Saturday 24 September 2016

एचआरडी एवं व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग द्वारा पुरातन छात्र सम्मेलन 2016 का आयोजन



विश्वविद्यालय के एचआरडी एवं व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग द्वारा फार्मेसी संकाय स्थित कांफ्रेन्स हाल में शनिवार को पुरातन छात्र सम्मेलन 2016 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पुरातन छात्र विश्वविद्यालय की एक कड़ी होते हैं। एक समयावधि के बाद व्यक्ति खुद की प्रतिभा पर कार्य करता है। उपस्थित सभी पुरातन विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि आप विश्वविद्यालय की धरोहर हैं। आशा है भविष्य में आप संस्थान का नाम पूरी दुनिया में रोशन करेंगे। 
स्वागत करते हुए विभागाध्यक्ष डाॅ. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि आज पुरातन विद्यार्थियों के अनुभव से हमारे वर्तमान विद्यार्थी नयी शिक्षा ग्रहण करेंगे। यही शिक्षा जीवन जीने की कला है। विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो. वीके सिंह ने इस अवसर पर अपने अनुभवों को साझा किया एवं विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण सुझाव दिया।
संकायाध्यक्ष डाॅ. वीडी शर्मा ने पुरातन छात्रों को सम्मेलन में शामिल होने के लिए साधुवाद दिया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. रसिकेश ने किया।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में पुरातन छात्रों के संघ का गठन किया गया जिसमें सर्वसम्मति से श्री रंजीत सिंह को अध्यक्ष, रानू सिंह को उपाध्यक्ष, कविता सिंह को सचिव व दीक्षा सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया। नीतिन एवं विकास देव को सह सचिव के रूप में मनोनीत किया गया। 
पुरातन छात्र सम्मेलन के अंत में मानसी श्रीवास्तव, शेफाली, प्रीति, आकाश, कृतिका, हिजाब, एरम शकील, द्विव्यांश, शिखा सिंह एवं अराधना श्रीवास्तव ने पुरातन छात्रों पर आधारित नाटक ‘‘छोड़ आये हम वोे गलियां’’ का मंचन किया।
इस अवसर पर डाॅ. एके श्रीवास्तव, डाॅ. मनोज मिश्र, डाॅ. विनय वर्मा, डाॅ. अनुपम कुमार आदि उपस्थित रहे। संचालन कमलेश कुमार मौर्य एवं अभिनव श्रीवास्तव ने किया। 

विश्वविद्यालय के वित्तीय अध्ययन विभाग में पुरातन छात्र सम्मेलन


 विश्वविद्यालय के वित्तीय अध्ययन विभाग में शनिवार को पुरातन छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में देश के बाहर के भी पूर्व विद्यार्थियों ने भी शिरकत किया। इस अवसर पर जेद्दा सऊदी अरबिया के किंग अब्दुल अजीज विश्वविद्यालय के प्रो. जैद अहमद अंसारी ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए एक लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने जीवन के महत्वपूर्ण क्षण इस विश्वविद्यालय परिसर में बिताये हैं। आगे बढ़ने और कुछ बनने की सीख मुझे यहीं से मिली। आज मुझे गर्व कि मेरे विश्वविद्यालय से निकले लोग पूरे विश्व की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि पढ़ाई के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में आगे आयें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह मेहनत से पढ़ाई करें यही उनका मुख्य धर्म है। आगे कहा कि शिक्षक के बिना ज्ञान अधूरा है इसीलिए वह अपने शिक्षकों का सम्मान भी करें। उनका मानना है कि अगर किसी विद्यार्थी को प्रतिस्पर्धा में शामिल होना है तो उन्हें अपने आप से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी।
अध्यक्षीय सम्बोधन करते हुए विभागाध्यक्ष डाॅ. अजय द्विवेदी ने कहा कि डीएफएसएल के मंत्र को अपनाने वाला ही सफल होता है। उन्होंने इस पर विस्तार से व्याख्या करते हुए बताया कि पहले करिये बाद में कहिये (डू फस्र्ट, से लेट)। उन्होंने पूर्व विभागाध्यक्ष एसके सिन्हा के कार्यों की भी तारीफ की।
पुरातन छात्र एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कम्पनी मामलों के जानकार चन्द्रमौली द्विवेदी ने सोसाइटी ट्रेड मार्क, स्टार्ट अप जैसे नये व्यवसाय के रजिस्ट्रेशन और उससे आने वाली समस्याओं के तकनीकी विषयों पर चर्चा की।
विभाग के प्राध्यापक सुशील कुमार ने एल्यूमिनी शब्द की विस्तार से व्याख्या की। कहा कि संस्थान से जो कुछ मिला है उसे समाज को देने वाला ही छात्र असली पुरातन छात्र है। 
संचालन विभाग के विद्यार्थी मनीष अग्रहरि एवं रितू श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन बागमिता श्रीवास्तव ने किया। इस पुरातन छात्र सम्मेलन के अवसर पर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों में कार्यरत एक दर्जन से अधिक पुरातन विद्यार्थियों ने भाग लिया एवं अपने विचारों को लोगों से साझा किया। इस अवसर पर आलोक गुप्ता, रोहित पाण्डेय, चन्द्रमौली द्विवेदी, चन्द्रशेखर, रवि कुमार, मो. अबु सलेह, जैनुल आब्दीन, हीना अख्तर, रूप कुमारी ओझा, अर्षिता त्रिपाठी, अंकिता श्रीवास्तव, रूपाली अग्रहरि, पूजा मोदनवाल, रूश्दा आजमी, पूजा खुराना, मोनिका, यशस्वी, रितू, शहबाज, अनुराग उपाध्याय आदि पुरातन विद्यार्थियों ने विचार व्यक्त किये। 

Thursday 22 September 2016

वित्तीय अध्ययन विभाग में शिक्षक -अभिभावक बैठक 'मंथन' का आयोजन




 विश्वविद्यालय के वित्तीय अध्ययन विभाग में शिक्षक -अभिभावक बैठक 'मंथन' का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए उनसे  जुड़े विभिन्न विषयों पर अभिभावकों के साथ चर्चा हुई. 

विभाग के अध्यक्ष  डा० अजय द्विवेदी  ने मंथन कार्यक्रम में अभिभावकों से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के विविध पहलुओं  पर विस्तार से अपनी बात रखी.  
उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में उद्द्योग जगत में जिस प्रकार के विशेषज्ञों की मांग है हमारा विभाग उनकी मांग के अनुसार विशेषज्ञ तैयार कर रहा है। आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में वित्त प्रबंधकों की जो फौज तैयार की रही है वह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है.अन्तर राष्ट्रीय स्तर पर जो वित्त के उच्च संस्थानों की मांग है उसकी पूर्ति करने में विभाग हर स्तर पर प्रयासरत है. इसी क्रम में विभाग द्वारा फाइनेंसियल मॉडलिंग, बिज़नेस वैल्यूएशन, मर्जर एवं टेक ओवर जैसे गंभीर विषय पाठ्यक्रम में शामिल किये गए हैं और छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान  दिया जा रहा है. 

मंथन में अभिभावकों से खुलकर चर्चा हुई. उन्होंने यह आशा व्यक्त  की कि विभाग उनके बच्चों के एक आत्मविश्वाश पैदा करें जिससे वह  जीवन में हर कठिनाइयों का सामना कर सकें। शिक्षकों ने अभिभावकों को यह विश्वास दिलाया कि एक परिवार की भांति सब मिलकर विद्यार्थियों के विकास के लिए प्रयासरत रहेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत में  शिक्षकों  व अभिभावकों का स्वागत  सुशील कुमार ने किया।अभिभावकों ने  विभाग से यह अपेक्षा की कि  डिग्री के उपरांत उनकी संतान एक अच्छा ज़िम्मेदार नागरिक बनें ।कार्यक्रम में विद्यार्थियों के अभिवावकों से छात्रवॉर पूरी जानकारी ली गई और छात्र के परफॉरमेंस के बारे में भी बताया गया. विभाग के प्राध्यापक अबू सालेह ने कहा कि विद्यार्थियों को अच्छा वित्त विश्लेषक बनाने हेतु विभाग सदैव तत्पर रहता है।  प्राध्यापक  सुशील ने कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षकों के साथ साथ  अभिभावकों  की बराबर की ज़िम्मेदारी है अपनी पूरी दिनचर्या का कुछ हिस्सा छात्र अपने शिक्षकों के साथ व्यतीत करते है जिसमें शिक्षक तत्पर रहता है कि उन्हें  ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी ना केवल पाठ्यक्रम से सम्बंधित अपितु समाज के बारे में देता है विभाग के प्राध्यापक डा अलोक गुप्ता ने कहा की हमारा पाठ्यक्रम परास्नातक स्तर का है जिसमे छात्रों  को किताबी जानकारी के साथ ही  व्यावहारिक ज्ञान दिया जाता है. 
विभाग के तृतीय सेमेस्टर की छात्रा शिखा दुबे ने विभाग में हुई विभिन्न गतिविधियों के बारे में पॉवर पॉइंट के माध्यम से अभिभावकों को जानकारी उपलब्ध कराई।धन्यवाद ज्ञापन विभाग के प्राध्यापक अबू सलेह ने किया। इस अवसर डा० मनोज मिश्रा, डा० रशिकेश, डा० दिग्विजय सिंह राठौर, वसीम अहमद, मुन्नी देवी, नगमा बानो , सतीश सोनी, दीन दयाल सिंह, कृष्ण कुमार सेठ, बेचू कन्नौजिया समेत  विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे. 

Tuesday 20 September 2016

सीबीसीएस पर कार्यशिविर आयोजित



प्रो जनक पांडेय 
दीप प्रज्वलन करते कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल 
फार्मेसी संस्थान स्थित शोध एवं नवाचार केन्द्र में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर मंगलवार को कार्यशिविर आयोजित किया गया। इस कार्यशिविर में अध्ययन परिषद के सदस्यगण एवं विश्वविद्यालय के सभी संकायों के संकायाध्यक्ष शामिल हुए। कार्यशिविर के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जनक पाण्डेय ने कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास के लिए समग्र शिक्षा एवं अंतरविषयी शिक्षा प्रणाली को उपयोग में लाना जरूरी है। सीबीसीएस प्रणाली के अंतर्गत छात्र अपनी मर्जी विभिन्न विषयों का चयन कर सकते हैं। इसके अंतर्गत वार्षिक के बजाय सेमेस्टर परीक्षा पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई विद्यार्थी किसी विश्वविद्यालय में किसी सेमेस्टर को उत्तीर्ण किया है  और अगले सेमेस्टर को किसी अन्य विश्वविद्यालय से करना चाहता है तो उसे इस प्रणाली के लागू होने से आसानी होगी। इससे जुड़े सभी विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम प्रणाली एक जैसी होती है। इस प्रणाली को देशभर के विश्वविद्यालय में लागू करने के लिए सबसे पहले छात्रों को शिक्षकों एवं शिक्षा प्रणाली तथा शिक्षकों को स्वयं पर विश्वास होना चाहिए। इस प्रणाली के लागू होने से शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित होंगे।

अध्यक्षता कर रहे पूविवि के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार सीबीसीएस प्रणाली को पूरे देश के विश्वविद्यालयों में लागू किया जाना है जिससे कि पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन प्रणाली की समानता को सुनिश्चित किया जा सके। शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से आगामी सत्र से विश्वविद्यालयों में क्रेडिट बेस्ड च्वाइस सिस्टम (सीबीसीएस) लागू करने की तैयारी है। इसके तहत विद्यार्थियों की ओवरआल रैंकिंग हो सकेगी। वार्षिक परीक्षा प्रणाली से सीबीसीएस प्रणाली में शिफ्ट करना एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए विश्वविद्यालय की पूरी व्यवस्था को नये ढंग से व्यवस्थित किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रथमतया पाठ्यक्रम निर्माण, अध्ययन, मूल्यांकन एवं परिणाम का मानकीकरण इस व्यवस्था के अभिन्न पहलू हैं। 
बीएचयू के प्रो. जेपी श्रीवास्तव ने कहा कि सीबीसीएस सिस्टम विद्यार्थी को पाठ्यक्रम संबंधी लचीले विकल्प प्रस्तुत करता है।  क्रेडिट बेस्ड च्चाइस सिस्टम से छात्रों की ओवरआल रैंकिंग की जा सकेगी। विद्यार्थी के पास मूल विषय से इतर अन्य पाठ्यक्रम के रूचिकर एवं प्रायोगिक विषयों को पढ़ने का मौका मिलता है। कौशल विकास एवं भाषा विकास संबंधी माड्यूल, इंटर्नशिप, लघु शोध प्रबंध आदि भी सीबीसीएस के क्रेडिट का हिस्सा है।
स्वागत उप कुलसचिव संजीव सिंह, कार्यशाला की रूपरेखा एवं संचालन डा. प्रदीप कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. अविनाश पाथर्डीकर ने किया। इस अवसर पर प्रो. डीडी दूबे, प्रो. बीबी तिवारी, डा. वन्दना राय, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. समर बहादुर सिंह, डा. विजय सिंह, डा. राकेश सिंह, डा. विनय कुमार सिंह, डा. नरेन्द्र कुमार सिंह, डा. सौम्यसेन गुप्ता, डा. जीडी दूबे, डा. दलसिंगार सिंह, डा. शिल्पा त्रिपाठी, डा. एचएस सिंह, डा. सुबाष चन्द्र बिसोई, डा. नन्दनी श्रीवास्तव, डा. श्रीकांत पाण्डेय, डा. सत्यप्रकाश सिंह, डा. एसपी सिंह, डा. वशिष्ठ यति, डा. जी सिंह, डा. ओमप्रकाश सिंह, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. सुरजीत यादव, डा. रजनीश भाष्कर सहित परिसर के शिक्षक मौजूद रहे।

निबन्ध प्रतियोगिता में स्थान पाने वाले पुरस्कृत


अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रकोष्ठ   द्वारा संपन्न कराये गए  भारत में आर्थिक एवं प्रोद्योगिकी विकास में युवाओं की भागीदारी विषयक निबन्ध प्रतियोगिता  में स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को फार्मेसी संस्थान स्थित सभागार में कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल एवं  बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो जनक पांडेय द्वारा पुरस्कृत किया गया. प्रतियोगिता में  जनसंचार विभाग के छात्र  धर्मपाल यादव  प्रथम, इंजिनीयरिंग के छात्र   शुभम उपाध्याय द्वितीय एवं  एमबीए के छात्र  मोहम्मद मोहसिन तृतीय विजेता रहे. विजेताओं को  प्रमाणपत्र एवं क्रमशः  1 हजार, 750 व 500 रूपये पुरस्कार राशि देकर उत्साह वर्धन किया गया.
 इसी क्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थी  गरिमा सिंह ,आकाश सिंह, पुल्कित शुक्ल,  शीतल कुमार गुप्ता,   प्रदीप चौरसिया    एवं  पीयूष कुमार मौर्य को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया. इस प्रतियोगिता के समन्वयक डॉ राम नारायण ने कार्यक्रम का संचालन किया।इस अवसर पर बीएचयू के प्रो जे पी श्रीवास्तव,कुलसचिव डॉ देवराज, उपकुलसचिव संजीव सिंह,डॉ सुशील कुमार, डॉ अजय प्रताप सिंह, डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार समेत तमाम लोग मौजूद रहे. 

Monday 19 September 2016

मधुमेह एवं हृदयघात मुक्त भारत विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन 18-09-2016

फार्मेसी संस्थान के यूपी सिंह सभागार में मधुमेह एवं हृदयघात मुक्त भारत विषयक संगोष्ठी का आयोजन पनेसिया चिकित्सालय वाराणसी के सहयोग से किया गया।संगोष्ठी में आए चिकित्सकों ने मधुमेह व हृदय रोगों से बचने के लिए आम आदमी के मन में उठने वाले सवालों को दूर किया। इसके साथ ही मधुमेह व ह्रदय रोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से अपनी बात रखी।मधुमेह रोग विशेषज्ञ  डाॅ. आशुतोष मिश्र ने कहा कि आज अनियमित दिनचर्चा के कारण कम उम्र में ही लोगों को मधुमेह हो जा रहा है। मधुमेह को प्राथमिक स्तर पर ही पहचान कर नियंत्रण किया जा सकता है। भारत मधुमेह रोगियों में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि मधुमेह रोगियों को अपना आहार चार्ट बनाकर उसी के अनुरूप डायट लेना चाहिए।हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. पल्लवी मिश्र ने हृदय रोगों पर विस्तार से अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि जीवन में अपने स्वास्थ्य के लिए सबको समय निकालना चाहिए। हृदय रोगों के प्रति जागरूक होने से बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ आहार व व्यायाम स्वयं को सुरक्षित रखने में बड़ी भूमिका निभाता है।संगोष्ठी में कुलसचिव देवराज व इंजीनियरिंग के डीन प्रो. बीबी तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता प्रो. डीडी दूबे ने की। संगोष्ठी का संचालन सुषील कुमार प्रजापति एवं संजय श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर डाॅ. वीडी शर्मा, आलोक दास, विनय वर्मा, रामजी सिंह, रामसूरत यादव, पीके कौषिक, जगदम्बा मिश्र, जितेन्द्र गुप्ता, ग्यानेष पारासरी, षिषिर कुमार, डीपी घिन्डियाल, धर्मेन्द्र सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

दो दिवसीय कार्यशाला “Communication Skills”

 विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के गणित तथा भौतिकी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से शनिवार को कम्यूनिकेशन स्कील्स विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में डा. देवेंद्र कुमार, सहायक प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी ने 'कम्यूनिकेशन इन इंग्लिश : स्पीकिंग करेक्ट्ली एण्ड इफेक्टिविली' विषय पर व्याख्यान दिया एवं उसके विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला के प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए 'नान वर्बल कम्यनिकेशन एण्ड इफेक्टिव पब्लिक स्पीकिंग यूजिंग पॉवर प्वाइंट प्रजेन्टेशन' विषय पर व्याख्यान डॉ. अनुराग सिंह, प्रबंध अध्ययन विभाग, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने चर्चा की। डा. सिंह द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाई करने एवं अपना जीवन निर्माण हेतु योजना तैयार करने संबंधी भी ज्ञान वर्धन किया गया। प्रथम दिन दो पालियों में चार व्याख्यान दिए गए जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़—चढ़कर सहभागिता ली। समन्वयक डा. राजकुमार ने स्वागत करते हुए कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर के प्रतिभागी छात्रों/छात्राओं की संचार क्षमता में निखार लाने के लिए एक सार्थक प्रयास है। आयोजक सचिव डा. संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, डॉ. अजय द्विवेदी, सुशील कुमार, डॉ. इन्द्रेश गंगवार एवं अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे।

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दूसरा दिन

इंजीनियरिंग संकाय द्वारा आयोजित Communication Skills” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला   का समापन  १८ सितंबर को हुआ | पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनिकी संकाय के गणित तथा भौतिकी विभागों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर के प्रतिभागी छात्रों/छात्राओं की संचार क्षमता में निखार लाने हेतु एक सार्थक प्रयास रहा | कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ० तनुज नंदन, सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद ने “साक्षात्कार हेतु नोनवेर्बल संचार” विषय के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया| उन्होंने बताया की इंटरव्यू के समय होने वाली परेशानियों को थोड़ी कोशिशो से दुर किया जा सकता है जैसे कि अपने शारीरिक हाव भाव, बोलचाल एवं बैठने का ढंग किस प्रकार का होना चाहिए , के विभिन्न पहलुओ पर चर्चा की | उन्होंने बताया कि बहुत सारे  आंकडे एवं विशेषज्ञों के अहुभाव यह बताते हैं की उमीदवार के चयन में साक्षात्कार के पहले 90 सेकेण्ड बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं | जबकि कार्यशाला के द्वितीय व्याख्यान को संबोधित करते हुए “प्रभावकारी संचार हेतु आवश्यक पहलुओं”  विषय पर व्याख्यान डॉ० शेफाली नंदन, वाणिज्य एवं प्रबंध अध्ययन विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद  ने विस्तार पूर्वक चर्चा की | डॉ० शेफाली द्वारा छात्र /छात्राओं को बताया गया कि प्रभावकारी संचार में कौन से तथ्य बाधक होते हैं , किस प्रकार हम दूसरों पर अपने संचार  से प्रभाव डाल सकते हैं | वे कौन से कारक हैं जिनके द्वारा आप अपने ज्ञान को दूसरों तक प्रभावी तरीकों से पहुंचा सकते हैं | प्रभावकारी संचार के लिए उन्होंने “7C ” फोर्मुले को विस्तार पूर्वक बताया की किस प्रकार यह  प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है | सभी व्याख्यानों को  वेबसाइट पर अपलोड किया गया ताकि सामान्य जन तक इन व्याख्यानों का सीधा लाभ पहुँच सके |पढ़ाई करने एवं अपना जीवन निर्माण हेतु योजना तैयार करने संबंधी भी ज्ञान वर्धन किया | प्रथम दो दिनों में आठ  व्याख्यान दिए गए जिसमे 315 छात्र /छात्राओं ने सहभागिता की | कार्यशाला के समन्वक डॉ० राज कुमार एवं आयोजक सचिव डॉ० संतोष कुमार द्वारा इस कार्यकर्म हेतु प्रेरित करने का श्रेय पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति जी को दिया | जन संचार एवं पत्राचार विभाग का सहयोग भी सराहनीय रहा | कार्यशाला के समापन्न  पर प्रो बी बी तिवारी, डॉ० अजय द्विवेदी, डॉ० प्रदीप कुमार, डॉ० अजय द्विवेदी, डॉ वी डी शर्मा, डॉ नूपुर गोयल, डॉ सुरेन्द्र कुमार , डॉ इन्द्रेश गंगवार एवं डॉ अवध बिहारी सिंह उपस्थित थे|
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दिनांक: 15-09-2016


वित्तीय समावेशन से ही देश का विकास संभव: डा० द्विवेदी


वित्तीय अध्ययन विभाग में एक दिवसीय छात्र संगोष्ठी विषयक “फाइनेंसियल इन्क्लूसन इनिसिएटिव इन इंडिया: अ वे फॉरवर्ड ” का आयोजन किया गया । संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य वित्तीय समावेशन के बारे में चर्चा करना और भारतीय परिदृश्य में इसकी स्तिथि की समीक्षा करना था। संगोष्ठी में 75 प्रतिभागीओं ने हिस्सा लिया  जिसमे छात्र छात्राओं द्वारा लगभग एक दर्जन शोध पत्र भी प्रस्तुत किये गए ।इससे पहले कार्यक्रम में समस्त अतिथियों का स्वागत विभाग की छात्रा व कार्यक्रम की संयोजक कुमारी अंकिता श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में विभाग के प्राध्यापक मो० अबू सलेह ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को वित्तीय सेवाओं से जोड़ना है  जिससे न केवल सरकार अपनी वित्तीय सेवाएं लोगों को बेचकर धन अर्जित कर उसे कल्याणकारी योजनायें बना कर लोगों को अंतिम रूप से दिया जा सके।दूसरे वक्ता के रूप में विभाग के प्राध्यापक श्री सुशील कुमार ने कहा कि पहले वित्तीय सेवाएं केवल अमीर लोगो के लिए होती थी मगर वित्तीय समावेशन के कारण आज कई वित्तीय सेवाएं गरीब लोगो को भी मुहैया कराई जा रही है। आज भी  देश के केवल 50 प्रतिशत लोग ही वित्तीय सेवाओं का फायदा उठा रहे है।विभाग के प्राध्यापक श्री अलोक गुप्ता ने कहा कि पैसे से ही पैसा बनता है अर्थात यदि भारत देश को आर्थिक रूप से और मजबूत होना है तो लोगों की बचत को निवेश में बदलना होगा। जैसा कि हम जानते है कि भारत में बहुत सारे लोगो के पास बैंक खाता ही नहीं है और उनका पैसा मुद्रा बाज़ार में है ही नहीं इससे भारत को दूरगामी आर्थिक नुक्सान हो रहा है और हम वित्तीय सेवाओं में जितना विलम्ब करेंगे देश को उतना ही आर्थिक नुक्सान होगा।अध्यक्षीय संबोधन में डा० अजय द्विवेदी ने कहा कि भारत में वित्तीय समावेशन कोई नयी विचारधारा नहीं है। यह अवधारण ब्रिटिश राज के दौरान भी थी बस उस समय यह व्यवस्था मान्यता प्राप्त नहीं थी और आजादी के बाद भारत ने इस व्यवस्था को कोडीफाई कर दिया है। भारत ने अपनी नई आर्थिक निति जो 1991 में अपनाया था उसमे भी वित्तीय समावेशन को विस्तारपूर्वक चर्चा की गई थी जिसका परिणाम आज धीरे धीरे दिखने को मिल रहा है परन्तु अभी भी बहुत ज्यादा कार्य करने की संभावनाएं है। अगर देश को विश्व की महाशक्तियों में अपना नाम दर्ज कराना है तो वित्तीय समावेशन ही उसका सर्वोपयुक्त माध्यम है।संगोष्ठी में अंकिता साहू, अंकिता श्रीवास्तव, अनुराग उपाध्याय, आशुतोष जैसवाल, मनीष अग्रहरी, मो० शारिक, रीमा यादव, शहबाज़, अभिषेक तिवारी, शिखा दुबे, सुशील कुमार यादव, इत्यादि ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का सञ्चालन शिखा दुबे एवं मनीष अग्रहरी ने किया, एवं धन्यवाद ज्ञापन शहबाज़ ने किया। इस कार्यक्रम का आयोजन वित्तीय अध्ययन विभाग द्वारा एम०एफ०सी० एग्जीक्यूटिव क्लब के बैनर तले किया गया। इस मौके पर डा० राजकुमार सोनी, डा० आशुतोष कुमार सिंह, डा० इन्द्रेश कुमार, नितिन, ऋतू श्रीवास्तव, रोहित चौबे, अभिषेक मौर्या, जैसमीन बानो, रुपाली, पूजा आदि उपस्थित रहे।

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व्यवसाय प्रबंधन विभाग का एल्यूम्नाई मीट-2016 

                                                                   (१८ सितंबर )
व्यवसाय प्रबंधन विभाग का एल्यूम्नाई मीट-2016 का आयोजन रविवार को नगर के एक होटल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डा.मुराद अली ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुरात छात्रों का विभाग के विकास में काफी योगदान रहा है। यह आगे भी अपना अमूल्य योगदान करेंगे।
पुरातन छात्रों के पैट्रन व न्यूट्रासर्गिटेक के मैने¨जग डायरेक्टर राजकुमार श्रीवास्तव ने कहा कि व्यवसाय प्रबंधन विभाग के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व समर्पित शिक्षकों के कारण आज विभाग के छात्र राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अच्छे पदों पर देश-विदेश में कार्यरत है। विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की गई। संचालन आयुष, स्नेहा व आभार रजत श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।(जागरण )


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   पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा ओजोन दिवस पर सेमिनार का आयोजन
                   (16 सितंबर 2016 )

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन किया जिसमे प्रो० पी के मिश्रा केमिकल इंजीनियरिंग आई टी वी एच यू एवं प्रो० वी के पाण्डेय एटमोस्फियरिक एंड ओसनिक साइंस  इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद ने ओजोन संरक्षण पर व्याख्यान दिया उन्होंने वताया कि व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर ओजोन परत को संरक्षित कर सकता है इन्ही आवश्यकताओं की पूर्ति से हार्मफुल केमिकल्स का सृजन हमारे ओजोन परत के विनाश का कारण होता है, सीमित आवश्यकताओं से हमारी बायो-डाइवर्सिटी संरक्षित रहती है अगर बायो-डाइवर्सिटी संरक्षित रहती है तो ओजोन परत संरक्षित रहेगा तथा पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है अंत में प्रो० मिश्रा ने छात्र छात्राओं के साथ परिसर के शिक्षकों को भी शपथ दिलाया कि हम अपने जीवन में कम से कम छ पौध जरूर लगाएंगे जिसमे एक पीपल, एक नीम, एक फलदार वृक्ष जरूर होंगे,

इस कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी जिसमे क्विज, पोस्टर, एक्स्टेम्पोर स्पीच रही  जिसमे विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने भाग लिया, क्विज प्रतियोगिता में पर्यावरण विज्ञान विभाग को प्रथम एवं तृतीय तथा वायोटेक विभाग को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ, पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम एवं तृतीय पर्यावरण विज्ञान विभाग के छात्र  एवं द्वितीय बयोकमिस्ट्री विभाग के छात्र को प्राप्त हुआ,  एक्स्टेम्पोर स्पीच के कार्यक्रम में प्रथम एवं तृतीय बयोकमिस्ट्री विभाग के छात्र रूद्र एवं उर्मिला तथा द्वितीय स्थान पर्यावरण विज्ञान विभाग की छात्रा साक्षी श्रीवास्तव को प्राप्त हुआ, सम्पूर्ण कार्यक्रम का आयोजन प्रो० डीडी दूवे संकायाध्यक्ष विज्ञान संकाय के नेतृत्व में किया गया, कार्यक्रम के समन्वयक डॉ विवेक कुमार पाण्डेय, संयोजक डॉ कार्तिकेय शुक्ल तथा सह- संयोजक डॉ एस के उपाध्याय रहे, कार्यक्रम का सञ्चालन साक्षी श्रीवास्तव, रुची सिंह एवं अनुराधा सिंह ने किया, इस अवसर पर डॉ एस पी तिवारी, डॉ वंदना राय, डॉ राजेश शर्मा, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ ऋषि श्रीवास्तव, डॉ सुधांशु शेखर, डॉ प्रभाकर, डॉ विनय वर्मा,  डॉ अवध बिहारी सिंह, एवं संकाय के छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही, अंत में कार्यक्रम का समापन डॉ विवेक कुमार पाण्डेय के धन्यवाद ज्ञापन एवं पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन हुआ.

Thursday 15 September 2016

खिलाड़ी सम्मान समारोह - 2016








राजभवन में सम्मानित हुए पूर्वांचल विश्वविद्यालय के खिलाड़ी

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की ओर से 15 सितम्बर को राजभवन लखनऊ के गांधी सभागार में आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्री राम नाईक ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 44 खिलाड़ियों एवं काशी विद्यापीठ के 21 खिलाड़ियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया। इसके साथ टीम प्रशिक्षक व टीम मैनेजर भी सम्मानित हुये।
सम्मान समारोह में कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपको सम्मानित करते हुए मैं गौरवान्वित हूं। उन्होंने कहा कि आप खेल-कूद के साथ अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दें। जीवन के हर क्षेत्र में पूर्णता होनी चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द की ‘‘उठो-जागो और तब तक न रूको जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाय’’ को जीवन का मार्गदर्शक वाक्य बनाने का आह्वान किया। उन्होंने उपस्थित खिलाड़ियों एवं विद्यार्थियों को 4 जीवन मंत्र दिये। उन्होंने कहा कि सदा मुस्कुराते रहो, जो कोई अच्छा कार्य करता है उसे अच्छा कहना सीखो, किसी की अवमानना न करो एवं आप जो भी करते हैं वह और अच्छा कैसे हो सकता है, सतत् इसका चिंतन करते रहें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में कड़ी मेहनत से ही आगे बढ़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि राज्य विश्वविद्यालयों में छात्राएं पठन-पाठन एवं पदक प्राप्त करने में आगे जा रही हैं। उन्होंने रियो ओलम्पिक की सुधि दिलाते हुए कहा कि आज पूर्वांचल विश्वविद्यालय की 19 छात्राओं को पदक प्राप्त होना अपने आप में महिला सशक्तिकरण को दर्शाता है।
समारोह में स्वागत करते हुए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के स्थापना के 29 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इन वर्षों में विश्वविद्यालय ने शिक्षा, शोध, शैक्षणिक एवं पराशैक्षणिक क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं, विशेषतः क्रीडा के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि आज शहरीकरण के इस युग में खुले स्थान, मैदान की सीमित उपलब्धता एवं बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण में खेल-कूद, व्यायाम, सांस्कृतिक एवं युवाओं के सर्वांगीण विकास से संबद्ध अन्य गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। ऐसे में बौद्धिक के साथ-साथ शारीरिक क्षमता, विकास का अवसर प्रदान करने में विश्वविद्यालयों की भूमिका गुरूतर हुई है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. पृथ्वीश नाग ने कहा कि महात्मा गंाधी काशी विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने पठन-पाठन विज्ञान, वाणिज्य, कला एवं साहित्य के अपना प्रमुख स्थान बनाया है। विद्यार्थियों को खेल के क्षेत्र में उच्च कोटि के प्रशिक्षण हेतु विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्रशिक्षक के अतिरिक्त बाह्य प्रशिक्षकों की भी सहायता लेते हुए उत्तम कोटि के उपकरणों एवं स्टेडियम की व्यवस्था से विश्वविद्यालय में खेल-कूद का एक स्तरीय वातावरण निर्मित किया गया है।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सचिव क्रीडा परिषद ने एवं काशी विद्यापीठ के सचिव क्रीडा परिषद ने खेल परिषद की वार्षिंक प्रगति आख्या प्रस्तुत की। समारोह की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर की गयी।  विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। समारोह का संचालन  कुलसचिव डा. देवराज एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के उप कुलसचिव शेषनाथ पाण्डेय ने किया। क्रीडा परिषद के अध्यक्ष डा. एसपी ओझा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर लेडी गवर्नर माननीया कुंदा नाईक, प्रमुख सचिव कुलाधिपति सुश्री जूथिका पाटणकर, प्रमुख सचिव शिक्षा जितेन्द्र कुमार, कार्यपरिषद, वित्त समिति एवं खेलकूद परिषद के सदस्यगण,  वित्त अधिकारी एमके सिंह, उपकुलसचिव  संजीव सिंह, टीबी सिंह,  सहित विश्वविद्यालय शिक्षक, कर्मचारी, राजभवन के अधिकारीगण, कर्मचारी एवं समस्त खिलाड़ी उपस्थित रहे।

Wednesday 14 September 2016

हिन्दी दिवस समारोह

 
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विष्वविद्यालय के विवेकानन्द केन्द्रीय पुस्तकालय में हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डिजिटल भारत में युवाओं की भूमिका विषयक भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। 
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि आज सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से हिन्दी को आत्मसात किया जा रहा है जो भविष्य में हिन्दी के उत्थान के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि त्वरित प्रगति के लिए सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिन्दी का राष्ट्रीय परिदृष्य में सर्वाधिक उपयोग लाये जाने की जरूरत है।
संकायाध्यक्ष डॉ. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि हम अपनी बाल्यावस्था में जो सुनते हैं वही बोलते हैं। इस समय हमें व्याकरण का बोध न होने के बावजूद भी हमारी भाषा और उच्चारण शुद्ध रहते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दी में अच्छा लेखन और वक्ता के लिए एक अच्छा श्रोता और पाठक होना जरूरी है।
जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डॉ. मनोज मिश्र ने हिन्दी के राजभाषा होने तक के सफर को विद्यार्थियों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मीडिया एवं फिल्मों ने हिन्दी को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि हम हिन्दी भाषी लोगों की जिम्मेदारी है कि हम इस भाषा में धीरे-धीरे लुप्त हो रहे व्याकरण को सुधारने की दिशा में पहल करें। हिन्दी संस्थानों की भाषा व्याकरण से संबंधित पुस्तकों को पढ़ें और पढ़ने के लिए प्रेरित करें। गूगल गुरू के भरोसे ही हम हिन्दी भाषा को न छोड़ें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. रजनीश भाष्कर ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हम सरकारी और निजी दोनों कामकाज में हिन्दी के उपयोग को सर्वाधिक प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि इससे ही हम सुदृढ़ भारत का निर्माण कर पायेंगे।
इस अवसर पर डिजिटल भारत में युवाओं की भूमिका विषयक भाषण प्रतियोगिता में एमएससी बॉयो केमिस्ट्री के विद्यार्थी रूद्र सेठ ने प्रथम, एमएससी बॉयोटेक की विद्यार्थी गरिमा सिंह ने द्वितीय, एमएससी बॉयोटेक की विद्यार्थी प्रियंका सिंह ने तृतीय एवं एमएससी बॉयो केमिस्ट्री के शिल्पम त्रिपाठी तथा ओंकार यादव ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। इन विद्यार्थियों को श्रीमदभागवदगीता की पुस्तक एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. सुशील सिंह, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, आलोक दास, सत्यम उपाध्याय, नीतिन चौहान, अभिषेक गुप्ता, श्यामल श्रीवास्तव, द्विजेन्द्र उपाध्याय, पंकज सिंह, शुभांशू जायसवाल, धर्मपाल यादव, संजीव कुमार सहित तमाम विद्यार्थी मौजूद रहे। संचालन पुस्तकालय प्रभारी डॉ. विद्युतमल ने किया।

खेल सम्मान समारोह के लिए खिलाड़ी राजभवन रवाना


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की ओर से 15 सितम्बर को राजभवन लखनऊ में आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह में सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों की बस को हरी झण्डी दिखाकर विश्वविद्यालय परिसर से कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने रवाना किया। गुरूवार को राजभवन में शाम को 4 बजे आयोजित कार्यक्रम में यह खिलाड़ी सम्मानित होंगे।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है। सम्मानित होने वाले यह खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत होंगे। उन्होंने सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों व टीम प्रबन्धकों को बधाई दी। 
इस अवसर पर खेलकुद परिषद के अध्यक्ष डाॅ. एसपी ओझा, कुलसचिव डा. देवराज, उप कुलसचिव संजीव सिंह, टीबी सिंह, डाॅ. मनोज मिश्र, डाॅ. दिग्विजय सिंह राठौर, डाॅ. केएस तोमर, श्याम त्रिपाठी, डाॅ. राजेश सिंह, डाॅ. रजनीश सिंह, अशोक सिंह समेत तमाम लोगों ने खिलाड़ियों को बधाई दी।
विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डाॅ. मनोज मिश्र ने बताया कि गुरूवार को राजभवन लखनऊ में आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह में विश्वविद्यालय के कुल 44 खिलाड़ी, 9 प्रशिक्षक एवं 7 टीम प्रबन्धक श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश के हाथों सम्मानित होंगे। 
अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता हैण्डबाल पुरूष में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए अमर यादव, संचित कुमार, जय सिंह, अक्षय चैधरी, राहुल भारद्वाज, रंजन श्रीवास्तव, शिवा भारद्वाज, संदीप कुमार, अवनीश कुमार पाण्डेय, अमित जायसवाल, मुन्ना कुमार, सौरभ सिंह, आयुष यादव, अतुल सिंह, आकाश गुप्ता एवं  शुभम राय को सम्मानित



किया जायेगा। इसके टीम प्रबन्धक डाॅ. राजेश सिंह एवं श्री मोशर्रफ खान, टीम प्रशिक्षक भी सम्मानित होंगे।
अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता हैण्डबाल महिला में द्वितीय स्थान प्राप्त अंजू प्रजापति, सरिता यादव, सुशीला, शिवानी पाण्डेय, अर्चना मिश्रा, सोनम सिंह, बबिता यादव, सृष्टि अग्रवाल, सुप्रिया, तेजस्विनी सिंह, नेहा पाण्डेय, सोनाली यादव, सोनिका नेगी, सुषमा तिवारी, पद्मिनी गुप्ता, सुमन मौर्या को सम्मानित किया जायेगा। इसके टीम प्रबन्धक श्री अच्छेलाल यादव  एवं चन्द्रभान सिंह, टीम प्रशिक्षक सम्मानित होेंगे।
अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता भारोत्तोलन प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त पूर्णिमा पाण्डेय सम्मानित होगी। साथ ही इसके टीम प्रबन्धक रजनीश कुमार सिंह, संजय राय, टीम प्रशिक्षक व सुश्री प्रियंका पाण्डेय, सहायक टीम प्रशिक्षक को भी सम्मानित किया जायेगा।
अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता तीरंदाजी प्रतियोगिता पुरूष/महिला में द्वितीय स्थान प्राप्त सूर्य प्रताप यादव, अनीस यादव, ओमकार राय, प्रमोद कुमार सिंह सम्मानित होंगे। इसके टीम प्रबन्धक डाॅ. जितेन्द्र कुमार सिंह एवं वैभव दीक्षित, टीम प्रशिक्षक भी सम्मानित किये जायेंगे।
अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता एथलेटिक प्रतियोगिता (पुरूष/महिला) में द्वितीय स्थान प्राप्त मुलायम सिंह यादव एवं तृतीय स्थान प्राप्त ज्योति सिंह, अनिल कुमार सिंह सम्मानित होंगे। इसके टीम प्रबन्धक सत्य प्रकाश सिंह एवं जितेन्द्र बहादुर सिंह, टीम प्रशिक्षक भी सम्मानित किये जायेंगे।
अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता जूडो प्रतियोगिता (पुरूष/महिला) में द्वितीय स्थान प्राप्त अजय यादव सम्मानित होंगे। इसके साथ ही टीम प्रबन्धक हरेन्द्र सिंह व युगान्त उपाध्याय, टीम प्रशिक्षक भी सम्मानित किये जायेंगे।
अखिल भारतीय अन्तर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता कुश्ती प्रतियोगिता (पुरूष/महिला) में तृतीय स्थान प्राप्त सुजीत यादव, रामजनम यादव, रूबी यादव सम्मानित होगी। इसके टीम प्रबन्धक मोहन चन्द्र पाण्डेय, मृत्युन्जय तिवारी, टीम प्रशिक्षक, सुश्री शालू सिंह को भी सम्मानित किया जायेगा।
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               वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन

(11 Sept 2016)
वित्तीय अध्ययन विभाग द्वारा एक दिवसीय वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन विश्विद्यालय के निकट एक गाँव देवकली में किया गया। कार्यक्रम विभाग में छात्रों के क्लब एम०एफ०सी० एग्जीक्यूटिव क्लब के बैनर तले किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों में भारत के वित्तीय व्यवस्था, प्रणाली, प्रक्रिया इत्यादि तथा अपने बचत की सुनुयोजित तरीके से वित्तीय बाज़ार में निवेश के बारे में तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों को अवगत करने का था। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा० देवराज ने किया।
वित्तीय अध्ययन विभाग द्वारा वैसे तो समय समय पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है मगर इस बार कार्यक्रम का लक्ष्य निचले तबके के लोग थे जिनको उनके पैसे का सही इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गयी।
इस कार्यक्रम में छात्रों द्वारा एक प्रश्नावली भी तैयार की गई थी, जिसमे उनसे कई तरह के प्रश्न पूछे गए जैसे ‘वे अपना पैसा कहा रखना पसंद करते है, बैंक में या पोस्ट ऑफिस में या घर पर?’, ‘क्या वे जन धन योजना के बारे में जानते है?’, ‘क्या उनके पास कोई जीवन बीमा है?’, ‘क्या वे सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत है, जैसे कि जीवन ज्योति योजना, जीवन सुरक्षा योजना, कृषि बीमा योजना, फसल बीमा योजना, अटल पेंसन योजना सुकन्या समृधि योजना, समाजवादी पेंशन योजना, उनके आय का श्रोत इत्यादि?’ कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों द्वारा उपलब्द कराई गयी जानकारी से छात्रों द्वारा एक शोध पत्र तैयार करके ख्यातिप्राप्त अंतराष्टीय शोध पत्रिका में प्रकाशित करने का भी है।
कार्यक्रम में छात्रों न केवल मौखिक रूप से लोगो को जानकारी उपलब्ध कराइ गयी अपितु उन्होंने चार्ट व पोस्टरों के माध्यम से भारत के वित्तींय व्यवस्था के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। इस कार्यक्रम में लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया गया बल्कि उनके जानकारी प्रदान करने के एवज में उन्हें एक पेन और एक मिष्ठान भेंट स्वरुप दिया गया। कार्यक्रम में लगभग 450-500 लोगों ने शिरकत की तथा उनको उचित जानकारी उपलप्ध कराई गयी।
इस मौके पर विभाग के प्राध्यापक श्री सुशील कुमार ने कहा के पैसे के इस्तेमाल करने का हमारे वित्तीय व्यवस्था में अपार संभावनाएं मौजूद है, यदि व्यक्ति को सही जानकारी हो तो वो अपने पैसे का अधिकतम उपयोग कर सकता है।

विभाग के प्राध्यापक श्री आलोक गुप्ता ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से न केवल छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ता है अपितु उनमे समाज सेवा की भावना भी जागृत होती है। एम०बी०ए० (फाइनेंस एंड कण्ट्रोल) के छात्रों द्वारा आयोजित कार्यक्रम वाकई सराहनीय है।

Friday 9 September 2016

विश्वविद्यालय में मना इंजीनियर्स डे




जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान में शुक्रवार को इंजीनियरर्स डे मनाया गया। इस अवसर पर इंजीनियरिंग संस्थान के विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक माॅडल के जरिये जहां अपनी वैज्ञानिक सोच को प्रदर्शित किया वहीं रंगोली के माध्यम से सामाजिक संदेश दिये।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने वैज्ञानिक माॅडलों एवं रंगोली के सदेशों की विस्तुत जानकारी विद्यार्थियों से ली। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में आपके द्वारा जो यह माॅडल बनाये गये हैं वह आगे चलकर बड़े निर्माण का मार्ग प्रशस्त्र करेंगे। कुलपति ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें सलाह भी दी।

इस अवसर पर आई.ई.टी. लखनऊ के प्रो. वीके सिंह के व्याख्यान का आयोजन हुआ। उन्होंने अपने व्याख्यान में माइक्रो इलेक्ट्राॅनिक व उससे जुड़े मुद्दों पर विस्तारपूर्वक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि माइक्रो इलेक्ट्राॅनिक्स हर क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका अदा कर रही है। संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने मुख्य अतिथि का परिचय कराते हुए इंजीनियर्स डे पर प्रकाश डाला।

इंजीनियर्स डे पर आयोजित रंगोली, पोस्टर एवं वैज्ञानिक माॅडलों की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वैज्ञानिक माॅडल में कुल 24 टीमों ने अपने सृजन क्षमता प्रदर्शित की। माॅडल के विषयों में 3डी होलोग्राम, रेडियो रिसीवर, जारोस्कोप, वर्षा सूचना माॅडल, पानी का स्तर, गृह सुरक्षा, साइकिल द्वारा मोबाइल चार्जिंग माॅडल आकर्षण का केन्द्र रहे। रंगोली प्रतियोगिता में 19 टीमों ने भाग लिया। जिन्होंने पर्यावरण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं, लोकतंत्र की उपयोगिता, जल संरक्षण आदि विषयों पर रंगोली बनाया। पोस्टर प्रतियोगिता में कुल 19 टीमों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समन्वयक रजनीश भाष्कर रहे।

इस अवसर पर डा. एके श्रीवास्तव, डा. रवि प्रकाश, डा. सौरभ पाल, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. संजीव गंगवार, डा. अमरेन्द्र सिंह, डा. सुरजीत, डा. राजकुमार, डा. संतोष, प्रवीन सिंह, ज्ञानेन्द्र पाल, शैलेष प्रजापति, रितेश, नीतांत, तुषार, अजय मौर्य, सत्यम उपाध्याय, दीप सिंह समेत विभिन्न संकायों के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

Thursday 8 September 2016

निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन

विश्वविद्यालय  के संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में ५ सितंबर को अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रकोष्ठ  द्वारा निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भारत में आर्थिक एवं प्रोद्योगिकी विकास में युवाओं की भागीदारी विशयक निबन्ध प्रतियोगिता में इंजीनियरिंग, विज्ञान, फार्मेसी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के लगभग 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के संयोजक डा. रामनरायन ने बताया कि प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार पाने वाले प्रतिभागियों को क्रमषः 1 हजार, 750 व 500 रूपये पुरस्कार राषि दी जायेगी। निबन्ध प्रतियोगिता का परिणाम षीघ्र ही घोशित किया जायेगा। 

शिक्षक दिवस

विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों में विद्यार्थियों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में शिक्षकों ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तिव पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। विज्ञान संकाय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग में आयोजित समारोह में संकायाध्यक्ष प्रो. डीडी दुबे ने कहा कि मूल्यों के गिरावट के इस वर्तमान युग में शिक्षकों का दायित्व गुरुतर हो गया है। शिक्षक अपने आचरण को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण करें। विभाग के शिक्षक डॉ राम  नारायण, डॉ राजेश कुमार एवं प्रदीप कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

फार्मेसी संस्थान में आयोजित समारोह में इंजीनियरिंग संकाय के अध्यक्ष प्रो बी बी तिवारी ने शिक्षकों और छात्रों साथ केक काटकर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि छात्र बदलते परिवेश में अपने को त्वरित गति से लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत रहें। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर डा. रजनीश, रविप्रकाश, राजकुमार सोनी, प्रवीण कुमार, विनय वर्मा, शैलेश प्रजापति समेत तमाम शिक्षक मौजूद रहे।
प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष डॉ मानस पांडेय ने बिजनेस इकोनॉमिक्स विभाग में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में कहा कि माँ पहली शिक्षक होती है जो अपने बच्चों को सबसे पहला ज्ञान देती है। जीवन के हर मोड़ पर शिक्षक मिलते है। शिक्षक के मार्गदर्शन बिना किसी भी व्यक्ति का जीवन सफल नहीं हो सकता। डॉ. वीडी शर्मा ने शिक्षक दिवस की सार्थकता पर अपने विचार दिए और सर्वपल्ली राधाकृष्णन को एक महान शिक्षक बताया।
सामाजिक विज्ञान विभाग में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में संकायाध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छात्र शिक्षक के व्यक्तित्व से भी प्रेरणा लेता रहता है।
मानव संसाधन विकास विभाग में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये और शिक्षकों का आशीर्वाद लिया। विभागध्यक्ष डा. अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में शिक्षकों और विद्यार्थियों का संबंध बहुत ही भावनात्मक है और आज भी गुरूकुल की परम्परा यहां देखी जा सकती है।
फाइनेंस कण्ट्रोल विभाग में विभागाध्यक्ष डा. अजय द्विवेदी ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र के सामने दीप प्रज्वलित किया। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक आलोक गुप्ता, सुशील कुमार मौजूद रहे। शिक्षक दिवस समारोह के साथ-साथ विभाग में स्थापित छात्रों का क्लब एमएफसी एग्जीक्यूटिव क्लब के तत्वाधान में पौधारोपण का भी कार्यक्रम किया गया। व्यवसाय प्रबंध विभाग में विद्यार्थियों ने शिक्षकों को सम्मानित किया। विभागाध्यक्ष डॉ मुराद अली, प्राध्यापक डॉ सुशील सिंह, डॉ अलोक सिंह, अंशुमान, राजेश ने अपने विचार रखे।

Saturday 3 September 2016

मीडिया प्रबंधनः अवसर एवं चुनौतियां विषयक संगोष्ठी


प्रो ओम प्रकाश सिंह बोलते हुए 
डॉ अजय प्रताप सिंह 
डॉ अंकुर चड्ढा 
डॉ अविनाश पर्थिडेकर 
डॉ मनोज मिश्र 













वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में जनसंचार विभाग द्वारा शनिवार को मीडिया प्रबंधनः अवसर एवं चुनौतियां विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान काशी विद्यापीठ वाराणसी के निदेषक प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि बदलते दौर में जितने ज्ञान कौषल की आवष्यकता सम्पादकीय कार्यों में है उससे कहीं कम प्रबंधन के क्षेत्र में नहीं है। आज मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में अवसर बहुत तेजी से बढ़े है लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पत्रकारी गुणों के साथ-साथ प्रबंधकीय कौषल से परिपूर्ण होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में निरंतर अनुसंधान चल रहे है और इनके निश्कर्शों के फलस्वरूप मीडिया उद्योग में सुधार लाया जा रहा है। पत्रकारिता व प्रबंध के छात्रों के लिए मीडिया उद्योग सदैव अवसर उपलब्ध कराता रहेगा। बतौर मुख्य वक्ता मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र से जुड़े डा. अंकुर चड्ढा ने कहा कि मीडिया संस्थान के लोग 24 घंटे कार्य करते है। अखबार के सभी विभाग हमेषा चुनौतियों का सामना करते रहते है। आज पत्रकारों के लिए पाठक और विज्ञापन विभाग के लिए टाॅरगेट की लड़ाई होती रहती है। उन्होंने कहा कि राश्ट्रीय समाचार पत्रों की तुलना में क्षेत्रीय समाचार पत्रों के समक्ष अधिक चुनौतियां है। हर स्तर पर इन चुनौतियों का सामना प्रबंधक करते है। उन्होंने कहा कि आज आम आदमी को सस्ते अखबार विज्ञापनों के कारण मिल पा रहे है अगर विज्ञापन समाचार पत्रों को न मिले तो इतने सस्ते मूल्य पर पाठक को अखबार नहीं मिल पायेगा। 
अध्यक्षीय संबोधन में मानव संसाधन विकास विभाग के अध्यक्ष डॉ अविनाश पार्थिडकर ने मीडिया उद्योग के भविश्य में विस्तारपूर्वक प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि 2022 तक लाखों लोगों को मीडिया उद्योग में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके लिए उन्हें अपडेट होने की जरूरत है।
 विषय प्रवर्तन जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डा. सुनील कुमार ने किया। स्वागत भाषण में संकायाध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मीडिया उद्योग बहुत ही कौषल प्रबंधन के कारण इतने व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रहा है। 
डॉ अवध बिहारी सिंह 
डॉ सुनील कुमार 
कार्यक्रम के संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने अतिथियों को पौध भेंट कर हरियाली का सन्देश दिया।धन्यवाद् डॉ अवध बिहारी सिंह एवं संचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया । इस अवसर पर डा. रसिकेष, डा. रूष्दा आजमी, डा. सुभाश वर्मा, सुधाकर षुक्ला, मोहम्मद अबु सालेह, अभिनव, अंषुमान, परमेंद्र विक्रम सिंह समेत विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।