 15 August 2023

निकाली गई प्रभातफेरी, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी हुए शामिल

42 कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए किया गया सम्मानित

कुलपति ने किया ध्वजारोहण,  सुरक्षाबलों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने ध्वजारोहण किया। इसके पूर्व कुलपति ने महात्मा गांधी,  वीर बहादुर सिंह,  सरदार वल्लभभाई पटेल समेत अन्य महापुरुषों की मूर्तियों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इसके बाद प्रशासनिक भवन परिसर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया गया। 

इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज इनकी वजह से हमे यह आजादी मिली है। आजादी का अमृत महोत्सव का पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है इससे हर नागरिकों को बलिदानों की गौरव गाथा का ज्ञान हो सके। उन्होंने शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों से कहा कि आपको जो काम मिला है उसे निष्ठापूर्वक करना ही असली देशभक्ति है। उन्होंने हर व्यक्ति में पहले कर्तव्यबोध होना चाहिए, अधिकार की बात बाद में हो। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि कर्मचारियों को जो सम्मान मिला है इससे उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि हमें इस जश्न को धूमधाम और सबकी सहभागिता से मनाना होगा। इसके पूर्व सरस्वती सदन से एकलव्य स्टेडियम से प्रभातफेरी निकाली गई। पूरा परिसर देशभक्ति के नारे से गूंज उठा। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान हुआ। विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने कुलपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। समारोह का संचालन राजनारायन सिंह ने किया। इसके बाद राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक राजबहादुर ने मेरा माटी मेरा देश कार्यक्रम के तहत पंच प्राण प्रतिज्ञा की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले 42 कर्मचारियों को प्रशस्तिपत्र और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रामनारायन, प्रो. देवराज सिंह, डा. मनोज मिश्र, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉ. रसिकेश,डॉ. नीतेश जायसवाल, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव,  सहायक कुलसचिव अमृत लाल, अजीत सिंह, बबिता सिंह, नंदकिशोर सिंह, रमेश यादव, डॉ. पीके कौशिक, सुशील प्रजापति, चीफ प्रॉक्टर, चीफ वार्डन, एनएसएस समन्वयक, समस्त संकायाध्यक्ष, समस्त विभागाध्यक्ष समेत शिक्षक, कर्मचारी और छात्र मौजूद थे।

बाबा साहेब की प्रतिमा का अनावरण

प्रशासनिक भवन परिसर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने किया। बाबा साहेब के प्रतिमा की मांग बहुत पहले से परिसर में चल रही थी। कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य के सामने अंबेडकर जयंती पर जब प्रस्ताव रखा गया तो उन्होंने कुलसचिव महेंद्र कुमार से विमर्श कर स्वीकार कर लिया। यह प्रतिमा ऐसे जगह लगी है कि बाहर मार्ग से गुजरने वालों की भी नजर इस पर पड़ेगी। प्रतिमा अनावरण के समय कुलसचिव, वित्त अधिकारी और अन्य शिक्षकों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

Monday 14 August 2023

पूर्वांचल के खिलाड़ियों को विरासत में मिली है प्रतिभाः ए के शर्मा


खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की कई योजना ः गिरीशचंद यादव
खेल के मामले में पीयू प्रदेश में सबसे ऊपर ः कुलपति
स्टूडियो और क्रीड़ा संकुल का किया लोकार्पण
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में छात्र सुविधाओं का हुआ विस्तार

वीर  बहादुर सिंह  पूर्वांचल  विश्वविद्यालय, जौनपुर में अत्याधुनिक मेजर ध्यानचंद क्रीड़ा संकुल एवं जनसंचार विभाग में ऑडियो विजुअल स्टूडियो का उद्घाटन नगर  विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा एवं प्रदेश के खेल मंत्री  स्वतंत्र प्रभार गिरीश  चंद्र  यादव ने सोमवार को किया। इस अवसर पर कुलपति  प्रो निर्मला एस मौर्य ने भवनों में प्रदान की गई सुविधाओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि  हमारा विश्वविद्यालय खेल के मामले में प्रदेश में सबसे ऊपर है. यहाँ के खिलाडी राज भवन लखनऊ में प्रति वर्ष सम्मानित होते आ रहे है. मेजर ध्यानचंद क्रीड़ा संकुल में विधिवत पूजा अर्चन के बाद फीता काटकर मंत्री द्वय ने उद्घाटन किया। खेल कूद परिषद के अध्यक्ष प्रो. एस के पाठक एवं सचिव ओपी सिंह ने खेल विभाग की उपलब्धियों एवं अर्जित मेडलों के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार एवं वित्त अधिकारी  संजय कुमार राय ने अतिथियों स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि पूर्वांचल की मिट्टी में ऊर्जा है यहाँ के खिलाड़ियों को  प्रतिभा विरासत में मिली है। विश्वविद्यालय में खिलाड़ियों के लिए  सुविधा का विस्तार आने वाले समय में सुखद परिणाम देगा।  प्रदेश के खेल मंत्री  गिरीश  चंद्र  यादव ने  कहा कि विश्वविद्यालय में उपलब्ध होने वाली यह नई सुविधाएँ विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होंगी। हमारा विभाग जौनपुर के लिए कई अन्य सुविधाएं ले आ रहा है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की भी योजना बन गई है। अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी खिलाड़ियो को नौकरी दी जा रही है। 
 जनसंचार विभाग में ऑडियो विजुअल स्टूडियो के उद्घाटन के पश्चात मंत्रीद्वय ने स्टूडियो का अवलोकन किया साथ ही अपना संदेश भी दिया। 
जनसंचार विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने मंत्री द्वय का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो मानस पांडेय, विभाग के शिक्षक  डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. अवध बिहारी सिंह,डॉ. चंदन सिंह,डॉ अमित वत्स, आनंद सिंह, पंकज सिंह समेत विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।

Saturday 12 August 2023

 वृत्ति नहीं व्रत है पत्रकारिताः प्रो. राम मोहन पाठक

जोड़ना सिखाती है सामासिक संस्कृतिः प्रो. निर्मला एस. मौर्य

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन में आनलाईन जुड़े विदेशी साहित्यकार


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सामासिक संस्कृति के संवाहक: भाषा, साहित्य और मीडिया विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शनिवार को समापन सत्र हुआ। यह सत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में चला। इसमें विश्व के कई देशों के शिक्षकों और साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा मद्रास एवं मदनमोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो राममोहन पाठक ने कहा कि वर्तमान समय में भाषा की ताकत को समझना होगा। साथ ही भाषा की सामासिक संस्कृति को अपनाना होगा। भावना और व्यावहारिक स्तर पर साहित्य में सामासिक संस्कृति को लाना जरूरी है। उन्होंने कहा अपनी माटी अपना देश का चिंतन साहित्य से ही आया है। मीडिया पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता वृत्ति नहीं व्रत है। लोकतंत्र में संरक्षण का काम मीडिया ही करेगी।

अध्यक्षता करती हुई कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम का होना ही सामासिक संस्कृति का उदाहरण है। उन्होंने दक्षिण में हिंदी के क्षेत्र में किए गए काम का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि संस्कृति की संवाहक मीडिया है। सामासिक संस्कृति हमें जोड़ना सिखाती है। मीडिया को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि आज भी पत्रकारिता का धर्म मिशन ही है। काठमांडू के हिंदी के विद्वान एवं पत्रकार वीर बहादुर महतो ने कहा कि हमारी राजनीतिक सीमा अलग है लेकिन सांस्कृतिक रूप से एक हैं। प्रसिद्ध साहित्यकार ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि सामासिकता भारत के डीएनए में समाई हुई है। वर्तमान में समासिकता एक देश की नहीं अपितु पूरे विश्व स्तर का है। मध्य प्रदेश अकादमिक के निदेशक विकास दवे ने कहा कि समान रूप से प्रकट होने वाली कृति संस्कृति कहलाती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद जैसे शब्दों से परहेज करना चाहिए, जहां वाद आता है वहां परिवाद और विवाद दोनों आते हैं। पत्रकारिता में सुचिता का अभाव दिख‌ रहा है। विशिष्ट अतिथि डॉ ईश्वर चंद झा करूण ने कहा कि भाषा संस्कृति को जोड़ती है। उन्होंने तमिल भाषा के शब्दों को साहित्य से जोड़ने की वकालत की। डॉ. नितेश जायसवाल दोनों दिनों के सेमिनार की रिपोर्ट पेश की।

संचालन डॉ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव अनंग, स्वागत आयोजन सचिव डॉक्टर मनोज मिश्र, धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेंद्र चौधरी ने किया। इसके पूर्व पीएनबी के राजभाषा अधिकारी डॉ सुशांत शर्मा ने कहा कि आज की मीडिया के समानांतर सोशल मीडिया चल रही है। इस अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, प्रो रजनीश भास्कर, प्रो. वंदना दुबे, पीएनबी के रामबहादुर, प्रबंधक चंद्रेश्वर सिंह, अमित यादव, डा. कमरुद्दीन शेख, प्रो. देवराज सिंह, डॉ प्रमोद कुमार यादव, डॉ संतोष कुमार, डॉ राकेश यादव, डॉ राजबहादुर यादव, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह, डॉ नीतेश जायसवाल, डॉ रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ अनु त्यागी, डॉ मनोज पाण्डेय, डॉ. पीके कौशिक, सुशील प्रजापति आदि ने प्रतिभाग किया।

सामासिक संस्कृति की दिशा में कार्य करने की जरूरतः प्रो विनोद पांडेय

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सामासिक संस्कृति के संवाहक: भाषा, साहित्य और मीडिया विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शनिवार को तृतीय सत्र शुरू हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गुजरात विद्यापीठ जनसंचार विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर विनोद पांडेय ने कहा कि वर्तमान समय में हमें सामासिक संस्कृति की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया एथिक्स पर चलती है सोशल मीडिया पर किसी का नियंत्रण नहीं है। पत्रकारिता की भाषा आक्रामक नहीं होनी चाहिए। यह लोक कंठ की भाषा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साहित्य में संस्कृति का होना जरूरी है। इस अवसर पर 50 से अधिक शोधार्थियों ने ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों मोड में अपने रिसर्च पेपर को प्रस्तुत किया। इस मौके पर जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य डॉ दिग्विजय सिंह ने साइबर अपराध को लेकर अपनी प्रस्तुति दिया और वर्तमान में हो रहे साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया। डॉ सुनील कुमार ने शब्दों के संक्षिप्तता को लेकर कई उदाहरण दिए और हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों का वर्तमान परिवेश में मिश्रित इस्तेमाल को उदाहरण सहित समझाया। पीएनबी राजभाषा अधिकारी डॉ सुशांत शर्मा ने रामायण काल का उदाहरण देते हुए सामासिक संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संबंध का आधार भाषा है। इससे समाज और साहित्य दोनों मिलते हैं। नार्वे के वरिष्ठ साहित्यकार और स्पाइल दर्पण के संपादक सुरेश चंद्र शुक्ल, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के डा. दुर्गेश त्रिपाठी, प्रो. रमेश शर्मा, डा. कायनात काजी, एशियन आर्ट्स इंग्लैंड की डा. जया वर्मा, डा परमात्मा कुमार मिश्र आदि ने सामासिक संस्कृति के संवाहक: भाषा, साहित्य और मीडिया पर अपने उद्गार व्यक्त किए। सत्र का संचालन अर्पिता स्नेह ने किया। इस मौके पर पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीसी पतंजलि, डॉ सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. अवध बिहारी सिंह,  डॉ चंदन सिंह, डॉ रसिकेश, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, राहुल राय, अंकित सिंह, डा. वनिता सिंह, सोनम झा समेत कई शिक्षकों ने शोध पत्र पढ़ा।

Friday 11 August 2023

संस्कृत से समृद्ध हो रही है चीनी संस्कृतिः प्रो. विवेक मणि त्रिपाठी

 हिंदी ने वैश्विक स्तर पर लहराया संस्कृति का परचम:  डॉ. प्रकाश चन्द्र वरतुनिया

जीवन का कोई भी पक्ष संस्कृति से अलग नहीं: प्रो. आनंद कुमार सिंह

अन्तरराष्ट्रीय महाकुंभ के मंथन से निकलेगा ज्ञान का अमृतः प्रो. निर्मला एस. मौर्य

दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार का आर्यभट्ट सभागार में हुआ उद्घाटन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सामासिक संस्कृति के संवाहक: भाषा, साहित्य और मीडिया विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुक्रवार को उद्घाटन सत्र शुरू हुआ। यह सत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में चला। इसमें विश्व के कई देशों के शिक्षकों और साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलाधिपति डॉ. प्रकाश चन्द्र वरतुनिया ने कहा हिंदी भाषा ही हमारी संस्कृति की संवाहक है। यह भाषा विश्व के कई देशों में हमारी संस्कृति को पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने धारावाहिक और फिल्म के माध्यम से विदेशों में देश की संस्कृति का परचम लहराया। चीन के प्रो. विवेक मणि त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य और संस्कृति का संबंध अलग नहीं हो सकता। साहित्य के माध्यम से संस्कृति को समझा जा सकता है। चीनी भाषा में 20 हजार से ज्यादा शब्द संस्कृत से हैं। चीनी संस्कृति संस्कृत भाषा से समृद्ध हो रही है।

पूर्व कुलपति प्रो. पी.सी. पातंजलि ने कहा कि हिंदी साहित्य में पूर्वांचल के साहित्यकारों का दबदबा है। साहित्य जगत को समृद्ध और विकसित करने में इनके योगदान का नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता अगर प्रासंगिक नहीं रही तो वह चुनौतियों से नहीं लड़ सकती।  अटल बिहारी सम्मान से सम्मानित प्रख्यात साहित्यकार प्रो. आनंद कुमार सिंह ने कहा कि सामासिक संस्कृति बहुत सारी संभावनाओं को समेटे हुए है। जीवन का कोई भी ऐसा पक्ष नही हो सकता जो संस्कृति से अलग हो। संस्कृति के निर्माण की प्रक्रिया मानव की विकास यात्रा से जुड़ी है। संस्कृतियों में जो विश्वास है, उसका अनुकूलन और मतांतरण निरंतर चलता आया है।

अध्यक्षता करतीं हुई विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विद्वानों के इस महाकुंभ के मंथन से जो ज्ञान का अमृत निकलेगा वह इस विश्वविद्यालय के साथ-साथ विश्व से आने वाले प्रतिभागियों के लिए भी लाभप्रद रहेगा। ऐसे मंच संस्कृति के आदान-प्रदान के साथ विचारों और ज्ञान का भी संवर्धन करते है। मीडिया की भूमिका पहरेदार की तरह है जो कि घटनाओं का संवाहक बनकर हम लोगों तक सूचनाओं का संप्रेषण करती है।   प्रसिद्ध साहित्यकार एवं आलोचक प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि भाषा जोड़ने और तोड़ने दोनों का काम करती है। सामासिक संस्कृति के सामने भाषा चुनौती है। साहित्य सामासिक की संवाहक तो है लेकिन मीडिया आक्रामकता और व्यावसायिकता के दौर से गुजर रही है।  

प्रख्यात साहित्यकार और सहायक निदेशक आकाशवाणी प्रसार भारती डॉ. नीरजा माधव ने कहा कि सामासिक संस्कृति भारत में ही देखने को मिलती है। विश्व के अन्य किसी देश में ऐसी संस्कृति देखने को नहीं मिलती है। भारतीय संस्कृति समन्वित और साझेदारी की संस्कृति है।  इस संस्कृति को समझने का आधार भाषा है। हमारी संस्कृति जीवन जीने की कला बनाती है।

पीएनबी के मंडल प्रमुख राजेश कुमार ने कहा कि शिक्षण संस्थाएं समाज को जोड़ने का काम करती है। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार से जिले के लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। हमारा बैंक इस तरह के कार्यक्रम में हमेशा सहायक बनेगा। सेमिनार के आयोजन सचिव डा. मनोज मिश्र ने विषय प्रवर्तन किया। स्वागत भाषण प्रो. मानस पांडेय ने संचालन डॉ. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने किया। सेमिनार में प्रमुख रूप से वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, पीएनबी के मैनेजर राम बहादुर, एचडीएफसी के वाइस प्रेसीडेंट मनोज राय, मनीष तिवारी, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. देवराज सिंह, डॉ प्रमोद कुमार यादव, डॉ नीतेश जायसवाल, डॉ धीरेंद्र चौधरी, डॉ रसिकेश, डॉ. विनय वर्मा, डॉ. अनु त्यागी, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, नंदकिशोर सिंह, रमेश यादव, डॉ. पीके कौशिक आदि ने प्रतिभाग किया।

दो दिवसीय अंतर्विषयक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में तीन  पुस्तकों का विमोचन किया गया। इन पुस्तकों में गीता सिंह की भाषा और लिपि पर पुस्तक, शशिकला की साहित्य शास्त्र पर पुस्तक और डॉ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की राष्ट्रीय काव्यधारा की पुस्तक शामिल है।द्विदिवसीय अंतर्विषयक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में तीन सत्रों के माध्यम से ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों मोड में शोधार्थियों ने अपना पेपर प्रस्तुत किया। प्रथम सत्र का संचालन प्रो. विनय कुमार दुबे और धन्यवाद ज्ञापन नितेश जायसवाल, दूसरे सत्र का संचालन  डॉ शशिकला जायसवाल और धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेंद्र चौधरी ने किया।

Tuesday 8 August 2023

खिलाड़ियों ने कुश्ती, तीरंदाजी और अन्य खेलों का किया प्रदर्शन

छात्रावास के कमरे, मेस का किया निरीक्षण, विद्यार्थियों से जाना हाल

पुरातन छात्रों और अभिभावकों के साथ विभिन्न मुद्दों पर किया संवाद

नैक पीयर टीम ने पुस्तकालय के पूरे सिस्टम को कंप्यूटर पर बैठकर देखा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन के लिए आई टीम ने एकलव्य स्टेडियम, इनडोर स्टेडियम की खेल सुविधा,  पुस्तकालय,  हेरिटेज आर्ट गैलरी, हेल्थ सेंटर, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र, छात्रावासों, ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल, रज्जू भैया भौतिकी शोध एवं अध्ययन संस्थान, डीएसडब्ल्यू, इंजीनियरिंग के पावर सिस्टम प्रोटेक्शन लैब समेत अन्य स्थानों का निरीक्षण किया। महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में पुरातन छात्रों और अभिभावकों के साथ विभिन्न मुद्दों पर संवाद किया।

मंगलवार की सुबह सबसे पहले टीम के सदस्य इनडोर स्टेडियम पहुंचे। स्टेडियम में पिछले पांच सालों में अर्जित किए ट्रॉफी, अवार्ड, शील्ड का अवलोकन किया। खिलाड़ियों ने कुश्ती, तीरंदाजी और अन्य खेलों का प्रदर्शन नैक पीयर टीम के समक्ष किया। एकलव्य स्टेडियम में टीम के सदस्यों को परंपरागत साफा बांधकर स्वागत किया गया। इस दौरान खेलकूद परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री समेत सभी कर्मचारी शामिल थे। इसके बाद विवेकानंद केंद्रीय विश्वविद्यालय में पुस्तकालय का भ्रमण किया। मानद लाइब्रेरियन प्रो. मानस पांडेय ने लाइब्रेरी की मुख्य सुविधाओं के बारे में प्रकाश डाला। विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में डॉ विद्युत मल ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पुस्तकालय की सुविधाओं को टीम के सामने प्रस्तुत किया। नैक पीयर टीम के चेयरमैन ने कंप्यूटर पर खुद बैठकर ऑनलाइन किताबों और ऑनलाइन जर्नल का निरीक्षण किया। इसके साथ ही केंद्रीय पुस्तकालय में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को टीम ने देखा। हेरिटेज गैलरी का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों के बारे में जानकारी हासिल की और राम मंदिर और अयोध्या के मॉडलों को मोबाइल में भी कैद किया।विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य भवन का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं की बारीकी से जानकारी ली विश्वविद्यालय के चिकित्सक डॉ पुनीत सिंह ने टीम को सुविधाओं से अवगत कराया। ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल में समन्वयक प्रो. प्रदीप कुमार प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को बताया। डीएसडब्ल्यू ऑफिस में प्रो. अजय द्विवेदी ने पावर पॉइंट के माध्यम से सभी डाटा पेश किया। उन्होंने विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं के साथ-साथ 552 कॉलेजों के लिए बनाई गई भावी योजनाओं को भी बताया। रज्जू भैया भौतिकी शोध एवं अध्ययन संस्थान के हाईटेक उपकरणों का अवलोकन किया। साथ ही संस्थान में चल रही परियोजनाओं की भी जानकारी ली। इसके बाद आर्यभट्ट सभागार में कर्मचारियों और विद्यार्थियों से रूबरू हुई नैक पीयर टीम। टीम में मधुसूदन विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कमलजीत सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम आई है। टीम के साथ प्रो. मानस पांडेय, प्रो. सुरजीत यादव, प्रो रजनीश भास्कर, प्रो. मुराद अली, डा. गिरधर मिश्र, डा. पुनीत धवन, डा. प्रवीण सिंह. डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. धर्मेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।

चेयरमैन ने प्रशिक्षणार्थियो से ली जानकारी

कौशल विकास और प्रशिक्षण केंद्र में नैक पीयर टीम के अध्यक्ष प्रोफेसर कमलजीत सिंह ने प्रशिक्षण ले रहीं छात्राओं से विस्तार से जानकारी ली कि उन्हें क्या लाभ मिल रहा है? गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के कौशल विकास केंद्र में कम्प्यूटर प्रशिक्षण एवं सिलाई प्रशिक्षण में ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर महिलाएं लाभ ले रहीं है। उन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ प्लेसमेंट का भी दस्तावेज दिखाया गया। सेल के समन्वयक डॉ राजकुमार ने विस्तार से सभी गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

कल्चर कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने बांधा समा

कई प्रदेश की लोक नृत्यों का छात्रों ने किया प्रस्तुतीकरण 

पीयू के छात्रों ने माईम कार्यक्रम के जरिए दिखाया देशप्रेम

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार की देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य एवं विश्वविद्यालय में आई नैक पीयर टीम ने दीप प्रज्जवलन के साथ किया। कार्यक्रम में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिव पार्वती नृत्य,  माईम,  समूह नृत्य,  गायन, भरतनाट्यम के साथ-साथ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न प्रदेश की संस्कृति को भी अपने प्रस्तुति में दिखाया। माईम प्रस्तुति में छात्रों ने देशभक्ति एक्ट प्ले करके लोगों को भावुक भी किया और एक जवान के शहीद होने पर उसके घर की स्थितियां क्या होती है,  इसको दिखाया। कार्यक्रम का संचालन हिदायत फात्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनु त्यागी ने किया। इस मौके पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय,  परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, उप कुलसचिव अमृतलाल, सहायक कुलसचिव बबिता, अजीत सिंह, दीपक सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. मुराद अली, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ मनोज मिश्र, डॉ. राजकुमार, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ सुनील कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ रसिकेश, डॉ मनोज कुमार पांडेय, डॉ विनय वर्मा, डॉ. करुणा निराला, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्या, सहित विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहें।

Monday 7 August 2023

नैक पीयर टीम ने परिसर के कई संकायों का किया निरीक्षण


विभागों में प्रजन्टेशन और एसएसआर में दाखिल दस्तावेजों को देखा
टीम ने संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शिक्षकों के साथ किया संवाद
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन के लिए मधुसूदन लॉ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 कमल जीत सिंह की अध्यक्षता में छह सदस्यीय टीम ने सोमवार को गहन निरीक्षण का  कार्य शुरू कर दिया। टीम सात, आठ और नौ अगस्त 2023 तक विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययन, लैब, स्टूडियो समेत अन्य गतिविधियों, संसाधनों का निरीक्षण करेगी। साथ ही एसएसआर में विश्वविद्यालय की ओर से भरे गए तथ्यों का क्रैटेरियावाइज अवलोकन किया। 
वीडियो कान्फ्रेंसिंग हाल में सुबह टीम के समक्ष सबसे पहले विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या और भावी योजनाओं का विस्तार से प्रस्तुतीकरण किया। कुलपति प्रो. मौर्य ने कहा कि सम्बद्ध महाविद्यालयों की समय से परीक्षा और उनका रिजल्ट घोषित करने में हमने बड़ी सफलता पाई है। शोध की गुणवत्ता के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है। इसके परिणामस्वरूप एक दर्जन से अधिक शोध प्रोजेक्ट शिक्षकों को मिले। कुलपति के प्रस्तुतीकरण के बाद टीम ने कुलपति सभागार में संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष के साथ संवाद कर विश्वविद्यालय से जुड़ी अन्य जानकारियां भी ली। कुलपति सभागार में टीम ने संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों से संवाद किया उन्होंने उनसे परिसर के पाठ्यक्रमों और शोध के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली। प्रो बीबी तिवारी,  डॉ. अजय द्विवेदी और प्रो. मुराद अली ने इस द्विपक्षीय संवाद में अपनी बात रखी। शोध कार्य के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। आईक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने टीम का स्वागत के साथ परिचय कराया। 
इसके बाद एक टीम इंजीनियरिंग संस्थान, प्रो. रज्जू भैय्या भौतिकी शोध संस्थान, विज्ञान संकाय में जनसंचार विभाग और विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों का विजिट किया और दूसरी टीम फार्मेसी संस्थान, दत्तोपंत ठेगड़ी विधि संस्थान के बाद व्यावहारिक मनोविज्ञान के साथ इन्क्यूबेशन सेंटर, कल्चरल क्लब का निरीक्षण किया। 
टीम में मधुसूदन विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कमलजीत सिंह अध्यक्ष, सदस्य समन्वयक मणिपुर विश्वविद्यालय इंफाल के प्रोफेसर योगेन्द्रो सिंह, मिजोरम विश्वविद्यालय की प्रो जोकैथलोआँगी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के प्रोफेसर चंदन गुप्ता,  गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के प्रोफेसर संदीप जैन एवं जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली के प्रोफेसर रविंद्र कुमार नैक पीयर टीम में विश्वविद्यालय आए हुए हैं। विभागाध्यक्षों ने टीम के सदस्यों को विभाग के शिक्षण, शोध  विद्यार्थियों एवं समस्त गतिविधियों के बारे में बताया। जनसंचार विभाग में विद्यार्थियों द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री, खबरों, ब्लॉग पूरब बानी, फेसबुक पेज एवं विश्वविद्यालय के यू-ट्यूब चैनल के साथ स्टूडियों को देखा और तारीफ भी की। इसके पूर्व टीम का विश्वविद्यालय अतिथि गृह में औपचारिक स्वागत किया गया। दिनभर की गतिविधियों में कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय,  परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, उपकुलसचिव अमृतलाल, सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, दीपक सिंह, बबिता सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. वंदना राय, प्रो. सुरजीत यादव, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. संदीप सिंह, डा. गिरधर मिश्र, डा. प्रवीण सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. धर्मेद्र सिंह आदि रहे।

Tuesday 1 August 2023

स्वच्छ पर्यावरण के लिए पेड़ जरूरी : प्रो. निर्मला एस. मौर्य


पीयू को नगरपालिका अध्यक्ष ने किया 150 पौध भेंट
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर की हरियाली के लिए कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य संकल्पित हैं। अक्सर वह समारोह में सरकार के पौधरोपण अभियान की प्रशंसा करतीं हैं। साथ में खुद भी इसके लिए प्रयासरत रहती हैं। उन्होंने पौध भिक्षा अभियान के तहत नगर पालिका अध्यक्ष मनोरमा मौर्या से सावन महोत्सव में चर्चा की थी। नपा अध्यक्ष के निर्देश पर समाजसेवी विवेक मौर्य ने मंगलवार को विश्वविद्यालय को 150 पौधे भेंट किए। 
इस अवसर पर कुलपति ने नपा अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पेड़-पौधे लगाना अपने अच्छे भविष्य के निर्माण की नींव रखने के बराबर है, इसीलिए कहा जाता है वृक्ष है तो जीवन है। पेड़ पौधे हमारे जीवन को स्वच्छ तथा सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। पेड़- पौधे के माध्यम से ही हमारा पर्यावरण साफ व स्वच्छ दिखाई देता है। इतना ही नहीं पौधों के माध्यम से हमे कई आयुर्वेदिक औषधियां प्राप्त होती है, जिनका प्रयोग आप अपने इस्तेमाल के लिए कर सकते हैं। पौधारोपण पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन में सहायक साबित होता है। उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे लगाने से हमारा वातावरण संतुलित होता है तथा जलवायु परिवर्तन भी ठीक होता है। गांव का जीवन पेड़-पौधे पर ही आश्रित है। यहां के लोग शहरी लोग की तुलना में काफी स्वस्थ पाए जाते हैं। समाजसेवी विवेक मौर्या द्वारा भेंट किए गए पौधों में जामुन, सागौन, नीम, आम, फॉक्सटेल पाम, बोतल पाम, बौगैनविलिया कामिनी, पीपल शामिल है l  इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, प्रो. मानस पांडेय. प्रो. प्रदीप कुमार, सहायक कुलसचिव दीपक सिंह, डा. धर्मेंद्र सिंह, डा. विनय वर्मा, डॉ. राजीव कुमार, डा आलोक दास, डॉ झांसी मिश्रा समेत विभाग के शिक्षक मौजूद थे।